डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है?

Dollar Vs Other Currencies: डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट से सिर्फ हम परेशान नहीं, कई देशों की करेंसी भी हैं बेहाल
Dollar Vs Other Currencies: जहां हम अपनी करेंसी की गिरावट से परेशान हैं वहीं दुनिया के कई देश ऐसे हैं जिनको भी एक डॉलर के मुकाबले 80 रुपये या उससे ज्यादा अपनी करेंसी चुकानी पड़ रही है.
By: ABP Live | Updated at : 04 Jul 2022 02:01 PM (IST)
कई देशों की करेंसी बेहाल
Dollar: रोज सुबह करेंसी मार्केट में रुपये के ताजा रेट जारी होते हैं और भारत में रुपये की गिरावट और बढ़ती हुई दिखती है. रुपये की गिरावट का आलम ये है कि जानकार ये आशंका जता चुके हैं कि जल्द ही डॉलर के लिए हमें 80 रुपये तक खर्च करने होंगे और ऐसा कभी भी हो सकता है. रुपया डॉलर के मुकाबले आज 79.03 के स्तर पर खुला है लेकिन ये पिछले हफ्ते 79.39 रुपये प्रति डॉलर का अपना अभी तक का सर्वाधिक निचला स्तर तो छू ही चुका है.
भारतीय करेंसी रुपये का ये हृास जहां हमारे लिए बेहद चिंता का विषय है वहीं ये बताता है कि वैश्विक करेंसी के रूप में डॉलर अपनी साख बढ़ाता जा रहा है. भारतीय रुपये की तुलना अमेरिकी डॉलर से की जाती है और ये करेंसी विश्व के कई देशों में लेनदेन के लिए चलती है. जहां हम अपनी करेंसी की गिरावट से परेशान हैं वहीं दुनिया के कई देश ऐसे हैं जिनको भी एक डॉलर के मुकाबले 80 रुपये या उससे ज्यादा अपनी करेंसी चुकानी पड़ रही है.
किन करेंसी का है रुपये जैसा हाल
- सबसे पहले बात की जाए भारतीय रुपये की तो 1 डॉलर के लिए आज हमें 79.03 रुपये प्रति डॉलर चुकाने पड़ रहे हैं.
- ब्रिटिश करेंसी या इसके आसपास की टेरेटरी की तो स्टर्लिंग पाउंड या (GBP) का हाल कुछ अच्छा नहीं है. यहां 1 डॉलर के लिए 97.51 पाउंड प्रति डॉलर देने होते हैं.
- अफगानिस्तान का अफगान अफगानी का स्तर भी रुपये जैसा ही नजर आ रहा है और 1 डॉलर के लिए 87.86 अफगान अफगानी देने होते हैं.
- बांग्लादेश टका की बात की जाए तो 1 डॉलर के लिए 93.62 बांग्लादेशी टका खर्च करने होते हैं.
- भूटान में भारतीय करेंसी रुपया चल चलता है और यहां एक डॉलर के लिए 79.06 रुपये प्रति डॉलर का खर्च करना पड़ता है.
एशिया के अन्य देशों की करेंसी का क्या है हाल
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- पड़ोसी देशों पाकिस्तान, श्रीलंका और नेपाल की बात करें तो यहां की करेंसी डॉलर के मुकाबले बेतहाशा तेजी से गिर रही है. श्रीलंका में 1 डॉलर के लिए 360.55 रुपये श्रीलंकाई रुपये चुकाने पड़ रहे हैं.
- पाकिस्तान में 1 डॉलर के मुकाबले 209.4 रुपये प्रति पाकिस्तानी रुपया चुकाने पड़ रहे हैं.
- नेपाल में 1 डॉलर के लिए 126.49 नेपाली रुपये को चुकाना पड़ रहा है.
