ADRs का वास्तविक

जीवाश्म विज्ञानी इयान वेबस्टर का कहना है कि वे इस ने इस सॉफ्टवेयर को बनाया है। इयान के अनुसार वह 'द एंसिएंट अर्थ' सॉफ्टवेयर को देखकर चकित रह गए क्योंकि यह उन्हें उस समय में ले गया जब पृथ्वी 7 महाद्वीपों में बंटी हुई नहीं थी। ऐप का इस्तेमाल कर वे पैलिओजॉइक के बाद और मेज़ोजॉॅइक युग के पहले की पृथ्वी पर अपने देश की लोकेशन को आसानी से ट्रैक कर सकते थे। उन्होंने महाद्वीपों के विभाजन के समय भी अपने देश की भौगोलिक स्थिति को परखा। इयान का कहना है कि सॉफ्टवेयर बनाने वालों ने 75 लाख साल पहले (750 मिलियन) अपने देश और जगह की सही भौगाोलिक स्थिति का पता लगाने के लिए पर्याप्त डेटा एकत्र किया है। लेकिन अपनी जगह की सही स्थिति का पता लगाने के लिए आपको भी मैप पर ननजर आने वाले उस समय के भूखंडों को पहचानना आना जरूरी है। यह मैप तकनीक इसलिए अद्भुत है क्योंकि यह लाखों सालों की हमारी दूरी को उंगली के एक इशारे पर कम कर देती है।
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Gayatri Pariwar
Gayatri Pariwar is a living model of a futuristic society, being guided by principles of human unity and equality.
It's a modern adoption of the age old wisdom of Vedic Rishis, who practiced and propagated the philosophy of Vasudhaiva Kutumbakam.
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पणजी (छत्तीसगढ़ दर्पण)। 53वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में मर्सिडीज ब्रायस मॉर्गन की ‘फिक्सेशन’ को मिड फेस्ट फिल्म के रूप में अंतर्राष्ट्रीय प्रीमियर का अवसर दिया गया है। निर्देशक के तौर पर मर्सिडीज ब्रायस मॉर्गन की यह पहली फिल्म है। फिल्म एक वास्तविक मनोवैज्ञानिक थ्रिलर है, जो समाज की वास्तविकताओं और इसकी दमनकारी शक्ति संरचनाओं को उजागर करती है, जिससे दुर्व्यवहार करने वाले सशक्त होते हैं तथा दुर्व्यवहार सहने वालों को ही जवाब देने के लिए बाध्य होना पड़ता है।
फिल्म महोत्सव के दौरान पीआईबी द्वारा आयोजित आईएफएफआई 'टेबल टॉक्स' में मीडिया और प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करते हुए ‘फिक्सेशन’ की निर्देशक मर्सिडीज ब्रायस मॉर्गन ने कहा कि उनकी फिल्म सिगमंड फ्रायड और उनके प्रसिद्ध रोगी, डोरा के केस स्टडी से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि एक अतियथार्थवादी फिल्म होने के नाते, फिक्सेशन ने यूरोपीय और कोरियाई फिल्मों से भी प्रेरणा ली है, क्योंकि अमेरिकी फिल्मों में बहुत अधिक अतियथार्थवाद नहीं होता है।
फिल्म की उत्पत्ति के बारे में विस्तार से बताते हुए, निर्देशक ने कहा कि यह कहानी उनके लिए और कई अन्य महिलाओं के लिए बहुत ही व्यक्तिगत है, जिन्हें वे जानती हैं। उन्होंने कहा, “मैं एक बहुत छोटे शहर में पली-बढ़ी हूँ, जहाँ लोग अलग-थलग पड़ी जगहों पर रहते हैं और आप केवल सीमित लोगों को जानते हैं। जब कोई कहता है कि यह सच है, तो हम यह भी नहीं जान पाते हैं कि यह सच है या झूठ। आप वास्तविकता की इस स्थिति में फंस जाते हैं। हमें उन बातों पर संदेह होता है, जिन्हें हम निश्चित तौर पर नहीं जानते हैं और हम खुद से और अपने आसपास के लोगों से सवाल करने लगते हैं। एक फिल्म निर्माता के रूप में, मैं अपने दर्शकों को इस तरह के वास्तविक अनुभव से रूबरू कराना चाहती हूं।
जदयू के प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक आज, सीएम नीतीश कुमार करेंगे संबोधित
जनता दल यूनाईटेड के नवमनोनीत प्रदेश पदाधिकारियों की रविवार को पहली बैठक ADRs का वास्तविक होगी। इस बैठक को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार संबोधित करेंगे। बैठक आभासी और वास्तविक दोनों मोड में आयोजित होगी। प्रदेश अध्यक्ष उमेश.
