खुदरा विदेशी मुद्रा बाजार में बोली

#WATCH | CISF surveillance & intelligence staff of T-3, IGI Airport Delhi, noticed suspicious activities of a passenger who had to travel to Dubai. On checking his bag, 40,500 Saudi Riyals worth Rs 8.5 lakh were recovered.He couldn't produce valid documents for the same: CISF PRO pic.twitter.com/3AM82LONI9— ANI (@ANI) November 10, 2022
शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले लगभग सपाट खुला रुपया
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 79.55 पर मजबूत खुला लेकिन बाद में घरेलू मुद्रा ने 79.53 से 79.60 के दायरे में कारोबार किया। रुपया शुरुआती सौदों खुदरा विदेशी मुद्रा बाजार में बोली में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 79.58 पर कारोबार कर रहा था जो पिछले बंद भाव के मुकाबले एक पैसे की बढ़त को दर्शाता है।
रुपया पिछले सत्र में डॉलर के मुकाबले 79.59 के अपने नए निचले स्तर पर बंद हुआ था।
इस खुदरा विदेशी मुद्रा बाजार में बोली बीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.12 प्रतिशत बढ़कर 108.20 पर पहुंच गया।
वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा 0.29 प्रतिशत की बढ़त के साथ 99.78 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था।
शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को शुद्ध रूप से 1,565.68 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
Retail Inflation Data : महंगाई के मोर्चे पर अच्छी ख़बर, अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर 6.77 फीसदी रही
महंगाई के मोर्चे पर अच्छी ख़बर है. Retail Inflation सितम्बर महीने के मुकाबले अक्टूबर में घट गई है. अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर 6.77 फीसदी रही है.
By: ABP Live | Updated at : 14 Nov 2022 06:40 PM (IST)
Retail Inflation Data : देश में महंगाई के मोर्चे पर अच्छी ख़बर सामने आ रही है. खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation) में सितम्बर के मुकाबले अक्टूबर में घटी है. अक्तूबर माह में खुदरा महंगाई दर 3 महीने के निचले स्तर 6.77 प्रतिशत पर आ गई है. हालांकि यह सितंबर महीने में 5 महीने के उच्चतम स्तर 7.41 प्रतिशत से कम है.
थोक महंगाई में राहत
वहीं, थोक महंगाई के मोर्चे पर भी बड़ी राहत मिली है. वाणिज्य मंत्रालय ने थोक महंगाई का आंकड़ा पेश किया. इसमें पिछले 19 महीने में थोक महंगाई में बड़ी गिरावट देखी है और यह एक अंक में पहुंच गई है. आंकड़े के अनुसार, अक्टूबर माह में थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर घटकर 8.39 प्रतिशत पर आ गई है. सितंबर में यह 10.7 प्रतिशत पर थी. सितंबर में थोक महंगाई दोहरे अंक में थी, लेकिन अक्टूबर में गिरकर एक अंक में आ गई है.
ये है वजह
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खुदरा महंगाई दर के सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार यह गिरावट खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी के कारण आई है. इस गिरावट के बावजूद अक्तूबर में खुदरा महंगाई दर 2 से 6 खुदरा विदेशी मुद्रा बाजार में बोली प्रतिशत के बीच के आरबीआई के टारगेट बैंड से ऊपर रही है. इस साल हर महीने महंगाई दर RBI के बैंड खुदरा विदेशी मुद्रा बाजार में बोली से ऊपर ही रही है. सूत्रों के अनुसार सप्लाई चेन में भी रुकावटें देखने को मिलीं, जिसके पीछे भू-राजनीतिक कारणों और कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोतरी को माना जा रहा है. इससे महंगाई पर दबाव बढ़ा. वहीं, अक्टूबर के लिए खाने की चीजों की महंगाई 7.01 फीसदी रही है, जो पिछले महीने 8.6 फीसदी पर मौजूद थी.
