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"शेयर बाजार में पैसा बनाना आसान नहीं", Zeordha के सीईओ नितिन कामत ने निवेश को लेकर दी ये सलाह

(Zerodha) के सीईओ नितिन कामत (Nithin Kamath) नितिन कामत ने कहा कि सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स ने ऐसा महसूस कराया है कि शेयर बाजार से पैसा कमाना बहुत आसान है, जबकि ऐसा नहीं है

देश के सबसे बड़े स्टॉक ब्रोकिंग फर्म जीरोधा (Zerodha) के को-फाउंडर और सीईओ नितिन कामत (Nithin Kamath) का कहना है कि वित्तीय रूप से स्वतंत्र होने के लिए जरूरी है, जितनी जल्दी हो सके उतना जल्दी निवेश करने की आदत डालनी चाहिए। मनीकंट्रोल (Moneycontrol) के साथ एक बातचीत में कामत में पैसों से जुड़े अपने कुछ व्यक्तगित अनभुव साझा किए। साथ ही ट्रेडिंग के अपने शुरुआती दिनों से लेकर जीरोधा को शुरू करने तक के बीच में सीखी बातों को शेयर किया। पेश हैं बातचीत के संपादित अंश:

सवाल: फिनफ्लुएंसर्स (फाइनेंशियल इंफ्लूएंसर्स) के इस जमाने में, लोगों के लिए पैसों कों संभालने से जुड़ी जरूरी जानकारी हासिल करने का सही तरीका क्या हो सकता है।

जवाब: इन्फ्लुएंसर्स ने ऐसा महसूस कराया है कि शेयर बाजार से पैसा कमाना बहुत आसान है, जबकि ऐसा नहीं है। हम एक बुल मार्केट के बीच में हैं, और एक कहावत है कि एक बुल मार्केट में एक मूर्ख भी बहुत स्मार्ट महसूस करता है क्योंकि इस दौरान सब ऊपर की तरफ जाता है। पिछले दो-तीन सालों से हम जो बुल मार्केट देख रहे हैं, वैसा कई दशकों में एक बार आता है।

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शेयर बाजार में पैसा कमाना आसान नहीं है। यहां निवेश शुरु करने का एक सही तरीका इंडेक्स म्यूचुअल फंड हो सकता है। फिर एक बार जब आप बाजार पर नजर रखना शुरू कर देते हैं तो जाहिर तौर पर एक किसी खास सेक्टर में आपकी दिलचस्पी काफी बढ़ जाएगी।

उदाहरण के लिए, जब मैंने शुरुआत की, तो फाइनेंशियल सर्विसेज मार्केट मुझे पंसद आया और मैं इस निगरानी लगने लगा। जैसे NBFC फर्में क्या कर रही हैं, ब्रोकर्स क्या कर रहे हैं आदि। जब आप किसी खास सेक्टर के समीकरण और उसके बिजनेस मॉडल को समझने लगते हैं, मेरी राय में तभी आपको शेयरों में सीधे निवेश करना चाहिए। कोई भी स्टॉक टिप्स के जरिए लंबी अवधि में पैसा नहीं कमा सकता है।

सवाल: महंगाई, मंदी और बड़े पैमाने पर छंटनी के बीच कोई जॉब मार्केट के लिए खुद को बेहतर तरीके से कैसे तैयार रखे?

जवाब: चाहे कैसी भी मंदी आ जाए, अच्छे और कुशल लोगों की निवेश उत्पाद हमेशा मांग रहेगी। इसलिए जब आप कॉलेज में हों, तो यह जानना बेहद अहम है कि आपकी किसमें दिलचस्पी है, आप किन चीजों से प्यार करते हैं और फिर आप उसमें सबसे बेहतर हो जाते हैं। यह कुछ भी हो सकता है। उदाहरण के लिए - यदि आप पॉडकास्ट होस्ट करना पसंद करते हैं, तो इसे नियमित करें। आप इसमें धीरे-धीरे बेहतर होते जाएंगे और आपके लिए अवसरों के द्वार खुल जाएंगे।

जल्दी बचत शुरू करने और अधिक खर्च का लालच न करने से आपको अपने लिए वित्तीय सुरक्षा बनाने में मदद मिलेगी।

सवाल: आप उस व्यक्ति को क्या सलाह देंगे जो अपना खुद का कारोबार शुरू करना चाहता है?

