फुल सर्विस ब्रोकर क्या है

स्टॉक ब्रोकर क्या होता है Stock broker meaning in hindi
stock broker meaning in hindi शेयर मार्किट में शेयर खरीदने और बेचने के लिए सेवाए प्रदान करने वाले व्यक्ति, संस्थाए या फर्म को स्टॉक ब्रोकर कहते है| ये व्यक्ति संस्थाए, या फर्म इसके लिए शुल्क वसूल करती है जिसे ब्रोकरेज कहा जाता है| ब्रोकर की रोजी रोटी ब्रोकरेज मतलब दलाली से चलती है|ब्रोकर क्या होता है और ब्रोकर किस प्रकार की सेवाए प्रदान करता है इनके बारे में हम विस्तार से जानने वाले है|
stock broker meaning in hindi आर्टिकल में आप जानेंगे की जब आप शेयर को खरीदने और बेचने के लिए कोई आर्डर प्लेस करते है तो वो शेयर मार्किट के पास पंहुचाने का काम कौन करता है| आपको शेयर खरीदने हो या म्यूच्यूअल फंड्स आपको ब्रोकर की जरुरत पड़ेगी| वो चाहे व्यक्ति हो संस्था हो या कोई फर्म हो.
आसान शब्दों में कहे तो आप के सौदों को शेयर मार्किट तक पंहुचाने का कार्य स्टॉक ब्रोकर करते है. stock broker in hindi आर्टिकल में अब हम डिटेल में जानते है|
stock broker meaning in hindi (फुल सर्विस ब्रोकर क्या है स्टॉक ब्रोकर क्या होता है)
Table of Contents
शेयर मार्किट में शेयर खरीदने के लिए स्टॉक ब्रोकर एक माध्यम होता है| आप शेयर मार्किट से डायरेक्ट शेयर खरीद नहीं सकते| शेयर मार्किट से शेयर खरीदने के लिए आपके पास Demat Account और Trading Account होना चाहिए| डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करने का काम ब्रोकर करते है| ये ब्रोकर NSDL और CDSL से जुड़े DP के साथ कनेक्टेड होते है|
शेयर मार्केट जब आप शेयर खरीदने और बेचने के लिए आर्डर प्लेस करते है तो ट्रेडिंग अकाउंट के जरिये ये ब्रोकर के पास जाता है और ब्रोकर के थ्रू ये आर्डर शेयर मार्किट के सर्वर पर पंहुचता है| आपके आर्डर को शेयर मार्किट तक पंहुचाने का काम ये ब्रोकर करते है|
ब्रोकर शेयर मार्किट की रीढ़ की हड्डी के समान है इनके बिना शेयर मार्किट को चलाना कठिन है| दुसरे शब्दों में कहे तो शेयर मार्किट के विकास में ब्रोकर्स का बड़ा योगदान है.
stock broker in hindi- ब्रोकर के प्रकार- Types of Broker
शेयर मार्किट में अलग अलग सेवाए प्रदान करने के आधार पर ब्रोकर के दो प्रकार होते है १. फुल टाइम ब्रोकर और २. डिस्काउंट ब्रोकर| अब हम फुल टाइम और डिस्काउंट ब्रोकर में क्या तफावत होता है इसके बारे में जानकारी देता हु.