क्या रही है RBI की रेपो रेट
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अपनी नीतिगत दरों की घोषणा के लिए खुदरा महंगाई की दर को एक पैमाने के रूप में लेती है. अनुमान है कि यह 7 फीसदी से कम रह सकती है. इसी खुदरा महंगाई दर के आधार पर रिजर्व बैंक रेपो रेट का ऐलान करता है. मई से सितंबर तक रिजर्व बैंक ने रेपो रेट 1.90 बेसिस पॉइंट तक का इजाफा किया है. अभी रेपो रेट 5.90 परसेंट है जो कि खुदरा महंगाई दर पर आधारित खुदरा विदेशी मुद्रा बाजार में बोली है. रेपो रेट में बढ़ोतरी इसलिए देखी जा रही है, क्योंकि खुदरा महंगाई रिजर्व बैंक के टोलरेंस रेट 6 फीसदी से खुदरा विदेशी मुद्रा बाजार में बोली ऊपर चल रही है.
क्या है CPI आधारित महंगाई
कंज्यूमर प्राइस इंडैक्स (CPI) पर आधारित महंगाई सामान और सेवाओं की खुदरा कीमतों में बदलाव को ट्रैक करती है, जिन्हें परिवार अपने रोजाना इस्तेमाल के लिए खरीदते हैं. महंगाई को मापने के लिए, अनुमान लगाया जाता है कि पिछले साल की समान अवधि के दौरान सीपीआई में कितने फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
ग्रामीण, शहरी आंकड़े होते हैं तैयार
RBI देश की अर्थव्यवस्था में कीमतों में स्थिरता रखने के लिए इस आंकड़े को देखता है. CPI में एक विशेष कमोडिटी के लिए रिटेल कीमतों को देखा जा सकता है. इन्हें ग्रामीण, शहरी और पूरे भारत के स्तर पर देखा जाता है. एक समयावधि के अंदर प्राइस इंडेक्स में बदलाव को सीपीआई आधारित महंगाई या फिर खुदरा महंगाई भी कहा जाता है.
सितंबर में 7.41 फीसदी रही
सितंबर महीने में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 7.41 फीसदी पर जा पहुंची है. अगस्त में 7 फीसदी और जुलाई में खुदरा महंगाई दर 6.71 फीसदी रही थी. एक वर्ष पूर्व सितंबर 2021 में खुदरा महंगाई दर 4.35 फीसदी रही थी. खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर में भी उछाल देखने को मिला है. सितंबर महीने में खाद्य महंगाई दर 8.60 फीसदी पर जा पहुंचा है जो अगस्त में 7.62 फीसदी था. सितंबर महीने में महीने में शहरी और ग्रामीण दोनों ही इलाकों में खाद्य महंगाई दर में उछाल आया है.
Published at : 14 Nov 2022 06:09 PM (IST) Tags: inflation food inflation repo rate consumer price index RBI Vegetables Price Rise Retail inflation Data हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
Delhi IGI Airport: एयरपोर्ट पर CISF ने यात्री के बैग से बरामद की विदेशी मुद्रा, दुबई जाने की कर रहा था तैयारी
राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (IGI Airport Delhi) के टी-3 पर सीआईएसएफ (CISF) और खुफिया अधिकारियों ने एक यात्री के पास से विदेशी मुद्रा (Foreign Currency) बरामद की है। जिसकी भारतीय मुद्रा में कीमत 8.5 लाख रुपये है। इसका वीडियो भी सामने आया है।
नई दिल्ली, एजेंसी। राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (IGI Airport Delhi) के टी-3 पर सीआईएसएफ (CISF) और खुफिया अधिकारियों ने एक यात्री के पास से विदेशी मुद्रा (Foreign Currency) बरामद की है। जिसकी भारतीय मुद्रा में कीमत 8.5 लाख रुपये है। इसका वीडियो भी सामने आया है।