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Published at : 04 Jul 2022 01:48 PM (IST) Tags: Rupee dollar Pakistani डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है? rupee Bangladesh Taka Bhutan Currency Srilankan Rupee afghan Afgani हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
डॉलर के मुकाबले रुपया पस्त, निचले स्तर का एक और रिकॉर्ड बनाया, 2014 में इतने का था एक डॉलर
Dollar Vs Rupee: अमेरिकी मुद्रा के डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है? मुकाबले रुपया 6 पैसे की गिरावट के साथ एक और निचले स्तर को छुआ। डॉलर के मुकाबले रुपया आज 83.06 पर खुला। बता दें 30 मई 2014 को एक डॉलर का मूल्य 59.28 रुपये था।
विदेशी बाजारों में डॉलर के मजबूत होने और विदेशी पूंजी की सतत निकासी के बीच अंतरबैंक विदेशीमुद्रा विनिमय बाजार में गुरुवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 6 पैसे की गिरावट के साथ एक और निचले स्तर को छुआ। डॉलर के मुकाबले रुपया आज 83.06 पर खुला। बता दें 30 मई 2014 को एक डॉलर का मूल्य 59.28 रुपये था।
बता दें अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल कीमतों में तेजी तथा निवेशकों में जोखिम लेने की धारणा कमजोर होने से भी रुपये पर असर पड़ा। एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष (शोध विश्लेषक) जतिन त्रिवेदी ने कहा कि डॉलर की बढ़ती कीमतों के बीच घबराहट में रुपये की बिकवाली के चलते रुपया नए निचले स्तर पर आ गया है।
क्यों हो रही गिरावट
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा है कि डॉलर के बाहर जाने, चीन की मुद्रा में कमजोरी और मासिक अनुबंधों की समाप्ति से पहले कारोबारियों द्वारा अपने सौदे पूरा करने से रुपये का प्रदर्शन कमजोर रहा। अन्य एशियाई मुद्राओं में भी कमजारी रही। यूरोप और ब्रिटेन के निराशाजनक आर्थिक आंकड़ों ने डॉलर सूचकांक को मजबूती दी, जिससे रुपये पर भी असर पड़ा।
भारत के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार: फिच
रेटिंग एजेंसी फिच ने बुधवार को कहा कि अमेरिका में मौद्रिक नीति मामले में सख्ती बरतने और वैश्विक स्तर पर मुद्रास्फीति बढ़ने से जुड़े जोखिमों का सामना करने के लिए भारत के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार मौजूद है। इसके साथ ही फिच रेटिंग्स ने कहा कि बाह्य दबावों से भारत की साख को लेकर जोखिम सीमित ही है।
फिच ने कहा, ऐसा लगता है कि अमेरिका में तेजी से मौद्रिक सख्ती किए जाने और वैश्विक स्तर पर जिंसों के बढ़ते दामों से जुड़े जोखिमों से निपटने के लिए भारत के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है। एजेंसी ने कहा कि उसे विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत बने रहने की उम्मीद है और भारत का चालू खाते के घाटे (सीएडी) को एक उपयुक्त स्तर पर थामा जा सकेगा और चालू वित्त वर्ष में यह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.4 फीसदी तक पहुंच जाएगा जो कि पिछले वित्त वर्ष में 1.2 फीसदी था।
डॉलर के मुकाबले रुपये को संभालने के लिए आरबीआई कर रहा उपाय
फिच ने कहा कि सार्वजनिक वित्त की स्थिति रेटिंग के लिए प्रमुख घटक बना हुआ है और भारत बाह्य वित्तपोषण पर सीमित निर्भरता की वजह से वैश्विक उतार-चढ़ाव से सापेक्षिक तौर पर बचा हुआ है। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार इस साल के नौ महीनों में करीब 100 अरब डॉलर तक घट चुका है। हालांकि अब भी इसका आकार करीब 533 अरब डॉलर है। विदेशी मुद्रा भंडार में आई डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है? यह बड़ी गिरावट बढ़ते सीएडी और डॉलर के मुकाबले रुपये को संभालने के लिए रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप को दर्शाती है।
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार अब भी 8.9 महीनों के आयात व्यय के लिए पर्याप्त है और किसी भी बाहरी संकट का डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है? का सामना करने की क्षमता देता है। फिच ने कहा, इस बड़े विदेशी मुद्रा भंडार से कर्ज पुनर्गठन क्षमता को आश्वासन मिलता है। इसके अलावा अल्पकालिक बाह्य बकाया ऋण भी कुल भंडार का सिर्फ 24 फीसदी ही है।
रुपये के 81.09 प्रति डॉलर पहुंचने के बाद वित्त मंत्री बोलीं- दूसरी मुद्राओं की तुलना में मज़बूत है
डॉलर के मुकाबले रुपये की क़ीमत के रिकॉर्ड स्तर पर गिरने के बाद भारतीय मुद्रा की स्थिति को लेकर जताई जा रही चिंताओं के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि गिरावट के मौजूदा दौर में डॉलर के मुक़ाबले अन्य मुद्राओं की स्थिति पर भी अध्ययन करने की ज़रूरत है. The post रुपये के 81.09 प्रति डॉलर पहुंचने के बाद वित्त मंत्री बोलीं- दूसरी मुद्राओं की तुलना में मज़बूत है appeared first on The Wire - Hindi.
