Swing Trading कैसे करे

RSI Indicator In Hindi आर.एस.आय का ट्रेडिंग में उपयोग कैसे करे
RSI को Relative Strength Index के नाम से जाना जाता है. RSI Indicator in hindi आर्टिकल में हम RSI Indicator के बारे में विस्तार से जानेंगे. टेक्नीकल एनालिसिस में RSI Indicator सबसे ज्यादा उपयोग में लिए जाने वाला इंडिकेटर है. RSI Indicator एक लीडिंग इंडिकेटर है जो टेक्नीकल एनालिसिस में ट्रेंड रिवेर्सल को पहचानने के लिए उपयोग में लिया जाता है. शेयर मार्किट में ट्रेडिंग करने वाले ज्यादातर ट्रेडर RSI Indicator का उपयोग करते है.
अगर आप जानना चाहते है की RSI क्या है? कैसे काम करता है और RSI Indicator कैसे हमें शेयर खरीदने या बेचने के लिए उपयोगी है तो आपको पूरी जानकारी इस आर्टिकल RSI Indicator in hindi pdf आर्टिकल में मिल जायेगी.
RSI Indicator divergence भी बनाता है जो ट्रेंड के रिवर्सल का संकेत देते है. RSI Indicator शेयर की इंटरनल पावर याने की आतंरिक क्षमता को दर्शाता है.
RSI Indicator in hindi आर्टिकल में हम जानेंगे की कैसे RSI Indicator Sideway marke t , किसी अनिश्चित ट्रेंड वाले बाजार में हमें ट्रेडिंग करने के लिए उपयोगी है.
RSI –Relative strength index –रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स
Table of Contents
RSI –Relative strength index एक लीडिंग इंडिकेटर है. RSI ट्रेंड रिवर्सल और शेयर की आतंरिक ताकत को दर्शाता है. टेक्नीकल एनालिसिस में RSI के पॉजिटिव और नेगेटिव Divergence का उपयोग शेयर में खरीदी और बिकवाली के लिए उपयोग में लिए जाते है.
RSI –Relative strength index शेयर्स में Oversold और ओवर Bought पोजीशन को भी दर्शाता है. ओवेर्सोल्ड का मतलब होता है जिस शेयर्स में अधिक सेल्लिंग मोमेंटम होता है और ओवरबाउट का मतलब होता है की उस शेयर्स में इतनी ज्यादा बाइंग मोमेंटम है की वंहा से शेयर्स में करेक्शन आ सकता है.
RSI –Relative strength index एक स्वतन्त्र ट्रेडिंग सिस्टम है. RSI –Relative strength index को दुसरे एनालिसिस इंडिकेटर या मूविंग एवरेज के के साथ जोड़कर भी अच्छा रिसल्ट मिल सकता है. RSI INDICATOR दिखने में ऐसा लगता है
RSI Indicator in (Swing Trading कैसे करे hindi) कैसे काम करता है?
RSI –Relative strength index शेयर्स की इंटरनल पॉवर को दर्शाता है इस स्ट्रेंथ को दर्शाने के लिए वो एक निश्चित रेंज के बिच में ओसिलेट करता रहता है याने की घूमता रहता है इसके कारन RSI –Relative strength index को एक मोमेंटम ओसिलेटर इंडिकेटर भी कहा जाता है.
RSI ० से लेकर १०० के स्तर के बिच में घूमता रहता है. RSI के मूल्य के आधार पर शेयर में खरीदी या बिकवाली के संकेत मिलते है. जैसे की अगर RSI ०-३० के बिच है तो शेयर ओवरसोल्ड हो चूका है और इसमें ट्रेंड रिवर्सल हो सकता है इसके संकेत मिलते है.
लेकिन इस बात का ख्याल रखे की अगर लम्बी समय अवधि के लिए ये ०-३० के बिच रहे तो इसमें और गिरावट आ सकती है क्यूंकि RSI ० से निचे नहीं जा सकता और लम्बी समय अवधि के लिए ०-३० के बिच रहने का मतलब शेयर में और गिरावट आ सकती है ये हो सकता है. ऐसी स्थिति में शेयर की खरीदी की बजाये बिकवाली के मौके आपको ढूंढने चाहिए.
