क्रिप्टो बैन

Cryptocurrency Bill: भारत में क्रिप्टो पर लगेगा बैन, जानें क्या है क्रिप्टोकरेंसी बिल, कैसे इस पर काबू पाएगी सरकार?
नई दिल्ली: क्रिप्टोकरेंसी और बिटक्वॉइन को लेकर आजकल आए दिन कईं खबरें सुनने को मिल रही हैं। आपकी तिजौरी में पड़े लाखों करोड़ों की सेविंग्स से ज्यादा इस करेंसी की चर्चा हो रही है। लेकिन भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर काबू पाने के लिए अब मोदी सरकार ने कमर कस ली है। लगातार क्रिप्टो में उतार-चढ़ाव को […]
November 24, 2021
नई दिल्ली: क्रिप्टोकरेंसी और बिटक्वॉइन को लेकर आजकल आए दिन कईं खबरें सुनने को मिल रही हैं। आपकी तिजौरी में पड़े लाखों करोड़ों की सेविंग्स से ज्यादा इस करेंसी की चर्चा हो रही है। लेकिन भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर काबू पाने के लिए अब मोदी सरकार ने कमर कस ली है। लगातार क्रिप्टो में उतार-चढ़ाव को लेकर अब सरकार की ओर से क्रिप्टो शिकंजा कसने के लिए सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में ‘द क्रिप्टोक्यूरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021’ पेश करेगी। बिल आरबीआई द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक ढांचा तैयार करेगी और भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाएगी। आपको बता दें कि यह क्रिप्टोकरेंसी बिल संसद के इसी शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा, जोकि 29 नवंबर यानी अगले सोमवार से शुरू हो रहा है।
सरकार क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 के नाम बिल लेकर आ रही है। इस बिल के जरिए ये प्रावधान लाया जाएगा, जिससे सारी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी बैन हो जाएंगी। साथ ही इस बिल के माध्यम से सरकार रिजर्व बैंक इंडिया के तहत एक आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी जारी करने के लिए आसान फ्रेमवर्क तैयार करने की योजना भी बनाएगी। आपको बता दें कि इसे लेकर 16 नवंबर को पहली बार संसदीय समिति की एक बैठक हुई थी जिसमें क्रिप्टो एक्सचेंज, ब्लॉकचेन. क्रिप्टो एसेट काउंसिल, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के अलावा अन्य पक्षों को लेकर क्रिप्टोकरेंसी के नियमन और प्रोत्साहन से जुड़े पहलुओं पर विचार किया गया था।
आखिर क्रिप्टोकरेंसी क्या है? और इसका सारा लेनदेन कैसे होता है? क्या यह पूरी तरह से सेफ है? इन सब सवालों के जवाब अब हर कोई जानना चाहता है। तो चलिए आज हम आपको इस वीडियो में बताएंगे कि आखिर क्रिप्टोकरेंसी क्या है और यह कैसे काम करती है।
दरअसल क्रिप्टोकरेंसी एक ऐसी करेंसी है जो डिजीटल होती है। यानि कि आप इसे न तो देख सकते हैं और ना ही आप इसे छू सकते हैं। यह सिर्फ डिजिटल रूप में होती है लेकिन देश की सरकारें इस करंसी के लिए कोई नोट या सिक्के जारी नहीं करती। यानि कि आप के पास कोई नोट या कोई सिक्का नहीं है और इसका सारा लेनदेन ऑनलाइन ही किया जाता है।
अब आप सोच रहे होंगे कि आपके पास कोई नोट या कोई सिक्का नहीं है तो ऐसे में ऑनलाइन लेन देन भी कैसे होगा तो आपको बता दें कि इस करेंसी का सारा लेन देन एक ब्लॉकचेन सॉफ्टवेयर के जरिए किया जाता है। यानि कि यह डिजिटल करेंसी इनक्रिप्टेड यानी कोडेड होती है। और इसके लेनदेन को मैनेज करने के लिए डिसेंट्रेलाइज्ड सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है।
जब भी आप क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से कोई लेन देन करते हैं तो वह डिजिटल सिग्नेचर द्वारा वेरिफिकेशन होता है। इतना ही नहीं इसके सारे लेन देन का क्रिप्टोग्राफी की मदद से रिकॉर्ड रखा जाता है और हर जानकारी का डिजिटल रूप से डेटाबेस तैयार किया जाता है।
