शेयर मार्केट अकाउंट क्या है

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के फीस और शुल्क
शेयरों में ट्रेडिंग शुरू करने के लिए डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट होना आवश्यक है. डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट का लाभ उठाने के लिए विशिष्ट फीस और शुल्क लागू होते हैं.
बजाज फाइनेंशियल सिक्योरिटीज़ लिमिटेड (बीएफएसएल) के सब्सक्रिप्शन प्लान
बजाज फाइनेंशियल सिक्योरिटीज़ के साथ डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए, आप उपलब्ध तीन सब्सक्रिप्शन पैक्स मेस से चुनकर साइन-अप कर सकते हैं, हर पैक एक अलग ब्रोकरेज दर प्रदान करता है.
बीएफएसएल से जुड़े सभी डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट शुल्कों के विवरण यहां दिए गए हैं:
शुल्क के प्रकार
प्रोफेशनल पैक
बजाज प्रिविलेज क्लब
वार्षिक सब्सक्रिप्शन शुल्क
दूसरे वर्ष से: रु. 431
इक्विटी/डेरिवेटिव ट्रांज़ैक्शन शुल्क (शेयर मार्केट अकाउंट क्या है सब्सक्रिप्शन मॉडल के लिए शुल्कों की सूची)
ब्रोकरेज शुल्क के अलावा, आपके शेयर मार्केट ट्रांज़ैक्शन पर कुछ अन्य शुल्क भी लगाए जाते हैं, जो इस प्रकार हैं:
शुल्क के प्रकार
बीएसई - स्क्रिप ग्रुप के अनुसार शुल्क अलग-अलग होते हैं
बीएसई - स्क्रिप ग्रुप के अनुसार शुल्क अलग-अलग होते हैं
क्लियरिंग मेंबर के शुल्क
ब्रोकरेज ट्रांज़ैक्शन और सीएम शुल्क पर 18%
ब्रोकरेज, ट्रांज़ैक्शन और सीएम शुल्क पर 18%
खरीदने और बेचने पर रु. 100 प्रति लाख (0.1%)
सेल साइड पर रु. 25 प्रति लाख (0.025%)
टर्नओवर का 0.00010%
टर्नओवर का 0.00010%
शुल्क के प्रकार
एनएसई - 0.053% (प्रीमियम पर)
बीएसई - शून्य या ट्रेड वैल्यू का 0.05%
बीएसई - शून्य या ट्रेडेड मूल्य का 0.05%
क्लियरिंग मेंबर के शुल्क
एनएसई और बीएसई - 0.00025%
एनएसई और बीएसई - 0.00025%
ब्रोकरेज, ट्रांज़ैक्शन और सीएम शुल्क पर 18%
ब्रोकरेज, ट्रांज़ैक्शन और सीएम शुल्क पर 18%
सेल साइड पर रु. 10 प्रति लाख (0.01%)
₹ 50 प्रति लाख (0.05%) सेल साइड (प्रीमियम पर)
टर्नओवर का 0.00010%
टर्नओवर का 0.00010%
बीएसई ट्रांज़ैक्शन/टर्नओवर शुल्क का विवरण
बीएफएसएल के साथ डीमैट अकाउंट शुल्क और फीस
बजाज फाइनेंशियल सिक्योरिटीज़ लिमिटेड के साथ डीमैट अकाउंट खोलना एक आसान ऑनलाइन प्रोसेस है. अकाउंट खोलने शेयर मार्केट अकाउंट क्या है का शुल्क शून्य है, लेकिन डीमैट अकाउंट से जुड़ी विभिन्न सेवाओं का लाभ उठाने से जुड़े शुल्क हैं. ये शुल्क डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) के लिए अलग-अलग हो सकते हैं. बीएफएसएल का डीमैट शुल्क मामूली हैं और सभी डीमैट शुल्कों की विस्तृत जानकारी नीचे दी गई है:
शुल्क के प्रकार
अकाउंट खोलने का शुल्क
वार्षिक मेंटेनेंस शुल्क
बीएफएसएल के अंदर ऑफ-मार्केट ट्रांसफर*
