शेयर कब खरीदना चाहिए?

Station Guruji
Stock Market में P/E Ratio क्या है? शेयर खरीदने से पहले इसे जरूर जानें।
Stock Market में P/E Ratio क्या है?
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अच्छा शेयर कैसे चुनें? इसमें मैंने आपको बताया था कि अच्छे शेयर चुनने से पहले किन-किन बातों पर ध्यान देना आवश्यक है।
यदि आपको स्टॉक मार्केट में सफल निवेशक बनना है तो आपको कई बातों पर ध्यान देना होगा। आप चाहे लंबी अवधि के लिए स्टॉक मार्केट में निवेश करते हैं या फिर Intraday Trading करते हैं।
हर परिस्थिति में अच्छी स्टॉक को चुनना आवश्यक है। आज मैं आपको एक ट्रिक बता रहा हूं जिसके द्वारा आप एक सेकंड में मालूम कर सकते हैं कि यह शेयर खरीदना चाहिए या नहीं।
दोस्तों एक अच्छा शेयर का चुनाव के जितने भी तरीके हैं हम सभी अपनाते हैं। शेयर को सेलेक्ट कर लेते हैं। जब उसे खरीदे लगते हैं तो मन में कई तरह की आशंका उत्पन्न होने लगती है। यह शेयर महंगा तो नहीं है। इसे लेने के बाद इसका दाम नीचे तो नहीं गिर जाएगा।
यदि आपके भी मन में भी यह आशंकाएं उत्पन्न हो रही है कि जो शेयर हम खरीदने जा रहे हैं वह सस्ता है या महंगा। यह कैसे पता करें। तो आपके लिए बड़ा ही अच्छा नॉलेज शेयर कर रहा हूं जिसका नाम है P/E Ratio.
P/E Ratio का मतलब क्या है?
P/E Ratio का अर्थ Price Earning Ratio है।
साधारण भाषा में इसका मतलब यह होता है कि हमें कितने रुपए लगाने पर कितने रुपए मिलेगा।
उदाहरण द्वारा इसे समझते हैं। रिलायंस कंपनी के 1 शेयर का दाम अभी ₹ 2000 हैं। इस कंपनी ने पिछले 1 साल में ₹ 200 लाभ दिया है। यदि मुझे इसका P/E Ratio निकालना है तो 2000 ÷ 200 = 10 निकलेगा।
इस P/E Ratio का मतलब यह हुआ कि आपको ₹ 1 कमाने के लिए रिलायंस कंपनी में ₹10 लगाना पड़ेगा। या दूसरे भाषा में ₹ 2000 केेेेेेे निवेश पर हमें ₹ 200 प्राप्त होगा।
इस प्रकार P/E Ratio उसे कहते हैं जिसे प्रति शेयर बाजार मूल्य में उसके द्वारा दी गई आय के द्वारा भाग देने पर जो प्राप्त होता है वही P/E Ratio है।
शेयर खरीदने हेतु P/E Ratio क्या होने चाहिए
अब आपके मन में यह सवाल उठता होगा कि शेयर खरीदने वक्त हमें कितना P/E Ratio का शेयर खरीदना चाहिए और कितना P/E Ratio शेयर नहीं खरीदना चाहिए।
आमतौर पर वित्तीय सलाहकार कहते हैं कि जिसका P/E Ratio 30 से ज्यादा है उसे हमें नहीं खरीदना चाहिए। क्योंकि यदि मुझे ₹30 लगाकर सालाना ₹1 प्राप्त हो यहां तक तो ठीक माना जा सकता है। पर उससे ज्यादा लगाकर यदि मुझे ₹1 प्राप्त हो तो यह कभी भी ठीक नहीं माना जा सकता।
वैसे जैसे जैसे कंपनी मुनाफा कमाता रहता है उसका P/E Ratio बढ़ता रहता है। इसलिए आप कंपनी के पिछले कुछ सालों का मुनाफा देख सकते हैं। यह जरूरी नहीं कि P/E Ratio ज्यादा होने से उस शेयर में निवेश ना करें।
क्या केवल P/E Ratio द्वारा ही अच्छे शेयर का चुनाव सही है?