फुल टाइम ब्रोकर:
फुल टाइम ब्रोकर शेयर मार्किट से जुडी सारी सेवाए प्रदान करते है| जैसे की डीमैट अकाउंट ओपन करना, ट्रेडिंग अकाउंट ओपन फुल सर्विस ब्रोकर क्या है करना, शेयर मार्किट रिसर्च प्रदान करना आदि|
फुल टाइम ब्रोकर अपने कस्टमर को लगभग सारी सेवाए प्रदान करते है जो शेयर मार्किट के काम काज से जुडी हो| फुल टाइम ब्रोकर स्टॉक एडवायजरी सर्विस देते है जिनमे वो टेक्नीकल और फंडामेंटल मजबूत शेयर चुनके अपने कस्टमर को उन शेयर्स में निवेश करने की रणनीतिया साजा करते है|
शेयर खरीदी और बिकवाली का आर्डर तो ये लोग प्लेस करते ही है लेकिन निवेशक को किन शेयर्स में इन्वेस्ट करना चाहिए, कितनी समय अवधि के लिए इन्वेस्ट करना चाहिए फुल सर्विस ब्रोकर क्या है और शेयर कब बेच देने चाहिए ये सारी सलाह ये ब्रोकर देते है|
IPO में निवेश करने और उससे जुडी सारी जानकारी और विश्लेषण ये अपने कस्टमर को पंहुचाते है| मार्जिन मनी की सुविधा भी ये ब्रोकर देते है| कई सारी सेवाए देने के कारण फुल टाइम ब्रोकर की ब्रोकरेज भी ज्यादा होती है|ये ब्रोकर मोबाइल एप पर भी कई फीचर कस्टमर को देते है| फुल टाइम ब्रोकर की हेल्पलाइन सर्विस भी बहुत अच्छी होती है|
Discount broker-डिस्काउंट ब्रोकर
डिस्काउंट ब्रोकर और फुल टाइम ब्रोकर में अंतर ये होता है की फुल टाइम ब्रोकर अपने रिसर्च और स्टॉक एडवायजरी अपने निवेशको तक पंहुचाते है|जब की डिस्काउंट ब्रोकर सिर्फ आपके शेयर की खरीदी और बिकवाली के आर्डर स्टॉक मार्किट तक पंहुचाने का काम करते है|
डिस्काउंट ब्रोकर की फीस फुल टाइम ब्रोकर के हिसाब से बहुत कम होती है| डिस्काउंट ब्रोकर किसी भी प्रकार की सलाह निवेशको नहीं देते है| किसी भी स्टॉक रिसर्च के बारे में कोई इन्फोरमेशन कस्टमर तक नहीं पंहुचाते है|
डिस्काउंट ब्रोकर सिर्फ आपके सौदों को मार्किट तक पंहुचाने का कार्य करते है, जिनके कारण ये ब्रोकर की ब्रोकरेज बहुत कम होती है जिनका फायदा कस्टमर्स को मिलता है.डिस्काउंट ब्रोकर की सबसे बड़ी विशेषता ये होती है की इनका सारा काम ऑनलाइन होता है. डीमैट अकाउंट ओपन करने से लेकर सारी प्रोसेस ऑनलाइन होती है. Zerodha भारत के प्रमुख डिस्काउंट ब्रोकर में से एक है.
फुल टाइम ब्रोकर और डिस्काउंट ब्रोकर लिस्ट
निष्कर्ष:
ब्रोकर क्या होता है और शेयर मार्किट में ब्रोकर का कितना योगदान होता है इन की जानकारी आप को मिल चुकी होगी| stock broker meaning फुल सर्विस ब्रोकर क्या है in hindi आर्टिकल में आपको ये भी पता चल गया होगा की फुल टाइम ब्रोकर और डिस्काउंट ब्रोकर में क्या तफावत होता है|
आपको अब ये भी जानकारी मिल चुकी है की ये सारे ब्रोकर NSDL और CDSL से जुड़े DP (Depository Participant) के साथ कनेक्टेड होते है. टेक्निकल एनालिसिस और शेयर मार्किट से जुड़े अपडेट पाने के लिए हिन्दिसफ़र.नेट वेबसाइट को जरुर विजिट करे. धन्यवाद
पूर्ण-सेवा और डिस्काउंट दलालों के बीच अंतर
फुल-सर्विस ब्रोकर CitiFin Financial, Merrill Lynch Wealth Management और Morgan Stanley जैसे बड़े ब्रोकरेज फुल सर्विस ब्रोकर क्या है हाउस के लिए काम करते हैं। सभी दलाल अमल करेंगे ट्रेडों अपने ग्राहकों के लिए, लेकिन एक पूर्ण-सेवा दलाल विभिन्न निवेशों पर भी शोध करेगा और सलाह देगा।
हालांकि, जब तक आप भारतीय नौसेना पोत और बाहरी के बारे में बहुत समझदार नहीं हैं निवेश , आपको नहीं पता होगा कि आपको अच्छी सलाह मिल रही है, औसत दर्जे फुल सर्विस ब्रोकर क्या है की सलाह, या बुरी सलाह। यह भी संभव है कि आपका ब्रोकर या "फाइनेंशियल कंसल्टेंट" निवेश चुनने से बेहतर न हो।
आदर्श पूर्ण-सेवा दलाल आपके लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न निवेशों पर गहन शोध करता है, आपको प्रदान करता है निवेश के विचारों और सिफारिशों के साथ, और आपको बाज़ार के रुझानों, स्टॉक प्रदर्शन और, के साथ अद्यतित रखता है कर कानून .
