विदेशी मुद्रा समाचार

क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है

क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है
पिक्साबे से ग्राफिक

क्रिप्टोकरेंसी का निवेश रिटर्न में जरूर दिखाएं

बिजनेस स�?टैंडर�?ड क्रिप्टोकरेंसी का निवेश रिटर्न में जरूर दिखाएं

पिछले सप्ताह आयकर विभाग के छत्तीसगढ़ कार्यालय ने एक व्यक्ति को नोटिस भेजकर आय संबंधी जानकारी साझा करने के लिए कहा है। विभाग ने कुल 26 सवालों के जवाब मांगे हैं जिसमें पिछले तीन वर्षों के आयकर रिटर्न के ब्योरे और क्रेडिट कार्ड लेनदेन के साथ यह भी पूछा गया है कि क्या वह क्रिप्टोकरेंसी में भी निवेश करते हैं? इसमें कुल 21 सवालों में काफी विस्तृत तरीके से क्रिप्टोकरेंसी संबंधी निवेश, एक्सचेंजों पर लेनदेन का ब्योरा, नोटबंदी के समय किया गया निवेश, निवेश की गई राशि, क्रिप्टो वॉलेट की विशिष्ट पहचान संख्या आदि बहुत सी जानकारी मांगी गई है। इसी तरह के नोटिस दूसरे निवेशकों को भी जारी किए गए हैं।

दरअसल क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों के बीच इस बात को लेकर हमेशा से संशय की स्थिति रही है कि वे अपने निवेश को आयकर रिटर्न में दर्शाएं या नहीं और क्रिप्टोकरेंसी पर आयकर देने से इसे सरकारी स्वीकार्यता मिलेगी या नहीं। सवाल यह भी है कि कहीं इसके बाद सरकार उस व्यक्ति पर नजर तो नहीं रखने लगेगी? साथ ही क्रिप्टोकरेंसी को आयकर रिटर्न में दिखाने के तरीकों को लेकर भी निवेशकों के पास समुचित जानकारी नहीं है।

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर किसी व्यक्ति ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया है तो उसे आयकर रिटर्न भरते समय इसका खुलासा जरूर करना चाहिए। कर संबंधी सलाह देने वाली कानूनी फर्म क्वैगमायर कंसल्टिंग के संस्थापक अनुष भसीन की राय है कि व्यक्ति को अपनी हर प्रकार की आय का खुलासा आयकर रिटर्न में करना चाहिए। वह कहते हैं, 'आयकर कानून काफी सरल है। किसी आय की कानूनी वैधता जांचने के बजाय उसका जोर इस बात पर रहता है कि किसी भी स्रोत से आय हो तो उस पर कर चुकाया जाना चाहिए।'

तो क्या आयकर रिटर्न भरने से क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को सरकारी स्वीकार्यता माना जाएगा? उच्चतम न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता विजय पाल डालमिया इससे इनकार करते हैं। वह कहते हैं, 'आयकर रिटर्न भरने से आपकी आय या उसके स्रोत को कानूनी वैधता नहीं मिलती। हालांकि देश में क्रिप्टोकरेंसी को अवैध घोषित नहीं किया गया है और सभी निवेशकों को रिटर्न में संबंधित जानकारी घोषित करनी चाहिए।' भसीन कहते हैं, 'आयकर कानून के अनुसार कानूनी तौर पर वैध अथवा अवैध, किसी भी तरीके से हुई आय को आयकर रिटर्न में शामिल करना चाहिए। अगर हम आय को रिटर्न में नहीं दिखाते तो कानूनी तरीके से कमाई गई आय भी अवैध या काला धन मान ली जाएगी।'

सामान्य वेतनभोगियों को आईटीआर-1 फॉर्म भरना होता है लेकिन अगर क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है कोई व्यक्ति क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन कर रहा है तो उसे कारोबार की प्रकृति के हिसाब से फॉर्म का चयन करना होगा। कारोबारी गतिविधियों के लिए आईटीआर-3 फॉर्म भरा जाता है। भसीन बताते हैं, 'क्रिप्टोकरेंसी गतिविधियों को तीन श्रेणियों में बांटना होगा। पहला, लंबी अवधि का निवेश होता है, जिसमें निवेशक को पूंजीगत लाभ कर के हिसाब से गण्ना करनी होगी। दूसरा, दैनिक या उतार-चढ़ाव को देखकर खरीद-बिक्री करना होता है, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन से होने वाली आय को कारोबारी आय के तहत दिखाना क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है होगा। तीसरा, अगर आप माइनिंग करते हैं तो इसे पूरी तरह वाणिज्यिक गतिविधि माना जाएगा। इसमें आय के साथ साथ माइनिंग में आने वाले खर्च की गणना भी करनी होगी और उसके बाद ही शुद्घ लाभ या हानि को आयकर रिटर्न में दर्शाना होगा।'

