अस्थिर ब्याज क्या है?

ब्याज प्रायः एक वर्ष, छः माह या तीन माह के या तीन माह के अंत में दिया जाता हैं, तब हम इसे क्रमशः संयोजित प्रतिवर्ष, संयोजित प्रति छमाही या प्रति तिमाही कहते हैं. आशा करते है कि यह लेख आपको पसंद आया होगा ऐसे ही लेख और न्यूज पढ़ने के लिए कृपया हमारा ट्विटर फॉलो करें.
Chakravarti byaj ka formula and Explanation in Hindi
आज के लेख में हम चक्रवृद्धि ब्याज का फार्मूला (Chakravarti byaj ka formula) सविस्तार बताने जा रहे है और आशा करते है कि यह उत्तर आपको पसंद आएगा. चक्रवृद्धि ब्याज गणित में सबसे अधिक प्रयोग की जाने वाली चैप्टर है. स्कूलों से लेकर प्रतियोगिता के एग्जाम की तैयारी तक यह विषय छात्रों को पढ़ाया जाता है. इसकी तैयारी व्यक्तिगत जीवन और एग्जाम दोनों में कारगर सिद्ध होती है. वहीं ये एसएससी, बैंक, रेलवे, आदि परीक्षाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण टॉपिक होता है.
चक्रवृद्धि ब्याज क्या है?
जब किसी समय पर अभी तक संचित किए हुए ब्याज को मूलधन में मिलाकर, मिश्रधन पर ब्याज की गणना की जाती है, तो उसे चक्रवृद्धि ब्याज कहते हैं. जिस अवधि के बाद ब्याज की गणना करके उसे मूलधन में जोड़ा जाता है, उसे चक्रवृद्धि अवधि कहते हैं.
इसके विपरीत साधारण ब्याज उस प्रकार की ब्याज गणना का नाम है जिसमें मूलधन अपरिवर्तित रहता है. कुछ छोटे-मोटे मामलों को छोड़कर व्यावहारिक जीवन के प्रायः सभी क्षेत्रों में चक्रवृद्धि ब्याज ही लिया/दिया जाता है
Chakravarti byaj ka formula:
चक्रवृद्धि ब्याज (Chakravarti byaj ka formula) = (1 + दर / 100 )^समय – मूलधन
Chakravarti byaj ka formula = मूलधन [(1 + दर / 100)^समय – 1]
Chakravarti byaj ka formula = मिश्रधन – मूलधन
मिश्रधन = मूलधन × (1 दर / 100)^समय
मिश्रधन = मूलधन + ब्याज
चक्रवृद्धि ब्याज कि शर्ते
1. वार्षिक शर्ते
2. अर्ध्दवार्षिकशर्ते
3. त्रैमासिक शर्ते
वार्षिक शर्ते : ब्याज का हिसाब 1 वर्ष से करके प्राप्त ब्याज मूलधन मेजोडना.
अर्ध्दवार्षिक : ब्याज का हिसाब वर्ष मे दो बार करके प्राप्त ब्याज को मूलधन मेजोडना.
जब शर्त अर्द्धवार्षिक हो तो दर का आधा व समय को दोगुना कर देगे.
Chakravarti byaj ka formula : नयी दर = R/2 तथा नया समय = 2T
त्रैमासिक/तिमाही : ब्याज का हिसाब वर्शमे 4 बार करके ब्याज को मूलधन मेजोडना. जब शर्त त्रैमासिक/तिमाही हो तो दर को एक चौथाई व समय को 4 गुना करते है.
