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स्टॉक मार्केट निवेशकों के लिए बैलेंस शीट क्यों आवश्यक हैं

स्टॉक मार्केट निवेशकों के लिए बैलेंस शीट क्यों आवश्यक हैं
उनकी वेल्थ बढ़ने का बड़ा कारण ऑयल और नेचुरल गैस के प्राइसेज में आई तेजी है। अडानी ग्रुप की कुछ कंपनियों के शेयर प्राइसेज इस वर्ष दोगुने से भी अधिक बढ़े हैं। अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी टोटल गैस के शेयर प्राइस प्रॉफिट से 750 गुना से अधिक पर ट्रेड कर रहे हैं

स्टॉक मार्केट क्रैश क्यों होता है ? स्टॉक मार्केट क्रैश होने के 5 मुख्य कारण

स्टॉक मार्केट क्रैश क्यों होता है ? स्टॉक मार्केट क्रैश होने के 5 मुख्य कारण – दोस्तों आज इस आर्टिकल में हम एक बहुत गंभीर मुद्दे पर चर्चा करने वाले हैं। आज इस आर्टिकल में हम आपको स्टॉक मार्केट क्रैश होने के मुख्य कारण के बारे में बताने जा रहे हैं। अगर आप स्टॉक मार्केट में अपना पैसा इन्वेस्ट करते हैं तो एक बार यह आर्टिकल जरूर पढ़ें। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे स्टॉक मार्केट क्रैश क्यों होता है ?

दोस्तों जैसा कि आप सभी को पता है आज हमारे देश में बहुत से लोग स्टॉक मार्केट में अपना पैसा इन्वेस्ट करते हैं। हो सकता है आपने भी स्टॉक मार्केट में अपना पैसा इन्वेस्ट किया हो। स्टॉक मार्केट में पैसा इन्वेस्ट करना बहुत ही रिस्की होता है, क्योंकि कभी-कभी स्टॉक मार्केट एक साथ उछाल मार जाता है और कभी कभी एक साथ नीचे गिर जाता है। स्टॉक मार्केट क्रैश होने से लोगों को बहुत भारी नुकसान होता है। बहुत से लोग स्टॉक मार्केट में अपना सब कुछ इन्वेस्ट कर देते हैं, ऐसे में यदि इन स्टॉक मार्केट क्रैश कर जाए तो उनके सामने बहुत बड़ी समस्या हो सकती है।

स्टॉक मार्केट क्रैश होना क्या है ?

इससे पहले कि हम आपको स्टॉक मार्केट क्रैश होने के कारण बताएं। सबसे पहले आपको जान लेना चाहिए स्टॉक मार्केट क्रैश होना क्या है? जब कभी स्टॉक मार्केट के ढेर सारे शेयर एक साथ नीचे गिरने लगते हैं इस स्थिति को स्टॉक मार्केट क्रैश कहा जाता है प्राय यह बहुत कम होता है।

वर्ष 2008 में न सिर्फ भारत में बल्कि पूरे दुनिया में सबसे बड़ा स्टॉक मार्केट क्रैश हुआ था जिसमें निफ्टी 10 अंक से भी नीचे लुढ़क गई थी।

उदाहरण

दोस्तों हम आपको एक उदाहरण देकर बताते हैं स्टॉक मार्केट क्रैश होना क्या है? जैसा कि आप सभी को पता है स्टॉक मार्केट में nifty तथा sensex 1 से लेकर 10 के बीच में रहता है। जब भी कभी मुंबई स्टॉक एक्सचेंज का index sensex अथवा भारतीय स्टॉक एक्सचेंज इंटेक्स निफ़्टी 10 के नीचे पहुंच जाता है इस स्थिति को स्टॉक मार्केट क्रैश कहते हैं।

स्टॉक मार्केट क्रैश क्यों होता है ? स्टॉक मार्केट क्रैश होने के 5 मुख्य कारण

नीचे हमने आपको स्टॉक मार्केट क्रैश होने के 5 मुख्य कारण बताए हैं। मार्केट में इन 5 मुख्य कारणों की वजह से स्टॉक मार्केट क्रैश होता है।

वैश्विक आर्थिक मंदी

दोस्तों स्टॉक मार्केट के क्रैश होने का सबसे मुख्य कारण वैश्विक आर्थिक मंदी है। वैश्विक आर्थिक मंदी का तात्पर्य है विश्व के किसी एक देश में वित्तीय आपातकाल लगना या उस देश की जीडीपी का नीचे गिरना। जब भी किसी देश की जीडीपी नीचे गिरती है या उस देश में आर्थिक मंदी की स्थिति आती है इसका असर संपूर्ण देश के शेयर मार्केट पर पड़ता है। वर्ष 2008 में आया सबसे बड़ा शेयर मार्केट क्रैश अमेरिका में हुई वैश्विक आर्थिक मंदी का परिणाम था।

लड़ाईया

दोस्तों आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन लड़ाइयां भी शेयर मार्केट क्रैश होने का कारण है। जब भी दो देशों के मध्य युद्ध की स्थिति बनती है तो लोग शेयर मार्केट में इन्वेस्ट किए गए पैसे निकालने लगते हैं, जिस वजह से शेयर मार्केट खाली हो जाती है और क्रैश होने की स्थिति पर आ जाती है।

'स्टॉक मार्केट'

Stock Market Update: वैश्विक बाजारों में तेजी का असर भारतीय शेयर बाजार पर देखा गया. आज शेयर बाजार के खुलते ही निवेशकों ने खरीदारी पर जोर दिया है.