एक पूर्ण-सेवा ब्रोकर लागत क्या है?
शुल्क कंपनियों के बीच भिन्न होते हैं, लेकिन आम तौर पर बोलते हुए, आप पूर्ण-सेवा ब्रोकरेज सेवाओं के लिए एक स्वस्थ शुल्क का भुगतान करते हैं। इसलिए, एक पूर्ण-सेवा दलाल के लिए आदर्श ग्राहक वह है जिसके पास एक महत्वपूर्ण निवेश पोर्टफोलियो है, लेकिन जिनके पास अपने स्वयं के निवेश का प्रबंधन करने का समय या इच्छा नहीं है। फिर भी, किसी भी निवेश परिवर्तन पर अंतिम शब्द होना आपके लिए महत्वपूर्ण है। अपने लिखित समझौते के विपरीत शब्दों से सावधान रहें।
इन सेवाओं के बदले में, फुल-सर्विस ब्रोकर स्टॉक खरीदते या बेचते समय उच्च शुल्क लेते हैं। उदाहरण के लिए, आप एक पूर्ण-ब्रोकर के साथ व्यापार के लिए $ 150 या यहां तक कि $ 200 का भुगतान करने की उम्मीद कर सकते हैं, जहां एक ही सेवा डिस्काउंट ब्रोकर के साथ $ 5 और $ 30 के बीच ऑनलाइन होगी।
पूर्ण-सेवा दलाल आमतौर पर आपके खाते पर वार्षिक सेवा शुल्क या रखरखाव शुल्क लेते हैं। सबसे अधिक परेशान, क्योंकि अधिकांश पूर्ण-सेवा वाले दलाल प्राप्त करते हैं आयोगों हर बार जब वे किसी ग्राहक के लिए किसी व्यापार को निष्पादित करते हैं, तो उनका मुआवजा काफी हद तक इस बात से निर्धारित होता है कि वे आपके खाते में कितनी बार शेयर खरीदते और बेचते हैं। जो लोग कम जांच-पड़ताल कर रहे हैं, वे आपके खाते में स्टॉक खरीद और बेच सकते हैं क्योंकि निर्णय बुद्धिमान नहीं है, बल्कि इसलिए क्योंकि ब्रोकर को लाभ अधिक है।
यह कहने के लिए नहीं है कि आपको एक ब्रोकर का उपयोग नहीं करना चाहिए, लेकिन यदि आप करते हैं, तो अपनी आंखों के साथ व्यापक रूप से खुले में जाएं, ब्रोकर की पूरी तरह से जांच करें और कभी भी अपने पैसे का निवेश करने के लिए किसी को कार्टे ब्लांश न दें।
डिस्काउंट ब्रोकर्स: अनुभवी निवेशकों के लिए DIY
कुछ सबसे प्रसिद्ध डिस्काउंट ब्रोकरेज हैं ई व्यापार वित्तीय कॉर्प, निष्ठा निवेश , चार्ल्स श्वाब कॉर्प, और टीडी अमेरिट्रेड . डिस्काउंट ब्रोकर अक्सर औसत निवेशक के लिए अधिक समझदारी रखते हैं क्योंकि वे अधिक किफायती होते हैं, और यदि आप अपने निर्णय लेना चाहते हैं, तो डिस्काउंट ब्रोकर जाने का रास्ता हो सकता है।
महत्वपूर्ण अंतर यह है कि आप एक अनुभवी ब्रोकर की पेशेवर सलाह के बिना, खुद को ट्रेड कर रहे हैं। यदि आप शेयरों को चुनने के बेहतर बिंदुओं से अच्छी तरह वाकिफ नहीं हैं तो अपने आप में एक डिस्काउंट ब्रोकरेज जोखिम भरा उपयोग कर सकते हैं।
