डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है

USD/INR - अमरीकी डॉलर भारतीय रुपया
USD INR (अमरीकी डॉलर बनाम भारतीय रुपया) के बारे में जानकारी यहां उपलब्ध है। आपको ऐतिहासिक डेटा, चार्ट्स, कनवर्टर, तकनीकी विश्लेषण, समाचार आदि सहित इस पृष्ठ के अनुभागों में से किसी एक पर जाकर अधिक जानकारी मिल जाएगी।
USD/INR - अमरीकी डॉलर भारतीय रुपया समाचार
मालविका गुरुंग द्वारा Investing.com -- घरेलू बाजार ने 2 दिसंबर, 2022 को समाप्त होने वाले सप्ताह में बढ़त का लगातार दूसरा सप्ताह दर्ज किया, जिसमें कई वैश्विक संकेतों का नेतृत्व किया.
अंबर वारिक द्वारा Investing.com-- अधिकांश एशियाई मुद्राओं ने गुरुवार को लाभ बढ़ाया, जबकि फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने कहा कि केंद्रीय बैंक भविष्य में ब्याज दरों में.
अंबर वारिक द्वारा Investing.com-- सरकार की सख्त शून्य-कोविड नीति के खिलाफ चीन में बिगड़ते विरोध के बीच अधिकांश एशियाई शेयर बाजारों में सोमवार को गिरावट आई, जबकि भारतीय शेयरों ने.
USD/INR - अमरीकी डॉलर भारतीय रुपया विश्लेषण
# USDINR दिन के लिए ट्रेडिंग रेंज 80.96-81.64 है।# रुपया अधिक था क्योंकि फेड चेयर पावेल की अपेक्षा से कम आक्रामक टिप्पणियों से वैश्विक बाजारों में उछाल आया था।# भारत का विनिर्माण.
# USDINR दिन के लिए ट्रेडिंग रेंज 81.22-81.96 है।# रुपया इस वर्ष अपने पहले मासिक लाभ को चिह्नित करने के लिए डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है बढ़ा और लगभग चार दशकों में अपनी सबसे लंबी गिरावट की लकीर को समाप्त कर.
# USDINR दिन के लिए ट्रेडिंग रेंज 81.57-81.99 है।#रुपया थोड़ा कमजोर हुआ क्योंकि दूसरी तिमाही के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 5.8% रहने का अनुमान लगाया गया था, जो औसत अनुमान से.
तकनीकी सारांश
कैंडलस्टिक पैटर्न
आर्थिक कैलेंडर
केंद्रीय बैंक
करेंसी एक्स्प्लोरर
USD/INR आलोचनाए
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Dollar Vs Rupee: डॉलर ने सिर्फ रुपये को ही नहीं पछाड़ा, पीछे रह गए Euro, Pound, Yen भी
Dollar rupee: बीते कुछ समय में डॉलर को ये मजबूती निवेशकों के ज्यादा जोखिम लेने की आदत की वजह से मिली है. भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं में 2020 और 2021 के दौरान शेयर मार्केट ने जबरदस्त रिटर्न दिया है. ब्याज दरों के निचले स्तर पर रहने और डॉलर की पर्याप्त सप्लाई ने विदेशी निवेशकों के बीच जोखिम उठाने की धारणा को मजबूत किया.
राहुल श्रीवास्तव
- नई दिल्ली,
- 16 जुलाई 2022,
- (अपडेटेड 16 जुलाई 2022, 6:42 PM IST)
- करीब 80 रुपये का हुआ एक डॉलर
- मजबूत हुई जोखिम उठाने की धारणा
भारतीय रुपया (Indian Currency) इन दिनों संभवतया अपने सबसे बुरे दौर को देख रही है. डॉलर के मुकाबले रुपया ऐतिहासिक रूप से सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया है, लेकिन अगर 2022 की शुरुआत से अब तक के हालात को देखें तो डॉलर न सिर्फ रुपये को ही नहीं रुलाया है, बल्कि यूरोप से लेकर अमेरिकी महाद्वीप की कई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की मुद्राओं को भी पछाड़ दिया है. इसमें यूरो से लेकर ब्रिटिश पौंड और जापानी येन भी शामिल है.
करीब 80 रुपये का हुआ एक डॉलर
दिसंबर 2021 में एक डॉलर 74.50 रुपये के बराबर था. अब 15 जुलाई के आंकड़ों को देखें तो ये 79.74 रुपये का हो गया है. इस तरह डॉलर के मुकाबले रुपया पिछले साढ़े छह महीने में तेजी से गिरा है और इसका मूल्य 7% तक नीचे आ गया है. रुपये का ये अब तक का सबसे निचला स्तर है.
Euro, Pound, Yen का भी बुरा हाल
सरकारी सूत्रों ने कहा कि अगर आप सोच रहे हैं कि डॉलर की ये मजबूती सिर्फ रुपये के आगे चल रही है. तो साल 2022 की शुरुआत से अब तक दुनिया की कई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले डॉलर तेजी से मजबूत हुआ है. यूरोपीय देशों की मुद्रा Euro, ब्रिटेन की पौंड, जापान की येन, स्विट्जरलैंड की फ्रैंक, कनाडा के डॉलर और स्वीडन की क्रोना के मुकाबले डॉलर इस साल अब तक 13% तक मजबूती हासिल कर चुका है. ऐसे में रुपये की इस कमजोरी को अलग-थलग करके नहीं देखा जा सकता है.
