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स्टॉक ट्रेडिंग में 30 दिन का नियम क्या है?

स्टॉक ट्रेडिंग में 30 दिन का नियम क्या है?
> एनएसई की वेबसाइट पर ट्रेड वेरिफिकेशन की सुविधा भी उपलब्ध है जिसका उपयोग आप अपने ट्रेड के वेरिफिकेशन के लिए कर सकते हैं।

सेबी (सांकेतिक तस्वीर)

एक स्टॉक में 8 रुपये और दूसरे में 30 रुपये की तेजी की उम्मीद, डीलिंग रूम्स ने इन 2 स्टॉक्स में कराई बंपर खरीदारी

डीलर्स का कहना है कि इस एंटरटेनमेंट स्टॉक्स में घरेलू फंड्स ने खरीदारी की है जिससे इस शेयर में तेजी देखने को मिल सकती है

सीएनबीसी-आवाज़ पर हर दिन खास शो कमाई का अड्डा में एक खास सेगमेंट Dealing Rooms Check पेश किया जाता है। जिसमें यतिन मोता सूत्रों के द्वारा ब्रोकरेज हाउसेज के डीलिंग रूम्स से ये जानकारी हासिल करते हैं कि आज बाजार बंद होने के पहले किन 2 स्टॉक्स में ब्रोकरेजेस अपने क्लाइंट्स को सबसे ज्यादा ट्रेड लेने की सलाह दे रहे हैं। उन्हीं सूत्रों के आधार पर आपको ये जानकारी साझा की जाती है कि डीलर्स आज कौन से शेयर खरीद और बेच रहे हैं और आज के टॉप ट्रेडिंग आइडियाज क्या हैं।

इसके साथ ही किस वजह से डीलिंग रूम इन स्टॉक्स पर दांव लगा रहे हैं या किस स्टॉक में आने वाले दिनों में स्टॉक ट्रेडिंग में 30 दिन का नियम क्या है? कितने रुपये तक और तेजी नजर आ सकती है। आज निवेशक किस स्टॉक में अपनी पोजीशन बना सकते हैं या किसमें निवेशक को बिकवाली करनी चाहिए। इसकी पूरी जानकारी निवेशकों को इस खास सेगमेंट में उपलब्ध कराई जाती है।

Stock Exchange: जाने, शेयर बाजार में क्या है अपर सर्किट और लोअर सर्किट?

