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अपनी क्रिप्टोकरेंसी को खरीदना और स्टोर करना

अपनी क्रिप्टोकरेंसी को खरीदना और स्टोर करना
RBI Digital Rupee: आरबीआई ने 1 दिसंबर को रिटेल डिजिटल रुपी का पहला पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है.

AIIMs से हैकर्स ने क्रिप्टोकरेंसी में मांगे 200 करोड़, छठे दिन भी सर्वर डाउन

नई दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली से हैकर्स ने कथित तौर पर क्रिप्टोकरेंसी में करीब 200 करोड़ रुपये की मांग की है जिसका सर्वर लगातार छठे दिन खराब रहा. आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी. सेंधमारी का बुधवार को सुबह पता चला था. आशंका जताई जा रही है कि सेंधमारी के कारण लगभग 3-4 करोड़ मरीजों का डेटा प्रभावित हो सकता है. सूत्रों ने कहा कि सर्वर डाउन होने के कारण आपातकालीन इकाई में रोगी देखभाल सेवाएं, बाह्य रोगी, भर्ती रोगी और प्रयोगशाला अनुभाग को कागजी रूप से प्रबंधित किया जा रहा है. भारतीय कंप्यूटर आपात प्रतिक्रिया दल (सर्ट-इन), दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय के प्रतिनिधि रैंसमवेयर हमले की जांच कर रहे हैं.

रैंसमवेयर से किया गया हैक

रैंसमवेयर हमले के कारण कंप्यूटर तक पहुंच बाधित हो जाती है और पहुंच देने के लिए हैकर धन की मांग करते हैं. दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस ( आईएफएसओ ) इकाई द्वारा 25 नवंबर को जबरन वसूली और साइबर आतंकवाद का मामला दर्ज किया गया था. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि जांच एजेंसियों की सिफारिशों पर अस्पताल में कंप्यूटर पर इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं. एम्स के सर्वर में पूर्व प्रधानमंत्रियों, मंत्रियों, नौकरशाहों और न्यायाधीशों समेत कई अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों (वीआईपी) का डेटा स्टोर है. एक सूत्र ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘हैकर्स ने क्रिप्टोकरेंसी में कथित तौर पर करीब 200 करोड़ रुपये की मांग की है.’’

ई-हॉस्पिटल एप्लीकेशन सर्वर हुआ बहाल

इस बीच, एनआईसी ई-हॉस्पिटल डेटाबेस और ई-हॉस्पिटल के लिए एप्लीकेशन सर्वर बहाल कर दिए गए हैं. एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) की टीम एम्स में स्थित अन्य ई-हॉस्पिटल सर्वर से ‘इन्फेक्शन’ को स्कैन और साफ कर रही है, जो अस्पताल सेवाओं के वितरण के लिए आवश्यक हैं. ई-हॉस्पिटल सेवाओं को बहाल करने के लिए व्यवस्थित किए गए चार सर्वर को स्कैन करके डेटाबेस और एप्लीकेशन के लिए तैयार किया गया है.

नेटवर्क बहाल करने का काम चल रहा है

उन्होंने कहा कि एम्स के नेटवर्क को वायरस मुक्त करने का काम चल रहा है. सर्वर और कंप्यूटर के लिए एंटी-वायरस समाधान व्यवस्थित किए गए हैं. यह 5,000 में से लगभग 1,200 कंप्यूटर पर स्थापित किया गया है. सूत्र ने कहा कि 50 में से 20 सर्वर को स्कैन किया जा चुका है और यह गतिविधि लगातार की जा रही है.

खूबसूरती का जाल बिछाकर, लगा दी 30 हजार करोड़ की चपत, जानिए कौन है ये Crypto-Queen

Cryptocurrency की वैल्यू फिलहाल काफी कम चल रही है. इसमें निवेशकों के काफी पैसे लगे हुए हैं. पिछले साल इसकी Cryptocurrency को लेकर काफी बातचीत चल रही थी. लेकिन, क्या आपको Crypto Queen के बारे में पता है जिन्होंने 30 हजार करोड़ रुपये की चपत लगा दी है. आइए नीचे खबर में जानते है विस्तार से।

खूबसूरती का जाल बिछाकर, लगा दी 30 हजार करोड़ की चपत, जानिए कौन है ये Crypto-Queen