जबाव: बिजनेस खड़ा निवेश उत्पाद करना काफी कठिन है। पिछले 3-4 सालों में, स्टार्टअप सेक्टर में उछाल आया है, जिससे लोग यह मानने बिजनेस शुरू करना एक आसान काम है। बिजनेस करना - लोगों से अपने उत्पादों और सेवाओं के बदले पेमेंट लेना असल में सबसे कठिन कार्य है। लोगों का मानना ​​है कि किसी बिजनेस को एक खास वैल्यूशएन तक पहुंचा देना, सफल बिजनेस को खड़ा करने के बराबर है। जो सच नहीं है। कोई बिजनेस तभी बिजनेस है, जब यह सकारात्मक कैश फ्लो बनाना शुरू कर देता है- यानी आप जो इस पर निवेश उत्पाद खर्च कर रहे हैं, आपकी कमाई उससे अधिक है।।

आज आत्रंप्रेन्योर्स को लगभग हीरो की तरह देखा जाता है। हर कोई उनकी तरफ बनना चाहता है। ऐसे में यह जानना अहम है कि यह वास्तव में मेहनक का काम है।

कौन सा बिजनेस शुरू करें, यह सोचने के लिए सही तरीका यह है कि युवा पहले उस समस्या के साथ आए, जिससे वे खुद महसूस करते हैं। फिर उससे जुड़ी न्यूनतम स्किल को हासिल करें। ऐसा इसलिए क्योंकि लकड़ी काटने से पहले यह जरूरी है कि आपको कुल्हाड़ी पर धार तेज करना आनी चाहिए।

सवाल: वित्तीय स्वतंत्रता कैसे हासिल की जा सकती है?

जवाब: जितनी जल्दी हो सके, उतना जल्दी निवेश शुरू करें। इसे अपनी आदत बना लें। तब तक उधार न लें, जब तक कि यह आपके जीवन में बहुत बड़ा बदलाव ला रहा हो। निवेश निवेश उत्पाद में विविधता लाएं। यानी कि सभी अंडों को एक ही टोकरी में न डालें।

Moneycontrol News

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First Published: Nov 17, 2022 7:48 PM

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सार्वजनिक निवेश बढ़ने से मांग बढ़ेगी, रोजगार पैदा होगा : आर्थिक मामलों के सचिव

आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने कहा कि अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए सार्वजनिक निवेश बढ़ाने की बजट घोषणा से सीमेंट, इस्पात और पूंजीगत उत्पादों की मांग पैदा होगी

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आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने बुधवार को कहा कि अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए सार्वजनिक निवेश बढ़ाने की बजट घोषणा से सीमेंट, इस्पात और पूंजीगत उत्पादों की मांग पैदा होगी और नए रोजगार के अवसरों का भी सृजन होगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को पेश बजट में सार्वजनिक व्यय में 35.4 प्रतिशत वृद्धि का ऐलान करते हुए इसके 7.5 लाख करोड़ रुपये रहने की घोषणा की जो जीडीपी का 2.9 प्रतिशत होगा।

सेठ ने प्रत्यक्ष समर्थन उपायों निवेश उत्पाद का सिर्फ सीमित गुणक प्रभाव ही रहने का अनुमान जताते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था को सतत रूप से मजबूती देने के लिए मध्यम से लेकर दीर्घावधि का प्रभाव डालने वाले कदमों की जरूरत है।

उन्होंने पीटीआई-भाषा को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘आर्थिक प्रबंधन कोई एक साल का मामला नहीं है। इसे अल्पावधि, मध्यम या दीर्घावधि रूप में देखा जाना चाहिए। अल्पावधि में जरूरी कदम उठाए जा चुके हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, जब मध्यम एवं दीर्घावधि की बात आती है तो हम पाते हैं कि उपभोक्ता मांग बढ़ाने वाले प्रत्यक्ष आय समर्थन का बहुत सीमित गुणक प्रभाव ही होता है। वहीं पूंजी निवेश का कहीं ज्यादा बड़ा और बेहद सशक्त गुणक प्रभाव होता है और वह एक साल से कहीं अधिक देर तक कायम रहता है।’’

उन्होंने कहा कि यह उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले सामान के लिए मांग पैदा कर मदद करता है जिससे सीमेंट, इस्पात, पूंजीगत उत्पाद, निर्माण मशीनरी में निवेश आता है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक निवेश बढ़ाकर सरकार ने यह संकेत दिया है कि वह वृद्धि-उन्मुख गतिविधियों के वित्तपोषण के लिए तैयार है।

