रणनीति चुनना

एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है

एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है
cryptocurrency बहुत risky है, कृपया अपने रिस्क और अपने सामर्थ्य से काम लें और किसी के बहकावे में न आए और किसी भी तरह के नुकसान के लिए हम जिम्मेदार नहीं है। लेखक

JNU Times

भारत के सर्वश्रेष्ठ क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज | Top Cryptocurrency Exchanges in India Hindi

आप इस पोस्ट को पढ़ रहे है इसका अर्थ है आप Cryptocurrency के बारे में जानते है आजकल शायद ही कोई होगा जिसने Bitcoin का नाम ना सुना हो लेकिन आपके मन में ये सवाल आया होगा की आखिर इस Cryptocurrency को खरीदे कैसे और बेचे कैसे इसका सीधा सा जवाब है exchanges जहां एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है से आप इनको खरीद बेच सकते है। अब हम आपको बताएंगे भारत के Top Cryptocurrency Exchanges In India वो भी हिंदी में।

Latest news in Hindi

CoinDCX

  • जब cryptocurrency exchange की बात आती है तो पहले नंबर पर रहता है भारत का CoinDCX का नाम सबसे पहले आता है।
  • CoinDCX का मुख्यालय भारत के मुंबई में है और इसको 2018 में लॉन्च किया गया।
  • क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज के रूप में इनके एक आंकड़े के मुताबिक इस 7.5 मिलियन लोगो द्वारा इस्तेमाल किया जाता है।
  • आप इसमें कम से कम ₹100 से ट्रेडिंग स्टार्ट कर सकते है।
  • इससे आप Bitcoin, dogecoin, ethereum जैसी 200 एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है cryptocurrency में निवेश कर सकते है।

Zebpay

  • Zebpay की स्थापना 2014 में हुई और तब से लेकर आज तक इसमें 5 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ता जुड़ गए है।
  • Zebpay की सबसे बड़ी खासियत की ये 162 देशों में उपलब्ध में है।
  • Zebpay वेब, आईओएस और एंड्रॉइड पर उपलब्ध है।

WazirX

  • WazirX भी आपको Bitcoin, Ethereum, Ripple, Litecoin आदि cryptocurrency में लेनदेन की सुविधा देता है।
  • इसकी अपनी खुद की Cryptocurrency token का नाम WRX है।
  • WazirX वेब, एंड्रॉइड और आईओएस मोबाइल, विंडोज और मैक ऐप आदि पर उपलब्ध है।

CoinSwitch Kuber

  • CoinSwitch Kuber से भी आप ₹100 से Bitcoin में ट्रेडिंग स्टार्ट कर सकते है।
  • वर्तमान में भारत में इसके सबसे ज्यादा उपयोगकर्ता है और इनकी संख्या 11 मिलियन है।
  • इसमें आप 80+ cryptocurrency में इन्वेस्ट कर सकते है।

binance

  • binance भी फिलहाल भारत में काफी ज्यादा चर्चा में है।
  • इनका न्यूज ब्लॉग आपको खबरों तक पहुंचा सकता है।

Note:- आज हमने भारत के सबसे अच्छे क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज के बारे में जाना cryptocurrency के बारे में जानने के लिए जुड़े रहे Jodhpurnationaluniversity.com से।

cryptocurrency बहुत risky है, कृपया अपने रिस्क और अपने सामर्थ्य से काम लें और किसी के बहकावे में न आए और किसी भी तरह के नुकसान के लिए हम जिम्मेदार नहीं एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है है।

लेखक

सीबीआईसी ने क्रिप्टो एक्सचेंज से जानकारी मांगी

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने भारत के शीर्ष क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों से डिजिटल परिसंपत्तियों, मूल्यांकन आदि का पूरा ब्योरा मांगा है। सीबीआईसी ने डिजिटल सिक्कों के प्रकार, खरीद-फरोख्त वाले टोकन, उनका मूल्यांकन और उन्हें किस प्रकार विभाजित किया जाता है आदि से संबंधित जानकारी मांगी है।

सीबीआईसी क्रिप्टो परिसंपत्तियों को वस्तु एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाना चाहता है। वह क्रिप्टो परिसंपत्ति वर्ग की परिभाषा और वर्गीकरण पर काम कर रहा है ताकि हरेक लेनदेन मूल्य पर कर देयता का निर्धारण हो सके।

