क्रिप्टो रोबोट

कैसे एक रोबोट के साथ व्यापार करने के लिए

कैसे एक रोबोट के साथ व्यापार करने के लिए
CN Trading Company, Distributor/Wholesaler

Humanoid Robot Left Hand Right Hand Arm with Fingers Manipulator & Servo for DIY Robotics

CN Trading Company, Distributor/Wholesaler

दिल्ली में अब रिमोट कंट्रोल फायर फाइटिंग रोबोट बुझाएगा आग, जानें क्यों करोड़ों में है इसकी कीमत

दिल्ली के दमकल विभाग (Fire Department)में कर्मचारियों के लिए रिमोट कंट्रोल फायर फाइटिंग रोबोट (Remote Control Fire Fighting Robot)शामिल किया गया है. इसकी मदद से तेजी से आग पर काबू पाया जा सकेगा.

रिमोट कंट्रोल फायर फाइटिंग रोबोट

रिमोट कंट्रोल फायर फाइटिंग रोबोट

gnttv.com

  • नई दिल्ली,
  • 01 अप्रैल 2022,
  • (Updated 01 अप्रैल 2022, 9:43 AM IST)

अब दमकल विभाग के कर्मचारियों को आग से खेलकर नहीं बुझानी होगी आग

दिल्ली फायर सर्विस के बेड़े में शामिल रिमोट कंट्रोल फायर फाइटिंग रोबोट

देश में पहली बार यूरोप की तर्ज पर आग पर काबू पाने वाला रोबोट दिल्ली पुलिस दमकल विभाग के बेड़े में शामिल हो चुका है. रिमोट कंट्रोल फायर फाइटिंग रोबोट आने के बाद अब दमकल विभाग के कर्मचारियों को आग में झुलसकर अपनी जान नहीं गवानी पड़ेगी. यह रोबोट दमकल कर्मचारियों के लिए संकट मोचन साबित होने वाला है, जिसे दिल्ली फायर सर्विस के बेड़े में शामिल किया गया है.

गृह मंत्रालय की पहल पर यूरोप से दिल्ली फायर विभाग के बेड़े में दो खास रोबोट शामिल किए गए हैं. तंग गलियां हो या बेसमेंट, जंगल की आग हो या ह्यूमन रिस्क वाले तमाम एरिया हर जगह यह रोबोट आसानी से पहुंच सकेगा. साथ ही इसकी मदद से तेजी से आग पर काबू पाया जाएगा.

मिनटों में पाया जा सकेगा आग पर काबू

यह खास मशीन, जिसे रिमोट कंट्रोल के जरिए संचालित किया जाएगा. यह करीब 100 मीटर का इलाका एक साथ कवर कर सकती है और तुरंत आग पर काबू पाने में सक्षम होगी. सबसे खास बात यह है कि दमकल कर्मियों को जान जोखिम में डालकर काम नहीं करना पड़ेगा. इस रोबोट के जरिए 5 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पानी आग में फेंककर और चंद मिनटों में आग पर काबू पा लिया जाएगा.

यह मशीन 3000 लीटर पानी हर मिनट में आसानी से उच्च दबाव के जरिए छोड़ती है और नॉर्मल पानी या स्प्रे के जरिए काम करती हैं. जिस जगह पर पानी से आग कंट्रोल नहीं होती वहां अंदर से निकले केमिकल और खास तरीके के झाग से आग पर काबू पाया जा सकेगा.

इतने करोड़ रुपये है इस रोबोट की कीमत

दरअसल, इस साल मौसम विभाग ने भी जबरदस्त गर्मी पड़ने की आशंका जताई है और इस दौरान गर्मी होने से बड़े पैमाने पर जगह-जगह आग लगती है, जिसको लेकर अब यह रोबोट मददगार साबित होने वाला है. फिलहाल फायर विभाग के बेड़े में 2 रोबोट शामिल हो चुके हैं, जिनकी कीमत 7 करोड़ रुपए बताई जा रही है.

