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अमेरिकन एक्सचेंज

अमेरिकन एक्सचेंज
अमेरिका में दक्षिण भारतीय अभिनेत्रियों के सेक्‍स रैकेट में शामिल होने का मामला सामने आया है। (प्रतीकात्‍मक फोटो)

हमें पानी सॉफ़्नर आयन एक्सचेंज राल की आवश्यकता क्यों है?

पानी सॉफ़्नर प्रणाली अक्सर घरों का एक अभिन्न अंग होता है जिसमें विशेष रूप से कठोर पानी होता है जो समय के साथ सिंक और उपकरणों को तोड़ सकता है। यह उन लोगों के लिए बेहतर है जो पानी के धब्बे और संभवतः भरा हुआ पाइपों को जोखिम में नहीं डालना चाहते हैं। इस तरह की प्रणाली के लिए कुछ मुख्य भाग हैं, और पानी सॉफ़्नर आयन एक्सचेंज राल सबसे महत्वपूर्ण में से एक है। वास्तव में, यह प्रणाली का मुख्य घटक है और काफी हद तक पानी को नरम अमेरिकन एक्सचेंज करने के लिए जिम्मेदार है। यह कुछ अवांछित अशुद्धियों को छानकर काम करता है।

पानी सॉफ़्नर आयन एक्सचेंज राल टैंक में पाइप किए गए पानी से मैग्नीशियम और कैल्शियम आयनों को समाप्त करके कठिन पानी को नरम बनाता है। प्रत्येक प्रक्रिया में इसकी प्रमुख भूमिका होती है जो शीतल जल बनाने में मदद करती है। राल आम तौर पर मोतियों के रूप में होता है जो एक नकारात्मक आवेश को वहन करता है, और वे अधिकांश पानी सॉफ़्नरों में खनिज टैंक में संग्रहीत होते हैं।

आप कुछ पानी सॉफ़्नर आयन एक्सचेंज राल प्राप्त करना चाहेंगे? Lanlang अमेरिकन वाटर क्वालिटी एसोसिएशन का सदस्य है। हमारे रेजिन ने NSF / ANSI 61 और 372 standard के साथ WQA सर्टिफिकेट पास किया है। हमें संपर्क करें, हम आपको राल आवेदन की पूरी श्रृंखला के लिए वन-स्टॉप सेवा प्रदान करेंगे। ।

Short Definition ADR,GDR.IDR Economics Term Definitions In Hindi

Depository Reciepts:- ये एक प्रकार से सिक्योरिटी होती है। जिन्हे भारत से बाहर एक डिपोजिटरी बैंक किसी भारतीय कंपनी की तरफ से जारी करता है । निगोशिएबल सिक्योरिटी होती है यानी को शेयर या बोंड को खरीदा या बेचा का सकता है । अमेरिका सिंगापुर लगजंबर्ग, लंदन आदि जगहों पर शेयर बाजार में इनकी खरीद बिक्री की जाती है। Americans Reciepts:- किसी विदेशी सिक्योरिटी के बदले में अमेरिका मे जारी किया जाता है इसलिए इसे अमेरिकन एक्सचेंज अमेरिकन डिपोजिटरी रसीद कहते है। example:- इंडियन कंपनी को अधिक पूंजी की आवश्यकता है और वो विदेश से पूंजी इकट्ठा करना चाहता है वोह ADR जारी करता है उसके बाद वोह डोमेस्टिक कस्टोडियन को सूचना देता है। डोमेस्टिक कस्टोडियन वोह डिपोजिटरी बैंक को सूचना देगा ओर डिपोजिटरी बैंक निवेशक को उसके बाद निवेशक वोह ADR को खरीद सकता है उसके लिए वोह डिपोजिटरी रसीद जारी करता है। GDR:- ग्लोबल डिपोजिटरी रसीद ! Exampl e:- इंडियन कंपनी को अलग अलग देश से पूंजी इकट्ठा अमेरिकन एक्सचेंज करना है उसके वोह GDR जारी करती है जिससे निवेशक के लिए FCCB( सामान्य शेयर फॉरेन करेंसी कन्वर्टिबल बोंड ) के जरिए वोह निवेशक उस इंडियन कंपनी के शेयर खरीद सकता है। अक्सर इंडियन कंपनी युरो जुटाने के लिए यूरोपियन डिपोजिटरी रसीद जारी करती है। IDR:- इंडियन डिपोजिटरी रसीद! Example:- अब विदेशी कंपनी को इंडियन कंपनी से पूंजी चाइए उसके लिए वो IDR जारी करती है रुपया में। इसके लिए उन्हें सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया में पहले अपना पंजीकरण करना पड़ता है उसके बाद ही वोह उस इंडियन कंपनी से अपना पूंजी इकट्ठा कर सकती है जिस इंडियन कंपनी से उन्हें पूंजी चाइए।ADR/ GDR इंडियन कंपनी जारी करती है उसके लिए पहले उन्हें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में सूचना देनी होती है इसी प्रकार से ADR/GDR/IDR काम करता है। मुझे आशा है कि आपको समझ आया हो।☺️☺️ धन्यवाद।।

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Depository Reciepts:- ये एक प्रकार से सिक्योरिटी होती है। जिन्हे भारत से बाहर एक डिपोजिटरी बैंक किसी भारतीय कंपनी की तरफ से जारी करता है । निगोशिएबल सिक्योरिटी होती है यानी को शेयर या बोंड को खरीदा या बेचा का सकता है । अमेरिका सिंगापुर लगजंबर्ग, लंदन आदि जगहों पर शेयर बाजार में इनकी खरीद बिक्री की जाती है। Americans Reciepts:- किसी विदेशी सिक्योरिटी के बदले में अमेरिका मे जारी किया जाता है इसलिए इसे अमेरिकन डिपोजिटरी रसीद कहते है। example:- इंडियन कंपनी को अधिक पूंजी की आवश्यकता है और वो विदेश से पूंजी इकट्ठा करना चाहता है वोह ADR जारी करता है उसके बाद वोह डोमेस्टिक कस्टोडियन को सूचना देता है। डोमेस्टिक कस्टोडियन वोह डिपोजिटरी बैंक को सूचना देगा ओर डिपोजिटरी बैंक निवेशक को उसके बाद निवेशक वोह ADR को खरीद सकता है उसके लिए वोह डिपोजिटरी रसीद जारी करता है। GDR:- ग्लोबल डिपोजिटरी रसीद ! Exampl e:- इंडियन कंपनी को अलग अलग देश से पूंजी इकट्ठा करना है उसके वोह GDR जारी करती है जिससे निवेशक के अमेरिकन एक्सचेंज लिए FCCB( सामान्य शेयर फॉरेन करेंसी कन्वर्टिबल बोंड ) के जरिए वोह निवेशक उस इंडियन कंपनी के शेयर खरीद सकता है। अक्सर इंडियन कंपनी युरो जुटाने के लिए यूरोपियन डिपोजिटरी रसीद जारी करती है। IDR:- इंडियन डिपोजिटरी रसीद! Example:- अब विदेशी कंपनी को इंडियन कंपनी से पूंजी चाइए उसके लिए वो IDR जारी करती है रुपया में। इसके लिए उन्हें सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया में पहले अपना पंजीकरण करना पड़ता है उसके बाद ही वोह उस इंडियन कंपनी से अपना पूंजी इकट्ठा कर सकती है जिस इंडियन कंपनी से उन्हें पूंजी चाइए।ADR/ GDR इंडियन कंपनी जारी करती है उसके लिए पहले उन्हें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में सूचना देनी होती है इसी प्रकार से ADR/GDR/IDR काम करता है। मुझे आशा है कि आपको समझ आया हो।☺️☺️ धन्यवाद।।

अमेरिकी सेक्‍स रैकेट में भारतीय एक्‍ट्रेसेज! यूएस से आई और 14 लाख के यूएस डॉलर एक्‍सचेंज कराने पहुंची, तभी हुआ शक

अमेरिकी सेक्‍स रैकेट मामले में नया खुलासा हुआ है। इसमें दक्षिण भारत की कम से कम पांच अभिनेत्रियों के शामिल होने की बात कही जा रही है। मूवी आर्टिस्‍ट्स एसोसिएशन के अध्‍यक्ष और अभिनेता शिवाजी राजा ने बताया कि एक अभिनेत्री अमेरिका से आई थी और 14 लाख रुपये मूल्‍य के अमेरिकी डॉलर को बदलवाना चाहती थी। इससे लोगों को उन पर शक हो गया था।

अमेरिकी सेक्‍स रैकेट में भारतीय एक्‍ट्रेसेज! यूएस से आई और 14 लाख के यूएस डॉलर एक्‍सचेंज कराने पहुंची, तभी हुआ शक

अमेरिका में दक्षिण भारतीय अभिनेत्रियों के सेक्‍स रैकेट में शामिल होने का मामला सामने आया है। (प्रतीकात्‍मक फोटो)

अमेरिकी सेक्‍स रैकेट कांड में दक्षिण भारतीय अभिनेत्रियों की संलिप्‍तता के मामले में नया खुलासा हुआ है। देह व्‍यापार के हाई प्रोफाइल मामले में तेलुगू फिल्‍म उद्योग की कम से कम पांच अभिनेत्रियों के शामिल होने की बात सामने आई है। अमेरिकन एक्सचेंज टॉलीवुड से जुड़े लोगों ने बताया कि उन्‍हें तकरीबन चार महीने पहले कुछ एक्‍ट्रेसेज के अमेरिकी सेक्‍स रैकेट में शामिल होने का संदेह हुआ था। इनकी मानें तो एक अभिनेत्री अमेरिका से वापस आई थी और 14 लाख रुपये मूल्‍य के अमेरिकी डॉलर एक्‍सचेंज कराना चाहती थी। तेलुगू फिल्‍म उद्योग में दो अभिनेत्रियों के नाम की चर्चा है। दोनों ने तकरीबन तीन साल पहले चार फिल्‍मों में काम किया था, लेकिन उसके बाद उन्‍हें काम नहीं मिल रहा था। हैदराबाद पुलिस भी मामले की जांच कर रही है।