Cyber Security Framework: SEBI ने जून में स्टॉक ब्रोकरों से कहा था कि वे ऐसी घटनाओं का पता चलने के छह घंटे के भीतर उनके द्वारा अनुभव किए गए सभी साइबर हमलों, खतरों और उल्लंघनों की रिपोर्ट करें. स्टॉक ब्रोकर

Sensex Opening Bell: निफ्टी पर कोल इंडिया, सिप्ला, आयशर मोटर्स, ग्रासिम इंडस्ट्रीज और अल्ट्राटेक सीमेंट टॉप गेनर्स में रहे. वहीं, नेस्ले इंडिया, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, टेक महिंद्रा, ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज और टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स आज गिरावट के साथ कारोबार करते दिखे.

मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक के शेयरधारक मेटावर्स पर स्पेंडिंग के लिए अधिक भुगतान कर रहे हैं. पिछले एक साल में फेसबुक की पेरेंट कंपनी मेटा की मार्केट वेल्यू 520 बिलियन डॉलर तक गिर गई है. अब यह 20 सबसे बड़ी अमेरिकी कंपनियों की रैंक से बाहर होने के कगार पर है. उसके लिए हालात आसान होने के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं. मेटा का स्टॉक प्रीमार्केट ट्रेडिंग में 23 फीसदी तक गिर गया है. निवेशक मेटा के वर्चु्अल रियलिटी वर्जन में इनवेस्ट नहीं करने के लिए प्रेरित हुए हैं और उसके रेवेन्यू में गिरावट आई है.

स्टॉक मार्केट क्रैश क्यों होता है ? स्टॉक मार्केट क्रैश होने के 5 मुख्य कारण

स्टॉक मार्केट क्रैश क्यों होता है ? स्टॉक मार्केट क्रैश होने के 5 मुख्य कारण – दोस्तों आज इस आर्टिकल में हम एक बहुत गंभीर मुद्दे पर चर्चा करने वाले हैं। आज इस आर्टिकल में हम आपको स्टॉक मार्केट क्रैश होने के मुख्य कारण के बारे में बताने जा रहे हैं। अगर आप स्टॉक मार्केट में अपना पैसा इन्वेस्ट करते हैं स्टॉक मार्केट निवेशकों के लिए बैलेंस शीट क्यों आवश्यक हैं तो एक बार यह आर्टिकल जरूर पढ़ें। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे स्टॉक मार्केट क्रैश क्यों होता है ?

दोस्तों जैसा कि आप सभी को पता है आज हमारे देश में बहुत से लोग स्टॉक मार्केट में अपना पैसा इन्वेस्ट करते हैं। हो सकता है आपने भी स्टॉक मार्केट में अपना पैसा इन्वेस्ट किया हो। स्टॉक मार्केट में पैसा इन्वेस्ट करना बहुत ही रिस्की होता है, क्योंकि कभी-कभी स्टॉक मार्केट एक साथ उछाल मार जाता है और कभी कभी एक साथ नीचे गिर जाता है। स्टॉक मार्केट क्रैश होने से लोगों को बहुत भारी नुकसान होता है। बहुत से लोग स्टॉक मार्केट में अपना सब कुछ इन्वेस्ट कर देते हैं, ऐसे में यदि इन स्टॉक मार्केट क्रैश कर जाए तो उनके सामने बहुत बड़ी समस्या हो सकती है।

स्टॉक मार्केट क्रैश होना क्या है ?

इससे पहले कि हम आपको स्टॉक मार्केट क्रैश होने के कारण बताएं। सबसे पहले आपको जान लेना चाहिए स्टॉक मार्केट क्रैश होना क्या है? जब कभी स्टॉक मार्केट के ढेर सारे शेयर एक साथ नीचे गिरने लगते हैं इस स्थिति को स्टॉक मार्केट क्रैश कहा जाता है प्राय यह बहुत कम होता है।

वर्ष 2008 में न सिर्फ भारत में बल्कि पूरे दुनिया में सबसे बड़ा स्टॉक मार्केट क्रैश हुआ था जिसमें निफ्टी 10 अंक से भी नीचे लुढ़क गई थी।

