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विदेशी मुद्रा में निवेश करें

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FPI: विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट, 7.7 करोड़ डॉलर घटकर 635.828 अरब डॉलर हुआ

Foreign Portfolio Investment: देश के विदेशी मुद्रा भंडार (FPI) में लगातार तीसरे हफ्ते गिरावट देखने को मिल रही है. आरबीआई ने आंकड़ा जारी कर इस बारे में जानकारी दी है.

By: पीटीआई, एजेंसी | Updated at : 18 Dec 2021 03:25 PM (IST)

Foreign Portfolio Investment: देश के विदेशी मुद्रा भंडार (FPI) विदेशी मुद्रा में निवेश करें में लगातार तीसरे हफ्ते गिरावट देखने को मिल रही है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के मुताबिक, 10 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 7.7 करोड़ डॉलर घटकर 635.828 अरब डॉलर रह गया. आंकड़े के मुताबिक, इससे पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 1,783 अरब डॉलर घटकर 635.905 अरब डॉलर रह गया था.

RBI ने जारी किए आंकड़े
आरबीआई के साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक, 10 दिसंबर को समाप्त समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आने की वजह विदेशी मुद्रा आस्तियों (FCA) में गिरावट आना था जो कुल मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा होता है.

FCA में भी बढ़त
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, सप्ताह के दौरान एफसीए 32.1 करोड़ डॉलर घटकर 572.86 अरब डॉलर रह गया. डॉलर में अभिव्यक्त किये जाने वाले विदेशीमुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे यूरो, पौंड और येन जैसे गैर-अमेरिकी मुद्रा के घट -बढ़ को भी शामिल किया जाता है.

गोल्ड रिजर्व में हुआ इजाफा
इस दौरान गोल्ड रिजर्व का मूल्य 29.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 38.709 अरब डॉलर हो गया. आलोच्य सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) के पास विशेष आहरण अधिकार 3.7 करोड़ डॉलर घटकर 19.089 अरब डॉलर रह गया. इंटरनेशनल मुद्राकोष में देश का मुद्रा भंडार एक करोड़ डॉलर विदेशी मुद्रा में निवेश करें घटकर 5.17 अरब डॉलर रह गया.

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Published at : 18 Dec 2021 03:25 PM (IST) Tags: ABP News Share Market investors FPI foreign investors business news in hindi Foreign Portfolio investors foreign portfolio investment हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

विदेशी मुद्रा का फ्लो बढ़ाने के उपायों को RBI ने किया नोटिफाइड, रुपये के मूल्य में गिरावट को थामने की है कवायद

Foreign Exchange Inflows: बैंक 8 जुलाई से 31 अक्टूबर, 2022 के बीच विदेशों से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा में लिए गए कर्ज के जरिये जुटाये गए धन का इस्तेमाल भारत में ग्राहकों को विदेशी मुद्रा उधार देने में कर सकते हैं.

केंद्रीय बैंक ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के विदेशी मुद्रा में निवेश करें बॉन्ड बाजार में निवेश से संबंधित दो नोटिफिकेशन भी जारी की हैं.

Foreign Exchange Inflows: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बॉन्ड बाजार में विदेशी निवेश और बैंकों के विदेशी मुद्रा में कर्ज के लिए प्रावधानों में ढील देने को लेकर गुरुवार को नोटिफिकेशन जारी कर दी. यह रुपये के मूल्य में गिरावट को थामने के लिए किए गए उपायों का हिस्सा हैं. पीटीआई की खबर के मुताबिक, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में गिरावट के बीच बुधवार को इन उपायों की घोषणा की गई. ऑथोराइज्ड डीलर कैटेगरी-1 बैंक के इंटरनेशनल मार्केट्स से विदेशी मुद्रा उधारी पर जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, बैंक 8 जुलाई से 31 अक्टूबर, 2022 के बीच विदेशों से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा में लिए गए कर्ज के जरिये जुटाये गए धन का इस्तेमाल भारत में ग्राहकों को विदेशी मुद्रा उधार देने में कर सकते हैं.