इससे पहले कि आप साइन अप करें, सुनिश्चित करें कि ब्रोकर आपके द्वारा किए जाने वाले निवेश के प्रकार में सौदा करता है ( शेयरों , बांड , म्यूचुअल फंड्स , विकल्प, या जो कुछ भी हो सकता है)। फीस का शेड्यूल जानने के लिए कि आप कमीशन, खाता रखरखाव और अन्य शुल्क के लिए क्या भुगतान कर रहे हैं।
इसके अलावा, ब्रोकरेज ऑफ़र की अन्य सेवाओं की सूची देखें। उनमें से कुछ आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं, जैसे आपके खाते पर चेक लिखने की क्षमता, बनाने की क्षमता फोन पर ट्रेडों, या विभिन्न स्टॉक, बॉन्ड और म्यूचुअल के बारे में अनुसंधान की जानकारी की उपलब्धता धन।
ब्रोकरेज खाता खोलना
एक बार ब्रोकरेज चुनने के बाद, चाहे वह पूर्ण-सेवा या छूट हो, ब्रोकरेज की वेब साइट से एप्लिकेशन फॉर्म डाउनलोड करें और उन्हें चेक से भेजें, या उन्हें ऑनलाइन भरें। यदि आप ऑनलाइन फॉर्म भरते हैं और अपने नए खाते में पैसा ट्रांसफर करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक फंडिंग का उपयोग करते हैं, तो आप उसी दिन निवेश कर सकते हैं।
पूर्ण-सेवा ब्रोकरेज को $ 500 से $ 2,000 तक कहीं भी न्यूनतम शेष राशि की आवश्यकता हो सकती है। अगर तुम हो एक इरा खोलना , वे न्यूनतम आवश्यकता को माफ कर सकते हैं। डिस्काउंट दलालों में बहुत कम निवेश न्यूनतम हो सकता है; कुछ मामलों में, आप $ 0 के साथ एक खाता खोलने में सक्षम हो सकते हैं।
अपना दलाली खाता खोलने के बाद, आप ट्रेड करना शुरू कर सकते हैं। हालाँकि, याद रखें कि क्या आप एक पूर्ण-सेवा या डिस्काउंट ब्रोकर का उपयोग करते हैं जो कि आपका पोर्टफोलियो सेट-इट-एंड-भूल-इट है।
समय-समय पर अपने निवेशों की समीक्षा करने के लिए यह सुनिश्चित करने के लिए समय लें कि वे आपके लिए आवश्यक रिटर्न के प्रकार फुल सर्विस ब्रोकर क्या है को वितरित कर रहे हैं, जो आपके लक्ष्यों को प्रबंधित करने के लिए आरामदायक जोखिम के साथ संतुलित है। और किसी भी संचार को पढ़ना सुनिश्चित करें जो आपकी पूर्ण-सेवा या डिस्काउंट ब्रोकर आपको भेजता है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो शुल्क की जानकारी रखते हैं, इसलिए आप अपने खाते या निवेश में किसी भी बदलाव के बारे में जानते हैं।
स्टॉक ब्रोकर कौन होता है और इसका क्या काम है ?