एक समस्या यह भी आती है कि क्रिप्टोकरेंसी को खरीदने-बेचने पर ही कर देना होगा अथवा क्रिप्टो-टु-क्रिप्टो कारोबार को भी इसमें शामिल करना चाहिए? भसीन कहते हैं, 'वर्तमान आयकर कानून में स्पष्ट प्रावधान है कि किसी भी वस्तु या जिंस की खरीद के बाद उसके आदान-प्रदान या बिक्री पर कर देना होगा। इसलिए अगर हम एक क्रिप्टोकरेंसी को दूसरी क्रिप्टोकरेंसी में बदलते हैं तो उसे भी आयकर रिटर्न में दर्शाना चाहिए।' एक से अधिक बार खरीद या बिक्री पर होने वाले लाभ-हानि की गणना के लिए 'फस्र्ट इन फस्र्ट आउट' (फीफो) प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है। भसीन की सलाह है कि अगर निवेशक को वास्तव में हानि हुई है तो उसे रिटर्न में दिखाया जाना चाहिए ताकि आगे के वर्षों में उसे लाभ के बदले ऑफसेट किया जा सके।'

विशेषज्ञ बताते हैं कि अगर किसी क्षेत्र विशेष से संबंधित आय पर देश में स्पष्टï नियम नहीं बनाए गए हैं तो भी उस पर आयकर देना होगा। भसीन कहते हैं, 'आयकर कानून बिल्कुल स्पष्ट है। किसी भी स्रोत से आपको आय हुई है तो उस पर कर देना होगा।' क्रिप्टोकरेंसी के क्षेत्र में कानूनी परामर्श देने वाली संस्था क्रिप्टो कानून के संस्थापक काशिफ रजा कहते हैं, 'दो हालात हो सकते हैं। अगर सरकार कानून बनाकर क्रिप्टोकरेंसी को नियमित करती है तो इस करेंसी में किए गए सभी प्रकार के लेनदेन का खुलासा एक निश्चित अवधि में करने के लिए कहा जा सकता है। अगर सरकार इस पर प्रतिबंध लगा देती है तो सभी प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी को एक निश्चित अवधि में समाप्त करने के लिए कहा जाएगा। दोनों ही परिस्थितियों में आपको क्रिप्टोकरेंसी में निवेश सार्वजनिक करना होगा और अगर आपने इसकी जानकारी आयकर रिटर्न में नहीं दी तो सरकार आपसे सवाल पूछ सकती है।'

भसीन बताते हैं कि अगर क्रिप्टोकरेंसी में किए गए सभी तरह के निवेश के बजाय आंशिक निवेश की ही सूचना दी जाती है तो 50 फीसदी जुर्माना लगाया जा सकता है। अगर किसी भी तरह की जानकारी साझा करने से कन्नी काट ली जाए तो 200 फीसदी जुर्माना लगाया जाता है। इसके अलावा संदेह होने पर आयकर विभाग किसी भी व्यक्ति से पूछताछ कर उसकी आय के बारे में जानकारी मांग सकता है। वह कहते हैं, 'आयकर कानून की धारा 131 के तहत की गई पूछताछ में कोई जवाब नहीं देने पर धारा 132 के तहत विभाग छापा मार सकता है।'

