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निष्क्रिय आय विकल्प

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लार्ज कैप में निवेश को सक्रिय और निष्क्रिय फंडों में बांटें

इन दिनों डेट और इक्विटी दोनों तरह के म्युचुअल फंडों के निवेशक असमंजस में हैं। पिछले एक साल के दौरान सक्रियता से प्रबंधित लार्ज-कैप फंडों में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) का औसत प्रतिफल लगभग -1.39 फीसदी रहा है। दूसरी ओर निफ्टी 50 इंडेक्स फंड के निवेशक को 4.39 फीसदी प्रतिफल (श्रेणी का औसत प्रतिफल) मिला है। निश्चित आय के मामले में बहुत से डेट फंडों की नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग ऐंड फाइनैंशियल सर्विसेज (आईएलऐंडएफएस), जी समूह और डीएचएफएल समूह से संबंधित घटनाक्रम के कारण प्रभावित हुई है। इससे बहुत से लोग चिंतित होंगे। वे यह सलाह लेना चाहेंगे कि उन्हें इक्विटी में निष्क्रिय फंडों और निश्चित आय के मामले में सावधि जमा को तो तरजीह नहीं देनी चाहिए, जो अपेक्षाकृत सुरक्षित निवेश माध्यम होते हैं।

पिछला साल असामान्य

लार्ज कैप सक्रिय फंडों के प्रदर्शन को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि इनके लिए पिछला साल असामान्य रहा। लार्ज कैप सूचकांक की अगुआई महज 5 से 7 दिग्गज शेयरों जैसे एचडीएफसी, एचडीएफसी बैंक, रिलायंस, बजाज फाइनैंस, इन्फोसिस और टीसीएस ने की। शेष लार्ज कैप शेयरों ने या तो सपाट या ऋणात्मक प्रतिफल दिया। विविधीकृत पोर्टफोलियो चलाने वाले फंड प्रबंधक कम से कम 30 से 40 शेयर रखते हैं। अगर उन्होंने सूचकांक के इन दिग्गज शेयरों में निवेश नहीं किया होगा या सूचकांक की तुलना में कम निवेश किया होगा तो उन्होंने कमजोर प्रदर्शन किया होगा। डीएसपी इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और निष्क्रिय निवेश के प्रमुख अनिल घेलानी ने कहा, 'सक्रिय फंडों के प्रदर्शन को परखने के लिए एक साल बहुत कम अवधि है। बाजार के एक हिस्से में ही तेजी का रुझान भविष्य में बदल सकता है।' लार्ज कैप सक्रिय फंड प्रबंधकों द्वारा बाजार की तुलना में बेहतर प्रतिफल अर्जित करना पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है, लेकिन यह कम हो रहा है और आगे भी ऐसा ही देखने को मिल सकता है।

मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट एडवाइजर इंडिया के निदेशक (प्रबंध अनुसंधान) कौरुतुभ बेलापुरकर ने कहा, 'फंड श्रेणियों के पुनर्वर्गीकरण और प्रबंधनाधीन संपत्तियों में भारी बढ़ोतरी के बाद लार्ज कैप फंड प्रबंधकों के लिए बाजार से बेहतर प्रतिफल अर्जित करना मुश्किल होता जा रहा है।' भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा फंडों का पुनर्वर्गीकरण करने के बाद अतिरिक्त प्रतिफल अर्जित करना मुश्किल हो गया है। अब लार्ज कैप फंड प्रबंधक अपने पोर्टफोलियो की 20 फीसदी राशि ही मिड और स्मॉल कैप शेयरों में निवेश कर रहे हैं। बेंचमार्क के रूप में कीमत प्रतिफल सूचकांक की जगह कुल प्रतिफल सूचकांक ने ले ली है, जिससे लार्ज कैप में सक्रिय फंड प्रबंधकों के लिए बेहतर प्रदर्शन करना मुश्किल हो गया है।

निष्क्रिय फंडों में निवेश

हालांकि अभी तक लार्ज कैप सक्रिय फंडों का बेहतर प्रदर्शन करना पूरी तरह बंद नहीं हुआ है। बेलापुरकर ने कहा, 'आपको अच्छे सक्रिय फंड प्रबंधकों को चिह्नित करना चाहिए। इसमें जरूरत होने पर सलाहकार की मदद ली जानी चाहिए। इसके बाद प्रबंधकों को प्रदर्शन दिखाने के लिए कम से कम 5-7 साल का समय देना चाहिए।' निवेशकों को ऐसे फंडों का चयन करना चाहिए, जिसका हर कैलेंडर वर्ष निष्क्रिय आय विकल्प में शानदार प्रदर्शन करने का ट्रैक रिकॉर्ड है और जिनका कम खर्च अनुपात है।

