आदर्श रणनीति

ईटीएफ की लागत क्या है?

ईटीएफ की लागत क्या है?
देश में 3 तरह के ईटीएफ हैं. इनमें इक्विटी ईटीएफ, डेट ईटीएफ और गोल्‍ड ईटीएफ शामिल हैं. तीनों तरह के ईटीएफ में अपनी जरूरत के अनुसार आप निवेश कर सकते हैं. जिस तरह दूध के दाम बढ़ जाने से पनीर और घी महंगे हो जाते हैं. ठीक वैसे ही ईटीएफ में भी इंडेक्स के चढ़ने-उतरने का असर होता है. यानी ईटीएफ का रिटर्न और रिस्क बीएसई सेंसेक्स जैसे इंडेक्स या सोने जैसे एसेट में उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है.

​एक्‍सचेंज ट्रेडेड फंड के क्‍या फायदे हैं?

ईटीएफ की लागत क्या है?

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क्या आप ईटीएफ में निवेश करना चाहते हैं? इसके फायदे और नुकसान जान लें

etf

  • ईटीएफ को शेयरों की तरह स्टॉक एक्सचेंज में खरीदा और बेचा जा सकता है।
  • इसकी कीमत शेयर बाजार के सत्र के दौरान ऊपर और नीचे जाती है।
  • ईटीएफ में लिक्विडटी अपेक्षाकृत कम होती है, जिससे इसे बेचने में मुश्किल आती है।

ईटीएफ में निवेश के फायदे
ईटीएफ को शेयर बाजार में रियल टाइम बेसिस पर खरीदा या बेचा जा सकता है। इसकी प्रबंधन ईटीएफ की लागत क्या है? लागत भी कम होती है। अगर आपके पास ट्रेडिंग अकाउंट है तो शेयर बाजार के सत्र के दौरान आप आसानी से शेयरों की तरह ईटीएफ खरीद और बेच सकते हैं। इसका एक्सपेंस रेशियो कम होता है। आप ईटीएफ की एक यूनिट भी खरीद सकते हैं। ईटीएफ निवेशक को एक सत्र में कीमत में होने वाले उतार-चढ़ाव का फायदा उठाने का ईटीएफ की लागत क्या है? मौका देता है। म्यूचुअल फंड में आपको यह मौका नहीं मिलता है। निफ्टी 50 ईटीएफ, गोल्ड ईटीएफ, लिक्विड ईटीएफ और इंटरनेशनल ईटीएफ कुछ मशहूर ईटीएफ के उदाहरण हैं।

एक्‍सचेंज ट्रेडेड फंडों के बारे में यहांं जान‍ि‍ए सब कुछ

न‍िवेश का अच्‍छा व‍िकल्‍प

एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ईटीएफ निवेश के कई विकल्पों में से एक है. म्यूचुअल फंड सहित कई निवेशक ईटीएफ के बारे में बहुत नहीं समझते हैं. यही वजह है कि इसके बारे में बुनियादी चीजों को जानना जरूरी है. आइए, यहां इनके बारे में ऐसी ही 5 अहम चीजों के बारे में जानते हैं.

कैसे काम करते हैं?

कैसे काम करते हैं?

म्‍यूचुअल फंड की तरह ईटीएफ प्रतिभूतियों का एक समूह या बास्‍केट होता है. इस तरह के फंड शेयर बाजार के किसी इंडेक्स में शामिल कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं. इंडेक्स में सभी कंपनियों का जितना वजन होता है, स्कीम में उसी अनुपात में उनके शेयर खरीदे जाते हैं. इसका मतलब यह है कि ऐसे फंडों का प्रदर्शन उस इंडेक्स जैसा ही होता है, जिसको वे ट्रैक करते हैं. इस तरह इंडेक्स फंडों का पोर्टफोलियो उस इंडेक्स से मिलता-जुलता होता है जिसे वे ट्रैक करते हैं. इस तरह के इंडेक्‍स में निफ्टी या एसएंडपी बीएसई ईटीएफ की लागत क्या है? सेंसेक्‍स आदि शामिल हो सकते हैं.

ईटीएफ और म्‍यूचुअल फंड में क्‍या फर्क है?

ईटीएफ और म्‍यूचुअल फंड में क्‍या फर्क है?

ईटीएफ म्यूचुअल फंड जैसे होते हैं. लेकिन, दोनों में बड़ा अंतर यह है कि ईटीएफ को किसी शेयर की तरह स्टॉक एक्सचेंज से खरीदा या बेचा जा सकता है. यानी शेयर बाजारों में इनकी ट्रेडिंग होती है. जिस तरह आप शेयरों को खरीदते-बेचते हैं. ठीक वैसे ही आप एक्सचेंज के कारोबारी घंटों के दौरान ईटीएफ को भी खरीद-बेच सकते हैं. ईटीएफ की पेशकश पहले एनएफओ के रूप में होती है. फिर ये शेयर बाजार में लिस्ट होते हैं. ट्रेडिंग पोर्टल या स्टॉक ब्रोकर के जरिये शेयर बाजार पर ईटीएफ की खरीद-फरोख्त होती है.ईटीएफ की लागत क्या है?

कितने तरह के होते हैं?