युद्ध क्षेत्र में रोबोट का प्रयोग हुआ तो मानव जाति के लिए होगा व‍िनाशकारी, जानें क्‍यों काफी संख्‍या में देश कर रहे हैं व‍िरोध

विश्व में युद्ध तकनीक अत्याधुनिक करने की होड़ चल रही है।

विश्व में युद्ध तकनीक अत्याधुनिक करने की होड़ चल रही है। अमेरिका रूस और किसी हद तक चीन भी इसमें आगे है। एआइ और रोबोटिक्स के प्रयोग से ऐसी मशीनें तैयार की जा रही हैं जो मानव की तरह युद्ध में शत्रु को निशाना बनाएंगी।

जेनेवा, एजेंसियां। सुपरस्टार रजनीकांत की फिल्म 'रोबोट' तो याद ही होगी आपको। कैसे मानव जैसा दिखने वाला रोबोट 'चिट्टी' गलत शक्तियों के हाथों में पड़कर विध्वंसक हो जाता है और रोबोट्स की एक सेना बनाकर मनुष्यों पर हमला करता है। हालीवुड में भी टर्मिनेटर सीरीज और रोबोकाप फिल्मों में मानव से दिखने और काम करने वाले खतरनाक रोबोट दिखाए गए हैं, लेकिन अब असली जिंदगी में भी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) आधारित इसी प्रकार के रोबोट और हथियारों को लेकर चिंता का माहौल है। हाल ही में स्विटजरलैंड के जेनेवा में 125 देशों की एक कांफ्रेंस युद्ध में रोबोट और स्वचालित मशीनों के प्रयोग को रोकने के लिए हुई। आइए समझें कि यदि युद्ध में रोबो सैनिक प्रयोग किए गए तो क्या खतरा होगा, कौन ऐसे रोबोट और मशीनें बना रहा है और इस कांफ्रेंस में इसे रोकने के लिए क्या किया गया:

बाली में शी चिनफिंग और जो बाइडन की मुलाकात (फोटो- एएनआइ)

जानें कांफ्रेंस का उद्देश्य

युद्ध में रोबोट और स्वचालित मशीनों के प्रयोग को रोकने के लिए विश्व के 125 देशों ने एक समझौता किया है जिसे परंपरागत हथियारों पर सम्मेलन (कन्वेंशन आन सर्टेन कन्वेंशनल वेपंस) कहा गया है। इसका उद्देश्य उन हथियारों पर रोक लगाना है जो अनावश्यक और बिना सोचे समझे भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके अधिकांश सदस्यों ने हाल की बैठक में यह मांग रखी कि युद्ध में प्रयोग के लिए बन रहे 'किलर रोबोट्स' पर रोक लगाई जाए। ऐसे रोबोट और मशीनें बनाने वाले देशों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है।

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किलर रोबोट यानी बड़ा खतरा

विश्व में कैसे एक रोबोट के साथ व्यापार करने के लिए युद्ध तकनीक अत्याधुनिक करने की होड़ चल रही है। अमेरिका, रूस और किसी हद तक चीन भी इसमें आगे है। एआइ और रोबोटिक्स के प्रयोग से ऐसी मशीनें तैयार की जा रही हैं जो मानव की तरह युद्ध में शत्रु को निशाना बनाएंगी। यह मशीनें या रोबोट मानव की तरह दिखेंगे, लेकिन उनमें मस्तिष्क नहीं होगा। वह सिग्नल के आधार पर लक्ष्य को निशाना बनाएंगे। ऐसे रोबोट और मशीनों के आविष्कार को युद्ध के क्षेत्र में बड़ा बदलाव माना जा रहा है। ठीक उसी तरह जैसे बारूद और परमाणु बम की खोज ने युद्ध का परिदृश्य बदल दिया था। एआइ, रोबोटिक्स और इमेज रिकग्निशन के प्रयोग से ऐसे अत्याधुनिक हथियार बनाना संभव हो गया है।

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रणनीतिकारों को क्यों पसंद हैं यह रोबोट