आसान क्रिप्टो बैन भाषा में समझें तो क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है जो क्रिप्टोग्राफी द्वारा सुरक्षित है। यानि कि आप यूं कह लीजिए कि यह सारा काम ऐसे कंप्यूटर्स के जरिए होता है जो बेहद पावरफुल होते हैं। जिन पॉवरफुल कंप्यूटर्स द्वारा इसकी निगरानी रखी जाती है उसे क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग कहते हैं और जिनके द्वारा यह माइनिंग की जाती है उन्हें माइनर्स कहा जाता है। एक्सपर्ट्स की मानें तो इसके कोड तक को कॉपी करना भी क्रिप्टो बैन नामुमकिन है।
बता दें कि वर्तमान में, देश में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई भी रेगुलेशन नहीं है। इस वजह से, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ क्रिप्टोकरेंसी पर एक बैठक की थी और मजबूत रेगुलेटरी स्टेप्स उठाने के संकेत दिए थे।
अब आपको बताते हैं कि आखिर इसका लेन देन कैसे किया जाता है। क्रिप्टोकरेंसी में जब भी कोई ट्रैंजेक्शन होता है तो इसकी जानकारी ब्लॉकचेन में दर्ज की जाती है। यानी कि आपने किसी क्रिप्टो बैन के साथ कोई लेन देन किया तो उसकी जानकारी ब्लॉक में रख ली जाती है। ये सुनने के बाद आपके दिमाग में पहला सवाल ये आया होगा कि अगर इसकी जानकारी ब्लॉक में रखी जाती है तो ये कितना सेफ है? तो इस पर भी आपको बता दें कि ब्लॉक की सिक्योरिटी और इंक्रिप्शन का काम माइनर्स का होता है। इसके लिए एक क्रिप्टोग्राफिक पहेली को हल कर ब्लॉक के लिए उचित हैश यानि कि कोड खोजा जाता है।
जब कोई माइनर या कोई शख्स जो माइनिंग कर रहा है वह सही हैश खोज लेता है तो ब्लॉक को सिक्योर कर दिया जाता है और उसे ब्लॉकचेन से जोड़ दिया जाता है। इस सारे प्रोसेस को consensus कहा जाता है। यानि कि अगर consensus हो गया तो इसका अर्थ है कि ब्लॉक में सिक्योर होने की पुष्टि हो गई। और फिर इसके बाद सिक्योर करने वाले माइनर को क्रिप्टोक्वॉइन cryptocoin दे दिए जाते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी से आप सामान खरीद सकते हैं। आप इससे टरेड कर सकते हैं चाहे तो इन्वेस्ट भी कर सकते हैं लेकिन अपनी तिजोरी में नहीं रख सकते और न ही बैंक के लॉकर में रख सकते हैं क्योंकि यह डिजीट्स के रूप में ऑनलाइन रहती है।
बेशक आज के समय में क्रिप्टोकरेंसी काफी नाम कमा रही है लेकिन इसके कईं नुकसान भी हैं जैसे कि पहला नुकसान
2. क्रिप्टो करेंसी में निवेश करना आपके लिए फायदेमंद रह सकता है क्योंकि इसकी कीमतों में बहुत तेजी से उछाल आता है
3. इस करेंसी की कोई अथॉरिटी या कोई बॉडी ना होने के कारण आपको नोटबंदी और करेंसी का मूल्य घटने जैसा कोई क्रिप्टो बैन डर भी नहीं होता है
अब आपको बताते हैं उस बिटकॉइन के बारे में जो पिछले कुछ दिनों से काफी चर्चा में है। बिटकॉइन दुनिया की सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी है। कहा जाता है कि साल 2009 में Satoshi Nakamoto छद्म नाम के शख्स ने इसे बनाया था बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी पहले इतनी चर्चित नहीं थी। सालों पहले इसके बारे में बहुत कम लोग जानते थे लेकिन आज यह दुनिया की सबसे महंगी डिजीटल करेंसी है। हालांकि शुरुआत में कईं देशों की तरफ से इसे अवैध करार दिया गया था लेकिन बाद में इसकी लोकप्रियता बढ़ती चली गई।
इसका बड़ा कारण यह है कि इसमें रिटर्न अनुमान से कहीं ज्यादा मिलने लगा है। रिपोर्टस की मानें तो एक समय में जिस 10 हजार बिटकॉइन से महज 2 पिज्जा खरीदे जाते थे, अब उस एक बिटकॉइन की कीमत ही 17 लाख रुपये के आस-पास है। इसलिए अच्छे रिटर्न की आस में कई लोग बिटकॉइन को खरीदने में वास्तविक मुद्रा लगा रहे हैं।