यदि आप सोच रहे हैं कि मुझे P/E Ratio निकालना आ गया और इसे देखकर मैं अच्छे से शेेेयर खरीद कर एक सफल निवेशक बन जाऊंगा तो यह आप गलत सोच रहे हैं। कई बार हम भ्रम में भी आ जाते हैंं। गलत P/E Ratio दौरा भी हम गलत शेयर खरीद कर नुकसान उठा लेते हैं।
कई ऐसे भी कंपनी होती हैं जिसकी P/E Ratio में काफी उतार-चढ़ाव होता रहता है। यानी किसी वर्ष यह बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और किसी बात बहुत कम हो जाता हैै।
उदाहरण रियल स्टेट कंपनी का लेते हैं। किसी वर्ष 50 घर भी नहीं बिकता तो किसी वर्ष 500 घर बिक जाता है। जिस वर्ष इस कंपनी का 500 घर बिका है उस वर्ष का P/E Ratio 20 मान लेते हैं। हम यह सोच कर शेयर खरीद लेते हैं कि P/E Ratio उसका कम है।
अगले वर्ष 50 घर भी नहीं बिका और वह हमें नुकसान उठाना पड़ जाता है। इसलिए आप केवल P/E Ratio पर निर्भर ना रहे।
P/E Ratio और क्या बताता है?
P/E Ratio द्वारा किसी कंपनी के शेयर सस्ते या महंगे का अनुमान लगा सकते हैंं। इसके अलावा आप यह भी अनुमान लगा सकते हैं कि वर्तमान में शेयर बाजार महंगा है या सस्ता हैै।
मेरा कहने का अर्थ यह है कि कई बार नये निवेशक सोचते हैं कि जब बाजार सस्ता होगा तब निवेश की शुरुआत करूंगा। यह पता कैसे चलेगा कि मार्केट अभी सस्ता है या महंगा है। उसके लिए आप मार्केट का P/E Ratio देख सकते हैं।
भारतीय बाजार में मुख्य रूप से दो जगह शेयर की खरीद बिक्री की जाती है। एक सेंसेक्स और दूसरा है निफ्टी। सेंसेक्स 30 कंपनी का प्रतिनिधित्व करती है और निफ्टी भारत के 50 कंपनी का प्रतिनिधित्व करती है।
सेंसेक्स और निफ्टी यह बताती है कि अभी भारतीय बाजार का क्या हाल है। यदि आप नये निवेशक हैं या शेयर मार्केट में निवेश करने की सोच रहे हैं तो सेंसेक्स और निफ्टी का P/E Ratio जाकर जरूर देख लें। आपको पता लग जाएगा कि अभी भारतीय शेयर बाजार सस्ता है या महंगा है।
सस्ता है तो फिर आप निवेश की शुरुआत कर दीजिए और यदि महंगा है तो कुछ समय इंतजार कर सकते हैं। वैसे एकमुश्त निवेश में यह देखा जाता है। जब आप एसआईपी शुरू करने की सोच रहे हैं तो आप कभी भी शुरू कर सकते हैं।
P/E Ratio बदलता रहता है
P/E Ratio हमेशा बदलता रहता है। यह नहीं कि आपने एक बार जो P/E Ratio देख लिया वह हमेशा के लिए रहेगा। मान लीजिए किसी कंपनी का P/E Ratio अभी 25 है।
कुछ दिनों बाद कंपनी ने अच्छा मुनाफा कमाया और उसके शेयर का दाम बढ़ गया। क्योंकि सभी लोग उसके शेयर को खरीदने लगे। हम उस कंपनी का P/E Ratio बढ़ जाएगा।
इसलिए आप जिस वक्त शेयर खरीदते हैं उस वक्त उस शेयर का भी P/E Ratio देख ले।
जाते जाते एक बात आपको बता कर जा रहा हूं शेयर बाजार जितना ही लाभदायक है उतना शेयर कब खरीदना चाहिए? ही नुकसानदायक। इसमें हम 1 दिन में लाखों कमा भी सकते हैं और लाखों गंवा भी सकते हैं।