₹30 या ट्रांज़ैक्शन वैल्यू का 0.02%, जो भी अधिक हो + लागू टैक्स
रु. 35 + लागू टैक्स
फिज़िकल सीएमआर/ डीआईएस
पहला सीएमआर/ डीआईएस अनुरोध मुफ्त है. उसके बाद रु. 50 + रु. 100 कूरियर शुल्क + लागू टैक्स
डीमटीरियलाइज़ेशन अनुरोध शुल्क
रु. 50 प्रति अनुरोध + रु. 50 प्रति सर्टिफिकेट
री-मटीरियलाइज़ेशन अनुरोध शुल्क
रु. 35 प्रति सर्टिफिकेट या 100 शेयर और भाग, जो भी अधिक हो और अकाउंट रिडेम्प्शन स्टेटमेंट के प्रति री-स्टेट के लिए रु. 25
प्रत्येक इंटरनेशनल सिक्योरिटीज़ आइडेंटिफिकेशन नंबर (आईएसआईएन) के लिए, *रु. 30 आपके डीमैट अकाउंट से डेबिट किए जाते हैं. अगर यह बीएफएसएल डीमैट अकाउंट है, तो लागू शुल्क रु. 30 के साथ-साथ टैक्स भी लागू होते हैं. मार्केट सेल ट्रांज़ैक्शन के मामले में, यह उस परिस्थिति में लागू होगा, जब एक्सचेंज किए गए सिक्योरिटीज़ के पे-इन दायित्वों के लिए बीएफएसएल डीमैट अकाउंट का उपयोग करके डिलीवरी की जाती है.
**हर बार लागू किया जाएगा, जब आईएसआईएन आपके डीमैट अकाउंट से डेबिट किया जाता है और अगर प्राप्तकर्ता का डीमैट अकाउंट बीएफएसएल डीमैट अकाउंट नहीं होता. इसमें सीडीएसएल शुल्क शामिल है.
10 करोड़ से ज्यादा Demat Account ओपन, शेयर बाजार में निवेश को लेकर भारतीयों में क्रेज
रूस-यूक्रेन युद्ध के बावजूद भारतीय शेयर बाजार को दूसरे बाजारों से कम नुकसान हुआ है. युद्ध का असर कमजोर पड़ने के बाद जुलाई से तो निवेशक फिर से शेयर बाजार की तरफ लौटने लगे हैं. इस सबके असर से भी डीमैट खाते खुलवाने की रफ्तार बढ़ी है.
आदित्य के. राणा
- नई दिल्ली,
- 07 सितंबर 2022,
- (अपडेटेड 07 सितंबर 2022, 7:06 AM IST)
कोरोना के बाद से भारतीय अर्थव्यवस्था तरक्की (Indian Economy Growth) के पथ पर लगातार तेजी से दौड़ रही है. इस तरक्की का पैमाना तो नहीं लेकिन आइना शेयर बाजार को माना जाता है. शेयर बाजार में आई तेजी अक्सर इकोनॉमी की मजबूत बुनियाद का संकेत होती है. मजबूत आर्थिक बुनियाद का आइना माने जाने वाले शेयर बाजार में लोगों की भी दिलचस्पी बढ़ रही है. इसकी मिसाल है देश में तेजी से खुलते डीमैट खाते (Demat account), यानी जिस खाते के जरिए शेयर बाजार में निवेश करना मुमकिन होता है. अगस्त में देश में 22 लाख नए डीमैट खाते लोगों ने खुलवाए हैं. इसके बाद देशभर में कुल डीमैट खातों की संख्या बढ़कर 10 करोड़ के पार निकल गई है.
2.5 साल में दोगुने हो गए डीमैट शेयर मार्केट अकाउंट क्या है खाते
लेकिन ये नंबर कैसे वाकई महत्वपूर्ण और बड़ा है इसको समझने के लिए इसकी तुलना प्री-कोविड साल से करनी होगी. कोरोना के पहले तक देश में केवल 4.9 करोड़ डीमैट खाते थे. लेकिन जिस तरह से 2020 की शुरुआत से लेकर अक्टूबर 2021 तक भारतीय शेयर बाजार ने दुनियाभर के शेयर मार्केट्स के मुकाबले शानदार प्रदर्शन किया, उसे देखते हुए लोगों का भरोसा इस बाजार पर बढ़ा है.