HR breaking News, Digital Desk- Cryptocurrency को लेकर अभी ज्यादा चर्चा नहीं हो रही है. लेकिन, पिछले साल ये हॉट-टॉपिक बना हुआ था. इसकी वजह से काफी लोगों को अमीर बनने का भी मौका मिला. हालांकि, कई लोग अपनी जमा-पूंजी क्रिप्टो में लगाकर कंगाल भी हो गए. लेकिन, हम यहां पर Cryptocurrency के नाम पर हुए एक बड़े स्कैम के बारे में बात करने वाले हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, क्रिप्टो के नाम पर बड़ा स्कैम Ruja Ignatova ने किया था. लोग इन्हें क्रिप्टो-क्वीन के नाम से भी जानते हैं. रुजा इग्नातोवा ने क्रिप्टो करेंसी की लोकप्रियता का फायदा उठाकर लोगों को फर्जी क्रिप्टो में पैसे लगवा दी थी.


साल 2014 में लॉन्च हुई थी OneCoin-


लोग केवल उनकी बातों से प्रभावित होकर पैसे लगाने लगे थे. साल 2014 में पीएचडी होल्डर रुजा इग्नातोवा ने अपनी क्रिप्टोकरेंसी को लॉन्च किया था. हालांकि, ये क्रिप्टोकरेंसी का शुरुआती दौर था. लेकिन लोगों को इससे अमीर बनने के सपने दिखाए गए.
इस करेंसी का नाम OneCoin रखा गया था. इसका विस्तार कई देशों में क्रिप्टो क्वीन ने किया. वो लोगों को OneCoin खरीदने और इसको समझने के लिए एजुकेशन मैटेरियल खरीदने के लिए कहती थी. लोग उनके बोलने से प्रभावित हो जाते और लाखों रुपये इन्वेस्ट कर देते हैं.

लगभग 2 साल तक लाखों लोगों ने इसमें पैसे लगाए. उसने लोगों को विश्वास दिलाया कि OneCoin की वैल्यू बिटक्वॉइन से भी आगे जाएगी. इसके लिए वो कई सेमिनार करती थी. कई बड़ी मैग्जिन में उसने ऐड न्यूज के फॉर्म में पब्लिश करवाई. लोग इन ऐड्स को सही न्यूज मानकर उससे जुड़ते चले गए.


छोटा पैकेज 140 यूरो का था-

रिपोर्ट के अनुसार, वनक्वॉइन का सबसे छोटा पैकेज 140 यूरो का था और सबसे बड़ा एक लाख 18 हजार यूरो का. लोगों से एक्सचेंज खोलने का वादा किया गया था, जिससे भविष्य में वो अपने OneCoin डॉलर या यूरो में बदल सकते थे.
इस दौरान कई क्रिप्टोकरेंसी सपोर्टर को OneCoin पर संदेह होने लगा और वो इसको लेकर Ruja Ignatova से जवाब चाहते थे. Ruja Ignatova सबके सवालों का जवाब देने का वादा कर फरार हो गई. उसने 30 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का स्कैम किया.

अपनी क्रिप्टोकरेंसी को खरीदना और स्टोर करना क्रिप्टो में निवेश से पहले जरूर करें वेरिफाई-


आपको बता दें कि OneCoin कोई ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर बेस्ड था ही नहीं. ब्लॉकचेन वैसी टेक्वनोलॉजी है जिस पर बिटक्वाइन और दूसरी क्रिप्टोकरेंसी काम करती है. लोग केवल मार्केटिंग और उसकी बातों में आकर इनवेस्ट करने लगे थे. इस वजह से किसी भी नई क्रिप्टोकरेंसी में पैसे लगाने से पहले उसे वेरिफाई करने की सलाह अपनी क्रिप्टोकरेंसी को खरीदना और स्टोर करना लोगों को दी जाती है. फिलहाल मूल रूप से बुल्गारिया की रहने वाली रुजा इग्नातोवा FBI के टॉप 10 मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल है.

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Digital Rupee: आज से इन 4 शहरों में डिजिटल रुपये से कीजिए खरीदारी, कहां और कैसे कर सकेंगे इसका इस्‍तेमाल?

Digital Rupee: डिजिटल रुपी की शुरुआत 1 दिसंबर 2022 से 4 शहरों मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में हो रही है.

Digital Rupee: आज से इन 4 शहरों में डिजिटल रुपये से कीजिए खरीदारी, कहां और कैसे कर सकेंगे इसका इस्‍तेमाल?