सीआईएसएफ के पीआरओ ने बताया कि टर्मिनल-3 पर सीआईएसएफ निगरानी और खुफिया अधिकारियों ने एक यात्री की संदिग्ध गतिविधियों को देखकर उसे रोक लिया। व्यक्ति को दुबई जाना था। उसके बैग की जांच करने पर, 8.5 लाख रुपये मूल्य के 40,500 सऊदी रियाल बरामद किए गए। व्यक्ति करेंसी के वैध दस्तावेज पेश नहीं कर सका।
#WATCH | CISF surveillance & intelligence staff of T-3, IGI Airport Delhi, noticed suspicious activities of a passenger who had to travel to Dubai. On checking his bag, 40,500 Saudi Riyals worth Rs 8.5 lakh were recovered.He couldn't produce valid documents for the same: CISF PRO pic.twitter.com/3AM82LONI9
— ANI (@ANI) November 10, 2022
खुदरा विदेशी मुद्रा बाजार में बोली
अमेरिकी ट्रेजरी विभाग (अमेरिकी वित्त मंत्रालय) ने 11 नवंबर 2022 को इटली, मैक्सिको, थाईलैंड और वियतनाम के साथ भारत को अपनी मुद्रा निगरानी सूची से हटा दिया है।
ट्रेजरी विभाग ने कांग्रेस को अपनी द्विवार्षिक रिपोर्ट के अनुसार चीन, जापान, कोरिया, जर्मनी, मलेशिया, सिंगापुर और ताइवान सात अर्थव्यवस्थाएं हैं जो अभी भी मुद्रा निगरानी सूची का हिस्सा हैं।
भारत को खुदरा विदेशी मुद्रा बाजार में बोली पहली बार 2018 में मुद्रा निगरानी सूची में रखा गया था और बाद में उसे इस सूची से हटा दिया गया था, लेकिन अप्रैल 2021 में इसे फिर से सूची में डाल दिया गया था ।
ट्रेजरी विभाग के रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन देशों को सूची से हटा दिया गया है, वे लगातार दो रिपोर्टों में , तीन मानदंडों में से केवल एक को पूरा कर पाए हैं।
मुद्रा निगरानी सूची क्या है?
संयुक्त राज्य अमेरिका के 2015 के अधिनियम के तहत ट्रेजरी विभाग को संयुक्त राज्य अमेरिका के कांग्रेस (अमेरिकी संसद) को एक अर्ध-वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होती है।
इस रिपोर्ट में उन संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रमुख व्यापारिक भागीदारों का उल्लेख किया जाता है जो जान - बूझकर अपने मुद्रा की कीमत काम रखते हैं ताकि व्यापार में उनको अनुचित लाभ मिले।
मुद्रा हेरफेर का मतलब है कि देश जानबूझकर अपने प्रतिस्पर्धियों की तुलना में अपनी मुद्रा का मूल्य कम रखता है ताकि उसके निर्यात किए गए सामान की कीमत कम रखी जा सके और इसलिए उसके निर्यात को बढ़ावा मिल सके।
2015 के अधिनियम में तीन मानदंडों में से दो को पूरा करने वाली अर्थव्यवस्था को निगरानी सूची में रखा गया है। ये मानदंड इस प्रकार हैं:
- उस देश का संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ एक बड़ा व्यापार अधिशेष होगा।
- वह देश लगातार विदेशी मुद्रा बाजार में 12 महीनों में से कम से कम छह महीनों में विदेशी मुद्रा की खरीद करता हो और विदेशी मुद्रा की शुद्ध खरीद देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 2% से अधिक हो। खुदरा विदेशी मुद्रा बाजार में बोली
- देश का चालू खाता अधिशेष सकल घरेलू उत्पाद का कम से कम 3% हो।
2. 2030 तक 2 ट्रिलियन डॉलर के निर्यात लक्ष्य को पूरा करेगा भारत: पीयूष गोयल