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यही नहीं रूस-यूक्रेन युद्ध के बावजूद भारतीय शेयर बाजार को दूसरे बाजारों से कम नुकसान हुआ है. युद्ध का असर कमजोर पड़ने के बाद जुलाई से तो निवेशक फिर से शेयर बाजार की तरफ लौटने लगे हैं. इस सबके असर से भी डीमैट खाते खुलवाने की रफ्तार बढ़ी है.
जून के बाद से फिर बढ़ी डीमैट खातों की रफ्तार
इस कारोबारी साल का हाल देखें तो अप्रैल में कुल डीमैट खातों की संख्या 9.21 करोड़ थी. वहीं मई में ये 9.48 करोड़, जून में 9.65 करोड़, जुलाई में 9.83 करोड़ और अब अगस्त में पहली बार 10.05 करोड़ हो गई है. ये तेजी इक्विटी निवेशकों के बढ़ते भरोसे का दमदार सबूत है. भारत में डीमैट खाता खोलने के लिए CDSL और NSDL के पास जिम्मेदारी है.
आंकड़ों के मुताबिक CDSL के डीमैट खातों की संख्या अगस्त में बढ़कर शेयर मार्केट अकाउंट क्या है 7 करोड़ के पार निकल गई, जो जनवरी 2020 के आंकड़े से 3 गुना से भी ज्यादा है. वहीं NSDL के पास करीब 2.9 करोड़ डीमैट खातों की जिम्मेदारी है. हालांकि एसेट्स अंडर कस्टडी यानी AUC के हिसाब से देखें, तो फिर CDSL के पास साढ़े 38 ट्रिलियन रुपये के AUC हैं. जबकि NSDL के पास करीब 320 ट्रिलियन रुपये के AUC हैं, जो अप्रैल 2020 में 174 ट्रिलियन रुपये थे.
शेयर बाजार में 6 फीसदी से भी कम लोग करते हैं निवेश
हालांकि, 10 करोड़ से ज्यादा डीमैट खाते होने की एक वजह ये भी है कि कुछ लोगों के एक से ज्यादा डीमैट खाते हैं. अलग अलग शेयर मार्केट अकाउंट क्या है ब्रोकर्स से डीमैट खाता खुलवाने की वजह से ये नंबर ज्यादा है. अनुमान है कि भारत में 6-7 करोड़ लोगों के पास डीमैट खाते होंगे. इनमें से भी शेयर मार्केट अकाउंट क्या है सभी निवेश नहीं करते हैं, इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि कुल आबादी में से 6 फीसदी से भी कम लोग शेयर बाजार में निवेश करते होंगे. भारतीय निवेशक सीधे शेयर बाजार में निवेश करने के अलावा म्यूचुअल फंड्स, इंश्योरेंस और पेंशन फंड्स के जरिए भी इक्विटी में रकम लगाते हैं.
शेयर बाजार में फिर लौट रही है तेजी
अक्टूबर 2021 के बाद जून 2022 तक फेड रिजर्व के ब्याज बढ़ाने, महंगाई में तेजी आने और रूस-यूक्रेन युद्ध के असर से विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से 33 अरब डॉलर निकाले थे. लेकिन अब मौजूदा जुलाई-सितंबर तिमाही में एक बार फिर से विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार में लौटने लगे हैं.
इस तिमाही में अभी तक विदेशी निवेशकों ने 7.6 अरब डॉलर भारतीय इक्विटी बाजारों में लगाए हैं. सेंसेक्स भी अब अक्टूबर 2021 शेयर मार्केट अकाउंट क्या है के ऑल टाइम हाई से महज 5 फीसदी पीछे है. वैसे भी भारतीय शेयर बाजारों ने वैश्विक बाजारों के मुकाबले जबरदस्त प्रतिरोधक क्षमता दिखाई है. इस साल एसएंडपी 500 18 फीसदी कमजोर हुआ है तो निफ्टी 1.8 प्रतिशत बढ़ा है.