घेलानी के मुताबिक आपको इस समय लार्ज कैप श्रेणी में सक्रिय और निष्क्रिय दोनों में पूरक निवेश करना चाहिए। उन्होंने कहा, 'सक्रिय प्रबंधित फंडों में एसआईपी बंद न करें। आप इससे इतर जो राशि निवेश कर सकते हैं, वह निष्क्रिय फंडों में निवेश की जानी चाहिए।' मिड और स्मॉल कैप क्षेत्र में शेयरों की तादाद काफी अधिक है। मिड कैप क्षेत्र में 150 शेयर हैं और बाजार पूंजीकरण के हिसाब से 250वीं रैंक के बाद के सभी शेयर स्मॉल-कैप हैं।

शेयरों के इस बड़े क्षेत्र के बारे में बहुत ज्यादा शोध नहीं हुआ है, इसलिए फंड प्रबंधकों के पास इनमें बेहतर प्रतिफल अर्जित करने का मौका है। इसके अलावा इस समय मिड और स्मॉल कैप में निष्क्रिय फंड और एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों के बहुत कम विकल्प हैं।

क्रेडिट जोखिम सामने

निश्चित आय के मामले में अब तक निवेशकों को ब्याज दर का जोखिम झेलना पड़ता था। लेकिन अब उन्हें ऐसा क्रेडिट जोखिम झेलना पड़ रहा है, जो अब तक कभी नहीं देखा गया। डिफॉल्ट, डाउनग्रेड और भविष्य में डिफॉल्ट के जोखिमों के कारण बहुत से फंडों की नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) प्रभावित हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी एक वजह क्रेडिट भी है। टाटा म्युचुअल फंड के वरिष्ठ फंड प्रबंधक (निश्चित आय) अखिल मित्तल ने कहा, 'बैंकों और म्युचुअल फंडों दोनों ने कंपनियों को ऋण दिया है। बैंकिंग प्रणाली पिछले कई वर्षों से फंसे कर्जों (एनपीए) की समस्या से जूझ रही है। ऐसे में यह स्वाभाविक है कि अर्थव्यवस्था का दबाव डेट फंड पोर्टफोलियो पर भी दिखेगा क्योंकि वे भी उन्हीं कंपनियों को ऋण देते हैं।'

हालांकि उनके मुताबिक अच्छी बात यह है कि इन समस्याओं से डेट फंडों के एयूएम का 1-1.5 फीसदी ही प्रभावित हुआ है। ज्यादातर फंडों के वर्तमान संकट से उबरने और सही स्थिति में बने रहने की संभावना है। डेट फंड विविधीकरण का लाभ देते हैं, इसलिए उन्हें कंपनी सावधि जमाओं और गैर-परिवर्तनीय डिबेंचरों (एनसीडी) जैसे विकल्पों पर तरजीह दी जानी चाहिए। पॉजिटिव वाइब्स कंसल्टिंग ऐंड एडवाइजरी के संस्थापक मल्हार मजूमदार ने कहा, 'एक निवेशक अपनी छोटी सी राशि को भी बहुत सी कंपनियों में निवेश करता है। अगर कोई एक या दो कंपनियां किसी मुसीबत में फंसती भी हैं तो शेष निवेश सुरक्षित बना रहता है और लाभ देता है।'

सावधानी से चुनें फंड श्रेणी

इन घटनाक्रमों के बाद निवेशकों को डेट फंडों को सावधि जमा जैसी वे योजनाएं मानना बंद करना चाहिए, जो ऊंचा प्रतिफल देती हैं। (यह संभव है कि पहले निवेशकों को ऊंचा प्रतिफल मिला हो।) आईडीएफसी म्युचुअल फंड के प्रमुख (निश्चित आय) सुयश चौधरी ने कहा, 'कम जोखिम लेने वाले निवेशकों को ज्यादातर निवेश उन डेट फंडों में करना चाहिए, जो अवधि और ऋण जोखिम को नियंत्रित करते हैं।' इसका मतलब है कि आपको उन फंडों में निवेश करना चाहिए, जो मुख्य रूप से एएए बॉन्डों में निवेश करते हैं और जिनमें परिपक्वता की औसत अवधि 2 से 5 साल है।