आप तभी इसमें निवेश करने की सोचे जब आप लाखों कमाने और गंवाने के लिए तैयार हो। किसी के भी कहने पर कहीं भी निवेश ना करें। सोच समझ कर फैसला ले। आपके मेहनत की कमाई पर पहला अधिकार आपका ही है।
किसी के कहने पर किसी भी शेयर में निवेश ना करें। निवेश से पहले विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले। आप चाहे कितने बड़े खिलाड़ी हो लेकिन कर्ज लेकर कभी भी स्टॉक मार्केट में निवेश ना करें इससे आप ज्यादा कठिनाई में पड़ सकते हैं।
मल्टीबेगर शेयर के अलावा Penny Stocks जिसका मूल्य ₹10 से कम है आप चाहे तो उसमे निवेश कर सकते हैं। इलेक्ट्रिक वाहन शेयर जो मार्केट में बिल्कुल नया है उसमें भी निवेश कर सकते हैं। लेकिन निवेश करने से पहले अच्छी तरह रिसर्च जरूर कर ले।
शेयर बाजार में कब लगता है लोअर सर्किट?
शेयर बाजार में कई शेयरों में सर्किट लगता है. सर्किट दो प्रकार के होते हैं- अपर सर्किट और लोअर सर्किट.
घरेलू शेयर बाजार में किसी इंडेक्स या शेयर में आई बड़ी गिरावट पर स्वत: कारोबार पर रोक लग जाती है. जिस स्तर पर (फीसदी में) कारोबार रुकता है, उसे सर्किट कहा जाता है.
2. लोअर सर्किट का इस्तेमाल कब होता है?
शेयर बाजर में इंडेक्स आधारित सर्किट पूरे बाजार पर लागू होता है. इसके तीन चरण होते हैं. यह 10 फीसदी, 15 फीसदी और 20 फीसदी की गिरावट पर लगता है. यह सर्किट लगने पर इक्विटी और इक्विटी डेरिवेटिव कारोबार रुक जाता है.
बाजार में सर्किट तब लगता है कि जब दोनों ही प्रमुख सूचकांकों- बीएसई सेंसेक्स या निफ्टी 50 इंडेक्स में से किसी भी इंडेक्स में निर्धारित गिरावट आती है. एक इंडेक्स पर सर्किट लगने पर दूसरे पर सर्किट स्वत: ही लागू हो जाता है.
3. कितनी देर के लिए रुकता है कारोबार?
10 फीसदी का सर्किट नियम
यदि 10 फीसदी की गिरावट 1 बजे से पहले आती है, तो बाजार में एक घंटे के लिए कारोबार रोक दिया जाता है. इसमें शुरुआती 45 मिनट तक कारोबार पूरी तरह रुका रहता है और 15 मिनट का प्री-ओपन सेशन होता है.
यदि 10 फीसदी का सर्किट दोपहर 1 बजे के बाद लगता है, तो कारोबार 30 मिनट के लिए रुक जाता है. इसमें शुरुआती 15 मिनट तक कारोबार पूरी तरह रुका रहता है और 15 मिनट का प्री-ओपन सेशन होता है. यदि 2.30 बजे के बाद 10 फीसदी का लोअर सर्किट लगता है, तो कारोबार सत्र के अंत तक यानी 3.30 बजे तक जारी रहता है.
15 फीसदी का सर्किट नियम
यदि 15 फीसदी की गिरावट 1 बजे से पहले आती है, तो बाजार में दो घंटे के लिए कारोबार रोक दिया जाता है. इसमें शुरुआती 1 घंटा और 45 मिनट तक कारोबार पूरी तरह रुका रहता है और 15 मिनट का प्री-ओपन सेशन होता है.
यदि 15 फीसदी का सर्किट दोपहर 1 बजे के बाद लगता है, तो कारोबार एक घंटे के लिए रुक जाता है. इसमें शुरुआती 45 मिनट तक कारोबार पूरी तरह रुका रहता है और 15 मिनट का प्री-ओपन सेशन होता है.