रिटेल निवेशकों के भरोसे बढ़ रहा है शेयर बाजार
FPIs ने जब भारतीय बाजारों से पैसा निकाला, तो दुनिया के बाकी शेयर बाजारों के मुकाबले यहां पर कम गिरावट की वजह रही रिटेल निवेशकों की बढ़ती हिस्सेदारी. IPO मार्केट ने भी रिटेल निवेशकों को शेयर बाजार की तरफ लगातार आकर्षित किया है.
यहां तक की अप्रैल-जून तिमाही में जब जून में डीमैट खाते खुलवाने की रफ्तार 16 महीने के निचले स्तर पर लुढ़क गई थी, तब भी उस महीने 18 लाख डीमैट खाते खुलवाए गए थे. रिटेल निवेशकों की इक्विटी मार्केट में सीधी बढ़ती हिस्सेदारी और SIP के जरिए पैसा लगाने की चाहत ने भारतीय शेयर बाजार को दुनिया के सबसे आकर्षक बाजारों में शुमार किया हुआ है.
क्लियरिंग और सेटलमेंट की प्रक्रिया
वैसे तो क्लियरिंग और सेटलमेंट बहुत ही सैधान्तिक विषय है लेकिन इसके पीछे की प्रक्रिया को समझना महत्वपूर्ण है। एक ट्रेडर या निवेशक के तौर पर आपको ये चिंता करने की ज़रूरत नहीं होती कि आपका सौदा कैसे क्लियर या सेटल हो रहा है, क्योंकि एक अच्छा इंटरमीडियरी यानी मध्यस्थ ये काम कर रहा होता है और आपको ये पता भी नहीं चलता।
लेकिन अगर आप इसको नहीं समझेंगे तो आपकी जानकारी अधूरी रहेगी इसलिए हम विषय को समझने की कोशिश करेंगे कि शेयर खरीदने से लेकर आपके डीमैट अकाउंट (DEMAT account) में आने तक क्या होता है।
10.2 क्या होता है जब आप शेयर खरीदते हैं?
दिवस 1/ पहला दिन- सौदे का दिन (T Day), सोमवार
मान लीजिए आपने 23 जून 2014 (सोमवार) को रिलायंस इंडस्ट्रीज के 100 शेयर 1000 रुपये के भाव पर खरीदे। आपके सौदे की कुल कीमत हुई 1 लाख रुपये (100*1000)। जिस दिन आप ये सौदा करते हैं उसे ट्रेड डे या टी डे (T Day) कहते हैं।
दिन के अंत होने तक आपका ब्रोकर एक लाख रुपये और जो भी फीस होगी, वो आपसे ले लेगा। मान लीजिए आपने ये सौदा ज़ेरोधा पर किया, तो आपको निम्नलिखित फीस या चार्जेज देनी होगी:
क्रमांक | कितने तरह के चार्जेज | कितना चार्ज | रकम |
---|---|---|---|
1 | ब्रोकरेज | 0.03% या 20 रुपये- इनमें से जो भी इंट्राडे ट्रेड के लिए कम हो | 0 |
2 | सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन चार्ज | टर्नओवर का 0.1% | 100/- |
3 | ट्रांजैक्शन चार्ज | टर्नओवर का 0.00325% | 3.25/- |
4 | GST | ब्रोकरेज का 18% + ट्रांजैक्शन चार्ज | 0.585/- |
5 | SEBI चार्ज | 10 रुपये प्रति एक करोड़ के ट्रांजैक्शन पर | 0.1/- |
कुल | 103.93/- |
