ट्रेडिंग और निवेश का क्या मतलब है?

68 डॉलर तक फिसल सकता है क्रूड ऑयल- शोमेश कुमार
ये 75, 70 या 68 डॉलर कहा नहीं जा सकता है। ऐसा होता है तो इसका फायदा वित्तीय घाटे को कम करने में मिलेगा। इसे समझना जरूरी है, रुपया संभल जायेगा, क्रूड ऑयल की तेजी भी थमेगी और देश में कर के आँकड़े भी अच्छे आ रहे हैं। इसका मतलब यह है कि वित्तीय घटा नियंत्रित किया जा सकेगा। डॉलर की चाल और अर्थव्यवस्था को मिलने वाले फायदे के बारे में बाजार विश्लेषक शोमेश कुमार से बातचीत कर रहे हैं निवेश मंथन के संपादक राजीव रंजन झा।
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ट्रेडिंग और निवेश मे क्या अंतर है | ट्रेडिंग के प्रकार [2022]
शेयर बाजार में जब भी नए लोग आते है तो (Trading and investing) ट्रेडिंग और निवेश मे अंतर के सवाल उनके मन में जरूर आते है. ट्रेडिंग और निवेश में क्या अंतर है? ये सवाल भी दिमाग में आने के लिए वाजिब है. जब नये यूज़र यह नहीं समझेंगे तो उन्हें कैसे पता चलेगा कि उनकी जोखिम लेने की क्षमता और लक्ष्य के अनुसार ट्रेडिंग और निवेश में यह उनके लिए बेहतर होगा.
आज हम जानेंगे कि ट्रेडिंग और निवेश क्या है, दोनों में क्या अंतर है, ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है. साथ ही आपको पता चल जाएगा कि आप ट्रेडिंग से रोज कमा सकते है या नही.
ट्रेडिंग क्या है
जब भी आप कोई शेयर खरीदते है और उसी दिन बेचते है तब इसे ट्रेडिंग कहते है. मतलब आप स्टॉक ट्रेडिंग में स्टॉक को ज्यादा समय तक अपने पास नही रख सकते. मान लीजिए आपने 500 रुपये का एक शेयर खरीदा और उसी दिन आपने उसे 550 रुपये यानि 50 रुपये के लाभ में बेच दिया. इस प्रक्रिया को ट्रेडिंग कहा जाता है.
व्यापार करते समय व्यापारी हमेशा तकनीकी विश्लेषण के साथ जाते है. जिससे उस कंपनी के शेयर की कीमत का कुछ समय के लिए शेयर की कीमत का अंदाजा हो जाता है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कंपनी क्या करती है, भविष्य के लिए क्या योजनाएं है. केवल यह देखा जाएगा कि शेयर की कीमत किस दिशा में जा रही है.
इसलिए ट्रेडिंग करते समय खबरों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है. क्योंकि कोई भी अच्छी खबर किसी भी स्टॉक को ऊपर ले जा सकती है. और बुरी खबर आपको तुरंत नीचे भी ला सकती है.
ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है
ट्रेडिंग के प्रकार ― ट्रेडिंग कई प्रकार की होती है पर मुख्य रूप से तो तीन ही प्रकार की होती है पर उन्हें अलग अलग रूप मे देखा जाए तो ट्रेडिंग 5 प्रकार की होती है. ताकि हर छोटा बड़ा व्यापारी ट्रेडिंग करके पैसा कमा सके.
Day Trading या Intraday Trading
इस प्रकार की ट्रेडिंग में निवेशक स्टॉक को कुछ समय के लिए रख सकता है. इसलिए Day Trading को इंट्राडे ट्रेडिंग भी कहा जाता है. बाजार बंद होने से पहले व्यापारी को शेयर बेचना पड़ता है, इसमें व्यापारी छोटे-छोटे क्षणों में स्टॉक में हो रहे उतार-चढ़ाव से अपना लाभ कमा सकते है.