16 अक्टूबर 2022 को चेन्नई में आयोजित एक्सपोर्टर्स कॉन्क्लेव में बोलते हुए, केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत वस्तुओं और सेवाओं के 2 ट्रिलियन अमरीकी डालर,निर्यात लक्ष्य को 2030 तक प्राप्त कर लेगा।
2021-22 में भारत का कुल निर्यात 671.81 अरबडॉलर था। भारत ने 2021-22 में 417.81 अरब डॉलर के सामान का निर्यात किया और 2021-22 में सेवा क्षेत्र का निर्यात 254 अरब डॉलर था।
चालू वित्त वर्ष में पहले छह महीनों (अप्रैल-सितंबर 2022) में भारत से माल का निर्यात 229.05 अरब डॉलर था।
पीयूष गोयल ने यह भी कहा कि 2047 तक, देश 30 ट्रिलियन अमरीकी डालर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा और निर्यात का हिस्सा 25 प्रतिशत होगा ।
2021-22 में, देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में निर्यात का हिस्सा 21.4% था ।भारत के कुल जीडीपी में निर्यात किए गए माल का हिस्सा 2021-22 में 13.3% था जबकि सेवा क्षेत्र का हिस्साका 8.1% था।
एक्सपोर्ट कॉन्क्लेव का आयोजन भारतीय निर्यात संगठन का संघ (फियो) द्वारा किया गया था।
भारतीय निर्यात संगठन का संघ (फियो)
इसकी स्थापना 1965 में केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय द्वारा भारत में एक शीर्ष निर्यात प्रोत्साहन निकाय के रूप में की गई थी।
यह भारत से निर्यात को बढ़ावा देने में लगे सभी हितधारकों को एक साथ लाने और समन्वय करने के लिए काम करता है।
यह भारत के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समुदाय औरकेंद्र , राज्य सरकारों, वित्तीय संस्थानों, बंदरगाहों, रेलवे, भूतल परिवहन और निर्यात व्यापार सुविधा में लगे सभी के बीच महत्वपूर्ण इंटरफेस प्रदान करता है
मुख्यालय: नई दिल्ली
फियो के अध्यक्ष: डॉ ए शक्तिवेली
3. वित्तीय वर्ष 2022-23 के पहले छह महीनों में भारतीय व्यापारिक वस्तुओं के निर्यात में 15.54% की वृद्धि दर्ज की गई
केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय द्वारा 3 अक्टूबर 2022 को जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 के पहले छह महीनों (अप्रैल-सितंबर) में भारत से भारतीय माल का निर्यात $ 229.05 बिलियन था। इसने पिछले वर्ष की समान खुदरा विदेशी मुद्रा बाजार में बोली अवधि की तुलना में 15.54% की वृद्धि दर्ज की।
वित्तीय वर्ष 2022-23 के पहले महीनों (अप्रैल-सितंबर) के दौरान व्यापारिक वस्तुओं का आयात $ 378.53 बिलियन था, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 37.89% की वृद्धि
वित्त वर्ष 2022-23 के खुदरा विदेशी मुद्रा बाजार में बोली पहले छह महीनों (अप्रैल-सितंबर) में व्यापार घाटा (आयात-निर्यात) 149.47 अरब डॉलर था।
2021-22 में माल निर्यात और आयात
पिछले वर्ष की तुलना में 43.18% की वृद्धि दर के साथ 2021-23 में भारत से कुल व्यापारिक माल निर्यात 417.81 अरब डॉलर का रिकॉर्ड था।
2021-22 में भारत का माल आयात पिछले वर्ष की तुलना में 54.71% की वृद्धि के साथ $610.22 बिलियन था।
वित्तीय वर्ष 2022-23 के पहले छह महीनों (अप्रैल-सितंबर) के दौरान भारत से शीर्ष निर्यात किए गए सामान ।
सभी आंकड़े मिलियन डॉलर (1 मिलियन = 10 लाख) हैं ।
खुदरा विदेशी मुद्रा बाजार में बोली
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