तो एक लाख रुपये के साथ 103.93 रुपये की फीस आपको देनी पड़ेगी, यानी कुल 100,103.93 रुपये की रकम आपके ट्रेडिंग अकाउंट से निकल जाएगी। याद रखिए कि पैसे निकल गए हैं लेकिन शेयर अभी आपके डीमैट अकाउंट (DEMAT account) में नहीं आए हैं।
उसी दिन ब्रोकर आपके लिए एक कॉन्ट्रैक्ट नोट (Contract Note) तैयार करता है और उसकी कॉपी आपको भेज देता है। ये नोट एक तरह का बिल है, जो आपके सौदौं की पूरी जानकारी देता है। यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है और भविष्य में काम आता है। कॉन्ट्रैक्ट नोट में आमतौर पर उस दिन हुए सभी सौदे अपने ट्रेड रेफरेंस नंबर (Trade Reference Number) के साथ दिए गए होते हैं। साथ ही आपसे ली गई सभी फीस की जानकारी उसमें होती है।
दिवस 2/दूसरा दिन- ट्रेड डे + 1 (T+ Day), मंगलवार
जिस दिन आपने सौदा किया उसका अगला दिन टी+1 डे (T+1 Day) कहलाता है। T+1 day को आप अपने शेयर बेच सकते हैं, जो आपने पिछले दिन खरीदे हैं। इस तरह के सौदे को BTST-Buy Today, Sell Tomorrow या ATST- Acquire Today, Sell Tomorrow कहते हैं। याद रखिए कि शेयर अभी भी आपके डीमैट अकाउंट में नहीं आए हैं। इसका मतलब आप ऐसे शेयर बेच रहे हैं, जो अभी तक आपके हुए नहीं है। इसमें एक रिस्क है। वैसे हर BTST सौदे में रिस्क नहीं होता, लेकिन अगर आप बी ग्रुप के शेयर या ऐसे शेयर जिनकी खरीद-बिक्री बहुत कम होती है, उनका सौदा कर रहे हैं, तो आप मुसीबत में फंस भी सकते हैं। अभी इस पूरे मसले को यहीं छोड़ देते हैं।
अगर आप बाज़ार में नए हैं, तो आपके लिए बेहतर यही होगा कि आप BTST से दूर रहें क्योंकि आप उसके रिस्क को पूरे तरह से नहीं जानते।
इसके अलावा आपके नजरिए से T+1 day का कोई खास महत्व नहीं है, हालांकि शेयर खरीदने के लिए दिए गए पैसे और सारी फीस सही जगह पहुंच रही होती है।
दिवस 3/तीसरा दिन- ट्रेड डे + 2 (T+2 Day), बुधवार
तीसरे दिन यानी T+2 day को दिन में करीब 11 बजे जिस आदमी ने आपको शेयर बेचे हैं उसके अकाउंट से शेयर निकल कर आपके ब्रोकर के अकाउंट में आ जाते हैं, और ब्रोकर यही शेयर शाम तक आपके अकाउंट में भेज देता है। इसी तरह जो पैसे आपके अकाउंट से निकले थे, वो उस इंसान के अकाउंट में पहुंच जाता है जिसने शेयर आपको बेचे।
अब शेयर आपके डीमैट अकाउंट में दिखेंगे। आपके पास अब रिलायंस के 100 शेयर होंगे।
इस तरह T Day को खरीदे गए शेयर आपके अकाउंट में T+2 Day को आएंगे और T+3 Day को उनका सौदा फिर से कर पाएंगे।
10.3 आप जब शेयर बेचते हैं, तब क्या होता है?
