शेयर बाजार में हेरफेर

आपको बता दें कि, एबीजी शिपयार्ड के इस घोटाले (ABG Shipyard Fraud) में 22,842 करोड़ रुपये के फ्रॉड की जानकारी मिली है। साथ ही इसे भारत के इतिहास का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला माना जा रहा है। वहीं सीबीआई (CBI) ने इस घोटाले को लेकर कंपनी के पूर्व चेयरमैन और प्रबंध निदेशक के खिलाफ मामला दर्ज किया है। दरअसल, एबीजी शिपयार्ड को आईसीआईसीआई बैंक की अगुवाई में करीब दो दर्जन बैंकों के एक समूह शेयर बाजार में हेरफेर शेयर बाजार में हेरफेर ने लोन दिया था। वहीं फोरेंसिक ऑडिट में इस बात का खुलासा हुआ कि बैंकों से मिले इस फंड का गलत तरीके से हेरफेर किया गया है।
जोड़-तोड़
बाजार में हेरफेर किसी सुरक्षा की कीमत को कृत्रिम रूप से फुलाया या डिफ्लेक्ट करने या अन्यथा निजी लाभ के लिए बाजार के व्यवहार को प्रभावित करने का कार्य है। ज्यादातर मामलों में हेरफेर अवैध है, लेकिन नियामकों और अन्य अधिकारियों के लिए यह पता लगाना मुश्किल हो सकता है, जैसे कि ऑम्निबस खातों के साथ ।
जोड़तोड़ के लिए हेरफेर भी मुश्किल है क्योंकि एक बाजार में प्रतिभागियों के आकार और संख्या बढ़ जाती है। पेनी शेयर बाजार में हेरफेर स्टॉक जैसी छोटी कंपनियों के शेयर मूल्य में हेरफेर करना बहुत आसान है शेयर बाजार में हेरफेर क्योंकि विश्लेषकों और अन्य बाजार सहभागियों को मध्यम और बड़े-कैप फर्मों के रूप में करीब से नहीं देखते हैं । हेरफेर को मूल्य हेरफेर, स्टॉक हेरफेर और बाजार में हेरफेर कहा जाता है।
चाबी छीन लेना
- हेरफेर को पकड़ना मुश्किल है, लेकिन यह मैनिपुलेटर के लिए भी मुश्किल है क्योंकि बाजार का आकार बड़ा हो जाता है।
- हेरफेर को मूल्य, बाजार और स्टॉक हेरफेर के रूप में संदर्भित किया जा सकता है।
- दो सामान्य प्रकार के स्टॉक हेरफेर पंप और डंप और पूप और स्कूप हैं।
- मुद्रा हेरफेर एक सरकार द्वारा देश की मुद्रा का जानबूझकर अवमूल्यन है।
हेरफेर को समझना
मूल्य निवेश जैसी रणनीतियाँ, और बहुत ही सामान्य अर्थों में, सभी उद्यमशीलता, मुनाफे को फिर से पाने के लिए ऐसे अवसरों की खोज और अभिनय पर आधारित हैं। ऐसा करने से निवेशक और उद्यमी व्यक्तिगत रूप से अपनी गतिविधियों से लाभान्वित होकर लाभान्वित शेयर बाजार में हेरफेर होते हैं, और समाज को लाभान्वित करते हैं क्योंकि क्रियाओं (यदि लाभदायक) में परिसंपत्तियों के गलत तरीके को शामिल करना और अंतर्निहित आर्थिक वस्तुओं को शामिल करना और बाजारों की दक्षता में सुधार करना शामिल है ।
हालांकि, लाभ के लिए मौजूदा अवसरों की खोज करने के बजाय, बाजार जोड़तोड़ का लक्ष्य अन्य बाजार सहभागियों को धोखा देना है ताकि ऐसी स्थिति पैदा की जा सके कि परिसंपत्तियां गलत तरीके से बनाई गई हैं ताकि जोड़तोड़ करने वाले (जो बेहतर जानते हैं) स्थिति से लाभ उठा सकें। बाजार में हेरफेर में तथ्यात्मक रूप से गलत बयान देना और प्रकाशित करना शामिल नहीं हो सकता है, लेकिन बाजार के अन्य प्रतिभागियों के बीच गलत प्रभाव पैदा करने के लिए कीमतों को प्रभावित करने के लिए इसमें अभिनय शामिल है।
हेरफेर के तरीके
बाजारों में हेरफेर कई रूप लेता है। एक तरह से लोगों को कर सकते हैं हवा निकालना एक सुरक्षा की कीमत एक, जिस पर यह शेयर बाजार में हेरफेर व्यापार कर दिया गया है की तुलना में एक काफी कम कीमत पर छोटे आदेश के सैकड़ों रखकर है। निवेशकों को यह आभास हो जाता है कि कंपनी में कुछ गड़बड़ है, इसलिए वे कीमतों को कम करते हुए बेचते हैं।
हेरफेर का एक और उदाहरण विभिन्न ब्रोकरों के माध्यम से एक साथ खरीद और बिक्री के आदेश दे रहा है जो एक दूसरे को रद्द करते हैं। अधिक मात्रा के कारण हेरफेर का यह रूप धारणा देता है, कि सुरक्षा में रुचि बढ़ जाती है।
इन झूठी आदेश तकनीकों को अक्सर शेयर बाजार में हेरफेर ऑनलाइन चैनलों और संदेश बोर्डों के माध्यम से झूठी जानकारी के प्रसार के साथ जोड़ा जाता है जो अन्य निवेशक अक्सर हो सकते हैं। बुरी सूचनाओं का बाहरी अवरोध व्यापारियों के व्यापार को ढेर या बंद करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए उचित बाजार संकेतों के साथ मेल खाता है।
शेयर ब्रोकर, कारोबारियों के परिसरों पर देशभर में छापे