बैंकिंग और पीएसयू बॉन्ड फंड एक अन्य सुरक्षित श्रेणी है, जिसके बारे में विचार किया जा सकता है। क्रेडिट रिस्क फंड जैसी ज्यादा जोखिम वाले श्रेणियों में केवल उन्हीं निवेशकों को निवेश करना चाहिए, जो जोखिम लेने की क्षमता रखते है। उन्हें भी सीमित निवेश करना चाहिए। ऐसे डेट फंडों से बचें, जिनका एक प्रवर्तक वाले समूह में 5 फीसदी से अधिक निवेश है। डेट फंडों से पूरी तरह निकलकर सावधि जमाओं जैसी सुरक्षित योजनाओं में निवेश करना जरूरी नहीं है। बेलापुरकर ने कहा, 'यह बाद ध्यान रखें कि डेट फंडों और सावधि जमाओं में कर का अंतर है। अगर आप डेट फंडों में निवेेश को तीन साल रखते हैं तो निष्क्रिय आय विकल्प आपको सूचकांक का लाभ मिलता है और मामूली कर चुकाना पड़ता है। कर के बाद के आधार पर आम तौर पर डेट फंड ज्यादा बेहतर साबित होते हैं।' जोखिम से पूरी तरह दूर रहने वाले वे निवेशक, जिनकी कोई कर योग्य आय नहीं है या वे सबसे निचले कर वर्ग में आते हैं तो उनके लिए सावधि जमाओं में निवेश करना बेहतर है। इसके अलावा कोई जोखिम नहीं उठाने की मंशा रखने वाले निवेशकों को एफडी का विकल्प अपनाना चाहिए।

निवेश करना सीखें

दुनिया भर में हो रहे विकास कार्यों के चलते आपकी सोच में भी अधिक तेजी से सर्वोत्कृष्ट श्रेणी के किराया देने वाले वाणिज्यिक संपदाओं का निर्माण हो रहा है. विविध रूप के इन निर्माण कार्यों में गोदाम, को-लिविंग, को-वर्किंग स्थान और यहाँ तक कि स्टूडेंट के रहने की जगह शामिल हैं जो कम राशि के निवेश पर सबसे बढ़िया रिटर्न देते हैं.

तथ्य यह है कि निवेशक अब छोटे-छोटे ऑफिस स्पेस के बदले सह-आवासीय स्थानों का रुख कर रहे हैं. कहने का उद्देश्य यह है कि इस ट्रेंड के साथ चलें और अपना धन निर्माण कार्यों में निवेश करें जिससे दूसरों को फायदा हो सकता है. साथ ही यह ट्रेंड भी है जहां निवेशक पहले प्लाट/जमीन खरीद लेते हैं, फिर उसे विकसित करते हैं और को-वर्किंग संस्थानों को उन स्थानों के प्रबंधन के लिए सौंप देते हैं.

एक और बेहद विचारणीय और उचित विकल्प है मालगोदाम का. यहाँ निवेशक संपत्ति को प्रबंधन के लिए किसी थर्ड पार्टी को सीधे आउटसोर्स कर देता है.

हमें छात्र आवास (स्टूडेंट हाउसिंग) को नहीं भूलना चाहिए क्योंकि यह एक लचीला और गैर-जोखिम सेगमेंट हैं.

अतः, अगर सही समय और सही तरीके से किया जाए तो रियल एस्टेट आपके लिए सफलता की बेशुमार सफलता के साथ लाभकारी निवेश बन सकता है. रियल एस्टेट में निवेश करने के आने फायदे हैं और सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको मासिक, तिमाही या सालाना जो भी हो, एक नियमित आय मिलती रहती है.

चलिए, अब रियल एस्टेट में निवेश करने के फायदों के बारे में बात करते हैं.

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रियल एस्टेट में निवेश करने के फायदे/विशेषताएं

जीवन के लिए किराए की कमाई/निष्क्रिय आमदनी

किराए की कमाई से आपको प्रत्यक्ष आमदनी होती है जिसकी गणना बोनस के रूप में की जा सकती है.

स्रोत बताते हैं कि अनुभवी निवेशक आम तौर पर किराए की कमाई की गन्ना करते हैं जिसमें खर्च, टैक्स और अन्य लागतों का हिसाब करके उसे संपत्ति के मूल्य से भाग दिया जाता है. ऐसे अनेक निवेशक हैं जो किराए की कमायी में नकदी लाभ देखना पसंद करते हैं.

इस तरह आप आजीवन एक निष्क्रिय आमदनी उत्पन्न करने में सक्षम होंगे. यह रिटायर करने के बाद एक पेंशन योजना भी हो सकती है. इसके अलावा, उस समय और साल के संपत्ति मूल्य के अनुसार आपका मूलधन भी बढ़ता है और आप मासिक किराया का लाभ उठाते रहते हैं.

