बेस करेंसी

Interest rate on Export Credit in Foreign Currency
RBI vide their circular has advised Banks on their decision to deregulate the interest rate on Export Credit in Foreign Currency .Accordingly our Bank is permitted to determine the interest rates on export credit.
The rate of interest is determined on a case to case basis depending on the ruling market rate. “
महिन्द्रा ने लॉन्च की नई ऑफरोडर एसयूवी रॉक्सर
महिन्द्रा ने नई ऑफरोडर एसयूवी रॉक्सर से पर्दा उठाया है। इसे जल्द ही अमेरिका में लॉन्च किया जाएगा। यहां इसकी कीमत भारतीय करेंसी के मुताबिक 10.14 लाख रूपए होगी। यह महिन्द्रा थार पर बेस है। महिन्द्रा.
महिन्द्रा ने नई ऑफरोडर एसयूवी रॉक्सर से पर्दा उठाया है। इसे जल्द ही अमेरिका में लॉन्च किया जाएगा। यहां इसकी कीमत भारतीय करेंसी के मुताबिक 10.14 लाख रूपए होगी। यह महिन्द्रा थार पर बेस है।
महिन्द्रा रॉक्सर: 10.14 लाख रूपए (15,549 डॉलर)
महिन्द्रा थार सीआरडीआई: 6.46 लाख रूपए (टूडब्ल्यूडी)/6.98 लाख रूपए (एडब्ल्यूडी)
महिन्द्रा थार सीआरडीई: 9.10 लाख रूपए
महिन्द्रा रॉक्सर को कंपनी के अमेरिका स्थित डेट्रॉयट प्लांट में एसेंबल किया जाएगा। महिन्द्रा थार की तरह यह भी बॉडी माउंट स्टील फ्रेम पर बनी है। कंपनी इसका लिमिटेड एडिशन भी लाएगी, इस में कई ऑप्शनल फीचर होंगे। लिमिटेड एडिशन में सॉफ्ट टॉप, विंच, लाइट बार, ऑफ-रोड टायर, साइड और रियर व्यू मिरर, ऑडियो सिस्टम और ग्रेब हैंडल जैसे ऑप्शनल फीचर आएंगे।
महिन्द्रा रॉक्सर में थार वाला 2.5 लीटर एम2डीआईसीआर डीज़ल इंजन आएगा, जो 63 पीएस की पावर और 195 एनएम का टॉर्क देगा। यह इंजन 5-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स से जुड़ा होगा, जो सभी पहियों पर पावर सप्लाई करेगा। रॉक्सर को खासतौर पर ऑफरोडिंग के लिए बनाया गया है, ऐसे में इसकी टॉप स्पीड 72 किमी प्रति घंटा तक सीमित होगी। इसका माइलेज 13 से 14 किमी प्रति लीटर होगा। इसकी माल ढोने की कैपेसिटी 1583 किलोग्राम है।
Union Budget 2022: इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं
नए टैक्स दरों में वित्त मंत्री ने कोई बदलाव नहीं किया है, दिव्यांग जनों को टैक्स में छूट का एलान. आरबीआई लॉन्च करेगा बेस करेंसी डिजिटल करेंसी.
को-ऑपरेटिव सोसाइटी के लिए 18 प्रतिशत की टैक्स दर को घटाकर 15 प्रतिशत करने का ऐलान और सरचार्ज को 12 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत करने का प्रस्ताव. इनकम बेस को भी एक करोड़ की जगह 10 करोड़ किए जाने की वित्त मंत्री ने बजट भाषण में की घोषणा.
आरबीआई जारी करेगा डिजिटल रूपी
भारत में रेग्युलेटेड डिजिटल करेंसी लाने का ऐलान हो गया है, बिटकॉइन जैसी डिजिटल करेंसी में जोखिम वाले निवेश की जगह नए सुरक्षित निवेश का विकल्प पेश किया जा रहा है. वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में रिजर्व बैंक डिजिटल रूपी लॉन्च करेगा. क्रिप्टो करेंसी में निवेश पर 30 प्रतिशत की दर से टैक्स लगेगा.बेस करेंसी
ITR भरने में गड़बड़ी पर सुधार का मौका
यदि आयकर विभाग को पता चलता है कि कोई टैक्सपेयर आईटीआर नहीं भरा है तो फिर लंबी प्रक्रिया शुरू होती है. इस बेस करेंसी झंझट से मुक्ति देने के लिए टैक्स भरने में चूक पर सुधार का मौका दिया जाएगा. अब आईटीआर भरने में गड़बड़ी हुई तो दो साल तक सुधार करने का मौका मिलेगा.