युद्ध के क्षेत्र से जुड़े रणनीतिकार मानते हैं कि ऐसे रोबोट से सैनिकों को युद्धक्षेत्र के खतरे से दूर रखा जा सकेगा। मानव के मुकाबले निर्णय भी अधिक तेजी से किए जा सकेंगे। मानवरहित ड्रोन और टैंक से युद्ध क्षेत्र का नक्शा ही बदल जाएगा। हालांकि आलोचकों का कहना है कि मशीनों को घातक फैसले लेने का अधिकार देना नैतिक रूप से गलत है। ऐसे रोबोट वयस्क और बच्चों के बीच अंतर नहीं कर सकेंगे, न ही किसी सैनिक और नागरिक में भेद कर सकेंगे। ऐसे में वह बस सामने दिख रहे लक्ष्य को निशाना बनाएंगे। यही मानव जाति के लिए बड़ा खतरा है। कांफ्रेंस में रेड क्रास अंतरराष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष पीटर मारर ने कहा कि मानव के स्थान पर युद्ध में स्वचालित हथियारों को आगे करने की बात नैतिक आधार पर एक सवाल है।

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अमेरिका ने किया भारी निवेश

विश्व में अमेरिका हथियारों की होड़ और व्यापार में सबसे आगे रहता है। लाकहीड मार्टिन, बोइंग, रेथान और ना‌र्थ्राप जैसी हथियार निर्माता कंपनियों के साथ इस क्षेत्र में वह भारी निवेश कर रहा है। इसमें रेडियो फ्रिक्वेंसी के आधार पर गतिमान लक्ष्यों का पता लगाने वाली लंबी दूरी की मिसाइल, हमला करने वाला ड्रोन का झुंड और स्वचालित मिसाइल रक्षा प्रणाली शामिल हैं। अंतरराष्ट्रीय रणनीतिक अध्ययन केंद्र के शोधार्थी फ्रैंज स्टीफेन गाडी का कहना है कि स्वचालित हथियार प्रणाली के विकास की होड़ आने वाले समय में थमने वाली नहीं है।

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यहां हुआ स्वचालित हथियार तकनीक का प्रयोग

इस बारे में प्रामाणिक सूचना अधिक नहीं हैं। संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ताओं के अनुसार लीबिया में मिलिशिया लड़ाकों के खिलाफ घातक स्वचालित हथियार प्रणाली का प्रयोग किया गया था। टुर्की के एक रक्षा ठेकेदार द्वारा बनाए गए कार्गू-2 ड्रोन ने एक राकेट हमले के बाद भागते हुए लड़ाकों का पता लगाकर हमला किया था। हालांकि यह साफ नहीं हो सका कि इस ड्रोन को कोई मानव संचालित कर था या नहीं। 2020 में अजरबैजान ने आर्मेनिया के खिलाफ युद्ध में ऐसी मिसाइल और ड्रोन का प्रयोग किया जो हवा में उड़ते रहते हैं और लक्ष्य दिखने पर हमला करते हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और जापानी पीएम फुमियो किशिदा (फाइल इमेज)

इसलिए महत्वपूर्ण थी कांफ्रेंस

इस कांफ्रेंस को किलर रोबोट पर रोक लगाने या उनका प्रयोग सीमित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा था। हालांकि ऐसा कुछ नहीं हो सका। रोबोट और हथियारों के संभावित खतरों के अध्ययन के बाद बड़े निर्णय की उम्मीद इस कांफ्रेंस में पूरी नहीं हो सकी। इस प्रकार के अत्याधुनिक हथियार व तकनीक बनाने वाले देशों (रूस आदि) का कहना है कि ऐसे हथियारों पर रोक या सीमित उपयोग का निर्णय सर्वसम्मति से होना चाहिए। अमेरिका का कहना है कि स्वचालित हथियार तकनीक पर प्रतिबंध जल्दबाजी में लिया गया निर्णय होगा। पहले से मौजूद अंतरराष्ट्रीय कानून इस बारे में सक्षम हैं। कांफ्रेंस में अमेरिकी प्रतिनिधि जोशुआ डोरोसिन ने कहा कि किलर रोबोट के प्रयोग पर एक गैर बाध्यकारी आचार संहिता होनी चाहिए।

कंबोडिया में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (फोटो एजेंसी)

