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बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी काम कैसे करती है

बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी काम कैसे करती है
Cryptocurrency Mining: क्या होती है बिटकॉइन माइनिंग और कैसे करती है काम, क्रिप्टोकरंसी में पैसे लगाने से पहले इसे जरूर समझ लें

Crypto Trading : कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए

Crypto Trading : क्रिप्टोकरेंसी ट्रेड ब्लॉकचेन तकनीक पर काम करती है और निवेश को सुरक्षित रखने के लिए एन्क्रिप्शन कोड का इस्तेमाल करती है. आप अपने क्रिप्टो टोकन या तो सीधे बायर को बेच सकते हैं या फिर ज्यादा सुरक्षित रहते हुए एक्सचेंज पर ट्रेडिंग कर सकते हैं.

Crypto Trading : कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए

Cryptocurrency Trading : क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर है बहुत से भ्रम. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एन्क्रिप्शन के जरिए सुरक्षित रहने वाली एक डिजिटल करेंसी है. माइनिंग के जरिए नई करेंसी या टोकन जेनरेट किए जाते हैं. माइनिंग का मतलब उत्कृष्ट कंप्यूटरों पर जटिल गणितीय समीकरणों को हल करने से है. इस प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं और इसी तरह नए क्रिप्टो कॉइन जेनरेट होते हैं. लेकिन जो निवेशक होते हैं, वो पहले से मौजूद कॉइन्स में ही ट्रेडिंग कर सकते हैं. क्रिप्टो मार्केट में उतार-चढ़ाव का कोई हिसाब नहीं रहता है. मार्केट अचानक उठता है, अचानक गिरता है, इससे बहुत से लोग लखपति बन चुके हैं, लेकिन बहुतों ने अपना पैसा भी उतनी ही तेजी से डुबोया है.

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अगर आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग को लेकर कुछ कंफ्यूजन है कि आखिर यह कैसे काम करता है, तो आप अकेले नहीं हैं. बहुत से लोग यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि वर्चुअल करेंसी में कैसे निवेश करें. हम इस एक्सप्लेनर में यही एक्सप्लेन करने की कोशिश कर रहे हैं कि आप क्रिप्टोकरेंसी में कैसे निवेश कर सकते हैं, और क्या आपको निवेश करना चाहिए.

क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

क्रिप्टोकरेंसी क्या है, ये समझने के लिए समझिए कि यह क्या नहीं है. यह हमारा ट्रेडिशनल, सरकारी करेंसी नहीं है, लेकिन इसे लेकर स्वीकार्यता बढ़ रही है. ट्रेडिशनल करेंसी एक सेंट्रलाइज्ड डिस्टिब्यूशन यानी एक बिंदु से वितरित होने वाले सिस्टम पर काम करती है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नॉलजी, ब्लॉकचेन, के जरिए मेंटेन किया जाता है. इससे इस सिस्टम में काफी पारदर्शिता रहती है, लेकिन एन्क्रिप्शन के चलते एनॉनिमिटी रहती है यानी कि कुछ चीजें गुप्त रहती हैं. क्रिप्टो के समर्थकों का कहना है कि यह वर्चुअल करेंसी निवेशकों को यह ताकत देती है कि आपस में डील करें, न कि ट्रेडिशनल करेंसी की तरह नियमन संस्थाओं के तहत.

क्रिप्टो एक्सचेंज का एक वर्चुअल माध्यम है. इसे प्रॉडक्ट या सर्विस खरीदने के लिए इस्तेमाल में लिया जा सकता है. जो क्रिप्टो ट्रांजैक्शन होते हैं. उन्हें पब्लिक लेज़र यानी बहीखाते में रखा जाता है और क्रिप्टोग्राफी से सिक्योर किया जाता है.

क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग कैसे होती है?

इसके लिए आपको पहले ये जानना होगा कि यह बनता कैसे है. क्रिप्टो जेनरेट करने की प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं. और ये काम बहुत ही उत्कृष्ट कंप्यूटर्स में जटिल क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन्स यानी समीकरणों को हल करके किया जाता है. इसके बदले में यूजर को रिवॉर्ड के रूप में कॉइन मिलती है. इसके बाद इसे उस कॉइन के एक्सचेंज पर बेचा जाता है.

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कौन कर सकता है ट्रेडिंग?

ऐसे लोग जो कंप्यूटर बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी काम कैसे करती है या टेक सैवी नहीं हैं, वो कैसे क्रिप्टो निवेश की दुनिया में प्रवेश कर सकते हैं? ऐसा जरूरी नहीं है कि हर निवेशक क्रिप्टो माइनिंग करता है. अधिकतर निवेशक बाजार में पहले से मौजूद कॉइन्स या टोकन्स में ट्रेडिंग करते हैं. क्रिप्टो इन्वेस्टर बनने के लिए माइनर बनना जरूरी नहीं है. आप असली पैसों से एक्सचेंज पर मौजूद हजारों कॉइन्स और टोकन्स में से कोई भी खरीद सकते हैं. भारत में ऐसे बहुत सारे एक्सचेंज हैं तो कम फीस या कमीशन में ये सुविधा देते हैं. लेकिन यह जानना जरूरी है कि क्रिप्टो में निवेश जोखिम भरा है और मार्केट कभी-कभी जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखता है. इसलिए फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स निवेशकों से एक ही बार में बाजार में पूरी तरह घुसने की बजाय रिस्क को झेलने की क्षमता रखने की सलाह देते हैं.