जब भी क्रिप्टोकरेंसी का नाम लिया जाता है तो लोगों को सबसे पहला ख्याल बिटकॉइन का आता है लेकिन बिटकॉइन के अलावा भी बहुत सारी करेंसी हैं जिनता इस्तेमाल आप कर सकते हैं। जैसे कि एथेरियम (ETH), लिटकोइन (LTC), डॉगकॉइन (Dogecoin) फेयरकॉइन (FAIR), डैश (DASH), पीरकॉइन (PPC), रिपल (XRP)।
भारत में क्या है क्रिप्टो का खेल, सरकार करेगी कंट्रोल, सदन में आ रहा है क्रिप्टोकरेंसी बिल
हाल ही में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक मीटिंग बुलाई गई थी जिसमें उन्होंने इसे लेकर चिंता जाहिर की थी. अब इसी कड़ी में सरकार एक ऐसा बिल लाने वाली है जो क्रिप्टोकरेंसी को कंट्रोल कर सकेगा. केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ़ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 (Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill) लेकर आने वाली है. इससे सभी प्रकार की क्रिप्टकरेंसी को कंट्रोल किया जा सकेगा.
प्रतीकात्मक तस्वीर
gnttv.com
- नई दिल्ली,
- 24 नवंबर 2021,
- (Updated 24 नवंबर 2021, 12:25 PM IST)
केंद्र सरकार Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021 लेकर आने वाली है.
शीतकालीन सत्र में पेश होगा नया बिल
पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने पर हो रहा है विचार
पिछले 4-5 साल से क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) को लेकर चर्चा तेज हुई है, इसे एक ऐसी करेंसी के रूप में देखा जाता है जिसके ऊपर किसी का कंट्रोल नहीं होता है. जैसे यूएस डॉलर को यूएस का सेंट्रल बैंक कंट्रोल करता है, भारतीय रुपये को रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया कंट्रोल करता है, ऐसे ही बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी को कोई सेंट्रल बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन कंट्रोल नहीं करता है. अब इसी को लेकर भारत सरकार चिंता में है.
हाल ही में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक मीटिंग बुलाई गई थी जिसमें उन्होंने इसे लेकर चिंता जाहिर की थी. अब इसी कड़ी में सरकार एक ऐसा बिल लाने वाली है जो क्रिप्टोकरेंसी को कंट्रोल कर सकेगा. केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ़ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 (Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill) लेकर आने वाली है. इससे सभी प्रकार की क्रिप्टकरेंसी पर बैन लगाया जा सकेगा.
18 नवंबर को भी सिडनी डायलॉग में भाषण देते हुए, पीएम मोदी ने सभी देशों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया था कि क्रिप्टोकरेंसी “गलत हाथों में न जाये.”
शीतकालीन सत्र में पेश होगा नया बिल
केंद्र सरकार 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी को रेग्युलेट करने और 25 अन्य कानूनों के साथ सभी तरह की प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने के लिए एक विधेयक पेश करेगी.
क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ़ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल को अभी तक आधिकारिक तौर पर कैबिनेट द्वारा अप्रूव नहीं किया गया है. इस बिल के माध्यम से भारतीय रिजर्व बैंक देश में आधिकारिक डिजिटल करेंसी के लिए एक सुविधाजनक ढांचा तैयार करेगा.
पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने पर हो रहा है विचार
सेंट्रल बैंक जल्द ही ऑफिशियल डिजिटल करेंसी के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने पर क्रिप्टो बैन विचार कर रहा है. लोकसभा बुलेटिन में प्रस्तुत किये गए इस नए बिल के अनुसार, बिल भारत में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन करेगा. हालांकि, इसमें कुछ अपवाद के चलते क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग में लाई जाने वाली टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा सकेगा.
