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बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन

बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन

Cryptocurrency के लालच में 30 लोगों को लगा 45 लाख रुपये का चूना, फर्जी ऐप के जरिए हुए ठगी के शिकार

पुलिस का कहना है कि उन लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की जाएगी। जिन्होंने इस ऐप को डाउनलोड करने और मोटी कमाई का लालच देकर पैसे लगाने के लिए कहा था

क्रिप्टोकरेंसी का चलन आजकल काफी तेजी से बढ़ रहा है। इस डिजिटल करेंसी के बारे में बहुत से लोग अनजान होने चलते ठगी का शिकार भी हो रहे हैं। ऐसा ही एक मामला महाराष्ट्र के सोलापुर में आया है। सोलापुर में 30 से ज्यादा लोगों ने क्रिप्टो क्लाउडिंग ऐप (crypto cloud mining app) के जरिए निवेश किए थे। इसके बाद 45 लाख रुपये के ठगी (cheated) का शिकार हो गए हैं।

इस पूरे मामले में पुलिस का कहना है कि उन तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। जिन्होंने लोगों को ऐप डाउनलोड करने की सलाह दी थी। उन्हीं लोगों ने मोटी रकम का रिटर्न मिलने का लालच देकर पैसे लगाने के लिए कहा था।

30 से ज्यादा लोग हुए ठगी के शिकार

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एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि ठगी के शिकार लोगों में 3 लोग ज्वैलरी का काम करते हैं। अब तक बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन 30 से ज्यादा लोगों ने पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी की शिकायत की है। उन्होंने आगे कहा कि निवेशकों को सीसीएच क्लाउड माइनर ऐप (CCH Cloud Miner app) डाउनलोड करने के लिए कहा गया था। फिर उन्हें क्रिप्टो ट्रेडिंग ऐप के जरिए अपनी इंडियन करेंसी को डॉलर में बदलने के लिए कहा गया। इसके बाद उन्हें CCH Cloud Mining App में निवेश करने के लिए कहा गया। पुलिस अधिकारी ने आगे बताया कि कुछ निवेशकों को शुरुआती दौर में रिटर्न भी मिला।

शिकायत करने वालों ने लगाए ये आरोप

शिकायत करने वालों में राम जाधव का कहना है कि उसने 4.28 लाख रुपये निवेश किए थे। जाधव ने आरोप लगाया है कि अब यह ऐप बंद हो गया है और उन तीनों लोगों के ऑफिस भी बंद हो चुके हैं। फिलहाल पुलिस का कहना है कि इस मामले में जांच जारी है। हम भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) से जुड़ी धाराओं के तहत तीनों लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने की तैयारी में हैं।

जानिए क्या है क्लाउड माइनिंग

क्लाउड माइनिंग एक ऐसा मैकेनिज्म है। जिसके जरिए रेंटेंड क्लाउड कंप्यूटिंग पॉवर का इस्तेमाल करते हुए बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग की जा सकती है। इसके लिए रेंटेड क्लाउड कंप्यूटिंग पावर (rented cloud computing power) को इंस्टॉल करने की भी जरूरत नहीं होती है। इस कंप्यूटिंग पावर को संबंधित सॉफ्टवेयर पर सीधे चलाया जा सकता है। बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कई बार इस तरह की डिजिटल एसेट को लेकर अपनी चिंताएं व्यक्त की है।

Jitendra Singh

Jitendra Singh

First Published: Oct 12, 2022 9:13 AM

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Cryptocurrency: युवा निवेशक क्रिप्टो में जमकर लगा रहे है पैसा

आरबीआई ( Reserve bank of india ) बार-बार क्रिप्टो करेंसी ( crypto currency ) और इसके निवेशकों को आगाह कर रही हैं, लेकिन क्रिप्टों में पैसा लगाने वालों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही, निवेशक ( bitcoin currency) हैं कि लगातार क्रिप्टों में अपना निवेश बढ़ाते ही जा रहे हैं।

Cryptocurrency: युवा निवेशक क्रिप्टो में जमकर लगा रहे है पैसा

आरबीआई ( Reserve bank of india ) बार-बार क्रिप्टो करेंसी ( crypto currency ) और इसके निवेशकों को आगाह कर रही हैं, लेकिन क्रिप्टों में पैसा लगाने वालों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही, निवेशक ( bitcoin currency) हैं कि लगातार क्रिप्टों में अपना निवेश बढ़ाते ही जा रहे हैं। जयपुर में बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्टमेंट को लेकर होड़ सी मची है। यहीं कारण है वर्तमान में अब तक जयपुर में करीब एक लाख लोगों क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर चुके है और यह आंकड़ा प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। बात अगर पूरे भारत की करें तो करीब 2 करोड़ लोग भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर चुके है। जयपुर के एक लाख लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में करीब 150 करोड़ का निवेश कर रखा है।