Chakravarti byaj ka formula : नयी दर = R/4 और नया समय = 4T
जहाँ:-
P अस्थिर ब्याज क्या है? = मूलधन ( Principal)
r = ब्याज की वार्षिक दर ( Rate of Interest)
n = एक वर्ष में कुल ब्याज-चक्रों की संख्या
t = कुल समय (Time)
A = t समय बाद मिश्रधन (Amount)
CI = चक्रवृद्धि ब्याज ( Compound Interest )
फ्लैट ब्याज क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंफ्लैट ब्याज़ दर का अर्थ है वह लेंडिंग दर जो लोन अवधि के दौरान अपरिवर्तित रहती है. लोन अवधि के शुरू में पूरी लोन राशि के लिए ब्याज़ की गणना की जाती है. फाइनेंशियल संस्थान इसी गणना के आधार पर, पुनर्भुगतान शिड्यूल का निर्णय लेता है और उधारकर्ता द्वारा देय EMI निर्धारित करता है.
इसे सुनेंरोकेंभारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) में पर्सनल लोन पर ब्याज दर 9.60 फीसदी सालाना से शुरू होकर 13.85 फीसदी सालाना तक है। वहीं बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) में ब्याज दर 10 फीसदी से शुरू होकर 15.60 फीसदी सालाना तक है। कोटक महिन्द्रा बैंक में पर्सनल लोन पर ब्याज दर 10.25 फीसदी से शुरू होकर 24 फीसदी सालाना तक है।
क्या ब्याज की दर को कम करने है?
इसे सुनेंरोकेंब्याज दर को कम करना या ऋण पर ब्याज दर को कम करना वह है जहां ब्याज की गणना ऋण में बकाया मूल राशि के आधार पर की जाती है। अगली ईएमआई पर ब्याज ऋण में शेष मूल राशि पर अर्जित किया जाएगा, जो कुल ऋण राशि से पहले से भुगतान की गई मूल राशि को घटाने के बाद निकाला जाता है।
फ्लैट और घटती ब्याज दर में क्या अंतर है?
इसे सुनेंरोकेंफ्लैट दर-आधारित ऋण अच्छे हैं क्योंकि मासिक राशि में परिवर्तन नहीं होता है और ब्याज की राशि निश्चित होती है, लेकिन आप ऋण की पूरी अवधि के दौरान अधिक भुगतान करेंगे। इस प्रकार, अपने मासिक नकदी प्रवाह और फ्लैट दर बनाम घटती दर में ब्याज दर की तुलना के आधार पर अपने लिए सर्वोत्तम सौदे अस्थिर ब्याज क्या है? पर पहुंचने के लिए तदनुसार कॉल करें।
इसे सुनेंरोकेंफ्लैट रेट लोन में प्रति माह चुकाया जाने वाले ब्याज की गणना लिए गए लोन की कुल रकम पर की जाती है। उदाहरण के लिए, मान लीजिए आपने पांच लाख रुपए का लोन 10 फीसदी फ्लैट रेट पर पांच साल के लिए लिया है, तो आपको हर माह 4,167 रुपए की ईएमआई देनी होगी, वो भी लोन के कुल समयाविध तक यानी पूरे पांच साल तक।
EPF सब्स्क्राइबर्स के खाते में नहीं दिख रही ब्याज की रकम, तो घबराने की कोई बात नहीं, यहां जानें क्या है कारण
इंडिया.कॉम 06-10-2022 [email protected] (India.com News Desk)
कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) के ग्राहक अपने अस्थिर ब्याज क्या है? सेवानिवृत्ति बचत खाते में ब्याज क्रेडिट क्यों नहीं देख पा रहे हैं, इस पर वित्त मंत्रालय ने स्पष्टीकरण जारी किया है. EPF सब्सक्राइबर्स को उनके रिटायरमेंट सेविंग अकाउंट्स में 2021-22 के लिए 8.1% की ब्याज दर मिलेगी. सरकार पहले ही इसके बारे में घोषणा कर चुकी है.
वित्त मंत्रालय ने ट्वीट करते हुए बताया है कि पीएफ बचत पर टैक्सशन कानूनों में बदलाव के लिए "सॉफ्टवेयर अपग्रेड" के कारण ग्राहक ब्याज क्रेडिट नहीं देख पा रहे हैं. मंत्रालय ने ट्वीट किया, "किसी भी ग्राहक के लिए ब्याज की कोई हानि नहीं हुई है. ब्याज सभी ईपीएफ ग्राहकों के खातों में जमा किया जा रहा है. हालांकि, यह ईपीएफओ द्वारा लागू किए जा रहे एक सॉफ्टवेयर अपग्रेड के मद्देनजर दिखाई नहीं दे रहा है."