सिलिकान वैली तक भी पहुंचा मामला

तकनीक के हथियार और युद्ध के क्षेत्र में प्रयोग का मामला अमेरिका की सिलिकान वैली तक भी पहुंच चुका है। 2018 में गूगल ने अमेरिका रक्षा विभाग पेंटागन के साथ करार का नवीनीकरण करने से मना कर दिया था। इस कैसे एक रोबोट के साथ व्यापार करने के लिए करार के तहत तस्वीरें पहचान कर हमला करने वाले ड्रोन के लिए एआइ का प्रयोग किया जाना था। गूगल के हजारों कर्मचारियों ने इसका विरोध किया था। कंपनी ने हथियारों व युद्ध में तकनीक के प्रयोग को लेकर अपनी नीति में सुधार भी किया था।

इनसाइड बार पैटर्न का व्यापार कैसे करें

अंदर की पट्टी एक लोकप्रिय उलट / निरंतरता मोमबत्ती निर्माण है जिसमें केवल दो मोमबत्तियाँ प्रस्तुत करने की आवश्यकता होती है। यह पैटर्न अल्पकालिक बाजार पर एक सीधा नाटक है भावुकता बाजार में होने वाली 'बड़ी चाल' से पहले प्रवेश करने की तलाश। अंदर की पट्टी पूर्ववर्ती मोमबत्ती के उच्च / निम्न और बाजार के अनिर्णय के संकेत के आगे / नीचे बढ़ने के लिए कीमतों की अनिच्छा दर्शाती है।

बार पैटर्न के अंदर

विदेशी मुद्रा चार्ट पर अंदर की पट्टी की पहचान कैसे करें

विदेशी मुद्रा चार्ट पर अंदर के बार पैटर्न की पहचान करते समय निम्न चरणों का उपयोग किया जाता है:

  1. उपयोग करने से पहले की प्रवृत्ति को पहचानें कीमत कार्रवाई / तकनीकी संकेतकों
  2. बार पैटर्न के अंदर का पता लगाएं, जिसके अंदर की पट्टी को पहले से ही ऊंचे और नीचे मोमबत्ती से पूरी तरह से घिरा हुआ है

बार और पूर्ववर्ती बार पैटर्न के अंदर

इनसाइड बार कैंडलस्टिक पैटर्न के साथ ट्रेडिंग करें: शीर्ष युक्तियाँ और रणनीतियाँ

कुछ व्यापारी इसे एक निरंतरता पैटर्न मानते हैं हालांकि विपरीत दिशा में एक ब्रेकआउट भी संभव है। विस्तारित अवधि के लिए मूल्य ट्रेंड (या नीचे) होने के बाद, मूल्य आंदोलन में ठहराव (अंदर की पट्टी द्वारा दर्शाया गया) प्रवृत्ति के उलट होता है। इसलिए, अल्पकालिक व्यापार (या) के लिए अंदर की पट्टी को देखा जाता है स्विंग ट्रेडिंग ) 10 सलाखों से कम समय के लिए व्यापार को धारण करने के लक्ष्य के साथ काउंटर-ट्रेंड दिशा में।

हालांकि, सलाखों के अंदर व्यापार करने का एक और तरीका है और यह सीधे मोमबत्ती के पैटर्न से होता है नहीं प्रकट करते हैं। जब व्यापारी अंदर के बार पैटर्न फॉर्म को देखते हैं, तो इसकी व्याख्या बाजार के अनिच्छा के रूप में की जाती है ताकि मूल्य अधिक या कम हो। यह किसी भी कारण से हो सकता है:

  1. एक अत्यंत प्रासंगिक रिपोर्ट जल्द ही जारी की जा रही है, या
  2. बाजार ने सिर्फ एक स्ट्रैटोस्फेरिक छलांग लगाई और व्यापारी बोली मूल्य के बारे में बहुत अधिक या निम्नतर हैं।

कारण जो भी हो, मकसद एक ही है: लाभप्रदता बढ़ाने के प्रयास में संभावित अस्थिरता की मांग करना। जब कोई ऐसी स्थिति होती है जिसमें व्यापारी उच्च या निम्न मूल्य की बोली लगाने को तैयार नहीं होते हैं, तो इसे भविष्य में अस्थिरता बढ़ने की संभावित स्थिति के रूप में देखा जाता है। अंदर बार मोमबत्ती पैटर्न है नहीं व्यापारियों को यह बताते हुए कि बाजार उच्च या निम्न कीमत पर बोली लगा रहा है, बल्कि कैसे एक रोबोट के साथ व्यापार करने के लिए यह है कि बाजार परिसंपत्ति में अगले बड़े कदम से पहले इंतजार कर रहा है। इसका मतलब है कि व्यापारियों के लिए संभावित अवसर।