युवाओं की पहली पसंद अब क्रिप्टो
करोड़पति युवाओं की पहली पसंद अब क्रिप्टो बन चुका है, अमेरिका में अधिकांश युवा करोड़पति अपना पैसा, क्रिप्टो करेंसी में ही लगा रहे हैं, दुनिया के कई और देशों में भी इसी तरह का चलन देखने को मिल रहा है, लेकिन कुछ देश इसे कानूनी मान्यता भी दे चुके हैं, जबकि भारत में अभी तक क्रिप्टो का भविष्य साफ नहीं है, बावजूद इसके, लोग इसमें बिना डर पैसा लगा रहे हैं।

क्रिप्टो के विरोध में आरबीआई हमेशा से
वैकल्पिक मुद्राओं को मान्यता देने के विरोध में आरबीआई हमेशा से अडिग रहा है। हालांकि केंद्रीय बैंक को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 2018 में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध को वापस लेने के लिए मजबूर किया गया, लेकिन इसने क्रिप्टोकरेंसी पर अपनी राय नहीं बदली है।

क्यों बना हुआ डर.
इसको कोई सरकार या कोई विनियामक अथॉरिटी इसे जारी नहीं करती है। इसके अलावा टैक्स, मनी लॉन्ड्रिंग, इनसोल्वेंसिंग कोड, पेमेंट सिस्टम, निजता और डाटा प्रोटेक्शन भी बड़ी चुनौतियां होंगी।

घोटालों की संख्या बढ़कर 3300 हुई
साल 2021 में क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में सक्रिय वित्तीय घोटालों की संख्या 2020 के 2052 के आंकड़े से बढ़कर 3300 हो गई है। दुनिया की लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी इथेरियम और बिटकॉइन के मूल्य में वृद्धि के साथ इनमें निवेश करने वाले निवेशकों के साथ घोटाले होने की वारदातों में भी इजाफा हुआ है।

क्रिप्टो करेंसी क्या है?
क्रिप्टो करेंसी किसी मुद्रा का एक डिजिटल रूप है। यह किसी सिक्के या नोट की तरह ठोस रूप में आपकी जेब में नहीं होता है। यह पूरी तरह से ऑनलाइन होती है और व्यापार के रूप में बिना किसी नियमों के इसके जरिए व्यापार होता है।

क्रिप्टो करेंसी को नियंत्रित करने के लिए कुछ नियम बनाने होंगे। इनकी प्रतियोगिता की कोई जरूरत नहीं है। क्रिप्टो करेंसी के सार्वजनिक और केंद्रीय बैंक साथ-साथ चल सकते हैं। पूरी दूनिया में इसका चलन बढ़ रहा है। अगर भारत में इसपर बैन लगता है, तो हम एक बार फिर डिजिटल रूप में दूनिया से पीछड़ जाएंगे।
आयुष अग्रवाल, एडवाइजर, क्रिप्टो

क्रिप्टो एक्सचेंज पॉइंट नो यॉर कस्टमर (केवाईसी) इक_ा करके इसकी लेन-देन सिर्फ बैंक अकाउंट के जरिए कर सकते हैं। इस तरीके से कुछ बुरे तत्व इसका लाभ नहीं उठा पाएंगे, क्योंकि ब्लॉकचेन तकनीक में यह सार्वजनिक पारदर्शिता की व्यवस्था कर पाएगा।
अशोक जालान, विशेषज्ञ, इक्विटी बाजार

Cryptocurrency: क्यूबा के लाखों लोग इस्तेमाल कर रहें क्रिप्टोकरेंसी, जानिए अफ्रीका में क्यों बढ़ रहा चलन

Cryptocurrency in Cuba : अमेरिका की ओर से क्यूबा पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों के कारण देश में एक लाख से अधिक लोग पेमेंट देने के लिए अब क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल कर रहे हैं।

Bishwajeet Kumar

Cryptocurrency

Cryptocurrency (Image Credit : Social Media)

Cryptocurrency in Africa : दुनिया के कई देशों में आज क्रिप्टोकरेंसी का चलन बढ़ता जा रहा है। हाल के कुछ सालों में कई देशों ने दूसरे देशों पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। इन आर्थिक प्रतिबंधों के दौर से जूझ रहे देश अब अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाए रखने के लिए क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के उपयोग के तरफ बढ़ रहे हैं। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग को लेकर अफ्रीकी देशों में झुकाव काफी ज्यादा बढ़ा है।