शेयर बाजार में क्या है अपर सर्किट

शेयर बाजार में क्या है अपर सर्किट

  • भारतीय शेयर बाजार में गुरुवार को कुछ सरकारी बैंकों के शेयरों में भारी तेजी दिखी
  • इस दिन कुछ सरकारी बैंकों के शेयरों में भारी तेजी देखी गई
  • कुछ बैंकों के कारोबार पर सर्किट ब्रेकर भी लगा
  • आपको मालूम है कि क्या होता है सर्किट ब्रेकर
  1. क्यों घटता-बढ़ता है शेयर का मूल्य?
    सामान्य निवेशक इस बात को लेकर कभी कभी बहुत हैरान रहते हैं कि शेयर का मूल्य किस हिसाब से बढ़ता और घटता रहता है। शेयर का मूल्य दो कारणों से बढ़ता या घटता रहता है। पहला कारण शेयर की सप्लाई और डिमांड और दूसरा कारण कंपनी द्वारा मुनाफा कमाना या कंपनी का घाटा। लेकिन, अगर हम स्टॉक ट्रेडिंग में देखें तो शेयर की सप्लाई और डिमांड की वजह से अधिकतर शेयर का मूल्य घटता बढ़ता रहता है। जब भी शेयर की डिमांड बढ़ती है यानी ज्यादा लोग खरीदते हैं तो उसका दाम बढ़ जाता है। और, जब लोग शेयर को बेचना स्टार्ट कर देते हैं तब शेयर का मूल्य घटने लगता है यह इस तरह से काम करता है।
  2. क्या है लोअर सर्किट?
    मान लीजिए आपके पास किसी कंपनी का शेयर हैं। किसी वर्ष के दौरान उस कंपनी को किसी कारणवश घाटा लगना शुरू हो जाता है। ऐसे में आप उस कंपनी का शेयर बेचने लगेंगे। ऐसे ही बहुत से लोग जो उस कंपनी के शेयर को लिए होंगे वह भी बेचना शुरू कर देंगे। जब सब बेचना शुरू कर देंगे तो एक ही दिन में उस कंपनी स्टॉक ट्रेडिंग में 30 दिन का नियम क्या है? का शेयर शून्य तक पहुंच सकता है। ऐसी स्थिति में शेयर का मूल्य एक निश्चित सीमा तक गिरे इसके लिए NSE तथा BSE स्टॉक एक्सचेंज ने कुछ नियम बनाए हैं। जिनके अंतर्गत जब किसी कंपनी में अचानक स्टॉक ट्रेडिंग में 30 दिन का नियम क्या है? सब लोग शेयर बेचना शुरू कर दें तो एक निश्चित सीमा तक ही उस शेयर का मूल्य घटेगा। उसके बाद उस शेयर की ट्रेडिंग बंद हो जाएगी। यह जो मूल्य घटने की सीमा है, उसे ही लोअर सर्किट कहते हैं।
  3. लोअर सर्किट का इस्तेमाल कब होता है?
    लोअर सर्किट के तीन चरण होते हैं। यह 10 फीसदी, 15 फीसदी और 20 फीसदी की गिरावट पर लगता है। यदि 10 फीसदी की गिरावट दिन में 1 बजे से पहले आती है, तो बाजार में एक घंटे के लिए कारोबार रोक दिया जाता है। इसमें शुरुआती 45 मिनट तक कारोबार पूरी तरह रुका रहता है और 15 मिनट का प्री-ओपन सेशन होता है। यदि 10 फीसदी का सर्किट दोपहर 1 बजे के बाद लगता है, तो कारोबार 30 मिनट के लिए रुक जाता है। इसमें शुरुआती 15 मिनट तक कारोबार पूरी तरह रुका रहता है और 15 मिनट का प्री-ओपन सेशन होता है। यदि 2.30 बजे के बाद 10 फीसदी का लोअर सर्किट लगता है, तो कारोबार सत्र के अंत तक यानी 03.30 बजे तक जारी रहता है।
  4. क्या है 15 फीसदी का सर्किट नियम?
    यदि 15 फीसदी की गिरावट 1 बजे से पहले आती है, तो बाजार में दो घंटे के लिए कारोबार रोक दिया जाता है। इसमें शुरुआती 1 घंटा और 45 मिनट तक कारोबार पूरी तरह रुका रहता है और 15 मिनट का प्री-ओपन सेशन होता है। यदि 15 फीसदी का सर्किट दोपहर 1 बजे के बाद लगता है, तो कारोबार एक घंटे के लिए रुक जाता है. इसमें शुरुआती 45 मिनट तक कारोबार पूरी तरह रुका रहता स्टॉक ट्रेडिंग में 30 दिन का नियम क्या है? है और 15 मिनट का प्री-ओपन सेशन होता है। यदि 2.30 बजे के बाद 15 फीसदी का लोअर सर्किट लगता है, तो कारोबार के अंत तक यह लगा रहता है।
  5. क्या है अपर सर्किट
    अपर सर्किट को एक उदाहरण के जरिए समझते हैं। मान लीजिए कि आपके पास किसी कंपनी के शेयर हैं। उस कंपनी को खूब मुनाफा होता है या किसी कारणवश उस कंपनी में निवेशकों की रूचि बढ़ जाती है। ऐसे में उस कंपनी के शेयर का दाम खूब चढ़ने लगता है। ऐसे में किसी कंपनी के शेयर का मूल्य एक ही दिन में आसमान में पहुंच जाएगा। इसी हालत से बचने के लिए शेयर बाजार में अपर सर्किट का प्रावधान है। उस निश्चित मूल्य सीमा तक उस कंपनी के शेयर का दाम पहुंचते ही उसमें अपर सर्किट स्टॉक ट्रेडिंग में 30 दिन का नियम क्या है? लग जाएगा और उसकी ट्रेडिंग बंद हो जाएगी। जिस तरह से लोअर सर्किट पर 10, 15 और 20 फीसदी का नियम लागू होता है, वही नियम अपर सर्किट पर भी लागू होता है।
  6. कारोबार रुकने के बाद कब और कैसे शुरू होता है?
    सर्किट लगने पर कारोबार रुक जाता है। जब बाजार दोबारा खुलता है तो पहले 15 मिनट का प्री-ओपन सत्र होता है। इसके बाद सामान्य कारोबार शुरू होता है और यह अगला सर्किट लगने या सत्र के अंत (जो भी पहले हो) तक जारी रहता है।
  7. सर्किट का इस्तेमाल क्यों किया जाता है?
    सर्किट के स्तर स्टॉक एक्सचेंज द्वारा तय किए जाते हैं। इन्हें निवेशकों और ब्रोकरों के हितों को ध्यान में रख कर लगाया जाता है ताकि उन्हें बाजार के बड़े झटकों से बचाया जा सके। बाजार के उतार-चढ़ाव के दौरान कारोबारियों को करारा झटका लगता है। ऐसी स्थिति में बाजार पर दबाव बढ़ जाता है।
  8. भारतीय शेयर बाजार में कब से हुआ सर्किट का प्रावधान?
    भारतीय शेयर बाजार में अपर सर्किट और लोअर सर्किट का इतिहास 28 जून 2001 से शुरू होता है। उसी दिन बाजार नियामक सेबी ने सर्किट ब्रेकर की व्यवस्था की थी। यह व्यवस्था लागू होने के बाद इसका पहली बार इस्तेमाल 17 मई 2004 को हुआ था।

