लघु अवधि के रुझान के लिए रणनीति जीतना

इसीलिए कहा गया है, दया और परोपकार हमेशा अच्छा फल लेकर आते हैं !
प्रेरक लघु कहानियां | Very Short Hindi Moral Stories
कहानी और कथा पढने और सुनने की रूचि मनुष्य में बचपन से पाई जाती है! बचपन में कई बार हम दादी-नानी की गौद में बेठ कर कहानियां सुनते थे| जो शिक्षा या उपदेश हमें आम बोलचाल की भाषा में समझ में नहीं आते थे वे हमें कहानी या कथा के माध्यम से जल्दी ही समझ आ जाते थे| इसीलिए आज हम आपके और आपके घर परिवार के बच्चों के लिए कुछ खास ऐसी “प्रेरक लघु कहानियां | Very Short Hindi Moral Stories लेकर आएं हैं जिन्हें आप खुद भी पढ़कर कुछ सिख सखते हैं और अपने घर परिवार के बच्चों को भी पढ़कर सुना सकते हैं, तो लीजिये आप सभी के लिए खासतौर पर पेश है….
एक बार एक गाँव में कुछ ग्रामीण मिलकर एक सांप को मार रहे थे, तभी उसी रस्ते से संत एकनाथ का निकलना हुआ| भीड़ को देख संत एकनाथ भी वहां आ पहुंचे, बोले – भाइयों इस प्राणी को क्यों मार रहे हो, कर्मवश सांप होने से क्या यह भी तो एक आत्मा है| तभी भीड़ में खड़े एक युवक ने कहा – “आत्मा है तो फिर लघु अवधि के रुझान के लिए रणनीति जीतना काटता क्यों है ?”
व्यक्ति की बात सुनकर संत एकनाथ ने कहा – तुम लोग सांप को बेवजह मरोगे तो वह भी तुम्हे कटेगा ही, अगर तुम सांप को नहीं मरोगे तो वह भी तुम्हें क्यों काटेगा|ग्रामीण संत एकनाथ का काफी आदर सम्मान करते थे इसलिए संत की बात सुनकर लोगों ने सांप को छोड़ दिया!
नशा एक बला | Very Short Hindi Moral Stories
एक बार शहर में मुकदमें में हाजरी लगाने के लिए दो शराबी गाँव से निकले| शराब की धुन में दो शराब की बोतलें झोले में रख ली और मुकदमें के कागज़ घर पर ही भूल आए| शहर जल्दी पहुँचने के लिए दोनों झोला लेकर घोड़े पर सवार होकर शहर की और निकल पड़े| कुछ दूर चलने के बाद रास्ते में मध्यान्ह भोजन के लिए एक पेड के निचे रुके और भोजन के समय भी दौनों ने शराब पि ली और चल पड़े| नशे में धुत्त दोनों रास्ते भर एक दुसरे से पूछते रहे की कोई चीज भूले तो नहीं, लघु अवधि के रुझान के लिए रणनीति जीतना पर यह दौनों में से एक को भी याद ना रहा की घोड़े पर चढ़ कर आए थे और अब पैदल चल रहें हैं|
रात जहाँ रुके वहां भी शराब पी ली| थोड़ी देर में चंद्रमा निकला तो चन्द्रमा को देख कर एक बोला, “अरे यार देखो! सूरज निकल आया, चलो जल्दी चलो वरना कचहरी लग जाएगी|” बजाए शहर की और जाने के शराब के नशे में वे वापस गाँव की और चल पड़े और सवेरा होते-होते जहाँ से चले थे फिर वहीँ पहुँच गए| अनुपस्थिथि के कारण मुकदमा ख़ारिज हो गया और वे मुकदमा हार गए|
कुछ तो कर, यूँ ही मत मर | Very Short Hindi Moral Stories
एक संम्पन राज्य की सम्पदा से जलकर वहां के राजा के कई क्षत्रु हो गए थे| एक रात राजा के क्षत्रुओं ने महल के पहरेदारों को मिला लिया और राजा को बेहोंश कर अगवा कर लिया| इसके बाद राजा के क्षत्रुओं ने राजा को पहाड़ की एक गुफा में बंद कर दिया और एक बड़े से पत्थर से गुफा के मुह को ढक दिया|
राजा को जब होंश आया तो लघु अवधि के रुझान के लिए रणनीति जीतना उस अँधेरी घुफा में अपनी दशा देखकर घबरा उठा| जब उस अँधेरी घुफा में उसे कुछ करते धरते ना बना तो उसे अपनी माता की कही एक बात यद् आ गई, “कुछ तो कर, यूँ ही मत मर”| माँ का दिया मंत्र याद आते ही राजा की निराशा दूर हो गई और उसने अपनी पूरी ताकत लगा कर अपने हाथों की जंजीरों को तौड़ दिया| तभी अँधेरे में उसका पैर एक सांप पर पड गया और सांप ने उसे काट लिया| राजा फिर घबराया, लघु अवधि के रुझान के लिए रणनीति जीतना किन्तु अगले ही पल उसे फिर अपनी माँ का दिया वह मंत्र याद आया, “कुछ तो कर, यूँ ही मत मर”| उसने तत्काल अपनी कमर से क़तर निकल दी और उस स्थान को चिर दिया जहाँ सांप ने काटा था| लेकिन खून की धार बह निकलने से वह फिर घबरा गया! लेकिन फिर उसने अपनी माँ के मंत्र से प्रेरणा पाकर अपनी कमर पर लपेटे वस्त्र से घाव पर पट्टी बांध दी, जिससे रक्त बहना बंद हो गया|