हालांकि, अब तक, इस विधेयक के बारे में ज्यादा जानकारी किसी को नहीं है. अभी तक इसकी कोई सटीक रूपरेखा पब्लिक डोमेन में नहीं है और न ही इसपर अभी कोई सार्वजनिक परामर्श किया गया है.
बिटकॉइन की कीमत पहुंची 60 हजार डॉलर के पास
गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को लेकर "गंभीर चिंता" व्यक्त की है. इस वक्त दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी, बिटकॉइन की कीमत, 60,000 डॉलर के आसपास पहुंच गयी है. इस साल की शुरुआत से इसकी कीमत दोगुनी से अधिक हो गई है, जो इन्वेस्टर्स को काफी आकर्षित कर रही है.
देश में इस वक्त 1.5 से 2 करोड़ क्रिप्टो इन्वेस्टर्स
दरअसल, कई लोग जहां क्रिप्टो करेंसी को इन्वेस्टमेंट के रूप में प्रयोग करते हैं तो कुछ लोग इसे अल्टरनेटिव करेंसी (Alternative currency) के रूप में लेते हैं. इंडस्ट्री का अनुमान है कि भारत क्रिप्टो बैन में 1.5 करोड़ से 2 करोड़ क्रिप्टो इन्वेस्टर्स हैं, जिनकी कुल क्रिप्टो होल्डिंग्स लगभग ₹40,000 करोड़ रुपये तक है.
दुनिया की बन रही है पहली बिटकॉइन सिटी
आज लाखों लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. कुछ लोगों का मानना है कि जिस तरह से हम सोने का उपयोग करेंसी के रूप में करते हैं ठीक उसी तरह क्रिप्टो का कर पाएंगे. हालांकि, कई विशेषज्ञों का मानना है कि इसपर भरोसा नहीं किया जा सकता है. आपको बता दें, वर्तमान में, एल साल्वाडोर अकेला ऐसा देश है जिसने क्रिप्टोकुरेंसी को कानूनी मान्यता दी है, उन्होंने हाल ही में दुनिया की पहली बिटकॉइन सिटी बनाने की भी घोषणा की है.
Cryptocurrency bill 2021: Crypto Bill को लेकर चर्चा, अगर लगा बैन तो आम जनता पर क्या होगा असर?
Cryptocurrency bill 2021: इन दिनों क्रिप्टो करेंसी की खूब चर्चा हो रही है. लोगों में इसको लेकर खासा क्रेज भी है लेकिन इसी बीच खबर यह है कि संसद के शीतकालीन सत्र में भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी (Crypto Currency) से संबंधित विधेयक पेश कर सकती है जिसमें निजी क्रिप्टोकरेंसी (Crypto Currency) को प्रतिबंधित करने और आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को विनियमित करने के लिये ढांचा तैयार करने की बात कही गई है. संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान निचले सदन में पेश किये जाने वाले विधेयकों की सूची में क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 सूचीबद्ध है. सबसे पहले जान लेते हैं कि आखिर क्रिप्टो करेंसी है क्या और इसे बैन क्यों करने की बात की जा रही है.
क्या है क्रिप्टो करेंसी | What is cryptocurrency?
क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल मुद्रा है जिसका मूल्य तो होता है लेकिन इसे न तो देखा जा सकता न छूआ जा सकता है. यह सिर्फ डिजिटल रूप में होता है जिससे ऑनलाइन ही लेन-देन किया जा सकता है. जिस तरह से देश की सरकारें निश्चित मूल्य के बदले मुद्रा या कागजी नोट या सिक्के जारी करती है, उस तरह की यह बिल्कुल भी मुद्रा नहीं है. डिजिटल मुद्रा इनक्रिप्टेड यानी कोडेड होती हैं इसलिए इन्हें क्रिप्टोकरेंसी भी कहते हैं. इसका लेन-देन खाता-बही द्वारा प्रबंधित होता है जो इसकी पारदर्शिता को सुनिश्चि करती है. यह सब इनक्रिप्टेड होती है. शुरुआत में इसके वैल्यू को लेकर काफी आशंकाएं थीं. एक समय ऐसा था जब 10 हजार बिटकॉइन से सिर्फ दो पिज्जे खरीदे जा सके थे. आज यह सबसे महंगा मनी है. कई कंपनियों ने भी क्रिप्टोकरेंसी को स्वीकार करने की घोषणा की है.
