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SIP Calculator: रोज निवेश करें बस 17 रुपये, कम उम्र में ही बन जाएंगे करोड़पति; अभी से करें शुरुआत
Investment Tips: निवेश शुरू करने से पहले आप किसी जानकार या एक्सपर्ट से भी मशविरा ले सकते हैं. इनवेस्टमेाट के लिए हम आपको उदाहरण के जरिये कुछ चीजें बता रहे हैं, आप चाहें तो इससे भी कुछ आइडिया ले सकते हैं.
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Best Investment Plan: खुद के लिए और परिवार के लिए भविष्य की रूपरेखा तैयार करना बहुत जरूरी है. आने वाले समय में किसी तरह की परेशानी होने पर आप दूसरों के भरोसे न रहे, इसे ही फ्यूचर प्लानिंग कहा गया है. फ्यूचर प्लान करने की कोई उम्र नहीं होती, आप जब शुरू कर दें तब ही अच्छा है. हालांकि कम उम्र में शुरू किया गया निवेश आपको रिटायरमेंट के समय बहुत सपोर्ट देता है. अगर आपने अभी तक कुछ भी प्लान नहीं किया है तो जल्द इस पर ध्यान देने की जरूरत है.
निवेश जब शुरू कर दिया जाए तब ही अच्छा
निवेश शुरू करने से पहले आप किसी जानकार या एक्सपर्ट से भी मशविरा ले सकते हैं. इनवेस्टमेाट के लिए हम आपको उदाहरण के जरिये कुछ चीजें बता रहे हैं, आप चाहें तो इससे भी कुछ आइडिया ले सकते हैं. निवेश जब शुरू कर दिया जाए तब ही अच्छा है. आप रोजाना थोड़ा-थोड़ा पैसा जमा करके भी भविष्य के लिए बड़ा फंड तैयार कर सकते हैं.
500 रुपये महीने की बचत
यहां हम आपको निवेश करें बताएंगे किस तरह आप अपनी जरूरत के बीच से थोड़ा पैसा बचाकर बड़ा फंड (Large Fund With Small Investment) तैयार कर सकते हैं. उदाहरण के लिए यदि आप 500 रुपये महीना का निवेश करने का प्लान बना रहे हैं तो रोजाना आपको 16.66 रुपये (करीब 17 रुपये) बचाने होंगे. हर दिन 17 रुपये बचाना किसी के लिए भी बड़ी बात नहीं है.
20 प्रतिशत या इससे ज्यादा का रिटर्न
शुरुआत में आप म्यूचुअल फंड में निवेश करके सेविंग शुरू कर सकते हैं. 500 रुपये महीने की एसआईपी (SIP) से भी आपके करोड़पति बनने की ख्वाहिश पूरी हो सकती है. करोड़पति के लिए आपको रोजाना 17 रुपये (500 रुपये महीने) का निवेश म्यूचुअल फंड में करना होगा. पिछले कुछ सालों में म्यूचुअल फंड ने 20 प्रतिशत या इससे भी ज्यादा का रिटर्न दिया है.
20 साल में बढ़कर इतना हो जाएगा पैसा
इसके लिए आपको हर दिन 17 रुपये यानी महीने में 500 रुपये का निवेश (सालाना 6 हजार रुपये) करना होगा. 6 हजार रुपये सालाना 20 साल तक जमा करने पर आप 1.2 लाख रुपये जमा करते हैं. 20 साल में सालाना 15 प्रतिशत के रिटर्न पर आपका फंड बढ़कर 7 लाख 8 हजार रुपये हो जाएगा. 20 प्रतिशत सालाना रिटर्न की बात करें तो यह फंड बढ़कर 15.80 लाख रुपये हो जाएगा.
यदि 30 साल का हिसाब लगाएं तो.