अगर निवेशक विदेशी एक्सचेंजों पर क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार कर रहे हैं तो उन्हें अतिरिक्त सतर्कता की आवश्यकता है। डालमिया बताते हैं, 'विदेशी एक्सचेंजों पर कारोबार के मामले में आयकर कानून के साथ साथ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) की धाराएं भी लगती है। अगर इन परिसंपत्तियों या निवेश का खुलासा नहीं किया जाता है तो काला धन (अज्ञात विदेशी आय तथा परिसंपत्ति) एवं कर अधिनियम 2015 की धारा 49 के तहत दंड दिया जा सकता है।' भारत सरकार ने दूसरे देशों के साथ इस तरह के कई समझौते भी किए हैं। भसीन बताते हैं, 'भारत सरकार के 103 देशों के साथ समझौते हैं जिसमें क्रिप्टोकरेंसी के लिए लोकप्रिय माल्टा, एस्टोनिया और ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड भी शामिल हैं। केंद्र इन सभी देशों से अपने नागरिकों द्वारा किए गए लेनदेन का ब्योरा मांग सकती है।'

भारत में फिलहाल क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक सभी बैंकों को इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खाते बंद करने का आदेश दे चुका है। इसलिए निवेशकों को काफी सावधानी बरतने की आवश्यकता है। अभी तक के सभी लेनदेनों का विवरण एक जगह इक_ïा करें ताकि जरूरत पडऩे पर आसानी से इसका उपयोग किया जा सके। एक्सचेंजों से समय-समय पर निवेश संबंधी रिपोर्ट डाउनलोड कर उसे अपने रिकॉर्ड में शामिल करें। अगर आपने इससे पहले कभी आयकर रिटर्न में क्रिप्टोकरेंसी का खुलासा नहीं किया है तो पिछले वर्षों का क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है संशोधित रिटर्न भरा जा सकता है। भसीन बताते हैं कि इसके लिए 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है और 1 फीसदी प्रतिमाह की दर से ब्याज भी वसूला जाता है।

भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर नहीं लगेगा बैन! कानून के दायरे में लाने की तैयारी, अगले बजट में हो सकती है बड़ी घोषणा

मौजूदा समय में भारत में क्रिप्टोकरेंसी जारी करने, उपयोग करने और व्यापार को नियंत्रित करने के लिए कोई कानूनी ढांचा नहीं है। सरकार इस संबंध में विचार कर रही है।

Indian government planning for law to regulate cryptocurrencies in upcoming budget | भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर नहीं लगेगा बैन! कानून के दायरे में लाने की तैयारी, अगले बजट में हो सकती है बड़ी घोषणा

भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर नहीं लगेगा बैन! (फाइल फोटो)

Highlights भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर बैन की बजाय इसके बाजार को कानूनी दायरे में लाने के बारे में विचार कर रही है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अगले साल बजट में इस संबंध में अहम घोषणा की जा सकती है। हाल के महीनों में भारत में क्रिप्टोकरेंसी का बाजार तेजी से बढ़ा है।

नई दिल्ली: भारत सरकार अगले साल फरवरी में आने वाले बजट में क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने संबंधी बड़ी घोषणाएं कर सकती है। भारत में हाल के वर्षों में क्रिप्टोकरेंसी में निवश का बाजार बढ़ा है और ऐसे में इसके लिए कानूनी ढांचा ला सकती है।

बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने इस संबंध में संकेत दिए हैं। रिपोर्ट के अनुसार सरकार के पहले के क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध के दृष्टिकोण से दूर जाने की अब संभावना है। प्रतिबंध की बजाय सरकार इसे विनियमित करने का विकल्प चुन सकती है।

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अधिकारी इस संबंध में काननी ढांचे और आवश्यक नियमों को ठीक करने के लिए लगातार बात कर रहे हैं।

वित्त मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि विनियमन की ओर सोच है। अधिकारी ने कहा, 'कल ये नहीं होना चाहिए कि अगर मैं एक अपनी डिजिटल करेंसी शुरू करता हूं और अच्छी मार्केटिंग के बाद कोई लोग इसे खरीदतें हैं और फिर मैं भाग जाता हूं, क्योंकि मैं एक प्राइवेट प्लेयर हूं! लोगों ने अपने अन्य संपत्तियों का उपयोग करके उस करेंसी को खरीदा होगा। ऐसी स्थिति से बचने के लिए सरकार को विनियमन की ओर देखने की जरूरत है।'

भारत में बढ़ा है क्रिप्टो करेंसी का बाजार

मौजूदा समय में भारत में क्रिप्टोकरेंसी जारी करने, उपयोग करने और व्यापार को नियंत्रित करने के लिए कोई कानूनी ढांचा नहीं है। जबकि भारत को विश्व स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ते क्रिप्टोकरेंसी बाजारों में गिना जा रहा है। एक अनुमान के अनुसार हाल-फिलहाल में 15 लाख भारतीयों ने निजी क्रिप्टोकरेंसियों में निवेश किया है। इस क्षेत्र में काम कर रहे दर्जनों स्टार्ट-अप सहित निवेश के जोखिम के बावजूद लोगों का रुझान इस ओर बढ़ रहा है।

भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग में इस साल मई के बाद से तेज वृद्धि देखी गई है। ये उछाल खासकर आरबीआई के उस स्पष्टीकरण के बाद आया जिसमें बैंकों को क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग के खिलाफ ग्राहकों को चेतावनी नहीं देने के लिए कहा गया था।

वहीं, साल 2019 में एक वित्त मंत्रालय की समिति ने एक विधेयक का प्रस्ताव दिया था। इसमें क्रिप्टोक्यूरेंसी पर प्रतिबंध की बात कही गई थी हालांकि इसे अब ठंडे बस्ते में डालते हुए समाप्त कर दिया गया है।

Bitcoin पर लग सकता है बैन, जेल का भी प्रावधान? एक्सपर्ट से जानिए

सरकार क्रिप्टोकरेंसियों में प्रयुक्त ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना चाहती है.

Bitcoin पर लग सकता है बैन, जेल का भी प्रावधान? एक्सपर्ट से जानिए

बिटकॉइन लगातार खबरों में बना हुआ है. डिजिटल करेंसी में एक तरफ हर दिन नए शिखर बन रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर सरकार की तरफ से क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी को लेकर भी खबरों का बाजार गर्म है. अब न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि भारत में बिटकॉइन समेत सारी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध की तैयारी पूरी हो चुकी है.

क्या है खबर?

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने 15 मार्च को क्रिप्टोकरेंसी पर बन रहे नए कानून से जुड़ी खबर रखने वाले करीबी सूत्र के हवाले से बताया कि भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी को रखने, जारी करने, माइन करने, इसमें व्यापार तथा इसके हस्तांतरण को क्रिमिनल गतिविधि बनाने के लिए कानून लाने वाली है. खबर के मुताबिक यह प्रक्रिया अपने आखिरी चरण में है. अगर ऐसा कानून आता है तो बिटकॉइन और बाकी क्रिप्टो निवेशकों को कानून में तय की जाने वाली सजा हो सकती है.

सरकार की तरफ से क्या हैं संकेत?

बिटकॉइन और इस तरह की अन्य डिजिटल करेंसी पर प्रतिबंध लगाए जाने की निवेशकों को पहले से आशंका थी. हालांकि, हाल में सरकार की तरफ से दिए गए बयानों से इन्वेस्टर्स को थोड़ी राहत भी मिली.

सरकार क्रिप्टोकरेंसी, ब्लॉकचेन या फिनटेक के लिए सारे रास्ते नहीं बंद कर रही है. सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी के बारे में बात की है. RBI अपनी तरफ से ऑफिशियल डिजिटल करेंसी पर विचार कर सकता है. हमारी तरफ से यह स्पष्ट है कि हम सारे रास्ते नहीं बंद कर रहे.

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर भी ने 6 मार्च को क्रिप्टोकरेंसी पर कहा था कि 'हमें नए आइडिया को खुले दिमाग से बढ़ावा देना चाहिए.'

निर्मला सीतारमण ने CNBC-TV18 से बातचीत में यह भी कहा कि सरकार डिजिटल वर्ल्ड और क्रिप्टोकरेंसी में संभव प्रयोग के विकल्पों को भी देख रही है.क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है

RBI समेत विश्व के कई केंद्रीय बैंकों ने अपनी डिजिटल करेंसी लाने के संकेत दिए हैं. ऐसी मुद्राओं को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) कहा जा रहा है.

वर्तमान निवेशकों पर क्या पड़ेगा असर?

अनुमान के मुताबिक वर्तमान में भारत में करीब 80 लाख लोग क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं. निवेश की कुल वैल्यू 100 अरब रुपये के करीब हो सकती है. खबर के मुताबिक ऐसे निवेशकों को प्रतिबंध के बाद क्रिप्टोकरेंसी निवेश से निकलने के लिए 6 महीनों का समय दिया जा सकता है. इससे पहले ब्लूमबर्ग क्विंट ने भी अपनी फरवरी की रिपोर्ट में इसका जिक्र किया था. इस समय सीमा में निवेश से नहीं निकलने पर इन्वेस्टर्स पर जुर्माना लगाया जाएगा.

2018 में RBI के बैंकों को निर्देश से भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश लगभग रुक गया था. हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने मार्च 2020 में RBI के सर्कुलर को खारिज कर दिया जिससे निवेशकों के लिए क्रिप्टोकरेंसी में निवेश का रास्ता फिर खुल गया.

क्रिप्टोकरेंसी में है करप्शन, निवेश का रास्ता या पैसा छुपाने का माध्यम

क्रिप्टोकरेंसी ने सरकारों का चैन छीन लिया है. कारोबारी या बड़ी हस्तियां जो बिना टैक्स दिये अपना धन पनामा जैसे देशों में भेजते हैं, उनके लिए यह एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है.

पिक्साबे से ग्राफिक

यह साल ऐसा है कि दुनिया भर के कई निवेशक रातों रात मालामाल हो गए हैं. उन्होंने न तो शेयर बाज़ार में निवेश किया था और न ही सोने में और न ही किसी और प्रचलित माध्यम में. उनका निवेश था क्रिप्टो करेंसी में जो न तो दिखता है और न ही जिसे कोई बैंक जारी करता है. दुनिया भर के कंप्यूटरों में उपलब्ध यह करेंसी कहीं भी कभी भी खरीदी या बेची जा सकती है. इसके लिए न तो किसी कागज की जरूरत है न ही किसी रसीद की . किसी तिलस्मी कथा की तरह हर चीज यहां रहस्यमय है. इसकी प्रक्रिया इतनी जटिल है कि इसे पूरी तरह समझने के लिए बहुत वक्त चाहिए. लेकिन यह भी सच है कि इसने लाखों लोगों की तकदीर कुछ मिनटों में बदल दी.

तीस साल पहले ही दुनिया में कंप्यूटरों का व्यापक इस्तेमाल शुरू हुआ था. देखते ही देखते दुनिया बदल गई और यह डिजिटल हो गई है. सेविंग्स और निवेश की दुनिया भी बदल गई है. अब पैसे क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है बचाने के बारे में नहीं बल्कि बनाने के बारे में सोचा जाता है. रातों-रात करोड़पति बनने के सपने देखे जाते हैं. शेयर बाजार से लेकर मुद्रा बाजार तक सभी में निवेश किया जा रहा है. लेकिन जिसने सभी को चौंकाया वह है क्रिप्टोकरेंसी जिसने धन निवेश और उसे बढ़ाने का नया अनोखा तरीका बताया. यह पूरी तरह से गोपनीय है और कूट भाषा में अंकित होता है. इसे डिजिटल एसेट कहा जा सकता है जो कंप्यूटरों में स्टोर किया जाता है. इसका खाता बही सारी दुनिया में होता है और यह जबर्दस्त तरीके से इसे ‘क्रिपटिक’ यानी गोपनीय ढंग से रखा जाता है. हर ट्रांजेक्शन को ब्लॉक कहा जाता है और सारे मिलकर एक ब्लॉकचेन बनाते हैं.

ऐसे में पैसा दुनिया के किसी भी कोने से दूसरे कोने में पलक झपकते ही पहुंच जाता है और इसका कोई रूप नहीं होता. एक देश से दूसरे देश तक यह लाखों कंप्यूटरों के जरिये जुड़ा हुआ है. इसमें हर ट्रांजेक्शन श्रृंखलाबद्ध तरीके से है. यह अति डिजिटाइजेशन का अद्भुत नमूना है जिसे कोई छेड़ नहीं सकता और उसमें कोई सेंध नहीं लगा सकता. इसमें डाली गई सूचना कभी भी बदली नहीं जा सकती. सारा पैसा कंप्यूटरों के हवाले. इसकी गोपनीयता का अंदाजा इसी तथ्य से लगाया जा सकता है क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है कि कोई नहीं जानता किस महानुभाव ने ब्लॉकचेन बनाने की शुरुआत की और कैसे ये सारी दुनिया में फैल गई. ऐसा अंदाजा है कि आज दुनिया भर में लगभग पांच करोड़ लोगों के पास क्रिप्टो करेंसी है.