इंट्राडे स्टॉक ट्रेडिंग में 30 दिन का नियम क्या है? ट्रेडिंग टाइम

इंट्राडे ट्रेडिंग यानी की एक ही दिन के अंतराल में स्टॉक को बाय और सेल करना । लेकिन मार्केट के 6 घंटे की अवधि किस अवधि में इंट्राडे ट्रेडिंग करना फायदेमंद होता है, साथ ही इक्विटी और कमोडिटी के लिए क्या इंट्राडे ट्रेडिंग टाइम रखा गया है, ये सभी ज़रूरी बातो को यह विस्तार में जानेंगे।

अब जैसे की आप जानते है कि शेयर बाजार के नियम है जिसका पालन कर आप ट्रेड कर सकते है । सभी नियमों में से एक नियम शेयर मार्केट के समय का है जिसमे आप ट्रेड कर सकते है। इक्विटी शेयर बाजार की बात करे तो वह सुबह 9:15 से शाम 3:15 तक खुला रहता है । यह 6 घंटे की अवधि एक ट्रेडर के लिए विभिन्न अवसर लेकर आती है जिसमे ट्रेडर मुनाफा कमा सकता है।

लेकिन इंट्राडे ट्रेडिंग में मुनाफे के लिए ज़रूरी है एक सही समय का चुनाव करना । ऐसा इसलिए क्योंकि ट्रेडिंग के दौरान वोलैटिलिटी, लिक्विडिटी और अन्य कारक प्राइस में तेज़ी से उतार-चढ़ाव लाते है जिसकी वजह से एक ट्रेडर को नुकसान भी हो सकता है।

कमोडिटी इंट्राडे ट्रेडिंग टाइम

कमोडिटी मार्केट में इंट्राडे ट्रेडिंग टाइम रात को 11:55 तक खुली रहती है तो अगर किसी कमोडिटी (crude oil, cotton, natural gas, etc) में ट्रेड करते है तो आप अपनी पोजीशन को रात तक ओपन करके रख सकते है ।

लेकिन इक्विटी मार्केट की तरह यहाँ भी आपको स्क्वायर-ऑफ टाइम का ध्यान रखना है और मार्केट बंद होने से कम से कम 15 मिनट पहले अपनी पोजीशन को स्क्वायर ऑफ करना होता है ।

इंट्राडे ट्रेडिंग स्क्वायर ऑफ का स्टॉक ट्रेडिंग में 30 दिन का नियम क्या है? समय हर ब्रोकर का अलग होता है और इसलिए आप अपने ब्रोकर से इसकी जानकारी ज़रूर प्राप्त करें ।