डॉलर के मुकाबले रुपये की क़ीमत के रिकॉर्ड स्तर पर गिरने के बाद भारतीय मुद्रा की स्थिति को लेकर जताई जा रही चिंताओं के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि गिरावट के मौजूदा दौर में डॉलर के मुक़ाबले अन्य मुद्राओं की स्थिति पर भी अध्ययन करने की ज़रूरत है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण. (फोटो: पीटीआई)
पुणे: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि दुनिया की अन्य मुद्राओं की तुलना में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कहीं अधिक मजबूती से खड़ा रहा है.
डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत के रिकॉर्ड स्तर पर गिर जाने के बाद भारतीय मुद्रा की स्थिति को लेकर जताई जा रही चिंताओं के बीच सीतारमण ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और वित्त मंत्रालय रुपये की स्थिति पर लगातार करीबी नजर रखे हुए हैं.
सीतारमण ने यहां संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा, ‘अगर मुद्राओं के उतार-चढ़ाव की मौजूदा स्थिति में किसी एक मुद्रा ने अपनी स्थिति को काफी हद तक बनाए रखा है तो यह भारतीय रुपया ही है. हमने काफी अच्छी तरह इस स्थिति का सामना किया है.’
उन्होंने रुपये की गिरती कीमत के बारे में पूछे जाने पर कहा कि गिरावट के मौजूदा दौर में डॉलर के मुकाबले अन्य मुद्राओं की स्थिति पर भी अध्ययन करने की जरूरत है.
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया शुक्रवार को 81.09 रुपये प्रति डॉलर के स्तर तक पहुंच गया था. पिछले कुछ महीनों में रुपये की कीमत में लगातार गिरावट आई है.
गुरुवार को रुपया एक ही दिन में 83 पैसे तक लुढ़क गया जो पिछले सात महीनों में आई सबसे बड़ी एकदिवसीय गिरावट है.
यह लगातार तीसरा दिन था जब अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट देखी गई. इन तीन दिनों में रुपये की कीमत 124 पैसे प्रति डॉलर तक गिर गई थी.
जानकारों का मानना है कि साल की शुरुआत में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद बढ़े भू-राजनीतिक तनाव ने डॉलर की तुलना में दूसरी मुद्राओं की स्थिति को कमजोर किया है. इसके अलावा बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए अमेरिका समेत कई देशों के केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरों में वृद्धि की है जिससे मुद्राओं पर दबाव बढ़ा है.
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के विदेशी मुद्रा एवं सर्राफा विश्लेषक गौरांग सोमैया कहना है, ‘इस हफ्ते अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरें बढ़ाए जाने के बाद अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार नए निचले स्तर की तरफ बढ़ा है. हालांकि दुनिया की अधिकतर मुद्राओं में डॉलर के मुकाबले दबाव का रुख बना हुआ है.’
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के अनुसंधान विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ‘भारतीय रुपये ने डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है? अप्रैल 2021 के बाद एक मजबूत डॉलर सूचकांक के बीच सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट दर्ज की है….’
इस बीच दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के समक्ष डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.72 प्रतिशत चढ़कर 112.15 पर पहुंच गया था.
विपक्ष ने साधा था मोदी सरकार पर निशाना
गुरुवार को कांग्रेस ने डॉलर के मुकाबले रुपये के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंचने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और भारतीय रिजर्व बैंक के एक कथित परिपत्र (सर्कुलर) का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि मोदी सरकार अपने कदमों से स्थिति सुधारने की बजाय आग में घी डाल रही है.
पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने दावा किया था कि मोदी सरकार के उस फैसले से रुपया लगातार नीचे की ओर जा रहा है जिसमें मुनाफा कमाने वाली कंपनियों को एक अरब डॉलर के मूल्य तक की भारतीय मुद्रा को अमेरिकी मुद्रा में तब्दील करवाने की अनुमति दी गई है.