Scalping Trading
डे ट्रेडिंग और स्कैल्पिंग दोनों एक ही प्रकार के होते है. इस ट्रेडिंग में खरीद-बिक्री की जाती है. लेकिन इसे दिन में कितनी भी बार ट्रेड किया जा सकता है. आपने किस प्रकार की प्रवृत्ति की है इसके आधार पर आप लाभ के साथ-साथ हानि भी कर सकते है.
Swing Trading
इस ट्रेडिंग में आप खरीद-बिक्री कर सकते है. अगर आपने जिस दिन खरीदा है उस दिन आपको नुकसान हो रहा है तो आप उस दिन स्टॉक न बेचकर भी कुछ दिनों के लिए होल्ड कर सकते है. फिर जब प्रॉफिट आता है तो आप बेचकर प्रॉफिट कमा सकते है.
Momentum Trading
इस ट्रेडिंग का उपयोग ट्रेडर द्वारा तब किया जाता है जब किसी स्टॉक को ऊपर जाते हुए देखा जाता है. फिर वह खरीदता है, जैसे ही किसी को उस स्टॉक की बुरी खबर मिलती है तो तुरंत उसे बेच देता है.
जिससे व्यापारी कुछ ही समय में अच्छा मुनाफा कमा सकते है. लेकिन इसके लिए खबरों से अपडेट रहना बेहद जरूरी है. अगर स्टॉक को सही समय पर नही बेचा गया तो काफी नुकसान हो सकता है.
Positional Trading
इस प्रकार की ट्रेडिंग में आप कुछ दिनों के लिए ट्रेड कर सकते है. यह ट्रेडिंग उन लोगों के लिए है जो नियमित रूप से बाजार नही आते है. खरीदने के कुछ दिनों के बाद, लाभ आते ही वे बेच देते और चले जाते. इस प्रकार के ट्रेडर को पोजिशनल ट्रेडिंग कहा जाता है.
निवेश क्या है
जब कोई स्टॉक आज कई वर्षों की खरीद के बाद बेचा जाता है, तो उसे निवेश कहा जाता है. निवेश में आप अपने डीमैट खाते में शेयरों को बहुत लंबे समय तक रखते है. कंपनी के वित्तीय विवरणों, पिछले प्रदर्शन, भविष्य की वृद्धि को देखकर ही किसी भी स्टॉक में निवेश करता है.
निवेश में फंडामेंटल एनालिसिस करना बहुत जरूरी है. जिससे आपको कंपनी के बारे में अच्छी जानकारी होगी और भविष्य में अच्छा रिटर्न भी मिलेगा.
निवेश के प्रकार
निवेश मुख्यतः दो प्रकार के होते है. जो आपको लंबे समय में भारी मुनाफा देगा.
1. Value Investing
इस प्रकार के निवेश में जब किसी अच्छी कंपनी के शेयर की कीमत कम हो जाती है तो आपको इसमें निवेश करना चाहिए. Value Investing में निवेशक स्टॉक का विश्लेषण करता है और देखता है कि किस स्टॉक को सबसे कम कीमत मिल रही है. फिर इसमें लंबे समय के लिए निवेश करें.
2. Growth Investment
निवेशक एक ही स्टॉक में लंबे समय तक निवेश करता है, जिससे भविष्य में ग्रोथ की संभावना नजर आती है. इसे ग्रोथ इनवेस्टमेंट कहा जाता है. इससे निवेशक उस कंपनी में अधिक निवेश करता है जो मौलिक रूप से बहुत मजबूत होती है.
जिस तरह ट्रेडिंग थोड़े समय के लिए होती है वही निवेश लंबी अवधि के लिए होता ट्रेडिंग और निवेश का क्या मतलब है? है. यही Trading and investing का सबसे बड़ा अंतर समझ सकते है. इसमें तकनीकी विश्लेषण का प्रयोग किया जाता है.
• निवेश में मौलिक विश्लेषण का प्रयोग करे.
• आप कम समय में ट्रेडिंग करके बहुत सारा पैसा कमा सकते है.
• आपको कमाई करने में बहुत समय लगता है.
• ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर का शुल्क बहुत अधिक है.
• निवेश में दलाल का शुल्क ज्यादा होता है.
