विदेशी मुद्रा में मुद्रा व्यापार कैसे करें?

4. पता मूल्य निर्धारण, और अन्य प्रमुख मुद्दे: मूल्य निर्धारण, अक्सर, समझौता प्राप्त करने में निर्णायक मुद्दा होता है, लेकिन, इन पर चर्चा करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे अन्य शर्तों, वित्तीय, भावनात्मक, समय से संबंधित, संभावित तनाव, से संबंधित हैं। और/या, जोखिम/इनाम विचार!
Motorola g52 पर मिल रहा 6 हजार का डिस्काउंट, ऐसे करें ऑर्डर
Vladimir Putin News: कैंसर के विदेशी मुद्रा में मुद्रा व्यापार कैसे करें? दावों के बीच ही सीढ़ियों से गिरे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, डॉक्टर परेशान!
नई दिल्ली।
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सौंदर्य, स्वास्थ्य और जीवन शैली विकल्प
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लगातार तीसरे हफ्ते विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा में मुद्रा व्यापार कैसे करें? भंडार में उछाल, 550 अरब डॉलर को किया पार
नई दिल्ली
बीते 25 नवंबर को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा है। यह लगातार तीसरा सप्ताह है जब विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी हुई है। सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 2.9 अरब डॉलर बढ़कर 550.14 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक 18 नवंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.54 अरब डॉलर बढ़कर 547.विदेशी मुद्रा में मुद्रा व्यापार कैसे करें? 25 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। अगस्त, 2021 के बाद देश के विदेशी मुद्रा भंडार में इस सप्ताह सबसे तेज वृद्धि हुई है। बता दें कि अक्टूबर, 2021 में विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया था।
-केंद्रीय बैंक ने कहा कि कुल मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा माने जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 25 नवंबर को समाप्त सप्ताह में तीन अरब डॉलर बढ़कर 484.28 अरब डॉलर हो गईं। इसके अलावा स्वर्ण भंडार का मूल्य सप्ताह में 7.3 करोड़ डॉलर की गिरावट के साथ 39.938 अरब डॉलर रह गया। – सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में रखा देश का मुद्रा भंडार भी 1.4 करोड़ डॉलर घटकर 5.03 अरब डॉलर रह गया।
मुद्रा संकट के डर से विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाते रहने के उलटे नतीजे भी मिल सकते हैं
चित्रणः रमनदीप कौर । दिप्रिंट
नये आंकड़े बताते हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) का विदेशी मुद्रा भंडार बहुत तेजी से बढ़ रहा है. अप्रैल 2020 के बाद से आरबीआइ के डॉलर के भंडार में 100 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है और यह कुल 608 अरब डॉलर का हो गया है. इस तरह भारत दुनिया में सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार रखने वाला पांचवां देश बन गया है.
केंद्रीय बैंक इसे उचित ठहराने के लिए विदेशी मुद्रा का पर्याप्त भंडार रखने की बातें कर रहा है. कहा जा रहा है कि आरबीआइ सिर्फ इतना बड़ा भंडार रखता है जो आयात के 15 महीने के बिल का भुगतान करने को पर्याप्त हो जबकि दूसरे देश इससे ज्यादा का भंडार रखते हैं. स्विट्ज़रलैंड, जापान, रूस, चीन भारत की तुलना में ज्यादा बड़ा भंडार रखते हैं जो क्रमशः 39, 20, 16 महीने के आयात बिल के लिए पर्याप्त हो. लेकिन विदेशी मुद्रा में मुद्रा व्यापार कैसे करें? पिछले दो दशकों से आरबीआइ मुद्रा की गतिविधियों के मद्देनजर विदेशी मुद्रा भंडार रखने लगा है.
