फैलाव स्थिति

टीकाकरण के मामले में हम दुनिया में नंबर फैलाव स्थिति एक हैं. हमारे संसाधन और हमारी क्षमता अपार है. टीकाकरण फैलाव स्थिति के माध्यम से हम कोरोना को भी निश्चय ही मात दे सकते हैं. लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि हम बचाव के रास्ते त्याग दें.
कोरोना वायरस संक्रमण के फैलाव के मद्देनजर कोविड केयर सेंटर तैयार स्थिति में रहे- कलेक्टर.
कोरोना वायरस संक्रमण के फैलाव के मद्देनजर कोविड केयर सेंटर तैयार स्थिति में रहे- कलेक्टर.
राजगढ़।मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिला कलेक्टर हर्ष दीक्षित ने मुख्य चिकित्सा एवं जिला स्वास्थ्य अधिकारी तथा सिविल सर्जन सह अधीक्षक को निर्देशित किया है कि कोरोना की तीसरी लहर में पीड़ित रोगियों के उपचार की व्यवस्थाएं सुदृढ़ रहें एवं समस्त उपकरण सुदृढ़ रहे।इसके साथ ही उन्होंने जिला चिकित्सालय स्थित जी एन टी सी में कोविड केयर सेंटर तैयार स्थिति में रखने के निर्देश दिए ।साथ ही उन्होंने निर्देशित किया कि कोरोना पोजटिव पेशेंट के उपचार के लिए वार्ड आरक्षित रहे, चिकित्सकों एवं नर्सिंग स्टाफ एवं साफ-सफाई आदि व्यवस्थाओं के लिए आवश्यक मानव संसाधनों की जिम्मेदारियाँ तय रहे ।उन्होंने यह निर्देश आज जिला चिकित्सालय परिसर स्थित मुख्य चिकित्सा एवं जिला स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में फैलाव स्थिति कोरोना संक्रमण के तेज़ी से फ़ैलाव के मद्देनजर पूर्व तैयारियां सुनिश्चित करने आयोजित बैठक में दिए।
बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ यस.यदु, सिविल सर्जन सह अधीक्षक डॉ आर एस परिहार सहित चिकित्सक गण मौजूद रहे।।
लॉक डाउन में मजदूरों के खातों में बेरोजगारी भत्ता की राशि उपलब्ध कराए भारत सरकार- श्री हेमन्त सोरेन,मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने केंद्रीय मंत्री ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग श्री नरेन्द्र सिंह तोमर से आग्रह किया है कि कोरोना वायरस से बचाव हेतु झारखंड राज्य में 22 से 31 मार्च 2020 की मध्यरात्रि तक लॉक डाउन की घोषणा की गई है। इस महामारी के फैलाव तथा इसे तीसरे चरण में जाने से रोकने हेतु जहां सोशल डिस्टेंसिंग एवं लॉक डाउन अपरिहार्य है, वहीं राज्य के ग्रामीण क्षेत्र के गरीब परिवारों विशेषकर दैनिक श्रमिकों की रोजी रोटी की चिंता राज्य सरकार को है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महात्मा महात्मा गांधी योजना (मनरेगा) के तहत मजदूरों को नियमानुसार ससमय रोजगार ना दे पाने की स्थिति में उन्हें बेरोजगारी भत्ता दिए जाने का प्रावधान है, इस संबंध में निर्गत बेरोजगारी फैलाव स्थिति भत्ता भुगतान नियमावली के प्रावधानों के अनुरूप ससमय रोजगार ना दे पाने की स्थिति में प्रथम 30 दिनों में देय दैनिक मजदूरी का एक चौथाई तथा 30 दिनों से अधिक होने पर दैनिक मजदूरी की आधी राशि बेरोजगारी भत्ता के रूप में मजदूरों को देय है। यह राशि मजदूरों के खाते में फण्ड ट्रांसफर आर्डर (FTO) के माध्यम से भेजी जाती है। यह राशि अंततः ससमय रोजगार उपलब्ध ना करने वाले पदाधिकारी एवं कर्मचारी के वेतन से वसूल की जाती है। वर्तमान में कोरोना वायरस से बचाव हेतु किए गए लॉक डाउन के कारण उत्पन्न स्थिति में सुझाव होगा कि बेरोजगारी भत्ता की यह राशि भारत सरकार द्वारा मजदूरी मद की राशि से मजदूरों को उनके खाते में उपलब्ध कराई जाए। मेरा विश्वास है कि आपके द्वारा लिए जाने वाले इस निर्णय से बड़े पैमाने पर ग्रामीण क्षेत्र के गरीब परिवारों को इस विपदा में मदद मिलेगी।