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अपने निवेश पोर्टफोलियो में रियल एस्टेट को जोड़ने से ज्यादा जोखिम वाली दूसरी संपत्तियों के अस्थिरता की भरपाई करने में आपको मदद मिलेगी. इस प्रकार यह आपके निवेश पोर्टफोलियो के सामान्य जोखिम स्तर को कम करता है और आपको अधिक नियमित रिटर्न प्रदान करता है.

अधिक वास्तविक संपदा मूल्य

शेयर और बांड्स के विपरीत, रियल एस्टेट में निवेश के पीछे एक उच्च स्तरीय मोर्टार की शक्ति होती है. रियल एस्टेट में निवेश में अक्सर विनिमय होते हैं जिसके अनुसार लाभ का भुगतान लाभांश केक रूप में किया जाता है.

रियल एस्टेट में निवेश के एक मुख्य विशेषता इसका कुल रिटर्न है. यह लगभग 30 वर्षों की लम्बी अवधि में किराये की आमदनी के रूप में संचित होती है. अगर आप आमदनी के अन्य प्रचलित स्रोतों, जैसे कि बांड्स, शेयर, म्यूच्यूअल फंड्स आदि से तुलना करें, तो रियल एस्टेट ज्यादा आकर्षक भी है.

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मुद्रास्फीति पेशबंदी (इन्फ्लेशन हेजिंग)

रियल एस्टेट की मुद्रास्फीति पेशबंदी क्षमता जीडीपी वृद्धि और रियल एस्टेट की मांग के बीच सकारात्मक सम्बन्ध से प्राप्त होती है.

जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था का विस्तार होता जाता है, रियल एस्टेट के किराए की मांग ऊंची होती जाती है और बदले में इसकी परिणति उच्चतर पूंजी मूल्य में होती है. अतएव, इस परिदृश्य में रियल एस्टेट मुद्रास्फीति के दबाव को कुछ हद तक किरायदार पर दाल कर पूंजी की क्रय शक्ति को बनाए रखता है. इसमें पूंजी वृद्धि के रूप में भे कुछ मुद्रास्फीति दबाव शामिल रहते हैं.

बाज़ार चक्र को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करें

बाज़ार के समय के अनुसार भाव कम रहने पर खरीदना और भाव ऊंचा रहने पर बेचना रियल एस्टेट में निवेश की सफलता का महत्वपूर्ण तत्व है.

हालांकि बाज़ार कब रियल एस्टेट चक्र के सबसे निचले बिंदु पर पहुँच गया है, इसका समय निश्चित करना मुश्किल होता है, तो भी भाव चढ़ने का रुझान देखना और समय पर कदम उठाना आपकी निवेश योजनाओं के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है.

रियल एस्टेट के बाज़ार का सही हिसाब लगाना ठीक-ठीक विज्ञान नहीं है, किन्तु अनेक मुख्य संकेतक हैं जिनका इस्तेमाल बाज़ार मूल्य निर्धारित करने के लिए किया जाता है. बाजार के समय निर्धारण पर सेलर मोटिवेशन, आपूर्ति और मांग, ब्याज की दरें, रोजगार का रुझान और जनसंख्या वृद्धि सहित अनेक घटकों का काफी ज्यादा प्रभाव पड़ता है.

बाज़ार चक्र को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करें

रियल एस्टेट में निवेश करने एक और फायदा है आमदनी उत्पन्न करने की इसकी शक्ति, जो अधिकांशतः निर्धारित और स्थायी होती है. विशेषकर लम्बे समय में आपके निवेश की सम्‍पत्ति से उत्पन्न आमदनी आपकी रिटायरमेंट, टैक्स, और अन्य खर्चों की भरपाई करने के लिए अक्सर पर्याप्त होगी और फिर भी आपका मासिक नकदी प्रवाह बढ़ेगा ही.

समय के साथ, चुनिन्दा रियल एस्टेट निवेश धन निर्माण के लिए दमदार आस्तियां हो सकते हैं. आपने निवेश संपत्ति का मूल्य बढ़ता है, जबकि समतुल्य वित्तीयन में नाममात्र की कमी होती है. फलस्वरूप, आप जब तक अपनी रिटायरमेंट की प्लानिंग करते हैं, तब तक इक्विटी और धन में वृद्धि हो जाती है.

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रियल एस्टेट में निवेश के प्रकार

यहाँ रियल एस्टेट उद्यमों के प्रकारों की सूची दी गयी है, जिनमें आप निवेश कर सकते हैं :

कमाइए और निकल चलिए (फिक्स ऐंड फ्लिप्स)

यह आम तौर पर अल्प अवधि निवेशको के लिए होता है जो क्रय करते हैं, सुधार करते हैं, और मुनाफे के लिए संपत्ति को बेच देते हैं.