बैन करने की चर्चा क्यों
दरअसल क्रिप्टो करेंसी में बेचने और खरीदने वाले के नाम का खुलासा नहीं होता इसलिए भी यह खतरनाक साबित हो सकता है. क्रिप्टो करेंसी का प्रयोग क्रिमिनल एक्टिविटी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गतिविधियों के लिए किया जा सकता है. क्रिप्टो करेंसी की खरीद-बिक्री पर भारतीय रिजर्व बैंक का कोई नियंत्रण नहीं रहेगा, इसलिए इसकी मांग और आपूर्ति से जुड़ी समस्या पैदा हो सकती है. इसके साथ ही ऊर्जा के उपयोग पर क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल बढ़ने की वजह से काफी असर पड़ सकता है.
क्रिप्टोकरेंसी इतना लोकप्रिय क्यों हो रहा है
इसके कई कारण है लेकिन सबसे बड़ा कारण यह है कि इसमें रिटर्न अनुमान से कहीं ज्यादा मिलने लगा है. जिस 10 हजार बिटकॉइन से कभी दो पिज्जा खरीदे जाते थे, अब उस एक बिटकॉइन की कीमत 17 लाख रुपये के आस-पास है. अच्छे रिटर्न की आस में कई लोग बिटकॉइन को खरीदने में वास्तविक मुद्रा लगा रहे हैं. टेस्ला के मालिक एलन मस्क ने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी भविष्य की मुद्रा साबित हो सकती है.
क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार कैसे होता है
कॉइन मार्केट कैप वेबसाइट के मुताबिक पूरी दुनिया में 11 हजार से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार सार्वजनिक रूप से एक्सचेंज यानी विनिमय संस्था के माध्यम से हो रहा है. वेबसाइट के मुताबिक वर्तमान में 1.5 ट्रिलियन डॉलर मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी बाजार में चल रही है. सबसे ज्यादा एक्सचेंज के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी का लेन-देन हो रहा है. क्रिप्टोकरेंसी के ख़रीद-बिक्री के लिए भारत में इस समय 19 क्रिप्टो एक्सचेंज मार्केट हैं जिनमें वज़ीरएक्स का नाम पिछले दिनों सुर्ख़ियों में था.
बैन हुआ तो क्या होगा
क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) का इस्तेमाल भारत (India) में करोड़ों लोग करते हैं. क्रिप्टो करेंसी को लेकर देश में क्रेज तेजी से बढ़ रहा है. माना जाता है कि भारत में करीब 10 करोड़ लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) में निवेश किया है. जेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामत ने ट्विटर पर एक ट्वीट कर कहा, अगर सरकार इस पर प्रतिबंध लगाने का फैसला करती है तो क्रिप्टोकरेंसी का क्या होगा? ऐसा माना जा रहा है कि यह बिल बिटकॉइन सहित दूसरी क्रिप्टो में निवेश करने वालों के लिए नई परेशानी खड़ी कर सकता है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार क्रिप्टो पर प्रतिबंध लगाने का फैसला करती है, तो बैंक और आपके क्रिप्टो एक्सचेंजों के बीच लेनदेन बंद हो जाएगा. आप कोई क्रिप्टो खरीदने के लिए अपनी स्थानीय मुद्रा को परिवर्तित नहीं कर पाएंगे. इसके साथ ही आप उन्हें भुना भी नहीं पाएंगे.
इन देशों ने लगाया बैन
बिटकॉइन (Bitcoin) जैसी क्रिप्टोकरंसी (CryptoCurrency) पर कई देशों ने बैन लगाया हुआ है. रूस में बिटकॉइन (Bitcoin) पर बैन लगा है. वियतनाम में भी बिटकॉइन (Bitcoin) पर बैन है. वहीं, चीन ने भी इस पर बैन लगया हुआ है. इसके अलावा एक्वाडोर, बोलिविया, कोलंबिया जैसे देशों ने भी बैन लगाया हुआ है.
