लघु स्थिति

लघु आंत्र सिंड्रोम (लघु आंत्र सिंड्रोम या 'एसबीएस' या 'शॉर्ट गट') एक ऐसी स्थिति है जो आंतों की अपर्याप्तता के कारण कुअवशोषण की विशेषता है जो अक्सर जन्मजात दोष, आंतों के रोधगलन या आंत के व्यापक सर्जिकल लकीर (सर्जिकल के बाद की छोटी आंत) के कारण होती है।
चूंकि जेजुनम अधिकांश पोषक तत्वों के लघु स्थिति पाचन और अवशोषण का मुख्य स्थल है, एक जेजुनल रिसेक्शन अवशोषण के एक क्षेत्र के नुकसान की ओर जाता है, इसके कार्य को काफी कम करता है: वसा, वसा में घुलनशील विटामिन और विटामिन बी 12 का कुअवशोषण होता है, जिसके परिणामस्वरूप कुपोषण होता है, और बृहदान्त्र में अवशोषित पित्त अम्ल स्रावी दस्त का कारण बनते हैं।
लघु आंत्र सिंड्रोम, कारण के आधार पर, दो मूल प्रकारों में प्रतिष्ठित किया जा सकता है
- जन्मजात लघु आंत्र सिंड्रोम: दोष जन्म के समय पहले से मौजूद है;
- माध्यमिक लघु आंत्र सिंड्रोम: दोष जन्म के समय मौजूद नहीं होता है और बाद में उत्पन्न होता है।
माध्यमिक लघु आंत्र सिंड्रोम आमतौर पर इसके कारण या इसके कारण होता है:
- व्यापक सर्जिकल लकीर, आमतौर पर जब छोटी आंत की लंबाई के दो-तिहाई से अधिक को हटा दिया जाता है (शल्य चिकित्सा के बाद की छोटी आंत);
- क्रोहन रोग;
- आंतों मेसेंटेरिक रोधगलन;
- एक्टिनिक आंत्रशोथ;
- आंतों के रसौली;
- दोहराया आंतों का आघात;
- आंतों का वॉल्वुलस।
लक्षण
लक्षण विज्ञान शेष छोटी आंत की लंबाई और अवशिष्ट कार्य पर निर्भर करता है।
लक्षण और संकेत आम तौर पर होते हैं
- गंभीर दस्त भी
- विटामिन बी 12 और वसा का कुअवशोषण;
- पोषण संबंधी कमी;
- पेट में दर्द;
- डिफ़ॉल्ट रूप से कुपोषण;
- एनोरेक्सिया (वजन घटाने);
- आंत का फैलाव;
- परिवर्तित गतिशीलता;
- तैरता हुआ, चिकना, दुर्गंधयुक्त मल।
नोट: गंभीर दस्त और पित्त अम्लों का कुअवशोषण तब होता है जब 100 सेमी (1 मीटर) या उससे अधिक की इलियम की लंबाई को काट दिया जाता है।
लघु आंत्र सिंड्रोम की संभावित जटिलताएं डिफ़ॉल्ट रूप से गंभीर कुपोषण और एनोरेक्सिया (वजन घटाने) हैं।
टर्मिनल इलियम और इलियोसेकल वाल्व के उच्छेदन से संक्रमण के उच्च जोखिम के साथ जीवाणु अतिवृद्धि की संभावना हो सकती है।
कुछ मामलों में, आंतों में रुकावट, आंतों की इस्किमिया, आंतों में रोधगलन और रोगी की मृत्यु हो सकती है यदि सामान्य संवहनीकरण जल्दी से बहाल नहीं किया जाता है।
निदान
निदान इतिहास और वस्तुनिष्ठ परीक्षा के आधार पर संदेहास्पद है और मुख्य रूप से रेडियोलॉजिकल जांच जैसे पेट के एक्स-रे और सीटी स्कैन द्वारा इसकी पुष्टि की जाती है।
चिकित्सा
उपचार में डायरिया की अभिव्यक्तियों का मुकाबला करना शामिल है (लोपरामाइड या इसी तरह के प्रशासन के साथ, वैकल्पिक रूप से कोलेस्टारामिन 2-4 ग्राम केवल भोजन के बाद प्रशासित होने के लिए)।
एसिड गैस्ट्रिक हाइपरसेरेटियन विकसित हो सकता है, जो अग्नाशयी एंजाइमों को निष्क्रिय करता है; इस कारण से, अधिकांश रोगी एंटी-एच 2 या प्रोटॉन पंप अवरोधक लेते हैं।
