ट्रेडिंग क्या होती है

ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या होती है? Offline vs Online Trading
😊✍आजकल भारत में लोगो की दिलचस्पी शेयर मार्केट या स्टॉक मार्केट में बढ़ने लगी है, यदि आप भी उनमे से ही है तो यह जानकारी आपके लिए भी बहुत फायदेमंद होने है.
शेयर बाजार में एक बहुत ही चर्चित शब्द है ऑनलाइन ट्रेडिंग जिसपे आज का यह पूरा लेख लिखा गया है. इस लेख में आपको जानने को मिलेगा की ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या होती है ट्रेडिंग क्या है? ऑनलाइन ट्रेडिंग सही है या ऑफलाइन ट्रेडिंग और अंत में सबसे महत्वपूर्ण बात यह कैसे काम करती है?
Highlights of Post Content
ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है?
ऑनलाइन ट्रेडिंग का सीधा अर्थ है फिनांशल प्रोडक्ट की ऑनलाइन लेनदेन करना। अब के ब्रोकर अपने प्लात्फ्रोम के साथ ऑनलाइन हो गए है इनके ये प्लेटफार्म स्टॉक,कोडिएट बांड्स, ETFS और आदि बहुत से फीचर्स प्रदान करते है.
पहले के समय में जब कोई खरीदार शेयर को खरीदना चाहता था ट्रेडिंग क्या होती है तब वह किसी ब्रोकर को कॉल करता था या मिलता था और उससे किसी कंपनी के शेयर की एक फिक्स अमाउंट को खरीदने के लिए कहता था.
इसके बाद ब्रोकर उस शेयर के बाजार मूल्य को आपसे बताएगा और उसको खरीद लेगा। आपके द्वारा ट्रेडिंग खाते की पुस्टि करने के बाद ब्रोकर की फ़ीस देनी पड़ती थी.
इससे आप समझ सकते है की यह स्टेप्स कितना लम्बा है इसी कारण आस्चर्य नहीं होता है ऑनलाइन ट्रेडिंग ने अपने फायदों कारण पुरे ट्रेडिंग बाजार को अपने कब्जे में कर लिया है:
- आप लेनदेन बहुत ही आसानी से कर सकते है.
- यूजर अपने घर बैठे-बैठे अपने खाते पर नजर रख, सकते है ,रखरखाव और खोल और बंद कर सकते है.
- जब हमें एक से ज्यादा फिनांशल प्रोडक्ट की खरीदारी करनी होती थी तब हमारे बिच में कोई होता था जो खरीदारी करता था , लेकिन ऑनलाइन में आप आसानी से खरीद सकते और बेच सकते है.
- ऑनलइन होने के कारण आपको प्रोडक्ट्स और उपलब्ध स्टॉक्स के बारे में अच्छे से जानकारी मिलती है.
ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे काम करती है?
जब भी कोई यूजर स्टॉक को खरीदने के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म पर रिक्वेस्ट या आर्डर देता है, इसका आर्डर ट्रेंडिंग मेमबर प्लेटफार्म और एक्सचेंज प्लेटफार्म के डेटाबेस में स्टोर हो जात्ता है.
इस डेटाबेस का उपयोग उन सभी प्लेटफार्म को देखने के लिए किया जाता है तो स्टॉक खरीदने या बेचने का काम करती है, विश्लेषण करे के बाद आपको सबसे अच्छे पैसे वाला स्टॉक दिखाया जाता है.
यह जो आपको स्टॉक का पैसा दिखाया जाता है यह यूजर के द्वारा दिए गए आर्डर से मिलता हैं. इतना सभ कुछ होने के बाद ब्रोकर के पास तीन दिन होते है की वह आपके पैसे का सेटलमेंट कर सकते है और इसके बाद आपके खाते में स्थानांतरण कर दिए जाते है.