किराए की संपत्तियों में दीर्घकालीन निवशकों, पोर्टफोलियो निवेशकों और जमीन/मकान मालिकों की रूचि होती है जो इक्विटी ऑर स्थायी आमदनी खड़ी करने के लक्ष्य के साथ रियल एस्टेट खरीदते हैं.

अवकाश किराया संपत्ति (वेकेशन रेंटल प्रॉपर्टी)

जो निवेशक अपनी छुट्टियों के खर्च की भरपाई करना और किराए की आमदनी से इक्विटी खड़ी करना चाहते हैं, वे वैसे लोग होते है जो वैकेशन होम्स का निर्माण करते हैं और उसमें निवेश करते हैं. आम तौर पर वे इन घरों को भाड़े पर लगा देते हैं जिससे उन्हें एक निर्धारित आमदनी मिलती है और पूंजी वृद्धि होती है.

वाणिज्यिक रियल एस्टेट

वाणिज्यिक या व्यावसायिक संपत्तियाँ आम तौर पर कारोबार के मालिकों और अनुभवी निवेशकों के लिए होते हैं जो मॉडल्ड बिज़नेस प्लान्स के माध्यम से आमदनी पैदा करते हैं.

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रियल एस्टेट में निवेश करने का मुख्य आधार यह है कि इस निवेश से आमदनी और इक्विटी के अवसर, विविधीकरण और टैक्स में लाभ मिल सकता है.

निवेश करते समय आपके लिए कौन-सा विकल्प सही होगा यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आप कितना बड़ा निवेश करना चाहते है और कितने रिटर्न की अपेक्षा करते हैं. साथ ही, जोखिम उठाने का हौसला भी एक बड़ा बिंदु होता है. आपको आर्थिक बाज़ार मूल्यों और निवेश के सही समय का अवश्य ध्यान रखना चाहिए, तब आपको अपने निवेश से फायदा होगा.

Investment After Retirement: रिटायरमेंट के बाद निवेश करने के ये हैं 5 विकल्प, जिसमें होगी अच्छी कमाई, जानिए- क्या हैं ऑप्शन?

Investment After Retirement: रिटायरमेंट के बाद निवेश करने के 5 विकल्पों के बारे में चर्चा की गई है, जिसमें अच्छी कमाई होगी.

Updated: August 27, 2021 12:39 PM IST

Government Scheme Sukanya Samriddhi Yojana

Investment After Retirement: कई लोगों के लिए, सेवानिवृत्ति का मतलब है कि अगर वे सलाहकार, फ्रीलांसर और शिक्षक के रूप में काम करना नहीं चुनते हैं, तो ऐसा लगता है जैसे कि पैसा कमाने की उम्र पार कर ली है. सेवानिवृत्त लोगों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे अपनी सेवानिवृत्ति की संपत्ति का उपयोग इस तरह से करें कि उन्हें नियमित आय हो और उन पर कर का बोझ भी कम हो. हालांकि, कई वरिष्ठ नागरिकों के लिए, निश्चित आय और बाजार से जुड़े निवेश के संयोजन के साथ सेवानिवृत्ति पोर्टफोलियो बनाना एक चुनौती है. आदर्श स्थिति यह है कि किसी की सेवानिवृत्ति का पैसा तब तक रहना चाहिए जब तक वह जीवित है – एक व्यक्ति 50 या 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होता है, जबकि जीवन प्रत्याशा 80 वर्ष तक हो सकती है.

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निष्क्रिय आय चाहने वाले सेवानिवृत्त लोग इन निवेशों पर विचार कर सकते हैं. और आप इन निवेशों को अपने सेवानिवृत्ति पोर्टफोलियो में रख सकते हैं.

किराए से आय

घरों की मांग बढ़ रही है, जिसका मुख्य कारण भारत की बढ़ती जनसंख्या और खर्च करने की क्षमता में वृद्धि है. इससे यह संकेत मिलता है कि आप एक वाणिज्यिक या आवास संपत्ति किराए पर लेकर आय का दूसरा स्रोत बना सकते हैं. हालांकि, ऐसा करने के लिए, आपको उन जगहों पर निवेश करने की ज़रूरत है जो उच्च मांग और उच्च कीमतों से शुरू होती हैं.