उदाहरण

दोस्तों हम आपको एक उदाहरण देकर बताते हैं स्टॉक मार्केट क्रैश होना क्या है? जैसा कि आप सभी को पता है स्टॉक मार्केट में nifty तथा sensex 1 से लेकर 10 के बीच में रहता है। जब भी कभी मुंबई स्टॉक एक्सचेंज का index sensex अथवा भारतीय स्टॉक एक्सचेंज इंटेक्स निफ़्टी 10 के नीचे पहुंच जाता है इस स्थिति को स्टॉक मार्केट क्रैश कहते हैं।

स्टॉक मार्केट क्रैश क्यों होता है ? स्टॉक मार्केट क्रैश होने के 5 मुख्य कारण

नीचे हमने आपको स्टॉक मार्केट क्रैश होने के 5 मुख्य कारण बताए हैं। मार्केट में इन 5 मुख्य कारणों की वजह से स्टॉक मार्केट क्रैश होता है।

वैश्विक आर्थिक मंदी

दोस्तों स्टॉक मार्केट के क्रैश होने का सबसे मुख्य कारण वैश्विक आर्थिक मंदी है। वैश्विक आर्थिक मंदी का तात्पर्य है विश्व के किसी एक देश में वित्तीय आपातकाल लगना या उस देश की जीडीपी का नीचे गिरना। जब भी किसी देश की जीडीपी नीचे गिरती है या उस देश में आर्थिक मंदी की स्थिति आती है इसका असर संपूर्ण देश के शेयर मार्केट पर पड़ता है। वर्ष 2008 में आया सबसे बड़ा शेयर मार्केट क्रैश अमेरिका में हुई वैश्विक आर्थिक मंदी का परिणाम था।

लड़ाईया

दोस्तों आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन लड़ाइयां भी शेयर मार्केट क्रैश होने का कारण है। जब भी दो देशों के मध्य युद्ध की स्थिति बनती है तो लोग शेयर मार्केट में इन्वेस्ट किए गए पैसे निकालने लगते हैं, जिस वजह से शेयर मार्केट खाली हो जाती है और क्रैश होने की स्थिति पर आ जाती है।

बोनस इश्यू VS स्टॉक स्प्लिट: शेयर की कीमत

बोनस इश्यू- बोनस इश्यू में शेयर की कीमत जारी किए गए शेयरों की संख्या के अनुसार एडजस्ट हो जाती है. मान लीजिए किसी कंपनी ने 4:1 रेश्यो में बोनस इश्यू का एलान किया है. अब इसे उदाहरण के समझते हैं.

  • बोनस इश्यू से पहले स्टॉक की कीमत- 100 रुपये
  • बोनस इश्यू से पहले कुल शेयर संख्या- 100 शेयर
  • बोनस जारी होने के बाद शेयरों की संख्या हो जाएगी- 400 शेयर
  • वहीं, बोनस इश्यू के बाद स्टॉक की कीमत हो जाएगी- 25 रुपये

स्टॉक स्प्लिट- स्टॉक स्प्लिट में शेयर की कीमत अनुपात में आधी हो जाती है.

  • मान लीजिए, स्टॉक स्प्लिट रेश्यो- 1:2
  • स्टॉक स्प्लिट से पहले स्टॉक की कीमत- 100 रुपये
  • स्टॉक स्प्लिट स्टॉक मार्केट निवेशकों के लिए बैलेंस शीट क्यों आवश्यक हैं से पहले कुल शेयर संख्या- 100 शेयर
  • स्टॉक स्प्लिट के बाद शेयर संख्या- 200 शेयर
  • स्टॉक स्प्लिट के बाद शेयर की कीमत- 50 रुपये

बोनस इश्यू VS स्टॉक स्प्लिट: क्या है अंतर और निवेशकों के लिए क्या है इसके मायने

स्टॉक स्प्लिट और बोनस शेयर दोनों में ही शेयरों की संख्या बढ़ जाती है और मार्केट वैल्यू कम हो जाती है. हालांकि, केवल स्टॉक स्प्लिट में ही फेस वैल्यू कम हो जाती है, जबकि बोनस इश्यू में यह नहीं होता. स्टॉक स्प्लिट और बोनस इश्यू में यही मुख्य अंतर है. कंपनियां इन दोनों तरीकों से अपने शेयरहोल्डर्स को इनाम देती है. बोनस इश्यू और स्टॉक स्प्लिट दोनों में ही शेयरहोल्डर्स को अतिरिक्त राशि देने की जरूरत नहीं होती. स्टॉक स्प्लिट में पहले से उपलब्ध शेयर स्प्लिट हो जाती है. इसका मतलब है कि आपके पास उपलब्ध शेयरों की संख्या बढ़ जाती है. वहीं, शेयरों की कीमत कम हो जाती है. हालांकि, आपके द्वारा निवेश किए गए पैसे पर स्टॉक स्प्लिट के चलते कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.

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