आंतों के प्रत्यारोपण की सिफारिश उन रोगियों में की जाती है जो लंबे समय तक कुल पैरेंट्रल पोषण के लिए उम्मीदवार नहीं हैं और जिनमें कोई अनुकूलन प्राप्त नहीं हुआ है।
शल्य चिकित्सा के बाद लघु आंत्र चिकित्सा
तत्काल पश्चात की अवधि में, दस्त आमतौर पर महत्वपूर्ण इलेक्ट्रोलाइट हानि के साथ गंभीर होता है।
मरीजों को आमतौर पर कुल पैरेंट्रल पोषण और तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट्स (Ca और Mg सहित) की गहन निगरानी की आवश्यकता होती है।
ना लघु स्थिति और ग्लूकोज का एक आइसो-ऑस्मोटिक पीओ समाधान धीरे-धीरे पोस्टऑपरेटिव चरण में पेश किया जाता है जब रोगी स्थिर हो जाता है और उसका मल उत्पादन
लघु उद्योग और लघु क्षेत्र के लिए व्यापक नीति पैकेज की जानकारी
सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई), विकास आयुक्त कार्यालय द्वारा लघु उद्योग (एसएसआई) और छोटे क्षेत्र के लिए व्यापक नीति पैकेज पर सूचना प्रदान की गई हैं। प्रयोक्ता को नीति के क्षेत्र, वित्तीय, ऋण, मूल संरचना, लघु स्थिति प्रौद्योगिकी आदि में लघु स्तर और छोटे क्षेत्र से समर्थन पर सूचना प्रदान की जाती है। नीति के क्षेत्रों, वित्तीय, ऋण, बुनियादी ढांचा प्रौद्योगिकी आदि जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। राष्ट्रीय इक्विटी फंड (एनईएफ), एकीकृत मूल संरचना विकास (आईआईडी) आदि जैसी योजनाओं पर सूचना देखी जा सकती है। व्यापक नीति पैकेज के कार्यान्वयन की स्थिति भी देखी जा सकती है।
लघु उद्योग को बढ़ावा देने पर जोर
महोबा,संवाददाता। जिले में एम एस एम ई के तहत लघु उद्योगों को बढ़ावा दिया जाए
महोबा,संवाददाता। जिले में एम एस एम ई के तहत लघु उद्योगों को बढ़ावा दिया जाए इसके लिए जनपद में होने वाली समस्त खरीद फरोख्त के लिए पोर्टल बनाकर ब्यापारियों को उससे जोड़ा जाए। फ़ूड प्रोसेसिंग के लिए जिले के खनन व क्रशर ब्यापारियों की मदद से नई इकाइयां स्थापित कर समस्त उत्पादन की ब्रांडिंग कराई जाए ।शनिवार को देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में उद्योग बन्धु की बैठक के दौरान जिलाधिकारी मनोज कुमार ने उद्योग अधिकारी व मौजूद अधिकारियों को उक्त निर्देश दिए। विभिन्न विभागों द्वारा कराए जा रहे कार्यों में लगे ठेकेदारों व कार्यदायी संस्थाओं द्वारा कार्य अधूरा छोड़ने व समय से पूर्ण न करने पर उनके विरुद्ध सम्बंधित थाने में एफ आई आर दर्ज कराकर उन्हें ब्लैक लिस्टेड किया जाए।
जिलाधिकारी ने कबरई के मुख्य तिराहे से बांदा रोड में डिवाइडर में लगी लाइट के ढाई वर्ष हो जाने के बावजूद अभी तक जलाये न जाने व बस्ती के अंदर पूरे दो किलो मीटर राष्ट्रीय राजमार्ग में अंधेरा रहने को गम्भीरता से लेते हुए ठेकेदार के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने के आदेश उद्योग अधिकारी को दिए। साथ ही विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता को एक सप्ताह में लाइट को जलाये जाने के भी निर्देश