अगर RSI ७०-१०० के बिच में है तो आप मान सकते है की इस शेयर्स में बहुत बाईंग हो चुकी है और करेक्शन आ सकता है.
लेकिन हमने ऊपर कहा उस तरीके से अगर ये स्थिति लम्बे समय के लिए रहे तो आपको खरीदी करनी चाहिए ना की बिकवाली जब तक आपको ट्रेंड रिवर्सल का कोई संकेत नहीं मिल जाता.
लम्बी ओवेरबोट स्थिति के बाद अगर आपको लगे की अब RSI निचे की और जाना सुरु हो गया है तो आप शेयर्स में बिकवाली के मौके तलाश सकते है
उसी प्रकार अगर ओवेर्सोल्ड की स्थिति में RSI ३० की रीडिंग के ऊपर जाने लगे तब आप शेयर खरीदने के मौके तलाश सकते है.
RSI –Relative strength index Divergence का ट्रेडिंग में उपयोग:
जिस प्रकार हम RSI जिस अंको के बिच घूमता है उससे शेयर खरीद करे या बिकवाली करे ये जान सकते है उसी तरह हम RSI Divergence का उपयोग करके शेयर में खरीदी करे या बिकवाली करे ये जान सकते है.
अगर किसी शेयर का भाव ऊपर की तरफ बढ़ता जा रहा है लेकिन RSI स्ट्रेंथ नहीं बता रहा और निचे की तरफ ही रहता है तो इसे टेक्नीकल एनालसिस की भाषा में डायवरजन्स कहते है.
ऐसी स्थिति में अगर आपको केंडलस्टिक चार्ट पैटर्न में बेरिश केंडल दिख जाए तो आपको कन्फर्मेसन मिल जाता है और आप शेयर में बिकवाली कर सकते है.
उसी प्रकार अगर शेयर का भाव गिर रहा है लेकिन RSI ऊपर की तरफ ही रहता है ज्यादा निचा नहीं जा रहा है ऐसी स्थिति में अगरे आपको कोई बुलिश पैटर्न चार्ट पर दिख जाए तो आप शेयर में खरीदी कर सकते है.
इस प्रकार आप पॉजिटिव डायवरजन्स और नेगेटिव डायवरजन्स का उपयोग ट्रेडिंग में कर सकते है जो की काफी मजबूत संकेत होता है.
RSI Indicator in hindi का ट्रेडिंग में कैसे उपयोग करे
इंट्राडे ट्रेडिंग , स्विंग ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट याने की लम्बी अवधि के निवेश के लिए आप RSI का उपयोग टेक्नीकल एनालिसिस के लिए कर सकते है.
किसी भी शेयर को खरीदते समय हमेशा ध्यान रखे की RSI की रीडिंग अच्छी हो आप RSI –Relative strength index के डायवरजन्स का उपयोग करके भी शेयर चुनने के लिए रणनीति बना सकते है. जब कभी अगर आप केंडलस्टिक चार्ट में डायवरजन्स देखे तो आप इसका उपयोग करके खरीदी और बिकवाली कर सकते है
अगर है तो आप Positive Divergence खरीदी कर सकते है Negative Divergence है तो आप बिकवाली कर सकते है.
काफी लोग ये नहीं जानते की RSI के भी डायवरजन्स होते है. वो सिर्फ MACD का ही डायवरजन्स के लिए उपयोग करते है.
आप सपोर्ट और रेसिस्टेंट लेवल निकाल ने के लिए भी आर.एस.आय का उपयोग कर सकते है.
RSI का डिफ़ॉल्ट सेटिंग १४ का है आप अनुभव के साथ साथ इसमें फेरबदल करके अपने हिसाब से भी इसे सेट कर सकते है.
निष्कर्ष:
RS I Indicator in hindi आर्टिकल में हमने देखा की RSI Kya hai, RSI कैसे काम करता है, RSI का हम टेक्नीकल एनालिसिस में कैसे उपयोग कर सकते है, इंट्राडे ट्रेडिंग, स्विंग ट्रेडिंग, और लम्बी अवधि के लिए RSI कैसे उपयोगी होता है.