यह समझना भी जरूरी है कि सिक्योर इन्वेस्टमेंट, सेफ इन्वेस्टमेंट नहीं होता है. यानी कि आपका निवेश ब्लॉकचेन में तो सुरक्षित रहेगा लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव का असर इसपर होगा ही होगा, इसलिए निवेशकों को पैसा लगाने से पहले जरूरी रिसर्च करना चाहिए.

क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल क्या है?

यह डिजिटल कॉइन उसी तरह का निवेश है, जैसे हम सोने में निवेश करके इसे स्टोर करके रखते हैं. लेकिन अब कुछ कंपनियां भी अपने प्रॉडक्ट्स और सर्विसेज़ के लिए क्रिप्टो में पेमेंट को समर्थन दे रही हैं. वहीं, कुछ देश तो इसे कानूनी वैधता देने पर विचार कर रहे हैं.

Cryptocurrency Mining: क्या होती है बिटकॉइन माइनिंग और कैसे करती है काम, क्रिप्टोकरंसी में पैसे लगाने से पहले इसे जरूर समझ लें

Cryptocurrency Mining: जब भी क्रिप्टोकरंसी की बात आती है तो कई मुश्किल से टर्म सुनने को मिलते हैं, जैसे ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी काम कैसे करती है Blockchain Technology), क्रिप्टोकरंसी माइनिंग (Bitcoin Mining)। अक्सर लोग इन्हें जाने बगैर ही क्रिप्टोकरंसी में निवेश (Investment in Cryptocurrency) करने लग जाते हैं, लेकिन आप जहां पैसे लगा रहे हैं, आपको ये पता होना जरूरी है कि वहां काम कैसे होता है। इनके बारे में जानकर आप ये समझ पाएंगे कि आखिर क्रिप्टो में पैसे लगाना सुरक्षित है भी या नहीं।

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Cryptocurrency Mining: क्या होती है बिटकॉइन माइनिंग और कैसे करती है काम, क्रिप्टोकरंसी में पैसे लगाने से पहले इसे जरूर समझ लें

क्या होती है बिटकॉइन माइनिंग?

माइनिंग का नाम सुनते ही सबसे पहले सोने, हीरे या कोयले की खुदाई का ख्याल मन में आता है। क्रिप्टो माइनिंग या बिटकॉइन माइनिंग का मतलब पजल्स को सॉल्व करके नई बिटकॉइन बनाना है। चलिए थोड़ा आसान भाषा में समझते हैं। जिस तरह हम किसी को पैसे भेजने को लिए कोई ट्रांजेक्शन करते हैं तो वह पहले बैंक के पास जाती है और फिर बैंक उसे वैलिडेट कर के आगे भेजता है। क्रिप्टोकरंसी के मामले में कॉइन भेजने वाले उसे रिसीव करने वाले के बीच में बैंक जैसा कुछ नहीं होता है, बल्कि सिर्फ कंप्यूटर्स होते हैं। इन कंप्यूटर्स को कुछ लोग चलाते हैं, जिसके जरिए हर ट्रांजेक्शन वैलिडेट होती है। उनकी इस मेहनत के बदले उन्हें बिटकॉइन मिलते हैं। इसे ही बिटकॉइन माइनिंग कहते हैं। अन्य क्रिप्टोकरंसी में भी इसी तरह माइनिंग होती है।

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को भी आसान भाषा में समझें

जब कोई शख्स किसी दूसरे शख्स को क्रिप्टोकरंसी भेजता है, तो वह ट्रांजेक्शन कंप्यूटर्स के पास जाती है। इनके जरिए क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन को वेलिडेट किया जाता है और इन्हें डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर में शामिल किया जाता है। यह सारी ट्रांजेक्शन एक ब्लॉक में दर्ज होती हैं और इस ब्लॉक की साइज करीब 1 एमबी की होती है। जब एक ब्लॉक भर जाता है तो उसे ब्लॉक कर के नया ब्लॉक बनाया जाता है और नए ब्लॉक को पहले वाले ब्लॉक से जोड़ा जाता है। यह सारे ब्लॉक एक दूसरे से जुड़े रहते हैं, जिससे एक चेन सी बन जाती है। इसी वजह से इसे ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी कहा जाता है।