इस मामले से अवगत एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, 'हमने पूरे परिसंपत्ति वर्ग के संबंध में विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए क्रिप्टो एक्सचेंजों के साथ कई बैठकें की हैं। हमने खरीद-फरोख्त में शामिल विभिन्न क्रिप्टो उत्पादों पर एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसमें लेनदेन शुल्क और उसकी गणना के तरीके के बारे में भी जानकारी देने के लिए कहा गया है।'

अधिकारी ने कहा कि इन डिजिटल उत्पादों के मूल्य एवं लेनदेन के बारे में स्पष्टता से पता लगेगा कि उसके साथ कैसा व्यवहार होना चाहिए और उसे जीएसटी व्यवस्था में किस प्रकार समाहित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इससे यह भी निर्धारित करना आसान होगा कि क्रिप्टो उत्पादों पर कर की दरें क्या होनी चाहिए।

क्रिप्टो एक्सचेंजों को इसी महीने ब्योरा देने को कहा गया है। जीएसटी आमतौर पर मार्जिन, सेवा पर देय होता है, न कि पूरे मूल्य पर। सीबीआईसी प्रत्येक क्रिप्टो उत्पाद (सिक्के एवं टोकन) के मूल्य की जांच कर रहा है और यह देखने की कोशिश कर रहा है कि उसका लेनदेन किस प्रकार होता है। यह भी आकलन किया जा रहा है कि परिसंपत्ति वर्ग के पूरे मूल्य को कर के दायरे में लाया जाए अथवा नहीं।

डेलॉयट के पार्टनर एमएस मणि ने कहा, 'विभिन्न क्रिप्टो लेनदेन का वर्गीकरण और उसकी कर देयता निर्धारित करना आवश्यक है क्योंकि यह उद्योग विभिन्न अधिकारियों की अलग-अलग व्याख्या पर निर्भर है। आयकर के लिहाज से भी इन व्याख्याओं में सामंजस्य स्थापित करने की आवश्यकता है।'

गौरतलब है कि क्रिप्टोकरेंसी बाजार में कई प्रकार के टोकन चलन में हैं। इनमें सबसे आम यूटिलिटी और भुगतान टोकन हैं। इनके लिए न तो कोई निवेश किया गया और न ही किसी विनियमन द्वारा गारंटी दी गई है।

फिलहाल क्रिप्टो एक्सचेंजों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवा पर 18 फीसदी जीएसटी लगाया गया है और इसे वित्तीय सेवाओं के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

इस बीच, आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) ने क्रिप्टो ऐसेट रिपोर्टिंग फ्रेमवर्क (सीएआरएफ) तैयार किया है। केंद्र सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को प्रत्यक्ष कर प्रणाली के तहत वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्ति के तौर पर परिभाषित किया है।

Crypto Exchanges: कितने सेफ हैं भारत के क्रिप्टो एक्सचेंज?

अगर कोई एक्सचेंज अपना काम-धंधा समेट ले या सरकार ही उसके कामकाज पर रोक लगा दे, तब उसके क्रिप्टो इन्वेस्टर्स को अपनी जमा-पूंजी से हाथ धोना पड़ सकता है.

अब अगर आपने क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrencies) खरीदी तो फिर उसे स्टोर करने के लिए जरूरत होती है डिजिटल वॉलेट की. ये वॉलेट दो तरह के होते हैं - हॉट वॉलेट, जो इंटरनेट के जरिए आपके डेस्कटॉप या मोबाइल फोन से जुड़े होते हैं. ज्यादातर एक्सचेंज क्रिप्टोकरेंसी स्टोर करने के लिए यही सुविधा देते एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है हैं. दूसरे वॉलेट हैं कोल्ड वॉलेट, जो इंटरनेट से नहीं जुड़े होते और क्रिप्टोकरेंसी स्टोर करने का सबसे सुरक्षित विकल्प एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है है. लेकिन कोल्ड वॉलेट की प्राइवेट कीज (Private Keys) आपको याद रखनी होती है क्योंकि अगर आप इसे भूल गए तो फिर स्टोर की गई क्रिप्टोकरेंसी को भी भूल जाइए.