यदि 2.30 बजे के बाद 15 फीसदी का लोअर सर्किट लगता है, तो कारोबार सत्र के अंत तक यानी 3.30 बजे तक रुका रहता है.
20 फीसदी का सर्किट शेयर कब खरीदना चाहिए? नियम
यदि शेयर बाजार में प्रमुख सूचकांक पूरे दिन में कभी भी 20 फीसदी तक लुढ़क जाते हैं, तो कारोबार को पूरे दिन के लिए रोक दिया जाता है और फिर कारोबार अगले सत्र में ही शुरू होता है.
4. कारोबार रुकने के बाद कब और कैसे शुरू होता है?
सर्किट लगने पर कारोबार रुक जाता है. जब बाजार दोबारा खुलता है तो पहले 15 मिनट का प्री-ओपन सत्र होता है. इसके बाद सामान्य कारोबार शुरू होता है और यह अगला सर्किट लगने या सत्र के अंत (जो भी पहले हो) तक जारी रहता है.
5. सर्किट का इस्तेमाल क्यों किया जाता है?
सर्किट के स्तर स्टॉक एक्सचेंज द्वारा तय किए जाते हैं. इन्हें निवेशकों और ब्रोकरों के हितों को ध्यान में रख कर लगाया जाता है ताकि उन्हें बाजार के बड़े झटकों से बचाया जा सके. बाजार के उतार-चढ़ाव के दौरान कारोबारियों को करारा झटका लगता है. ऐसी स्थिति में बाजार पर दबाव बढ़ जाता है.
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लाभ कमाने के लिए शेयर मार्केट (Share Market) के किस शेयर में इन्वेस्ट करना चाहिए?
शेयर मार्केट (Share Market) के किस कंपनी में निवेश करना चाहिए : जब हम निवेश करते हैं या व्यापार करते हैं, तो हमारा उद्देश्य पैसा कमाना होता है। लेकिन शेयर बाजार में, हमें हमेशा यह परिभाषित करना होता है कि हम कितना रिटर्न कमाना चाहते हैं। हमारा निवेश हमारी इच्छा के अनुसार होता है, लेकिन हमे निवेश किया हुआ पैसा खोने के लिए भी तैयार होना चाहिए!
किस शेयर में इन्वेस्ट करना चाहिए
स्टॉक मार्केट (Share Market) में निवेश करने से पहले किसी को क्या सावधानी रखनी चाहिए?
- ट्रेडिंग में अपने अनुभव के लिए मैंने हमेशा देखा है कि जब लोग तेजी के दिन स्टॉक खरीदते हैं तो वे उच्च जोखिम के लिए कम रिटर्न कमाते हैं। जब भी आप किसी स्टॉक को खरीदने का ऑर्डर देते हैं तो उसे कम से कम 1% के अंतराल के साथ छोटे लॉट में रखें ताकि आप कीमत का औसत निकाल सकें।
- शेयर बाजार में निवेश करने का सबसे अच्छा समय सुबह 9:30 बजे से पहले है क्योंकि जब ज्यादातर लोग बाजार को आंकने की कोशिश कर रहे हैं तो आप पहले से ही बाजार का हिस्सा होंगे और अंत में या तो राजा बन जाएंगे या आपको कुछ पूंजी का नुकसान हो सकता है।
- अगर आप किसी शेयर को लंबी अवधि के लिए खरीदना चाह रहे हैं तो सही समय वह होगा जब बाजार लगातार 2 से 3 दिनों के लिए नकारात्मक हो उस समय आपको सबसे सस्ते दाम पर स्टॉक मिलेगा।
- यदि आप लंबी अवधि के निवेशक हैं, तो अच्छी कंपनियों के शेयर सर्वोत्तम कीमतों पर उपलब्ध हैं। लेकिन आपको धैर्य की जरूरत है और इस समय अपनी पूंजी का 50% निवेश करें और बाकी निवेश की प्रतीक्षा करें।
शेयर कब खरीदना चाहिए?