कुछ लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी के नाम
बिटकॉइन, इथरनम, टीथर, बिनेंसे कॉइन, कार्डानो, इनमें से बिटकॉइन सबसे पुराना है. 2008 में भारी आर्थिक मंदी के बाद 2009 में इसकी शुरुआत हुई थी. एक छद्म नाम सतोषी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) ने इसे बनाया था.
चीन ने Bitcoin को किया बैन, क्रिप्टो की दुनिया में मची हलचल, जानें वजह
नई दिल्ली: चीन के सेंट्रल बैंक (China Central Bank) ने बिटकॉइन को बैन कर दिया है. साथ ही क्रिप्टो करेंसी से लेन-देन को गैरकानूनी घोषित कर दिया है. जिसके बाद Bitcoin समेत कई क्रिप्टो करेंसी में गिरावट देखी गई. द पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने एक बयान में कहा है, वित्तीय कामकाज के लिए किसी तरह की वर्चुअल करेंसी का इस्तेमाल अवैध है. क्रिप्टो करेंसी के कारोबरा में चीन दुनिया का सबसे बड़ा मार्केट माना जाता है. चीन के सेंट्रल बैंक ने कहा, वर्चुअल करेंसी के लिए ट्रेडिंग, ऑर्डर मैचिंग, टोकन जारी करने और डेरिवेटिव जैसी सेवाओं पर पूरी तरह से रोक है. बता दें कि चीन क्रिप्टो करेंसी की माइनिंग करने वाले दुनिया के सबसे बड़े देशों में से एक है.
चीन के मार्केट में उतार-चढ़ाव
दरअसल, चीन के बाजार में उतार-चढ़ाव का असर बिटकॉइन समेत सभी क्रिप्टो करेंसी पर पड़ता है. चीन इसे बढ़ावा देने के बजाय एक तरह से जुआ मान रहा है. चीन कहता है कि ये एक तरह से वर्चुअल करेंसी से कारोबार सबसे बड़ा जुआ है. वहीं, चीन ने माना की इसका इस्तेमाल हवाला के बिजनेस में किया जा रहा है. बता के दें कि चीन के क्रिप्टो करेंसी को बैन करने की घोषणा का के बाद बिटकॉइन का दाम 2000 डॉलर गिर चुका है.
साल 2019 में चीन ने आधिकारिक तौर पर रोक लगा दी थी
चीन ने क्रिप्टो करेंसी पर आधिकारिक तौर पर साल 2019 में बैन लगा दी थी, लेकिन ऑनलाइन एक्सचेंज के जरिए ये अब तक चल रहा था. चीन ने चेतावनी दी थी कि पेमेंट प्लेटफॉर्म और बैंकों को, वह करेंसी माइनिंग को प्रोत्साहित न करें. दरअसल, इसी साल मई में चीन की सरकार ने चेतावनी दी थी कि अगर कोई बिटकॉइन में निवेश करता है तो उसे किसी तरह का सरकारी प्रोटेक्शन नहीं मिलेगा.
भारत में क्या है क्रिप्टो का खेल, सरकार करेगी कंट्रोल, सदन में आ रहा है क्रिप्टोकरेंसी बिल
हाल ही में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक मीटिंग बुलाई गई थी जिसमें उन्होंने इसे लेकर चिंता जाहिर की थी. अब इसी कड़ी में सरकार एक ऐसा बिल लाने वाली है जो क्रिप्टोकरेंसी को कंट्रोल कर सकेगा. केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ़ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 (Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill) लेकर आने वाली है. इससे सभी प्रकार की क्रिप्टकरेंसी को कंट्रोल किया जा सकेगा.
प्रतीकात्मक तस्वीर
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- नई दिल्ली,
- 24 नवंबर 2021,
- (Updated 24 नवंबर 2021, 12:25 PM IST)
केंद्र सरकार Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021 लेकर आने वाली है.