जनता दल यूनाईटेड के नवमनोनीत प्रदेश पदाधिकारियों की रविवार को पहली बैठक होगी। इस बैठक को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार संबोधित करेंगे। बैठक आभासी और वास्तविक दोनों मोड में आयोजित होगी। प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने बताया कि हम सबके नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 11 बजे से होने वाली इस बैठक में सीएम आवास से वर्चुअल माध्यम से जुड़ेंगे तथा प्रदेश जदयू के पदाधिकारियों को दिशा निर्देशित करेंगे।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह दिल्ली स्थित पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय से इस बैठक से जुड़ेंगे। वहीं पार्टी के नवमनोनीत सभी 211 प्रदेश पदाधिकारी, जिनमें सभी उपाध्यक्ष, सभी महासचिव, सभी सचिव, सभी प्रवक्ता जदयू मुख्यालय स्थित कर्पूरी सभागार में होंगे। जदयू के राष्ट्रीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह, बिजेन्द्र प्रसाद यादव, विजय कुमार चौधरी, पूर्व कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी, राष्ट्रीय महासचिव व मंत्री संजय कुमार झा समेत पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी बैठक में शामिल होंगे। प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि जदयू प्रदेश पदाधिकारियों की यह बैठक संगठन की मजबूती के लिए आयोजित है। बैठक में पार्टी की नीतियों पर चर्चा होगी।
डिजिटल मैप: गूगल जैसी इस नई ऐप से आप 75 लाख साल पहले अपना पता ढूंढ सकते हैं
गूगल मैप (Google Map) के जैसा एक नया ऐप इन दिनों सोशल मीडिया (Social Media) पर जबरदस्त वायरल हो रहा है। यूजर सोशल मीडिया पर इस ऐप का उपयोग अपना घर ढूंढने के लिए कर रहे हैं। ADRs का वास्तविक लेकिन स्टैंडर्ड गूगल मैैप की तुलना में यह ऐप 75 लाख साल पहले कोई देश पृथ्वी पर किस जगह स्थित था यह दिखाता है। अक्सर हमारे मन में यह सवाल उठता है कि १ लाख साल पहले हमारा देश कि महाद्वीप में था और वे कैसे दिखते थे। 'द एंसिएंट अर्थ' (The Ancient Earth Globe WEebsite) नाम का यह ऐप अपने ग्लोब वेबसाइट सॉफ्टवेयर की मदद से उस समय में ले जाता है जब हमारा देश अपने वर्तमान महाद्वीप या स्थान पर मौजूद नहीं था। तो अगर आप भी जानना चाहते हैं कि आपका देश डायनोसोर युग में किस जगह था, यह दिखने में कैसा था तो यह सॉफ्टवेयर उन सभी क्षेत्रों की वास्तविक स्थिति और संरचना की पहचान करने में मदद करता है।
महाद्वीपों में बंटने से पहले का समय
जीवाश्म विज्ञानी इयान वेबस्टर का कहना है कि वे इस ने इस सॉफ्टवेयर को बनाया है। इयान के अनुसार वह 'द एंसिएंट अर्थ' सॉफ्टवेयर को देखकर चकित रह गए क्योंकि यह उन्हें उस समय में ले गया जब पृथ्वी 7 महाद्वीपों में बंटी हुई नहीं थी। ऐप का इस्तेमाल कर वे पैलिओजॉइक के बाद और मेज़ोजॉॅइक युग के पहले की पृथ्वी पर अपने देश की लोकेशन को आसानी से ट्रैक कर सकते थे। उन्होंने महाद्वीपों के विभाजन के समय भी अपने देश की भौगोलिक स्थिति को परखा। इयान का कहना है कि सॉफ्टवेयर बनाने वालों ने 75 लाख साल पहले (750 मिलियन) अपने देश और जगह की सही भौगाोलिक स्थिति का पता लगाने के लिए पर्याप्त डेटा एकत्र किया है। लेकिन अपनी जगह की सही स्थिति का पता लगाने के लिए आपको भी मैप पर ननजर आने वाले उस समय के भूखंडों को पहचानना आना जरूरी है। यह मैप तकनीक इसलिए अद्भुत है क्योंकि यह लाखों सालों की हमारी दूरी को उंगली के एक इशारे पर कम कर देती है।
ऐसे करें नक्शे का उपयोग
अगर आप भी इस एंशिएंट मैप का उपयोग कर जानना चाहते हैं कि लाखों साल पहले आपकी जगह कैसी थी तो हम बता रहे हें कि इस अर्थ ग्लोब सॉफ्टवेयर का उपयोग ऐप का इस्तेमाल कैसे करना है। इसके लिए सबसे पहले आपको डायनोसोरपिक्चर्स डॉट ओआरजी (dinosaurpictures.org) नाम की वेबसाइट के लिंक पर जाएं और आपको एक स्टैंडर्र्ड वल्र्ड मैप नजर आएगा। तब एक सवाल वेबसाइट के ऊपरी हिस्से में पॉप होगा, जिसमें आपसे पूछा जाएगा कि १० लाख साल पहले पृथ्वी कैसी थी और इसमें ससालों की संख्या नजर आएगी। इसके बाद टैब पर पहले अपने शहर औैर फिर अपने देश का नाम लिखें। इसके बाद उन सालों की संख्या चुनें जिस साल अमें आप अपने शहर का नक्शा औैर भौगोलिक स्थिति देखना चाहते हैं। इसके बाद मैप आपको उस जगह पहुंचा देगा।
दिल्ली से ग्रीनलैंड तक पैदल चलें
यह नक्शा कितना कूल है इसका अंदाजा आपको तब होगा जब यह आपको दिल्ली, मुम्बई या आपके शहर से न्यूयॉर्क या ग्रीनलैंड तक पैदल सफर करवा देगा वो भी घर बैठे-बैठे। हालांकि ऐसा करने के लिए आपको मैप के टाइमफ्रेम (Time Frame) को कम से कम 24 लाख (240 मिलियन) साल पहले की समय सीमा के बाद सेट करना होगा जब पैंजिया (पृथ्वी के महाद्वीपों में बंटने की प्रक्रिया) टूट नहीं रहा था। पृथ्वी पर उस समय अलग-अलग महाद्वीप नहीं थे और इसे भू वैज्ञानिक सुपर महाद्वीप कहते हैं। लेकिन 17.5 लाख साल पहले पृथ्वी की सतह के ADRs का वास्तविक नीचे प्लेट्स के टूटने और स्थानांतरित होने के कारण आज के सात महाद्वीपों का उदय हुआ।