शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है

2003 में घटाकर दो दिन कर दिया गया
शेयरों के लेनदेन से हासिल रकम खाते में आने की अवधि पहले वास्तविक लेनदेन से पांच दिनों तक यानी T+5 थी. शेयर बाजार के रेग्युलेटर सेबी ने इसे साल 2002 में घटाकर T+3 किया, जिसके बाद संबंधित शेयरधारक के खाते में बिक्री की रकम तीन दिनों के भीतर आने लगी. बाजार के रेग्युलेटर ने वर्ष 2003 में इसे घटाकर दो दिन कर दिया था. जानकारों का कहना है कि इस नई व्यवस्था से शेयर बाजारो में रकम का आदान-प्रदान तेजी से होगा.
Share Trading Rules: शेयर बाजार के निवेशकों को बड़ी राहत, आज से एक दिन में होगा शेयरों का लेनदेन, शेयर बेचने के अगले दिन खाते में आएंगे पैसे
By: ABP Live | Updated at : 25 Feb 2022 02:20 PM (IST)
Stock Market News: शेयर शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है बाजार ( Stock Market) में निवेश करने वाले निवेशकों को शुक्रवार से बाद से बड़ी राहत मिलने वाली है. शेयर बेचने के बाद अकाउंट में पैसे आने में अब दो दिन नहीं लगेंगे. बल्कि एक दिन में ही खाते में पैसा आ जाएगा तो शेयर खरीदने के अगले ही दिन डिमैट खाते में शेयर ट्रांसफर कर दिए जायेंगे. दरअसल देश के स्टॉक एक्सचेंज मुंबई स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में शेयरों के लेनदेन के लिए भुगतान की टी प्लस वन प्रणाली ( T+1 System) शुक्रवार 25 फरवरी 2022 से लागू हो गई है. टी प्लस वन का मतलब यह है कि लेनदेन से संबंधित सेटलमेंट वास्तविक लेनदेन के एक दिन के भीतर ही अबसे हो जाएगा. मौजूदा समय में शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है सेंटलमेंट का नियम टी प्लस टू है, यानी शेयरों की खरीद-बिक्री की रकम संबंधित खाते में वास्तविक लेनदेन के दो दिनों के भीतर जमा की जा रही है.
Dividend का मतलब :
जब कोई कंपनी को लाभ होता है मतलब कि कंपनी कोई किसीभी तरह का बड़ा मुनाफा होता है तो कंपनी अपने share हिसेदारो को कुछ मुनाफा का हिस्सा देती है । जो डिविडेंड के रूप में होता है ।
आपने डिविडेंड का अर्थ समजा है यह शब्द थोड़ा अलग है । कंपनी को फायदा होने के बाद वह कंपनी Dividend जारी नहीं करती है बल्कि कंपनी के ही कुछ शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है Extra Share शेयर धारको में बांटती है जिनको Bonus Share कहा जाता है ।
Bid Price का मतलब :
इसको सरल भाषा में आपको समझाए तो , कोई कंपनी जब अपने share कि कीमत को अलग - अलग हिस्सों में बाट देती है उदाहर के तौर पर कोई कंपनी का शेयर कि price 200 रुपए है तो कंपनी इसको दो हिस्सो मे डिवाइड करके उसकी price 100-100 कर देगी । जिसको stock split कहते है ।
किसी भी शेयर में निश्चित समय में कितनी खरीदी और बिक्री हुई है जिसको वॉल्यूम के आधार पर देखा जा सकता है को कि एक पॉल (poll) स्तंभ के जैसा होता है । जो हरा रंग और लाल रंग का देखने को मिलता है ।
शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है Volatile शब्द का मतलब :
आपने शेयर मार्केट में यह शब्द बहुत सुना होगा । मार्केट में उतार चढ़ाव रहता है । अगर उतार चढ़ाव ज्यादा है तो volatility ज्यादा है ऐसा कहा जाता है ।
NSE का मतलब NATIONAL STOCK EXCHANGE है । नाम से आपको अंदाजा आ गया होगा की इसका प्रभुत्व क्या होगा । NSE भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है ।
शेयरों की श्रेणी | Category of Shares in Hindi.
