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बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया

बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया
अपने वाहनों पर लगे फास्टटैग को आप मोबाइल वॉलेट के साथ साथ क्रिप्टोकरंसी से भी रिचार्ज कर सकेंगे। (Photo Source – PTI)

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Bitcoin mining क्या होता है, क्या आप इससे पैसे कमा सकते हैं?

Bitcoin mining क्या होता है, क्या आप इससे पैसे बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया कमा सकते हैं?

बिटकॉइन माइनिंग(Bitcoin mining) को समझने के लिए चलिए एक छोटा सा उदहारण लेते है। विश्व में जो सोना है या कोई भी धातु है वो कहा से आती है? ये धातु कही पहाड़ों में या जमीन के निचे होते हैं जिसको निकालने के लिए कुछ तरीके होतें हैं। उन्ही तरीकों को माइनिंग कहा जाता है। मान लीजिये हमे सोना निकलना है कही किसी पहाड़ से तो वहां खुदाई करनी पड़ेगी अगल – अलग केमिकल प्रयोग करने पड़ेंगे जिसे हम माइनिंग कहते हैं। जहा पैसा छापा जाता है उसे मिंट(Mint) कहते हैं। वैसे ही बिटकॉइन (Bitcoin) बनाने के तरीके को बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया बिटकॉइन माइनिंग (Bitcoin mining) कहते हैं।

बिटकॉइन माइन करने के लिए चाहिए होता है एक कंप्यूटर जिसमे बहुत ही तेज़ प्रोसेसर हो और जिसकी काम करने की क्षमता बहुत तेज़ हो। फिर उसमे इनस्टॉल करना होता है बिटकॉइन माइन करने का सॉफ्टवेयर। चुकी बिटकॉइन माइनिंग का जो अल्गोरिथम होता है वो बहुत जटिल होता है। इसलिए हमे बहुत ही अच्छे क्वालिटी का कंप्यूटर चाहिए होता है।

बिटकॉइन माइनिंग लाखों लोग कर रहें होते है एक समय में। जब भी किसी कंप्यूटर पर एक बिटकॉइन का ब्लॉक माइन होता है तो बिट कॉइन बनता है। इसी प्रक्रिया को बिटकॉइन माइनिंग (Bitcoin mining) कहते हैं।

बिटकॉइन माइनिंग (Bitcoin mining) से पैसा कैसे कमाते हैं? How we earn from bitcoin mining:

चुकी बहुत लोग एक साथ माइनिंग कर रहे होते है तो सबके सिस्टम पर बिटकॉइन का ब्लॉक माइन नहीं होता। किसी एक के ही कंप्यूटर पर होता। तो मान लीजिये आप किसी को बिटकॉइन भेज रहें हैं चुकी इसका तो कोई वॉलेट होता नहीं है कोई केंद्र नहीं है जैसे रुपये कहा होते है रिज़र्व बैंक में तो रुपये का केंद्र रिज़र्व बैंक है लेकिन बिटकॉइन का ऐसा कुछ नहीं है। बिटकॉइन का लेन – देन सिर्फ दो आदमी के बिच होता है। इस लेन – देन का एक फीस होता है, तो जब भी ये लेन – देन किसी कंप्यूटर पर होता है, तो लेन – देन की फीस जिसके कंप्यूटर से होता है उसे मिल जाती है। मतलब अगर आप बिटकॉइन माइन कर रहे है तो बिटकॉइन का लेन – देन आप के भी कंप्यूटर पर हो सकता है। चुकी उस समय एक ब्लॉक बनता होता है और हमने बताया जब एक ब्लॉक बनता है तो बिटकॉइन बनता है और इस प्रोसेस को माइनिंग कहते है। तो जब भी आप के कंप्यूटर पर माइनिंग होगा आप को उसका फीस मिल जाता है।

बिटकॉइन को लेकर क्या है भारत में कानून

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बिटकाइन एक विकेंद्रीकृत डिजिटल मुद्रा है. यह पहली विकेन्द्रीकृत डिजिटल मुद्रा है जिसका अर्थ है की यह किसी केंद्रीय बैंक द्वारा नहीं संचालित होती. कंप्यूटर नेटवर्किंग पर आधारित भुगतान हेतु इसे निर्मित किया गया है. इसका विकास सातोशी नकामोतो नामक एक अभियंता ने किया है.