क्रिप्टो एक्सचेंज की भूमिका बेहद अहम (Role of Crypto Exchanges)

ये सारे डिटेल्स हमने आपको इसलिए बताए ताकि आप समझ जाएं कि पूरा क्रिप्टो यूनिवर्स दरअसल डिजिटल है और इस वजह से इसकी सिक्योरिटी के लिए सारे स्टेकहोल्डर्स को मिलकर काम करना होता है. हैकर्स इसी फिराक में लगे रहते हैं कि कैसे वे इस सिक्योरिटी सिस्टम को तोड़ें और करोड़ों-अरबों की डिजिटल करेंसी हड़प लें. क्रिप्टो एक्सचेंज ऐप्स इन्वेस्टर और क्रिप्टो मार्केट के बीच इंटरफेस का काम करते हैं, इसलिए सुरक्षित एक्सचेंज चुनना क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट के जोखिम भरे सफर का पहला कदम है. ऐसे में आपकी कोशिश होनी चाहिए कि आपका एक्सचेंज कम से कम आपके इन्वेस्टमेंट पर फ्रॉड इंश्योरेंस जरूर दे. इस सेफ्टी फीचर से यूजर को इस बात का भरोसा रहता है कि अगर एकाउंट हैक हो गया और क्रिप्टोकरेंसी चुरा ली गई, तब एक्सचेंज सारे नुकसान की भरपाई का जिम्मा लेगा.

देख-परखकर चुनें क्रिप्टो एक्सचेंज

हाल के दिनों में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं, जहां क्रिप्टो इन्वेस्टर्स को कभी नकली एक्सचेंजों ने नकली क्रिप्टोकरेंसी के जरिए धोखा एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है दिया, तो कभी सब कुछ सही होने पर उनके निवेश को साइबर हैकर्स ने जीरो कर दिया. भारत में कई क्रिप्टो एक्सचेंज ऐसे हैं जो कोल्ड वॉलेट, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन और फ्रॉड इंश्योरेंस जैसे सेफ्टी फीचर्स से लैस हैं. हालांकि इसके साथ एक्सचेंज की इन्फ्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी भी मजबूत होनी चाहिए. अपना एक्सचेंज फाइनल करने के पहले सिक्योरिटी से जुड़ी सारी जानकारी हासिल कर लीजिए. देश में काम कर रहे कुछ क्रिप्टो एक्सचेंज के नाम हैं:

Crypto Crash: क्रिप्टो एक्सचेंज में इतनी बड़ी गिरावट की क्या है वजह? जानिए

क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में यह इतने बड़े पैमाने पर हुई कोई पहली गिरावट नहीं है. बचाव की राह मुश्किल एफटीएक्स और अल्मेडा दोनों एक्सचेंज का बहुलांश स्वामित्व रखने वाले सैम बैंकमैन-फ्राइड ने इस साल की शुरुआत में अन्य बदहाल क्रिप्टो कंपनियों को मुश्किल से उबारा था.

crypto crash 2022

Crypto Crash Reason: अधिक समय नहीं हुआ जब एफटीएक्स दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग मंचों में से एक था. वर्ष 2019 में स्थापित इस क्रिप्टो एक्सचेंज में बड़ी तेजी से बढ़ोतरी हुई और वर्ष 2022 की शुरुआत में इसका मूल्य 30 अरब डॉलर तक पहुंच गया था. लेकिन पिछले दो हफ्तों में पूरी तस्वीर ही बदल चुकी है.

सबसे पहले एफटीएक्स और परिसंपत्ति-व्यापार फर्म अल्मेडा रिसर्च के संबंधों को लेकर चिंताएं सामने आयीं. इस दौरान ग्राहकों के पैसे को एफटीएक्स से अल्मेडा में स्थानांतरित किये जाने की चर्चाएं भी शामिल हैं.

Cryptocurrency: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, रेगुलेटरी फ्रेमवर्क बनाने पर काम करेगा भारत

Cryptocurrency: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, रेगुलेटरी फ्रेमवर्क बनाने पर काम करेगा भारत

कुछ दिनों बाद सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज और एफटीएक्स के प्रतिद्वंद्वी बिनेंस ने ऐलान किया कि वह एफटीटी टोकन की अपनी होल्डिंग को बेच देगी. इससे घबराये ग्राहक एफटीएक्स से धन निकालने के लिए दौड़ पड़े और यह एक्सचेंज अब पतन के कगार पर पहुंच चुका है. इसकी वेबसाइट पर यह संदेश भी जारी कर दिया गया है कि वह वर्तमान में निकासी की प्रक्रिया में असमर्थ है.

हालांकि क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में यह इतने बड़े पैमाने पर हुई कोई पहली गिरावट नहीं है. बचाव की राह मुश्किल एफटीएक्स और अल्मेडा दोनों एक्सचेंज का बहुलांश स्वामित्व रखने वाले सैम बैंकमैन-फ्राइड ने इस साल की शुरुआत में एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है अन्य बदहाल क्रिप्टो कंपनियों को मुश्किल से उबारा था.

