रणनीति चुनना

रुझान प्रकार

रुझान प्रकार
राजेन्द्र गुप्ता आज और कल का दिन खास
30 नवम्बर : नरसी मेहता की जयंती आज।
01 दिसंबर : विश्व एड्स दिवस कल।

रुझान प्रकार पूर्वानुमान

में विमानन मौसम विज्ञान , एक प्रवृत्ति प्रकार का पूर्वानुमान ( टीटीएफ ), भी बस एक के रूप में जाना प्रवृत्ति , एक है मौसम की भविष्यवाणी एक प्रमुख ही विभिन्न स्थानों पर एक व्यक्ति द्वारा लिखित हवाई अड्डे या सैन्य अड्डे । एक टीटीएफ दो घंटे की अवधि में मौसम के लिए एक पेशेवर रूप से माना जाने वाला पूर्वानुमान है, [1] और यह एक वास्तविक मौसम रिपोर्ट पर आधारित है, जैसे कि METAR या SPECI और इसके अंत में संलग्न है। [१] एक टीटीएफ एक टर्मिनल एयरोड्रम पूर्वानुमान, टीएएफ के समान या कभी-कभी इसके अतिरिक्त होता है , लेकिन टीटीएफ की वैधता अवधि के दौरान टीएएफ से बेहतर माना जाता है। [ उद्धरण वांछित ]

इस उदाहरण में METAR इंगित करता है इसे से है EGXE ( आरएएफ Leeming दिवस 6. अवलोकन इस प्रकार है पर 1150 यूटीसी पर) (देखें METAR , विवरण के लिए) के साथ ट्रेंड अवलोकन के अंत में जोड़ा।

रुझान TEMPO 6000 SHRA SCT020 WHT यानि 2000 फीट पर बिखरे हुए मध्यम बारिश के साथ 6 किमी दृश्यता में अस्थायी गिरावट, रंग राज्य सफेद पढ़ता है ।

  1. ^ बी "अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन पर कन्वेंशन के लिए अनुबंध 3 - अंतर्राष्ट्रीय हवाई नेविगेशन के लिए मौसम विज्ञान सेवा", सोलहवां संस्करण जुलाई 2007, पैरा 6.3.3, पृष्ठ। 6-2.

यह जलवायु विज्ञान / मौसम विज्ञान से संबंधित लेख एक आधार है । आप विकिपीडिया का विस्तार करके उसकी मदद कर सकते हैं ।

उड्डयन से संबंधित यह लेख एक आधार है । आप विकिपीडिया का विस्तार करके उसकी मदद कर सकते हैं ।

Digital Rupee: इस दिन आम लोगों के लिए लॉन्च किया जाएगा डिजिटल रुपया, RBI का बड़ा ऐलान

Digital Rupee: आगामी एक दिसंबर से आम लोगों के लिए डिजिटल करेंसी आर्थिक लेन देने के लिए बाजार में जा जाएंगे। अब तक जो लोग कागजी नोटों के जरिए आर्थिक लेन देन कर रहे हैं, वो आगामी दिनों में डिजिटल करेंसी के जरिए वित्तीय लेन देन कर सकेंगे। आरबीआई ने कहा कि डिजिटल मुद्रा उसी मूल्य वर्ग में लॉन्च किया जाएगा जिमसें कागजी मुद्रा है।

November 29, 2022

नई दिल्ली। बीते कुछ वर्षों से देशभर में डिजिटल क्रांति देखने को मिल रही है। लोगों का रुझान तेजी से डिजिटल की ओर बढ़ रहा है। पिछले कुछ वर्षों में लोगों के बीच में डिजिटल आकर्षण का केंद्र बनकर उभरा है। हर काम में डिजिटल की दखलअंदाजी देखने को मिली है। अब इसी कड़ी में डिजिटल रुझान प्रकार को लेकर आरबीआई ने बड़ा ऐलान किया है। आइए, अब आपको आगे इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।

RBI relaxes new current account norms deadline | Mint

आपको बता दें कि आगामी एक दिसंबर से आम लोगों के लिए डिजिटल करेंसी आर्थिक लेन देने के लिए बाजार में आ जाएंगे। अब तक जो लोग कागजी नोटों के जरिए आर्थिक लेन देन कर रहे हैं, वो आगामी दिनों में डिजिटल करेंसी के जरिए वित्तीय लेन देन कर सकेंगे। आरबीआई ने कहा कि डिजिटल मुद्रा उसी मूल्य वर्ग में लॉन्च किया जाएगा जिमसें कागजी मुद्रा है। यही नहीं, यह विधिक निविदाओं का प्रतिनिधित्व भी करेगा। बता दें कि इससे पहले आरबीआई ने 1 दिसंबर, 2022 को खुदरा डिजिटल रुपये का पहला पायलट लॉन्च करने का ऐलान किया है।

इससे पहले विगत 31 अक्टूबर 2022 को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसके बारे में बड़ा संकेत दिया था। ई-डिजिटल रुपया एक विधिक परिपत्र के बराबर है। इसकी कीमत उतनी ही होगी, जितनी की एक कागजी मुद्रा की होती है। आम ग्राहक इससे ठीक उसी प्रकार से आर्थिक लेन देन कर सकेगा जैसा कि कागजी मुद्रा से करते हैं। इस डिजिटल मुद्रा में भुगतान करने की प्रणाली विकसित की जा चुकी है।

HDFC Bank, Canara Bank Get RBI Approval for Rupee Trade with Russia

बता दें कि इसमें मर्चेंट् स्टोर पर लगे क्यूआर कोड का उपयोग करके आसानी से भुगतान किया जा रुझान प्रकार सकता है। ध्यान रहे कि व्यापारिक जगत में अभी इस डिजिटल मुद्रा की खूब चर्चा की जा रही है। माना जा रहा है कि इस डिजिटल युग में लोगों का इस ओर तेजी से रुझान बढ़ेगा। अब ऐसी स्थिति में यह देखना दिलचस्प रहेगा कि जब आगामी दिनों में यह मूर्त रूप लेगा तो लोगों का इस ओर क्या रुझान रहता है।

आज का राशिफल व पंचांग :30 नवम्बर, 2022, बुधवार

राजेन्द्र गुप्ता आज और कल का दिन खास
30 नवम्बर : नरसी मेहता की जयंती आज।
01 दिसंबर : विश्व एड्स दिवस कल।

आज का राशिफल
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30 नवम्बर, 2022, बुधवार
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मेष राशि : आज आपका दिमाग आज तेजी से काम करेगा। जिसका उपयोग आप भविष्य की योजनाएं बनाने में करेंगे। अगर आप केवल अपने लक्ष्यों पर ध्यान दें तो बाकी सब कुछ खुद ही योजनानुसार होता चला जाएगा। आज आप का राजनीतिक सम्मान बढ़ेगा। आप की लोकप्रियता में वृद्धि होगी।

वृषभ राशि : आज आपके व्यवहार को सराहा जाएगा। आज आपकी दोस्ती आपके मित्र के लिए बहुत लाभदायक सिद्ध होगी और भविष्य में वो भी आपकी मदद को तैयार रहेगा। आज आपका स्वास्थ्य स्थिर रहेगा। नौकरी में कार्यकुशलता का लाभ मिलेगा। रिश्तेदारों से तनाव और मतभेद होंगे। व्यापार, धंधे में अच्छे लाभ के योग हैं।

मिथुन राशि : आज आप रुझान प्रकार योजनाओं का भली-भांति अध्ययन करेंगे। नौकरी में सम्मान बढेगा। आपकी गैरहाजिरी में सभी काम ठीक से चलते रहेंगे। यात्रा आपको थकान और तनाव देगी लेकिन आर्थिक तौर पर फ़ायदेमंद साबित होगी। अपने जीवन में नकारात्मकता लाने वाले लोगों से दूर रहें।

कर्क राशि : आज कुछ कीमती सामान खोने का डर है। आज अपने जरूरी सामान को संभाल कर रखें। आज आपके आलस्य प्रगति में बाध्य रहेगा। वाद-विवाद करने से बचे। आर्थिक क्षेत्र में परेशानी होगी कारोबार मे निवेश करना फायदेमंद रहेगा। आज आपका जीवनसाथी आपकी सेहत के प्रति असंवेदनशील हो सकता है।

सिंह राशि : आज आप अपने काम से संबंधित यात्रा की तैयारी करेंगे। ये यात्रा आपको सफलता दिलाएगी। आज आप नई योजनाएं बनाएंगे। धन प्राप्ति संभव है। आज आप ऐसे लोगों से जुडऩे से बचें जो आपकी प्रतिष्ठा को आघात पहुँचा सकते हैं। काम-काज से तनाव बढेगा। आज आपका रुझान अध्यात्म की तरफ रहेगा।

कन्या राशि : आपका परिवार आपके लिए सहायता का स्त्रोत होगा। वो आपकी हर प्रकार से मदद करने को तैयार रहेंगे। आज आपको शुभ समाचार मिलेगा। व्यवसाय में लाभ होने की संभावना है। आज आपकी कलात्मक और रुझान प्रकार रचनात्मक क्षमता को काफ़ी सराहना मिलेगी। कार्य स्थल पर प्रमोशन या प्रशंसा मिलने के आसार हैं।

तुला राशि : अपना आत्म-विश्वास बनाए रखें इससे आप अपनी हर समस्या को हल कर लेंगे। आज आप भविष्य के प्रति चिंतित रहेंगे। स्वास्थ्य मैं लाभ होगा। व्यवसाय में उतार चढ़ाव बना रहेगा। गुस्सा आना स्वाभाविक है। लेकिन शांत रहना आपके फायदे में साबित होगा। आपकी योजनाओं में रुकावट पैदा होगीं।

वृश्चिक राशि : आपका रुझान अध्यात्म की ओर रहेगा आप अपनी जिंदगी में धर्म के महत्व को भी जानना चाहेंगे। इस राह पर चलने से आपको खुशी मिलेगी। आज आपके नौकरी में अधिकार बढ़ेंगे। आर्थिक क्षेत्र में परेशानी हो सकती है। वैवाहिक जीवन का आनन्द मिलेगा। जल्दबाजी में फैसले लेने से बचें।

धनु राशि : आज आप किसी सामाजिक समारोह में भाग ले सकते हैं। आज आपको कार्यों में सफलता मिलेगी। आपके लिए आय के नए स्त्रोत बनेंगे। आपकी व्यवसायिक स्थिति में सुधार होगा। आज आप कुछ नए लोगों से मिलेंगे काम में भी आप खुद को ज्यादा अच्छी तरह से स्थापित कर पाएंगे।

मकर राशि : आपके दोस्त आज आपके घर भी आ सकते हैं उनका दिल से स्वागत करें। उनसे मिल कर आपका तनाव बिल्कुल खत्म हो जाएगा। उनके साथ मिल कर आप अपनी पुरानी यादें ताजा करेंगे जिससे आपके बहुत खुशी होगी। आज आप के राजनैतिक क्षेत्र में असमंजसपूर्ण स्थिति बनी रहेगी।

कुम्भ राशि : आज आप अपनी जिंदगी में किसी ऐसे व्यक्ति के आने की उम्मीद कर सकते हैं, जो अच्छे के लिए आपके जीवन में बहुत कुछ बदल देगा। आज आपके साहस में वृद्धि होगी। आप के विरोधी शांत रहेंगे। शादी विवाह की वार्ता संभव है। नफऱत की भावना महंगी पड़ सकती है। गाड़ी चलाते समय सावधानी बरतें।

मीन राशि : आज आप जुबान पर काबू रखें वरना अपने प्रियजनों को रुझान प्रकार ठेस पहुंचा बैठेंगे। आज आपके परिश्रम से किए गए कार्य में सिद्धि होगी। नौकरी में आप का सम्मान बढेगा। आज आपकी लोकप्रियता में वृद्धि होगी। लंबी यात्रा करने से बचें। आज प्यार के मामले में सामाजिक बंधन तोड़ने से बचें।

आज का पंचांग
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30 नवम्बर 2022, बुधवार
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तिथि सप्तमी 09:00 AM
नक्षत्र धनिष्ठा 07:11 AM
शतभिषा 06:13 AM
करण वणिज 09:00 AM
विष्टि 08:08 PM
पक्ष शुक्ल
योग व्याघात 12:रुझान प्रकार रुझान प्रकार 00 PM
वार बुधवार
सूर्योदय 06:55 AM
सूर्यास्त 05:23 PM
चन्द्रमा कुम्भ
राहुकाल 12:09 – 01:28 PM
विक्रमी संवत् 2079
शक सम्वत 1944 (शुभकृत)
मास मार्गशीर्ष
शुभ मुहूर्त
अभीजित 11:48 – 12:30 PM

राजेन्द्र गुप्ता,
ज्योतिषी और हस्तरेखाविद
मो. 9611312076
नोट- अगर आप अपना भविष्य जानना रुझान प्रकार चाहते हैं तो ऊपर दिए गए मोबाइल नंबर पर कॉल करके या व्हाट्स एप पर मैसेज भेजकर पहले शर्तें जान लेवें, इसी के बाद अपनी बर्थ डिटेल और हैंडप्रिंट्स भेजें।