क्या Dogecoin को लेकर पक रही है कोई खिचड़ी? कुल सप्लाई का 82% हिस्सा बस कुछ लोगों के हाथ में, कौन हैं ये?
Dogecoin Price : इस साल अब तक डॉजकॉइन सबसे ज्यादा ट्रेड की जाने वाली क्रिप्टोकरेंसी बन चुकी है. हालांकि, इस वर्चुअल करेंसी का बड़ा हिस्सा बस कुछ ही लोगों के हाथ में है. पूरी सप्लाई का 82 फीसदी हिस्सा ब्लॉकचेन पर महज 535 निवेशकों के हाथ में है.
क्रिप्टोकरेंसी: Dogecoin की कुल सप्लाई का 82% हिस्सा 535 निवेशकों के हाथ में.
साल 2013 में शीबा इनू नस्ल के डॉग के फेस को सिंबल बनाकर मीम के तौर पर लॉन्च हुई क्रिप्टोकरेंसी Dogecoin भले ही बिटकॉइन और ईथर की वैल्यू की तुलना में कहीं न ठहरती हो, लेकिन पॉपुलैरिटी में यह काफी आगे है. इस साल अब तक डॉजकॉइन (Dogecoin Price) सबसे ज्यादा ट्रेड की जाने वाली क्रिप्टोकरेंसी बन चुकी है. हालांकि, इस वर्चुअल करेंसी का बड़ा हिस्सा बस कुछ ही लोगों के हाथ में है. 106 बिलियन DOGE कॉइन यानी कि पूरी सप्लाई का 82 फीसदी हिस्सा ब्लॉकचेन पर महज 535 निवेशकों के हाथ में है. इनमें से हर निवेशक के पास 10-10 मिलियन DOGE कॉइन है.
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पिछले छह महीनों में टेस्ला के सीईओ इलॉन मस्क (Elon Musk on Dogecoin) और रेडिट ने इस क्रिप्टोकरेंसी पर फोकस करना शुरू किया, ऐसे में अगर इन छह महीनों के आंकड़ों को देखें तो एक बहुत ही दिलचस्प तस्वीर दिखाई देती है. पिछले छह महीनों में जिन निवेशकों ने DOGE में निवेश किया है, वो अब इस करेंसी के कुल सप्लाई बेस करेंसी के 25 फीसदी हिस्से पर अधिकार रखते हैं.
मार्केट इंटेलीजेंस फर्म Chainalysis की एक रिपोर्ट को देखें तो जबसे मस्क और रेडिट ने अपना ध्यान डॉजकॉइन पर लगाया, इसकी कीमतें जबरदस्त तेजी से बढ़ी हैं. इस रिपोर्ट में Chainalysis का कहना है कि जिस स्तर पर निवेशक इस टोकन को खरीद रहे हैं, वैसा ट्रेंड साल 2017 के आखिरी महीनों के बाद से नहीं देखा गया है. जुलाई, 2020 में बेस करेंसी DOGE के जो नए निवेशक थे, उनके पास टोकन की कुल सप्लाई का 9 फीसदी हिस्सा था, लेकिन अगस्त, 2021 में नए निवेशकों के पास इसका 25 फीसदी हिस्सा हो चुका है.
लेकिन इसके उलट, ऐसे निवेशक जिन्होंने दो सालों से ज्यादा वक्त बेस करेंसी से डॉजकॉइन में निवेश किया था, उनका शेयर जुलाई, 2020 के 30 फीसदी से गिरकर अगस्त, 2021 में 20 फीसदी हो गया है.
सप्लाई का कितना हिस्सा किसके पास?