बहुत से ऐसे प्लेटफार्म है जो आपको स्टॉक मार्केट में स्थिति स्टेटस का पता लगाने में मदत करते है. इससे एक यूजर को पता लगाने में आसानी होती है की कौन सी स्टॉक ऊपर जा रहा है और कौन सा निचे।
ऑनलाइन प्लेटफार्म की सबसे अच्छी बात यह की इन्हे उपयोग करना आसान है और यह यह कमिसन शुल्क भी कम लेती है.
Offline vs Online Trading
जैसे-जैसे ऑनलाइन ट्रेडिंग की मांग बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे ही ऑफलाइन ट्रेडिंग कही पिछड़ता हुआ दिखाई दे रहा है.
हर किसी व्यक्ति को यही चाहिए की चीज़े उसे ट्रेडिंग क्या होती है आसानी से मिल जाये उसे उन चीज़ो को पाने के लिए ज्यादा मेहनत न करना पड़े, यह नियम ऑनलाइन ट्रेडिंग को ऑफलाइन ट्रेडिंग की तुलना में और लोकप्रिय कर रहा है.
क्यूंकि लोग घर बैठे-बैठे ही स्टॉक या शेयर मार्केट में पैसे निवेस्ट कर पा रहे है. ऑनलाइन ट्रेडिंग के लोकप्रिय होने का दूसरा कारण यह है की यह कम कमिशन लेता है और ये तो जानते ही हैं भारत में जहा कम में मिलेंगे लोग वही जाते है.
ऑनलाइन ट्रेडिंग में ज्यादा झंझट मारी भी नहीं होती है ऑफलाइन ट्रेडिंग की तुलना में. सब कुछ मिलाकर यही है की ऑनलाइन ट्रेडिंग का आनेवाला कल बहुत ही सुनहरा है.
निष्कर्ष
ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या हैं? उम्मीद है की इस आर्टिकल में आपको आपके सरे सवालों के जवाब मिल गए होंगे। आज के लिए इतना ही धन्यवाद।😊✍🙏🙏
Trading Meaning In Hindi – Trading क्या होती है? जाने इसके प्रकार
Trading kya hai, इसे कैसे किया जाता है, यह कितनी तरह की होती है, क्या ट्रेडिंग और निवेश करने में कोई अंतर होता है, Trading in hindi से जुड़े कई तरह के प्रश्न आपके दिमाग में आते होंगे। यह सभी शंकाएं आपके दिमाग में तब तक रहेगी जब तक कि आपको ट्रेडिंग का सरल शब्दों में अर्थ ना समझ में आ जाए।
इसलिए आपकी सभी शंकाओं पर विराम लगाते हुए आज हम आपको ट्रेडिंग की संपूर्ण जानकारी देंगे जिसमें ट्रेडिंग मीनिंग इन हिंदी, इसके प्रकार, ट्रेडिंग कैसे करते हैं इत्यादि का संपूर्ण विश्लेषण करेंगे। तो आइए शुरू करते हैं।
ट्रेडिंग मीनिंग इन हिंदी | Trading Meaning In Hindi
ट्रेडिंग का अर्थ व्यापार करने से होता है। इसमें एक चीज़ को लेकर उसे कुछ ज्यादा दाम में दूसरों को बेच दिया जाता है। जिस प्रकार किसी धंधे में एक व्यापारी अपने व्यापार से संबंधित चीजों को खरीद कर उसे अपने ग्राहकों को कुछ ज्यादा दाम में बेचकर लाभ कमाता हैं, ठीक उसी प्रकार ट्रेडिंग में होता है।
Trading Meaning in Hindi = व्यापार / लेन देन
ट्रेडिंग का अर्थ सरल शब्दों में | Trading Ka Matlab
इसे यदि हम सरल शब्दों में आपको बताना चाहे तो आप अपने आसपास की दुकानों का उदाहरण ले सकते हैं। उदाहरण के तौर पर आप चायपत्ती को लीजिए। आप इसे अपने आसपास की दुकान से या बाजार जाकर खरीदते होंगे।
अब आप इसे जिस दुकान से खरीदते हैं वह आपको उस चायपत्ती को उसी दाम में तो नही बेचता होगा ना। मान लो आप एक किलो चायपत्ती 300 रुपए की खरीदते हैं तो वह चायपत्ती उस दुकानदार को उससे कुछ कम दाम में पड़ती होगी।