वहीं यदि आप इस निवेश की अवधि बढ़ाकर 30 महीना कर देते हैं तो इस दौरान आप कुल 1.8 लाख रुपये जमा करते हैं. 30 साल तक इस पर यदि आपको 20 प्रतिशत सालाना का रिटर्न मिलता है तो आपका फंड बढ़कर 1.16 करोड़ रुपये हो जाएगा. म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर इनवेस्टक को कम्पाउंडिंग का फायदा मिलता है. इसमें आप छोटी रकम से हर महीने निवेश कर सकते हैं. यही कारण है कि छोटी रकम के निवेश पर आपको बड़ा फंड मिलने की निवेश करें निवेश करें उम्मीद ज्यादा रहती है.
(डिस्कलेमर : म्यूचुअल फंड में निवेश जोखिम के अधीन है. किसी भी तरह के निवेश से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.)
इस एलआईसी पॉलिसी में प्रति माह 2,000 रुपये का निवेश करें, 48 लाख रुपये से अधिक का रिटर्न प्राप्त करें
ज्यादातर लोग इस योजना में निवेश करना चाहते हैं जहां से उन्हें हर बार ज्यादा से ज्यादा रिटर्न मिल सके. लेकिन आपको पता होना चाहिए कि यह इतना आसान नहीं है। हर बार मुनाफा कमाना हर किसी के बस की बात नहीं होती। कई बार निवेशकों को भारी नुकसान भी उठाना पड़ता है। इसलिए अगर आप बिना किसी टेंशन या रिस्क के निवेश करना चाहते हैं तो एलआईसी का यह प्लान आपके लिए बेस्ट रहेगा।
इस योजना में आपको केवल 2000 रुपये प्रति माह का निवेश करना है और आपको 48 लाख रुपये तक मिलेंगे। यहां इस एलआईसी योजना का विवरण दिया गया है जिसमें यह भी शामिल है कि इतना रिटर्न कैसे प्राप्त करें।
भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) निवेशकों के लिए कई तरह की योजनाएं चला रहा है, जिसमें निवेशकों को बंपर मुनाफा कमाने को मिलता है। एलआईसी में लोग आसानी से निवेश कर सकते हैं क्योंकि यह एक सरकारी कंपनी है जो दशकों से चल रही है। यहां एलआईसी के प्लान नंबर 914 के बारे में बताया गया है, जो कुछ मायनों में बेहद खास साबित होता है। आप इस पॉलिसी से भारी मुनाफा कमा सकते हैं।
अगर कोई व्यक्ति 18 साल की उम्र में प्लान नंबर 914 शुरू करता है तो उसे 10 लाख रुपये का बीमा मिलेगा। साथ ही, आपके पास 35 साल का कार्यकाल होना चाहिए। ऐसे में इस प्लान की कीमत 24391 रुपये सालाना होगी यानी हर महीने 2079 रुपये का प्रीमियम जमा करना होगा. 35 साल बाद निवेशक को मैच्योरिटी राशि के रूप में 48 लाख 40 हजार रुपये का रिटर्न मिलेगा।
Investment Tips: इस तरह से करें पैसों का उचित निवेश, रिटायरमेंट के बाद नहीं होगी समस्या
Financial Planning for Retirement:हममें से अधिकांश लोग अपने दैनिक कामों को प्राथमिकता देने के लिए अपने वर्किंग ईयर या नौकरी के दौरान अपने व्यक्तिगत शौक और पैशन को ताक पर रख देते हैं, क्योंकि इनकी वजह से खर्च बढ़ जाते हैं।
Financial Planning for Retirement: आज के दौर में समय रहते ही फाइनेंशियल प्लानिंग कर लेना बहुत जरूरी है, जिससे रिटायरमेंट के बाद फाइनेंस को लेकर टेंशन कम हो सके। हालांकि फाइनेंशियल प्लानिंग भी सही तरीके से होना चाहिए, जिससे अपने वित्तीय लक्ष्य पूरे किए जा सकें। पर्सनल फाइनेंस की बात करें तो पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन और एसेट अलोकेशन इसके मूलभूत सिद्धांत हैं, जिनसे भारतीय निवेशक और एडवाइजर अच्छी तरह से परिचित हैं। PGIM इंडिया म्यूचुअल फंड के CEO अजीत मेनन ने यहां कुछ ऐसे टिप्स दिए हैं, जिससे युवा अवस्था में ही रिटायरमेंट के बाद के लिए बेहतर तरीके से प्लानिंग की जा सकती है.
कैसे बेहतर होगा पोर्टफोलियो का प्रदर्शन
उनका कहना है कि हममें से अधिकांश लोग अपने दैनिक कामों को प्राथमिकता देने के लिए अपने वर्किंग ईयर या नौकरी के दौरान अपने व्यक्तिगत शौक और पैशन को ताक पर रख देते हैं, निवेश करें क्योंकि इनकी वजह से खर्च बढ़ जाते हैं। हालांकि, म्युचुअल फंड इंडस्ट्री से यह सीख मिलती है कि डाइवर्सिफिकेशन और एसेट अलोकेशन के चलते पोर्टफोलियो का प्रदर्शन बेहतर किया जा सकता है। इसे एक उदाहरण से समझ सकते हैं- जब इक्विटी में गिरावट आती है तो पोर्टफोलियो में गोल्ड का अलोकेशन होने से अस्थिर समय के दौरान स्थिरता मिलती है। हालांकि, ध्यान रहे कि आपके निवेश का बड़ा या अधिकांश हिस्सा सोना नहीं होना चाहिए, क्योंकि इससे सही रिजल्ट नहीं हासिल किया जा सकता है।
रिटायरमेंट में कम होगी टेंशन
उनका कहना है कि हमारा डेली वर्क पोर्टफोलियो के इक्विटी भाग की तरह हैं और हमारे व्यक्तिगत शौक और पैशन गोल्ड अलोकेशन की तरह है। यह तब तक नहीं है जब तक हम रिटायर नहीं हो जाते, इसलिए हमें रिटायरमेंट के अपने गोल्डेन ईयर्स के दौरान किसी भी तरह के टेंशन को खत्म करने के लिए अपने शौक पर फोकस करने और उनको विकसित करने की आवश्यकता महसूस होती है।
रिटायरमेंट के बाद नई पहचान
जैसे-जैसे कोई रिटायरमेंट की उम्र तक पहुंचता है, उसके बच्चे बड़े होते जाते हैं और उसका प्रोफेशनल करियर समाप्त हो रहा होता है। रिटायरमेंट के बाद एक व्यक्ति लगभग नई पहचान के साथ सामने आता है, उसकी पुरानी आइडेंटिटी खत्म हो जाती है। कह सकते हैं कि रिटायरमेंट के बाद वह शख्स खुद के लिए अजनबी जैसा होता है। इसका बेहतर समाधान यह नहीं है कि रिटायरमेंट के बाद खुद की तलाश की जाए, बल्कि वर्किंग ईयर में निवेश करें ही खुद को रिटायरमेंट के लिए तैयार किया जाए।
इसका मतलब यह नहीं है कि वर्किंग ईयर के दौरान किसी को परिवार को समय देना छोड़कर लंबे लंबे समय तक काम करते रहना चाहिए, उन्हें परिवार की जिम्मेदारियों को भी उठाने की भी जरूरत है। जीवन कुछ लोगों को कुछ बुरे अनुभव देता है और हम सभी को उन अनुभवों को महसूस करना होता है, जो हम बांटते हैं। जहां तक भारत की बात है वर्किंग मिडिल क्लास यह मान लेता है कि अमीर खुश हैं जबकि गरीब दुखी रहते हैं।
युवा पीढ़ी का इनकम पर होता है फोकस
लेकिन आजकल की युवा पीढ़ी को देखें, तो एक अलग अहसास होता है। युवा वयस्क का फोकस आय बढ़ाने पर ज्यादा रहता है। कई बार वह नौकरी के अलावा भी कोई साइड वर्क करते हैं, जिससे उनकी आय बढ़ सके। साइड वर्क किसी के कौशल या शौक पर आधारित होता है। उदाहरण के लिए अगर मैं किसी विषय पर एक किताब लिखता हूं और इसे प्रकाशित करवाता हूं, तो यह मेरे लिए एक एएमसी के सीईओ के रूप में नियमित नौकरी के अलावा एक अतिरिक्त काम है। अगर किताब के लिए मेरी लेखन क्षमता को लेकर आत्मविश्वास बढ़ाने वाली अच्छी समीक्षाएं मिलती हैं, तो मैं रिटायरमेंट में फुल टाइम लेखक बन सकता हूं।
साइड वर्क से बढ़ सकती है इनकम
युवा वयस्क साइड वर्क के इस विचार को बहुत गंभीरता से लेते हैं और अपने पैशन को अपने दैनिक कामों के साथ अलाइन करना चाहते हैं। हो सकता है कि वे अपनी रेगुलर नौकरी छोड़कर रिटायरमेंट से पहले ही फुलटाइम लेखक बनना चाहें, जबकि पुरानी पीढ़ी में बहुत कम लोग ही इतना बड़ा कदम उठा सकते हैं।
लाइफ में जोखिम कम करना जरूरी
दूसरे शब्दों में, अपने पोर्टफोलियो और लाइफ पर अधिक ध्यान केंद्रित न करें और जहां तक संभव हो जोखिम को कम करें। इस युवा पीढ़ी में उभरने वाला एक और अंतर रिटायरमेंट की उम्र की इस अवधारणा के बारे में ही है, जो एक इंडस्ट्रियल एरा का कॉन्सेप्ट है। आज के दौर में लोग परंपरा से हटकर 58-60 की उम्र से बहुत पहले रिटायर होना चाहते हैं, लेकिन दूसरी ओर साइड वर्क कभी भी नहीं छोड़ना चाहते हैं। यही आदतें युवा पीढ़ी को कम आय में भी खुश रखती है। जब तक वे जो कर रहे हैं,तब तक काम करना और कमाई करना उनका जुनून है और यही उन्हें खुश रखता है।
शौक के कई रूप हो सकते हैं, चाहे वह कोई ऐसी गतिविधि हो जिसे आप अपनी युवावस्था के दौरान पसंद करते हों, या कोई ऐसा कौशल जिसे आप निखारना चाहते हों, या यह पूरी तरह से कुछ नया हो। हालांकि, डाइवर्सिफिकेशन के प्रयास को तुरंत शुरू करना होगा।
भारत में मूनलाइटिंग कितना वाजिब
भारत में इन दिनों मूनलाइटिंग पर अच्छी खासी बहस हो रही है। इसकी वैधता पर भी सवाल उठाया जा सकता है, क्योंकि कई नौकरियों को काम करने का विचार कई मायने में फिट नहीं होता है। इसके पीछे तर्क यह है कि कर्मचारी एक ही कौशल का उपयोग कई नौकरियों को करने के लिए कर रहा है। अगर कोई आईटी पेशेवर मूनलाइटिंग कर रहा है, तो वह अपने कोडिंग कौशल का उपयोग प्राथमिक नौकरी के अलावा कहीं और कर रहा है। इसके बजाय कंपनियों को सलाह है कि वे कर्मचारियों को उनके पेशेवर कौशल से बाहर गतिविधियों, कारणों, शौक को लेने के लिए प्रोत्साहित करें और उन्हें किसी तरह से समर्थन दें। यह मानसिक स्वास्थ्य के निर्माण में भी मदद करेगा और उन्हें उनकी रिटायरमेंट के लिए तैयार करेगा। अंत में एक पुरानी पीढ़ी के लिए, 30 - 35 सालों तक एक ही काम करने का एकाग्रता एक महत्वपूर्ण जोखिम है, जो उनके रिटायरमेंट के सालों और मानसिक स्वास्थ्य पर "रिटायरमेंट कॉर्पस" की तुलना में बड़ा प्रभाव डाल सकता है।
Dhanteras 2022: इन तीन तरह से करें गोल्ड में निवेश, हो जाएंगे मालामाल
धनतेरस पर लोग तरह-तरह के धातु से बनी हुई चीजों को खरीदना पसंद करते हैं। सोने से बने हुए सामानों को धनतेरस पर खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। अगर बात करें सोने में निवेश की तो कई लोग सोने में निवेश करते हैं। सोने में निवेश करने के कई तरह के ऑप्शन होते हैं।
इससे आपको कई तरह के फायदे तो होते ही हैं और साथ ही आपको भविष्य में आर्थिक परेशानी का सामना करने में निवेश करें भी मदद मिलती है। अगर आप इस धनतेरस पर निवेश करने की सोच रहे हैं तो हम आपको बताएंगे तीन तरीकों के बारे निवेश करें में जिसमें आप निवेश करके लाभ उठा सकते हैं।
1)गोल्ड ईटीएफ में निवेश करें
अगर आप स्टॉक एक्सचेंज की अच्छी समझ रखते हैं तो गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने का फायदा आपको बेहतर तरीके से मिल सकता है। आपको बता दें कि डी मैटेरियलिज्ड फॉर्म में सोने में निवेश करने की सुविधा इसमें मिलती है। इसका मतलब यह है कि आप इसे स्टॉक एक्सचेंज में खरीद और बेच सकते हैं।
आपको बता दें कि इसकी कीमत के बारे में आप अपडेट पा सकते हैं। आपको बता दें कि पेपर गोल्ड में निवेश करने का यह सबसे अच्छा तरीका माना जाता है क्योंकि यह कॉस्ट इफेक्टिव होता है। गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने के लिए डिमैट और ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट खोल सकते हैं।
2)सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में रखें सोना
आपको बता दें कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड यानी एसजीबी एक सरकारी सिक्योरिटी होती है। इसमें निवेश करने वाले को इश्यू प्राइस का भुगतान कैश में करना होता है और जब बांड मैच्योरिटी होती है तो निवेशक को रिडीम करने में आसानी होती है। अगर आप लगभग 10 सालों के लिए निवेश करना चाहते हैं तो यह सुरक्षित तरीका माना जाता है।
आपको बता दें कि फिजिकल गोल्ड रखने निवेश करें का यह एक बहुत अच्छा ऑप्शन होता है। आपको बता दें कि आरबीआई ने जब सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की नई सीरीज शुरू की थी तो इसमें कम से कम 5147 रुपये प्रति एक ग्राम का निवेश किया जा सकता है।
साथ ही अगर आप चाहें तो डिजिटल फॉर्म में भी निवेश कर सकते हैं। आपको बता दें कि इसमें ऑनलाइन खरीदारी पर 50 रुपये की छूट भी मिलती है। इसमें अधिकतम सीमा 4 किलो सोना रखने की रखी गई है।
3)गोल्ड फंड ऑफ फंड्स में निवेश
अगर आप एफओएफ यानी गोल्ड फंड ऑफ फंड्स करते हैं तो आपको बता दें कि इसमें आपको सेफ्टी और सिक्योरिटी के साथ- साथ बेस्ट रिटर्न भी मिलता है। साथ ही इसे सोने में निवेश करने के लिए काफी बेहतर ऑप्शन माना जाता है। आपको अगर ज्यादा समय के लिए निवेश करना है तो इसके अलावा आपको ईटीएफ में निवेश करना चाहिए।
इन सभी तरह से आप इस बार धनतेरस पर सोने में निवेश करके भविष्य में कई तरह के फायदे उठा सकते हैं।
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