क्या रोजाना ट्रेडिंग करके पैसा कमा सकते है
हाँ, आप ट्रेडिंग से प्रतिदिन पैसा कमा सकते है! लेकिन जैसा कि हम जानते है कि शेयर बाजार में जोखिम भी होता है. जैसे आप नियमित आय अर्जित कर सकते है, वैसे ही आप भी खो सकते है.
लाभ और हानि आपकी ट्रेडिंग रणनीति पर निर्भर करता है. आप कौन से ट्रेड कब ले रहे है और आप कितने सटीक है. जहां लोग बहुत कम समय में लाखों रुपये कमाते है, वहीं कुछ लोगों को कम समय में लाखों रुपये का नुकसान भी होता है.
हमारी राय
अगर आप नए निवेशक है तो आपको सबसे पहले निवेश की ओर जाना चाहिए. क्योंकि अच्छे स्टॉक भी कम समय में नीचे आ सकते है. लेकिन लंबे समय में यह स्टॉक निश्चित रूप से ऊपर जाएगा. आपको ऐसे शेयरो में निवेश करना चाहिए जिनमें भविष्य में बढ़ने की पूरी संभावना हो.
हमे आशा है कि आप अच्छी तरह से समझ गए होंगे कि Trading and investing मे क्या अंतर है. और दोनों में क्या अंतर है तथा ट्रेडिंग कितने प्रकार के होती है. अगर आपका इससे जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट में जरूर बताए. साथ ही शेयर बाजार के बारे में विस्तार से जानने के लिए आप हमारी अन्य पोस्ट पढ़ सकते है.
शेयर मार्किट निवेशको के लिए खुशखबरी, 1 पर मिलेंगे 2 बोनस शेयर
अगर आप इस कंपनी के शेयर होल्डर है तो खुश हो जाइए क्योंकि कमर्शियल सील पैक लिमिटेड जोकि पैकेजिंग इंडस्ट्री से जुड़ी हुई है उसने अपने निवेशकों के लिए 2:1 में बोनस देने की घोषणा की है। मतलब यह साफ है कि आपको प्रत्येक 1 शेयर पर 2 बोनस शेयर दिए जाएंगे। इसी के साथ कंपनी के शेर अपने 52 वीक के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गए।
पांच साल में मिला इतने प्रतिशत का रिटर्न: पिछले 5 सालों में ही कमर्शियल सिन बैग्स लिमिटेड मैं लगभग 761% की वृद्धि दर्ज की गई है जो ₹15.22 के स्तर पर थी वह भी दिसंबर 2017 में. इसके साथ ही 25 नवंबर 2022 को इस कंपनी के शेयर का क्लोजिंग ₹131.10 पर हुआ और वही पिछले 6 महीनों में इसमें 57% से ज्यादा की वृद्धि दर्ज की गई है और पिछले 1 साल में ही कंपनी में करीब 46% से ज्यादा का उछाल दर्ज किया गया है
जिससे निवेशकों को काफी ज्यादा फायदा हुआ। अगर किसी निवेशक ने 6 महीने पहले इस कंपनी में ₹100000 निवेश किए होते तो उसके ट्रेडिंग और निवेश का क्या मतलब है? निवेश किए गए रकम की राशि बढ़कर ₹155000 से ज्यादा हो चुके होते
और लगभग 1 साल पहले किसी निवेशक ने कंपनी में ₹100000 निवेश किए होते तो उसके निवेश की गई राशि आज बढ़कर ₹146000 हो चुकी होती और जिसने भी इस कंपनी में निवेश किया था उसने काफी ज्यादा प्रॉफिट हासिल किया
कंपनी के बारे में: अब हम जानते हैं कि यह कंपनी यानी कमर्शियल सिन बैग्स लिमिटेड (Commercial Syn Bags) क्या करती है। तो आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कंपनी मैन्युफैक्चरिंग और ट्रेडिंग सेगमेंट का काम करती है