वरिष्ठ नागरिक बचत योजना

वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS), जो कि अधिकांश वरिष्ठ नागरिकों का पहला विकल्प है, उनके वित्तीय पोर्टफोलियो में होना चाहिए. जैसा कि इसके नाम से पता चलता है, यह कार्यक्रम बुजुर्ग वरिष्ठ नागरिकों और हाल ही में सेवानिवृत्त लोगों तक ही सीमित है. एससीएसएस 60 वर्ष से अधिक आयु के किसी भी व्यक्ति के लिए डाकघर या बैंक के माध्यम से उपलब्ध है. हाल ही में सेवानिवृत्त व्यक्ति अपनी सेवानिवृत्ति निधि प्राप्त करने के बाद एससीएसएस में निवेश कर सकते हैं, बशर्ते, यह निधि प्राप्त करने के तीन महीने के भीतर किया गया हो. SCSS का कार्यकाल पांच साल का होता है जिसे योजना की परिपक्वता के बाद और तीन साल के लिए बढ़ाया जा सकता है. वर्तमान में, यह प्रति वर्ष 7.4% की ब्याज दर की पेशकश कर रहा है.

सावधि जमा

फिक्स्ड डिपॉजिट पर ओल्ड इज़ गोल्ड की कहावत ठीक बैठती है. यह कभी भी आउट ऑफ फैशन नहीं होता है. सेवानिवृत्त लोगों के लिए एक प्लस प्वाइंट निष्क्रिय आय विकल्प यह है कि एफडी गारंटीड ब्याज दरों के साथ आते हैं, जो उन्हें इक्विटी में निवेश की अस्थिरता से दूर रखता है.

मासिक आय योजना (MIS)

डाकघर मासिक आय योजना उन योजनाओं में से एक है जहां आप एक विशिष्ट राशि का निवेश कर सकते हैं और बदले में हर महीने एक निश्चित ब्याज राशि प्राप्त कर सकते हैं. व्यक्ति 4.5 लाख रुपये तक का योगदान कर सकते हैं, और एक संयुक्त में, आप पांच साल की अवधि में 9 लाख रुपये तक का निवेश कर सकते हैं. इस योजना का मकसद पूंजी बचाना है.

जब कोई सेवानिवृत्त होता है, तो उसकी गैर-कमाई का चक्र लगभग दो दशकों या उससे अधिक तक रहता है, इसलिए सेवानिवृत्ति की संपत्ति का एक हिस्सा इक्विटी-लिंक्ड उत्पादों में रखना आवश्यक हो जाता है. याद रखें कि सेवानिवृत्ति आय (ब्याज, लाभांश) सेवानिवृत्ति के चरण के दौरान भी मुद्रास्फीति की चपेट में है. अध्ययन के अनुसार, इक्विटी अन्य परिसंपत्तियों की तुलना में बेहतर मुद्रास्फीति-समायोजित रिटर्न उत्पन्न करती है.

किसी की जोखिम लेने की क्षमता के आधार पर, संपत्ति का एक विशिष्ट प्रतिशत इक्विटी म्यूचुअल फंड (MF) को आवंटित किया जा सकता है, जिसमें लार्ज-कैप और बैलेंस्ड फंड के माध्यम से अतिरिक्त विविधीकरण होता है.

मासिक आय योजनाओं में कुछ इक्विटी एक्सपोजर (MIP) भी शामिल हो सकते हैं. सेवानिवृत्त लोगों को सलाह दी जाती है कि वे सेक्टोरल और थीम वाले फंडों के साथ-साथ मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों से बचें. इसका उद्देश्य विशेष रूप से उच्च लेकिन अनिश्चित रिटर्न पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय लगातार रिटर्न प्राप्त करना है.

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इक्विटी में निवेश निवेशक के जोखिम प्रोफाइल और उसके समय के क्षितिज पर निर्भर करता है. अगर ऐसी संभावना है कि 3-5 साल से पहले इन फंडों की जरूरत पड़ सकती है, तो इक्विटी से दूर रहना ही बेहतर है.

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कंपनी निश्चित जमा – क्या वे निवेश करने के लिए सुरक्षित हैं?

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इन दिनों निवेशक अपनी आय बढ़ाने के लिए अनेक विकल्पों में से एक चुन सकते हैं, बैंक निश्चित जमा (एफडी) सबसे सुरक्षित और होशियार विकल्पों में से एक है। निश्चित जमा किसी की अन्यथा निष्क्रिय आय को एक उपकरण में डालने का एक शुरुआती अनुकूल तरीका है जो धीरे-धीरे निवेशक को अपने निवेश पर ब्याज के रूप में निष्क्रिय आय देने के लिए बढ़ेगा। हालांकि, निश्चित जमा का एक और प्रकार है जो निवेशकों को मानक निश्चित जमा की तुलना में अधिक प्रतिफल प्रदान कर सकता है। इसे कंपनी निश्चित जमा कहा जाता है।

कंपनी निश्चित जमा बस कुछ ही वर्षों में काफी लोकप्रिय हो गए हैं। कभी-कभी, वे सार्वजनिक या निजी क्षेत्र के बैंक विकल्पों की तुलना में अधिक आकर्षक विकल्प के रूप में कार्य करते हैं। मुख्य रूप से, कंपनी निश्चित जमा निवेश उनके लिए एक व्यवहार्य विकल्प हैं जो लोग अपने निवेश पर एक उच्च ब्याज अर्जित करना चाहते हैं। हालांकि, इस तथ्य के कारण कि वे उच्च प्रतिफल प्रदान करते हैं, कंपनी एफडी निवेश से जुड़े जोखिम भी अधिक होते हैं। यहां एक कंपनी एफडी की कुछ विशेषताएं दी गई हैं।

एक कंपनी एफडी की विशेषताएं

कुछ महत्वपूर्ण चीजें जो एक मानक निश्चित जमा से कंपनी एफडी को अलग करती हैं, इस प्रकार हैं:

उच्च ब्याज दर: कंपनी निश्चित जमा एक मानक निश्चित जमा की तुलना में एक उच्च ब्याज दर प्रदान करते हैं। यह उन्हें कई निवेशकों के लिए एक आकर्षक निवेश विकल्प बनाता है।

कराधान: टीडीएस या ‘स्रोत में कटौती कर’ कंपनी एफडी पर लागू किया जाता है अगर किसी का अर्जित ब्याज 5000 रुपये पार हो जाता है। बैंक एफडी के मामले में, यह कर केवल तभी काटा जाता है जब अर्जित ब्याज 10,000 रुपये से अधिक हो।

कार्यकाल का लचीलापन: बैंक एफडी के समान, कंपनी निश्चित जमा निवेशकों को उस अवधि के लिए निवेश करने के लिए लचीलापन प्रदान करती है जो उनके लिए सर्वोत्तम है।

कंपनी निश्चित जमा निवेश सुरक्षित हैं?

संक्षिप्त उत्तर: हाँ, लेकिन आपको अपना शोध करने की ज़रूरत है। कंपनी एफडी मानक बैंक निश्चित जमा की तुलना में अधिक जोखिम भरा है। यह कुछ कारणों से है। निवेशकों को संपार्श्विक के रूप में पेश की जाने वाली कंपनी की कोई संपत्ति नहीं है, जिन्होंने अपने पैसे को निश्चित जमा योजना में रखा है। यदि कंपनी चूक जाती है, तो निवेशकों को अपने धन में से कुछ भी वापस नहीं मिल सकता है। किसी के भुगतान पर चूक जाने वाली कंपनी की संभावनाएं और उसके निवेशकों को मूल राशि भी बढ़ जाती है जब कंपनी अपनी संपत्ति को संपार्श्विक के रूप में रखकर सुरक्षित नहीं होती है।

यही कारण है कि जो निवेशक संभावित निवेश के रूप में कंपनी निश्चित जमा पर विचार कर रहे हैं, उन्हें उस कंपनी की उचित पृष्ठभूमि जांच करनी चाहिए जिसके साथ वे एक निश्चित जमा निवेश करना चाहते हैं। चूंकि यह आपका खुद का पैसा है जो किसी कंपनी की ओर जा रहा है, इसलिए आपको एहतियाती उपाय करना चाहिए। अपने निवेश में जल्दी मत करो। कंपनी की पृष्ठभूमि की पूरी तरह से जांच करें। इसमें उनके पिछले वित्तीय प्रदर्शन और ग्राहक सेवा भी शामिल है, उनके सामान्य पृष्ठभूमि और उत्पादों के अलावा। कंपनी के निदेशक के बोर्ड और प्रवर्तकों को देखना एक अच्छा विचार है।

आपको कंपनी के निश्चित जमा की रेटिंग जैसे सुरक्षा उपायों को भी जोड़ना होगा। यह आईसीआरए और सीआरआईएसआईएल जैसे वित्तीय संस्थानों के साथ कंपनी की रेटिंग की जांच करके किया जा सकता है। ये संस्थान कंपनी और उनके एफडी के लिए रेटिंग प्रदान करते हैं जो निष्क्रिय आय विकल्प आपको प्रत्यक्ष अनुमान देते हैं कि कंपनी अपने पूर्व भुगतान के साथ कितनी कुशल रही है। आदर्श रूप में, ‘एएए’ की रेटिंग इंगित करती है कि कंपनी के साथ निवेश शायद सुरक्षित है। जैसे-जैसे रेटिंग कम हो जाती है, जोखिम बढ़ता है, इसलिए सावधानी के साथ चलें।