माइनर्स निभाते हैं अहम भूमिका

डिजिटल करेंसी की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को आसानी से मैनिपुलेट किया जा सकता है। यही वजह है कि बिटकॉइन के डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर में केवल मान्यता प्राप्त माइनर्स को ही डिजिटल लेजर में ट्रांजैक्शंस अपडेट करने की अनुमति है। इस तरह यह सुनिश्चित करना माइनर्स का काम है कि नेटवर्क पर डबल स्पेंडिंग न हो। इसी वजह से ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है, जिसमें पूरी चेन में जुड़े हर कंप्यूटर पर जानकारी मौजूद होती है, जिससे यह तकनीक बेहद सुरक्षित बन जाती है।

यूं होती है माइनिंग से कमाई

नेटवर्क को सुरक्षित रखने के लिए माइनर्स को इनाम के तौर पर नए कॉइन दिए जाते हैं। चूंकि डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर्स में कोई केंद्रीय अथॉरिटी नहीं है, इसलिए ट्रांजैक्शंस को वैलिडेट करने के लिए माइनिंग प्रोसेस बहुत अहम है। केवल मान्यता प्राप्त माइनर्स को ही डिजिटल लेजर में ट्रांजैक्शंस अपडेट करने की इजाजत है। इसके लिए प्रूफ-ऑफ-वर्क (PoW) consensus protocol बनाया गया है। PoW नेटवर्क को बाहरी हमलों से भी बचाता है।

एडवांस मशीनों की होती है जरूरत

क्रिप्टो माइनिंग एक तरह से बहुमूल्य धातुओं की माइनिंग की तरह है। जिस तरह सोना, चांदी या हीरे को निकाला जाता है, उसी तरह क्रिप्टो माइनर्स सर्कुलेशन में नए कॉइन रिलीज करते हैं। इसके लिए ऐसी मशीनों को काम पर लगाया जाता है जो गणित के जटिल समीकरणों को सुलझाते हैं। इन समीकरणों की जटिलता लगातार बढ़ती ही जा रही है। समय के साथ-साथ माइनर्स ने PoW को सुलझाने के लिए ज्यादा एडवांस्ड मशीनों को लगाया है। माइनर्स के बीच प्रतिस्पर्द्धा बढ़ने से क्रिप्टोकरेंसी की कमी भी बढ़ी है।

कौन कर सकता है माइनिंग?

क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग के लिए ऐसे कम्प्यूटर चाहिए, जिनमें जटिल क्रिप्टोग्राफिक मैथमेटिक इक्वेशंस को सॉल्व करने के लिए स्पेशल सॉफ्टवेयर हो। बिटकॉइन के शुरुआती दिनों में इसे होम कम्प्यूटर से एक सिंपल सीपीयू चिप से माइन किया जा सकता था, लेकिन अब ऐसा नहीं रह गया है। आज इसके लिए स्पेशलाइज्ड सॉफ्टवेयर की जरूरत होती है। इसे चौबीसों घंटे भरोसेमंद इंटरनेट कनेक्शन के साथ जोड़े रखना पड़ता है। हर क्रिप्टो माइनर के लिए ऑनलाइन माइनिंग पूल का मेंबर होना जरूरी है।

Explainer: क्रिप्टोकरेंसी में निवेश क्या घाटे का सौदा है, जानें एक्सपर्ट की राय?

क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency in India) में ज्यादा रिस्क के बावजूद तेजी से मुनाफा और रिटर्न का मिलता है. इसकी वजह भारत में लोग ऐसी करेंसी में अपना पैसा लगा रहे हैं.

क्रिप्टोकरेंसी में होता है खूब उतार-चढ़ाव (फाइल फोटो: Getty Images)

सरबजीत कौर

  • नई दिल्ली ,
  • 07 अक्टूबर 2021,
  • (अपडेटेड 07 अक्टूबर 2021, 4:54 PM IST)
  • क्रिप्टोकरेंसी भारत में भी लोकप्रिय
  • निवेश के लिए कई प्लेटफॉर्म मौजूद

भारत में पिछले कुछ साल में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर निवेशकों में काफी ज्यादा उत्साह देखने को मिल रहा है. इसका मुख्य कारण यह है कि अन्य करेंसी के मुकाबले क्रिप्टोकरेंसी में रिस्क के बावजूद निवेश से तेजी से मुनाफा और रिटर्न मिलता है. Bitcoin, Ethereum, Tether, Cardano, Ripple, Polka Dot जैसी कई करेंसी हैं, जहां भारत के लोग अपना पैसा लगा रहे हैं.

आइए जानते हैं कि क्या है क्रिप्टो करेंसी और इसमें निवेश से पहले किन बातों का ध्यान देना जरूरी है? साथ ही यह भी कि एक निवेशक को कितना रिस्क और रिटर्न क्रिप्टों में निवेश से मिल सकता है?

क्या है क्रिप्टोकरेंसी?