1) बार ब्रेकआउट रणनीति के अंदर

जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, अंदर की पट्टी एक ट्रेंडिंग मार्केट के भीतर कम अस्थिरता के साथ अल्पकालिक समेकन की अवधि का प्रतिनिधित्व करती है। व्यापारी तब नए उच्च / निम्न गठन के बाद व्यापार ब्रेकआउट्स को देखते हैं।

में टी he यूरो / जीबीपी नीचे दिया गया चार्ट, पूर्ववर्ती प्रवृत्ति को कम चढ़ाव और निम्न ऊंचाई से देखा जाता है। ब्रेकआउट 'पूर्ववर्ती बार' के निचले हिस्से से नीचे होता है और इस प्रकार बाजार में एक छोटी प्रविष्टि को ट्रिगर करता है। अगर यह ब्रेकआउट 'पूर्ववर्ती बार' के उच्च स्तर पर हुआ था, तो यह एक लंबी (खरीद) प्रविष्टि को संकेत दे सकता है जो प्रवृत्ति में संभावित उलट का संकेत दे सकता है। ट्रेंड के खिलाफ ट्रेडिंग अधिक करता है जोखिम जिसके कारण व्यापारी द्वारा अधिक सावधानी बरती जाती है।

बार ब्रेकआउट रणनीति के अंदर

स्तर बंद करो पिछले स्विंग हाई / लो (ट्रेंड पर निर्भर) से लिया जा सकता है जैसा कि कुंजी द्वारा तय किया गया है कीमत कार्रवाई स्तरों। बेंचमार्क के रूप में स्टॉप का उपयोग करते हुए, व्यापारियों ने लाभ (सीमा) स्तर का एहसास करने के लिए दो के एक कारक के विस्तार के लिए इस स्टॉप दूरी का उपयोग कर सकते हैं। यह एक 1: 2 बनाता है जोखिम-इनाम अनुपात जिम्मेदार जोखिम प्रबंधन के अनुरूप। फाइबोनैचि विस्तार एक सीमा पूर्वानुमान के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है।

अंदर की मोमबत्ती से कितनी विश्वसनीय है?

इनसाइड बार सिग्नल निरंतरता या रिवर्सल का संकेत देता है, जो इस ट्रेडिंग पैटर्न को और अधिक जटिल बनाता है। गलत ब्रेकआउट हो सकते हैं जो एक अलग पैटर्न के रूप में अंदर की पट्टी की विश्वसनीयता को कम करता है यही कारण है कि व्यापारी समग्र विदेशी मुद्रा व्यापार रणनीति के हिस्से के रूप में अंदर की पट्टी का उपयोग करना पसंद करते हैं। यही है, रणनीति एक त्वरित के रूप में देखी जाने वाली अंदर की पट्टी के साथ नींव है।

युद्ध क्षेत्र में रोबोट का प्रयोग हुआ तो मानव जाति के लिए होगा व‍िनाशकारी, जानें क्‍यों काफी संख्‍या में देश कर रहे हैं व‍िरोध

विश्व में युद्ध तकनीक अत्याधुनिक करने की होड़ चल रही है।

विश्व में युद्ध तकनीक अत्याधुनिक करने की होड़ चल रही है। अमेरिका रूस और किसी हद तक चीन भी इसमें आगे है। एआइ और रोबोटिक्स के प्रयोग से ऐसी मशीनें तैयार की जा रही हैं जो मानव की तरह युद्ध में शत्रु को निशाना बनाएंगी।