Stock Broker Koun Hota Hai In Hindi : - दोस्तों कई बार आपको ऐसे ऐसे शब्द सुनने को मिल जाते है जिनका मतलब आपको पता नहीं होता है और आप उस शब्द का मतलब भी जानने की कोशिस करते रहते है तो आज हम आपको एक ऐसे ही शब्द " स्टॉक ब्रोकर " के बारें में बताने वाले है
Stock Brocker koun hota hai |
आपने स्टॉक ब्रोकर शब्द जरुर सुना होगा और नही भी सुना है तो इस लेख को शुरू से लेकर के अंत तक पढ़ने के बाद आपको समझ में आ जायेगा
स्टॉक ब्रोकर कौन होता है ? Stock broker फुल सर्विस ब्रोकर क्या है koun hota hai in hindi
स्टॉक ब्रोकर दो शब्दों " स्टॉक + ब्रोकर " से मिलकर बना है सबसे पहले हम ब्रोकर शब्द का मतलब जान लेते है
ब्रोकर शब्द को हम हिंदी में दलाल व बिचौलिया के नाम से जानते है, जब कोई दो पार्टियों के बीच किसी चीज का समझोता होता है तो वह समझोता ब्रोकर के माध्यम से ही होता है
इसे हम एक एग्जामपल से समझते है अगर दो पार्टियों के बीच किसी जमीन का समझोता हो रहा है और वह समझोता किसी तीसरे व्यक्ति के जरिये हो रहा है तो उस व्यक्ति को ही हम दलाल, बिचौलिया व ब्रोकर कहते है अब आप समझ ही गए होंगे तो अभी हम स्टॉक ब्रोकर का मतलब जान लेते है
स्टॉक ब्रोकर कोई कंपनी, फर्म, संस्था या व्यक्ति कोई भी हो सकता है लेकिन जब भी कोई इन्वेस्टर शेयर मार्केट से शेयर खरीदना चाहता है तो वह शेयर को स्टॉक एक्सचेंज से डायरेक्टली नही खरीद पाते है बल्कि उसको स्टॉक एक्सचेंजस में रजिस्टर्ड सदस्य स्टॉक ब्रोकरस की मदद लेनी पडती है क्योंकि यही ब्रोकर्स शेयर को खरीदने और बेचने के लिए मदद करते है
जब भी कोई स्टॉक ब्रोकर क्लाइंट को अपनी सर्विस देता है जैसे शेयर को खरीदना और बेचना इत्यादि तो इन सभी सर्विस को देने के लिए स्टॉक ब्रोकर क्लाइंट से कुछ फीस भी चार्ज करते है जिसे ब्रोकरेज कहा जाता है
इसे भी हम एक एग्जामपल से समझते है अगर कोई व्यक्ति किसी भी कंपनी का शेयर खरीदना चाहता है तो वह शेयर को डायरेक्टली तो नहीं खरीद सकेगा बल्कि उसको किसी स्टॉक ब्रोकर यानि दलाल की सहाहता लेनी पड़ेगी और इसी दलाल के जरिये ही वह व्यक्ति उस कंपनी का शेयर खरीद सकेगा
अगर आपको यह नही पता की शेयर क्या होते है और इसे कैसे ख़रीदे तो हमने इस पर भी एक लेख लिखा उसे आप पढ़ सकते हैं
नए निवेशक अपने पहले 1000 रूपए शेयर बाजार में कैसे निवेश करें?
शेयर बाजार में पैसे कैसे लगाएं, शेयर बाजार से पैसे कैसे कमाएं यह सभी प्रश्न एक नए निवेशक के दिमाग में रहते हैं।
शेयर बाजार ऐसी जगह है जहाँ पैसे कमाने के लिए किसी डिग्री डिप्लोमा या सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं पड़ती है। शेयर बाजार से एक आम आदमी से लेकर एक विद्वान इन्वेस्टर तक सभी पैसे कमा सकते हैं।
इसमें ऐसा नहीं है कि डिग्री वाले या प्रोफेशनल ज्यादा पैसे कमा सकते हैं और एक साधारण व्यक्ति कम पैसे कमा सकता है। शेयर मार्किट में पैसे कमाने के लिए व्यक्ति के पास धैर्य और कॉमन सेंस होना चाहिए।
शेयर मार्किट से पैसे कमाने के लिए किसी राकेट साइंस की जरूरत नहीं पड़ती इसके लिए व्यक्ति में इंटीग्रिटी लॉन्ग टर्म का निवेश और अच्छी कंपनियों की समझ होनी चाहिए।
सदी के सबसे महान निवेशक वारेन बुफे ने अपने एक इंटरव्यू में कहा,”यदि शेयर बाजार में निवेश करने के लिए कैलकुलस और अलजेब्रा की जरूरत पड़ती तो शायद में अखबार बाटने का काम ही बेहतर समझता।”
शेयर बाजार से पैसे कमाने के लिए कुछ नियमों को ध्यान में रखना चाहिए
- शेयर बाजार को कभी भी जुएं (Gambling) की तरह न लें।
- ट्रेडिंग करने की बजाय इन्वेस्टिंग को चुने।
- कभी भी अपनी जमा रकम को घटने ना दे।
- ऊचें ऊचें मुनाफा का लालच देने वाली स्कीमों से बचे। जैसे – 25 दिन में पैसा डबल या किसी और प्रकार की लुभावनी स्कीम।
- शेयर बाजार से पैसे कमाने का एक ही राज़ है – लॉन्ग टर्म वैल्यू इन्वेस्टिंग
इन सबके बाद अब सीखतें हैं की शेयर बाजार में निवेश करने के लिए पहला स्टेप क्या है?