अब वह चायपत्ती उस दुकानदार को चाहे 250 रुपए में पड़ी हो या 280 रुपए में लेकिन आपने उसे उसके सही दाम से कुछ ज्यादा दाम में उस दुकानदार से खरीदा। इस तरह वह दुकानदार उस चायपत्ती को आपको बेचकर लाभ कमा रहा है।
यही बात आपके द्वारा खरीदी जाने वाली हर चीज़ पर लागू होती हैं। ठीक उसी प्रकार ट्रेडिंग ऑनलाइन व्यापार होता है लेकिन यह किसी वस्तु से संबंधित नही होता है। आइए जाने ट्रेडिंग का संबंध किससे होता है।
ट्रेडिंग क्या है | What is Trading In Hindi
अब तक आप यह तो जान ही गए कि ट्रेडिंग कहते किसे हैं लेकिन ट्रेडिंग में किस चीज़ का आदान-प्रदान होता है, इसके बारे में जानना भी आवश्यक है। ट्रेडिंग में किसी वस्तु का लेनदेन ना होकर शेयर का लेनदेन होता है। हर बड़ी कंपनी के अपने शेयर होते है और उनका कुछ मूल्य होता है।
ट्रेडिंग में व्यक्ति किसी कंपनी के कुछ शेयर खरीदता हैं और उसे कुछ ज्यादा दाम में कुछ समय के बाद किसी और को बेच देता है। इस तरह ट्रेडिंग का व्यापार किया जाता है और लाभ कमाया जाता है।
उदाहरण के तौर पर आप रिलायंस कंपनी के शेयर ले लीजिए। रिलायंस के एक शेयर का मूल्य 2300 रुपए के आसपास होता है। यह प्रतिदिन ऊपर-नीचे होता है। अब यदि किसी दिन रिलायंस का एक शेयर 2310 रुपए का है और आपने इसके 100 शेयर खरीद लिए। अगले दिन यही शेयर 2320 रुपए का हो जाता है और आपने यह शेयर बेच दिए तो इस तरह आपने एक दिन में 1000 रुपए कमा लिए।
इसी तरह शेयर मार्किट में हजारों कंपनियां हैं जिनके शेयर वहां उपलब्ध हैं। हर कंपनी के शेयर का मूल्य अलग-अलग होता है। आपको शेयर मार्किट में 2-3 रुपए से लेकर हजारों रुपए के मूल्य वाले शेयर मिल जाएंगे। यह आप पर निर्भर करता हैं कि आप कितना निवेश करना चाहते हैं।
ट्रेडिंग के प्रकार | Types of Trading In Hindi
आपके द्वारा शेयर खरीद कर उसे बेचने की अवधि के आधार पर ट्रेडिंग को 4 भागों में बांटा गया है। आइए इसके बारें में भी जाने।
1. स्कैल्पिंग ट्रेडिंग | Scalping Trading Kya Hai
यदि आप एक शेयर को खरीद कर उसे उसी दिन कुछ ही समय में बेच देते हैं तो इसे स्कैल्पिंग ट्रेडिंग के अंदर माना जाता है। यह समय कुछ सेकंड, मिनट से लेकर कुछ घंटो का हो सकता है। जैसे कि आपने एक शेयर सुबह 10 बजे खरीदा और उसे 11 बजे के आसपास बेचकर लाभ कमा लिया।
2. इंट्राडे ट्रेडिंग | Intraday Trading Meaning In Hindi
इसमें शेयर को खरीद कर उसे बेचने का समय एक दिन का होता है। कहने का तात्पर्य हुआ कि आपने एक शेयर सुबह बाजार खुलने के समय ले लिया और उसे उसी दिन बाज़ार बंद होने से पहले बेच दिया। सरल शब्दों में एक शेयर को बाजार खुलने पर खरीद कर, उसी दिन बाजार बंद होने से पहले बेच देना इंट्राडे ट्रेडिंग के अंतर्गत आता है।
3. स्विंग ट्रेडिंग | Swing Trading Kya Hai
इसमें आप किसी कंपनी के शेयर को खरीद कर उसे कुछ दिनों के लिए होल्ड पर रखते हैं और फिर उसे कुछ ज्यादा मूल्य में बेच देते हैं। अर्थात इसमें एक शेयर को कुछ घंटो या एक दिन के लिए नही बल्कि कुछ दिनों के लिए अपने पास रखा जाता है और मूल्य बढ़ने पर उसे बेच दिया जाता है।