अफ्रीका में बढ़ा क्रिप्टोकरेंसी का चलन

अफ्रीकी देशों में हाल के कुछ वक्त में क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) और इथीरियम (Ethereum) का उपयोग तेजी से बढ़ता देखा जा रहा है। क्यूबा के सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी की ओर से यह ऐलान किया गया है कि बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन जल्द ही देश में वर्चुअल असेट सर्विस प्रोवाइडर के लिए लाइसेंस जारी किया जाएगा।

इन हिस्सों में क्यों बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलना

अफ्रीकी देशों में क्रिप्टोकरेंसी के चलन में इजाफे का कारण सबसे बड़ा कारण अमेरिका द्वारा क्यूबा पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंध को माना जा रहा है। बता दें क्यूबा पर अमेरिका द्वारा लगाए गए आर्थिक प्रतिबंध के कारण क्यूबा का कोई भी नागरिक डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नहीं किया जा सकता है। जिसके कारण यहां के लोग दिन पर दिन क्रिप्टो करेंसी के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रहे हैं।

अमेरिका द्वारा क्यूबा पर लगाए गए प्रतिबंधों की ओर गौर करें तो क्यूबा के नागरिक यहां डेबिट और क्रेडिट कार्ड के अलावा Zelle, Revolut और Paypal जैसे पेमेंट सर्विसेज भी नहीं उपयोग कर सकते हैं। हालांकि यह सभी सुविधाएं क्यूबा में फिलहाल बहुत ज्यादा चलन में भी नहीं आई है क्योंकि क्यूबा में साल 2019 के अंत में पहली बार इंटरनेट सर्विस पहुंचा है। इन्हीं सभी प्रतिबंधों के कारण दक्षिण अफ्रीका के क्षेत्र में लोग क्रिप्टोकरेंसी को पेमेंट ऑप्शन के तौर पर देख कर रहे हैं।

क्यूबा में क्रिप्टोकरेंसी उपयोग करने वालों की संख्या 1 लाख से अधिक

अमेरिका द्वारा क्यूबा पर बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों के कारण क्यूबा में एक लाख से अधिक नागरिक वर्तमान में पेमेंट देने के लिए क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल कर रहे हैं। बता दें एक ओर जहाँ क्यूबा सरकार फिलहाल इन बातों पर चर्चा कर रही है कि देश में क्रिप्टो करेंसी को लीगलाइज करना सही होगा या नहीं, वहीं दूसरी ओर क्यूबा का सेंट्रल बैंक जल्द ही क्रिप्टोकरेंसी प्रोवाइडर के लिए लाइसेंस जारी शुरू कर सकता है।

चाय का पेमेंट लेते हैं क्रिप्टोकरेंसी में, ख़ुद को बताते हैं क्रिप्टो की दुनिया का 'राकेश झुनझुनवाला'

चाय का पेमेंट लेते हैं क्रिप्टोकरेंसी में, ख़ुद को बताते हैं क्रिप्टो की दुनिया का 'राकेश झुनझुनवाला'

दुनियाभर में यूं तो क्रिप्टोकरेंसी को लेकर संशय बना हुआ है लेकिन इसका चलन भी दिन-ब-दिन बढ़ रहा है. हाल ही में देश की स्टार्टअप नगरी बेंगलुरु में एक कॉलेज ड्रॉपआउट के कारनामे ने सब का ध्यान खींचा है. शुभम सैनी नाम के युवा ने The Frustrated Drop Out नाम से चाय की दुकान शुरू की है. दिलचस्प बात ये है कि आप यहां चाय पीने के बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन बाद, पेमेंट क्रिप्टोकरेंसी में भी कर सकते हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 22 वर्षीय शुभम सैनी ने अपनी चाय की स्टाल पर क्रिप्टोकरेंसी को पेमेंट के तौर पर स्वीकार करना शुरू कर दिया. यह तब हुआ, जब ग्राहकों ने खुद बिटकॉइन जरिए चाय का पेमेंट करने की पेशकश की.

ग्राहकों के इस तरीके ने शुभम सैनी को भी हैरान कर दिया. क्योंकि वह खुद क्रिप्टोकरेंसी के प्रति उत्साही हैं. सैनी ने बताया कि, "कोई भी ग्राहक जो भुगतान करना चाहता है, उसे यूपीआई की तरह ही क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा, INR को डॉलर में बदलना होगा और फिर क्रिप्टो में भुगतान करना होगा."