- यह बाजार में शेयर खरीदने का सबसे अच्छा समय माना जाता है जब बाजार में लगातार वृद्धि हो रही है।
- जब सरकार की नीतियों का झुकाव कारपोरेट क्षेत्र के विकास की ओर हो।
- जब अच्छा प्रदर्शन करने वाली कंपनी के शेयर की कीमत में अचानक गिरावट आती है, तो इसे शेयर खरीदने का सबसे अच्छा समय माना जा सकता है। क्योंकि संभावना है तो वही शेयर फिर से अपने मूल्य में वृद्धि दिखाएगा।
- जब कोई प्रतिष्ठित कंपनी दिवालिया होने के दरवाजे पर खड़ी हो, और अगर कंपनी लाभदायक कंपनी में विलय करने जा रही है तो उस कंपनी का हिस्सा खरीदने का सबसे अच्छा समय है।
- जब एक अनुशासित व्यक्ति घाटे में चल रही कंपनी का सीईओ या एमडी या चेयरमैन बनने जा रहा है, तो अब बाजार में निवेश करने का समय है, यह निश्चित रूप से कई गुना रिटर्न देगा।
कमाई के दो दर्शन का अध्ययन
लंबी अवधि के लिए निवेश: निवेश अवधि के रूप में 3-4 साल से 7 साल तक होना चाहिए। धन सृजन निवेश का उद्देश्य है, हम इस उद्देश्य के लिए मौलिक विश्लेषण का उपयोग करते हैं।
विभिन्न शैलियाँ :
- मूल्य निवेश,
- विकास निवेश,
- उपज निवेश,
- संरचित निवेश,
- वैकल्पिक निवेश आदि
शॉर्ट टर्म : कुछ मिनटों से लेकर कुछ महीनों तक ट्रेडिंग को शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग कहते है। आय सृजन व्यापार का उद्देश्य है, हम इस उद्देश्य के लिए तकनीकी विश्लेषण का उपयोग करते हैं।
विभिन्न शैलियाँ :
- डे ट्रेडिंग,
- बीटीएसटी,
- स्विंग ट्रेड,
- पोजिशनल ट्रेडिंग,
- और स्केलिंग।
2022 में 5 से 10 साल के लिए निवेश करने के लिए 10 स्टॉक कौन से हैं ?
यदि आप ज्यादा रिस्क लेना नहीं चाहते है, तो आपको उन कंपनियों में निवेश करना चाहिए जो मौलिक रूप से मजबूत हैं। कंपनी का प्रबंधन शीर्ष श्रेणी का होना चाहिए और कंपनी का लाभ सालाना आधार पर बढ़ रहा है, अगर कंपनी को लाभ हो रहा है तो स्टॉक ऊपर की ओर जायेगा और आपको भी लाभ मिलेगा।
यदि आप शेयर बाजार के एक्सपर्ट है, तो मेरा मानना है कि आपको उभरती हुई कंपनी में जाना चाहिए। लेकिन हमेशा याद रखें कि उभरती हुई कंपनी अधिक जोखिम वाली कंपनी होती है, लेकिन अच्छा रिटर्न भी देती है।
शेयर मार्केट(Share Market) में सबसे अच्छी कंपनी कौन सी है?