आगामी बजट में रियायतें खत्म करने की हो पहल

कोविड-19 महामारी का प्रभाव धीरे-धीरे कम होने के बाद यह पहला बजट होगा। महामारी ने बीते दो वर्षों में बजट निर्माण को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। परंतु ज्यादा अहम बात यह है कि 2023-24 का बजट उच्च मुद्रास्फीति, बेरोजगारी, बढ़ती ब्याज दरों और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण उत्पन्न भू-राजनीतिक संकट के हालात में पेश किया जाने वाला है। इस युद्ध ने न केवल कच्चे तेल की कीमतों और बाह्य खाते को प्रभावित किया है ब​ल्कि आ​र्थिक सुधार की गति पर भी असर डाला है।

अगला बजट तैयार करते समय सीतारमण को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? सरकार की वित्तीय ​स्थिति का आकलन इसमें उपयोगी साबित होगा ताकि उन कारकों का पता लगाया जा सके जिन्हें वित्त मंत्री को बजट प्रस्ताव बनाते समय ध्यान में रखना चाहिए। ऐसे कुछ कारकों की सूची इस प्रकार है।

कमजोर कर उत्प्लावकता (टैक्स बॉयंसी): चालू रुझान प्रकार वित्त वर्ष में कर राजस्व में अच्छी वृद्धि को लेकर वित्त मंत्रालय का उल्लास समझा जा सकता है। ऐसी खबरें हैं कि केंद्र सरकार का सकल कर संग्रह करीब 31 लाख करोड़ रुपये हो सकता है जो 2021-22 के 27 लाख करोड़ रुपये से करीब 15 प्रतिशत अ​धिक होगा। वर्ष 2022-23 की पहली छमाही में 13.92 लाख करोड़ रुपये के कर संग्रह का अनुमान है जो करीब 18 फीसदी की वृद्धि दर्शाता है।

ऐसे में पूरे वर्ष के कर संग्रह के अनुमान के मुताबिक दूसरी छमाही में इसमें कमी आ सकती है और पूरे वर्ष का अनुमान हकीकत के करीब हो सकता है। चूंकि वृद्धि का नेतृत्व प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह के करों की वृद्धि के हाथों में होगा इसलिए इस घटनाक्रम का सार्वजनिक वित्त पर सकारात्मक प्रभाव होगा, खासतौर पर राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करने के क्रम में।

परंतु कर राजस्व की मदद से भारतीय अर्थव्यवस्था के नॉमिनल आकार में कैसे सुधार होगा? अगर मान लिया जाए कि सकल कर संग्रह 2022-23 में 15 फीसदी बढ़कर 31 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा और अर्थव्यवस्था का आकार भी 15 फीसदी बढ़कर 272 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा और सकल घरेलू उत्पाद में इन करों की हिस्सेदारी करीब 11.4 फीसदी होगी। यह 2021-22 के रुझान प्रकार 11.44 फीसदी से आं​शिक रूप से कम है।

कर उत्प्लावकता की दर के इस वर्ष घटकर एक हो जाने का अनुमान है जबकि 2021-22 में यह 1.72 फीसदी थी। पिछली बार यह दर 1.7 फीसदी के स्तर पर नोटबंदी के पहले यानी 2015-16 में पहुंची थी उसके बाद लगातार तीन साल इसमें गिरावट आई और फिर कोविड का आगमन हो गया।

अगर सकल कर राजस्व में अच्छी वृद्धि के बावजूद कर-जीडीपी अनुपात नहीं बढ़ रहा है और कर में होने वाला इजाफा चालू वर्ष में कम हो रहा है तो केंद्रीय कर ढांचे में कुछ न कुछ कमी है जिसे दूर करना है। वित्त मंत्री को नया बजट तैयार करते समय इस पर ध्यान देना चाहिए।

ऐसे में व्य​क्तिगत आय कर दरों में कटौती की मांग सुनने के बजाय उन्हें कर प्रा​प्तियों में घटती तेजी के हवाले से व्यक्तिगत और कॉर्पोरेशन करों में कई रियायतों को समाप्त करना चाहिए। प्रभावी कराधान दर और नॉमिनल कराधान दर के बीच अभी भी काफी अ​धिक अंतर है और 2024 के चुनाव के पहले अंतिम बजट में कई रियायतों को समाप्त करना राजस्व बढ़ाने का बेहतर तरीका होगा।

व्यय गुणवत्ता: कर आधार और कर संग्रह को बढ़ाना आवश्यक है क्योंकि ​वित्त मंत्री को चुनाव के पहले व्यय बढ़ाना ही होगा। गत वर्ष उन्होंने सरकारी के कुल व्यय को जीडीपी के 16 फीसदी के भीतर सीमित करने में कामयाबी पाई थी। 2020-21 में यह जीडीपी के 18 फीसदी तक जा पहुंचा था। 2022-23 में उन्होंने इसे कम करके 15.3 फीसदी करने की योजना बनाई थी लेकिन इसमें कुछ विचलन दिख सकता है।

सरकार को व्यय की गुणवत्ता सुधारने पर ध्यान देना चाहिए। पूंजीगत व्यय पर जोर पहले ही अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर साबित हुआ है। जीडीपी में पूंजीगत व्यय की हिस्सेदारी बीते तीन वर्षों में 1.67 फीसदी से बढ़कर 2.55 फीसदी तक पहुंच चुकी है। चालू वर्ष में इसके बढ़कर 2.91 फीसदी हो जाने का अनुमान है।

यह पिछले रुझान के उलट है। जीडीपी में पूंजीगत व्यय की हिस्सेदारी 2003-04 के 3.84 फीसदी से कम होकर 2019-20 में 1.67 फीसदी रह गई थी। बीच के वर्षों में इसमें कुछ वा​र्षिक इजाफा हुआ। 2020-21 के बाद यह पूंजीगत व्यय में निरंतर उछाल की सबसे लंबी अव​धि है और इसे बरकरार रखा जाना चाहिए। अगर इसके लिए राजस्व व्यय में इजाफे में कटौती भी करनी पड़े तो वि​त्त मंत्री को ​इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।

पारद​र्शिता और विरूपण: सीतारमण ने बजट प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए जो कदम उठाए उनमें से एक था बजट से इतर सरकार की उधारी का उल्लेख जो वह अपने व्यय की पूर्ति के लिए लेती है। 2016-17 से ही ऐसी उधारी नियमित रूप से ली जा रही है लेकिन 2019-20 तक इस बात को स्वीकार नहीं किया जाता था। इन वजहों से बजट से इतर कुल उधारी 2016-17 के 79,167 करोड़ रुपये से बढ़कर 2018-19 में 1.62 लाख करोड़ रुपये हो गई।

सीतारमण ने न केवल इस लेनदेन को सामने लाना शुरू किया ब​ल्कि इसमें कमी लानी भी शुरू की। इस रा​शि में कमी आने लगी और 2019-20 के 1.48 लाख करोड़ रुपये से घटकर यह 2020-21 में 1.21 लाख करोड़ रुपये और 2021-22 में केवल 752 करोड़ रुपये रह गई। 2022-23 में ऐसी कोई उधारी नहीं थी। यह सराहनीय प्रयास था और वित्त मंत्री को सरकारी व्यय की पूर्ति के लिए ऐसे अस्पष्ट तरीकों से दूरी बनाए रखनी चाहिए।

2023-24 में सीतारमण उस विरूपण को समाप्त कर सकती हैं जो राज्यों की कीमत पर कर राजस्व जुटाने में दिखाई दिया है। उपकर और अ​धिभार जो राज्यों के साथ बांटे जाने वाले रुझान प्रकार फंड का हिस्सा नहीं हैं कुल कर संग्रह में उनकी ​साझेदारी 2019-20 के 8 फीसदी से बढ़कर 2020-21 में 10.5 फीसदी और 2021-22 में 18 फीसदी हो गई। 2022-23 में यह घटकर 16 फीसदी होगा लेकिन यह तय है कि राज्यों को केंद्रीय सकल कर राजस्व के ​इस भाग में कोई हिस्सा नहीं मिलता।

उपकर और अ​धिभार पर केंद्र की निर्भरता कम करने का प्रयास तत्काल शुरू होना चाहिए। इसके बजाय सरकार यह देख सकती है कि परिसंप​त्ति मुद्रीकरण से गैर कर राजस्व और प्रा​प्तियां कैसे बढ़ाई जा सकती हैं। राज्यों के साथ कम राजस्व साझेदारी का एक तरीका यह हो सकता रुझान प्रकार है कि गैर कर राजस्व में सुधार किया जाए।

ऐसा शुल्क और सेवा शुल्क बढ़ाकर किया जा सकता है। बीते दो वर्षों में गैर कर राजस्व जीडीपी का बमु​श्किल एक से 1.3 फीसदी रहा है। जबकि एक दशक पहले यह 2 फीसदी से अ​धिक रहता था। गैर कर राजस्व को राज्यों के साथ साझा नहीं किया जाता। उच्च उपकर और अ​धिभार संग्रह के भरोसे रहने के बजाय समझदारी यह होगी कि और अधिक गैर कर राजस्व जुटाया जाए।

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