शेयरों की श्रेणी की बात करें तो Bombay Stock Exchange में सूचीबद्ध शेयरों को विभिन्न श्रेणियों में बाँटा जा सकता है, इनमें से कुछ मुख्य श्रेणियां A, B1, B2 इत्यादि हैं | शेयरों को इन विभिन्न श्रेणियों में विभाजित करने के अपने मतलब तथा अपनी अपनी व्याख्याएँ हो सकती हैं । किसी भी शेयर को शेयरों की श्रेणी में रखने से पहले कई बातों पर विचार किया जाना जरुरी होता है जो की किया भी जाता है । शेयरों को शेयरों की श्रेणी में रखते समय प्रमुख दो बिन्दुओं ‘मार्केट कैपिटलाइजेशन’ तथा ‘ट्रेडिंग वॉल्यूम’ पर प्रमुख रूप से गौर किया जाता है ।
इन दोनों प्रमुख बातों अर्थात Market Capitalization एवं Trading Volume को मिलाकर ही तय किया जाता है कि किसी कंपनी का शेयर किस श्रेणी के अंतर्गत रखा जाना चाहिए । A श्रेणी के अंतर्गत रखी जाने वाली कंपनियों का ‘उच्च बाजार पूँजीकरण’ (High Market Capitalization) तथा उच्च ट्रेडिंग वॉल्यूम’ अर्थात बड़ी मात्रा में शेयरों का लेन-देन होता है । यद्यपि उच्च बाजार पूँजीकरण (लार्ज कैप) तथा मध्यम बाजार पूँजीकरण’ (मिड कैप) के वर्गीकरण के मापदंडों में परिवर्तन होता रहता है ।
‘एस’ ग्रुप के शेयर
शेयरों की श्रेणी में पहली श्रेणी एस’ ग्रुप के शेयर की है, छोटी कंपनियाँ, जिनका पैडअप कैपिटल 20 करोड़ रुपए तक का हो तथा वे बी.एस.ई. (Bombay Stock Exchange ) में लिस्टेड अर्थात सूचीबद्ध हों, तो ऐसे शेयर ‘एस’ ग्रुप के शेयर्स कहलाते हैं । यहाँ ‘एस’ का अभिप्राय ‘स्मॉल कैपिटल स्टॉक’ से है । इनमें से कई कंपनियाँ पहले क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होती थीं, फिर उन्हें इस श्रेणी अर्थात एस’ ग्रुप में डाल दिया शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है गया ।
इस ‘टी’ ग्रुप नामक शेयरों की श्रेणी में टी से अभिप्राय ट्रेड टू ट्रेड सेग्मेंट से है इस श्रेणी के अंतर्गत वे कंपनियाँ आती हैं, जिनकी शेयरों की ट्रेडिंग में बहुत ज्यादा स्पेकुलेशन तथा वोलेटिलिटी रहती है । स्पेकुलेशन अर्थात अटकलों के प्रभाव को कम करने के लिए शेयरों को इस श्रेणी में डाला जाता है ।
इस श्रेणी के तहत दर्ज शेयरों की ट्रेडिंग के दौरान प्रत्येक लेन-देन में शेयरों की डिलीवरी देना अनिवार्य होता है, यह सब इसलिए होता है ताकि जब तक कोई निवेशक शेयरों की डिलीवरी देने में सक्षम न हो, शेयरों का लेन-देन न कर सके । इससे स्पेकुलेशन पर नियंत्रण अर्थात कण्ट्रोल बना रहता है ।
‘जेड’ श्रेणी के शेयर
माना यह जाता है की निवेशकों को ‘जेड’ श्रेणी के शेयरों के प्रति सदैव सावधान रहना चाहिए, क्योंकि शेयरों की श्रेणी में इस श्रेणी की कंपनियों द्वारा स्टॉक एक्सचेंज के मापदंडों का पूरी तरह पालन नहीं किया गया होता है । इस श्रेणी के शेयरों में निवेश जोखिम भरा हो सकता है; क्योंकि इन कंपनियों के साथ डिलिस्टिंग की संभावना जुड़ी होती है ।
ऐसी स्थिति में निवेशक कभी मालामाल तो कभी कंगाल भी ओ सकते हैं यही कारण है की निवेशकों को इस शेयरों की श्रेणी के प्रति हमेशा सतर्कता बरतनी पड़ती है ।
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इनका नाम महेंद्र रावत है। इनकी रूचि बिजनेस, फाइनेंस, करियर जैसे विषयों पर लेख लिखना रही है। इन विषयों पर अब तक ये विभिन्न वेबसाइटो एवं पत्रिकाओं के लिए, पिछले 7 वर्षों में 1000 से ज्यादा लेख लिख चुके हैं। इनके द्वारा लिखे हुए कंटेंट को सपोर्ट करने के लिए इनके सोशल मीडिया हैंडल से अवश्य जुड़ें।
Penny Stock : 1 रुपये से बढ़कर 9.70 रुपये पर पहुंचा, 5 साल में बन गया मल्टीबैगर स्टॉक, 1 लाख को बना दिया 9.70 लाख
इंडिया.कॉम 3 दिन पहले [email protected] (India.com News शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है Desk)
© Manoj Yadav | India.com Hindi News Desk Share Market Today: Realty stocks were showing a weak performance with Godrej Properties being the top loser (Photo: AFP)
Multibagger Stock : लीडिंग लीजिंग फायनेंस कंपनी के शेयर मल्टीबैगर शेयर साबित हुए हैं. लगभग 52 करोड़ के मार्केट कैप वाला स्मॉल-कैप स्टॉक 2022 में उन शेयरों में से एक है जिसने शेयरों के स्पिलिट करने की भी घोषणा की है. कंपनी के निदेशक मंडल ने इस वर्ष 1:10 स्टॉक विभाजन की घोषणा की और स्टॉक ने 22 सितंबर 2022 को पूर्व-विभाजन किया.