नई दिल्ली। शेयर बाजार में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से आयकर विभाग ने कहा कि 3 दिसंबर को उसने देशभर में तलाशी और सर्वे अभियान के तहत खास शेयर दलालों एवं कारोबारियों के यहां छापे मारे। इन पर गलत लाभ-हानि दर्शाने का आरोप है। ये छापे देश के 39 जगहों पर मारे गए, जिसमें मुंबई, कोलकाता, कानपुर, दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, हैदराबाद और गुरुग्राम शामिल रहे।
रिवर्सल ट्रेड्स के जरिये किए गए कारोबार का पर्दाफाश
बयान में कहा गया कि तलाशी अभियान से रिवर्सल ट्रेड्स के जरिये गलत तरीके से किए गए कारोबार का पर्दाफाश किया गया। इस अवास्तविक तरीके के जरिये अनैतिक रूप से 3,500 करोड़ रुपये की लाभ-हानि में हेरफेर किया गया और कम से कम तीन पेन्नी स्टॉक्स के जरिये हेरफेर से 2,000 रुपये की कमाई की गई। आयकर विभाग ने अभियान के तहत 1.20 करोड़ रुपये जब्त किया। इस हेरफेर के जरिये लाभ कमाने वाले लोग देशभर में हजारों की संख्या में हैं और उनकी पहचान की जा रही है। यह भी देखा जाएगा कि उन्होंने आयकर छुपाया तो नहीं।
NSE के पूर्व संचालन अधिकारी आनंद सुब्रमण्यम को सीबीआई ने किया गिरफ्तार, जानिए पूरा मामला
Highlights नेशनल स्टॉक एक्सचेंज समूह के पूर्व संचालन अधिकारी आनंद सुब्रमण्यम को CBI ने गिरफ्तार किया आनंद सुब्रमण्यम को चित्रा रामकृष्ण द्वारा एनएसई के समूह संचालन अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था सीबीआई ने इस सप्ताह की शुरुआत में सुब्रमण्यम से एक्सचेंज में उनकी भूमिका के बारे में पूछताछ की थी
नई दिल्ली: स्टॉक मार्केट हेरफेर मामले में कथित अनियमितताओं की चल रही जांच के सिलसिले में सीबीआई ने आज सुबह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज समूह के पूर्व संचालन अधिकारी आनंद सुब्रमण्यम को गिरफ्तार किया। सीबीआई ने इस सप्ताह की शुरुआत में सुब्रमण्यम से एक्सचेंज में उनकी भूमिका के बारे में पूछताछ की थी।
Share Market में साल की सबसे बड़ी गिरावट लेकिन फायदे में रही TCS
Stock Market News: आज शेयर मार्किट (Share market) में साल की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। देश में सबसे बड़ा बैंक घोटाला सामने आने के बाद आज यानि सोमवार को शेयर बाजार को नुक्सान का शेयर बाजार में हेरफेर सामना करना पड़ा। बता दें कि, सप्ताह के पहले ही दिन बाजार में शेयर बाजार में हेरफेर बिकवाली का ऐसा आलम रहा कि करीब साल भर की सबसे बड़ी एकदिनी गिरावट का रिकॉर्ड बन गया। हालांकि आज सेशन (session) शुरू होने के पहले से ही इस बात के संकेत मिल रहे थे कि बाजार में नुकसान हो सकता है।
आज प्री-ओपन में ही सेंसेक्स (Sensex) करीब 1500 अंक (2.46 फीसदी) गिरा हुआ था। सुबह जैसे ही कारोबार शुरू हुआ तब सेंसेक्स शेयर बाजार में हेरफेर करीब 1,200 अंक गिरकर खुला। जिसके कुछ ही मिनटों में यह 1,500 अंक तक गिर गया हालांकि इस दौरान बाजार ने कुछ हद तक रिकवरी का प्रयास किया, लेकिन पूरे दिन के कारोबार में कभी भी गिरावट का आंकड़ा 1000 अंक से कम नहीं हो पाया। आज जब कारोबार समाप्त हुआ तो बीएसई 1,747.08 अंक (3 फीसदी) गिरकर 56,405.08 अंक पर रहा।
SEBI की सख्ती
सेबी ने अपने आदेश में Sunrise Asian और उसके पांच डायरेक्टर्स को को कैपिटल मार्केट से एक साल के लिए और 79 इकाइयों को छह महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया. सेबी ने प्रधान आयकर निदेशक (जांच), कोलकाता से मिले एक संदर्भ के आधार पर 16 अक्टूबर, 2012 से 30 सितंबर, 2015 की अवधि के लिए सनराइज एशियन के शेयरों की जांच की थी.
अपनी जांच में, सेबी ने पाया कि विलय की योजना के तहत शेयरों के आवंटन के मुताबिक, सनराइज एशियन और उसके तत्कालीन डायरेक्टर्स ने एक व्यवस्था तैयार की थी, जिसके तहत 83 संबंधित संस्थाओं ने जांच अवधि के दौरान ट्रेडिंग के चार पैच में शेयरों की कीमत में हेरफेर किया था, जिससे धोखाधड़ीपूर्ण और अनुचित व्यापार व्यवहार (PFUTP) मानदंडों का उल्लंघन हुआ है. सेबी ने पाया कि 83 में से 77 संस्थाएं, शेयर बाजार में हेरफेर 1059 संस्थाओं/आवंटियों की ओर से बनावटी रूप से बढ़ा-चढ़ाकर या हेरफेर किए गए मूल्य पर शेयरों की बिक्री के प्रतिपक्ष थे, जिससे नियमों का उल्लंघन हुआ.