Fixed deposit पर मिल रहा है ज्यादा फायदा, कौन सा बैंक देगा कितना ब्याज? पोस्ट ऑफिस में कितना फायदा? ये रही लिस्ट
Fixed deposit Interest rates 2022: FD कराने वालों को अक्सर ये कन्फ्यूजन रहता है कि उनका पैसा टैक्स फ्री है. ऐसा नहीं है. ब्याज से हुई कमाई पूरी तरह से टैक्सेबल होती है.
FD से मिलने वाले ब्याज को इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज में काउंट किया जाता है. इसलिए इस पर बैंक या पोस्ट ऑफिस TDS काटेंगे. (फाइल फोटो)
Fixed deposit Interest rates 2022: महंगाई बढ़ी तो आरबीआई ने इसे कंट्रोल करने के लिए रेपो रेट में इजाफा करना शुरू किया. इसके बाद बैंकों ने भी लोन की दरों में बढ़ोतरी की. अब पब्लिक की सेविंग्स पर ज्यादा ब्याज मिलने की बारी थी. बैंकों ने डिपॉजिट पर ज्यादा ब्याज देने की शुरुआत की. साल 2020 में कोरोना के टाइम पर जो ब्याज दरें, 3-4 या 5 फीसदी तक आ गई थी. अब वो फिर से ऊपर की तरफ उड़ान भर रही हैं. मतलब फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) पर अब एक बार फिर ज्यादा ब्याज मिल रहा है. देश के सबसे बड़े बैंक SBI से लेकर एक्सिस बैंक और ICICI HDFC ने भी अपने ग्राहकों को ज्यादा ब्याज देना शुरू किया है. पोस्ट ऑफिस (Post Office) भी इस मामले में पीछे नहीं है. अगर आप भी किसी बैंक या पोस्ट ऑफिस में फिक्स्ड डिपॉजिट का प्लान कर रहे हैं तो सबसे रेट चेक कर लें. ताकि आप ज्यादा फायदे के लिए निवेश कर सकें. याद रहे फिक्स्ड डिपॉजिट एक सुरक्षित निवेश है, इस पर सरकारी गारंटी होती है.
2 साल की FD पर कहां कितना ब्याज?
SBI | ICICI | HDFC | PNB | Axis | Post Office |
6.25% | 6.40% | 6.50% | 6.25% | 6.50% | 5.70% |
SBI | ICICI | HDFC | PNB | Axis | Post Office |
6.10% | 6.50% | 6.50% | 6.10% | 6.50% | 5.80% |
5 साल की FD पर कहां कितना ब्याज?
SBI | ICICI | HDFC | PNB | Axis | Post Office |
6.10% | 6.60% | 6.50% | 6.10% | 6.50% | 6.70% |
FD कराने वालों को अक्सर ये कन्फ्यूजन रहता है कि उनका पैसा टैक्स फ्री है. ऐसा नहीं है. ब्याज से हुई अस्थिर ब्याज क्या है? कमाई पूरी तरह से टैक्सेबल होती है. मान लीजिए आपने एक साल के लिए FD में निवेश किया, तो इस अंतराल में आपने जो ब्याज कमाया उसे आपकी एनुअल इनकम में जोड़ा जाएगा. कुल इनकम के आधार पर आपका टैक्स स्लैब तय होगा. FD से मिलने वाले ब्याज को इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज में काउंट किया जाता है. इसलिए इस पर बैंक या पोस्ट ऑफिस TDS काटेंगे. ब्याज को आपके खाते में जोड़ते वक्त ही TDS काटा जाता है.
