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क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजार

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क्रिप्टो सीएफडी तरलता

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क्रिप्टो सीएफडी

क्रिप्टोकरेंसी सहित सभी व्यापार योग्य संपत्तियों के लिए तरलता महत्वपूर्ण है और व्यापारियों को लेनदेन को जल्द से जल्द और यथासंभव प्रभावी ढंग से पूरा करने की आवश्यकता है। क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजार खुदरा और संस्थागत निवेशकों दोनों द्वारा क्रिप्टो को अपनाने के साथ वैश्विक क्षेत्र में एक उभरता हुआ परिसंपत्ति वर्ग है।

CFD, क्रिप्टो करेंसी के व्यापार का एक सुविधाजनक तरीका है। B2Broker एक अतुलनीय क्रिप्टो CFD समाधान प्रदान करता है जिसमें क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज, गैर-बैंक तरलता प्रदाता, क्रिप्टोक्यूरेंसी ब्रोकर, संस्थागत ग्राहकों के OTC ऑर्डर, हेज फंड और हजारों क्लाइंट-ब्रोकर ऑर्डर हमारे सभी क्लाइंट की जरूरतों को पूरा करने के लिए उद्योग में सबसे गहरा तरलता पूल बनाने के लिए हैं। .

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क्रिप्टो प्राइम ब्रोकरेज क्या है?

एक क्रिप्टो प्राइम ब्रोकरेज एक ऐसी फर्म को संदर्भित करता है जिसके प्रमुख बाजार निर्माताओं के साथ खाते हैं और क्रिप्टो ब्रोकर्स, लिक्विडिटी प्रोवाइडर्स और क्रिप्टो एक्सचेंज आदि जैसे बाजार सहभागियों को अपनी सेवाएं प्रदान करते हैं। एक क्रिप्टो प्राइम ब्रोकरेज एक विश्वसनीय सेवा बनाने के लिए तरलता को एकत्रित करता है। कम से कम फिसलन और अति-प्रतिस्पर्धी स्थितियों के साथ, क्रिप्टोकरेंसी पर बड़ी मात्रा में व्यापार का समर्थन करने के लिए बाजार की सबसे गहरी गहराई।

हमने 2017 में अपने क्रिप्टो प्राइम ब्रोकरेज के बुनियादी ढांचे का निर्माण शुरू कर दिया था। ऐसा करके, हमने कई फेलओवर सिस्टम, अल्ट्रा प्रतिस्पर्धी स्प्रेड, लीवरेज और सबसे महत्वपूर्ण, बड़ी मात्रा के साथ एक अद्वितीय उत्पाद की पेशकश करते हुए अनुभव का एक बड़ा सौदा जमा किया है। पुस्तक के शीर्ष स्तरों पर (बाजार की गहराई)।

क्रिप्टो प्राइम फ्लो

B2Broker द्वारा संचालित एक सिस्टम में मार्जिन और स्पॉट ट्रेडिंग की विशेषताओं को मिलाने वाला एक प्लेटफॉर्म।

B2Broker द्वारा विकसित एक्सचेंजों के लिए एक मिलान इंजन प्लेटफॉर्म जो दुनिया के सबसे प्रसिद्ध एक्सचेंजों को शक्ति प्रदान करता है।

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क्रिप्टोकरेंसी से करते हैं कमाई तो हो जाएं सावधान, ऐसे हुआ करोड़ों का नुकसान

यूटिलिटी न्यूज डेस्क . भले ही आज क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजार में तेजी है, लेकिन पिछले कुछ दिन क्रिप्टो बाजार क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजार के लिए अच्छे नहीं रहे हैं। एफटीएक्स का मामला सामने आने के बाद से बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली है। पिछले सप्ताह के दौरान, दुनिया की शीर्ष 50 क्रिप्टोकरेंसी में से 8 में 10 प्रतिशत या उससे अधिक की गिरावट देखी गई है। इस लिस्ट में Polkadot, Uniswap और Solana जैसे टोकन का भी नाम है। हालांकि, आज क्रिप्टो बाजार में 4 फीसदी से ज्यादा और बिटकॉइन, एथेरियम बीएनबी जैसी वर्चुअल करेंसी में 5 फीसदी से ज्यादा के उछाल के साथ कारोबार हो रहा है।

दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी का राज्य

अगर दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी की बात करें तो बिटकॉइन की कीमत में आज करीब 5 फीसदी की तेजी देखी जा रही है, जिससे कीमत गिरकर 16,480 डॉलर पर आ गई है. जबकि पिछले एक हफ्ते में 2.07 फीसदी टूटा है. एथेरियम की कीमत में भी 6 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन एक हफ्ते में 7 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल रही है. पिछले एक सप्ताह में बीएचबी फाइनेंस में 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और मुद्रा में लगभग 2 प्रतिशत की गिरावट आई है।

डॉगकोइन उज्ज्वल दिख रहा है और 8 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि के साथ $ 0.08137 पर कारोबार कर रहा है। हालांकि एक हफ्ते में 9 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल रही है. लिटकॉइन ने अन्य टोकनों की तुलना में बेहतर वापसी की है। आज इस करेंसी में 28.32 फीसदी की तेजी आई है और पिछले एक हफ्ते में इसमें 33.55 फीसदी की तेजी देखने को मिली है.

