Bitcoin को करेंसी का दर्जा?

क्या क्रिप्टोकरेंसी को देश में कानूनी मान्यता मिल चुकी है, यहां जानिये इससे जुड़े सवालों के जवाब
Cryptocurrency: इस साल क्रिप्टोकरेंसी के भारत में लीगल टेंडर यानी वैधानिक होने की खूब चर्चाएं थीं। सभी कारोबारी व निवेशक यह जानना चाह रहे थे कि सरकार इस पर मुहर लगाती है या नहीं। इसके चलते आम बजट पर सभी की निगाहें थीं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के आभासी संपत्तियों पर कर लगाने के प्रस्ताव ने भारत में क्रिप्टोकरेंसी की वैधता पर बहस छेड़ दी है। जबकि कई लोगों ने डिजिटल मुद्राओं पर कर लगाने के निर्णय का स्वागत किया है, यह सोचकर कि यह आभासी मुद्राओं को पहचानने का पहला कदम है, सरकार ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि क्या भारत में बिटकॉइन Bitcoin को करेंसी का दर्जा? जैसी मुद्राओं को कानूनी निविदा माना जा सकता है। आखिर सरकार ने इस विषय पर अपना पक्ष भी स्पष्ट कर दिया था। गत 1 फरवरी को पेश केंद्रीय बजट 2022-23 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस करेंसी से होने वाली आय पर सरकार कर जरूर लगाएगी लेकिन इसे देश में लीगल टेंडर किया जाना अभी तय नहीं है। हालांकि सरकार ने यह भी साफ कहा था कि इस पर फिलहाल प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। इसके साथ ही सरकार ने इस आभासी डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर लगाने का भी प्रस्ताव रखा था। जानिये इसके बारे में कुछ खास बातें।
1 प्रतिशत टीडीएस लगाने की घोषणा
सीतारमण ने वर्चुअल डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण के संबंध में किए गए भुगतान पर 1 प्रतिशत टीडीएस लगाने की भी घोषणा की थी। इस कदम का उद्देश्य डिजिटल मुद्रा में लेनदेन के विवरण को कैप्चर करना है। विभिन्न बाजार विश्लेषकों ने डिजिटल परिसंपत्तियों पर कर लगाने को क्रिप्टोकरेंसी को वैधानिक दर्जा मिलने की प्रस्तावना के रूप में देखा। हालांकि, वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन से होने वाले लाभ पर कर लगाने का निर्णय लिया है, लेकिन इसके नियमन या वैधता पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
RBI की नज़र में यह आर्थिक स्थिरता के लिए खतरा
केंद्र Bitcoin को करेंसी का दर्जा? सरकार भले ही इस करेंसी को लेकर अभी बंदिशें नहीं लगा रही हो लेकिन आरबीआई की नज़र में यह देश की माली हालत के लिए ठीक नहीं है। फरवरी माह में ही मौद्रिक नीति की घोषणाओं के बाद पत्रकारों से बात करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि "निजी क्रिप्टोकरेंसी भारत की वित्तीय और व्यापक आर्थिक स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा हैं, साथ ही आरबीआई की इससे निपटने की क्षमता भी है। निवेशकों को यह बताना मेरा कर्तव्य है कि वे क्रिप्टोकरेंसी में क्या निवेश कर रहे हैं, उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि वे अपने जोखिम पर निवेश कर रहे हैं। उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि इन क्रिप्टोकरेंसी में कोई संपत्ति नहीं है।
सरकार चाहती है सामूहिक प्रयास हों
इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल दिसंबर में कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है क्योंकि तकनीक लगातार विकसित और बदल रही है। बजट के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टो विनियमन पर परामर्श चल रहा है और नियामक दस्तावेज को अंतिम रूप देने के बाद क्या कानूनी है, क्या स्पष्ट नहीं होगा।
बिटकॉइन या एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी के लिए राह मुश्किल