दिए। खनिज अधिकारी शैलेन्द्र सिंह द्वारा सड़क किनारे स्थापित क्रशर प्लांटों में संचालन के समय पानी के फव्वारे न चलाये जाने से सड़क में ठंड के मौसम में धूल की धुंध छा जाने की समस्या बताए जाने पर जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे स्थापित स्टोन क्रशर स्वामियों को नियमित फव्वारे चलाये जाने तथा ट्रेक्टर में टैंकर व मोटर लगवाकर उन्हें नदियों से भरकर सड़क किनारे के वृक्षों को सप्ताह में एक बार धुलवाए जाने व सड़क किनारे नियमित पानी का छिड़काव कराए जाने के भी निर्देश दिए।
उद्यमियों द्वारा क्रशर मंडी में निर्माणाधीन मार्गो के निर्माण में घटिया सामग्री प्रयोग किये जाने की शिकायत पर जिलाधिकारी ने ऐसे सभी मार्गो का स्थलीय निरीक्षण किये जाने का आश्वासन दिया गया।क्रशर यूनियन महामंत्री देवेंद्र मिश्र द्वारा विद्युत विभाग में उद्यमियों की समस्याओं के निस्तारण में लापरवाही की बात बताई जाने पर जिलाधिकारी द्वारा सभी समस्याओं से उन्हें अवगत कराएं जाने का निर्देश दिया। यूनियन संरक्षक रामकिशोर सिंह द्वारा क्रशर प्लांटो में विद्युत विभाग द्वारा दो रीडिंग मीटर लगाए जाने का विरोध करते हुए बताया कि दोनों मीटर में अलग अलग रीडिंग आने पर विभाग द्वारा अधिक आई रीडिंग का बिल मनमाने तरीके से एक एक वर्ष बाद तक लाखों रुपयों का क्रशर प्लांट में भेजा जाता है जिससे उद्यमियों के प्रत्यक्ष शोषण होने के साथ ही उद्यमी उसे जमा करने में असमर्थ होता है।जिलाधिकारी द्वारा विद्युत विभाग को समस्या के निस्तारण व दो मीटर लगाए जाने के औचित्य बताए जाने का भी निर्देश दिए। बैठक में सहायक उद्योग आयुक्त महेश चंद्र सरोज,योगेश गुप्ता, दीपक कुमार सहित परिवहन विभाग,विद्युत, पुलिस विभाग, सिंचाई, लोक निर्माण विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
राजस्थान मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना लघु स्थिति क्या है ? इस योजना फॉर्म कैसे भरे ?
What is Rajasthan mukhymantri laghu udyog protsahan Yojana full information in Hindi : - राजस्थान में बेरोजगारी की स्थिति को देखते हुए राजस्थान सरकार ने शिक्षित बेरोजगार युवाओं को अपना लघु स्थिति रोजगार शुरू करने के उद्देश्य से "राजस्थान मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना" की शुरुआत की गई है। जिसके तहत बेरोजगार युवाओं को अपना रोजगार शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस योजना के शुरू होने से राजस्थान के अंदर युवाओं की बेरोजगारी में गिरावट देखने को मिलेगी।
तो आज के इस ब्लॉग में हम आपको राजस्थान मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना क्या है ? राजस्थान मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना का ऑनलाइन फॉर्म कैसे भरे ? इसके बारे में आपको कंप्लीट जानकारी इस ब्लॉग के माध्यम से मिलने वाली हैं।
राजस्थान मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना क्या है ?