यदि आप एएए रेटिंग के बिना किसी कंपनी में निवेश करने के लिए आश्वस्त हैं, तो छोटे-अवधि की एफडी पर विचार करें। यह वित्तीय विशेषज्ञों द्वारा हानि की क्षमता को कम करने के साधन के रूप में दी गई सलाह है। यदि कंपनी कम प्रदर्शन करती है, तो आप हमेशा निवेश करने के लिए एक और कंपनी चुन सकते हैं। यदि आप एक दीर्घकालिक कंपनी एफडी का चयन करते हैं तो आप एक कम प्रदर्शन करने वाली कंपनी के साथ फंस सकते हैं जो आपको आपका ब्याज और मूल राशि का भुगतान नहीं कर रहा है। अगर उस कंपनी को दिवालिया जाना था, तो आप एक बड़ा निवेश खो देंगे।

अंत में, कंपनी निश्चित जमा जोखिम भरा निवेश हैं। वे निवेशकों के लिए वापसी की एक उच्च दर प्रदान करते हैं लेकिन कोई संपार्श्विक प्रदान नहीं करते हैं और अगर कंपनी का प्रदर्शन खराब हो तो नुकसान में बदल सकते हैं। जोखिम को कम करने के लिए निवेशक अपनी कंपनी एफडी के बारे में सावधान रह सकते हैं जिसके कई तरीके हैं। इसमें कंपनी की पृष्ठभूमि जांच करना और क्रिसिल और आईसीआरए जैसे सम्मानित स्रोतों पर इसकी रेटिंग देखना शामिल है। किसी भी निवेश के साथ, कंपनी निश्चित जमा के लिए जाने से पहले, किसी भी नीति दस्तावेज को ध्यान से देखें। इसमें आपका आवेदन पत्र, आपकी जमा राशि से संबंधित कोई भी जानकारी, और कंपनी की तरफ से वित्तीय विवरण शामिल है।

5 सदाबहार निवेश विकल्प

निवेशक आते और जाते रहेंगे। लेकिन कुछ निवेश विकल्प हमेशा लोकप्रिय रहते हैं! इनमें से सबसे है फिक्स्ड डिपॉजिट। FD ने बूमर्स, Gen X और मिलेनियल्स को भी आकर्षित किया है। बीमा एक अन्य विकल्प है, जो सदाबहार है यानी हमेशा से बना हुआ है। इस क्षेत्र के डिजिटल होने के साथ, मिलेनियल्स ने भी अपने पोर्टफोलियो में बीमा को सक्रिय रूप से शामिल करना शुरू कर दिया है। इनके अलावा सोना और रियल एस्टेट ऐसे दो निवेश विकल्प जो आपके पैसे को मुद्रास्फीति से बचाने में मदद करते हैं। सोने में निवेश करने के कई तरीके हैं, जैसे फिजिकल गोल्ड, डिजिटल गोल्ड, गोल्ड ईटीएफ और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड। और रियल एस्टेट आपको दोनों तरह की पैसिव इनकम यानी निष्क्रिय आय दे सकता है। साथ ही पूंजी वृद्धि भी। अंत में, बारी आती है इक्विटी की जो तेज़ी से एक लोकप्रिय सदाबहार निवेश विकल्प बन रहा है। तो, यह था टॉप 5 सदाबहार निवेश विकल्पों का सार। इन सभी में थोड़ा सा निवेश करें। और आप पाएंगे कि आपके पास एक अच्छा डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो है।

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'प्रतिभूति बाजार में निवेश बाजार जोखिम के अधीन हैं, निवेश करने से पहले सभी संबंधित दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें।'

स्मार्ट मनी एक शैक्षिक मंच है। एंजेल वन ने निवेश और व्यापार पर सैद्धांतिक अवधारणाओं को कवर करने के लिए लघु पाठ्यक्रम बनाए हैं। निष्क्रिय आय विकल्प ये किसी भी तरह से संकेत नहीं हैं या बाजारों में मूल्य आंदोलन की भविष्यवाणी करने का प्रयास नहीं करते हैं। इसलिए सभी छात्रों को केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए पाठ्यक्रम सामग्री पर विचार करना चाहिए और उल्लिखित किसी भी उदाहरण, गणना या वास्तविक दुनिया की संस्थाओं को एंजेल वन के शोध विचारों या निवेश राय का संकेत या प्रतिनिधित्व नहीं माना जाना चाहिए।

स्मार्ट मनी विशेष रूप से शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है और निवेश पर कोई सलाह/सुझाव प्रदान नहीं करता है या किसी भी स्टॉक को खरीदने और बेचने की सिफारिश नहीं करता है। स्मार्ट मनी एक्सचेंज ट्रेडेड उत्पाद नहीं है और इससे संबंधित किसी भी विवाद को एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर नहीं निपटाया जाएगा।

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