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विदेशी मुद्रा में कर्ज लेने की सुविधा मिलने की उम्मीद
खबर के मुताबिक, फिलहाल बैंक अंतरराष्ट्रीय बाजार से विदेशी मुद्रा में उधार (ओएफसीबी) अपनी टियर-1 यानी शेयर पूंजी का 100 प्रतिशत या एक करोड़ डॉलर, जो भी ज्यादा हो, तक ले सकते हैं. इस प्रकार उधार ली गई धनराशि का इस्तेमाल एक्सपोर्ट को छोड़कर विदेशी मुद्रा में उधार देने के लिए नहीं किया जा सकता है. रिजर्व बैंक ने कहा कि इस उपाय से कर्ज लेने वाले उस बड़े तबके को विदेशी मुद्रा में कर्ज (Loan in Forex) लेने की सुविधा मिलने की उम्मीद है, जिनके लिए सीधे विदेशी बाजारों तक पहुंचना मुश्किल हो सकता है.

बॉन्ड बाजार में निवेश से संबंधित दो नोटिफिकेशन भी जारी
केंद्रीय बैंक ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के बॉन्ड बाजार में निवेश से संबंधित दो नोटिफिकेशन भी जारी की हैं. इसके तहत एफपीआई के 8 जुलाई से 31 अक्टूबर, 2022 के बीच सरकारी प्रतिभूतियों और कॉरपोरेट बॉन्ड में किए गए निवेश की मेच्योरिटी या ऐसे निवेशों की बिक्री तक अल्पकालिक निवेश की सीमा से छूट दी जाएगी.

एफपीआई के कॉरपोरेट बॉन्ड में निवेश के लिए भी छूट
फिलहाल एफपीआई का सरकारी प्रतिभूतियों (ट्रेजरी बिल और राज्य विकास ऋण सहित केंद्र सरकार की प्रतिभूतियों) और कॉरपोरेट बॉन्ड में अल्पकालिक निवेश किसी भी विदेशी मुद्रा में निवेश करें कैटेगरी में उस एफपीआई के कुल निवेश के 30 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होना चाहिए. एफपीआई के कॉरपोरेट बॉन्ड में निवेश के लिए भी छूट प्रदान की गई है और वे अब एक साल से कम अवधि के लिए भी ऐसे प्रोडक्ट्स खरीद सकते हैं.

घर बैठे विदेशी मुद्रा में निवेश करें विदेशी शेयर बाजारों में लगाएं पैसे, महज 1 डॉलर से कर सकते हैं शुरुआत!

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आज की तारीख में निवेशक अपने पोर्टफोलियो में विदेशी कंपनियों के स्टॉक को भी शामिल करते हैं. ग्लोबल मार्केट में निवेश करने से जहां आप अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई कर सकते हैं. वहीं डायवर्सिफिकेशन के जरिए रिस्क को कम किया जा सकता है. जानकार मानते हैं कि इससे रिटर्न का संतुलन बना रहता है. (Photo: Getty विदेशी मुद्रा में निवेश करें Images)

जानकारी का अभाव

भारतीयों को विदेशी शेयरों में सीधे निवेश करने की अनुमति मिले अब करीब 17 साल हो चुके हैं. लेकिन अभी जानकारी के अभाव में लोग विदेशी शेयर बाजारों में पैसे लगा नहीं पाते हैं. हमारे देश में अधिकतर लोगों का ये सवाल होता है कि विदेशी शेयर बाजारों में कैसे पैसे लगा सकते हैं? (Photo: Getty Images)

बड़ी कंपनियों में निवेश

दरअसल आप घर बैठे गूगल, अमेजन, फेसबुक, टेस्ला और डॉमिनोज जैसे कई ब्लॉकबस्टर शेयरों में निवेश कर सकते हैं. इन कंपनियों का कारोबार दुनियाभर में है, और पिछले कुछ दशकों में इन कंपनियों ने निवेशकों को मालामाम कर दिया है. निवेश कई गुना बढ़ गया है. (Photo: Getty Images)

विदेशी मार्केट में पैसे लगाने के दो फायदे

अमेरिकी समेत कई विदेशी मार्केट में पैसे लगाने से मुख्यतौर पर दो फायदे हैं. एक तो जैसे-जैसे कंपनियों का कारोबार बढ़ेगा, निवेशकों का उसी हिसाब से रिटर्न बढ़ता जाएगा. उदाहरण के तौर पर साल 2004 में गूगल का आईपीओ आया था, उस समय आईपीओ की कीमत 85 डॉलर थी. आज गूगल का एक शेयर 2,450 डॉलर का है. यानी करीब 28 गुना इजाफा हुआ है. (Photo: Getty Images)