दूसरी तरफ वित्त सचिव टीवी सोमनाथन का कहना था कि बिटकॉइन या एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी कभी भी कानूनी निविदा नहीं बनेगी। सोमनाथन ने कहा कि डिजिटल रुपया आरबीआई द्वारा समर्थित होगा जो कभी भी डिफॉल्ट नहीं होगा। पैसा आरबीआई का होगा लेकिन प्रकृति डिजिटल होगी। आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल रुपया कानूनी निविदा होगी। हम डिजिटल रुपये के साथ गैर-डिजिटल संपत्ति खरीद सकते हैं जैसे हम अपने वॉलेट या यूपीआई प्लेटफॉर्म के जरिए भुगतान करके आइसक्रीम या अन्य चीजें खरीदते हैं।
सरकार नहीं कर सकती मूल्य को अधिकृत
सोमनाथन के अनुसार क्रिप्टो संपत्ति ऐसी संपत्ति है जिसका मूल्य दो लोगों के बीच Bitcoin को करेंसी का दर्जा? निर्धारित किया जाता है, आप सोना, हीरा और क्रिप्टो संपत्ति खरीद सकते हैं, लेकिन उस मूल्य को सरकार द्वारा अधिकृत नहीं किया जाएगा।निजी क्रिप्टो में निवेश करने वाले लोगों को यह समझना चाहिए कि इसके पास सरकार का प्राधिकरण नहीं है। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आपका निवेश सफल होगा या नहीं, किसी को पैसा गंवाना पड़ सकता है और इसके लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है। हालांकि, वित्त सचिव ने स्पष्ट किया कि जो चीजें कानूनी नहीं हैं, उनका मतलब यह नहीं है कि वे अवैध हैं। अगर क्रिप्टोकुरेंसी के लिए विनियमन आता है तो यह कानूनी निविदा नहीं होगी।"
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर संसद में सरकार ने दिया ये बड़ा बयान
भारत में बिटक्वाइन (Bitcoin) को करेंसी (Currency) का दर्जा मिलने की संभावना फिलहाल मिलती हुई नहीं दिखाई पड़ रही है. लोकसभा (Lok Sabha) में एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने इसकी जानकारी साझा की है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार ने साफ किया है कि फिलहाल इसको लेकर प्रस्ताव नहीं है. वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने लिखित जवाब में कहा है कि सरकार के पास बिटक्वाइन के आंकड़े नहीं है और भारत सरकार बिटक्वाइन के ट्रांजैक्शन से जुड़े किसी भी आंकड़े को इकट्ठा नहीं करती है.
बता दें कि सरकार की ओर यह बयान ऐसे समय में आया है जब संसद के मौजूदा सत्र में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर विधेयक लाने की तैयारी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस विधेयक में निजी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर लगाम लगाए जाने का प्रस्ताव है. वहीं दूसरी ओर इस विधेयक से RBI की प्रस्तावित डिजिटल करेंसी (Digital Currency) की जमीन तैयार होगी. बता दें कि बाजार में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार निजी क्रिप्टोकरेंसी पर रोक लगा सकती है. हालांकि मौजूदा समय में प्राइवेट और पब्लिक क्रिप्टोकरेंसी की परिभाषा तय नहीं की गई है. बता दें कि रोक की खबर की वजह से बिटक्वाइन, इथेरम समेत तकरीबन सभी प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी के दाम में गिरावट देखने को मिली है.
बता दें कि पूर्व में RBI ने भी देश की आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए क्रिप्टोकरेंसी को गंभीर खतरा बताया था. RBI इसके मूल्य को लेकर भी संदेह जाहिर कर चुका है. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governer Shaktikant Das) कह चुके हैं कि केंद्रीय बैंकों द्वारा नियंत्रित नहीं होने की वजह से यह किसी भी वित्तीय प्रणाली के लिए एक गंभीर खतरा है. बता दें कि सरकार यह मानती है कि क्रिप्टोकरेंसी एक ऐसी तकनीक है जो कि लगातार विकसित हो रही है. ऐसे में इस पर नजर रखने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे.
क्रिप्टो करेंसी की वैधता को लेकर वित्त सचिव ने कही ये बात, क्रिप्टों निवेशकों के लिए जानना है बेहद जरूरी
दुनिया में केवल अल-सल्वाडोर ने ही पिछले साल सितंबर में बिटकॉइन को वैध मुद्रा के रूप में स्वीकार किया है। किसी भी अन्य देश में क्रिप्टो को वैध मुद्रा का दर्जा नहीं मिला है।
भारतीय रिजर्व बैंक का डिजिटल रुपया ही देश में वैध मुद्रा होगा।
आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आरबीआई द्वारा डिजिटल करेंसी लॉन्च करने की घोषणा की थी। जिसके बाद बहुत से लोगों को लगने लगा कि, सरकार जल्द ही क्रिप्टो करेंसी पर कानून बनाकर इसे वैध कर देगी। लेकिन इस पूरे मामले पर वित्त सचिव टी वी सोमनाथ ने गुरुवार को साफ कर दिया कि, निजि डिजिटल करेंसी कभी भी कानूनी मुद्रा नहीं बनेगी। आइए जानते है पूरे मामले को।
क्रिप्टो करेंसी पर लगेगा 30 फीसदी टैक्स – वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस सप्ताह संसद में पेश 2022-23 के बजट में क्रिप्टो करेंसी और अन्य डिजिटल संपत्तियों में लेन-देन पर होने वाले लाभ को लेकर 30 प्रतिशत कर लगाने का प्रस्ताव किया। साथ ही एक सीमा से अधिक के लेन-देन पर एक प्रतिशत टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) लगाने की भी घोषणा की।
RBI का डिजिटल रुपया होगा वैध मुद्रा- सोमनाथन ने कहा कि जिस प्रकार सोना और हीरा मूल्यवान होने के बावजूद वैध मुद्रा नहीं है, निजी क्रिप्टोकरेंसी भी कभी वैध मुद्रा नहीं होंगी। उन्होंने कहा, ‘‘क्रिप्टो कभी भी वैध मुद्रा नहीं होगी। कानून के हिसाब से वैध मुद्रा का मतलब है कि उसे कर्ज के निपटान में स्वीकार किया जाएगा। भारत किसी भी क्रिप्टो संपत्ति को वैध मुद्रा नहीं बनाएगा। केवल भारतीय रिजर्व बैंक का डिजिटल रुपया ही देश में वैध मुद्रा होगा।’’
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पॉपुलर क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन केवल यहां है वैध – दुनिया में केवल अल-सल्वाडोर ने ही पिछले साल सितंबर में बिटकॉइन को वैध मुद्रा के रूप में स्वीकार किया है। किसी भी अन्य देश में क्रिप्टो को वैध मुद्रा का दर्जा नहीं मिला है। देश में क्रिप्टो मुद्रा के लिये नियम बनाने को लेकर विचार-विमर्श जारी है। लेकिन अब तक कोई मसौदा जारी नहीं किया गया है।
इस बीच, केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा अगले वित्त वर्ष से परिचालन में आएगी। यह पूछे जाने पर कि संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टो संपत्ति के नियमन को लेकर विधेयक लाने की बात संसद के कामकाज में शामिल थी लेकिन मौजूदा बजट सत्र में ऐसा नहीं है, सोमनाथन ने कहा, ‘‘यह महसूस किया गया कि क्रिप्टो पर कानून लाने से पहले इस पर व्यापक विचार-विमर्श की जरूरत है। इस विचार-विमर्श का मकसद इस बात पर गौर करना है कि क्या इसके लिये नियमन की जरूरत है।’’
वित्त सचिव ने कहा, ‘‘हमारी व्यवस्था लोकतांत्रिक है। लोकतंत्र में सरकार कुछ शुरू करती है लेकिन फिर प्रतिक्रिया होती है। सरकार उस प्रतिक्रिया को सुन रही है और उसके आधार अभी तक अंतिम निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा गया है…। इस बीच, चूंकि क्रिप्टो और अन्य डिजिटल संपत्तियों में लेन-देन लगातार बढ़ रहा था, अत: कर स्पष्टता की जरूरत थी।’’
बिटकॉइन के 12 साल के इतिहास में आज का दिन सबसे अहम, पूरी दुनिया की है इस पर नजर