शेयर में कितनी मजबूती है उसकी इंटरनल मजबूती हमें RSI के जरिये पता चलती है. आप RSI का उपयोग करके कैसे शेयर चुन सकते है इन सब बातो की जानकारी आपको मिल चुकी होगी.
टेक्नीकल एनालिसिस सिखने और शेयर बाजार से जुडी जानकारी हिंदी में पढने के लिए आप मेरी वेबसाइट हिन्दिसफ़र.नेट की विजिट जरुर करे .
1 दिन में मिल सकता है बंपर रिटर्न, जानें बाजार में इंट्राडे कमाई के फंडे
Intraday Trading: शेयर बाजार में 1 दिन की ट्रेडिंग में भी हो सकती है बंपर कमाई
Intraday Trading: शेयर बाजार में 1 दिन की ट्रेडिंग में भी हो सकती है बंपर कमाई
Intraday Trading: शेयर बाजार की बात आती है तो अमूमन यही खयाल आता है कि बाजार में पैसा लगाकर लंबा इंतजार करना होगा. तभी बेहतर मुनाफा हो सकता है. लेकिन ऐसा नहीं है. बाजार निवेशकों को 1 दिन में भी बंपर मुनाफा कमाने का मौका देता है. बाजार में एक ही ट्रेडिंग डे पर शेयर खरीदने और बेचने को इंट्रा डे ट्रेडिंग कहते हैं. इसमें सुबह पैसा लगाकर दोपहर तक अच्छी कमाई की जा सकती है. यहां शेयर खरीदा तो जाता है लेकिन उसका मकसद निवेश करना नहीं, बल्कि एक दिन में उसमें होने वाली बढ़त से मुनाफा कमाना होता है. ध्यान रहे कि इसमें जरूरी नहीं है कि आपको फायदा ही हो.
कैसे कर सकते हैं Intraday ट्रेड
अगर शेयर बाजार में डे-ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो इसके लिए पहले आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होता है. इस अकाउंट में आप या तो ब्रोकर को फोन पर ऑर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते हैं या ऑनलाइन भी खुद से ट्रेडिंग कर सकते हैं.
कैसे चुनें सही स्टॉक
#सिर्फ लिक्विड स्टॉक में ट्रेडिंग करें, 2 या 3 ऐसे स्टॉक चुन सकते हैं.
#वोलेटाइल स्टॉक से दूर रहें
#अच्छे कोरेलेशन वाले शेयरों में करें खरीददारी
#शेयर का चुनाव करने के पहले बाजार का ट्रेंड जरूर देख लें, मार्केट के ट्रेंड के खिलाफ न जाएं.
#रिसर्च के बाद जिन शेयरों को लेकर कांफिडेंट हैं, उनमें निवेश करें
#शेयर खरीदने के पहले यह तय करें कि किस भाव में खरीदना है और उसका लक्ष्य कितना है. स्टॉप लॉस जरूर लगाएं.
#जैसे ही लक्ष्य पूरा हो, प्रॉफिट बुकिंग करें.
Mcap of Top 10 Firms: टॉप 10 में से 9 कंपनियों का मार्केट कैप 90,319 करोड़ बढ़ा, Reliance Industries को सबसे ज्यादा फायदा
Upcoming IPO: अगले हफ्ते Global Health और Fusion Micro Finance समेत 4 कंपनियों का आ रहा है आईपीओ, लगभग 4,500 करोड़ जुटाने का इरादा
Market Outlook This Week: तिमाही नतीजों, ब्याज दरों पर अमेरिकी केंद्रीय बैंक के निर्णय से तय होगी बाजार की चाल, क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
कितने पैसों की पड़ती है जरूरत
इंट्रा डे में आप किसी शेयर में कितनी भी रकम लगा सकते हें. शेयर बाजार में नियम है कि जिस दिन शेयर खरीदा जाता है, उस दिन पूरा पैसा नहीं देना होता है. नियम के तहत जिस दिन शेयर खरीदा जाता है, उसके 2 ट्रेडिंग दिनों के बाद पूरा भुगतान करना होता है. फिर भी आपको शेयर के भाव का शुरू में 30 फीसदी रकम निवेश करना होता है.