4. पोजीशनल ट्रेडिंग | Positional Trading Meaning In Hindi
इसमें शेयर को होल्ड रखने की अवधि दिनों से बढ़कर महीने की हो जाती है। अर्थात यदि आप किसी शेयर को लेकर उसे अपने पास कुछ महीनो के लिए रखकर उसके मूल्य के बढ़ने का इंतज़ार करना चाहते हैं तो वह पोजीशनल ट्रेडिंग के अंतर्गत आती है।
ट्रेडिंग व इन्वेस्टिंग में अंतर | Difference between Trading Or Investing
इन्वेस्टमेंट की बात करें तो यह भी एक तरह से ट्रेडिंग का ही एक अगला चरण हैं लेकिन इसे ट्रेडिंग के प्रकारों में ना लेकर इन्वेस्टिंग में ले लिया जाता है। इसमें समय अवधि महीनो से ना रहकर सालों में आ जाती हैं। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि यदि आपकी पोजीशनल ट्रेडिंग की अवधि एक वर्ष को पार कर जाती है तो वह ट्रेडिंग से निकल कर इन्वेस्टिंग में आ जाती है।
इन्वेस्टिंग का अर्थ ही होता है किसी चीज़ में ज्यादा समय तक पैसा लगाकर रखना। ठीक वैसे ही जैसा हम जमीन इत्यादि में पैसा निवेश करते हैं। ठीक उसी प्रकार किसी शेयर में लंबे समय के लिए पैसे निवेश करना इन्वेस्टिंग के अंतर्गत आता है।
ट्रेडिंग कैसे करते हैं? | How to do Trading in Hindi
अब जब आपने ट्रेडिंग के बारे में लगभग सब जान लिया हैं तो सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न जो हम सभी के मन में आएगा कि आखिर ट्रेडिंग करते कैसे हैं। इसके लिए आपको शेयर मार्किट के बारे में अच्छे से जानकारी होना अति-आवश्यक है क्योंकि बिना इसके ट्रेडिंग बिज़नेस में जाना घाटे का सौदा हो सकता है।
कहने का अर्थ हुआ कि यह निश्चित नही कि आपके द्वारा लिए गए शेयर का मूल्य ट्रेडिंग क्या होती है आगे बढ़े ही, क्या पता वह गिर जाए तब आप क्या करेंगे। इसलिए पहले आपको इसके बारे में पूरी जानकारी इकठ्ठा करनी होगी, जो शेयर आप ले रहे हैं, उसके बारे में आंकलन करना होगा।
यह इस पर भी निर्भर करता हैं कि आप ट्रेडिंग का कौन-सा प्रकार करना चाहते हैं और कितने दिनों तक निवेश करके रख सकते हैं। इसके अलावा अन्य कई फैक्टर होते हैं जिनका आपको ध्यान रखना होगा। ट्रेडिंग करने के लिए कुछ ऐप्स हैं जिनकी सहायता आप ले सकते हैं।
ट्रेडिंग करने की ऐप्स :
- Zerodha
- Groww
- Upstox
- Angel Broking
- 5Paisa इत्यादि।
ऐसे ही और भी ढेरों app हैं। आप अपने मुताबिक इन में से किसी भी app पर रजिस्टर करके अपना अकाउंट बना कर ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं।
वीडियो से जाने ट्रेडिंग क्या है | Video of Trading Meaning in Hindi
तो दोस्तों ये थी ट्रेडिंग (trading in hindi) के बारे में जानकारी। हम आशा करते हैं की आप Trading Meaning in Hindi समझ गए होंगे। अगर आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूलें और हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें ताकि आपको ऐसी ही जानकारी मिलती रहे।
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एल्गो ट्रेडिंग (Algo Trading) पर सेबी ने प्रस्ताव पेश किया, जानिए क्या होती है एल्गो ट्रेडिंग?