डॉलर मजबूत होने से फायदा

इसके अलावा दूसरा बड़ा फायदा यह है कि डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट के कारण तो रिटर्न और भी ज्यादा शानदार हो जाता है. पिछले कुछ वर्षों में डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार कमजोर हुआ है. फिलहाल एक डॉलर 74 रुपये के बराबर है. जबकि 2004 में एक डॉलर का भाव 46 रुपये था. यानी डॉलर मजबूत होने से रिटर्न और बढ़ जाता है.

शेयरों के भाव

लोगों के मन में एक बड़ा सवाल यह होता है कि विदेशी बड़ी कंपनियों के शेयर महंगे विदेशी मुद्रा में निवेश करें होते हैं. यह सच भी है. यूएस स्टॉक मार्केट में कुछ शेयर ऐसे हैं, जिनकी भारतीय रुपये में कीमत 1.5 से 2.5 लाख या इससे भी ज्यादा है. गूगल के एक शेयर की कीमत 181,000 रुपये है, जबकि अमेजन का एक शेयर 254,782 रुपये का है, वहीं फेसबुक का एक शेयर 26 हजार रुपये का है. (Photo: Getty Images)

हज 1 डॉलर से निवेश की शुरुआत

लेकिन अब आप विदेशी बाजारों महज 1 डॉलर से भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. इसके लिए बहुत ज्यादा कैश की जरूरत नहीं है. ऐसे कुछ प्लेटफॉर्म हैं, जहां से आप फ्रैक्शनल इंवेस्टिंग की सुविधा का लाभ उठा सकते हें. फ्रैक्शनल इंवेस्टिंग एक ऐसा तरीका है, जिससे यह काम आसानी से हो सकता है. इसके अलावा कई म्यूचुअल फंड्स हैं, जो विदेशी बाजारों में निवेश करते हैं. जहां आप घर बैठे निवेश कर सकते हैं.

भारतीय बाजार में दम


हालांकि पिछले कुछ वर्षों में भारतीय शेयर बाजारों ने दूसरे विदेशी बाजारों की तुलना में अच्छा किया है. जिससे विदेशी निवेशकों से तेजी से भारत का रुख किया है. हालांकि कहीं भी पैसे लगाने से पहले अपने वित्तीय सलाह की मदद जरूर लें.

कितना कर सकते हैं निवेश

कितना कर सकते हैं निवेश
आरबीआई की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) की गाइडलाइंस के मुताबिक कोई भारतीय विदेशी बाजारों में हर साल 2.50 लाख डॉलर तक निवेश कर सकता है. यह आरबीआई से अप्रूवल लिए बिना भी किया जा सकता है.

कैसे खुलेगा अकाउंट

कैसे खुलेगा अकाउंट
इन्वेस्टमेंट एडवाइजरी अकाउंट ओपनिंग की फ्री में सुविधा देते हैं. KYC प्रक्रिया पूरी करने के बाद कोई भी निवेशक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवा सकता है. यह डीमैड अकाउंट की तरह होता है. अमेरिकी नियमों के अनुसार निवेशक को बर्थ सर्टिफिकेट, एड्रे प्रूफ और PAN कार्ड की स्कैन कॉपी लगानी जरूरी होती है.

विदेशी मुद्रा: अब निवेश करने का समय है।

अब विदेशी मुद्रा कोष में निवेश करने का सबसे अच्छा समय है। क्योंकि बाजार अत्यधिक हैं सहसंबद्ध, विविध निवेश पोर्टफोलियो तैयार करना कभी भी अधिक महत्वपूर्ण या चुनौतीपूर्ण नहीं रहा है। एक अच्छी तरह से प्रबंधित विदेशी मुद्रा कोष या प्रबंधित मुद्रा खाते में निवेश करने से वैश्विक इक्विटी और बांड बाजारों में प्रतिकूल चालों की भरपाई हो सकती है। इसके अलावा, प्रबंधित विदेशी मुद्रा उत्पाद महत्वपूर्ण प्रतिफल प्रदान कर सकते हैं जब अन्य बाजार निम्न स्तर से गुजर रहे हों अस्थिरता अवधि। जबकि अस्थिरता जोखिम ला सकती है, यह महत्वपूर्ण पुरस्कारों को भी अनलॉक कर सकती है।