RBI Digital Rupee: आरबीआई ने 1 दिसंबर को रिटेल डिजिटल रुपी का पहला पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है.

RBI Digital Rupee: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मंगलवार यानी 1 दिसंबर को रिटेल डिजिटल रुपी का पहला पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने की घोषणा की है. इसकी शुरुआत 1 दिसंबर 2022 से 4 शहरों मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में हो रही है. उसके बाद 9 अन्‍य शहरों में भी इसकी खरीद बिक्री की जा सकेगी. आरबीआई ने इससे पहले 1 नवंबर 2022 को थोक सेगमेंट में डिजिटल रुपी का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था. सवाल उठता है कि आखिर इसका इस्‍तेमाल कैसे किया जा सकेगा. इस बारे में रिजर्व बैंक ने अपनी वेबसाइट पर कुछ जानकारियां दी हैं.

अगले फेज में ये 9 शहर

अगले फेज में इसे 9 शहरों अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला में लॉन्‍च किया जाएगा. रिटेल डिजिटल रुपी के पहले पायलट प्रोजेक्ट में सरकारी और निजी क्षेत्र के चार बैंकों को शामिल किया गया है. इसमें एसबीआई, आईसीआईसीआई, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के नाम शामिल हैं.

ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी पर आधारित

डिजिटल रूपी ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी पर आधारित होगा. इसका इस्‍तेमाल उसी तरह से होगा, जैसे क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल होता है. आरबीआई के अनुसार यह पेमेंट का माध्‍यम होगा, जो सभी नागरिक, बिजनेस, सरकार और अन्य के लिए एक लीगल टेंडर के तौर पर जारी किया जाएगा. इसकी वैल्यू सेफ स्टोर वाले लीगल टेंडर नोट (मौजूदा करेंसी) के बराबर ही होगी. देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी (E-Rupee) आने के बाद आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत कम हो जाएगी. RBI द्वारा रेगुलेट किए जाने से यह सेफ होगा. CBDC देश का डिजिटल टोकन होगा.

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क्‍या रोजमर्रा की चीजें भी खरीद सकेंगे

डिजिटल रुपी के 2 फॉर्म हैं. पहला रिटेल (CBDC-R) और दूसरा होलसेल (CBDC-W) इस्‍तेमाल के लिए. रिटेल CBDC सभी कंज्‍यूमर यानी प्राइवेट सेक्‍टर, नॉन फाइनेंशियल कंज्‍यूमर्स और बिजनेस के लिए होगा. जबकि होलसेल CBDC सेलेक्‍टेड फाइनेंशियल इंस्‍टीट्यूशंस के लिए होगा. रिटेल CBDC रिटेल ट्रांजेक्‍शन का ही इलेक्‍ट्रॉनिक वर्जन है. इसका इस्तेमाल लोग रोजमर्रा के लेनदेन के लिए कर सकेंगे. जबकि CBDC-W का इस्‍तेमाल सरकारी सिक्योरिटीज की खरीद बिक्री के लिए होगा.

कैसे कर सकेंगे इस्‍तेमाल

E-Rupee को आप अपने मोबाइल वॉलेट में रख सकेंगे. इसके अलावा यूजर्स इसे बैंक मनी और कैश में आसानी से कन्वर्ट भी करा सकेंगे. आप किसी को भी पेमेंट करने के लिए इस डिजिटल रूपी का इस्तेमाल कर सकते हैं. CBDC इलेक्ट्रॉनिक रूप में अकाउंट में दिखेगा और करेंसी नोट से इसे बदला भी जा सकेगा. ठीक उसी तरह जैसे हम ऑनलाइन अपना बैंक अकाउंट बैलेंस चेक करते हैं या मोबाइल वॉलेट चेक करते है, उसी तरह E-Rupee को इस्तेमाल को इस्तेमाल कर सकेंगे. डिजिटल रुपी को UPI से भी जोड़े जाने की तैयारी है.

क्‍या हैं इसके फायदे

डिजिटल करेंसी आने से सरकार के साथ आम लोगों और बिजनेस के लिए लेनदेन की लागत में कमी आएगी. हालांकि, इस डिजिटल करेंसी के आने से देश की मौजूदा ट्रांजेक्‍शन सिस्‍टम में कोई बदलाव नहीं होगा. इससे लोग Paytm, PhonePe जैसे दूसरे अहम वॉलेट से लेन देन कर सकेंगे.