जेनेवा, एजेंसियां। सुपरस्टार रजनीकांत की फिल्म 'रोबोट' तो याद ही होगी आपको। कैसे मानव जैसा दिखने वाला रोबोट 'चिट्टी' गलत शक्तियों के हाथों में पड़कर विध्वंसक हो जाता है और रोबोट्स की एक सेना बनाकर मनुष्यों पर हमला करता है। हालीवुड में भी टर्मिनेटर सीरीज और रोबोकाप फिल्मों में मानव से दिखने और काम करने वाले खतरनाक रोबोट दिखाए गए हैं, लेकिन अब असली जिंदगी में भी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) आधारित इसी प्रकार के रोबोट और हथियारों को लेकर चिंता का माहौल है। हाल ही में स्विटजरलैंड के जेनेवा में 125 देशों की एक कांफ्रेंस युद्ध में रोबोट और स्वचालित मशीनों के प्रयोग को रोकने के लिए हुई। आइए समझें कि यदि युद्ध में रोबो सैनिक प्रयोग किए गए तो क्या खतरा होगा, कौन ऐसे रोबोट और मशीनें बना रहा है और इस कांफ्रेंस में इसे रोकने के लिए क्या किया गया:

बाली में शी चिनफिंग और जो बाइडन की मुलाकात (फोटो- एएनआइ)

जानें कांफ्रेंस का उद्देश्य

युद्ध में रोबोट और स्वचालित मशीनों के प्रयोग को रोकने के लिए विश्व के 125 देशों ने एक समझौता किया है जिसे परंपरागत हथियारों पर सम्मेलन (कन्वेंशन आन सर्टेन कन्वेंशनल वेपंस) कहा गया है। इसका उद्देश्य उन हथियारों पर रोक लगाना है जो अनावश्यक और बिना सोचे समझे भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके अधिकांश सदस्यों ने हाल की बैठक में यह मांग रखी कि युद्ध में प्रयोग के लिए बन रहे 'किलर रोबोट्स' पर रोक लगाई जाए। ऐसे रोबोट और मशीनें बनाने वाले देशों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है।

वर्जीनिया यूनिवर्सिटी में फायरिंग, 3 की मौत 2 अन्य जख्मी

किलर रोबोट यानी बड़ा खतरा

विश्व में युद्ध तकनीक अत्याधुनिक करने की होड़ चल रही है। अमेरिका, रूस और किसी हद तक चीन भी इसमें आगे है। एआइ और रोबोटिक्स के प्रयोग से ऐसी मशीनें तैयार की जा रही हैं जो मानव की तरह युद्ध में शत्रु को निशाना बनाएंगी। यह मशीनें या रोबोट मानव की तरह दिखेंगे, लेकिन उनमें मस्तिष्क नहीं होगा। वह सिग्नल के आधार पर लक्ष्य को निशाना बनाएंगे। ऐसे रोबोट और मशीनों के आविष्कार को युद्ध के क्षेत्र में बड़ा बदलाव माना जा रहा है। ठीक उसी तरह जैसे बारूद और परमाणु बम की खोज ने युद्ध का परिदृश्य बदल दिया था। एआइ, रोबोटिक्स और इमेज रिकग्निशन के प्रयोग से ऐसे अत्याधुनिक हथियार बनाना संभव हो गया है।

Istanbul Explosion: तुर्की के इस्‍तांबुल शहर को दहलाने वाले आखिर कौन हैं PKK। एजेंसी।

रणनीतिकारों को क्यों पसंद हैं यह रोबोट

युद्ध के क्षेत्र से जुड़े रणनीतिकार मानते हैं कि ऐसे रोबोट से सैनिकों को युद्धक्षेत्र के खतरे से दूर रखा जा सकेगा। मानव के मुकाबले निर्णय भी अधिक तेजी से किए जा सकेंगे। मानवरहित ड्रोन और टैंक से युद्ध क्षेत्र का नक्शा ही बदल जाएगा। हालांकि आलोचकों का कहना है कि मशीनों को घातक फैसले लेने का अधिकार देना नैतिक रूप से गलत है। ऐसे रोबोट वयस्क और बच्चों के बीच अंतर नहीं कर सकेंगे, न ही किसी सैनिक और नागरिक में भेद कर सकेंगे। ऐसे में वह बस सामने दिख रहे लक्ष्य को निशाना बनाएंगे। यही मानव जाति के लिए बड़ा खतरा है। कांफ्रेंस में रेड क्रास अंतरराष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष पीटर मारर ने कहा कि मानव के स्थान पर युद्ध में स्वचालित हथियारों को आगे करने की बात नैतिक आधार पर एक सवाल है।