RBI On Cryptocurrency: डिजिटल मुद्रा आने के बाद खत्म हो जाएगी क्रिप्टोकरेंसी? डिप्टी गवर्नर ने कही यह बात

RBI On Cryptocurrency: डिजिटल मुद्रा आने के बाद खत्म हो जाएगी क्रिप्टोकरेंसी? डिप्टी गवर्नर ने कही यह बात

लेकिन अब वह अपनी कंपनियों को बचाने के लिए आठ अरब डॉलर का निवेश करने वाले की तलाश में हैं. लेकिन कई फर्मों के पहले ही एफटीएक्स में अपनी हिस्सेदारी को बट्टे खाते में डाल देने से बैंकमैन-फ्राइड के लिए इच्छुक निवेशकों को ढूंढना आसान नहीं होगा.

बिनेंस ने इस क्रिप्टो एक्सचेंज का अधिग्रहण करने के बारे में सोचा लेकिन आखिर में उसका फैसला नकारात्मक ही रहा. इसने कदाचार के आरोपों और अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग की जांच से जुड़ी चिंताओं को देखते हुए अपने कदम पीछे खींच लिये. ऐसी स्थिति में अब एफटीटी की कीमत बहुत गिर गई है.

एक हफ्ते पहले यह 24 डॉलर पर कारोबार कर रहा था लेकिन अब यह एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है चार डॉलर से भी नीचे आ गया है. सावधानी का सबक सही तरह से विनियमित नहीं हो रहे एक्सचेंजों पर बिना किसी अंतर्निहित मौलिक मूल्य के 'परिसंपत्तियों' में व्यापार करना हमेशा एक बहुत ही जोखिम भरा प्रयास होता है.

कई लोगों के लिए यह नुकसान का सौदा बन सकता है. क्रिप्टो से अलग तरह की परिसंपत्तियों का मामला अलग होता है. आम कंपनी के शेयरों का एक बुनियादी मूल्य होता है जो कंपनी के मुनाफे से भुगतान किये गए लाभांश पर आधारित होता है. रियल एस्टेट का भी एक आधारभूत मूल्य होता है, जो निवेशक को मिलने वाले किराये या उस पर उसके भौतिक कब्जे को दर्शाता है.

एक बांड का भी मूल्य उस पर मिलने वाले ब्याज की राशि पर निर्भर करता है. यहां तक ​​कि सोने का भी कुछ व्यावहारिक उपयोग होता है. लेकिन बिटकॉइन, ईथर और डॉजकॉइन जैसी कथित क्रिप्टो मुद्राओं का ऐसा कोई बुनियादी मूल्य नहीं होता है. वे पार्सल आगे बढ़ाने वाले खेल की तरह हैं, जिसमें सट्टेबाज कीमत गिरने से पहले उन्हें किसी और को बेचने की कोशिश करते हैं.

क्रिप्टो पर प्रभाव इन घटनाओं ने क्रिप्टो पारिस्थितिकी तंत्र में विश्वास को और कम कर दिया है. इस नयी घटना से पहले ही क्रिप्टो-मुद्राओं का 'मूल्य' तीन लाख करोड़ डॉलर के उच्च स्तर से गिरकर एक लाख करोड़ डॉलर पर आ गया था. अब तो यह और भी नीचे गिर गया है.

जिस तरह इंटरनेट आधारित कारोबार में अमेजन जैसी कुछ कंपनियां ही दिग्गज बन पाई हैं, उसी तरह यह संभव है कि क्रिप्टो की रूपरेखा तय करने वाली ब्लॉकचेन तकनीक पर निर्भर केवल कुछ कंपनियां ही स्थायी तौर पर उपयोगी साबित हों.

मुद्रा के इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप के विचार को केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा की शक्ल में अब अपनाया जा रहा है. लेकिन बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के मुख्य अर्थशास्त्री ह्यून सोंग शिन के शब्दों में कहें तो 'क्रिप्टो से जो कुछ भी किया जा सकता है वह केंद्रीय बैंक के पैसे से बेहतर किया जा सकता है.

('द कंवरसेशन' में प्रकाशित इस लेख को जॉन हॉकिंस ने लिखा है, जो कैनबरा यूनिवर्सिटी के कैनबरा स्कूल ऑफ पॉलिटिक्स, इकोनॉमिक्स एंड सोसाइटी में वरिष्ठ व्याख्याता हैं.)

Prabhat Khabar App :

देश, दुनिया, बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस अपडेट, टेक & ऑटो, क्रिकेट और राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

रेटिंग: 4.79
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 177
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *