ट्रेडिंग नियम

ट्रेडिंग नियम
5 [अतिरिक्त ट्रेडिंग फ्लोर.
13A. स्टॉक एक्सचेंज ने कहा कि बोर्ड द्वारा निर्धारित नियम और शर्तों के अनुसार भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड के पूर्व अनुमोदन से अतिरिक्त ट्रेडिंग फ्लोर स्थापित कर सकती है.
विवरण: इस खंड के प्रयोजनों के लिए, "अतिरिक्त ट्रेडिंग फ्लोर" विनियामक ढांचे के तहत इस तरह के ट्रेडिंग फ्लोर के माध्यम से प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने के लिए निवेशकों को सक्षम करने के लिए ऑपरेशन के अपने क्षेत्र के बाहर किसी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज द्वारा की पेशकश की एक व्यापारिक अंगूठी या व्यापार सुविधा का मतलब कि शेयर बाजार.]
प्र.5. प्रतिभूति कानून (संशोधन) अधिनियम, 1995 से प्रभावी द्वारा डाला 25-1-1995.
SEBI ने इनसाइडर ट्रेडिंग मामले में इन 3 लोगों पर लगाया 6 लाख रुपए का जुर्माना
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पीवीआर लिमिटेड के शेयरों के साथ छेड़छाड़ के मामले में 3 लोगों पर 6 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। पूंजी बाजार नियामक ने अपने एक बयान में कहा, 'गौतम दत्ता (नोटिसी-1), एनसी गुप्ता (नोटिसी-2) और प्रमोद अरोरा (नोटिसी-3) तीनों ही लोग पीवीआर कंपनी में कर्मचारी थे।' इन तीनों लोगों ने इनसाइडर ट्रेडिंग (भेदिया कारोबार) के नियमों का उल्लंघन किया था, जिसके बाद सेबी ने इन पर कार्रवाई की है। वर्ष 2014 से लेकर 2017 तक इन तीनों लोगों ने पीवीआर के शेयरों के साथ छेड़छाड़ की और इनसाइडर ट्रेडिंग के नियमों का उल्लंघन किया।
सेबी ने जांच में क्या पाया?
सेबी ने अपनी जांच में पाया कि उन्हें कंपनी द्वारा बनाए गए आदर्श आचार संहिता नियमों और इनसाइडर ट्रेडिंग के नियमों के तहत ट्रेडों की पूर्व-मंजूरी के प्रावधानों का पालन करना आवश्यक था। ट्रेडिंग नियम लेकिन उन्होंने इसका उल्लंघन किया।
इसके अलावा सेबी ने जांच में पाया कि गौतम दत्ता ने पीवीआर के शेयरों में ट्रेडिंग नियम ट्रेडिंग विंडो क्लोजर पीरियड के समय कॉन्ट्रा ट्रेड्स किए थे, जिसके लिए उन्होंने कंपनी बोर्ड से पहले मंजूरी नहीं ली थी। इसके साथ ही उन्होंने कुछ ट्रेड्स के लिए डिसक्लोजर भी नहीं दिया था।
नोटिसी-2 एनसी गुप्ता ने गलत तरीके से ली मंजूरी
वहीं दूसरी तरफ नोटिसी-2 एनसी गुप्ता ने भी कंपनी के बोर्ड से पहले मंजूरी लिए बिना ही कॉन्ट्रा ट्रेड्स किए थे। इतना ही नहीं एनसी गुप्ता ने कुछ ट्रेडों के लिए कंपनी बोर्ड की बजाय कंपनी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष से गलत तरीके से मंजूरी ली थी।
नोटिसी-3 प्रमोद अरोरा ने भी प्री-क्लीयरेंस लिए बिना कॉन्ट्रा ट्रेड्स किए और इन ट्रेडों की जानकारी किसी को नहीं दी। इन ट्रेड्स का कुल मूल्य 5 लाख रुपये था। इसे इनसाइडर ट्रेडिंग के नियमों का उल्लघंन माना जा रहा हैं।
कंपनी को ही वापस दिया लाभ
तीनों कर्मचारयों ट्रेडिंग नियम ने इनसाइडर ट्रेडिंग के नियमों का उल्लघंन करके कॉन्ट्रा ट्रेड्स से जो लाभ कमाया उसे वापस पीवीआर लिमिटेड को ही लौटा दिया था। सेबी के अनुसार कंपनी ने इसके बदले में मार्केट वॉचडॉग के इन्वेस्टर प्रोटेक्शन एंड एजुकेशन फंड (IPEF) को लाभ की संबंधित राशि का भुगतान किया।
Stock Market: स्टॉक मार्केट से होने वाली कमाई पर कैसे लगता ट्रेडिंग नियम है इनकम टैक्स, जानिए क्या हैं इससे जुड़े नियम
अगर आप स्टॉक मार्केट में निवेश करते हैं तो आपके लिए यह जानना जरूरी है कि इससे होने वाली कमाई पर टैक्स की देनदारी कैसे बनती है.