- यहाँ शेयर मार्केट (Share Market) के कुछ लार्ज कैप कंपनी हैं जो मुझे व्यक्तिगत रूप से पसंद हैं :
- Hdfc bank (एचडीएफसी बैंक)
- Pidilite industries (पिडिलाइट उद्योग)
- Reliance industries (रिलायंस इंडस्ट्रीज)
- Tcs (टीसीएस)
- Infosys ( इंफोसिस)
- Asian paints ( एशियन पेंट्स)
- Bajaj finance ( बजाज फाइनेंस)
- Havells (हैवेल्स)
- Polycab india (पॉलीकैब इंडिया)
- Titan (टाइटन)
- शेयर मार्केट (Share Market) के कुछ उभरती हुई कंपनी
- Iex (आईईएक्स)
- Berger paints (बर्जर पेंट)
- easy trip planner (ईजी ट्रिप प्लानर)
- lux industries (लक्स उद्योग)
- burger king (बर्गर किंग)
- happiest mind (हैप्पिएस्ट माइंड)
- info edge ( जानकारी बढ़त)
- orient electronic (ओरिएंट इलेक्ट्रॉनिक)
- Sbi cards (एसबीआई कार्ड)
- Deepak Nitrite (दीपक नाइट्राइट)
अंत में : नौसिखिया के लिए शेयर बाजार सीखना सबसे अच्छा निवेश है ! थोड़े पैसे से अभ्यास करें और लंबे समय तक बहुत अच्छा पैसा कमाना सीखें!
पर्सनल फाइनेंस: शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो जानिए इन 5 नियमों के बारे में, आपको खतरे से बचा सकते हैं
शेयर बाजार में निवेश से पैसा बनाने की संभावना एक ऐसा आइडिया है, जो हर नए निवेशक को उत्साहित करता है। साथ ही उन लोगों के लिए भी जो कम अवधि में फायदा कमाना चाहते हैं। हालांकि जब बाजार उतार-चढ़ाव के माहौल में हो, तब किसी भी तरह के तुरंत रिटर्न की संभावना काफी कम हो जाती है। ऐसे में आपको हम बता रहे हैं कि निवेश के समय कौन से नियम का आपको पालन करना चाहिए।
खुद निर्णय न लें
एंजल ब्रोकिंग के इक्विटी स्ट्रैटेजिस्ट ज्योति रॉय कहते हैं कि आप खुद निर्णय लेकर अपने लाभ को बढ़ाने के लालच को छोड़ दीजिए। पोर्टफोलियो मैनेजर्स और एक्सपर्ट्स की सलाह पर ध्यान दें। सतर्कता से व सोच-समझकर निवेश करें।
डिविडेंड पर ध्यान दीजिए
जब भी किसी कंपनी के शेयरों में निवेश किया जाता है, तो निवेशक कंपनी के अच्छे प्रदर्शन से लाभ पाने के योग्य होते हैं। जब मुनाफा हो रहा हो तो कंपनियां अक्सर यह तय करती हैं कि वे अपने शेयरधारकों के साथ अपने मुनाफे को बांटें। यह आम तौर पर मुनाफे के एक हिस्से को शेयर करना है, जिसे वे भविष्य के लिए बचाकर रख सकते हैं।
डिविडेंड आमतौर पर वही होता है जो कंपनी आपके द्वारा अर्जित प्रत्येक शेयर पर देने का निर्णय करती है। कंपनियों के रिकॉर्ड और उनके लाभ को जानकर आप अपने निवेश के निर्णय ले सकते हैं।
विविधता पर फोकस करें
यह सबसे स्पष्ट उपाय है, जिसे निवेशकों को आजमाना चाहिए। यह उन्हें अक्सर उतार-चढ़ाव वाले बाजार में बने रहने में सुरक्षा देता है। अधिक जोखिम लेने वाले निवेशक निवेश को कंपनी के शेयरों के हालिया प्रदर्शन ट्रेंड्स के आधार पर देखते हैं। हालांकि इन निर्णयों के समय सलाहकार की मदद काम आ सकती है।
अलग-अलग साधनों में निवेश करें