'डॉलर के मुकाबले दुनिया की बाकी मुद्राओं से रुपया मजबूत,' बोलीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि यदि कोई एक मुद्रा है, जो अन्य मुद्राओं की तुलना में उतार-चढ़ाव या अस्थिरता से बची हुई है तो वह भारतीय रुपया है. हम अमेरिकी डॉलर के मुकाबले बहुत अच्छी स्थिति में खड़े रहे. अपने प्रतिस्पर्धियों के बीच रुपये ने बहुत अच्छी पकड़ बनाई है.
aajtak.in
- पुणे,
- 24 सितंबर 2022,
- (अपडेटेड 24 सितंबर 2022, 10:50 PM IST)
डॉलर के मुकाबले रुपए में लगातार कमजोर होने पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि दुनिया की बाकी मुद्राओं की तुलना में रुपया अधिक मजबूती से खड़ा रहा है. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया काफी मजबूत देखा जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है आगे कहा कि यदि कोई एक मुद्रा है, जो अन्य मुद्राओं की तुलना में उतार-चढ़ाव या अस्थिरता से बची हुई है तो वह भारतीय रुपया है. हम अमेरिकी डॉलर के मुकाबले बहुत अच्छी स्थिति में खड़े रहे. अपने प्रतिस्पर्धियों के बीच रुपये ने बहुत अच्छी पकड़ बनाई है. उन्होंने कहा कि अन्य मुद्राओं की तुलना में रुपये ने 'बहुत अच्छी तरह से वापसी भी की है.
डॉलर के मुकाबले रुपया 81 रुपए के करीब पहुंचा
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बता दें कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया शुक्रवार को 81 रुपये के करीब पहुंच गया है. पिछले कुछ महीनों में रुपये की कीमत में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. इसे लेकर अलग-अलग तर्क दिए जा रहे हैं. शुक्रवार को 83 पैसे की गिरावट हुई, जिसे पिछले सात महीने में एक दिन में आई सबसे बड़ी गिरावट मानी गई है. इससे पहले अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 19 पैसे गिरा था और 80.98 के निचले स्तर पर पहुंच गया था.
हर रोज बन रहा है रुपये के गिरने का रिकॉर्ड
अमेरिका में ब्याज दरें लगातार बढ़ (US Rate Hike) रही हैं. इस सप्ताह अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व ने लगातार तीसरी बार ब्याज दर में 0.75 फीसदी की भारी-भरकम बढ़ोतरी की. दरें बढ़ने की रफ्तार में सुस्ती नहीं आने का संकेत मिलने से दुनिया भर की करेंसीज डॉलर के मुकाबले तेजी से गिर रही हैं. फेडरल रिजर्व का संकेत मिलने के बाद इन्वेस्टर्स दुनिया भर के बाजरों से पैसे निकाल रहे हैं और सुरक्षा के लिहाज से अमेरिकी डॉलर में अपना इन्वेस्टमेंट झोंक रहे हैं. इस कारण भारतीय मुद्रा 'रुपया (INR)' समेत तमाम अन्य करेंसीज के लिए ये सबसे खराब दौर चल रहा है.
डॉलर के मुकाबले ऑल टाइम लो लेवल पर पहुंचा रुपया, घटकर इतनी हुई कीमत
DollarVsRupee: डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति लगातार कमजोर हो रही है। सोमवार 54 पैसे की गिरावट के बाद एक डॉलर (Dollar) की कीमत 81.63 रुपये हो गई है। जोकि अबतक का सबसे निचला स्तर है।
DollarVsRupee: डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति लगातार कमजोर हो रही है। सोमवार 54 पैसे की गिरावट के बाद एक डॉलर की कीमत 81.63 डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है रुपये हो गई है। जोकि अबतक का सबसे निचला स्तर है।इसस पहले सोमवार सुबह डॉलर के मुकाबले रुपये का भाव 81.47 रुपये पर आ गया था। डॉलर 20 साल के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। वहीं, रुपये में आई ऐतिहासिक गिरावट के बाद व्यापारियों ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने गिरावट को रोकने के लिए डॉलर बेचे जाने की संभावना है।
क्यों आती है रुपये में कमजोरी, डॉलर से ही क्यों होती है तुलना
क्या होगा असर
रुपया कमजोर होने से भारत का आयात बिल बढ़ जाएगा। भारत को आयात के लिए पहले के मुकाबले ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे। आयात पर निर्भर कंपनियों का मार्जिन कम होगा, जिसकी भरपाई दाम बढ़ाकर की जाएगी। इससे महंगाई बढ़ेगी। पेट्रोलियम उत्पाद , विदेश घूमना, विदेश से सर्विसेज लेना आदि भी महंगा हो जाएगा। रुपया कमजोर होने से विदेशी मुद्रा भंडार कमजोर होता है। खजाना खाली होगा। यह आर्थिक लिहाज से ठीक बात नहीं है।