आईआईटी वैज्ञानिक का दावा- गांवों में कोरोना का फैलाव चिंताजनक पर डरावने नहीं होंगे हालात
कोरोना संक्रमण का गांवों में बढ़ना भले चिंताजनक हो, लेकिन सुकून यह है कि हालात डरावने नहीं होंगे। चिंताजनक इसलिए क्योंकि लगातार मौतें हो रही हैं। फिर भी घबराने की जरूरत नहीं क्योंकि गांव वालों की इम्यूनिटी मोटा अनाज खाने और धूप में तपने से मजबूत होती है, जो म्यूटेंट वायरस से लड़ने को काफी है। यह दावा आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिक प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने किया है।
प्रोफेसर अग्रवाल के अनुसार, यदि लोगों को समय पर इलाज दें और व्यापक टीकाकरण में कामयाब हो गए तो तीसरी लहर से मुकाबला कर ले जाएंगे। प्रोफेसर अग्रवाल ने गणितीय कंप्यूटिंग मॉडल सूत्र के जरिए कोरोना के पीक, उतार व सामान्य स्थिति का आकलन किया। उनके अनुसार, गांवों में संक्रमण बढ़ रहा है, लेकिन मृत्यु दर शहरों से कम है। यूपी में पीक 30 अप्रैल था, जो बीत चुका है। यूपी में 6 मई के बाद से लगातार केस कम हो रहे हैं। यही हाल देश के अन्य राज्यों का भी है।
विजय दर्डा का ब्लॉग: अपनी और दूसरों की जान की भी फिक्र कीजिए
Highlights कोरोना के बढ़ने लगें हैं फिर से मामले, कर्नाटक और महाराष्ट्र में स्थिति लगातार खराब हो रही है लोगों को लापरवाही से स्थिति ज्यादा विकट होती जा रही है, सख्ती से एहतियात को बरतने की जरूरत कोरोना का फैलाव ऐसे ही हुआ तो इससे सीधे-सीधे हमारी अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी
साल की शुरुआत में ऐसा लगा था कि कोरोना अब सिमट रहा है. संक्रमितों की संख्या तेजी से कम होने लगी थी और मौतों फैलाव स्थिति के आंकड़े में भी गिरावट आ रही थी लेकिन फरवरी का मध्य आते-आते देश के कई हिस्सों से कोरोना के फैलाव की खबरें फिर से आने लगीं.
चीन में फैले कोरोना वायरस का कहर बढ़ रहा है। वहां हेल्थ इमरजेंसी जैसे हालात हो गए हैं। चीन में इस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए चार शहरों में लोगों ने खुद को अपने घरों में बंद कर लिया है। लेकिन क्या दुनिया में भी इस वायरस की वजह से हेल्थ इमरजेंसी लगा देनी चाहिए, इस मुद्दे पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की मैराथन बैठक के बाद कहा गया कि अभी तक इस विषाणु की न तो गंभीरता का पता चला है न ही स्त्रोत और संक्रमण को लेकर ठोस जानकारी लगी फैलाव स्थिति है, इसलिए चीन में कोरोना वायरस से फैल रही बीमारी को स्थिति को फिलहाल वैश्विक आपातकाल यानि सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए चिंता की स्थिति (पीएचईआईसी) न माना जाए।
अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियामक की आपात समिति ने जेनेवा, स्विट्ज़रलैंड में चली बैठक के बाद अंतरराष्ट्रीय मीडिया के सामने यह घोषणा की।