कैसे मिलता है फायदा
इसका उदाहरण 6 मार्च 2019 यानी बुधवार को शेयर बाजार में होने वाली ट्रेडिंग से ले सकते हैं. दीवान हाउसिंग फाइनेेंस कॉरपोरेशन (DHFL) के शेयरों में निवेश करने वालों के लिए बुधवार का दिन बेहतर साबित हुआ. बुधवार को पॉजिटिव सेंटीमेंट जुड़ने के बाद कंपनी के शेयर में 20 फीसदी तक तेजी आई है.
DHFL का शेयर मंगलवार को 134 रुपये के भाव पर बंद हुआ था. वहीं बुधवार को यह 147.40 के भाव पर खुला और कुछ देर में ही 160 रुपये के भाव पर पहुंच गया. यानी प्रति शेयर 26 रुपये का फायदा हुआ. इस लिहाज से अगर किसी ने 50 हजार रुपये लगाए होंगे तो उसकी रकम बढ़कर 60 हजार रुपये हो गई. कुछ घंटों में ही 10 हजार रुपये का फायदा.
जानकारों की राय
एक्सपर्ट के अनुसार हालांकि शेयर बाजार का अधिकांश कारोबार डे ट्रेडिंग का ही होता है, लेकिन फिर भी सावधानी के साथ कारोबार करना चाहिए. शेयर का चुनाव करने के पहले बाजार का ट्रेंड जरूर देखना चाहिए. मार्केट के ट्रेंड के खिलाफ न जाएं. शेयर खरीदने के पहले यह तय करें कि किस भाव में खरीदना है और उसका लक्ष्य कितना है. स्टॉप लॉस जरूर लगाएं.
(Discliamer: हम यहां इंट्राडे कारोबार के बारे में जानकारी दे रहे हैं, न कि निवेश की सलाह. शेयर बाजार के अपने जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.)
Get Business News in Hindi, latest India News in Hindi, and Swing Trading कैसे करे other breaking news on share market, investment scheme and much more on Financial Express Hindi. Like us on Facebook, Follow us on Twitter for latest financial news and share market updates.
Intraday & Swing Trading Strategy | Accurate Strategy
है | स्टॉक मार्केट में एक अनुशासित ट्रेडर वही होता है जो अपने नफा और नुकसान (Risk & Reward) का बैलेंस बना के चलता है , इसलिए कोई भी रडनीति कितनी भी सटीक क्यों ना हो सभी को Stop Loss लगा के ही ट्रेड करना चाहिए
जिससे अगर कभी नुकसान हो तो ज्यादा ना Swing Trading कैसे करे हो ,
तो चलिए दोस्तों अब जानते है इस शानदार स्ट्रेटेजी के बारे में
ट्रेडिंग के लिए शक्तिशाली इंडीकेटर | Powerfull Indicator For Trading Setup
दोस्तों हमे इस Swing Trading कैसे करे रड़नीति ( Strategy) को ” TRADING VIEW ” Plateform के फ्री वर्ज़न में बनाना है Trading View में हम फ्री में तीन इंडीकेटर का उपयोग कर सकते है |
Trading View Chart में सबसे पहले निम्न तीन इंडिकेटर लगा लेना है
- Half Trend (default Setting)
- Advance trend By trendcihoca(default Setting)
- Wave trend strategy [ Lazy Bear ] & squeze Buy Thomas.gigure(default setting)
ट्रेडिंग कैसे करना है | Prosess How To Trade
इस ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी को इंट्राडे या पोजीसनल स्विंग ट्रेडिंग दोनों तरह की ट्रेडिंग में अपना सकते है इसे Stock/currancy/nifty/bank nifty/ future and option सभी Segment में इस्तेमाल कर सकते है
इंट्राडे के लिए 15 मिनट और 1 घंटे / स्विंग ट्रेडिंग लिए One day and one week chart का
उपयोग करना है
STEP 1 :
सबसे पहले स्विंग ट्रेडिंग के लिए डे चार्ट में half trend के ऊपर एक postive green candel बनना चाहिए
इंट्राडे के लिए 15 मिनट चार्ट में half trend के ऊपर p ostive green candel बने और half trend upside का Indication दे