डॉजकॉइन के कुल 4 मिलियन ऑन-चेन होल्डर्स हैं. हालांकि, ऐसे कुछ सीमित संख्यामें निवेशक हैं, जिनके पास इस क्रिप्टोकरेंसी का बड़ा शेयर है. Chainalysis का कहना है कि इन 535 निवेशकों में से हो सकता है कि अधिकतर बिजनेस और एक्सचेंज हों, ऐसे एक्सचेंज दो ट्रेडर्स के लिए DOGE टोकन को स्टोर करते हैं. बाकी कुछ अमीर निवेशक हो सकते हैं. कुल सप्लाई का 82 फीसदी शेयर रखने वाले इन 535 अकाउंट्स में से कम से कम 31 निवेशक ऐसे हैं, जिनके पास 37 बिलियन DOGE कॉइन हैं और इन्होंने इन कॉइन्स में छह महीने से लेकर 2 बेस करेंसी साल के अंदर की अवधि के बीच में निवेश किया है.
बाकी दूसरे निवेशकों में, 4 मिलियन निवेशकों में से 2.1 मिलियन निवेशकों के पास 100 से भी कम DOGE हैं (यानी 2.1 मिलियन निवेशकों में हर निवेशक के पास 100 से भी कम डॉजकॉइन है), इनमें से आधे निवेशकों ने दो साल से ज्यादा बेस करेंसी वक्त से इस क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रखा है.
coinswitch: इस साल 30वां यूनिकॉर्न बनी कॉइनस्विच, वैल्युएशन करीब दो अरब डॉलर
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नए टैलेंट की भर्ती
इसके साथ ही कॉइन स्विच कुबेर की योजना नए टैलेंट और बिजनेस लीडर की भर्ती करने की है। कंपनी अब इंजीनियरिंग, प्रोडक्ट, डाटा, ग्रोथ जैसे सभी कारोबार में लीडर्स की नियुक्ति करना चाहती है।कॉइन स्विच कुबेर ने कहा है कि यह अब भारतीयों की जरूरत के हिसाब से निवेश प्रक्रिया को आसान बनाने पर भी काम कर रही है। देश में लोगों के पास निवेश विकल्पों की कमी कमी है बेस करेंसी और नए जमाने के डिजिटल निवेश विकल्प देश में करोड़ों लोगों को आकर्षित करने का माद्दा रखते हैं।
इस साल 30वां यूनिकॉर्न
कॉइनस्विच कुबेर अपनी प्रमुख प्रतिद्वंद्वी कंपनी CoinDCX के बाद यूनिकॉर्न का दर्जा हासिल करने वाला दूसरी क्रिप्टो एक्सचेंज बन गई है। यूनिकॉर्न से आशय ऐसी स्टार्टअप कंपनी से है जिसका मूल्यांकन एक अरब डॉलर से अधिक होता है।
देश की दूसरी सबसे कीमती क्रिप्टो कंपनी
कॉइन स्विच कुबेर को मिले निवेश के चलते यह कंपनी भारत की दूसरी सबसे कीमती क्रिप्टो कंपनी हो गयी है। कॉइन स्विच नए निवेश का इस्तेमाल नए भारतीय यूजर को अपने साथ जोड़ने, नए बेस करेंसी क्रिप्टो प्रोडक्ट लांच करने, अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने और अलग क्षेत्रों में बिजनेस बेस करेंसी फैलाने के लिए करेगी। कॉइन स्विच कुबेर के सीईओ आशीष सिंघल हैं जो इसके सह संस्थापक भी हैं। उन्होंने साल 2017 में कॉइन स्विच कंपनी शुरू की थी और भारत में इसने जून 2020 में कारोबार शुरू किया। आज इसके पास पांच करोड़ से ज्यादा यूजर हैं।
क्या है Coin Switch?
Coin switch kuber एक क्रिप्टो एक्सचेंज वालेट है। कॉइन स्विच एक मशहूर crypto वालेट है। इसका इस्तेमाल आप crypto खरीदने-बेचने के बेस करेंसी लिए कर सकते हैं। इसकी सबसे खास बात यह है कि इससे आप अपने डिजिटल करेंसी को Indian rupees (INR) में भी उपयोग कर सकते हैं।
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