क्रिप्टोक्यूरेंसी क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजार बाजार में 4.60 प्रतिशत की बढ़त

वैश्विक क्रिप्टोकरंसी बाजार की बात करें तो इसमें पिछले 24 घंटों में 4.60 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। जिससे ग्लोबल क्रिप्टोकरंसी मार्केट कैप 820.14 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। कुछ ही दिनों में, वैश्विक क्रिप्टो बाजार में बड़ी गिरावट आई है और यह आंकड़ा घटकर एक ट्रिलियन डॉलर रह गया है। जबकि एक साल पहले ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट कैप 2 ट्रिलियन डॉलर को पार कर गया था।

क्या देश में क्रिप्टो अब कानूनी हो गया? 30% टैक्स के बाद अगर आप भी इसे लीगल मान रहे हैं तो जानिए क्या है हकीकत

Cryptocurrency in India: वित्तमंत्री के बजट भाषण के बाद इतना तो साफ हो गया है कि भारत में अब वर्चुअल एसेट (Virtual Asset) से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. इतना ही नहीं, क्रिप्टोकरेंसी के हर एक ट्रांजैक्शन (Transaction) पर अलग से 1% TDS (Tax deduction at source) सरकार को देना होगा.

Cryptocurrency: हम जिसे क्रिप्टोकरेंसी मान रहे हैं और वित्तमंत्री ने जिसे Virtual asset कहा उससे होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. बजट 2022 में यही एक प्वाइंट था, जिसने सबका ध्यान खींचा. बजट में ऐलान के बाद क्रिप्टो में निवेश करने वाले निराश हुए होंगे और इसके कारोबार से जुड़े कुछ लोग खुश भी हुए होंगे. खुशी इसलिए क्योंकि, कई लोग ये दावा कर रहे हैं कि अब क्रिप्टोकरेंसी देश में लीगल हो गई है. ये इस बात से भी साफ होता है कि बजट में ऐलान के ठीक बाद क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज WazirX, Coinswitchkuber की तरफ से रिएक्शन आए कि सरकार यह कदम अच्छा है. लेकिन, यहां थोड़ा सा कन्फ्यूजन है. पहले समझते हैं कि वित्तमंत्री ने क्या कहा और उसका इंटरप्रिटेशन करने वाले कहां चूक कर रहे हैं.

डिजिटल करेंसी नहीं एसेट पर लगा है टैक्स

सबसे पहले तो ये समझिए सरकार ने जो टैक्स लगाया है वो डिजिटल एसेट या यूं कहें क्रिप्टोकरेंसी (Cyrptocurrency) क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजार जैसे बिटकॉइन पर लगा है, जो फिलहाल लीगल नहीं है. गौर करने की बात ये है कि सरकार इसे करेंसी नहीं मान रही है. तो अब भारत में डिजिटल एसेट (Cryptocurrency) से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. मतलब अब अगर कोई व्यक्ति किसी डिजिटल एसेट (Digital क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजार Asset) में निवेश करके 100 रुपए का मुनाफा कमाता है, तो उसे 30 रुपए टैक्स के रूप में सरकार को देने होंगे.

ट्रांजैक्शन पर TDS भी वसूलेगी सरकार

क्रिप्टोकरेंसी के हर एक ट्रांजैक्शन (Transaction) पर अलग से 1% TDS (Tax deduction at source) सरकार को देना होगा. मान लीजिए, किसी ने कोई क्रिप्टोकरेंसी खरीदी हुई है. ये उसका निवेश है. मतलब उसका ये Asset हुआ. अब अगर खरीदने वाला इस एसेट को किसी और को ट्रांसफर करता है, तो उसे अलग से उस Asset की कुल कीमत पर 1% के हिसाब से TDS चुकाना होगा. TDS किसी Source पर लगाया जाता है. जैसे आपको हर महीने मिलने वाली तनख्वाह पर सरकार जो टैक्स लेती है, वो TDS होता है. कुल मिलाकर सरकार डिजिटल करेंसी को एक इनकम सोर्स मान रही है. इसकी कमाई पर 30% टैक्स भी लगा दिया गया है.

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तो क्या क्रिप्टो करेंसी लीगल हो गई?