प्रसिद्ध कहावत है- ‘अपने सभी अंडों को एक टोकरी में नहीं रखना चाहिए’। निवेशकों को इसी का पालन करना चाहिए। एक संतुलित पोर्टफोलियो का निर्माण तभी हो सकता है जब आप अपने निवेश को कई सेक्टर में निवेश करें। बाजार आर्थिक उथल-पुथल से गुजर रहा है। निवेशकों की भावनाओं में उतार-चढ़ाव हो रहा है। इससे अनिश्चितता बढ़ रही है। यदि पोर्टफोलियो में विविधता रहती है तो गारंटीड रिटर्न प्राप्त करने में मदद मिलती है।
कंपनियों का विश्लेषण करना
फाइनेंशियल सिस्टम के बारे में जानकारी हासिल करना चाहिए। कब स्टॉक खरीदना है और कब बेचना है, उसे समझें। औसत बाजार के रुझान को समझना आपके लिए आधा काम पूरा कर सकता है। निवेशक अक्सर सेक्टोरल ट्रेंड्स, ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक और कंपनी की घोषणाओं की तुलना करने की गलती करते हैं। बहुत से लोग यह नहीं जानते कि कंपनी की आंतरिक गतिविधियों पर भी बहुत कुछ तय होता है।
कंपनी के मामलों पर नजर रखें
कंपनी के कैश-फ्लो, खर्चों, राजस्व, और उसके निर्णयों को समझना कई पहलुओं में से कुछ एक हैं, जिन पर लोगों को लंबी अवधि के निवेश करने के लिए तैयार होने पर पूरी तरह से रिसर्च करने की आवश्यकता है। निवेशकों के लिए ऐसे पहलुओं पर अपने पोर्टफोलियो मैनेजर्स से सलाह लेना बेहतर होगा, क्योंकि इसमें गहन अध्ययन शामिल है।
सट्टेबाजी से प्रेरित फैसले न लें
अक्सर लोगों को सट्टेबाजी से लाभ होता है और वह इसे ही आधार बना लेते हैं। निरंतर रिटर्न हासिल करने के लिए सट्टेबाजी अच्छा विकल्प नहीं है। यह निरंतर रिटर्न में हानिकारक हो सकता है। बाजार की अटकलों और अफवाहों को फॉलो करना जोखिम हो सकता है। निवेश के प्रमुख तरीकों में से यह भी जानना चाहिए कि न्यूज रिपोर्टों पर फैसला न लें। यह आवश्यक है कि कंपनी के संकट के समय में अपने पोर्टफोलियो को मिस मैनेज न करें और भावनात्मक निर्णय लेकर अपने शेयरों को नहीं बेचें।
कैसे और कब बेचना है
कुछ निवेशकों में जोखिम लेने की ज्यादा चाहत होती है। उनमें कम अवधि के ट्रेड के लिए एक उत्साह हो सकता है। यह संपत्ति बढ़ाने में महत्वपूर्ण हो सकता है। विशेषज्ञों का तर्क है कि यह युवा निवेशकों के लिए अधिक उपयुक्त है। ये निर्णय अक्सर बाजार में उतार-चढ़ाव से जुड़े होते हैं, न कि किसी उद्योग या कंपनी की लंबी अवधि की रणनीति का हिस्सा होते हैं। यहां तक कि रिटर्न की भी गारंटी नहीं है, क्योंकि यह सट्टा खेलने जैसा है।
जो लोग लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं, उन्हें बाजार के कम समय के उतार-चढ़ाव या स्टॉक ऑप्शन की मूल्य स्थिरता के आधार पर अपनी खरीदारी या बिक्री का निर्णय नहीं लेने चाहिए। लार्ज-कैप निवेश पर नजर रखते हुए मिड-कैप और स्मॉल कैप निवेशों को छोटे अनुपात में रखना चाहिए। इस तरह जल्दबाजी में निर्णय नहीं लेना चाहिए।
Stocks in 2022 : नए साल में ये 5 शेयर जमकर कराएंगे कमाई, जानिए टारगेट प्राइस और एक्सपर्ट्स की राय
आईसीआईसीआई डायरेक्ट के मुताबिक आईटी शेयर मार्केट की रैली की अगुआई कर सकते हैं. इसके साथ ही ही कैपिटल गु्ड्स, BFSI,रियल एस्टेट और ऑटो स्टॉक में भी तेजी दिख सकती है.