यह जानना आपके लिए बेहद जरूरी है कि स्टॉक मार्केट से होने वाली कमाई पर टैक्स की देनदारी कैसे बनती है.
Stock Market: हम सभी जानते हैं कि सैलरी, रेंटल इनकम और बिजनेस से होने वाली कमाई पर हमें टैक्स देना होता है. इसके अलावा, आप शेयरों की बिक्री या खरीद से भी मोटी कमाई कर सकते हैं. ऐसे में यह जानना आपके लिए बेहद जरूरी है कि स्टॉक मार्केट से होने वाली कमाई पर टैक्स की देनदारी कैसे बनती है. कई गृहिणी और रिटायर्ड लोग स्टॉक मार्केट में निवेश के ज़रिए मुनाफा कमाते हैं लेकिन उन्हें यह नहीं पता होता कि इस मुनाफे पर टैक्स कैसे लगाया जाता है. इक्विटी शेयरों की बिक्री से होने वाली इनकम या लॉस ‘कैपिटल गेन्स’ के तहत कवर होता है.
कैपिटल गेन टैक्स दो तरह के होते हैं- शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म. यह वर्गीकरण शेयरों की होल्डिंग पीरियड के अनुसार किया जाता है. होल्डिंग पीरियड का मतलब है- निवेश की तारीख से बिक्री या ट्रांसफर की तारीख. आइए जानते हैं कि यह क्या है.
LIC New Endowment Plan: एलआईसी के इस प्लान में रोज बचाएं सिर्फ 71 रुपये, मैच्योरिटी पर मिलेंगे 48.75 लाख रुपये
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (LTCG)
अगर शेयर मार्केट में लिस्टेड शेयरों को खरीदने से 12 महीने के बाद बेचने पर मुनाफा होता है तो इस पर LTCG के तहत टैक्स देना पड़ता है. 2018 के बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स को फिर से शुरू किया गया था. इससे पहले इक्विटी शेयरों या इक्विटी म्यूचुअल फंड ( Equity Mutual funds) की ट्रेडिंग नियम यूनिटों की बिक्री से होने वाले मुनाफे पर टैक्स नहीं लगता था. इनकम टैक्स रूल्स (Income tax Rules) के सेक्शन 10 (38) के तहत इस पर टैक्स से छूट मिली हुई थी.
2018 के बजट में शामिल किए गए प्रावधान में कहा गया कि अगर एक साल के बाद बेचे गए शेयरों और इक्विटी म्यूचुअल फंड की यूनिटों की बिक्री पर एक लाख रुपये से ज्यादा का कैपिटेल गेन हुआ है तो इस पर 10 फीसदी टैक्स लगेगा.
शॉर्ट टर्म कैपिटेल गेन्स टैक्स (STCG)
अगर आप शेयर मार्केट में लिस्टेड किसी शेयर को खरीदने के 12 महीनों के अंदर बेचते हैं, तो इस पर आपको 15 फीसदी की दर से टैक्स देना होगा. भले ही आप ट्रेडिंग नियम इनकम टैक्स देनदारी के 10 फीसदी के स्लैब में आते हों या 20 या 30 फीसदी के स्लैब के तहत, आपने शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन किया है तो इस पर 15 फीसदी का ही टैक्स लगेगा.