फ्लेक्सिबल रिपेमेंट
संपत्ति पर लोन आपको एक फ्लेक्सिबल रिपेमेंट का विकल्प देता है. इसमें आप अपनी इनकम और रिपेमेंट कैपेसिटी के हिसाब से आसान किस्तो में लोन की रकम को चुकाने के लिए अवधि यानी लोन टेन्योर चुन सकते हैं. संपत्ति पर लोन 15 से 20 साल तक के टेन्योर के हो सकते हैं. लोन लेने वाला शख्स चाहे तो कर्ज मुहैया कराने वाले वित्तीय संस्थान से रिक्वेस्ट करके अपनी सहूलियत के हिसाब से लोन टेन्योर को बढ़वा सकता है. हालांकि ये लोन लेने वाले शख्स की योग्यता और वित्तीय संस्थान पर निर्भर करता है कि लोन की अवधि बढ़ाई सकेगी या नहीं.
प्रॉपर्टी पर लोन के कई खास फीचर अस्थिर ब्याज क्या है? में से एक ये है कि प्रापर्टी पर मालिकाना हक हर हाल में मालिक के पास ही रहता है. लोन लेने वाला शख्स जब तक लोन अमाउंट चुकता नहीं कर देता है, तब तक प्रापर्टी का मूल दस्तावेज कर्ज देने वाले वित्तीय संस्थान के पास रहता है. केवल लोन डिफ़ॉल्ट के मामले में उधार देने वाला वित्तीय संस्थान प्रापर्टी की नीलामी कर सकता है. लोन लेने वाला शख्स अगर लोन अमाउंट नहीं चुका पाता तो ऐसे अस्थिर ब्याज क्या है? में वित्तीय संस्थान के पास गिरवी प्रापर्टी बेचने की इजाजत होती है.
निश्चित टेन्योर से पहले लोन चुकता कर सकते हैं
यदि आपने फ्लोटिंग ब्याज दरों पर लोन लिया है, तो आप कर्ज देने वाले वित्तीय संस्थान को बिना जुर्माना दिए लोन अमाउंट को समय से पहले चुकाकर प्रा-क्लोज कर सकते हैं. हालांकि उधार लेने वाला शख्स ऐसा तभी कर सकता है जब उसके पास अतिरिक्त फंड हो या लोन अमाउंट पूरी तरह चुकता करने के लिए पर्याप्त पैसे की व्यवस्था हो. लोन टेन्योर से पहले लोन अकाउंट को बंद करने के लिए आंशिक पेमेंट भी किया जा सकता है.
इन सभी पहलुओं के अलावा लोन लेने से पहले उस पर लागू ब्याज दर और ईएमआई यानी मंथली किस्त की भी तुलना करनी चाहिए. साथ ही अपनी योग्यता और जरूरत के हिसाब से एक निश्चित अमाउंट का लोन लेने का फैसला करना चाहिए. लोन ब्याज दर को अच्छी तरह से समझने का प्रयास करें ताकि मंथली किस्त का अमाउंट ज्यादा न हो. कोशिश करें कि लोन का टेन्योर कम हो.
नीचे की लिस्ट में आपको 7 साल के टेन्योर वाले 15 लाख के लोन का ब्याज दर और ईएमआई दी गई है. इन डिटेल की आपस में तुलना करें. उम्मीद है ये लिस्ट आपको सस्ता और सही लोन का फैसला करने में मदद कर सकती है.
प्रापर्टी पर लोन ब्याज दर और EMI
(नोट : उपरोक्त लिस्ट के सभी आकड़ें बैंक बाजार डॉट कॉम से लिये गए हैं. बैंक बाजार ने बताया कि ये सभी आकड़ें संबंधित वित्तीय संस्थान की वेबसाइट से 15 नवंबर 2022 तक के हैं. अधिक जानकारी और अपडेट के लिए आप इन संस्थानों की वेबसाइट का आप मदद ले सकते हैं.)
(Article : Sanjeev Sinha)
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