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बाजार का शोर

बाजार का शोर
दिल्ली का चोर बाजार

ये हैं इंडिया के फेमस चोर बाजार, जहां पर मिलता है सबकुछ

आज हम आपको देश के 5 ऐसे बड़े बाजारों के बारे में बता रहे हैं, जहां चोरी का सामान मिलता है। यहां चोरी के जूते, फोन, मोबाइल, गैजेट्स, ऑटो पार्ट्स से लेकर कार तक बेची जाती है। देश के इन चोर बाजार में चोरी की गाडी को मॉडिफाई करके बेचा जाता है।

यहां अपनी गाड़ी या बाइक खड़ी करना खतरे से खाली नहीं हैं। गलती से आप अपनी गाड़ी पार्क कर देंगे, तो हो सकता है कि उसके स्पेयर पार्ट्स चोर बाजार की दुकानों पर नजर आएं। जानते हैं देश के ऐसे बाजारों के बारे में…..

मुंबई चोर बाजार

मुंबई का चोर बाजार दक्षिणी मुंबई के मटन स्ट्रीट मोहम्मद अली रोड के पास है। ये मार्केट करीब 150 साल पुराना है। ये बाजार पहले ‘शोर बाजार’ के नाम से शुरू हुआ था क्योंकि यहां दुकानदार तेज आवाज लगाकर सामान बेचते थे, तो यहां काफी शोर रहता था। लेकिन अंग्रेज लोगों के ‘शोर’ को गलत बोलने के कारण इसका नाम ‘चोर’ बाजार पड़ गया।

मैगरा बाजार में चोरों का उत्पात, तीन दुकान से लाखों की चोरी

मैगरा बाजार में चोरों का उत्पात, तीन दुकान से लाखों की चोरी

प्रखंड के मैगरा बाजार में रविवार की रात बेखौफ चोरों ने एक साथ तीन दुकानों में चोरी की घटना को अंजाम दिया है। मैगरा थाना से महज पांच सौ गज दूर स्थित दो सगे भाइयों विक्की कुमार एवं मंटू कुमार की जेवर की दुकानों और सरफुद्दीन मियां की सिलाई दुकान को चोरों ने निशाना है। सेंधमारी करके दुकान रखी तिजोरी को तोड़कर एक लाख साठ हजार मूल्य के आभूषण ले गए। मंटू कुमार की ज्वेलरी दुकान में प्रवेश करके चोरों ने वहां रखे तिजोरी को भी तोड़ने का प्रयास किया परन्तु बाजार का शोर बाजार का शोर सफल नहीं हुए और दुकान के गल्ला में रखा लगभग पांच हज़ार चोर ले बाजार का शोर गए। इसी दुकान से सटे सरफुद्दीन मियां की सिलाई दुकान के दरवाजे को भी तोड़कर चोर पांच जोड़ी पैंट-शर्ट लेते गए। विक्की कुमार ने बताया कि जब वे सोमवार की सुबह दुकान खोलने आए तो चोरी की घटना की जानकारी हुई। पीड़ित दुकानदारों द्वारा मैगरा थाना को चोरी की इस घटना की लिखित जानकारी दी गई है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।

धनतेरस पर गुलजार हुए बाजार, दो दिन में करीब 45 हजार करोड़ का कारोबार

धनतेरस पर लोगों ने जमकर की जेब ढीली (सांकेतिक तस्वीर)

राम किंकर सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 23 अक्टूबर 2022,
  • (अपडेटेड 23 अक्टूबर 2022, 7:21 PM IST)

देशभर में पंचांग तिथि के अनुसार कल और आज दो दिन (22-23 अक्टूबर) धनतेरस का त्यौहार मनाया गया. जिसमें एक अनुमान के मुताबिक लगभग 45 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का व्यापार हुआ. जबकि ज्वेलरी व्यापार दो दिनों में लगभग 25 हजार करोड़ के आस-पास हुआ. इसके अलावा लगभग 20 हजार करोड़ का व्यापार ऑटोमोबाइल, कम्प्यूटर एवं कम्प्यूटर से संबंधित सामान, फर्नीचर, घर और ऑफिसों की साज-सज्जा के लिए जरूरी सामान, मिठाई एवं नमकीन, किचन का सामान, सभी प्रकार के बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल वस्तुओं में हुआ.

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कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री बाजार का शोर प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि कल और आज दो दिन देशभर के बाजारों में बाजार का शोर ग्राहकों की भारी भीड़ उमड़ी. माना जा रहा है कि दो साल कोरोना की वजह से बाजार से दूर रहने वाले ग्राहक अब फिर वापिस बाजार में पूरे जोर-शोर से आ गए हैं और इसीलिए कैट का यह अनुमान है की इस वर्ष दिवाली त्योहार की बिक्री का आंकड़ा 1 लाख 50 हजार करोड़ के पार होगा. इस बार यह भी देखा जा रहा है कि देशभर के बाजारों में भारतीय सामान को खरीदने पर जोर दिया जा रहा है, जिसके कारण चीन को इस वर्ष दिवाली से संबंधित सामान की 75 हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होगा.

फिर से गुलजार हुए बाजार

कैट के सहयोगी संगठन आल इंडिया ज्वेलर्स एवं गोल्डस्मिथ फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोरा ने बताया कि भारतीय स्वर्ण उद्योग कोरोना संकट से पूरी तरह उबर चुका है और भारत में सोने की मांग अपने उच्चतम स्तर पर आ गई है. आर्थिक गतिविधियों में जोरदार उछाल और उपभोक्ता मांग में सुधार के बाद जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की सोने की मांग में सालाना आधार पर घरेलू बाजार में 80% तक की बढ़ोतरी हुई है. अरोरा के मुताबिक 2021 के मुकाबले 2022 में भारत में स्वर्ण आयात में लगभग 11.72% की कमी आई है. पिछले वर्ष जहां भारत में पहली छमाही में 346.38 टन सोना आयात किया गया जो इस बार 308.78 टन रह गया, जिसकी भरपाई कोरोना काल से उत्पन्न संकट के रिजर्व स्टॉक से की गई. वहीं देशभर में बड़ी मात्रा में लोगो ने पुराने गहने देकर नए गहने बनवाए हैं और पिछले दो सालों के स्टॉक की भी बिक्री बड़ी मात्रा में हुई है.