अचानक से इतना पैसा कहां से आया?: वरिष्‍ठ अभिनेता और मूवी आर्टिस्‍ट्स एसोसिएशन के अध्‍यक्ष शिवाजी राजा ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उन्‍होंने कहा, ‘फिल्‍म उद्योग में जिनका एक या दो साल से भाग्‍य साथ नहीं दे रहा हो और वह अचानक से अमेरिका से लौटे और बड़ी मात्रा में अमेरिकी डॉलर को रुपये में बदलवाना चाहे तो लोग पैसे के स्रोत को लेकर बात करना शुरू कर ही देंगे। मुझे 14 लाख रुपये मूल्‍य के डॉलर को बदलवाने का वाकया याद है। ये पैसे कहां से आए? क्‍या उनका अमेरिका में रियल एस्‍टेट का व्‍यवसाय है? क्‍या उन्‍हें अमेरिकी फिल्‍मों में काम करने का मौका मिल गया…नहीं। इसमें कुछ अभिनेत्रियां शामिल हैं।’ बता दें कि अमेरिका में सेक्‍स रैकेट चलाने के मामले में अमेरिकी पुलिस ने अप्रैल में भारतीय दंपति किशन मोदुगुमुड़ी उर्फ श्रीराज चोन्‍नुपट्टी और उसकी पत्‍नी चंद्रा को गिरफ्तार किया था। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट में दक्षिण भारतीय अभिनेत्रियों को शो कराने का झांसा देकर उन्‍हें वेश्‍यावृत्ति में धकेलने की खबर सामने आई थी। दोनों फिलहाल जेल में हैं।

क्‍लाइंट से वसूलते थे 2.04 लाख रुपये: मीडिया रिपोर्ट में अभिनेत्रियों अमेरिकन एक्सचेंज द्वारा भारी-भरकम राशि वसूलने की भी बात कही गई है। शिकागो कोर्ट में दाखिल शिकायत के अनुसार, सेक्‍स रैकेट में शामिल अभिनेत्रियां क्‍लाइंट से 3,000 अमेरिकी डॉलर (2.04 लाख रुपये) वसूलती थीं। शिकायत में कहा गया है, ‘ये लोग अस्‍थाई वीजा पर अमेरिका आए थे। कम से कम पांच अभिनेत्रियों को शिकागो के बेलमांट क्रैगिन इलाके में एक मामूली से अपार्टमेंट में ठहराने के लिए बाध्‍य किया जाता था। ये एक्‍ट्रेसेज यहीं पर अगले क्‍लाइंट का इंतजार करती थीं। इसके अलावा वे क्‍लाइंट की मांग पर डलास, न्‍यूजर्सी और वॉशिंगटन भी जाती थीं।’

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Rupee Price Down: कारोबार में आज रूपया गिरा धड़ाम, अमेरिकन डॉलर की क्या हो गई कीमत ?

मुंबई। Rupee Price Down अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बृहस्पतिवार को सीमित दायरे में कारोबार के बीच रुपया सात पैसे टूटकर 79.93 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर आ गया। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 79.80 पर खुला। दिन में कारोबार के दौरान यह 79.80 से 79.93 प्रति डॉलर के बीच रहा। अंत में यह सात पैसे की गिरावट के साथ 79.93 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 79.86 प्रति डॉलर रहा था।

जानें क्या कहते है एक्सपर्ट

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा,‘‘भारतीय रुपया सीमित दायरे में रहा और अन्य एशियाई मुद्राओं की तुलना में इसका प्रदर्शन कमजोर रहा। अर्थव्यवस्था को समर्थन के लिए चीन द्वारा प्रोत्साहन दिए जाने से क्षेत्रीय मुद्राओं को समर्थन मिला, जबकि कच्चे तेल के दाम में तेजी से स्थानीय मुद्रा दबाव में रही।’’ इस बीच, छह मुद्राओं की तुलना में अमेरिकी मुद्रा की मजबूती का आकलन करने वाला डॉलर सूचकांक 0.50 प्रतिशत के नुकसान से 108.13 पर आ गया।

कच्चा तेल कितना बढ़ा

ब्रेंट कच्चा तेल वायदा 0.39 प्रतिशत बढ़कर 101.61 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। घरेलू मोर्चे पर बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 310.71 अंक या 0.53 प्रतिशत के नुकसान से 58,774.72 अंक पर आ गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 82.50 अंक या 0.47 प्रतिशत टूटकर 17,522.45 अंक पर बंद हुआ।

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