बजट में हुए इस ऐलान के बाद ज्यादातर लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या सरकार ने डिजिटल करेंसी पर टैक्स लगा कर इसे लीगल कर दिया है? जवाब है- नहीं. इसे ऐसे समझिए, सरकार सिर्फ उस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लीगल यानी वैध मानती है, जिसे Reserve Bank of India-RBI जारी करता है या करेगा. मतलब अभी जो Bitcoin जैसी Crypto Currency हैं, वो वैध नहीं है. बजट भाषण के बाद पत्रकारों से सवाल-जवाब में वित्तमंत्री ने साफ किया कि क्रिप्टो की वैधता को लेकर सरकार में चर्चा जारी है लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजार के फ्रेमवर्क के बाहर जो भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, वे करेंसी नहीं हैं. अगर कोई आपसे कहे कि ये लीगल हो गई हैं तो जब तक सरकार नहीं कहती, मानिएगा नहीं. यहां पर गौर करने की बात ये भी है कि सरकार अप्रैल से शुरू होने वाले कारोबारी साल में अपनी डिजिटल करेंसी लाने की भी तैयारी में है जिसका जिक्र वित्तमंत्री ने अपने भाषण में किया. जाहिर है ये करेंसी पूरी तरह लीगल होगी.

क्रिप्टो पर कन्फ्यूजन फैला क्यों?

वर्चुअल एसेट पर 30 परसेंट टैक्स का एलान होते ही कई लोगों ने ये मान लिया कि जो चीज टैक्स के दायरे में आ गई वो तो लीगल हो गई. जबकि ऐसा नहीं है. इनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक आपकी आय कहीं से भी हो, सरकार उस पर टैक्स वसूलती है. इससे आपके आय के लीगल होने की गारंटी नहीं मिल जाती. टैक्स एक्सपर्ट वेद जैन (Tax Expert Ved Jain) के मुताबिक, इनकम टैक्स प्रोविजन में साफ है कि आपकी कहीं से भी कमाई हुई है, उस पर टैक्स स्लैब के मुताबिक टैक्स की देनदारी बनेगी. चाहे इनकम सोर्स वैध हो या फिर अवैध. सुप्रीम कोर्ट ने भी काफी वक्त पहले स्मगलिंग बिजनेस के मामले में ऐसा ही फैसला सुनाया था. इसलिए ऐसी कोई एसेट पर लगने वाले टैक्स को लीगल कहना सही नहीं है.

वर्चुअल एसेट से वित्तमंत्री का मतलब क्या है?

आसान तरीके से समझें तो आप जो सोना खरीदते हैं या जो घर खरीदते हैं, वो आपकी Assets होती है. मतलब आपकी सम्पत्ति, ना कि ये करेंसी है. ठीक इसी तरह Crypto Currency भारत सरकार के लिए एक Asset होगी और इस पर लोगों से टैक्स वसूला जाएगा. अगर आप ये सोच रहे हैं कि Bitcoin, Ethereum, Tether, Ripple जैसी डिजिटल करेंसी को लीगल माना गया है तो तकनीकी तौर पर बिल्कुल सही नहीं है. हालांकि, लोग इसमें निवेश कर सकेंगे.

इस टैक्स के पीछे क्या है सरकार की मंशा

सरकार के प्रतिनिधियों ने ये भी बताया कि देश में क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन साल 2017 से ही सरकार के राडार पर है. इस पर टैक्स लगाने से सरकारी खजाने में मोटी रकम पहुंचनी तय है. अभी अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, Netherlands और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) पर वहां की सरकारें टैक्स लगाती हैं. सरकार के इस फैसले के पीछे एक बड़ी वजह ये हो सकती है कि, हमारे देश में जितने लोगों ने CryptoCurrency में निवेश किया है, वो देश की आबादी का लगभग 8% हैं. RBI के आंकड़ों के मुताबिक, इन लोगों ने अपने 70 हजार करोड़ रुपए इस समय ऐसी Virtual Currency में लगाए हुए हैं. पूरी दुनिया में CryptoCurrency में ट्रेड करने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं. सरल शब्दों में कहें तो ये 30 प्रतिशत टैक्स, सीधे तौर पर 70 हजार करोड़ रुपए के क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजार निवेश को एक गारंटी देगा और हो सकता है कि भारत में इसका इस्तेमाल बढ़ जाए.

गिफ्ट पर भी लगेगा टैक्स, ऐसे होगा कैलकुलेट

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने वर्चुअल एसेट्स (Virtual Assets) के ट्रांजैक्शन से हुई कमाई पर 30% टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया. क्रिप्टोकरेंसी गिफ्ट करने को भी ट्रांजेक्शन माना जाएगा. मतलब अगर आप क्रिप्टोकरेंसी किसी को गिफ्ट में देते हैं तब भी 30 फीसदी टैक्स की देनदारी बनेगी. गिफ्ट किए जाने के मामले में उस समय की वैल्यू पर टैक्स लगेगा. इस वैल्यू को Recipient का इनकम माना जाएगा और उसे वैल्यू पर टैक्स देना होगा.