World Diabetes Day 2022: च‍िकित्‍सकों के इस टिप्‍स से शुगर रोगी होने से बच सकते हैं आप। फाइल फोटो।

अमेरिका ने किया भारी निवेश

विश्व में अमेरिका हथियारों की होड़ और व्यापार में सबसे आगे रहता है। लाकहीड मार्टिन, बोइंग, रेथान और ना‌र्थ्राप जैसी हथियार निर्माता कंपनियों के साथ इस क्षेत्र में वह भारी निवेश कर रहा है। इसमें रेडियो फ्रिक्वेंसी के आधार पर गतिमान लक्ष्यों का पता लगाने वाली लंबी दूरी की मिसाइल, हमला करने वाला ड्रोन का झुंड और स्वचालित मिसाइल रक्षा प्रणाली शामिल हैं। अंतरराष्ट्रीय रणनीतिक अध्ययन केंद्र के शोधार्थी फ्रैंज स्टीफेन गाडी का कहना है कि स्वचालित हथियार प्रणाली के विकास की होड़ आने वाले समय में थमने वाली नहीं है।

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यहां हुआ स्वचालित हथियार तकनीक का प्रयोग

इस बारे में प्रामाणिक सूचना अधिक नहीं हैं। संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ताओं के अनुसार लीबिया में मिलिशिया लड़ाकों के खिलाफ घातक स्वचालित हथियार प्रणाली का प्रयोग किया गया था। टुर्की के एक रक्षा ठेकेदार द्वारा बनाए गए कार्गू-2 ड्रोन ने एक राकेट हमले के बाद भागते हुए लड़ाकों का पता लगाकर हमला किया था। हालांकि यह साफ नहीं हो सका कि इस ड्रोन को कोई मानव संचालित कर था या नहीं। 2020 में अजरबैजान ने आर्मेनिया के खिलाफ युद्ध में ऐसी मिसाइल और ड्रोन का प्रयोग किया जो हवा में उड़ते रहते हैं और लक्ष्य दिखने पर हमला करते हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और जापानी पीएम फुमियो किशिदा (फाइल इमेज)

इसलिए महत्वपूर्ण थी कांफ्रेंस

इस कांफ्रेंस को किलर रोबोट पर रोक लगाने या उनका प्रयोग सीमित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा था। हालांकि ऐसा कैसे एक रोबोट के साथ व्यापार करने के लिए कुछ नहीं हो सका। रोबोट और हथियारों के संभावित खतरों के अध्ययन के बाद बड़े निर्णय की उम्मीद इस कांफ्रेंस में पूरी नहीं हो सकी। इस प्रकार के अत्याधुनिक हथियार व तकनीक बनाने वाले देशों (रूस आदि) का कहना है कि ऐसे हथियारों पर रोक या सीमित उपयोग का निर्णय सर्वसम्मति से होना चाहिए। अमेरिका का कहना है कि स्वचालित हथियार तकनीक पर कैसे एक रोबोट के साथ व्यापार करने के लिए कैसे एक रोबोट के साथ व्यापार करने के लिए प्रतिबंध जल्दबाजी में लिया गया निर्णय होगा। पहले से मौजूद अंतरराष्ट्रीय कानून इस बारे में सक्षम हैं। कांफ्रेंस में अमेरिकी प्रतिनिधि जोशुआ डोरोसिन ने कहा कि किलर रोबोट के प्रयोग पर एक गैर बाध्यकारी आचार संहिता होनी चाहिए।

कंबोडिया में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (फोटो एजेंसी)

सिलिकान वैली तक भी पहुंचा मामला

तकनीक के हथियार और युद्ध के क्षेत्र में प्रयोग का मामला अमेरिका की सिलिकान वैली तक भी पहुंच चुका है। 2018 में गूगल ने अमेरिका रक्षा विभाग पेंटागन के साथ करार का नवीनीकरण करने से मना कर दिया था। इस करार के तहत तस्वीरें पहचान कर हमला करने वाले ड्रोन के लिए एआइ का प्रयोग किया जाना था। गूगल के हजारों कर्मचारियों ने इसका विरोध किया था। कंपनी ने हथियारों व युद्ध में तकनीक के प्रयोग को लेकर अपनी नीति में सुधार भी किया था।

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