लीडिंग लीजिंग फायनेंस शेयर की प्राइस हिस्ट्री
पिछले एक महीने में, यह स्मॉल-कैप मल्टीबैगर पैनी स्टॉक लगभग 7.75 रुपये के स्तर से बढ़कर 9.70 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गया है. इस अवधि में इसमें लगभग 25 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जबकि पिछले छह महीनों में यह 6.80 रुपये से बढ़कर 9.70 रुपये प्रति शेयर के लेवल पर पहुंच गया. इस समय में इसमें लगभग 42 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई. हालांकि, पिछले एक साल के पहले छह महीनों में शेयर साइडवेज ट्रेड कर रहा है. हालांकि, पेनी स्टॉक लगभग 1 रुपये (29 सितंबर, 2017) से बढ़कर 9.70 रुपये के स्तर पर पहुंच गया है, इस समय इस शेयर में लगभग 870 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
स्टॉक पिछले 5 वर्षों में लगभग 1 रुपये से बढ़कर 9.70 रुपये के स्तर पर पहुंच गया है. अगर किसी निवेशक ने 5 साल पहले इस पैनी स्टॉक में 1 लाख रुपये का निवेश किया होता, तो इसका 1 लाख रुपये आज 9.70 लाख रुपये हो गया होता.
शेयर विभाजन
इस मल्टीबैगर पैनी स्टॉक ने हाल ही में पूर्व-विभाजन का कारोबार किया क्योंकि निदेशक मंडल ने बीएसई सूचीबद्ध कंपनी के शेयरों को मौजूदा 10 रुपये अंकित मूल्य के शेयरों 1 अंकित मूल्य में शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है विभाजित करने का निर्णय लिया.
पिछले सप्ताह शुक्रवार को, यह स्मॉल-कैप मल्टीबैगर स्टॉक लगभग 52 करोड़ के मार्केट कैप के साथ समाप्त हुआ, जबकि शुक्रवार को इसका ट्रेड वॉल्यूम 2.93 लाख था. इसका शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है 52-सप्ताह का उच्च स्तर 17.38 रुपये प्रति शेयर है, जबकि इसका 52-सप्ताह का निम्न स्तर 4.23 रुपये प्रति शेयर है. इस मल्टीबैगर पैनी स्टॉक का प्रति शेयर बुक वैल्यू 17.97 रुपये है.
हम आपको बीते सप्ताह (20-24 जून) सबसे ज्यादा बढ़ने वाले 5 स्टॉक्स के बारे में जानकारी शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है दे रहे हैं. एक शेयर ने 40 फीसदी से . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : June 25, 2022, 11:50 IST
नई दिल्ली. 2022 शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए अभी तक तो अच्छा साबित नहीं हुआ है. ये ऐसा साल है कि राकेश झुनझुनवाला जैसे दिग्गज निवेशकों के पोर्टफोलियो में शामिल कई शेयर नेगेटिव रिटर्न दे रहे हैं. लेकिन कुछ शेयर ऐसे भी हैं, जो लगातार अच्छा रिटर्न दे रहे हैं. महीने की बात करें तो कुछेक ने पैसा डबल कर दिया है. सप्ताह की बात करें तो कुछ स्टॉक 30-40 फीसदी तक बढ़ गए हैं.
आज हम आपको बीते सप्ताह (20-24 जून) सबसे ज्यादा बढ़ने वाले 5 स्टॉक्स के बारे में जानकारी दे रहे हैं. एक शेयर ने 40 फीसदी से अधिक तो बाकी 4 शेयरों ने 30 फीसदी से ऊपर शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है का मल्टीबैगर रिटर्न दिया है. इनमें मेहई टेक्नोलॉजी लिमिटेड (Mehai Technology Ltd), मिनाक्षी टेक्सटाइल्स लिमिटेड (Minaxi Textiles Ltd), ली एंड नी सॉफ्टवेयर्स (एक्सपोर्ट्स) लिमिटेड (Lee & Nee Softwares (Exports) Ltd), निनटेक सिस्टम्स लिमिटेड (Nintec Systems Ltd), और रुद्र ग्लोबल इंफ्रा प्रोडक्ट्स लिमिटेड (Rudra Global Infra Products Ltd) के शेयर शामिल हैं.