सेठ ने कहा, ‘‘इससे लोगों में भविष्य को लेकर भरोसा बढ़ता है और खपत से जुड़ी गतिविधियां भी प्रभावित होती हैं।’’ उन्होंने कहा कि सरकार की पहल से निजी निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा और कारखाना मजदूरों, कुशल, अर्द्धकुशल एवं अकुशल लोगों के लिए रोजगार पैदा होंगे।

मौजूदा वित्त वर्ष में 6.5-7.1% रहेगी देश की ग्रोथ रेट, महंगाई सरकार के लिए चुनौती: रिपोर्ट

बढ़ती महंगाई और वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बीच भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष (2022-23) में 6.5 से 7.1 फीसदी के बीच रहेगी. डेलॉयट इंडिया ने एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया है.

मौजूदा वित्त वर्ष में 6.5-7.1% रहेगी देश की ग्रोथ रेट, महंगाई सरकार के लिए चुनौती: रिपोर्ट

भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष (2022-23) में 6.5 से 7.1 फीसदी के बीच रहेगी.

TV9 Bharatvarsh | Edited By: राघव वाधवा

Updated on: Nov 20, 2022 | 7:44 PM

बढ़ती महंगाई और वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बीच भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष (2022-23) में 6.5 से 7.1 फीसदी के बीच रहेगी. डेलॉयट इंडिया ने एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले कुछ महीने से ऊंची मुद्रास्फीति नीति-निर्माताओं के लिए चुनौती बनी हुई है. भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने अप्रैल, 2022 से महंगाई पर अंकुश के लिए प्रमुख नीतिगत दर रेपो रेट में 1.9 फीसदी की बढ़ोतरी की है.

विकसित देशों में मंदी की आशंका: रिपोर्ट

रिपोर्ट कहती है कि इसके अलावा डॉलर के चढ़ने से आयात बिल बढ़ रहा है, जिससे महंगाई भी बढ़ रही है. इसमें कहा गया है कि कुछ विकसित देशों में 2022 के आखिर या अगले साल की शुरुआत में मंदी से स्थिति और खराब हो सकती है. डेलॉयट ने कहा कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के लगातार जारी रहने से भारत के वृद्धि की वजहों पर नकारात्मक असर पड़ना शुरू होगा.

डेलॉयट का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 6.5 से 7.1 फीसदी के बीच रहेगी. जबकि, अगले साल यह 5.5 से 6.1 फीसदी के बीच रहेगी. भारत की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 2021-22 में 8.7 फीसदी रही थी.

निजी क्षेत्र में निवेश रहेगा अच्छा: रिपोर्ट

डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा कि उनका अनुमान है कि आने वाले त्योहारी सीजन से उपभोक्ता क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा. उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र अभी लगातार रिकवरी नहीं दिखा पाया है. उद्योग और सेवा क्षेत्र में ऋण उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है, जिससे पता चलता है कि निजी क्षेत्र की निवेश संभावनाएं बेहतर हैं. उन्होंने कहा कि निवेश को बढ़ाने के लिए निरंतर मांग में वृद्धि होना जरूरी है. घटती वैश्विक मांग और सीमित संसाधनों की वजह से निर्यात और सरकारी खर्च से वृद्धि को संभवत: समर्थन नहीं मिलेगा.

इसके अलावा आपको बता दें कि अर्थव्यवस्था को लेकर चुनौतियों और इसकी स्थितियों को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक के एक लेख में कहा गया है कि इंफ्लेशन में कमी के संकेत मिलने के साथ ही घरेलू स्तर पर अर्थव्यवस्था में मौजूदा हालातों के हिसाब से खुद को निवेश उत्पाद ढालने का क्षमता दिख रही है. लेकिन यह अभी भी विदेशी बाजारों में होने वाले उतार-चढ़ाव को लेकर संवेदनशील बनी हुई है.

SIP VS RD: निवेश का ये विकल्प है सबसे बेस्ट, 5 साल बाद देगा बंपर रिजल्ट…देखें कैलकुलेशन

SIP VS RD: लंबी अवधि में धन उत्पन्न करने के लिए एक निवेशक जिन दो जगह निवेश कर सकता है, वे इक्विटी और डेट इंस्ट्रूमेंट हैं (Equities, Debt निवेश उत्पाद Instruments)। इक्विटी में निवेश एक निवेशक को एक कंपनी में स्वामित्व देता है, जबकि ऋण निवेश को उधार के रूप में माना जाता है, जिसमें कंपनी या बैंक आपको पैसा देंगे।

RD क्या है?