मुद्रा पर नज़र, लेकिन मुद्रास्फीति के लक्ष्य के विपरीत
विदेशी मुद्रा भंडार में हाल में जो वृद्धि हुई है वह रुपये की कीमत में वृद्धि को रोकने की कोशिश के तहत हुई है. जून 2020 में रुपया-डॉलर विनिमय दर 75.6 थी, आज यह मामूली सुधार के साथ 72.8 है. आरबीआइ के हस्तक्षेप के कारण बड़ी मूल्य वृद्धि को रोका जा सका. मुद्रा के साथ ऐसे खेल से दूसरे देश तो नाराज होते ही हैं, यह मुद्रास्फीति को बढ़ाने के कारण महंगा भी पड़ता है.
इसके अलावा, अगर मुद्रा पर अटकलों का गहरा हमला होता है तब गिरावट को रोकने के लिए भंडार का इस्तेमाल नहीं किया जाता. पहले, आरबीआइ रुपये की कीमत में गिरावट को रोकने के लिए मुद्रा नीति को सख्त करता था और पूंजीगत नियंत्रणों का प्रयोग करता था, न कि अपने अरबों की बिक्री करता था. केंद्रीय बैंक रुपये की मूल्यवृद्धि नहीं चाहता क्योंकि यह निर्यातों को गैर-प्रतिस्पर्द्धी बना देता है. इसलिए वह डॉलर खरीदने के लिए विदेशी मुद्रा बाज़ार में हस्तक्षेप करता है.
क्या विदेशी मुद्रा भंडार घरेलू मुद्रा को कमजोर नहीं होने देता?
बड़े विदेशी मुद्रा भंडार को इसलिए भी उपयोगी माना जाता है कि यह केंद्रीय बैंक को मुद्रा को कमजोर होने से बचाने की पर्याप्त ताकत देता है. अगर डॉलर के मुक़ाबले मुद्रा का मूल्य घटने लगता है तब केंद्रीय बैंक विदेशी मुद्रा में मुद्रा व्यापार कैसे करें? डॉलर के भंडार में से बिक्री करके स्थानीय मुद्रा की खरीद कर सकता है और उसका मूल्य गिरने से रोक सकता है. लेकिन मुद्रा पर जब अटकलों के कारण दबाव हो तब ऐसा शायद ही हो पाता है.
अमेरिकी सरकार से मिले विशाल वित्तीय पैकेज के कारण उसकी अर्थव्यवस्था में काफी सरगर्मी है, और मुद्रास्फीति बढ़ रही है. ऐसे में अमेरिकी फेडरल रिजर्व पॉलिसी ब्याज दर में वृद्धि कर सकता है. अगर ऐसा होता है विदेशी मुद्रा में मुद्रा व्यापार कैसे करें? तब भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं की हालत मई 2013 के ‘टेपर टैंट्रम’ कांड वाली हो जाएगी जब अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने अपनी ‘क्वांटिटेटिव ईजिंग पॉलिसी’ को संकुचित करने का संकेत दे दिया था. इसके कारण भारत और दूसरी उभरती अर्थव्यवस्थाओं से पूंजी बाहर जाने लगी और उनकी मुद्राओं में गिरावट आ गई थी.
ईडी ने लोगों से 108 करोड़ की ठगी करने वाले चार को किया गिरफ्तार
चेन्नई (सच कहूँ न्यूज)। तमिलनाडु में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मदुरै सब जोनल कार्यालय ने जनता से 108 करोड़ रुपये की ठगी करने के आरोप में एक निजी फर्म के तीन निदेशकों सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है। ईडी की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि गिरफ्तार किए गए लोगों में आर अरविंद, एस गोपालकृष्णन, एस. भरतराज – सभी मैसर्स ब्लूमैक्स कैपिटल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक। इनके अलावा तूतीकोरिन के उनके सहयोगी जे. अमरनाथ को भी गिरफ्तार किया गया है। सभी गिरफ्तार लोगों को एक पीएमएलए विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया जिसने सभी आरोपियों को 12 दिनों की ईडी हिरासत में भेज दिया।