जो लचीले इंटरमीडिएट बल्क कंटेनर, त्रिपाल, एसआईबीसी, high-density पॉलिथीन बैग, पॉन्ड लाइनर, लैमिनेट, मल्च फिल्म इत्यादि का निर्माण करती है और यह कंपनी भारत में मौजूद है। साथ ही कंपनी का यह भी दावा है कि कंपनी 50 साल पुराने चौधरी ग्रुप से जुड़ी हुई है और यह लगभग 4 से 5 मिनट बैग हर साल प्रोड्यूस करती है
Disclaimer: इस आर्टिकल को कुछ अनुमानों और जानकारी के आधार पर बनाया है हम फाइनेंसियल एडवाइजर नही है आप इस आर्टिकल को पढ़कर शेयर बाज़ार (Stock Market), म्यूच्यूअल फण्ड (Mutual Fund), क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) निवेश करते है तो आपके प्रॉफिट (Profit) और लोस (Loss) के हम जिम्मेदार नही है इसलिए अपनी समझ से निवेश करे और निवेश करने से पहले फाइनेंसियल एडवाइजर की सलाह जरुर ले
सफलता की वो कहानी जों आपकी जिंदगी बदल देगी एक बार जरूर पढ़े
आज हम गुजरात के एक ऐसे सख्स की कहानी बताएंगे जो दौलत के मामले में अम्बानी को भी टक्कर दे रहा है। हर दिन नए-नए बेंच मार्क सेट कर रहा है और न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में अपना दबदबा बना रहा है। हम बात कर रहे है भारत के मशहूर बिजनेसमैन गौतम अडानी की। इसे पढ़कर आप अपनी भी जिंदगी को बेहतर बना सकते है।
जिन्हे एक वक्त था की आर्थिक तंगी के कारण पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी लेकिन आज ये एयरपोर्ट से लेकर बंदरगाह और कोयले से लेकर घर में इस्तेमाल होने वाले तेल तक से पैसा कमा रहे है।
लेकिन बहुत ही कम लोग ऐसे है जो इनके बारे में जानते है अगर आप गौतम अडानी की कामयाबी की राज जानना चाहते है तो देखिये उनके जिंदगी और व्यापार का सफरनामा।
गौतम अडानी यू तो रिलायंस इंडस्ट्री के संस्थापक धीरूभाई अम्बानी की ही तरह पहली पीढ़ी के बिजनेसमैन है लेकिन आज उनकी नेटवर्थ बाकि उद्योग पतियों से कई ज्यादा है क्योंकि एक डायलॉग है जो गौतम अडानी ने सिद्ध किया की कोई भी धंधा छोटा या बड़ा नहीं होता और धंधे से बड़ा कोई धर्म नहीं होता।
अब हम ऐसा इसलिए कह रहे है क्योंकि समय के साथ अडानी को जो भी धंधा मिला उन्होंने उसे पुरे मन से किया और सक्सेस होते चले गए लेकिन उनके फर्श से अर्श तक पहुंचने तक का सफर काफी कठनाईयो से भरा हुआ है।
इनका जन्म 1962 में अहमदाबाद के एक आर्थिक रूप से कमजोर परिवार में हुआ पिता का छोटा सा काम था लेकिन कुछ खाश चल नहीं रहा था ऐसे में वक्त के साथ आर्थिक हालत और बिगड़ते चले गए जिसकी वजह से गौतम अडानी को अपनी पढ़ाई को बिच में ही छोड़नी पड़ी और काम के लिए हाथ पैर मारने पड़े।
इसी बिच वह बड़े शहर बड़ी उम्मीदे लेकर कम उम्र में ही मुंबई आ गए जहा शुरुआत में तो काफी संघर्ष पड़ा लेकिन कुछ वक्त के बाद उन्हें एक डायमंड सप्लायर के वहा नौकरी मिल गयी। तीन सालो के बाद काम करने के बाद उन्हें समझ में आया की जिंदगी में करना क्या है इसलिए वह नौकरी छोड़कर अपना काम सुरु किया और जवेरी बाजार में डायमंड ब्रोकरी की शुरुआत की।