अगर आपकी टैक्सेबल इनकम ढाई लाख रुपये से कम है तो शेयर बेचने से हासिल लाभ को इससे एडजस्ट किया जाएगा और फिर टैक्स कैलकुलेट होगा. इस पर 15 फीसदी टैक्स के साथ 4 फीसदी सेस लगेगा.
सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (STT)
स्टॉक एक्सचेंज में बेचे और खरीदे जाने वाले शेयरों पर सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स यानी STT लगता है. जब भी शेयर बाजार में शेयरों की खरीद-बिक्री होती है, इस पर यह टैक्स देना पड़ता है. शेयरों की बिक्री पर सेलर को 0.025 फीसदी टैक्स देना पड़ता है. यह टैक्स शेयरों के बिक्री मूल्य पर देना पड़ता है. डिलीवरी बेस्ड शेयरों या इक्विटी म्यूचुअल फंड की यूनिट्स की बिक्री पर 0.001 फीसदी की दर से टैक्स लगता है.
इंट्रा-डे, फ्यूचर-ऑप्शन ट्रेडिंग पर टैक्स
अगर आप इंट्रा-डे ट्रेडिंग या फ्यूचर-ऑप्शन के ज़रिए ट्रेडिंग करते हैं तो इस पर होने वाली कमाई पर भी टैक्स देनदारी बनती है. इंट्रा-डे ट्रेडिंग से होने वाली कमाई को स्पेक्युलेटिव बिजनस इनकम कहते ट्रेडिंग नियम हैं. इसके अलावा, फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग से हुई कमाई को नॉन-स्पेक्युलेटिव बिजनस इनकम कहा जाता है. इनसे होने वाली कमाई पर आपको टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स देना पड़ता है. इसका मतलब है कि स्लैब के अनुसार, 2.5 लाख रुपये तक की कमाई पर टैक्स नहीं लगेगा. इसके ऊपर की कमाई पर टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगेगा.
सोने की ट्रेडिंग के लिए GST के बदलेंगे नियम
नई दिल्ली : सोने की ट्रेडिंग आसान करने की प्रक्रिया सरकार द्वारा की जा रही है। जीएसटी के नियमों मैं परिवर्तन के लिए वित्त मंत्रालय द्वारा विचार किया जा रहा है। सोने की ट्रेडिंग को बढ़ावा देने के लिए सेबी ने ईजीआर में ट्रेडिंग की इजाजत दी है। बीएससी के बाद एनएससी भी इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड ट्रेडिंग की इजाजत देने की तैयारी में है। लोगों को सोने की प्रभावी और पारदर्शी कीमत मिले। इसमें टैक्स रिफंड को लेकर जीएसटी की प्रक्रिया बाधा उत्पन्न कर रही थी।
इस संबंध में वित्त मंत्रालय ने जीएसटी के नियमों में बदलाव करने की बात को स्वीकार कर लिया है। इनपुट टैक्स,क्रेडिट रिफंड के नियमों में बदलाव करने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। जीएसटी काउंसिल की स्वीकृति मिलने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। इसके बाद बड़े पैमाने पर सोने की खरीद बिक्री शेयर बाजार और डीमेट अकाउंट के जरिए सोने की खरीद बिक्री करने का एक विकल्प खुल जाएगा।
मुख्यमंत्री भगवंत मान का दावा, गुजरात में ‘आप’ प्रचंड बहुमत से जीतेगी
अनुराग ठाकुर का दावा: हिमाचल और गुजरात में फिर से सरकार बनाएगी भाजपा
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में सीवी आनंद ने ली शपथ
LEAVE A REPLY Cancel reply
Most Popular
मुख्यमंत्री भगवंत मान का दावा, गुजरात में ‘आप’ प्रचंड बहुमत से जीतेगी
मुख्यमंत्री ने दो हजार से अधिक अध्यापकों को ऑफर किए नियुक्ति पत्र
अनुराग ठाकुर का ट्रेडिंग नियम दावा: हिमाचल और गुजरात में फिर से सरकार बनाएगी भाजपा
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में सीवी आनंद ने ली शपथ
Recent Comments