ब्रोकरेज हाउसेज के अनुसार, सेबी द्वारा एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (API) से उत्पन्न होने वाले सभी ऑर्डर को एल्गोरिथम या एल्गो ऑर्डर के रूप में मानने का प्रस्ताव भारत में इस तरह के व्यापार के विकास में बाधा उत्पन्न कर सकता है।
मुख्य बिंदु
- एल्गो ट्रेडिंग का अर्थ उस ऑर्डर से है जो स्वचालित निष्पादन तर्क (automated execution logic) का उपयोग करके उत्पन्न होता है।
- एल्गो ट्रेडिंग सिस्टम लाइव स्टॉक की कीमतों पर स्वचालित रूप से नज़र रखता है और सभी मानदंडों को पूरा करने पर एक ऑर्डर शुरू करता है।
- यह प्रणाली ट्रेडर को लाइव स्टॉक की कीमतों की निगरानी से मुक्त करती है।
ब्रोकरेज हाउसेज ने क्या चिंता जताई है?
ब्रोकरेज हाउसेज का विचार है कि एल्गो बाजार को विनियमित करने की आवश्यकता है। क्योंकि कुछ वेंडर्स द्वारा किए गए झूठे वादों के चलते कई निवेशकों ने काफी पैसा खो दिया है। हालांकि, कुछ चुनिन्दा बुरे मामलों से निपटने के लिए, सेबी के नियम बाधाएं डाल रहा है जो भारत में एल्गो ट्रेडिंग के विकास को प्रतिबंधित कर सकता है।
एल्गोरिथम ट्रेडिंग ( Algorithmic Trading)
एल्गोरिथम ट्रेडिंग मूल्य, समय और मात्रा जैसे चर (variables) के लिए स्वचालित पूर्व-प्रोग्राम किए गए ट्रेडिंग निर्देशों (automated pre-programmed trading instructions) का उपयोग करके ऑर्डर प्लेस करने का एक तरीका है। इस तरह की ट्रेडिंग मानव व्यापारियों के मुकाबले कंप्यूटर की गति और कम्प्यूटेशनल संसाधनों का लाभ उठती है। यह रिटेल ट्रेडर्स और साथ ही संस्थागत व्यापारियों (institutional traders) में काफी लोकप्रिय हो रहा है। इसका उपयोग निवेश बैंकों, म्यूचुअल फंड, पेंशन फंड और हेज फंड द्वारा किया जाता है। 2019 के एक अध्ययन के अनुसार, विदेशी मुद्रा बाजार में लगभग 92% ट्रेडिंग ट्रेडिंग एल्गोरिदम द्वारा की गई थी।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ( Securities and Exchange Board of India – SEBI )
सेबी भारत में प्रतिभूतियों और कमोडिटी बाजार के लिए नियामक निकाय है। यह वित्त मंत्रालय के स्वामित्व में काम करता है। सेबी को 12 अप्रैल, 1988 को गैर-सांविधिक निकाय के रूप में स्थापित किया गया था। इसे वैधानिक अधिकार दिए गए थे और सेबी अधिनियम, 1992 द्वारा 30 जनवरी 1992 को यह स्वायत्त निकाय बन गया था।
इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें | Intraday का क्या मतलब होता है
हेलो दोस्तों, आज के इस लेख में आपको ( intraday trading kya hai) के बारे में अच्छे से समझाया गया है. यदि आप इस लेख को पूरा पढ़ते है तो आपको किसी अन्य वेबसाइट या यूटूब विडियो को देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी. ज्यादातर आपने कुछ लोगों के मुह से सुना होगा की intraday में बहुत रिस्क होता है और कुछ लोग कहते है की intraday में बहुत पैसा है. हां यह बात सच है डिलवरी ट्रेडिंग के मुकाबले intraday में बहुत अच्छा मुनाफा होता है लेकिन इसमें रिस्क भी बहुत होता है.