दिन प्रतिदिन बढ़ती बेरोजगारी स्थिति को देखते हुए राजस्थान सरकार ने मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना की शुरुआत की गई है। जिसके तहत हर एक शिक्षित युवा को अपना खुद का रोजगार शुरू करने के लिए सरकार के द्वारा लोन दिया जाएगा।
राजस्थान मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के तहत लोन लेने की सीमा 10 करोड़ रुपए हैं। लेकिन लोन लेने के लिए नियम और शर्तें निर्धारित की गई है। अगर आप ₹1000000 का लोन लेते हैं। तो आप बैंक में बिना किसी सिक्योरिटी जमा किए लोन को पास करवा सकते हैं। इसके अलावा आप 10 लाख से ज्यादा का लोन लेने के लिए बैंक से जांच की जाएगी। साथ ही आप जितने रुपयों का लोन लेते हैं। उस पर आपको 5% से 8% तक सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
राजस्थान मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के तहत लोन लेने के लिए ऑनलाइन अप्लाई लघु स्थिति कर सकते हैं। जिसके लिए राजस्थान सरकार ने एसएसओ पोर्टल को लांच कर रखा है। इस पोर्टल की ऑफिशल वेबसाइट पर आकर के आप लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
राजस्थान मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के तहत लोन देने वाली संस्थाएं -
1. Nationalised commercial bank
2. Private sector scheduled commercial bank
3. Schedule small financial bank
4. Regional rural bank
5. Rajasthan financial corporation
राजस्थान मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज -
1. आवेदन करने वाला राजस्थान का स्थाई निवासी हो
2. आवेदक की 18 वर्ष उम्र हों
3. आवेदक का आधार कार्ड
4. पासपोर्ट साइज फोटो
5. आय प्रमाण पत्र
6. निवास प्रमाण पत्र
7. मूल निवास प्रमाण पत्र
9. स्मॉल बिजनेस करने के लिए जमीन के डॉक्यूमेंट
राजस्थान मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना का ऑनलाइन फॉर्म कैसे भरें ?
इस योजना के तहत लोन लेने के लिए आप ऑनलाइन और ईमित्र सेंटर के द्वारा फॉर्म अप्लाई कर सकेंगे। लेकिन अगर आप इस फॉर्म को ईमित्र सेंटर से बनवाते हैं। तो आप से अलग से चार्ज लिया जा सकता है। आप चाहे तो स्वयं भी इस फॉर्म को भर सकते हैं।
> सबसे पहले आप अपने मोबाइल या लैपटॉप में किसी भी ब्राउज़र को ओपन कर लेना है।
> इसके बाद में सर्च बार में SSO टाइप करके सर्च करें।
> इसके बाद में आपके सामने SSO की ऑफिशल पोर्टल ओपन हो जाएगा इस पर क्लिक करें।
> इसके बाद में आप अपनी SSO ID और पासवर्ड डालकर के लॉगिन करें।
इसके अलावा अगर आपकी SSO आईडी नहीं बनाई हुई है तो आप इसे पहले बना लें। एसएसओ आईडी कैसे बनाते हैं यह जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
> इसके बाद में आप other apps ऑप्शन पर क्लिक करें।
> आपके सामने बहुत सारी ऐप्स ओपन हो जाएगी। आपको केवल "राजस्थान मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन" ऑप्शन पर क्लिक कर लें।
> इसके बाद में आपके सामने एक एप्लीकेशन फॉर्म ओपन हो जाएगा। इस फॉर्म को आप कंप्लीट रूप से अपने अकॉर्डिंग ध्यान पूर्वक भर लें।
> इसके बाद में एप्लीकेशन फॉर्म को सबमिट कर दीजिए
इस तरह से आप राजस्थान मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना का ऑनलाइन फॉर्म अप्लाई कर सकेगें।
- राजस्थान संपर्क पोर्टल क्या है ? इस पर ऑनलाइन शिकायत कैसे करें ?
राजस्थान में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई है ताकि स्मॉल बिजनेस करने वाले लोग भी इस योजना का फायदा लेकर के अपना एक छोटा सा बिजनस स्टार्ट कर सकें। उम्मीद करते है कि आपको राजस्थान मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना क्या है ? इस योजना फॉर्म कैसे भरे ? यह जानकारी पसन्द आई होगी।