“CHARDIKLA TIME TV” is one of the best and top ranking channels of India and has acquired immense popularity around the globe. "Chardikla Time TV" is the only Punjabi channel being carried on DD Direct Free Dish MPEG-4 (Prasar Bharti), which is Free to Air and provides free of cost channel for viewers in every nook and corner of India and abroad. Chardikla Time Tv channel is one of leading Punjabi channels around the globe and is available on all the cable & DTH (Direct to home) platforms in India and OTT (ट्रेडिंग नियम over the top) and other streaming platforms worldwide including but not limited to Tata sky , Airtel Digital TV, Videocon D2h, Dish TV, Big TV, Fastway , Jio TV, Independent Tv and Cable Networks. Contact us
शेयर बाजार में ऐसे होगी सोने की इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग, निवेश से पहले जान लें नियम
मानव सभ्यता के इतिहास से लेकर मौजूदा समय तक सोना इंसानों की पसंद रहा है. हर दौर में और हर देश में सोने की मांग रही है. बदलते समय के साथ सोने का रूप बदलता रहा है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | मानव सभ्यता के इतिहास से लेकर मौजूदा समय तक सोना (Gold) इंसानों की पसंद रहा है. हर दौर में और हर देश में सोने की मांग (Gold ट्रेडिंग नियम Demand) रही है. बदलते समय के साथ सोने का रूप बदलता रहा है, लेकिन सोने के लिए लोगों की चाहत में कोई कमी नहीं देखी गई है. और अब तो कागज पर भी सोना बिकने की तैयारी पूरी हो चुकी है. सेबी ने शेयर मार्केट (Share Market) में इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड (Electronic Gold) रिसीट की ट्रेडिंग के लिए दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं. सेबी ने अपने इन निर्देशों में तमाम अहम बातें कही हैं. जैसे, EGR सेगमेंट में सोमवार से शुक्रवार तक ट्रेडिंग की जा सकेगी.
इसके तहत, सुबह 9 बजे से लेकर रात 11.55 तक स्टॉक एक्सचेंज ट्रेडिंग कर सकेंगे. दिवाली पर लक्ष्मी पूजन वाले दिन महूर्त ट्रेडिंग के लिए सभी स्टॉक एक्सचेंज, कॉमन ट्रेड का समय तय करेंगे और सेबी को इसकी सूचना देंगे. स्टॉक एक्सचेंज यह भी सुनिश्चित करेंगे कि उनके पास ट्रेडिंग अवर्स के दौरान रिस्क मैनेजमेंट सिस्टम और इंफ्रास्ट्रक्चर है.
निर्देशों में सेबी ने कहा है कि सभी स्टॉक एक्सचेंज सामान्य हॉलीडे लिस्ट पर फैसला करेंगे और केंद्रीय और स्थानीय छुट्टियों को ध्यान में रखते हुए मार्केट को इसकी सूचना देंगे. छुट्टियों पर शाम 5 बजे के बाद स्टॉक एक्सचेंज, ट्रेडिंग की इजाजत दे सकते हैं, बशर्ते अंतरराष्ट्रीय मार्केट खुले हों. इसके अलावा सेबी की ओर से शेयर बाजार में EGR की खरीद और बिक्री से जुड़े ट्रांजैक्शन, थोक सौदों, कीमत दायरा आदि के प्रावधान भी निर्धारित किए गए हैं.
गौरतलब है कि वित्त मंत्रालय ने सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स एक्ट 1956 के तहत इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट्स यानी EGR को सिक्योरिटीज का दर्जा दे दिया. इसका मतलब यह कि अब आप शेयर्स की तरह ही गोल्ड में भी ट्रेडिंग कर सकेंगे. इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट्स को हम साधारण भाषा में पेपर गोल्ड भी कह सकते हैं. यह एक निवेश इंस्ट्रूमेंट है. शेयर्स की तरह EGR, डीमैट फॉर्म में रखे जाएंगे. खास बात यह है कि आप इन्हें जरूरत पड़ने पर फिजिकल गोल्ड में भी कन्वर्ट करा सकते हैं.