2022 में ये 5 शेयर देंगे जबरदस्त मुनाफा
देश के शेयर बाजारों में इस साल अच्छी तेजी दिखी. निफ्टी में 22 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जबकि निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में क्रमश: 43 और 53 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई. पिछले तीन दशकों का इतिहास देखें तो पाएंगे कि बाजार में ये तेजी आगे भी बनी रह सकती है. आईसीआईसीआई डायरेक्ट के मुताबिक आईटी शेयर मार्केट की रैली की अगुआई कर सकते हैं. इसके साथ ही ही कैपिटल गु्ड्स, BFSI,रियल एस्टेट और ऑटो स्टॉक में भी तेजी दिख सकती है. आने वाले कुछ वर्षों में मिड और स्मॉल कैप शेयरों में तेजी दिख सकती है. आइए देखते हैं नए साल में किन शेयरों में मुनाफे की संभावना बन रही है
भारती एयरटेल (Bharti Airtel)
टारगेट प्राइस – 956 रुपये
ARPU में बढ़ोतरी और 4G सब्सक्राइबर बेस में तेजी से कंपनी ने वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही में काफी अच्छा मुनाफा कमया है. दूसरी तिमाही में शुद्ध मुनाफा 1134 करोड़ रुपये का रहा और एबिटा में पहली तिमाही की तुलना में 6.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. च्वाइस इक्विटी ब्रोकिंग ने इसे BUY की रेटिंग देते हुए इसका टारगेट प्राइस 956 रुपये रखा है. यानी यह शेयर मौजूदा लेवल से 41.5 फीसदी बढ़ सकता है.
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आदित्य बिड़ला फैशन एंड रिटेल ( Aditya Birla Fashion)
टारगेट प्राइस – 360 रुपये
आदित्य बिड़ला फैशन एंड रिटेल ( ABFRL) में हाल में निवेश हुआ है. इस वजह से इसका शुद्ध कर्ज 2500 करोड़ रुपये से घट कर 870 करोड़ रुपये रह गया है. यह शेयर तेजी से चढ़ा है और यह आगे मजबूती के संकेत दे रहा है. आईसीआईसीआई डायरेक्ट के मुताबिक यह शेयर आने वाले महीनों में 360 रुपये तक पहुंच सकता है.
आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank)
टारगेट प्राइस- 900 रुपये
वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही में आईसीआईसीआई बैंक के मुनाफे में 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. लोन ग्रोथ 17 फीसदी का रहा है. नेट इंटरेस्ट इनकम यानी NII में 24.8 फीसदी का इजाफा हुआ है. च्वाइस ब्रोकिंग ने इस शेयर के लिए 900 रुपये का टारगेट प्राइस रख कर इसे BUY की रेटिंग दी है.
यूनाइटेड स्पिरिट्स ( United Spirits)
टारगेट प्राइस – 1080 रुपये
शराब कंपनियों के शेयर में इस साल अच्छी बढ़त देखी गई. यूनाइटेड स्पिरिट्स इस साल छह साल के कंसोलिडेशन फेज से निकल आई. अब इसमें नई बुल साइकिल दिख सकती . नियर टर्म में यह शेयर 1000 रुपये तक जा सकता है. आईसीआईसीआई ने 1080 के टारगेट प्राइस के साथ इसे BUY की रेटिंग दी है. यानी इसमें मौजूदा स्तर से 22 फीसदी की बढ़ोतरी दिख सकती है.
एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस (HDFC Life Insurance)
टारगेट प्राइस- 833 रुपये
वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कंपनी ने काफी उत्साहजनक रिजल्ट दिया है. नए बिजनेस का प्रीमियम 6596 करोड़ रुपये रहा है, जो पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही की तुलना में 12.3 फीसदी अधिक है. पिछले वित्त वर्ष की तुलना में प्रीमियम कलेक्शन 14.2 फीसदी बढ़ा है.च्वाइस ब्रोकिंग ने इसे 833 के टारगेट प्राइस के साथ BUY की रेटिंग दी है.
(स्टोरी में दिए गए स्टॉक रिकमंडेशन संबंधित रिसर्च एनालिस्ट व ब्रोकरेज फर्म के हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. पूंजी बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन हैं. निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर परामर्श कर लें.)