यह 2008 में डिजिटल दुनिया के लिए एक क्रिप्टोग्राफिक और डिजिटल प्रयोगात्मक मुद्रा पेश की गई है. पीयर-टू-पीयर इलेक्ट्रॉनिक भुगतान प्रणाली बिटकॉइन के रूप में भी जाना जाता है, वर्चुअल रूप में है और इसका उपयोग ऑनलाइन भुगतान के साथ-साथ भौतिक दुकानों में भी किया जाता है. बिटकॉइन का आविष्कार प्राकृतिक रूप से इंटरनेट उपयोग और दुनिया भर में ऑनलाइन लेनदेन में भारी वृद्धि के कारण प्राकृतिक था.बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया

हालांकि, इन वर्षों में बिटकॉइन की सुरक्षा और वैधता पर सवाल उठाया गया है. भारत में, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) बिटकॉइन के विनियमन पर बहुत उत्सुक नहीं रहा है.

एक बयान में, भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है, “आरबीआई सलाह देता है कि उसने ऐसी योजनाओं को संचालित करने या बिटकॉइन या किसी आभासी मुद्रा से निपटने के लिए किसी भी इकाई या कंपनी को कोई लाइसेंस या प्राधिकरण नहीं दिया है. इस प्रकार, कोई भी उपयोगकर्ता, धारक, निवेशक, व्यापारी, आदि, आभासी मुद्राओं से निपटने से अपने जोखिम पर ऐसा कर रहा है. “

वर्चुअल वॉलेट के मूल्यों के प्रदर्शन और प्रशंसा की प्रक्रिया के बाद, बिटकॉइन को अधिक सुरक्षित और मूल्यवान निवेश के रूप में देखा जा रहा है.

यह याद रखना चाहिए कि बिटकॉइन मूल रूप से एल्गोरिदम के आधार पर कोड का एक छोटा संग्रह है जिसे पहली बार सतोशी नाकामोतो द्वारा पेश किया गया था. बिटकॉइन का निर्माण और हस्तांतरण ओपन सोर्स क्रिप्टोग्राफिक प्रोटोकॉल के माध्यम से किया जाता है, जिसे केंद्रीय रूप से प्रबंधित नहीं किया जाता है. बिटकॉइन नेटवर्क में एक सार्वजनिक खाताधारक है जिसे ब्लॉकचेन कहा जाता है. यह खाताधारक विस्तार से संसाधित प्रत्येक लेनदेन का रिकॉर्ड रखता है. यह उपयोगकर्ता को प्रत्येक लेनदेन की वैधता को सत्यापित करने की अनुमति देता है. प्रत्येक लेनदेन की प्रामाणिकता और वैधता डिजिटल हस्ताक्षर के माध्यम से संरक्षित होती है, जो प्रेषक के पते से मेल खाती है जिससे सभी उपयोगकर्ताओं को अपने बिटकॉइन पते से बिटकॉइन भेजने पर पूर्ण नियंत्रण प्राप्त बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया करने की अनुमति मिलती है. इस प्रकार, कोई भी व्यक्ति विशेष हार्डवेयर की कंप्यूटिंग शक्ति का उपयोग करके लेनदेन को संसाधित या संसाधित कर सकता है.

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बिटकॉइन को कई देशों के स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध किया गया है. पांच सबसे बड़े एक्सचेंजों में शामिल हैं

बीटीसी (चीन)
माउंट गोक्स (जापान)
बिटबॉक्स (यूएसए)
बिटस्टैम्प (स्लोवेनिया) और
बिटकुरेक्स (पोलैंड)

वर्तमान में, भारत में कोई केंद्रीकृत बिटकॉइन एक्सचेंज नहीं है. हालांकि, उपयोगकर्ता कई वेबसाइटों के माध्यम से बिटकॉइन खरीद और बेच सकते हैं और इसने ऑनलाइन बिटकॉइन वॉलेट वाले 23,000 से अधिक भारतीय उपयोगकर्ताओं को शामिल किया है.

इस प्रकार, इस मामले के क्रूक्स में कहा गया है कि बिटकॉइन भारत में गैरकानूनी नहीं है लेकिन आरबीआई द्वारा केंद्रीय रूप से नियमित रूप से नियमित रूप से नियमित रूप से व्यवहार्य रूप से व्यवहार्य या प्रचारित नहीं किया गया है. आरबीआई ने बिटकॉइन से जुड़े सुरक्षा मुद्दों पर जोर दिया है क्योंकि वे केवल डिजिटल प्रारूप में हैं और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया जैसे ई-वालेटस में संग्रहित हैं. वे हैकिंग, पासवर्ड की हानि, एक्सेस क्रेडेंशियल्स का नुकसान, मैलवेयर हमले इत्यादि के लिए प्रवण हैं. इस तथ्य पर बल दिया गया है कि बिटकॉइन न तो बनाए गए हैं और न ही किसी अधिकृत केंद्रीय रजिस्ट्री या एजेंसी के माध्यम से व्यापार किए जाते हैं.

हालांकि, यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि बिटकॉइन की धारणा भारत के प्रधान मंत्री के डिजिटल भारत के सपने के अनुसार है और इस प्रकार आरबीआई के लिए भारत में बिटकॉइन उपयोग को प्रतिबंधित करने के लिए तर्कसंगत नहीं लगता है; जब अन्य सभी ई-वॉलेट और डिजिटल बैंकिंग प्लेटफ़ॉर्म के समान जोखिम कारक होते हैं. चूंकि वर्चुअल मुद्रा को 1999 के विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत परिभाषित नहीं किया गया है, आरबीआई इसे वैध मुद्रा के रूप में स्वीकार करने में संकोचजनक प्रतीत होता है।.

बिटकॉइन को भारत में हाईकार्ट डॉट कॉम, werwired.com, कैसल ब्लूम, sellbitco.in, coinbase.com, coindesk.com, zebpayexchange, unocoin आदि जैसी वेबसाइटों के माध्यम से खरीदा और बेचा जा सकता है, केवल कुछ कंपनियां हैं जो व्यापार कर रही हैं. लगभग 300% की वृद्धि हुई है, इसे निवेश की पसंद के लिए अग्रणी बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया धावक के रूप में देखा जा रहा है.

बिटकॉइन के नियमितकरण पर विचार करने के लिए वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा भारत और वैश्विक स्तर पर डिजिटल मुद्राओं की वर्तमान स्थिति का भंडार लेने के लिए एक अंतःविषय समिति की स्थापना की गई है. वे डिजिटल मुद्राओं के मौजूदा वैश्विक नियामक और कानूनी संरचनाओं की भी जांच करेंगे और उपभोक्ता संरक्षण और मनी लॉंडरिंग जैसे क्षेत्रों में डिजिटल मुद्राओं से निपटने के उपायों का सुझाव देंगे. उन्हें डिजिटल मुद्राओं से संबंधित हर दूसरे प्रासंगिक मामले की जांच करने के लिए नियुक्त किया गया है.

आरबीआई के नियम और बिटकॉइन ट्रेडिंग कंपनियों में से कुछ पर छापे ने बिटकॉइन एलायंस इंडिया (बीएआई) को बिटकॉइन समुदाय के लिए लॉबी बनाने का नेतृत्व किया है. सुरक्षा पर उनका दावा यह है कि बिटकोइन नेटवर्क को ब्लॉकचेन विधि के माध्यम से रिकॉर्ड किया गया है, कोई भी आज तक इसे हैक करने में सक्षम नहीं रहा है.

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Bitcoin क्या है (What Is Bitcoin In Hindi) कैसे काम करता है ! और कैसे खरीदा जा सकता है

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Bitcoin क्या है (What Is Bitcoin In Hindi) कैसे काम करता है ! और कैसे खरीदा जा सकता है

बिटकॉइन एक क्रिप्टोकरेंसी है और यह डिजिटल करेंसी (Digital Currency) है जिसे हम कभी देख नही सकते, और ना ही अपने हाथों में ले सकते। यह एक इलेक्ट्रॉनिक कैश सिस्टम है और यह Blockchain Technology पर Based है और बिटकॉइन ऐसी पहली Cryptocurrency है जिसे हम कोई भी उपयोगी वस्तु को खरीद सकते है, और बिटकॉइन का आसानी से लेन-देन भी किया जा सकता है बिटकॉइन का निर्माण सातोशी नाकामोटो व्यक्ति नामक द्वारा 9 जनवरी 2009 को किया गया था।

डेवलपर > सातोशी नाकामोटो

रिलीज़ बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया डेट > 9 जनवरी 2009

बिटकॉइन के फायदे (Benefits of bitcoin)

● बिटकॉइन के बहुत से फायदे माने जाते है। जैसे इसमें Account कभी ब्लॉक नही किया जा सकता है।

● बिटकॉइन का लेन-देन आसानी से किया जा सकता है और आसानी से खरीदा और बेचा जा सकता है।

● बिटकॉइन को अपने बैंक में Widhraw करने का चार्ज भी बहुत कम होता है।

बिटकॉइन के तथ्य (Bitcoin Facts)

Bitcoin का इस्तेमाल सबसे पहले Laszlo Honecz द्वारा किया गया था Laszlo Honecz नाम का कॉइन का उपयोग Pizza को खरीदने के लिए किया था। इसलिए ही 22 May को Bitcoin Pizza Day के रूप में भी मनाया जाता है Laszlo Honecz ने पिज्जा के पैसे चुकाने के लिए 10,000बिटकॉइन को दिया गया था। मतलब 10,000 बिटकॉइन 41 डॉलर होते है जो भारतीय रुपये में 2664 थे।

जिस से हम बिटकॉइन को खरीदते है उसका नाम, Address के बारे में कभी पता। लेकिन उसकी bitcoin Key Address का पता आसानी से लगाया जा सकता है। Bitcoin को 21 मिलियन से ज्यादा नही बनाया गया है क्योंकि इनकी संख्या पहले से ही तय कर दी गई है।

Satoshi Nakamoto द्वारा Bitcoin के White Paper को 31 अक्टूबर 2008 को जारी किया गया था और बिटकॉइन पर कभी भी बैन लगाना असंभव है। Bitcoin की कीमतें Unstable है और यह कभी भी घट और बढ़ सकती है।

बिटकॉइन कैसे खरीदे (How to Buy Bitcoin)

Bitcoin को खरीदने के लिए Coin Switch Kuber App को रिकमेंड करूँगा क्योंकि इस App को समझना बहुत ही आसान है और इस से आप कोई भी Coin को आसानी से Buy कर सकते है। तो आइए नीचे दिए गए कुछ स्टेप्स को फॉलो करें –

● सबसे पहले अपने मोबाइल के प्ले स्टोर में जाये वहाँ पर Coin Switch Kuber सर्च करे।

● सर्च होने के बाद उसे इंस्टॉल कर ले इसके बाद इसे ओपन करके अपना मोबाइल नंबर दर्ज करें।

● इसके बाद आपके मोबाइल नंबर पर एक OTP आयेगा उसे app में डाल कर नेक्स्ट के बटन पर क्लिक करें।

● अब आपको अपने Account के लिए एक Pin सेट करना होगा, सेट करने के बाद आपको इसे दुबारा Enter करके Confirm करना होगा।

● अब आपका Account बन चुका अब आपको इसके लिए KYC करनी होगी।

Coin Switch Kuber App में KYC कैसे करें?

● App के Option पर क्लिक करे? फिर User Verification पर क्लिक करे।

● बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया अब आपको तीन Steps को Follow करना है और उसके बाद आपकी KYC पूरी तरह कंप्लीट हो जाएगी

● अब आपको Basic Verification पर क्लिक करना और अपनी Basic डिटेल्स को वहाँ डालना है।

● अब Pan बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया Card Verification के ऑप्शन पर क्लिक करें और अपनी डिटेल को अच्छी तरह डालें।

● अब Identity Card Verification पर क्लिक करें और अपनी डिटेल को अच्छी तरह डालें।

● आपकी KYC पूर्ण रूप से पुरी हो चुकी है अब आप कभी भी Bitcoin को खरीद (Buy) कर सकते है।

Coin Switch Kuber द्वारा बिटकॉइन कैसे खरीदे?

● Bitcoin खरीदने के लिए सबसे पहले आपको App के होमपेज पर जाना होगा इसके बाद आपको Deposit के ऑप्शन पर क्लिक करना है।

● अब आपको जितने का बिटकॉइन खरीदना है उतनी राशि को वहाँ डाल देना है जैसे: 100, 500, 100 आपकी जितनी मर्जी डाल सकते हो।

● पैसे बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया डिपाजिट होने के पश्चात आपको Market के ऑप्शन पर क्लिक करना है।

● यह पर आपको बिटकॉइन सर्च करके उसपर क्लिक करना है इसके बाद Buy का ऑप्शन आएगा उस पर क्लिक करना है

● अब आप जितना बिटकॉइन को खरीदना चाहते हो जैसे 100, 500, 2000 अपनी मर्जी के अनुसार पैसे डाल कर Buy के ऑप्शन पर क्लिक कर देना है।

● इतना करने के बाद आपने जितना बिटकॉइन को खरीदा है उतना आपके एकाउंट में आ जायेगा।

● मुनाफा कमाने के लिए आप बिटकॉइन पर प्रतिदीन नजर रख सकते है जब आपका मुनाफा निकल आये उसे बेच सकते है।

बिटकॉइन माइनिंग क्या है (What is Bitcoin Mining)

माइनिंग करके नए बिटकॉइन को बनाया जा सकता है और इसे बनाने के लिए कंप्यूटर शक्ति का उपयोग किया जाता है अगर बिटकॉइन को हम आसान शब्दों में समझे तो यह एक ऐसी करेंसी है जिसे हम कभी देख नही सकते सिर्फ ऑनलाइन एक दूसरे के पास भेज सकते है कोई भी वस्तु खरीद सकते है। बिटकॉइन की लेन देन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कंप्यूटर शक्ति का उपयोग होता है। जो इंसान माइनिंग का काम (Work)करता है उसे ही माइनर Minor कहा जाता है।

बिटकॉइन माइनिंग कैसे होती है (How Bitcoin Mining is done)

अगर आप बिटकॉइन माइनिंग करना चाहते है तो सबसे पहले आपके पास एक कंप्यूटर सिस्टम होना बहुत जरूर है और उसमें हाई स्पीड इंटरनेट होना भी बहुत जरूर है क्योंकि माइनिंग की स्पीड आपके कंप्यूटर सिस्टम की Specification पर डिपेंड करता है और साथ ही आपके कंप्यूटर के हार्डवेयर पर भी डिपेंड करता है बिटकॉइन माइनिंग करने के लिए कंप्यूटर में एक सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाता है।

उम्मीद करता हु PoetryDukan द्वारा लिखे गए इस लेख से आपने Bitcoin के बारे मे विस्तार से जाना होगा जैसे बिटकॉइन क्या है, इसे कैसे खरीदना चाहिए, बिटकॉइन के निर्माता का नाम क्या है, बिटकॉइन माइनिंग क्या है, और कैसे माइनिंग करनी चाहिए, से जुड़े सभी तथ्यों को जानकर अच्छा लगा होगा। अगर आप इस से जुड़ी कोई भी जानकारी पूछना या बताना चाहते है तो कमेंट बॉक्स में जाकर कमेंट कर सकते है।

अब बिटकॉइन से भी रिचार्ज किए जा सकेंगे बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया गाड़ियों के फास्टैग, इस भारतीय स्टार्टअप ने दी सुविधा

डिजिटल करंसी का उपयोग दुनिया में बढ़ता जा रहा है। एलन मस्क और जेफ बेजोस जैसे दुनिया के नामी व्यापारी इसकी तरफदारी भी कर रहे हैं। भारत में भी इसका उपयोग और दायरा बढ़ रहा है। एक स्टार्टअप ने तो क्रिप्टोकरंसी से गाड़ियों का फास्टैग रिचार्ज करने की सुविधा भी शुरू कर दी है।

अब बिटकॉइन से भी रिचार्ज किए जा सकेंगे गाड़ियों के फास्टैग, इस भारतीय स्टार्टअप ने दी सुविधा

अपने वाहनों पर लगे फास्टटैग को आप मोबाइल वॉलेट के साथ साथ क्रिप्टोकरंसी से भी रिचार्ज कर सकेंगे। (Photo Source – PTI)

अगर आपके पास चार पहिया या उससे बड़ा वाहन है तो निश्चित तौर पर आपने भी टोल नाकों पर पेमेंट करने के लिए फास्टैग लगावाया होगा। अभी तक इसे मोबाइल वॉलेट या ई-बैंकिंग द्वारा रिचार्ज किया जाता है। लेकिन एक देसी क्रिप्टो स्टार्टअप ने बिटकॉइन (Bitcoin) के जरिए फास्टैग (Fastag) को रिचार्ज करने की सुविधा शुरू की है।

100 रुपए से 10 हजार तक का रिचार्ज
भारत के सबसे पहले क्रिप्टो स्टार्टअप में से एक यूनोकॉइन (Unocoin) ने हाल ही में एक ब्लॉग पोस्ट में फास्टैग रिचार्ज के बारे में बताया है। पोस्ट के मुताबिक उनके ऐप में एक नया फीचर जोड़ा गया है। इसके तहत यूजर अपने खाते में रखे बिटकॉइन का इस्तेमाल कर फास्टैग को रिचार्ज कर सकते हैं। कंपनी का कहना है कि यदि यह प्रयोग सफल रहेगा तो भविष्य में बिटकॉइन के अलावा अन्य क्रिप्टोकरेंसी (Cryptos) को भी इसमें शामिल किया जा सकता है।

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कंपनी ने ब्लॉग पोस्ट में बताया कि यूजर फिलहाल कम से कम 100 रुपये और अधिकतम 10 हजार रुपये के बिटकॉइन का इस्तेमाल कर पाएंगे। इसके लिए यूनोकॉइन पर खरीदे गए बिटकॉइन के साथ ही अन्य वॉलेट से ट्रांसफर किए गए क्रिप्टो का भी इस्तेमाल किया जा सकेगा।

एक जनवरी से अनिवार्य हो चुका है Fastag
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया ने हाईवे पर टोल जमा करने की प्रक्रिया को इलेक्ट्रॉनिक बनाने के लिए फास्टैग की शुरुआत की है। इसे इसी साल जनवरी से सभी वाहनों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है।

कंपनी ने बताया कि वह बिटकॉइन से फास्टैग रिचार्ज करने में सिर्फ मध्यस्थ की भूमिका निभाएगी। कंपनी यूजर के बिटकॉइन को रुपये में बदलकर आगे भुगतान प्रोसेस करेगी। यूजर को इस प्रक्रिया में बिटकॉइन के उस समय के रेट के हिसाब से रुपये मिलेंगे।

Unocoin के 14 लाख यूजर
यूनोकॉइन के संस्थापक सात्विक विश्वनाथ बताते हैं कि अभी उनकी कंपनी के पास करीब 14 लाख यूजर हैं। यूनोकॉइन ने डोमिनोज, कैफे कॉफी डे, बास्किन रॉबिन्स जैसी कंपनियों के साथ भी गठजोड़ किया है। कंपनी अपने यूजर को बिटकॉइन बेचकर इनके बदले गिफ्ट कार्ड्स खरीदने की सुविधा भी दे रही है। इस तरह यूनोकॉइन के यूजर क्रिप्टो से पिज्जा से लेकर कॉफी और आइसक्रीम तक खरीद सकते हैं।

भरोसेमंद एक्सचेंज से ही करें बिटकॉइन में निवेश

अगर इसकी वैल्यू गिरने लगी तो अधिक लोग इसे बेचना शुरू करेंगे, जिससे इसकी कीमत लगातार घटती चली जाएगी. किसी फ्री मार्केट में कीमत निर्धारित करने का यही फार्मूला है.

भरोसेमंद एक्सचेंज से ही करें बिटकॉइन में निवेश

मुझे पता है कि आप यह कह सकते हैं कि सोना भी अगर एक बुलबुला ही है. लेकिन आप यह कतई नहीं कह सकते कि यह बिजनेस या जमीन की तरह अगली पीढ़ी को ट्रांसफर नहीं किया जा सकता. यह कोई उत्पादक संपत्ति नहीं है. अगर लोग सोना खरीदना बंद कर दें तो इसकी कीमत गिर जाएगी.

अगर इसकी वैल्यू गिरने लगी तो अधिक लोग इसे बेचना शुरू करेंगे, जिससे इसकी कीमत लगातार घटती चली जाएगी. किसी फ्री मार्केट में कीमत निर्धारित करने का यही फार्मूला है.

बहुत से लोग यह मानते हैं कि बिटकॉइन मानवीय स्वभाव के बेसिक नियमों से सुरक्षित है. बिटकॉइन के चालू होने, रिवोल्यूशनरी ब्लॉकचेन तकनीक, किसी गुमनाम से शख्स द्वारा शुरुआत और इसके बेहतरीन होने के दावे आज के जमाने के हिसाब से बिलकुल सही हैं.

वास्तव में लोग यह मानते हैं कि सतोशी नकामातो टाइम ट्रेवलर थे और बिटकॉइन हमारे भविष्य की तकनीक के हिसाब से टेक्नोलॉजी ट्रांसफर का तरीका है.

अगर ऐसा है, तब भी बिटकॉइन की कीमत अलग विषय बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया है. इसकी कीमत में तेजी यह दिखाती है कि कैसे एक फ्री मार्केट में किसी चीज की कीमत चढ़ती है, यह इसी तरीके से गिर भी सकती है. कीमत में तेजी यह साबित करखर्च करें मगर सोच-समझकर, उपयोगी टिप्सती है कि इसे खरीदने वाले लोग जहां जमकर दांव लगा रहे हैं, वहीं इसे बेचने वाला कोई नहीं है. बिटकॉइन की आपूर्ति पर माइनिंग की प्रक्रिया का भी असर पड़ता है.

बहुत से लोगों ने इस बात को दिल से लगा लिया है कि इसकी कोई सीमा है कि कितने बिट कॉइन हो सकते हैं. इससे अधिक नहीं हो सकते. यह हमें एक ऐसी छवि बनाने में मदद करता है कि गणितीय रूप से यह इसी मौद्रिक नीति पर आधारित है.

अब तक हालांकि यह सच सामने नहीं आया है कि कीमत में बेतहाशा वृद्धि के बाद बिटकॉइन में आगे क्या हो सकता है. इसके कई पहलू हैं. मसलन बिटकॉइन को शॉर्ट नहीं किया जा सकता. यह एक ऐसा डेरिवेटिव है जिस बाजार पर किसी का नियंत्रण नहीं है. यह भरोसे के लायक नहीं है. दुनिया में बहुत से ऐसे लोग हैं जो यह मानते हैं कि बिटकॉइन जल्द ही क्रैश हो सकता है.

इस रुख में हालांकि जल्द ही बदलाव हो सकता है क्योंकि बहुत से भरोसेमंद एक्सचेंज अब बिटकॉइन डेरिवेटिव बनाने पर विचार कर रहे हैं. नैस्डेक भी इनमें से एक है. इस बुलबुले में यह एक इन्फ्लेशन पॉइंट भी हो सकता है.

बचत करने वाले या निवेशक के हिसाब से महत्वपूर्ण यह है कि वे जुआ खेल रहे हैं. यह सिर्फ बुलबुले की वजह से नहीं है, यह बिटकॉइन के मैकेनिज्म की वजह से भी है. अगर आप यह समझ भी लें कि बिटकॉइन एक जुआ है और आप ट्राय करना चाहें तो इसके मशीनरी एक दिक्कत है. पिछले कुछ महीने में बहुत से बिचौलिए सामने आये हैं. बहुत सी वेबसाइट और एप हैं जो आपको बिटकॉइन खरीदने और आपके लिए स्टोर करने की सुविधा देते हैं. ऐसे में जरूरी है कि बिटकॉइन में निवेश भरोसेमंद एक्सचेंज से ही किया जाए.

इन ऑफर में बहुत से भरोसेमंद नहीं हैं. यह सबसे बड़ी दिक्कत है कि बिटकॉइन के मामले में आप इस पर मालिकाना हक़ का दावा साबित ही नहीं कर सकते.

एक ऐसे वित्तीय सिस्टम में जहां लोगों ने पेड़, कॉलेज डिग्री, फूल और चिड़ियों के नाम पर फर्जी निवेश योजनायें बनाई और करोड़ों लोगों के रकम पर डाका डाला , ऐसी क्या वजह है कि अब तक घोटालेबाजों की नजर इस पर नहीं पड़ी है.

(लेखक वैल्यू रिसर्च के सीईओ हैं. यहां व्यक्त विचार निजी हैं.)

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