STEP 2 :
Advance trend indicator में ExMov line पीले (yellow) colour से blue(नीला ) colour में
और most line – red colour(लाल) से green colour( हरा ) में बदल चुकी हो (acording default setting )
STEP 3 :
Wave trend indicator में wave trend line और signal line जो (+ sign format में दिखेगी )
दोनों जीरो (zero) line के ऊपर स्थित हो और wave trend line ऊपर की ओर signal line को काटे (crossover)
STEP 4 :
अब पेहली green Postive Candel को पूरा बनने दे जब पेहली green candel complete हो जाती है
फिर उसके बाद जैसे ही अगली candel पहली candel के High को cross करे तब हमे Buy possion लेना है
नोट :-
Weekly Chart में भी Stock , Half Trend के ऊपर Trade करना चाहिए / Advance Trend Indicator की ExMove Line Blue and Most Line Green हो और Wave Trend Indicator में Wave Trend Line ,Signal(+) Line को
cross करके ऊपर की ओर हो
उसी प्रकार Intraday Trade के लिए 1 Hours Chart में भी Stock , Half Trend के ऊपर Trade करना चाहिए / Advance Trend Indicator की ExMove Line Blue and Most Line Green हो और
Wave Trend Indicator में Wave Trend Line ,Signal(+) Line को cross करके ऊपर की ओर हो
Now setup done first practice this strategy on paper then use this on live market.
I will publish more wonderful strategy in comming post so please subscribe this blog .
FAQ (Frequantly Ask Questions)
Ans . Trading view Chart में इस strategy को बनाना है |
Q2 . Chart में Time Frame क्या रखना है |
Ans. Intraday trade करने के लिए 15 मिनट और 1 Hours time frame रखना है जबकि swing trading या possisonal trade लिए 1 Day और 1 week time फ्रेम का use करना है Long Term के लिए 1 month time frame use करते है |
Q 3 . Risk Reward rasio क्या रखना है |
Ans 1 : 1.5 का risk reward rasio रखना है |
Q 4 . इस strategy का Accuracy Level क्या है
Ans . 95 % To 98 % (Acording Whole market Trend )
Desclaimer : this is not recomondation to buy any stock first practice on paper then apply in Live market.
कम समय में चाहते हैं मोटा मुनाफा, तो आप ट्रेडिंग ऑप्शन पर लगा सकते हैं दांव
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी से मोटा मुनाफा संभव है.
शेयर मार्केट के संबंध में अक्सर ट्रेंडिंग और निवेश शब्द सुनने को मिलते हैं. हालांकि, दोनों माध्यमों में निवेशकों का मकस . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : June 11, 2022, 14:52 IST
नई दिल्ली . शेयर मार्केट संबंधित चर्चा होते ही अक्सर ट्रेंडिंग और निवेश शब्द सुनने को मिलते हैं. कई लोग ट्रेडिंग और निवेश में फर्क नहीं कर पाते हैं. तो आपको बता दें कि ट्रेडिंग और निवेश के बीच सबसे अहम अंतर समय अवधि का है. निवेश की तुलना में ट्रेडिंग में समय अवधि काफी कम होती है. ट्रेडिंग कई प्रकार की होतीं हैं और ट्रेडर्स स्टॉक में अपनी पॉजिशन बहुत कम समय तक Swing Trading कैसे करे रखते हैं, जबकि निवेश वे लोग करते हैं, जो स्टॉक को वर्षों तक अपने पोर्टफोलियो में रखते हैं. अगर आप कम समय में मोटा मुनाफा चाहते हैं, तो ट्रेडिंग आपके लिए बेस्ट ऑप्शन साबित हो सकती है.