गौतम अडानी को अपनी जिंदगी का राय पता था यानि वो काम क्यों कर रहे है इसलिए उन्होंने जी तोड़ मेहनत की और कम उम्र में ही धंधा दौड़ा दिया लेकिन उनकी किस्मत चमकी 1981 से जब उनके बड़े भाई ने उन्हें अहमदाबाद बुलाया।
दरसल, भाई ने सामानो को लपेटने वाला प्लास्टिक की एक कम्पनी खरीदी मगर वो चल नहीं रही थी क्योंकि जो कच्चा माल चाहिए था वो जरुरत के हिसाब से नहीं मिल पा रहा था बाहर देशो से कच्चे माल को इम्पोर्ट करना पड़ रहा था ऐसे में इसे एक अवसर के तौर पर देखते हुए अडानी ने कांडला पोर्ट पर प्लास्टिक ग्रैन्यूल्स का आयत सुरु किया और 1988 में सुरु की अडानी एक्सपोर्ट जिसका नाम बदल कर बाद में अडानी इंटरप्राइजेज कर दिया गया।
इसमें धातु, अग्ग्रिकल्चर प्रोडक्ट और कपडे की कमोडिटी ट्रेडिंग होती थी, काम चल पड़ा तो कुछ ही साल में ये कम्पनी और अडानी इस बिज़नेस से बड़ा नाम बन गया और फिर 1994 में अडानी इंटरप्राइजेज को शेयर बाजार में लिस्ट कर दिया गया।
फिर साल आया 1995 का ये वो साल था जिसने आज उनके इस मुकाम तक पहुंचने की नीव रखी क्योंकि इस वक्त गुजरात सरकार पोर्ट डेवलपमेंट के लिए प्राइवेट कम्पनी की तलाश कर रही थी ऐसे में जैसे ही ये खबर अडानी तक पहुंची उन्हें कमाई का एक और सोर्स नजर आया इसलिए उन्होंने गुजरात के सबसे बड़े बंदरगाह मुंद्रा पोर्ट को ही खरीद लिया। मुंद्रा पोर्ट को खरीदने के बाद 1998 में गौतम अडानी ने अडानी पोर्ट्स और लोजिस्टिक्स कम्पनी की शुरुआत की।
वैसे इस बंदरगाह की खासियत के बारे में बताये तो करीब 8000 हेक्टेयर में फैला ये पोर्ट आज भारत का सबसे बड़ा निजी बंदरगाह है और इस पोर्ट से पुरे भारत के लगभग 1/4 माल की आवा-जाही होती है। साथ ही यह जगह स्पेशल इकनोमिक जोन के तहत बना है तो प्रमोटर कम्पनी को कोई टैक्स भी नहीं देना पड़ता है।
इस जोन में पावर प्लांट, प्राइवेट रेल लाइन और एक प्राइवेट एयरपोर्ट भी ट्रेडिंग और निवेश का क्या मतलब है? है वैसे यहाँ गौर करने वाली बात है की आज अडानी समूह देश के प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रुप में से एक है उनकी अडानी पोर्ट देश की सब बड़ी पोर्ट मैनेजमेंट कम्पनी है और गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, केरला, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, और ओडिशा जैसे सात समुद्री राज्यों में इनके 13 डोमेस्टिक पोर्ट्स है।
अब जैसे-जैसे गुजरता गया अडानी खुद को ग्रो करते चले गए वो लोगो के रसोईयों में पहुंच गए। फार्च्यून के द्वारा वही फार्च्यून जिसका रिफाइन आयल आज हर घर में सुबह-शाम, दिन-रात इस्तेमाल होता है।
जनवरी 1999 में अडानी ग्रुप ने विलमार बिज़नेस ग्रुप के साथ हाथ मिलाकर खाने के तेल के बिज़नेस में कदम रखा था। वैसे फार्च्यून तेल के आलावा अडानी ग्रुप आटा, चावल, दाल, चीनी, जैसे दर्जनों जैसे हिस्सा से जुड़ा हुआ है। जिनके रख रखाव के लिए 2005 में अडानी ग्रुप ने फ़ूड कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया के साथ मिलकर अलग-अलग राज्यों में बड़े-बड़े सायलोस बनाये।