दुनिया की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को मध्य अमेरिकी देश अल साल्वाडोर आज यानि मंगलवार को को कानूनी रूप से स्वीकार कर लिया है। बता दें अमेरिका दुनिया का पहला अईसा देश बन गया है। जहां क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin को लीगल टेंडर या आधिकारिक करेंसी का दर्जा दे दिया गया है। अल साल्वाडोर […]
September 7, 2021
दुनिया की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को Bitcoin को करेंसी का दर्जा? मध्य अमेरिकी देश अल साल्वाडोर आज यानि मंगलवार को को कानूनी रूप से स्वीकार कर लिया है। बता दें अमेरिका दुनिया का पहला अईसा देश बन गया है। जहां क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin को लीगल टेंडर या आधिकारिक करेंसी का दर्जा दे दिया गया है। अल साल्वाडोर ने रोल-आउट से पहले 400 बिटकॉइन खरीदी हैं जिनकी मार्केट वैल्यू मौजूदा कीमत के हिसाब से करीब 2 करोड़ डॉलर है। देश की योजना अभी बड़ी संख्या में बिटकॉइन खरीदने की है। पहली 200 बिटकॉइन खरीदने के बाद देश के राष्ट्रपति Nayib Bukele ने खुद इस योजना के बारे में ट्वीट किया था
अगर अल साल्वाडोर का प्रयोग सफल होता है तो दूसरे देश भी उसके नक्शेकदम पर चल सकते हैं। शुरुआत में सरकारी बिटकॉइन वॉलेट Chivo इसमें मदद करेगा। साल्वाडोर के नेशनल आईडी नंबर से रजिस्टर करने वाले यूजर्स को 30 डॉलर की करेंसी प्री-लोडेड मिलेगी। कारोबारियों को गुड्स और सर्विसेज के बदले बिटकॉइन को स्वीकार करना होगा और सरकार भी टैक्स पेमेंट्स के लिए इसे स्वीकार करेगी। यह प्लान अल साल्वाडोर के युवा राष्ट्रपति के दिमाग की उपज है। उनका कहना है कि उससे ज्यादा से ज्यादा लोग फाइनेंशियल सिस्टम से जुड़ेंगे और पैसे भेजना सस्ता होगा
मियामी की कंपनी Blockchain.com के हेड ऑफ रिसर्च Garrick Hileman ने कहा कि यह साहसिक कदम है। इस लॉन्च के साथ हम एक अनदेखी दुनिया में कदम रख रहे हैं लेकिन मुझे खुशी है कि यह प्रयोग हो रहा है और इससे हमें काफी कुछ सीखने को मिलेगा। अल साल्वाडोर में 200 बिटकॉइन एटीएम लगाए गए हैं। इनके जरिए यूएस डॉलर को क्रिप्टोकरेंसी में बदला जा सकता है। इसे सपोर्ट करने के लिए वित्त मंत्रालय ने सरकारी बैंक Banco de Desarrollo de la Republica de El Salvador में 15 करोड़ डॉलर का एक फंड बनाया गया है। पब्लिक अकाउंटिंग के लिए डॉलर नेशनल करेंसी बनी Bitcoin को करेंसी का दर्जा? रहेगी। साथ ही ऐसे मर्चेंट्स को भी छूट मिलेगी जो ई-करेंसी को रिसीव करने की स्थिति में नहीं हैं।
इसके साथ ही आपको बता दें पिछले साल उन्होंने करीब 6 अरब डॉलर स्वदेश भेजे थे। यह देश की कुल जीडीपी का करीब 20 फीसदी है। राष्ट्रपति का कहना है बिटकॉइन से देश के लोगों को हर साल 40 करोड़ डॉलर की बचत हो सकती है। हालांकि पिछले हफ्ते कराए गए एक पोल में दो-तिहाई लोगों ने देश के बिटकॉइन लॉ को खत्म करने की वकालत की थी जबकि 70 फीसदी से अधिक लोगों ने कहा कि वे बिटकॉइन के बजाय अमेरिकी डॉलर को पसंद करते हैं।
Winter Season Crypto : Crypto में पैसा लगाने वालों को एक और झटका क्रिप्टो ट्रांजैक्शन पर 28% GST लगाने की तैयारी
Winter Season Crypto : माना जा रहा है कि क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency ) पर इनकम टैक्स ( Income Tax ) और जीएसटी ( GST ) दोनों ही लगाए जाएंगे ! हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है ! सरकार ने अभी तक इस पर नियम नहीं बनाए हैं ! मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी ( Government Cryptocurrency ) को करेंसी ( Currency ) का दर्जा नहीं देगी, बल्कि इसे सिर्फ निवेश का जरिया मानेगी !
