हर क्रिप्टो एक अलग एसेट

कोई नहीं जानता है, Bitcoin का ये काला सच, आप जानकर हो जाएंगे हैरान! सोच समझ कर ही करें निवेश!
नमस्कार दोस्तों, आज हम आपको Bitcoin एक ऐसे काले सच को बताने वाले हैं, जिसके बारे में आपने आज से पहले कभी नहीं सुना होगा, भले ही पिछले कुछ समय से Bitcoin मैं गिरावट देखी गई हो, पर लॉन्ग-टर्म में निवेशकों ने बिटकॉइन से बेहतरीन पैसा कमाया है
और Bitcoin जैसा शानदार रिटर्न शायद ही किसी एसेट ने आज तक दिया होगा, यह जरूरी नहीं है कि बिटकॉइन में पैसा खरीदने और बेचने से ही बने, बिटकॉइन की माइनिंग से भी मोटा पैसा बनाया जाता है, बिटकॉइन के अलावा अन्य सभी क्रिप्टो-कॉइन की माइनिंग होती है, पर एक रिर्पोट से यह खुलासा हुआ की बिटकॉइन की माइनिंग में होने वाली कमाई का लगभग 75% हिस्सा माइनर्स का बिजली बिल भरने में चला जाता है
क्यों खर्च होती है Coin माइनिंग में इतनी बिजली?: जैसा की हमने बताया की बिटकॉइन की माइनिंग में होने वाली कमाई का लगभग 75% हिस्सा माइनर्स का बिजली बिल भरने में चला जाता है, यानी इस काम में बड़ी मात्रा में बिजली का खपत होता है, क्योंकि माइनिंग का काम किसी आम सिस्टम से संभव नहीं है, इसके लिए कई सिस्टम और सर्वर को एक साथ इस्तेमाल किया जाता है
एक रिपोर्ट के अनुसार Bitcoin की 1 ट्रांजेक्शन पर 2,293 KWH बिजली खर्च होती है, और भारत में औसत घरेलू बिजली दर ₹5.75 है, इस हिसाब से 1 Bitcoin के ट्रांजेक्शन पर लगभग ₹13,186 की बिजली खर्च होती है, इतनी बिजली की मदद से 24 लाख से ज्यादा Visa ट्रांजेक्शन किए जा सकते हैं
बिटकॉइन माइनिंग के लिए कई तरह के कंप्यूटर लगाए जाते हैं, जो कि ब्लॉकचेन तकनीक पर काम करता है, और यह ब्लॉकचेन एक डिजिटल बहीखाता है, इसी भाई खाते के हर ब्लॉक पर ट्रांजैक्शन का डाटा स्टोर होता है, इसका कहीं भी कोई सेंट्रलाइज्ड डाटा सेंटर नहीं होता है
इसका डाटा दुनिया भर के ट्रांजैक्शन किए जाने वाले कंप्यूटरों पर ऑनलाइन स्टोर रहता है, और बिटकॉइन माइनिंग में एक पजल सॉल्विंग का हर क्रिप्टो एक अलग एसेट उपयोग होता है, हर ब्लॉक अगले ब्लॉक से एक अलग तरह के कोड से जुड़ा होता है, इसके लिए बहुत बड़े कंप्यूटरों से भरे गोदाम होते हैं, जो जो बड़ी मात्रा में बिजली का उपयोग करते हैं, और यह कंप्यूटर्स गर्म ना हो इसके लिए यह ठंडा रखने के हर क्रिप्टो एक अलग एसेट लिए भी बिजली का इस्तेमाल किया जाता है
इससे पैदा होने वाले गंभीर हर क्रिप्टो एक अलग एसेट संकट: पिछले साल की रिपोर्ट में बताया गया कि Facebook से 8 गुना ज्यादा बिजली Bitcoin इस्तमाल कर रहा है, और दिनोंदिन यह बिजली खपत बढ़ती जा रही है, पिछले साल ईरान में पैदा हुए गंभीर बिजली संकट का कारण Bitcoin माइनिंग को ही माना गया था, इसके साथ ही साथ बिटकॉइन का सालाना कार्बन फुटप्रिंट भी बहुत ही ज्यादा है
बिटकॉइन हर साल लगभग 97 मेट्रिक टन कार्बन फुटप्रिंट पैदा कर रहा है, जो कि कुवैत के सालाना कार्बन फुटप्रिंट के बराबर है, और इलेक्ट्रॉनिक कचरा फैलाने में भी बिटकॉइन पीछे नहीं है, Bitcoin सालाना 26 किलो हर क्रिप्टो एक अलग एसेट टर्न इलेक्ट्रॉनिक कचरा पैदा कर रहा है
इसका मतलब है कि बिटकॉइन आने वाले समय में पर्यावरण के लिए भी बहुत बड़ा खतरा बन सकता है, और जिससे आने वाले समय में Bitcoin के अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा सकता है, इसलिए आपको इसमें सोच समझकर ही निवेश करना चाहिए
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Disclaimer: यह लेख कुछ हर क्रिप्टो एक अलग एसेट आंकड़ों व अनुमानों के आधार पर लिखा गया है क्रिप्टो मार्केट (Cryptocurrency Market), हर क्रिप्टो एक अलग एसेट म्यूच्यूअल फण्ड (Mutual Funds),स्टॉक मार्किट (Stock Market) में अपनी रिस्क पर ही इन्वेस्ट करे तथा हम SEBI द्वारा रजिस्टर्ड फाइनेंसियल एडवाइजर नहीं है इसलिए यदि आपको किसी भी प्रकार का लॉस होता है तो इसके लिए हम जिम्मेदार नहीं है
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