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अब मान लेते हैं कि तीनों निवेशकों ने एक साथ जुलाई 1990 से सितंबर 2022 तक Nifty50 में हर महीने 10000 हजार रुपए निवेश किया था. इन तीनों द्वारा बाजार का शोर 30 साल से अधिक समय तक निवेश किया गया है. अब इन तीनों की स्थिति क्या होगी. तो इसका जवाब आसान है लकी निवेशक का निवेश किया हुआ पैसा सबसे अधिक होगा. वही दूसरे नंबर पर अनुशासित निवेशक होंगे. वहीं तीसरे नंबर पर अपने अनलकी निवेशक होंगे. पर यहां सोचने वाली बात यह है कि लकी निवेशक और अनुशासित निवेशक के 30 साल से अधिक इन्वेस्टमेंट के बाद दोनों के पोर्टफोलियो में या निवेश रिटर्न में कितना अंतर है.

दुर्गा पूजा उत्सव को लेकर बाजार में उमड़ी लोगों की भीड़

दुर्गा पूजा उत्सव को लेकर बाजार में उमड़ी लोगों की भीड़

- रेडिमेड कपड़ों की दुकानों में दिख रही ज्यादा भीड़.

दुर्गा पूजा को लेकर जिले भर में जोर-शोर से तैयारी में लोग जूट गए है। बाजार में कपड़ा, जूता, कॉसोमटिक की दुकानों में भीड़ लगी हुई है। जिला मुख्यालय के सभी दुकानों में ग्राहकों की होड़ लगी हुई है। शहर के हाटपाड़ा से लेकर गांधी चौंक तक सभी कपड़ों की दुकानों में ग्राहक कपड़ा खरीदारी करने में जुटे हैं। शहर के तीन से चार बड़े-बड़े मॉल में भी लोग फेंसी डिजाइन के कपड़ों की खरीदारी करने में जुट गया है। त्यौहार को देखते हुए लोग पहले से ही तैयारी में जुट गए है। बच्चे से लेकर बुड़े बुजुर्ग तक अपने-अपने मनपसंद कपड़ों की खरीदारी में लगे हुए हैं। कपड़ा दुकान के अलावे जूता-चप्पल के दुकानों में भी ग्राहक नये-नये डिजाइन के जूता-चप्पल खरीदारी कर रहे हैं। कॉस्मेटिक्स की दुकानों में महिलाएं साज-सज्जा के लिए विभिन्न तरह के सामानों की खरीदारी कर रही है। महिला फेंसी साड़ी, कुर्ती, लहंगा, लॉग ड्रेस के अलावे अन्य बाजार का शोर बाजार का शोर कपड़ों की खरीदारी कर रहे हैं, तो वहीं युवा वर्ग भी जिन्स, टी-शर्ट, शर्ट, पजामा-कुर्ता की खरीदारी कर रहे हैं। कृष्णा मार्केट स्थित कपड़ा दुकानदार तनवीर अंसारी ने बताया कि पूजा को देखते हुए ग्राहकों को लुभाने के लिए मन पंसद कपड़ा लाया गया है। जिसकी खरीददारी ग्राहकों द्वारा किया जा रहा है। इधर महेशपुर प्रतिनिधि के अनुसार हिंदुओं के महापर्व दुर्गा पूजा को लेकर महेशपुर प्रखंड मुख्यालय के बाजारों में लोगों की चहल-पहल बढ़ गई है। शनिवार को विभिन्न कपड़ों की दुकानों में दुर्गा पूजा को लेकर कपड़े की खरीदारी करने वाले महिला व पुरुष ग्राहकों की भीड़ देखी गई। दुर्गा पूजा को लेकर बाजार में अलग ही माहौल देखने को मिल रहा है। बच्चों में दुर्गा पूजा को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है। हालांकि पश्चिम बंगाल राज्य की सीमा से सटे होने के कारण प्रखंड क्षेत्र में दुर्गा पूजा पंडालों के पट मां के दर्शन के लिए षष्ठी व सप्तमी तिथि को खोले जाते हैं। यहां के पूजा में बंग्ला संस्कृति की छाप स्पष्ट रूप से दिखती है। उधर हिरणपुर प्रतिनिधि के अनुसार दुर्गा पूजा को लेकर बाजारों में पिछले एक सप्ताह पूर्व से ही हलचल बढ़ी है। लेकिन अब भीड़ काफी बढ़ गई है। खासकर रेडिमेड व जूता-चप्पल के दुकानों में खरीदारों की भीड़ उमड़ने लगी है। क्योंकि यहां षष्ठी से मां के कपाट खोले जाएंगे। इसलिए लोग इससे बाजार का शोर पहले ही खरीददारी का कार्य कर लेना चाहते हैं। रेडिमेड दुकानदार कपड़ों की आकर्षक डिजाइनों से ग्राहकों को लुभाने में लगे हैं। कई ग्राहकों ने बताया कि कपड़ों की कीमत में तो इस बार आग लगी है। लेकिन बच्चों के सामने वे विवश हैं। साथ ही विशेष पूजा के लिए महिलाएं साड़ी की खरीदारी कर रही है।

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