शीतकालीन सत्र में पेश होगा नया बिल
पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने पर हो रहा है विचार
पिछले 4-5 साल से क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) को लेकर चर्चा तेज हुई है, इसे एक ऐसी करेंसी के रूप में देखा जाता है जिसके ऊपर किसी का क्रिप्टो बैन कंट्रोल नहीं होता है. जैसे यूएस डॉलर को यूएस का सेंट्रल बैंक कंट्रोल करता है, भारतीय रुपये को रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया कंट्रोल करता है, ऐसे ही बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी को कोई सेंट्रल बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन कंट्रोल नहीं करता है. अब इसी को लेकर भारत सरकार चिंता में है.
हाल ही में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक मीटिंग बुलाई गई थी जिसमें उन्होंने इसे लेकर चिंता जाहिर की थी. अब इसी कड़ी में सरकार एक ऐसा बिल लाने वाली है जो क्रिप्टोकरेंसी को कंट्रोल कर सकेगा. केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ़ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 (Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill) लेकर आने वाली है. इससे सभी प्रकार की क्रिप्टकरेंसी पर बैन लगाया जा सकेगा.
18 नवंबर को भी सिडनी डायलॉग में भाषण देते हुए, पीएम मोदी ने सभी देशों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया था कि क्रिप्टोकरेंसी “गलत हाथों में न जाये.”
शीतकालीन सत्र में पेश होगा नया बिल
केंद्र सरकार 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी को रेग्युलेट करने और 25 अन्य कानूनों के साथ सभी तरह की प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने के लिए एक विधेयक पेश करेगी.
क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ़ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल को अभी तक आधिकारिक तौर पर कैबिनेट द्वारा अप्रूव नहीं किया गया है. इस बिल के माध्यम से भारतीय रिजर्व बैंक देश में आधिकारिक डिजिटल करेंसी के लिए एक सुविधाजनक ढांचा तैयार करेगा.
पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने पर हो रहा है विचार
सेंट्रल बैंक जल्द ही ऑफिशियल डिजिटल करेंसी के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने पर विचार कर रहा है. लोकसभा बुलेटिन में प्रस्तुत किये गए इस नए बिल के अनुसार, बिल भारत में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन करेगा. हालांकि, इसमें कुछ अपवाद के चलते क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग में लाई जाने वाली टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा सकेगा.
हालांकि, अब तक, इस विधेयक के बारे में ज्यादा जानकारी किसी को नहीं है. अभी तक इसकी कोई सटीक रूपरेखा पब्लिक डोमेन में नहीं है और न ही इसपर अभी कोई सार्वजनिक परामर्श किया गया है.
बिटकॉइन की कीमत पहुंची 60 हजार डॉलर के पास
गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को लेकर "गंभीर चिंता" व्यक्त की है. इस वक्त दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी, बिटकॉइन की कीमत, 60,000 डॉलर के आसपास पहुंच गयी है. इस साल की शुरुआत से इसकी कीमत दोगुनी से अधिक हो गई है, जो इन्वेस्टर्स को काफी आकर्षित कर रही है.
देश में इस वक्त 1.5 से 2 करोड़ क्रिप्टो इन्वेस्टर्स
दरअसल, कई लोग जहां क्रिप्टो करेंसी को इन्वेस्टमेंट के रूप में प्रयोग करते हैं तो कुछ लोग इसे अल्टरनेटिव करेंसी (Alternative currency) के रूप में लेते हैं. इंडस्ट्री का अनुमान है कि भारत में 1.5 करोड़ से 2 करोड़ क्रिप्टो इन्वेस्टर्स हैं, जिनकी कुल क्रिप्टो होल्डिंग्स लगभग ₹40,000 करोड़ रुपये तक है.
दुनिया की बन रही है पहली बिटकॉइन सिटी
आज लाखों लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. कुछ लोगों का मानना है कि जिस तरह से हम सोने का उपयोग करेंसी के रूप में करते हैं ठीक उसी तरह क्रिप्टो का कर पाएंगे. हालांकि, कई विशेषज्ञों का मानना है कि इसपर भरोसा नहीं किया जा सकता है. आपको बता दें, वर्तमान में, एल साल्वाडोर अकेला ऐसा देश है जिसने क्रिप्टोकुरेंसी को कानूनी मान्यता दी है, उन्होंने हाल ही में दुनिया की पहली बिटकॉइन सिटी बनाने की भी घोषणा की है.