विदेशी मुद्रा क्यों? मैं पहले से ही खुद को जानने के लिए जानता हूं

विदेशी मुद्रा कोष खाता ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्रबंधित करता है।

विदेशी मुद्रा कोष खाता ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्रबंधित करता है।

बस के रूप में एक अच्छी तरह से विविध पोर्टफोलियो विभिन्न होल्डिंग्स, रणनीतियों, परिसंपत्ति वर्गों और विभिन्न प्रकार के निवेश और उपकरणों के होते हैं, इसलिए एक विदेशी मुद्रा पोर्टफोलियो होना चाहिए।

महत्वपूर्ण विदेशी मुद्रा फंड पोर्टफोलियो वाले व्यापारियों के पास कई खाते हो सकते हैं, जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, एक विविध संरचना के साथ, स्व-व्यापार और स्वचालित ट्रेडिंग रोबोट या सिग्नल चलाने के अलावा।

प्रबंधित विदेशी मुद्रा खातों का आम तौर पर मतलब है कि एक निवेशक एक धन प्रबंधक को निवेशक के विदेशी मुद्रा खाते में व्यापार करने की अनुमति देता है, निवेशक के नाम पर और अधिमानतः एक विनियमित ब्रोकरेज पर। ट्रेडिंग प्राधिकरण एक सीमित पावर ऑफ अटॉर्नी (पीओए) पर दिया जाता है, जो फंड मैनेजर द्वारा केवल ट्रेडिंग (निकासी या जमा नहीं) की अनुमति देता है जब तक कि इस तरह के प्राधिकरण को रद्द नहीं किया जाता है या निवेशक फंड वापस नहीं लेता है।

निवेशक प्रदर्शन में निरंतरता चाहते हैं। अनुमानित प्रदर्शन विदेशी मुद्रा निधि प्रबंधक के ट्रैक रिकॉर्ड की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता है। मान लीजिए कि एक मुद्रा व्यापारी का ट्रैक रिकॉर्ड ऐतिहासिक प्रदर्शन विदेशी मुद्रा में निवेश करें से विचलित होता है। उस स्थिति में, निवेशक चिंतित हो सकते हैं कि व्यापारी की कार्यप्रणाली बदल गई है या अब काम नहीं कर रही है, जो निवेशकों को अपने सभी फंड या कुछ हिस्से को भुनाने के लिए प्रेरित कर सकती है। अनुभवी विदेशी मुद्रा निवेशक समझते हैं कि कई वर्षों तक लगातार रिटर्न के साथ एक लंबा ट्रैक रिकॉर्ड सुसंगत और लाभदायक भविष्य के परिणामों का कोई आश्वासन नहीं है; नतीजतन, निवेशकों को हमेशा अपने व्यापारियों के प्रदर्शन का पालन करना चाहिए और इसकी तुलना ऐतिहासिक परिणामों से करनी चाहिए। रीयल-टाइम रिटर्न के मुकाबले ऐतिहासिक प्रदर्शन की समीक्षा करना प्रत्येक निवेशक के समग्र का हिस्सा होना चाहिए खोजी परिश्रम प्रक्रिया.

बनाने के निर्णय आसान

कई अन्य विदेशी मुद्रा में निवेश करें विभेदक कारक हैं, दोनों मात्रात्मक और गुणात्मक, जो एक निवेशक के लिए यह जांच करने के लिए प्रासंगिक होंगे कि कौन विदेशी मुद्रा-प्रबंधित खाता खोल रहा है या हेज फंड में निवेश कर रहा है जो मुद्राओं का व्यापार करता है।