भरोसेमंद और सुरक्षित है डिजिटल रुपी

आरबीआई ने मंगलवार को कहा कि 1 दिसंबर को चुनिंदा जगहों पर इसका परीक्षण किया जाएगा. यह फिजिकल करंसी की तरह ही भरोसेमंद, सुरक्षित है. पायलट प्रोजेक्ट वास्तविक समय में डिजिटल रुपये के निर्माण, वितरण और रिटेल इस्‍तेमाल की पूरी प्रक्रिया की मजबूती का परीक्षण करेगा. इससे पहले 1 नवंबर से इसके थोक इस्तेमाल का पायलट परीक्षण शुरू हो चुका है. डिजिटल रूपी में करंसी नोट वाले सभी फीचर होंगे. लोग डिजिटल रूपी को कैश में बदल सकेंगे. क्रिप्टोकरंसी के उलट इसके मूल्य में कोई उतार-चढ़ाव नहीं आएगा.

Zomato के शेयर में किया है निवेश तो आपके लिए है बड़ा अपडेट

आपने जोमैटो का नाम तो सुना ही होगा जो एक ऑनलाइन फूड डिलीवरी एप है जो भारत में बहुत तेजी से ग्रो कर रही है। और इस कंपनी की शुरुआत दीपिंदर गोयल ने और पंकज चड्डा ने मिलकर 2008 में शुरू किया था और यह ऐप को गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध हो जाएगा जहां से आप अलग-अलग रेस्टोरेंट्स ए फूड ऑर्डर कर सकते हैं

इसमें बुधवार को काफी अच्छी तेजी देखने को मिली थी और इसमें 5% तक की तेजी दर्ज की गई, मगर आखरी के कुछ घंटों में इस शेयर में हुए रफ्तार पर ब्रेक लग गया क्योंकि इसकी वजह मुनाफा वसूली था और शेयर अब ₹64 के स्तर पर आ चुका है और शेयर के भाव बढ़ने के द्वारा यह लगभग ₹66 तक चला गया था और इसकी मार्केट टाइप में की बात करें तो यह लगभग 54400 करोड रुपए के आसपास है

Zomato Stock Big Update

आखिर क्या हुआ न्यूज़ था इसकी वजह से जोमैटो के शेयर में तेजी देखने को मिली है तो हम आपको बता दें कि अलीबाबा ग्रुप ने जोमैटो में अपनी हिस्सेदारी को बेचा है, जिससे उन्हें सूत्रों के अनुसार 200 मिलीयन डॉलर मिल सकते हैं, इसके अलावा आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अलिबाबा ग्रुप की जोमैटो में लगभग 12.97% के आसपास हिस्सेदारी 30 नवंबर तक थी

जोमैटो के शेयर की बात करें तो साल दर साल इसमें 55% तक की गिरावट देखी जा रही है और मॉर्गन स्टेनली जोकि एक वैश्विक ब्रोकरेज है उन्होंने ₹92 के साथ अपनी ओवरवेट रेटिंग को जोमैटो में कायम रखे हुए हैं और वही जोमैटो के लिए कोटक इंस्टिट्यूट इक्विटी ने ₹100 का टारगेट प्राइस सेट किया है

इसके अलावा इकनॉमिक टाइम्स के अनुसार, 23 एक्सपर्ट में से करीब 17 एक्सपर्ट ने जोमैटो के शेयर को खरीदने के लिए अपनी अपनी अलग रेटिंग दी है इसके अलावा इनमें से दो एक्सपर्ट ने जोमैटो के शेयर को बिक्री के लिए और 4 एक्सपर्ट ने जोमैटो के शेयर को होल्ड करने की रेटिंग दी है।

Disclaimer: इस आर्टिकल अपनी क्रिप्टोकरेंसी को खरीदना और स्टोर करना को कुछ अनुमानों और जानकारी के आधार पर बनाया है हम फाइनेंसियल एडवाइजर नही है आप इस आर्टिकल को पढ़कर शेयर बाज़ार (Stock Market), म्यूच्यूअल फण्ड (Mutual Fund), क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) निवेश करते है तो आपके प्रॉफिट (Profit) और लोस (Loss) के हम जिम्मेदार नही है इसलिए अपनी समझ से निवेश करे और निवेश करने से पहले फाइनेंसियल एडवाइजर की सलाह जरुर ले

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