इंट्राडे ट्रेडिंग करने का सही समय

इंट्राडे ट्रेडिंग उन्ही स्टॉक में ज़्यादातर की जाती है जिसमे अस्थिरता ज़्यादा होती है, अब यहाँ पर अलग अलग समय में वोलैटिलिटी भी अलग होती है जिसके अनुसार इंट्राडे ट्रेडिंग समय सीमा को निम्नलिखित चरणों में बांटा गया है:

ये इंट्राडे ट्रेडिंग टाइम सबसे ज़्यादा वोलेटाइल होता है। सुबह के पहले घंटे में इंट्राडे स्टॉक में सबसे ज़्यादा अस्थिरता देखी जाती है, इसका सबसे बढ़ा कारण मार्केट बंद होने के बाद आयी कोई न्यूज़ या अन्य कोई कारण हो सकता है। ये वह समय में सबसे ज़्यादा वॉल्यूम स्टॉक ट्रेडिंग में 30 दिन का नियम क्या है? देखि जाती है यानी की इस समय सबसे ज़्यादा ट्रेडर एक्टिव रहते है।

ये समय ट्रेडर्स के लिए मुनाफा कमाने का अवसर लेकर आता है लेकिन वोलैटिलिटी अधिक होने के कारण इस समय नुक्सान भी ज़्यादा हो सकता स्टॉक ट्रेडिंग में 30 दिन का नियम क्या है? है और इसलिए शुरूआती ट्रेडर को इस समय इंट्राडे ट्रेड करने की सलाह नहीं दी जाती।

ट्रेडिंग अकाउंट में लाखों रुपए के नुकसान से बचना है तो गलती से भी न भूलें इन टिप्स को

ट्रेडिंग अकाउंट में लाखों रुपए के नुकसान से बचना है तो गलती से भी न भूलें इन टिप्स को

हाल के दिनों में फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और आपको इनसे बचकर रहने की जरूरत है। अगर आप थोड़ी सी भी चूक होगी तो आपको लाखों रुपए का चूना लग सकता है। आजकल शेयर मार्केट में ट्रेडिंग में सभी लोगों की दिलचस्पी होती है और आप में से बहुत लोग शेयर बाजार में ट्रेडिंग भी करते होंगे, आपके ट्रेडिंग अकाउंट में काफी स्टॉक्स होंगे और उनकी वैल्यू भी काफी होगी। ऐसे में अगर आप सावधानी नहीं रखेंगे तो आपको लाखों रुपए का नुकसान होने की आशंका है। हम आपको बता रहे हैं, शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते समय किन बातों को गलती से भी नहीं भूलना चाहिए-

विस्तार

शेयर बाजार में पैसे लगाने वाले स्टॉक ट्रेडिंग में 30 दिन का नियम क्या है? निवेशकों को अगले साल से बिक्री के एक दिन के भीतर ही भुगतान कर दिया जाएगा। बाजार नियामक सेबी ने सोमवार को नई सेटलमेंट व्यवस्था टी प्लस वन लागू करने का रोडमैप पेश किया। 25 फरवरी, 2022 स्टॉक ट्रेडिंग में 30 दिन का नियम क्या है? से इस नियम को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बताया कि शेयर बाजार एक्सचेंज, क्लीयरिंग कॉरपोरेशन और डिपॉजिटरी के संयुक्त फैसले के बाद नई व्यवस्था लागू की जा रही है। इसके तहत वास्तविक कारोबार के एक दिन के भीतर ही निवेशकों के पैसों का निपटान सुनिश्चित करना होगा। फिलहाल बीएसई पर टी प्लस टू व्यवस्था लागू है, जिसमें वास्तविक कारोबार के बाद निपटान पूरा होने में दो दिन लगते हैं।

पहले यह व्यवस्था एक जनवरी, 2022 से लागू होनी थी, जिसे अब 25 फरवरी से चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। सबसे पहले इसमें शुरुआती 100 छोटी कंपनियों को शामिल किया जाएगा। इसके बाद मार्च से अगली 500 छोटी कंपनियों पर नई व्यवस्था लागू होगी। इसी तरह, हर महीने के आखिरी शुक्रवार को अगली 500 कंपनियों पर नियम लागू होते जाएंगे। अगर शुक्रवार को अवकाश होगा, तो अगले कारोबारी दिवस पर लागू करना होगा।

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