निवेशक एक बड़ा विदेशी मुद्रा पोर्टफोलियो बनाकर या एक बहु-परिसंपत्ति पोर्टफोलियो विकसित करके विविधता ला सकता है जहां विदेशी मुद्रा फंड निवेशक के विदेशी मुद्रा जोखिम में से एक के रूप में काम करेगा। प्रबंधित विदेशी मुद्रा एक निवेशक की संपूर्ण नकदी होल्डिंग्स का माध्यम नहीं होना चाहिए। डॉलर की राशि या प्रबंधन के तहत संपत्ति (एयूएम) में कितना फंड है, इस पर ध्यान दिए बिना यह सच होना चाहिए। इसके बजाय, इसे लाभ/जोखिम क्षमता पर विचार करते हुए विविधता लाने के लिए एक निवेशक द्वारा आवंटित होल्डिंग्स के प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करना चाहिए।

खाता खोलने और एक विदेशी मुद्रा खाता खोलने के लिए। आगे क्या होगा? मुझे निवेश से क्या फायदा होगा?

विनियमित क्षेत्राधिकार में सक्रिय अधिकांश प्रौद्योगिकी-संचालित ऑनलाइन विदेशी मुद्रा दलाल पेशेवर एफएक्स विदेशी मुद्रा में निवेश करें फंड प्रबंधकों और उनके ग्राहकों के लिए मंच और बैक-ऑफिस सेवाएं प्रदान करते हैं। हालांकि, सभी ब्रोकरेज में सभी मुद्रा फंड उपलब्ध नहीं हैं। यह एक काल्पनिक उदाहरण है: एबीसी फॉरेक्स फंड केवल बिग फॉरेक्स ब्रोकर के माध्यम से अपने ट्रेडों को साफ कर सकता है, लेकिन सर्वश्रेष्ठ विदेशी मुद्रा ब्रोकर के माध्यम से नहीं; परिणामस्वरूप, एबीसी फॉरेक्स फंड के साथ खाता स्थापित करने के इच्छुक ग्राहक को फंड मैनेजर तक पहुंचने के लिए बिग फॉरेक्स ब्रोकर के साथ एक खाता खोलना होगा।

एक बार जब विदेशी मुद्रा दलाल चुना जाता है, तो खाता खोला और वित्त पोषित किया जाएगा। इसके बाद द प्रकटीकरण दस्तावेज़ निवेशक द्वारा समीक्षा और हस्ताक्षर किए जाएंगे। खाते को व्यापार करने के लिए विदेशी मुद्रा व्यापार प्रबंधक प्राधिकरण को देने के लिए निवेशक द्वारा सीमित पावर ऑफ अटॉर्नी (LPOA) पर हस्ताक्षर करने की आवश्यकता होगी। निवेशक को अब वास्तविक समय के लाभ और हानि के बयानों और सभी दिनों की रिपोर्टों तक पहुंच होनी चाहिए।

निवेश करने के बाद विदेशी मुद्रा कोष का अनुसरण करना।

RSI फंड के लिए निवेश क्षितिज इसमें दैनिक, साप्ताहिक, मासिक या वार्षिक लक्ष्य शामिल हो सकते हैं। तदनुसार, फंड के प्रदर्शन की समय-समय पर समीक्षा की जानी चाहिए ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि प्रदर्शन निवेशक की प्रारंभिक अपेक्षाओं के अनुरूप है या नहीं। यह निवेशकों के लिए यह बताने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया तंत्र है कि क्या निवेश प्रारंभिक अपेक्षाओं के अनुरूप है।

यदि फंड का प्रदर्शन अपने वास्तविक या काल्पनिक ऐतिहासिक ट्रैक रिकॉर्ड के साथ तालमेल नहीं रख रहा है, तो निवेशक को फंड मैनेजर से संपर्क करके पूछना चाहिए कि प्रदर्शन में बदलाव क्यों हुआ है। ऐतिहासिक रिटर्न के वर्तमान रिटर्न से मेल नहीं खाने के संभावित कारणों में बाजार में बढ़ी हुई अस्थिरता या एक अप्रत्याशित भू-राजनीतिक घटना शामिल है। यदि निवेशक प्रदर्शन के संबंध में फंड मैनेजर के स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं है, तो निवेशक को अपने निवेश को कम करने या अपने निवेश को पूरी तरह से विदेशी मुद्रा फंड से निकालने पर विचार करना चाहिए।

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