मूल्य सीमाएं

किसानों को धान का समर्थन मूल्य मिलने के साथ-साथ राज्य सरकार द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत इनपुट सब्सिडी भी दी जा रही है। इस वजह से धान खरीदी के सीजन में हर वर्ष सीमावर्ती राज्यों से धान के अवैध परिवहन की शिकायतें मिलती हैं, जिस पर कड़ाई से अंकुश लगाने की जरूरत है, जिससे छत्तीसगढ़ के किसानों को इस योजना का अधिक से अधिक लाभ मिल सके।
देश की सीमा पर बैठे फ़ौजी कई तरह से कठिनाइयों का मुकाबला करते हैं। सैनिकों के जीवन से किन-किन जीवन मूल्यों को अपनाया जा सकता है? - Hindi Course - A
देश की सीमा पर बैठे फ़ौजी कई तरह से कठिनाइयों का मुकाबला करते हैं। सैनिकों के जीवन से किन-किन जीवन मूल्यों को अपनाया जा सकता मूल्य सीमाएं है?
देश की सीमा पर बैठे फ़ौजी अत्यंत प्रतिकूल परिस्थितियों में देश की रक्षा करते हुए कठिनाइयों का मुकाबला करते हैं। ये फ़ौजी रेगिस्तान की गरम लू तथा पचास डिग्री सेल्सियस से अधिक गरमी में हॉफ-हॉफकर देश की चौकसी करते हैं। दूसरी ओर ये भारत के उत्तरी एवं पूर्वोत्तर राज्यों की सीमा पर माइनस पंद्रह डिग्री सेल्सियस में काम करते हैं। वे पेट्रोल के अलावा सब कुछ जमा देने वाले वातावरण की भी परवाह नहीं करते हैं।
ये फ़ौजी खुद रात-रात भर जागकर देशवासियों को चैन की नींद सोने का अवसर देते हैं। इन विपरीत स्थितियों में काम करते हुए उन्हें समय-असमय दुश्मन की गोलियों का सामना करना पड़ जाता है, पर वे अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटते हैं। इन सैनिकों के जीवन से हमें मातृभूमि से असीम लगाव, देश प्रेम, देशभक्ति, देश के लिए सर्वस्व समर्पण की भावना, देश-हित को सर्वोपरि समझने, मातृभूमि के लिए प्राणों की बाजी लगाने, कर्तव्य के प्रति सजग रहने तथा त्याग करने जैसे जीवन मूल्य अपनाना चाहिए।
समर्थन मूल्य पर खरीद : सरसों एवं चना की तुलाई क्षमता मूल्य सीमाएं हुई दोगुनी, पंजीयन सीमा में बढोतरी
सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने बताया कि राजफैड ने राज्य के अधिकाधिक किसानों को समर्थन मूल्य पर सरसों एवं चना खरीद का लाभ देने के लिए केन्द्रों पर गुरुवार से प्रतिदिन 120 किसानों को तुलाई के लिए एसएमएस भेजना शुरू कर दिया गया है। प्रारंभ में खरीद केन्द्र पर अधिकतम 60 किसानों से तुलाई हो रही थी।
उन्होंने बताया कि तुलाई के एसएमएस की संख्या दोगुनी हो जाने से किसानों से शीघ्र खरीद संभव हो पाएगी। किसानों को यह सुविधा भी प्रदान की जा रही है कि मूल्य सीमाएं उन्हें एसएमएस के द्वारा केवीएसएस के अधिकृत कार्मिक के नम्बर भी भेजे जा रहे हैं ताकि वह उससे संपर्क कर शीघ्र अपनी उपज को बेच सकें। श्री आंजना ने बताया कि सरसों एवं चना के लिए 799 खरीद केन्द्र स्वीकृत किये गये हैं और आवश्यकता होने पर खरीद केन्द्रों की संख्या बढाई जा रही है।
62 लाख किसानों से कराया पंजीयन
सहकारिता मंत्री ने बताया कि 6 मई तक सरसों एवं चना के लिए 4 लाख 62 हजार 623 किसानों ने पंजीयन कराया है। इसमें से 2 लाख 60 हजार 623 सरसों एवं 2 लाख 1 हजार 997 चना के है। उन्होंने बताया कि 139 खरीद केन्द्रों पर पंजीयन की क्षमता पूरी हो गई थी। इनमें सरसों के 52 तथा चना के 87 खरीद केंद्र हैं। इन सभी केंद्रों पर पंजीयन सीमा 10 प्रतिशत बढ़ा दी गयी है। इससे लगभग 10 हजार और किसानों को लाभ होगा।
सहकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव नरेश पाल गंगवार ने बताया कि 6 मई तक 17,118 किसानों से 203.65 करोड़़ रूपये की सरसों एवं चना की खरीद की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि उपज बेचान के लिए 78,849 किसानों को एसएमएस द्वारा सूचित किया जा चुका है।
Indore News: दवाओं को छोड़ सभी कर योग्य वस्तुएं ई-वे बिल के दायरे में, मूल्य सीमा दोगुनी की
इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिध। वाणिज्यिक कर विभाग ने जीएसटी के अंतर्गत माल परिवहन पर लागू होने वाले ई-वे बिल के नियमों में बदलाव का एलान किया है। जीएसटी में कर योग्य वस्तुएं जिनका मूल्य एक लाख या इससे ज्यादा का होगा, वे ई-वे बिल के दायरे में आएंगी। अब तक 41 वस्तुएं और 50 हजार रुपये मूल्य पर ई-वे बिल लागू था। नए नियमों में मूल्य सीमा बढ़ाकर एक लाख कर मूल्य सीमाएं दी गई है, लेकिन सभी वस्तुओं को ई-वे बिल के दायरे में लाया गया है। सरकार ने दवाओं, तंबाखू व तंबाखू उत्पाद और पान मसाला को विशेष श्रेणी में रखा है। दवाओं के परिवहन पर ई-वे बिल लागू नहीं होगा, भले ही उनका मूल्य एक मूल्य सीमाएं लाख रुपये से ज्यादा हो। इसी तरह पान मसाला और तंबाकू उत्पादों पर 50 हजार रुपये मूल्य पर भी ई-वे बिल लागू होगा। जीएसटी में हुए ये बदलाव 15 अप्रैल से लागू हो जाएंगे।
केंद्र ने कच्चे जूट की जमाखोरी को रोकने के लिए मूल्य सीमा तय की
कोलकाता, दो अक्टूबर केंद्र ने कच्चे जूट की जमाखोरी को रोकने के लिए पश्चिम बंगाल में इसकी दो किस्मों की अधिकतम कीमत 6,500 रुपये प्रति क्विंटल तय की है, क्योंकि इस जिंस को बाजार में 7,200 रुपये या उससे अधिक कीमत में बेचा जा रहा है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि यह मूल्य सीमा जून, 2022 मूल्य सीमाएं तक प्रभावी रहेगी।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘कच्चे जूट की कीमत 7,200 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंचने के बाद इस क्षेत्र के नियामक जूट आयुक्त ने जमाखोरी को हतोत्साहित करने के लिए कच्चे जूट (टीडीएन3 और डब्ल्यूएन3 किस्मों) की अधिकतम कीमत 6,500 रुपये प्रति मूल्य सीमाएं क्विंटल तय कर दी है।’’
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