Intraday का क्या मतलब होता है?
इसके बोलने में ही इसका अर्थ निकल के आ रहा है “intraday” किसी भी share को 1 दिन में खरीद कर उसी दिन बेचने को intraday कहाँ जाता है.
इस stock/share market से वही पैसा कमा सकता है जो इसके बारे में अच्छे से जानता हो, इसके लिए आपके पास अच्छी रणनीति, फाइनेंशियल और एक्सपर्ट मर्केटर की जरूरत होती है. यदि इसे कोई long term के लिए इन्वेस्ट करता है तो उसे अच्छा मुनाफा मिलता है. यदि आप intraday में किसी भी share को खरीदेंगे तो उसको शाम तक बेचना ही होगा बरना मार्किट के चलती कीमत में अपने आप वह share बिक जायगा.
इंड्राडे ट्रेडिंग क्या है – Intraday trading kya hai)
Intraday मान लीजिये, आपने मार्किट के कीमत से किसी भी कंपनी के shares को ख़रीदा है और उस share की कीमत बढने लगे तो आप फायदे में चल रहे है आप चाहे तो share की कीमत गिरने से पहले उनको बेच के बहार भी निकल सकते है. आपको intraday के खुलने के समय से बंद होने के समय तक shares को खरीदना और बेचना होता है. इसमें फायदा हो या नुक्सान ट्रेडिंग क्या होती है उसी दिन हिसाब हो जाता है, दूसरी तरफ डिलवरी ट्रेडिंग में एक बार share को खरीदने के बाद कभी भी बेच सकते है
Intraday Trading में एक बहुत बड़ी समस्या है जो नय ट्रेडर्स और पुराने ट्रेडर्स के साथ अक्सर होती है. कितना भी अनुभवी ट्रेडर्स हो उसे indicators की ही मदद जरुर लेनी चाहिए. इनसे हमें काफी लाभ होता है मैंने आपको कुछ मुख्य idicators के बारे में समझाया है.
Moving Average
बहुत से ट्रेडर्स इस dayli moving average (DMA) इंडिकेटर पर भरोसा करते है.(Intraday trading kya hai) इस इंडिकेटर से चार्ट पर एक लाइन आती है जो हमें मार्किट के व्यवहार को दर्शाते है. और ये stock के उतार-चढ़ाव प्राइस के बारे में संकेत देता है. Moving Average indicator
Bollinger Bands
Bollinger bands एक बेहतरीन इंडिकेटर है जिसे काफी ट्रेडर्स पसंद करते है. स्टॉक की कीमत इस इंडिकेटर के अंदर मूव करती है. इसमें 3 प्रकार की लाइन होती है सबसे पहली लाइन को upper bands कहते है और निचे वाली लाइन को lower bands कहते है.
जब भी stock की कीमत upper bands की ओर पहुचती है तो से overbought कहते है. इसमें हमें निकलने का संकेत मिलता है. जब भी stock की कीमत lower bands की ओर पहुचती है तो उसे oversold कहते है, इसमें हमें enter होने का संकेत मिलता है. (intraday trading kya hai) Bollinger Bands
इसके बाद stock की कीमत अधिक बार ऊपर निचे हो तो उसे bands expoand बोलते है और इसके बिपरीत कीमत धीरे-धीरे ऊपर निचे हो तो उसे bands narrow बोलते है. इस तरह से ही सभी indicator stock की volatility को दर्शाता है.