स्टेप 1 अपना निवेश खाता (डीमैट और ट्रेडिंग अकॉउंट) खोलें
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए सबसे पहले एक डीमैट+ट्रेडिंग अकाउंट खोला जाता है।
डीमैट अकाउंट उसे कहते हैं जिसमे किसी कंपनी के स्टॉक या शेयर को रखा जाता है और ट्रेडिंग अकाउंट उसे कहते हैं जिसके द्वारा शेयर बाजार में किसी कंपनी के शेयर खरीदने या बेचने के लिए पैसों का भुगतान किया या लिया जाता है।
आजकल ये दोनों अकाउंट एक साथ ही कंबाइंड रूप में खोलें जाते हैं। डीमैट अकाउंट शेयर बाजार में रजिस्टर्ड ब्रोकर के पास खोला जाता है। इंडिया में दो प्रकार के स्टॉक ब्रोकर हैं –
- फुल सर्विस ब्रोकर
- डिस्काउंट ब्रोकर
इन्वेस्टिंग के लिए दोनों में से किसी को भी चुना जा सकता है। फूल सर्विस ब्रोकर ज्यादा चार्ज और फीस लगाते हैं जबकि डिस्काउंट ब्रोकर जैसे – ज़ेरोधा, अपस्टोक्स, एंजेल ब्रोकिंग नाम मात्र की ही फीस और चार्जेज लगाते हैं।
नए निवेशकों को शुरुआत डिस्काउंट ब्रोकर के साथ करनी चाहिए।
शेयर बाजार में बहुत से अच्छे डिस्काउंट ब्रोकर हैं लेकिन मुझे पर्सनली Upstox की सर्विसेज बेहतर लगती हैं।
स्टेप 2 शुरुआत हमेशा एक कंपनी के साथ करनी चाहिए
डीमैट अकाउंट खुल जाने के बाद अक्सर ऐसा होता है की नए निवेशक अपने पहले एक हज़ार रूपए या कुछ पूँजी को 20 अलग अलग कंपनियों के स्टॉक्स में लगा देते हैं, जो कहीं न कहीं शेयर बाजार में सट्टेबाज़ी की और ले जाता है।
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए पहले हमेशा किसी एक कंपनी को ही चुनना चाहिए। इससे फायदा ये होता है की आप उस कंपनी को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। वह क्या बिज़नेस करती है, क्या बेचती है, क्या बनाती है, कैसे पैसे कमाती है, उस कंपनी के फ्यूचर प्लान क्या है, क्या यह कंपनी आगे सर्वाइव कर पाएगी या नहीं ऐसी बहुत सी चीज़े आप सीखने लग जाएंगे जो एक अच्छे सफल निवेशक में होती है।
शेयर बाजार ऐसी जगह नहीं है जहां से आप पहले ही दिन से हज़ारों या लाखों कमाने लगेंगे। इससे पैसे कमाने के लिए लंग टर्म वैल्यू इन्वेस्टिंग करना ही एकमात्र स्थायी तरीका है।
स्टेप 3 लॉन्ग टर्म वैल्यू इन्वेस्टिंग
जब आप एक अच्छी कंपनी को चुन लेते हैं जो लॉन्ग टर्म में ग्रोथ करे, तब आप उसमे अपने उतने ही पैसे निवेश करें जितने पैसों का जोखिम उठा सकतें हैं। कभी भी लोन लेकर शेयर बाजार में इन्वेस्ट नहीं करना चाहिये।
इस निवेश को कम से कम 10+ सालों तक निवेशित रखें जिससे शेयर बाजार से आप वेल्थ बना पाएं और कम्पाउंडिंग का मैजिक देख सकें।
जब आपके पास अच्छी कंपनियों को चुनने का अच्छा अनुभव हो जाए तब आप अपने पोर्टफोलियो में दो या अधिक कंपनियों को रख सकतें हैं।
उम्मीद है यह पोस्ट आपको अच्छी लगी होगी यदि किसी भी प्रकार का कोई सवाल या डाउट है तो नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं।