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लिक्विडिटी रेशियो क्‍या है

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अप्रैल 2019 में रेपो रेट 6.00% हुआ।

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RBI MPC Meeting: बैंक नहीं चाहते हैं फिर से लगे 90 हजार करोड़ का झटका, रिजर्व बैंक से CRR नहीं बढ़ाने की अपील

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TV9 Bharatvarsh | Edited By: शशांक शेखर

Updated on: Jun 07, 2022 | 3:20 PM

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (लिक्विडिटी रेशियो क्‍या है RBI MPC meeting) की अहम बैठक जारी है. 8 जून को इस बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी गवर्नर शक्तिकांत दास देंगे. इधर बैंकों ने सेंट्रल बैंक से अपील की है कि वह कैश रिजर्व रेशियो (Cash reserve ratio) को नहीं बढ़ाए. उनका कहना लिक्विडिटी रेशियो क्‍या है है कि इससे उनकी लिक्विडिटी पर असर होगा. इकोनॉमिक टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, इंडियन बैंक्स एसोसिएशन ने बैंकों की तरफ से रिजर्व बैंक से यह अपील की है. बैंकों के पास सरप्लस लिक्विडिटी घटकर 3.5 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया है जो पूर्व में 6 लाख करोड़ के करीब था. मई में हुई आपात बैठक के बाद रिजर्व बैंक ने कैश रिजर्व रेशियो को बढ़ाने का फैसला किया था.

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  • News18Hindi
  • Last Updated :लिक्विडिटी रेशियो क्‍या है May 06, 2022, 15:05 IST

नई दिल्‍ली. शेयर बाजार और म्‍यूचुअल फंड में निवेश करने वालों ने अक्‍सर ETF यानी एक्‍सचेंज ट्रेडेड फंड के बारे में सुना होगा. आजकल यह काफी लोकप्रिय हो रहा है और म्‍यूचुअल फंड कंपनियां भी लगातार नए-नए ETF बाजार लिक्विडिटी रेशियो क्‍या है में लांच कर रही हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ETF है क्‍या और यह कैसे काम करता है.

जैसा कि नाम से ही जाहिर लिक्विडिटी रेशियो क्‍या है होता है ETF किसी एक्‍सचेंज के साथ ट्रेडिंग करने की सुविधा देता है. वैसे तो यह एक तरह का म्‍यूचुअल फंड ही है, जिसमें कई तरह के डेट विकल्‍पों और बांड का बंच होता है. लेकिन लिक्विडिटी रेशियो क्‍या है म्‍यूचुअल फंड और ETF में बेसिक अंतर ये है कि इसे सिर्फ स्‍टॉक एक्‍सचेंज से ही खरीदा या बेचा जा सकता है. एक निवेशक के रूप में जैसे आप एक्‍सचेंज पर कारोबार के दौरान शेयरों की खरीद-फरोख्‍त करते हैं, उसी तरह ETF में भी कारोबारी घंटों लिक्विडिटी रेशियो क्‍या है के दौरान ही ट्रेडिंग हो सकती है.

अगले साल इससे बेहतर बजट की उम्मीद

  • नई दिल्ली,
  • 15 जुलाई 2014,
  • (अपडेटेड 21 जुलाई 2014, 3:48 PM IST)

यह ‘सीधी’ चढ़ाई चढऩे जैसा तो कतई नहीं होना चाहिए था. ‘सीधी ढाल’ के मायने सहजता, पारदर्शिता, सक्षमता, समता और पूर्वानुमान की योग्यता से है. ये किसी भी अच्छी सरकारी नीति की विशेषताएं हैं और केंद्रीय बजट इस मामले में अलग नहीं है. कोई भी बजट, खासकर किसी सरकार का पहला बजट, सिर्फ नीतिगत औजार नहीं होता और वास्तव में वित्त मंत्री का उस समय आशय भी यही था जब उन्होंने कहा कि 45 दिन का वक्त इसकी तैयारी के लिए काफी कम था. खासकर इसलिए क्योंकि गुड्स और सर्विस टैक्स (जीएसटी) और खर्च, दोनों के मामले में राज्यों के साथ रायशुमारी की दरकार होती है. यह ठीक बात है, बावजूद इसके बजट का अंतिम लक्ष्य तो बिल्कुल स्पष्ट होना चाहिए—टैक्स और खर्च जैसे बुनियादी सरकारी कार्यों को आसान बनाना.

क्या है रेपो लिक्विडिटी रेशियो क्‍या है रेट, रिवर्स रेपो रेट, CRR और SLR ? इसमें क्यों किया जाता है बदलाव ?

क्या आप जानते हैं कि, रेपो रेट (Repo Rate) होती क्या है?रिजर्व बैंक द्वारा इनमें क्यों बदलाव किया जाता है? इनके अलावा भी आपने रिवर्स रेपो रेट और CRR जैसे शब्द सुने होंगे।आइये आज इन सबके बारे में जानें

Kavita Singh Rathore

Kavita Singh Rathore

Repo Rate : केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ब्याज दरों, रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में बदलाव इस बार लगातार 11वीं बार कोई बदलाव नहीं किया। यह भारत के लोगों के लिए काफी राहत लिक्विडिटी रेशियो क्‍या है की खबर है, लेकिन इन 11 बार से पहले आपने कई बार रेपो रेट (Repo Rate) को घटते-बढ़ते और कमर्शियल बैंक को भुगतान करते सुना होगा। क्या आप जानते हैं कि, यह रेपो रेट (Repo Rate) क्या है? भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा इनमें क्यों बदलाव किया जाता है? इनके अलावा भी आपने RBI क्रेटिड पॉलिसी के दौरान रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट और CRR जैसे शब्द सुने होंगे। आइये आज इन सभी के बारे में जानें।

RBI ने फिर बढ़ाया रेपो रेट, महंगा होगा लोन

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लगातार बढ़ती महंगाई के कारण रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को एक बार फिर से रेपो रेट बढ़ाने (RBI Repo Rate Hike) का ऐलान कर दिया है। अब रेपो रेट 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी की है। अब रेपो रेट बढ़कर 5.40 फीसद हो लिक्विडिटी रेशियो क्‍या है गया है। मई में रेपो दर में अप्रत्याशित 40-बेसिस पॉइंट्स और जून में 50 आधार अंकों की वृद्धि के बाद RBI द्वारा की गई यह तीसरी वृद्धि लिक्विडिटी रेशियो क्‍या है है। RBI द्वारा रेपो रेट बढ़ाने से आपके होम और कार लोन जैसे अन्य कर्जों की ईएमआई बढ़ जाएगी।

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट में वृद्धि कर दी है। RBI ने 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी के साथ रेपो रेट को 5.4 फीसद कर दिया है। उन्होंने कहा कि शहरी मांग में सुधार देखने को मिल रहा है। हालांकि, उन्होंने कहा कि कोर महंगाई दर ऊंचे स्तर पर रहने का अनुमान है।

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