Winter Season Crypto
Winter Season Crypto
सरकार विंटर सेशन ( Sarkar Winter Session ) में क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency ) से जुड़ा बिल ला सकती है ! इसी बिल में गुड्स एंड सर्विस टैक्स ( Goods And Service Tax ) और इनकम टैक्स ( Income Tax ) की जानकारी दी जाएगी ! ‘बिजनेसलाइन’ ( Business Line ) की एक रिपोर्ट बताती है कि वित्तीय मामलों की स्थायी समिति शीतकालीन सत्र से पहले 15 नवंबर को बैठक करने वाली है ! इस बैठक में क्रिप्टो एसेट्स ( Crypto Assets ) पर विस्तार से चर्चा की जाएगी ! एक सरकारी सूत्र ने ‘बिजनेसलाइन’ को बताया कि क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency ) से जुड़े कानून को लेकर जमीनी कार्य तैयार किया जा रहा है !
शीतकालीन मौसम क्रिप्टो
स्रोत के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency ) का मुख्य Bitcoin को करेंसी का दर्जा? मुद्दा कर है ! अगर क्रिप्टो से कोई कमाई होती है तो मौजूदा नियम के मुताबिक वह कैपिटल गेन ( Capital Gains ) में आएगी ! इसी तरह अगर कोई सेवा क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency ) से जुड़ी है तो उस पर जीएसटी ( GST ) लगेगा ! इसका मतलब है कि कर को क्रिप्टो से संबंधित कानून में शामिल किया जा सकता है ! इसके बाद इस पर वित्त विधेयक में प्रत्यक्ष कर का प्रावधान रखा जा सकता है ! क्रिप्टोकरेंसी की सर्विस पर कितना टैक्स ( Tax ) लगेगा जीएसटी काउंसिल ( GST Council ) तय करेगी !
अब क्या सिस्टम है
अभी तक यह भी स्पष्ट नहीं है कि क्रिप्टो करेंसी ( Crypto Currency ) को करेंसी का दर्जा मिलेगा या निवेश ( Investment ) की कोई संपत्ति सूत्र ने कहा कि यह बहुत कम संभावना है कि क्रिप्टोकरेंसी को मुद्रा( Indian Rupee ) का दर्जा मिलेगा ! उन्होंने कहा, देश में फिएट करेंसी ( Fiat Currency ) की पूरी व्यवस्था है, जिसके तहत पैसे और पैसे की आवाजाही को नियंत्रित किया जाता है ! यह काम रिजर्व बैंक ( Reserve Bank ) के जरिए होता है ! रिजर्व बैंक फिएट करेंसी ( Reserve Bank Fiat Currency ) की वैधता को भी नियंत्रित करता है ! इस काम में आरबीआई सरकार ( RBI Government ) से सलाह मशविरा करता है ! यह व्यवस्था भविष्य में भी जारी रहेगी !
क्रिप्टोक्यूरेंसी इक्विटी में या मुद्रा में ( Winter Season Crypto )
भारत में सभी मुद्रा ( Indian Rupee ) और बैंकिंग उत्पादों को आरबीआई ( Reserve Bank ) द्वारा नियंत्रित किया जाता है जबकि इक्विटी ( Equity ) और कमोडिटी ( Commodity ) जैसी निवेश संपत्ति की देखभाल सेबी यानी भारतीय प्रतिभूति ( Indian Securities ) और विनिमय बोर्ड ( Exchange Board ) द्वारा की जाती है ! आरबीआई लंबे समय से क्रिप्टोकरेंसी के बारे में बात कर रहा है ! सेंट्रल बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency ) को लेकर कुछ जायज चिंताएं हैं जिन्हें सरकार के सामने रखा गया है !
स्रोत ने कहा कि रिजर्व बैंक ( Reserve Bank ) की चिंताएं या आपत्तियां बहुत गंभीर हैं और चीन में क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency ) पर प्रतिबंध के आलोक में उठाई गई हैं ! लेकिन सरकार उन देशों के उदाहरण को भी ध्यान में रख रही है जहां क्रिप्टोकुरेंसी ( Cryptocurrency ) को एक विनियमन के तहत लाया गया है ! यह कई यूरोपीय देशों ( European Countries ) में देखा जा रहा है ! ऐसी सरकार की कोशिश बीच का रास्ता निकालने की होती है ! इसका मतलब है कि जैसा कि पहले के प्रस्ताव में कहा गया है, क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency ) पर कोई पूर्ण प्रतिबंध नहीं होगा !