शुभम सैनी हरियाणा के रेवाड़ी से नौकरी की तलाश में बेंगलुरु पहुंचे और यहां उन्हें क्रिप्टो मार्केट के बारे में जाना. 2020 में बाजार में 60 प्रतिशत की गिरावट आई, कई अन्य निवेशकों की तरह सैनी ने अपनी सारी पॉकेट मनी क्रिप्टोकरेंसी खरीदने में लगा दी. उन्होंने कहा, "मैंने 1.5 लाख रुपये का निवेश किया था और कुछ ही महीनों में मैंने अपने पोर्टफोलियो में 1000 फीसदी का उछाल देखा. जल्द ही मेरा क्रिप्टो वॉलेट बढ़कर 30 लाख रुपये हो गया. यह मेरे लिए एक बड़ी बात थी."

इतना अच्छा मुनाफा देखते हुए, उन्होंने माता-पिता से पैसे मांगना बंद कर दिया, यहां तक ​​कि अपने कॉलेज की फीस भी खुद ही भरने लगे और एक शानदार जीवन जीने लगे. इसके साथ ही उन्होंने आखिरी सेमेस्टर में कॉलेज छोड़ दिया और क्रिप्टो ट्रेडिंग में पूरी तरह से डूब गए.

शुभम बिट्कॉइन में ट्रेडिंग के बाद जमीन से आसमान को छूने और फिर जमीन पर गिरने की अपनी कहानी भी बताते हैं.

हालांकि, अगले साल जैसे ही बाजार नीचे आया, सैनी के क्रिप्टो पोर्टफोलियो में 90% की गिरावट आई. उन्होंने बताया, "मैं वापस वहीं आ गया, जहां से मैंने शुरू किया था. 30 लाख रुपए से सीधा 1 लाख रुपए पर. मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि एक रात, मेरे जीवन में इतना कुछ बदल सकती है."

उन्होंने आगे कहा, "अब यह स्वाभिमान की बात थी. जैसा कि मैंने तेजी से पैसा बनाने के लिए ऑनलाइन साधन खोजे, अब कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था."

इस घटना ने शुभम को कुछ और करने के लिए मजबूर कर दिया. शुभम को अपना आईफोन बेचना पड़ा. अपने घर वालों से उन्होंने पैसे नहीं लिए. इसके बाद माराथल्ली में चाय का स्टॉल खोला और इसके बाद P2P पेमेंट प्लेटफॉर्म का आइडिया आया. जब ग्राहकों बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन ने पहली बार बिटकॉइन के जरिए अपनी चाय की कीमत चुकाने की कोशिश की, तो वह हैरान भी था और परेशान भी. चाय जैसी साधारण चीज़ खरीदने के लिए क्रिप्टो का इस्तेमाल करने की लोकप्रियता ने उनके इस काम को बढ़ने में मदद की है. सैनी का दावा है कि औसतन, हर हफ्ते कम से कम 20 नए ग्राहक अपनी पेमेंट क्रिप्टोकरेंसी में करते हैं. उन्होंने बताया है कि वह क्रिप्टो पेमेंट लेने के लिए पैक्सफुल क्रिप्टो प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें लगने लगा कि वे क्रिप्टो की दुनिया के अगले राकेश झुनझुनवाला हैं. क्रिप्टो ने फिर से शुभम की जिंदगी बदलकर रख दी है.

आपको बता दें कि इससे पहले 26 साल के मैकेनिकल इंजीनियर तैयब शफीक ने ब्रिटेन का पहला ऐसा कैफे लॉन्च किया था जो 7 तरह की क्रिप्टोकरेंसी में पेमेंट एक्सेप्ट करता है. इस कैफे का नाम चाय अड्डा है. बिटकॉइन और इथेरियम जैसे बड़े कॉइन की बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन गैस फीस और ट्रांजैक्शन फीस को कम करने के लिए, तैयब अपने ग्राहकों को रिपल, लाइटकॉइन, डॉजकॉइन और शीबाइनू में भी पेमेंट का ऑप्शन देते हैं।

शफीक ने बताया कि क्रिप्टोकरेंसी में पेमेंट एक्सेप्ट करने के लिए उन्होंने एक ऐप डेवलप कराया है. उन्होंने कहा, डिजिटल करेंसी अपने डिसेंट्रेलाइज्ड नेचर के कारण फ्यूचर की करेंसी है. आने वाले दिनों में विभिन्न ब्रांड और आउटलेट भी डिजिटल करेंसी अपनाएंगे.

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