जिस दिन आप शेयर बेचते हैं, वो ट्रेड डे (Trade Day ) कहते हैं, और इसे T Day लिखा जाता है। शेयर बेचते ही उतने शेयर आपके डीमैट अकाउंट में ब्लॉक हो जाते हैं। T+2 Day के पहले ये शेयर एक्सचेंज को दे दिए जाते हैं और T+2 Day को उन शेयरों की बिक्री से मिलने वाले पैसे, फीस और चार्जेज कट कर, आपके अकाउंट में आ जाते हैं।
शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले ध्यान दें! 1 अप्रैल से बंद हो जाएगा Demat Account, जानें वजह
जो लोग शेयर मार्केट में निवेश करते हैं, डेट सिक्योरिटीज खरीदते हैं, उन्हें हर हाल शेयर मार्केट अकाउंट क्या है में 31 मार्च से पहले अपना KYC अपडेट करवा लेना है, इसके बाद आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
- डीमैट अकाउंट निवेशक, ट्रेडिंग अकाउंट के लिए KYC अपडेट करें
- 31 मार्च तक KYC अपडेट करना जरूरी है
- 1 अप्रैल से अकाउंट्स डीएक्टिवेट कर दिए जाएंगे
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नई दिल्ली: Demat Account Update: शेयर बाजार के इन्वेस्टर्स के लिए जरूरी खबर है. अगर आप शेयर बाजार में पैसा लगाते हैं और आपके पास डीमैट अकाउंट है या ट्रेडिंग अकाउंट है तो आपके लिए ये खबर बहुत जरूरी है. अगर आपने अब तक अपना KYC अपडेट नहीं किया है तो 31 मार्च तक अपडेट कर लें. वरना आपका अकाउंट डीएक्टिवेट हो जाएगा. आइए जानते हैं विस्तार से.
31 मार्च तक KYC अपडेट करें
डिपॉजिटरीज नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSD) और सेंट्रल डिपॉजिटरीज सर्विसेज लिमिटेड (CDSL) की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया था कि अकाउंट होल्डर्स के लिए 6 KYC जानकारियां देनी हैं. ये जानकारियां हैं- नाम, पता, PAN, मोबाइल नंबर, ई-मेल आईडी और इनकम रेंज.
6 KYC जानकारियां अपडेट करनी हैं
गौरतलब है कि 1 जून 2021 के बाद खोले गए नए अकाउंट्स के लिए सभी 6 जानकारियां अनिवार्य कर दी गई हैं. जबकि मौजूदा अकाउंट्स के लिए मार्केट रेगुलेटर सेबी ने डिपॉजिटर्स से कहा है कि वो सभी 6 KYC को अपडेट करें और जहां जरूरी हो क्लाइंट्स सूचित करें कि वो इसे अपडेट करें.
PAN को वेरिफाई करें
इस सर्कुलर में कहा गया है कि सिक्योरिटीज मार्केट में ट्रांजैक्शन के लिए क्लाइंट्स की ओर से PAN जमा करने की अनिवार्यता स्वीकृत छूट के साथ जारी रहेगी, निवेशकों से कहा गया है कि वो PAN कार्ड को इनकम टैक्स की वेबसाइट पर जाकर वेरिफाई कर लें. अगर PAN कार्ड आधार से लिंक नहीं है तो PAN कार्ड को वैलिड नहीं माना जाएगा.
ये जानकारियां भी अपडेट करें
सभी खाताधारकों को अलग से मोबाइल नंबर और ई-मेल एड्रेस देना होगा. हालांकि लिखित डेक्लेरेशन देने के बाद खाताधारक अपने परिवार को मोबाइल नंबर और ई-मेल एड्रेस अपडेट कर सकता है. परिवार से आशय खुद, जीवनसाथी, निर्भर माता-पिता और बच्चों से है.
परिवार की जानकारी भी अपडेट कराएं
अगर एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट में एक ही मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी पाई गई और परिवार की जानकारी भी अपडेट नहीं है, तो ऐसे डीमैट अकाउंट होल्डर्स को 15 दिन का नोटिस देकर उनसे मोबाइल नंबर, ई-मेल आईडी बदलाव फॉर्म या रिक्वेस्ट लेटर जमा करने के लिए कहना होगा. अगर वो ऐसा करने में नाकाम रहते हैं तो ऐसे खातों को नॉन-कंप्लायंट्स में डाल दिया जाएगा.
खाताधारकों को डिपॉजिटर्स को अपनी इनकम रेंज, इंडिविजुअल और नॉन-इंडिविजुअल रूप में अलग अलग बतानी होगी. इंडिविजु्अल्स के लिए इनकम रेंज 1 लाख रुपये से लेकर 25 लाख रुपये तक की रेंज वाले शामिल हैं. जबकि नॉन इंडिविजुअल की रेंज 1 करोड़ रुपये से ऊपर तक की है.