कब से लगेगा नया टैक्स?

एक और बात जो नोटिस करने वाली है कि ये नया टैक्स आने वाले कारोबारी साल यानी 1 अप्रैल से लागू होगा. यानी क्रिप्टो में कारोबार करने वालों के पास फिलहाल 31 मार्च तक की मोहलत है. वित्त मंत्री ने यह भी प्रस्ताव किया कि डिजिटल एसेट्स के दायरे में क्रिप्टोकरेंसी के अलावा NFT समेत सारे टोकन आते हैं, जो सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क में नहीं हैं. वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि रिजर्व बैंक की डिजिटल करेंसी आने आने वाली है. ये सारे क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजार बदलाव बजट पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद 1 अप्रैल 2022 से लागू हो जाएंगे.

Shiba Inu Coin: 24 घंटे में इस क्रिप्टोकरेंसी में आया 45 प्रतिशत का उछाल, जानिए क्या है वजह

क्रिप्टोक्यूरेंसी की दुनिया में शिबा इनु कॉइन (SHIB) नई सनसनी बन कर उभरा है। हाल में इस क्रिप्टो के मूल्य में काफी तेज वृद्धि देखी गई है। पिछले 24 घंटे में ही 45 प्रतिशत का उछाल आया है।

Crypto Shiba Inu Coin SHIB Jumps 45 percent In last 24 | Shiba Inu Coin: 24 घंटे में इस क्रिप्टोकरेंसी में आया 45 प्रतिशत का उछाल, जानिए क्या है वजह

Shiba Inu Coin में 24 घंटे में 45 प्रतिशत का उछाल

क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजार में शिबा इनु कॉइन (SHIB) ने एक बार फिर सभी को चौंका दिया है। SHIB ने पिछले करीब 24 घंटे में 45 प्रतिशत से अधिक की छलांग लगाई है।

SHIB टोकन मंगलवार तक 0.00001264 डॉलर पर कारोबार क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजार कर रहा था जबकि इसका मार्केट कैप 4,987,163,972 डॉलर था, जो सोमवार से करीब 49 प्रतिशत तक बढ़ गया है। वहीं, सभी प्रमुख क्रिप्टोक्यूरेंसी की कीमतें सोमवार को नीचे जाती रहीं और कुछ दूसरे कॉइन की कीमतों में मामूली वृद्धि हुई।

SHIB टोकन के बनाने वालों ने इसे डॉजकॉइन से प्रेरणा लेकर बनाया है। इसके टोकन को रखने वाले एक बड़े समुदाय द्वारा इसका समर्थन किया जाता रहा है और साथ ही रेडिट और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया पर इसके लिए खूब प्रचार भी किया जाता है।

SHIB में क्यों आ रहा है उछाल?

दरअसल, क्रिप्टो की दुनिया बहुत ही अस्थिर और अप्रत्याशित है। ऐसा कई बार होता है जब कोई क्रिप्टो बिना किसी वजह से शीर्ष पर चला जाता है। हालांकि, इस बार SHIB के मूल्यों में उछाल के पीछे टेस्ला के सीईओ और डॉजकॉइन में निवेशक एलन मस्क का ट्वीट माना जा रहा है।

मस्क ने हाल में अपने नए पालतू कुत्ते 'फ्लोकी' की एक तस्वीर साझा की थी। इसके बाद कॉइन की कीमत बहुत ही कम समय में आसमान छू गई थी। इसके बाद सोमवार को मस्क ने 'फ्लोकी फ्रंकपप्पी' कैप्शन के साथ कुत्ते की एक और तस्वीर ट्वीट की जिससे टोकन की कीमतों में अचानक उछाल आया।

डॉजकॉइन की लोकप्रियता में जब से कमी आने लगी है, कई यूजर्स शिबा इनु कॉइन को बढ़ावा देने में लगे हैं। ऐलन मस्क भी इसका एक उदाहरण हैं।

हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि बिना किसी बड़े कारण के टोकन की कीमतों में इस तरह अचानक वृद्धि होती है तो ये निवेश के लिए ठीक नहीं है। कई प्रमुख निवेशकों ने कॉइन के मूल्य में वृद्धि की भविष्यवाणी की है, लेकिन एक वर्ष में इसमें केवल $0.00018 तक की उछाल की संभावना जताई गई है। कोई भी प्रमुख क्रिप्टो बाजार विशेषज्ञ या फर्म ये सुझाव नहीं देता है कि कॉइन अगले तीन से चार वर्षों में 1 डॉलर तक पहुंच जाएगा।

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