वल्लभ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा था, ‘मोदी जी आप कहते थे कि रुपया गिरता है तो सरकार की साख गिरती है, अब आप बताइए कि कितनी डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है? साख गिरेगी?’’
उनका कहना था, ‘रिजर्व बैंक ने एक 22 अगस्त को एक परिपत्र जारी किया जिसके अनुसार, पिछले तीन साल तक मुनाफे में रहने वाली कंपनी एक अरब डॉलर तक की कीमत में रुपये को अमेरिकी मुद्रा में बदलवा सकती है. इससे मध्यवर्ग पर असर पड़ेगा, उपचार महंगा होगा, पेट्रोल-डीजल महंगा हो जाएगा.’
वल्लभ ने सवाल किया, ‘मोदी जी, हम जवाब जानते हैं कि आपने रुपये की गिरती कीमत में आग में घी डालने का काम क्यों किया? यह बताइए कि इस परिपत्र से किसे फायदा मिला?’
लगातार काफी समय की गिरावट के बाद डॉलर के मुकाबले रुपये में नज़र आई मजबूती
राज एक्सप्रेस। आज पूरे विश्व में सिर्फ एक ही मामले की चर्चा है और वह है यूक्रेन और रूस के बीच चल रहा युद्ध। इस युद्ध के चलते सबसे ज्यादा असर शेयर मार्केट पर देखने को मिला है पर इसमें लगातार काफी समय तक भारी गिरावट देखने को मिलती रही और शेयर मार्केट (Share Market) में दर्ज हुई गिरावट का असर भारत के रूपये पर पड़ता रहा है। डॉलर के मुकाबले इसमें अब तक रिकॉर्ड स्तर की गिरावट दर्ज हो चुकी है। हालांकि, आज गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती देखने को मिली है।
रुपये में दर्ज हुई मजबूती :
दरअसल, बीते काफी समय से रुपये में गिरावट का दौर जारी था, जबकि, डॉलर लगातार मजबूत होता नज़र आता रहा है।ऐसे में भारत में महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है। इसी बीच आज गुरुवार को भारतीय करेंसी में कुछ रिकवरी दिखाई दी है और भारतीय रुपये अमेरिकी डॉलरकी तुलना में 67 पैसे मजबूती के साथ बंद हुआ। जबकि, मंगलवार को रुपया डॉलर की तुलना में 7 पैसे की तेजी के साथ बंद हुआ था। वहीँ, आज भारतीय रुपया 67 पैसे मजबूती के साथ 82.14 रुपये प्रति डॉलर पर आ पहुंचा है।
पिछला ट्रेडिंग सेशन :
पिछले ट्रेडिंग सेशन की बात करें तो, उस दौरान डॉलर की तुलना में रुपये की कीमत 82.81 पर जाकर बंद हुई थी और आज शुरुआती ट्रेड में इसकी कीमत में 82.14 रुपये प्रति डॉलर का लेवल देखने को मिल गया। जबकि, बुधवार को फॉरेक्स मार्केट दीवाली के चलते बंद थे। भारत डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है? में रुपये में आई मजबूती से ट्रेडर्स को राहत मिली है। इससे करेंसी मार्केट में भी रुपये को सपोर्ट मिल रहा है। जिससे इसकी कीमत में सुधार देखा गया है। उधर इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज की बात करें तो वहां, घरेलू करेंसी 82.15 के लेवल पर खुली। जबकि, मंगलवार से ही यहां हल्की तेजी देखने को मिल रही है।
जानकारों का कहना :
करेंसी मार्केट की जानकारी रखने वाले जानकारों का कहना है कि, 'डॉलर इंडेक्स के 110 के लेवल से नीचे जाने पर रुपये को मजबूती मिली और ये बढ़त के साथ खुलने में कामयाब रहा।डॉलर की कीमतों में गिरावट के पीछे कारण बताया जा रहा है कि आगामी महीने यानी नवंबर 2022 में अमेरिका में फेडरल रिजर्व के दरों में उम्मीद से कम बढ़ोतरी का अनुमान है और इस रुझान का असर डॉलर के दाम पर देखा जा रहा है।'
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