क्या आप ईटीएफ में निवेश करना चाहते हैं? इसके फायदे और नुकसान जान लें

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  • ईटीएफ को शेयरों की तरह स्टॉक एक्सचेंज में खरीदा और बेचा जा सकता है।
  • इसकी कीमत शेयर बाजार के सत्र के दौरान ऊपर और नीचे जाती है।
  • ईटीएफ में लिक्विडटी अपेक्षाकृत कम होती है, जिससे इसे बेचने में मुश्किल आती है।

ईटीएफ में निवेश के फायदे
ईटीएफ को शेयर बाजार में रियल टाइम बेसिस पर खरीदा या बेचा जा सकता है। इसकी प्रबंधन लागत भी कम होती है। अगर आपके पास ट्रेडिंग अकाउंट है तो शेयर बाजार के सत्र के दौरान आप आसानी से शेयरों की तरह ईटीएफ खरीद और बेच सकते हैं। इसका एक्सपेंस रेशियो कम होता है। आप ईटीएफ की एक यूनिट भी खरीद सकते हैं। ईटीएफ निवेशक को एक सत्र में कीमत में होने वाले उतार-चढ़ाव का फायदा उठाने का मौका देता है। म्यूचुअल फंड में आपको यह मौका नहीं मिलता है। निफ्टी 50 ईटीएफ, गोल्ड ईटीएफ, लिक्विड ईटीएफ और इंटरनेशनल ईटीएफ कुछ मशहूर ईटीएफ के उदाहरण हैं।

एक्‍सचेंज ट्रेडेड फंड क्या है, इसमें निवेश कैसे फायदेमंद है?

ईटीएफ क्‍या है?

एक्‍सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ईटीएफ प्रतिभूतियों का बास्‍केट होता है. इसकी स्‍टॉक एक्‍सचेंज पर खरीद-फरोख्‍त हो सकती है. ईटीएफ की पेशकश इक्विटी, बॉन्‍ड या गोल्‍ड जैसे एसेट पर की जाती है. देश में कुछ लोकप्रिय ईटीएफ में निफ्टी50 ईटीएफ, गोल्‍ड ईटीएफ, लिक्विड ईटीएफ और इंटरनेशनल ईटीएफ शामिल हैं. ईटीएफ जिस मूल्‍य पर ट्रेड किए जाते हैं, यह उनके एसेट्स की एनएवी पर निर्भर करता है. इसका मतलब हुआ कि अगर ये गोल्‍ड ईटीएफ हैं तो इनका मूल्‍य सोने से और बॉन्‍ड ईटीएफ हैं तो बॉन्‍ड की कीमत से तय होता है. ईटीएफ जिस मूल्‍य पर ट्रेड किए जाते हैं, यह उनके एसेट्स की एनएवी पर निर्भर करता है. इसका मतलब हुआ कि अगर ये गोल्‍ड ईटीएफ हैं तो इनका मूल्‍य सोने से और बॉन्‍ड ईटीएफ हैं तो बॉन्‍ड की कीमत से तय होता है.

​एक्‍सचेंज ट्रेडेड फंड के क्‍या फायदे हैं?

इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इन्‍हें रियल टाइम में खरीदा और बेचा जा सकता है. इनमें निवेश की लागत कम होती है. एक बार ट्रेडिंग अकाउंट खुल जाने के बाद कारोबारी घंटों में इनकी आसानी से खरीद-फरोख्‍त हो सकती है. डीमैट अकाउंट का इस्‍तेमाल करके आप ऐसा कर सकते हैं. इनका एक्‍सपेंस रेशियो कम होता है. कम से कम एक यूनिट में निवेश किया जा सकता है. ईटीएफ निवेशकों को मार्केट में इंट्रा-डे मूवमेंट का फायदा उठाने का मौका देते हैं. ओपन-एंडेड फंडों के साथ यह मुमकिन नहीं है. चूंकि, फंड मैनेजर इन्‍हें सक्रिय तौर पर मैनेज नहीं करते हैं. इसलिए इनका कॉस्‍ट स्‍ट्रक्‍चर बहुत कम होता है. आप सिर्फ 0.05 से 0.10 फीसदी एक्‍सपेंस रेशियो में व्‍यापक इंडेक्‍स ईटीएफ खरीद और बेच सकते हैं.

​कब निवेशक ईटीएफ में पैसा लगाते हैं?

​कब निवेशक ईटीएफ में पैसा लगाते हैं?

जो निवेशक यह तय नहीं कर पाते हैं किस शेयर या सेगमेंट में अपना पैसा लगाएं, वे अक्‍सर इंडेक्‍स ईटीएफ में निवेश करते हैं. इसकी मदद से उन्‍हें निवेश को बनाए रखने में मदद मिलती है. अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर इनकी लोकप्रियता बढ़ने का कारण यह है कि इन्‍होंने हाल में सक्रिय रूप से प्रबंधित किए जाने वाले फंडों को पीछे छोड़ा है.

​क्‍या हैं नुकसान?

​क्‍या हैं नुकसान?

कुछ कम लोकप्रिय ईटीएफ में बहुत अधिक बोली हो सकती है जो आपका खरीद मूल्‍य बढ़ा दें या आपको बेचने के वक्‍त पर्याप्‍त लिक्विडिटी नहीं मुहैया कराएं. अगर आप ईटीएफ यूनिटों का बहुत कम हिस्‍सा खरीदते और बेचते हैं तो ब्रोकरेज और डीमैट चार्ज ज्‍यादा बैठ सकते हैं.

Web Title : what is exchange traded fund or etf, how investing is useful in it?
Hindi News from Economic Times, TIL Network

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