पूरे दुनिया के लोगों या फिर यूं कहें की किसी संस्था को असल में अपनी बेसिक जरूरतों को सही तरीके से पूरा करने के लिए और किसी से भी आपसी लेनदेन करने के लिए करेंसी की जरूरत होती है, जिसे हम मुद्रा भी कहते हैं. हर देश की मुद्रा को हम अलग-अलग नाम से जानते हैं. जैसे कि भारत में रुपया, अमेरिका में डॉलर, सऊदी अरब में रियाल, यूरोपीय देशों में यूरो आदि.

लेकिन क्रिप्टोकरेंसी इन मुद्राओं से अलग होती है. क्रिप्टो वो मुद्रा है जिसे आप देख या छू नहीं सकते जो छुपा हुआ होता है. ये एक प्रकार का डिजिटल रुपया है जिसे आप छू नहीं सकते लेकिन रख सकते हैं, वो भी ऑनलाइन. भौतिक रूप से क्रिप्टोकरेंसी का मुद्रण नहीं किया जाता है. पिछले कुछ सालों में क्रिप्टोकरेंसी लोगों के बीच काफी चर्चा में है. क्रिप्टोकरेंसी कंप्यूटर एल्गोरिद्म पर बनी हुई है. इसका कोई रेगुलेटर नहीं और कोई क्रिप्टोकरेंसी को कंट्रोल नहीं करता.

यानी बाकी किसी मुद्रा की तरह कोई सरकार इसे संचालित नहीं करती. इसके प्रयोग के लिए क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल किया जाता है. साल 2009 में शुरू होने के बाद क्रिप्टो की कीमत अब आसमान को पार कर रही है. यही कारण है कि निवेशकों को क्रिप्टो में काफी रुचि होने लगी है. अब 1000 से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार हो रहा है.

क्रिप्टोकरेंसी को आप कैसे खरीद या बेच सकते हैं?

आज की तारीख में क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता को देखते हुए पूरी दुनिया में बहुत सारे क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म हैं. क्रिप्टोकरेंसी की खास बात यह है कि इसमें चौबीसोंं घंटे कारोबार होता है. शेयर बाजार की तरह यह हर दिन एक तय समय पर बंद नहीं होता. इसमें निवेश से आप हफ्ते में या दिन में किसी भी समय रकम निकाल, डाल सकते हैं और खरीद-बिक्री कर सकते हैं. भारत में कॉइनस्विच कुबेर, कॉइन्डिसिएक्स, वज़ीरएक्स, ज़ेबपे जैसे प्लैटफॉर्म के नाम से शामिल है जिनके जरिए आप क्रिप्टो में खरीद-बिक्री कर सकते हैं.

इसकी खरीद-बिक्री के लिए प्रक्रिया काफी आसान है. आपको किसी भी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की तरह साइन-अप करना होगा. उसके बाद केवाईसी अपडेट कर आपको अपने वॉलेट से उसमें मनी ट्रांसफर करना होगा. साथ ही, क्रिप्टो खरीदारी करने से पहले आप जैसे शेयर्स में स्टॉपलॉस या टार्गेट तय करते हैं उसी प्रकार क्रिप्टो में प्रि-डिसाइड लिमिट तय कर सकते हैं.

आप किसी भी छोटे अमाउंट से खरीद-बिक्री शुरू कर सकते हैं. लेकिन, दिक्कत यह है कि कई बैंक ऐसे एक्सचेंज के साथ काम करने के लिए तैयार नहींं हैं, यही कारण है कि, खरीद-बिक्री में दिक्कत होती है. क्रिप्टो में बैंकों द्वारा पी2पी यानी पर्सन टू पर्सन ट्रांजेक्शन और लेनदेन की प्रक्रिया होती है. क्रिप्टो ट्रांजेक्शन के लिए अभी यूपीआई सपोर्ट नहीं करता, इसलिए पी2पी के जरिए ही लेन-देन किया जा सकता है. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से आप कुछ खरीद नहीं सकते है. ये सोने और चांदी की तरह आपको वैल्यू क्रिएट और बढ़ाने का एक माध्यम है.

क्रिप्टो में निवेश से पहले किन बातों का रखें ध्यान

क्रिप्टो में निवेश से पहले हमेशा यह ध्यान रहे कि किसी तरह के लालच में आकर ज्यादा पैसे एक साथ न लगाएं. क्रिप्टो एक वोलाटाइल यानी उतार-चढ़ाव वाला एसेट क्लास है. ऐसे में क्रिप्टो में कभी भी बिना किसी चेतावनी के गिरावट देखने को मिल सकती है और भारी नुकसान हो सकता है, क्योंकि, अभी तक क्रिप्टो को लेकर कोई रेगुलेटर नहीं बना, ऐसे में पैसा डूबने का खतरा हो सकता है.

हमेशा किसी ऑथेन्टिक या किसी नामी प्लेटफॉर्म के जरिए ही क्रिप्टो में पैसा लगाएं. सही चुनाव करना बहुत जरूरी है. साथ ही, किसी अच्छे जानकार की मदद लें ताकि आपको ये पता रहे कि आप किस क्रिप्टो में पैसा लगा रहे हैं. फिलहाल सबसे ज्यादा लोग बिटकॉइन खरीद रहे है. लेकिन इसके अलावा बाजार में Ethereum, Cardano, Dogecoin, Ripple और Litecoin जैसे क्रिप्टोकरेंसी में भी आप पैसा लगा सकते हैं.

सबसे अहम बात है कि, बिना सोचे-समझे कभी भी निवेश न करें. आज की तारीख में हर कोई कम समय में ज्यादा कमाने के लिए क्रिप्टो में पैसा लगा रहा है. लेकिन जब तक आपको क्रिप्टो की पूरी जानकारी न हो आप इसमें पैसा न लगाएं. अपनी प्लानिंग हमेशा फैक्ट्स से जोड़ें और तभी निवेश करें.

कॉइनडीसीएक्स (CoinDCX) के एक्जीक्यूटिव वीपी (ग्रोथ एंड स्ट्रैटेजी) मृणाल ठकराल का मानना है कि-‘क्रिप्टो प्रारंभिक अवस्था में है लेकिन एक उभरता हुआ संपत्ति वर्ग बन गया है. यह देखते हुए कि इस क्षेत्र में कीमतों में उतार-चढ़ाव है, पहली बार निवेश करने वाले निवेशकों को किसी परियोजना में निवेश करने से पहले सावधान रहने की जरूरत है. एक निवेशक को अपना उचित शोध करना चाहिए और परियोजना के विभिन्न पहलुओं को समझना चाहिए. किसी परियोजना के टोकन, टोकनोमिक्स की उपयोगिता जैसे कारकों को समझना और यह समझना कि परियोजना का उद्देश्य किसी विशेष समस्या को कैसे हल करना है, महत्वपूर्ण है. एक निवेशक अपने धन के एक छोटे से हिस्से से शुरुआत कर सकता है और लंबी अवधि की मानसिकता के साथ निवेश कर सकता है.

मुद्रेक्स (Mudrex) के सीईओ एवं को-फाउंडर एडुल पटेल का कहना है कि- ‘किसी भी तरह के एसेट क्लास में निवेश से पहले डाइवर्सिफिकेशन का ध्यान देना जरूरी होता है. हर व्यक्ति के लिए ये जरूरी है कि एक साथ पूरा पैसा कभी भी क्रिप्टो में न लगाएं. कई रिटेल निवेशक आज की तारीख में ये सोचते हैं कि वो क्रिप्टो में पैसा लगाकर बहुत जल्द अमीर बन जाएंगे, तो ऐसा नहीं है. ऐसे निवेशकों को अक्सर भारी नुकसान उठाना पड़ता है. साथ ही, 4-7 फीसदी ही पैसा क्रिप्टो में लगाएं उससे ज्यादा नहीं. अगर किसी व्यक्ति के पास 1000 रुपये हैं तो वो सिर्फ 40 से 70 रुपये ही क्रिप्टो में निवेश करें. रिटर्न की बात करें तो क्रिप्टो में अगर समझदारी से निवेश किया जाए तो एक व्यक्ति हर महीने 4-5 फीसदी तक का रिटर्न प्राप्त कर सकता है. साथ ही, सालाना 60 फीसदी तक का भी रिटर्न मिलने की संभावना होती है.’

बैंक बाजार (bankbazaar) के सीईओ आदिल शेट्टी के मुताबिक- ‘किसी भी प्रकार के निवेश से पहले अच्छी तरह से रिसर्च जरूर करें. अगर आप डिजिटल करेंसी में नए हैं तो सबसे पहले ये जानें कि क्रिप्टो करेंसी में डिजिटल की दुनिया में काम कैसे होता है. साथ ही जो ज्यादा नामचीन, अच्छीी करेंसी हैं उसके बारे जानने की कोशिश करें. ऑनलाइन क्रिप्टो कम्युनिटी के लोगों से जुड़ें ताकि आपको सभी क्रिप्टो से जुड़ी खबरों के बारे पता लगता रहे. हमेशा ध्यान दें कि क्रिप्टो करेंसी बहुत वोलाटाइल होता है इसलिए कई बार आपका पैसा एक साथ डूब भी सकता है. कई दिग्गज लोग हैं जिन्होंने एक साथ अपना पैसा बनाया है. ऐसे में हमेशा ध्यान से और सोच समझकर पैसा लगाएं.’

रहना होगा सचेत

हालांकि, यह ध्यान रखने की बात है कि बहुत से लोग इस कारोबार के जरिए अपने काले धन को व्हाइट मनी के रूप में बदलते हैं. क्योंकि क्रिप्टो को कोई रेगुलेटर नहीं कंट्रोल करता, इसलिए लोगों के लिए खरीद-बिक्री में बड़ी आसानी होती है.

क्रिप्टो में निवेश घाटे का सौदा नहीं है लेकिन, बिना रिसर्च और जानकारी के करने पर भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. इन सबसे हट के देखा जाए तो हमेशा ट्रांजैक्शन करने के लिए क्रिप्टो के पूरे ब्लॉकचेन को समझना पड़ता है. पैसा कमाना कोई बुरी बात नहीं, लेकिन बिना सही जांच, रिसर्च और सलाह से कभी भी किसी भी एसेट क्लास में निवेश नहीं करना चाहिए, चाहे क्रिप्टो करेंसी ही क्यो न हो.

क्रिप्टोकरेंसी क्या है, कैसे करता है काम, मोदी सरकार क्यों ला रही बिल? जानें सबकुछ

Bitcoin (virtual currency) coins

नई दिल्ली: क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) नाम सुना हुआ लग रहा होगा. क्योंकि ये इन दिनों सुर्खियों में है. वजह है कांग्रेस (Congress) का आरोप की देश का सबसे बड़ा घोटाला और मोदी सरकार (Modi government) क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित विधेयक बिल लाने की चर्चा. इन सबके बीच आपके मन में कई सवाल उठ रहे होंगे. आखिर क्रिप्टोकरेंसी क्या है? (What is Cryptocurrency?) कैसे काम करता है?(How it Works) मोदी सरकार क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित विधेयक क्यों लाने जा रही है? भारत में इसको इस्तेमाल करने वाले कितनी बड़ी हस्तियां है? कांग्रेस क्यों लगा रही देश का सबसे बड़ा घोटाला का आरोप और किन देशों में इसे मान्यता मिली हुई है. हम इस लेख में इन सारे मुद्दों पर विस्तार से बात करेंगे.

खबर में खास
  • क्रिप्टोकरेंसी क्या है?
  • कैसे काम करता है?
  • कौन बड़ी हस्तियां इस्तेमाल करती है?
  • मोदी सरकार क्यों ला रही बिल?
  • कांग्रेस का आरोप क्या है?
  • किन देशों में मान्य है?
  • इन देशों ने लगाया बैन?
  • आयकर कानून में बदलाव पर विचार
  • RBI के पूर्व गवर्नर ने क्रिप्टोकरेंसी को सनक बताया
क्रिप्टोकरेंसी क्या है? (What is Crypto Currency)

बिटकॉइन दुनिया की एक प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी (एक तरह की डिजिटल मुद्रा) है. बिटकॉइन (Bitcoin) कोई असली सिक्कों या नोट जैसी नहीं होती बस आपके कंप्यूटर पर कुछ codes के रूप में स्टोर होती है. जिसका ट्रांसफर कर लोग इसे इस्तेमाल करतें है. दरअसल, क्रिप्टोकरेंसी डिसेंट्रलाइज्ड व्यवस्था है और इस पर किसी का कोई कंट्रोल नहीं है. कोई भी सरकार या कंपनी इसे कंट्रोल नहीं कर सकती. इसी वजह से इसमें अस्थिरता भी है. यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम पर काम करती है, जिसे न तो कोई हैक कर सकता है और न ही छेड़छाड़. इसे आसान भाषा में ऐसे समझिए कि हर देश की अपनी मुद्रा (Currency) है. जैसे कि भारत के पास रुपया, अमेरिका के पास डॉलर, सउदी अरब के पास रियाल, इंग्लैंड के पास यूरो है. हर देश की अपनी-अपनी करेंसी हैं यानी एक ऐसी धन-प्रणाली जो किसी देश द्वारा मान्य हो और वहां के लोग इसके इस्तेमाल से जरूरी चीजें खरीद सकते हों. मतलब किसी देश की करेंसी हो जिसकी वैल्यू होती है.

कैसे काम करता है? (how it work Crypto Currency)

क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन सॉफ़्टवेयर के ज़रिए इस्तेमाल किया जाता है. क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) डिजिटल मुद्रा इनक्रिप्टेड यानी कोडेड होती हैं. क्रिप्टोकरेंसी एक डिसेंट्रेलाइज्ड सिस्टम के तहत मैनेज होता है. हर एक प्रत्येक लेन-देन का डिजिटल सिग्नेचर द्वारा वेरिफिकेशन किया जाता है. क्रिप्टोग्राफी की सहायता से क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) रिकॉर्ड स्टोर किया जाता है. आसान भाषा में समझें तो क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारिक एक वर्चुअल करेंसी है जो क्रिप्टोग्राफी द्वारा सुरक्षित है. यह सारा काम पावरफुल कंप्यूटर्स के जरिए होता है. क्रिप्टोकरेंसी में जब भी कोई ट्रैंजेक्शन होता है तो इसकी जानकारी ब्लॉकचेन में दर्ज की जाती है, यानी उसे एक ब्लॉक में रखा जाता है. इस ब्लॉक की सिक्योरिटी और इंक्रिप्शन का काम माइनर्स का होता है. जिसके लिए वह एक क्रिप्टोग्राफिक (Cryptographic) पहेली को हल कर ब्लॉक के लिए सही Hash (एक कोड) सर्च करते हैं.

कौन बड़ी हस्तियां इस्तेमाल करती है?

क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) का इस्तेमाल भारत (India) में कई करोड़ों लोग करते हैं. क्रिप्टो करेंसी को लेकर देश में क्रेज तेजी से बढ़ रहा है. इन सबके बीच रणबीर सिंह कॉइन स्विच के लिए प्रचार कर करते हैं तो अमिताभ बच्चन कॉइन DCX के ब्रांड एंबेसडर हैं. वहीं, सलमान खान भी इस डिजिटल दुनिया के करेंसी से दूर नहीं रह पाए और उन्होंने गारी नामक क्रिप्टो टोकन लांच किया था. माना जाता है कि भारत में करीब 10 करोड़ लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) में निवेश किया है.

मोदी सरकार क्यों ला रही बिल?

संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) से संबंधित विधेयक पेश कर सकती है जिसमें निजी क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) को प्रतिबंधित करने और आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को विनियमित करने के लिये ढांचा तैयार करने की बात कही गई है. संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान निचले सदन में पेश किये जाने वाले विधेयकों की सूची में क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 सूचीबद्ध है. इस विधेयक में भारतीय रिजर्ब बैंक द्वारा जारी आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के सृजन के लिये एक सहायक ढांचा सृजित करने की बात कही गई है. इस प्रस्तावित विधेयक में भारत में सभी तरह की निजी क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) को प्रतिबंधित करने की बात कही गई है. हालांकि, इसमें कुछ अपवाद भी है, ताकि क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) से संबंधित प्रौद्योगिकी और इसके उपयोग को प्रोत्साहित किया जाए. भारत में अभी क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल के संबंध में न तो कोई प्रतिबंध है और न ही कोई नियमन की व्यवस्था है.

कांग्रेस का आरोप

कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया है कि अधिकारियों द्वारा कर्नाटक के एक हैकर श्रीकृष्ण उर्फ ​​श्रीकी से नौ करोड़ रुपये के बिटकॉइन (Bitcoin) जब्त किए जाने के बाद प्रभावशाली नेताओं की इस घोटाले में संलिप्तता बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी काम कैसे करती है सामने आई है. हैकर पर सरकारी पोर्टलों को हैक करने समेत कई अन्य आरोप भी हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि देश का सबसे बड़ा बिटकॉइन घोटाला हुआ है और राज्य की बीजेपी सरकार इस पर पर्दा डाल रही है. उस वक्त कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने ट्वीट किया था और कहा था- बिटकॉइन घोटाला बड़ा है, लेकिन बिटकॉइन घोटाले पर पर्दा डालना इससे भी बड़ा है. क्योंकि इससे किसी के अहंकार पर पर्दा डालना है. हिंदुस्तान का सबसे बड़ा बिटकॉइन घोटाला है. इसके तार 14-15 मुल्कों से जुड़े हैं. इस मामले में हर चीज पर पर्दा डालने के षड्यंत्रकारी प्रयास किए गए.

किन देशों में मान्य है?

अमेरिका में भी बिटकॉइन (Bitcoin) चलता है. अमेरिका की तरह ही कनाडा में बी बिटकॉइन (Bitcoin) का खूब इस्तेमाल किया जाता है. ऑस्ट्रेलिया में बिटकॉइन (Bitcoin) इस्तेमाल किया जाता है. इनके अलावा फिनलैंड, बेल्जियम, बुल्गारिया और अल सल्वाडोर जैसे देशों में भी बिटकॉइन का इस्तेमाल होता है.

इन देशों ने लगाया बैन?

बिटकॉइन (Bitcoin) जैसी क्रिप्टोकरंसी (CryptoCurrency) पर कई देशों ने बैन लगाया हुआ है. रूस में बिटकॉइन (Bitcoin) पर बैन लगा है. वियतनाम में भी बिटकॉइन (Bitcoin) पर बैन है. वहीं, चीन ने भी इस पर बैन लगया हुआ है. इसके अलावा एक्वाडोर, बोलिविया, कोलंबिया जैसे देशों ने भी बैन लगाया हुआ है.

आयकर कानून में बदलाव पर विचार

सरकार क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) को कर दायरे में लाने के लिए आयकर कानूनों में बदलाव पर विचार कर रही है. इनमें से कुछ बदलाव अगले साल के बजट का हिस्सा हो सकते हैं. राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा, आयकर के बारे में कुछ लोग पहले से ही क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) से होने वाली आय पर पूंजीगत लाभ कर का भुगतान कर रहे हैं और माल एवं सेवा कर (GST) के संबंध में भी कानून बहुत स्पष्ट है कि दर अन्य सेवाओं की तरह लागू होगी. बजाज ने बताया, हम निर्णय लेंगे. मैं समझता हूं कि पहले से ही लोग इस पर कर चुका रहे हैं. अब जब यह वास्तव में बहुत बढ़ गया है, तो हम देखेंगे कि क्या कानून की स्थिति में कुछ बदलाव ला सकते हैं या नहीं. लेकिन यह एक बजट की गतिविधि होगी. हम पहले से ही बजट के करीब हैं, हमें उस समय को देखना होगा.