सायलोस वो चीज़ होती है जिसमे बड़े पैमाने पर अनाज को रखा जाता है सायलोस के कनेक्टिविटी के लिए अडानी ग्रुप ने निचे रेल लाइन भी बनायीं ताकि अनाज को लाने और ले जाने में आसानी हो।
अब अडानी को काले कोयले में भी पैसा दिखा उन्होंने डोमेस्टिक एलेक्ट्रोसिटी का जनरेशन किया बड़े-बड़े राज्यों को बिजली सप्लाई करनी सुरु की लेकिन इतने बड़े पावर प्लांट को चलाने के लिए जरुरत से ज्यादा कोयला चाहिए था इसलिए दिमाग चलाया और इसलिए ऑस्ट्रिलया के एक कोल् माइन को खरीद डाला।
फार्च्यून इंडिया मैगज़ीन के मुताबिक 2010 में अडानी ने लिंक-एनर्जी से 12147 करोड़ में कोयला खदान खरीदी थी इस खदान में 7.8 बिलियन टन के खनिज भंडार है जो हर साल 60 मिलियन टन हर साल कोयला पैदा कर सकती है इसी तहर इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी से इंडोनेसिया में मौजूद तेल, गैस, और कोयला के लिए अडानी ग्रुप ने साउथ सुमात्रा से कोयला ढोलाई के लिए 1.5 अरब डॉलर निवेश करने की घोषणा की।
उस समय इंडोनेशिया इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी ने बताया था की अडानी ग्रुप 5 करोड़ टन की छमता वाले एक कोल् हैंडलिंग पोर्ट का निर्माण करेगा और साउथ सुमित्रा आईलैंड की खदानों से कोयला निकालने के लिए 250kms रेल लाइन बिछायेगा।
इसी तरह अडानी अपना कारोबार फैलाते गए और पैसा अकाउंट में आता चला गया जिस अडानी साम्राज्य का कारोबार 2002 में 76.5 करोड़ डॉलर था वो 2014 तक आते-आते 10 अरब डॉलर हो गया साथ ही वक्त की जरुरत को देखते हुए अडानी ग्रुप ने नेचुरल गैस के छेत्र में भी बिज़नेस को बढ़ाया और 2017 में सोलर PV पैनल बनाना सुरु किये।
उधर बंदरगाह और निजी रेल लाइन के बाद अडानी ने एयरपोर्ट्स की तरफ उड़ान भरी और 2019 में अहमदाबाद, लखनऊ, मंगलौर, जयपुर, गुहाठी, और ट्रिवनंतपुरम जैसे 6 हवाई अड्डों के Modernization और ऑपरेशन की जिम्मेदारी उठा ली अब अगले 50 सालो तक अडानी ग्रुप इन सभी एयरपोर्ट का ऑपरेशन, मैनेजमेंट, और डेवलपमेंट संभालेगा।
वही मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड में भी अडानी ग्रुप के पास 74% की हिस्सेदारी है और ये बताने की जरुरत नहीं है की भारत में मुंबई एयरपोर्ट दिल्ली के बाद देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट है।
वैसे जिस तरह सुन्दर आकार लेने से पहले सोने को खूब तपाया जाता है ठीक उसी तरह गौतम अडानी को भी जीवन में कई तरह का ताप झेलना पड़ा उनका सामना कई तरह के विवादों से हुआ लेकिन उन्होंने सबसे पार पाया और एक सबसे अलग मुकाम हासिल किया जिसका नतीजा है की आज गौतम अडानी का कारोबार पूरी दुनिया में फैला हुआ है।
सफलता क्या है?
सफलता का मतलब है, महत्वपूर्णता, इज़्ज़त पाना, सम्मान पाना, प्रसंशा का पात्र बनना और लोगो बीच खुद को एक बेहतर इंसान के रूप में महसूस करना। सफलता का मतलब है आत्म-सम्मान, जिंदगी का असली सुख और जीवन में संतुष्टि, अपने परिवार, रिस्तेदार, पड़ोसी और ज्यादा से ज्यादा लोगों के लिए कुछ करने की क्षमता।