सिक्योरिटीज की खरीद-बिक्री की प्रक्रिया को ट्रेडिंग कहते हैं. फाइनेंसियल मार्केट की स्थिति और जोखिम के आधार पर ट्रेडिंग की विभिन्न स्ट्रेटेजी हैं. ट्रेडर्स अपने वित्तीय लक्ष्य के हिसाब से इनका चयन करते हैं. साथ ही विभिन्न प्रकार की ट्रेडिंग से जुड़े रिस्क और लागत को भी ध्यान में रखते हैं. आइए, यहां हम उन लोकप्रिय ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी की चर्चा करते हैं, जो अधिकतर ट्रेडर अपनाते हैं.
ये भी पढ़ें- LIC के शेयर में गिरावट से सरकार चिंतित, DIPAM सचिव बोले- अस्थायी है गिरावट
इंट्राडे ट्रेडिंग
शेयर बाजार में महज 1 दिन के कारोबार में भी मोटा प्रॉफिट कमाया जा सकता है. दरअसल, बाजार में एक ही ट्रेडिंग डे पर शेयर खरीदने और बेचने को इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday trading) कहते हैं. इस स्ट्रेटेजी के तहत शेयर खरीदा तो जाता है, लेकिन उसका मकसद निवेश नहीं, बल्कि 1 दिन में ही उसमें होने वाली बढ़त से प्रॉफिट कमाना होता है. इसमें चंद मिनटों से ले कर कुछ घंटे तक में ट्रेडिंग हो जाती है. हालांकि, यह जरूरी नहीं कि इंट्रोडे ट्रेडर्स को हमेशा प्रॉफिट ही होता हो. ट्रेडर्स अपना ट्रेड शेयर मार्केट बंद होने से पहले बंद करते हैं और प्रॉफिट या लॉस उठाते हैं. इसमें तेजी से निर्णय लेना होता है.
पॉजिशनल ट्रेडिंग
पॉजिशनल ट्रेडिंग (Positional trading) स्टॉक मार्केट की एक ऐसी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी है, जिसमें स्टॉक को लंबे समय तक होल्ड किया जाता है. इस स्ट्रेटेजी के तहत ट्रेडर्स किसी स्टॉक को कुछ महीने से लेकर कुछ साल तक के लिए खरीदते हैं. उसके बाद उस स्टॉक को बेच कर प्रॉफिट या लॉस लेते हैं. उनका मानना होता है कि इतनी अवधि में शेयर के दाम में अच्छी बढ़ोतरी होगी. निवेशक आमतौर पर फंडामेंटल एनालिसिस के साथ टेक्निकल ग्राउंड को ध्यान में रखकर फंडामेंटल एनालिसिस के साथ टेक्निकल को ध्यान में रखकर यह स्ट्रेटेजी अपनाते हैं.
स्विंग ट्रेडिंग
स्विंग ट्रेडिंग (Swing trading) में टाइम पीरियड इंट्राडे से अधिक होता है. कोई स्विंग ट्रेडर अपनी पॉजिशन 1 दिन से अधिक से लेकर कई हफ्तों तक होल्ड कर सकता है. बड़े टाइम फ्रेम में वोलैटिलिटी कम होने के साथ प्रॉफिट बनाने की संभावना काफी अधिक होती है. यही कारण है कि अधिकतर लोग इंट्राडे की अपेक्षा स्विंग ट्रेडिंग करना पसंद करते हैं.
टेक्निकल ट्रेडिंग
टेक्निकल ट्रेडिंग (technical trading) में निवेशक मार्केट में मूल्य परिवर्तन की भविष्यवाणी करने के लिए अपने टेक्निकल एनालिसिस ज्ञान का उपयोग करते हैं. हालांकि, इस ट्रेडिंग के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है. इसमें पॉजिशन 1 दिन से लेकर कई महीने तक रखा जा सकता है. शेयर मार्केट में कीमतों में उतार-चढ़ाव को निर्धारित करने के लिए अधिकतर ट्रेडर्स अपने टेक्निकल एनालिसिस स्किल का उपयोग करते हैं. टेक्निकल एनालिसिस के तहत देखा जाता है कि किसी खास समय अवधि में किसी शेयर की कीमत में कितना उतार-चढ़ाव आया. इस अवधि में इसकी ट्रेड की गई संख्या में क्या कभी कोई बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|