RBI के पूर्व गवर्नर ने क्रिप्टोकरेंसी को सनक बताया

भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने 24 नवंबर दिन बुधवार 2021 को कहा, इस समय मौजूद 6,000 क्रिप्टोकरंसी (CryptoCurrency) में से कुछ ही आगे बनी रहेंगी. राजन ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सनक की 17 वीं शताब्दी में नीदरलैंड में ट्यूलिप फूल को लेकर दीवानगी से तुलना करते हुए कहा, लोग दो कारणों से क्रिप्टोकरेंसी रखते हैं- एक कि यह एक संपत्ति है जिसका मूल्य बढ़ सकता है ओर मुद्रा के रूप में इसे रखा जा सकता है और दूसरा, इसका उपयोग भुगतान में किया जा सकता है.

क्रिप्टोकरेंसी क्या है और कैसे काम करती है (What is Cryptocurrency and How it Works ?)

आसान भाषा में कहें तो क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक डिजिटल कैश (Digital Money) प्रणाली है क्रिप्टोकरेंसी का मुख्य कार्य होता हैं एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में पैसे ट्रांसफर करना, और यह कार्य किया जाता हैं, ब्लॉकचैन के माध्यम से.

ब्लॉकचैन डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी ( DLT ) का उपयोग करती हैं ताकि सिस्टम से तीसरे पक्ष को हटाया जा सकें. इसका मतलब यह है कि जिस तरह से जब हम किसी के साथ लेनदेन करते हैं तो बीच में कुछ न कुछ तृतीय पक्ष होती हैं जो इस लेनदेन को पूरा करने में सहायक होती हैं लेकिन इसमें ऐसा नहीं होता हैं. क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन में जिस टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता हैं, यह टेक्नोलॉजी को ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी कहा जाता है. दरअसल ब्लॉकचैन हर लेनदेन का एक डेटाबेस हैं इसमें जो लेनदेन किये जाते हैं उसकी जानकारी ब्लॉक के रूप में होती हैं और फिर ये ब्लॉक्स एक – एक करके डेटाबेस के साथ जुड़कर एक लंबी श्रंखला बना देते हैं. यही ब्लॉकचैन होती हैं.

क्रिप्टोकरेंसी के पास एक सेंट्रल कंप्यूटर या सर्वर नहीं है, उन्हें आमतौर पर हजारों कंप्यूटर्स के नेटवर्क पर वितरित किया जाता है. एक बिना सेंट्रल सर्वर नेटवर्क को डीसेंट्रलाइज्ड नेटवर्क्स कहा जाता है.

क्रिप्टो करेंसी कौन कौन से हैं?

क्रिप्टो करेंसी की लिस्ट में सबसे पहला नंबर पर बिटकॉइन ( Bitcoin ) का आता है नीचे दिए गए कुछ नाम है जो बिटकॉइन के सफलता के बाद चर्चा में आए है

इथीरियम ( Ethereum ) , डॉगकॉइन ( Dogecoin ), रिप्पल (Ripple)

Mining:

क्रिप्टोक्यूरेंसी नेटवर्क में, खनन ( Mining ) लेनदेन का सत्यापन है। इस प्रयास के लिए, सफल खनिक पुरस्कार के रूप में नई क्रिप्टोकरेंसी प्राप्त करते हैं।

Wallets:

एक क्रिप्टोक्यूरेंसी वॉलेट सार्वजनिक और निजी “कुंजी” ( key, पता) या बीज को संग्रहीत करता है जिसका उपयोग क्रिप्टोक्यूरेंसी प्राप्त करने या खर्च करने के लिए किया जा सकता है। निजी कुंजी के साथ, सार्वजनिक खाता बही में लिखना संभव है, प्रभावी रूप से संबंधित क्रिप्टोक्यूरेंसी खर्च करना। सार्वजनिक कुंजी के साथ, दूसरों के लिए वॉलेट में मुद्रा भेजना संभव है।

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बिटकॉइन के आविष्कारक कौन है इसके बारे में कोई नहीं जानता है, बिटकॉइन का निर्माता अभी भी अज्ञात बना हुआ है। बिटकॉइन का उपयोग करके खरीदा गया पहला सामान पिज्जा था|

Cryptocurrency दो शब्दों से मिलकर बना शब्द है. Crypto जोकि लैटिन भाषा का शब्द है जो cryptography से बना है और जिसका मतलब होता है, छुपा हुआ/हुई. जबकि Currency भी लैटिन के currentia से आया है, जो कि रुपये-पैसे के लिए इस्तेमाल होता है

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