Momentum Oscillators
यह इंडिकेटर हमें यह संकेत करता है की stock की कीमत ट्रेडिंग क्या होती है गिरेगी या ऊपर जायेगी. इसे काफी ट्रेडर्स उपयोग करते है इससे उनको यह पता चलता है की कब हमें share खरीदना और बेचना होता है. Momentum Oscillators
Relative Strength Index (RSI)
यह ट्रेडिंग करने में अच्छी मदद करता है ट्रेडिंग क्या होती है ट्रेडर्स इसका भी अच्छा उपयोग करते है और उनको इससे काफी लाभ भी मिलता है. RSI के साथ दूसरे इंडिकेटर का उपयोग करे जिससे हमें अच्छे से मार्किट की moving का पता चले. हमें कब share खरीदना और बेचना होता है. (intraday trading kya hai) Relative Strength Index (RSI)
Intraday Time Analysis
Intraday में सबसे जरुरी समय को एनालिसिस करना होता है. यदि आप ये सिख गय तो आपको intraday में पैसा कमाना आसान हो जायगा. इसके लिए आपको पिछले दिन का चार्ट देखना बहुत उपयोगी होता है. इसमें उपयोग होने वाले इंडिकेटर से हमें अधिक अवश्यक जानकारी प्राप्त हो जाती है.
स्टॉक की कीमत सुरु होने से लेकर बन्द होने तक की जानकरी देते है. Time Analysis intraday ट्रेडिंग मे बहुत ही महत्पूर्ण है क्योकि मार्किट की गति तेजी से बढती/घटती रहती है और ऐसे में जिन stock पर आप पैसा इन्वेस्ट करते है वह कही ऊपर तो कहीं निचे चला जाता है. (intraday trading kya hai)
इस तरह से चार्ट को समझना मुश्किल हो जाता है इसीलिए (intraday) दिन के व्यापारियो को बहुत अवश्यक हो जाता है की वह इस तरह से चार्ट को देखे जो उनको आसानी से समझ आ जाये. हमने intraday ट्रेडिंग में इन्वेस्ट करने के लिए कुछ जरुरी चीजों के बारे में समझाया है.
Intraday के लिए कौनसा stock चुने?
जब भी कोई share market के बात आती है तो उसमे सबसे जरुरी shares खरीदना कैसे है और किस कंपनी के share खरीदने है. जब आप अपने पैसो से share को खरद कर मुनाफे में बेचते हो तो वह पैसा आपके लायक होता है. आइये जानते है की बुद्धिमानी से stock को कैसे चुने? (intraday trading kya hai)
Avoid volatile stocks- अस्थिर शेयरों से बचें
आपको कभी भी अस्थिर shares में पैसे नहीं इन्वेस्ट करने है उससे हमेशा बचे रहना चाहिए. उस जगह पैसा इन्वेस्ट क्यों करें जहाँ से बापस मिलने का चांस नहीं है. इसलिए, हमेशा stock के व्यवहार को देखते रहना चाहिए और अस्थिर shares पर इन्वेस्ट करने से अपने आप को रोकना चहिये.
Resarch- अनुसंधान:
हमें shares लेने से पहले analysis और समझना फिर उसके बाद इन्वेस्ट करना एक ट्रेडर के लिए बेसिक सा step है. जिसे सभी को करना बहुत अनिवार्य है और बिना resarch के कोई भी बिज़नेस सफल नहीं होता है. (intraday trading kya hai)जब तब बिज़नेस करते समय भाग्य भी आपके पक्छ में ना हो क्योकि भाग्य भी कभी आपके साथ कृपा नहीं दिखता है तो बिज़नेस करने से पहले उसके बारे में resarch करना वेहद जरुरी है.