RD – आवर्ती जमा (Recurring deposit) एक विशिष्ट समय सीमा के लिए आवधिक बैंक या डाकघर जमा हैं। एक निवेशक के रूप में, आप छह महीने से लेकर 10 साल तक की अवधि के लिए हर महीने एक आरडी में निवेश कर सकते हैं। पोस्ट ऑफिस आरडी को 10 रुपये से शुरू किया जा सकता है, जबकि बैंकों में 100 रुपये से शुरू किया जा सकता है।

आरडी एक प्रकार का फिक्स्ड डिपॉजिट उत्पाद है जो कम जोखिम रखता है और एक स्थिर रिटर्न प्रदान करता है। जमा की अवधि के आधार पर ब्याज दर भिन्न होती है।

SIP क्या है?

जब निवेश की आवधिकता की बात आती है तो SIP – व्यवस्थित निवेश योजनाएं (Systematic investment plans) आरडी की तरह होती हैं। हालांकि, बैंक में जमा के बजाय, निवेश म्यूचुअल फंड योजनाओं में होता है। निवेश की आवृत्ति दैनिक निवेश से वार्षिक निवेश में भिन्न होती है। फ्रैंकलिन टेम्पलटन के एसआईपी में न्यूनतम निवेश राशि 500 रुपये से शुरू होती है। निवेशक अपने एसआईपी निवेश पर रिटर्न की गणना और अनुमान लगाने के लिए एसआईपी कैलकुलेटर का उपयोग कर सकते हैं।

उच्च जोखिम क्षमता वाले निवेशक और विशिष्ट वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने निवेश उत्पाद के लिए लोग एसआईपी के माध्यम से निवेश कर सकते हैं। वे इक्विटी के लिए एक्सपोजर प्रदान करते हैं लेकिन ऋण-विशिष्ट या संयोजन भी हो सकते हैं।

बता दें कि प्रत्येक निवेश मार्ग के अपने लाभ हैं और निवेशकों के एक निश्चित समूह को आकर्षित करते हैं।

RD के लाभ

  • गारंटीड रिटर्न
  • फ्लेक्सिबल टाइम होराइजन
  • आसान निवेश
  • वरिष्ठ नागरिक लाभ

SIP के लाभ

  • लिक्विडिटी
  • फ्लेक्सिबिलिटी
  • अधिक रिटर्न
  • टैक्स ब्रेक
  • मार्केट टाइमिंग

SIP vs RD – कौन सा बेहतर है?

चूंकि दोनों निवेशों के अलग-अलग लाभ हैं, उपयुक्तता एक निवेशक के रूप में आवश्यकताओं पर निर्भर करेगी। हालांकि, जोखिम से बचने वाले उन निवेशकों के लिए RD एक अच्छा निवेश विकल्प है जो हर महीने पैसा निवेश करना चाहते हैं। आरडी शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म दोनों लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करते हैं।

वहीं, वैकल्पिक रूप से, एसआईपी उन निवेशकों के लिए हैं जो संभावित रूप से अधिक रिटर्न के लिए उच्च जोखिम लेने को तैयार हैं।

5 साल बाद क्या होगा? चेक करें कैलकुलेशन

RD: यदि पोस्‍ट ऑफिस की आरडी में हर महीने 500 रुपये का निवेश करते हैं तो पांच साल बाद आपको मैच्‍योरिटी पर 69,694 रुपये मिलेंगे। इसमें आपका कुल निवेश 60,000 रुपये होगा और 9,694 रुपये आपको ब्‍याज से इनकम होगी। ऐसे ही ज्यादा निवेश करेंगे तो ज्यादा फायदा।

SIP: यदि म्‍यूचुअल फंड में 1,000 रुपये मंथली SIP शुरू करते हैं। औसतन 12 फीसदी सालाना रिटर्न रहता है, तो 5 साल बाद आपको 82,486 रुपये मिल सकते हैं। इसमें आपका निवेश 60,000 रुपये और 22,486 रुपये का ब्याज शामिल होगा। ऐसे ही ज्यादा निवेश करेंगे तो ज्यादा फायदा।

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