Trends-
कभी-कभी अकेले भटकने से बेहतर झुंड के साथ चलना बेहतर होता है. हमें सामान्य मार्किट में या फिर उस shares को सर्च करे, जिन्होंने ट्रेडर्स को अच्छा मुनाफा दिया है. जब भी share market में तेज से गिराबट आती है तब ट्रेडर्स को उन shares को तलाश करनी चाहिए जिनकी कीमत गिरती है, जब वह गिरते है तो आपके analysis के मुताबिक उनकी कीमत बढेगी.
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Muhurat Trading 2022: दिवाली पर कितनी देर के लिए होगी ट्रेडिंग? क्या होगी टाइमिंग? जानिए
Muhurat Trading 2022: दोनों बेंचमार्क एनएसई और बीएसई पर इक्विटी, इक्विटी डेरिवेटिव और एसएलबी सेगमेंट में दिवाली के शुभ . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : October 04, 2022, 16:16 IST
हाइलाइट्स
BSE और NSE ने सर्कुलर जारी करके मुहूर्त ट्रेडिंग 2022 की जानकारी दी.
24 अक्टूबर को होने वाली मुहूर्त ट्रेडिंग का समय फिलहाल तय नहीं हुआ है.
मुहूर्त ट्रेडिंग के समय को लेकर एक्सचेंज बाद में जानकारी देंगे.
मुंबई. दिवाली पर धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा होती है इसलिए यह दिन शेयर बाजार (Stock Market) के लिए बेहद खास होता है. इस त्यौहार पर मार्केट बंद रहता है लेकिन दिवाली के दिन शाम को एक घंटे के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग का आयोजन (Muhurat Trading Session 2022) किया जाता है. इस बार दिवाली के मौके पर 24 अक्टूबर को मुहूर्त ट्रेडिंग होगी.
दोनों बेंचमार्क एनएसई और बीएसई पर इक्विटी, इक्विटी डेरिवेटिव और एसएलबी सेगमेंट में दिवाली के शुभ अवसर पर 24 अक्टूबर को मुहूर्त ट्रेडिंग आयोजित की जाएगी. फिलहाल एक्सचेंज ने मुहूर्त की टाइमिंग की घोषणा नहीं की है.
NSE और BSE ने दी जानकारी
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने सर्कुलर ट्रेडिंग क्या होती है जारी करके मुहूर्त ट्रेडिंग 2022 की जानकारी दी और बताया कि 24 अक्टूबर को दिवाली के दिन मुहूर्त ट्रेडिंग आयोजित होगी. इस बारे में समय की घोषणा बाद में की जाएगी.
बीएसई के अनुसार, 24 अक्टूबर 2022 को दिवाली पर ट्रेडिंग क्या होती है लक्ष्मी पूजन के कारण ट्रेडिंग हॉलिडे होगा लेकिन इस दिन मुहूर्त ट्रेडिंग होगी. इसके समय का ऐलान बाद में किया जाएगा. एक्सचेंज ने कहा उपरोक्त कार्यक्रम में बदलाव भी किया जा सकता है. जिसके लिए अलग से सर्कुलर जारी किया जाएगा.
वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के अनुसार, 24 अक्टूबर 2022 दिवाली पर लक्ष्मी पूजन के कारण व्यापारिक अवकाश रहेगा. एनएसई इंडिया ने अपने सर्कुलर में कहा, ‘मुहूर्त ट्रेडिंग सोमवार 24 अक्टूबर, 2022 को आयोजित की जाएगी. मुहूर्त ट्रेडिंग के समय से जुड़ी जानकारी बाद में दी जाएगी.
मुहूर्त ट्रेडिंग को माना जाता है शुभ
दरअसल दिवाली के साथ नए साल की शुरुआत भी होती है. इस शुभ मुहूर्त पर शेयर बाजार के कारोबारी स्पेशल शेयर ट्रेडिंग करते हैं. इसलिए इसे मुहूर्त ट्रेडिंग भी कहा जाता है.
मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान शेयर बाजार में निवेश को शुभ माना जाता है. इस एक घंटे के मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान ज्यादातर निवेशक शेयर खरीदते हैं. मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है. हर साल मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए एक खास समय तय होता है.
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