क्रिप्टो करेंसी कैश सिस्टम है

आजकल जिस बिटकॉयन की चर्चा जोर-शोर से हो रही है वह दरअसल क्रिप्टो करेंसी ही है. यह इलेक्ट्रॉनिक कैश सिस्टम है. किसी समय महज एक डॉलर से शुरू हुई इस करेंसी की आज कीमत 66,000 डॉलर है. इसी की तर्ज पर और भी कई और डिजिटल क्रिप्टो कैश आ गए हैं. इनमें सबसे ऊपर है एथिरियम जो बिटकॉयन की तरह ही विकेन्द्रित और ओपनसोर्स ब्लॉकचेन है. इन दोनों में फर्क यह है कि इसे डेवलप करने वालों के बारे में सभी को पता है. 2013 में एक प्रोग्रामर बिटालिक बुटेरिन ने इसे तैयार किया था. इसकी कीमत बिटकॉयन से काफी कम है क्योंकि यह उस पैमाने पर पॉपुलर नहीं हो सका है. ऐसी ही एक करेंसी सालोना है जिसकी कीमत लगभग 190 डॉलर है.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

ऐसी ही एक करेंसी है एनएफटी यानी नन फंजिबल टोकन यानी एक ऐसा टोकन जिसकी कॉपी न हो सके. इसे बेचा और ट्रेड किया जा सकता है. यह इरिथियम ब्लॉकचेन का ही हिस्सा है. जानकारों का कहना है कि इसकी कीमतों में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव होने से यह हर किसी के बस का नहीं. दिलचस्प बात यह है कि ये कलाकृतियों के लिए इन दिनों बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहे हैं. कई कलाकारों का भाग्य इनकी वजह से ही चमक गया है. उनकी पेंटिंग्स वगैरह की अब कीमत मुंहमांगी मिल रही है.

सरकारों के सामने बड़ी चुनौती

क्रिप्टो करेंसी ने सरकारों का चैन छीन लिया है. कारोबारी या बड़ी हस्तियां जो बिना टैक्स दिये अपना धन पनामा जैसे देशों में भेजते हैं, उनके लिए यह एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है. बिना कोई कागजात के ये चाहें तो करोड़ों-अरबों डॉलर इसमें लगा सकते हैं. इसका पता कोई नहीं लगा सकता है क्योंकि इसमें गोपनीयता इतनी है कि जांच एजेंसियों के छक्के छूट जाएंगे. इसमें कोई दस्तावेज या कोई सबूत नहीं होता है. होता है कूट भाषा में बना कोड जिसके जरिये सारा खेल होता है. यह पैसा मिनट भर में सौ-डेढ़ सौ देशों की सीमाएं पार करने क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है की क्षमता रखता है. यानी अवैध पैसा भेजने वाला निश्चिंत रह सकता है कि उसके धन पर किसी भी जांच एजेंसी की नजर नहीं पड़ सकती. किसी तरह की निगरानी भी बैकार है. यह दुनिया भर की सरकारों के लिए के सिरदर्द साबित हुआ है. भारत सरकार ने इस पर कुछ समय के लिए रोक भी लगाई थी और आगे के लिए कानून बनाने की बात सोची थी लेकिन सरकार के कुछ सलाहकारों ने ऐसा न करने की हिदायत दी. इसके बाद इस पर से प्रतिबंध हट गया है. इसकी बजाय अब सरकार एक डिजिटल करेंसी लाने की बात कर रही है जिसमें कोई नकदी नहीं होगी और न ही होगा कोई क्रेडिट या डेबिट कार्ड लेकिन यह होगा विशुद्ध देसी.

बॉलीवुड हस्तियां आईं क्रिप्टो करेंसी के साथ

भारत में यूं तो क्रिप्टो करेंसी प्रचलन में आ गई है लेकिन अभी इसमें कोई खास तेजी नहीं आई है. निवेशक अभी थोड़ी ही रुचि दिखा रहे हैं. हां, उन्हें बटकॉयन की आसमान छूती कीमत ललचा भी रही है. सही समझ के अभाव में ज्यादातर अभी इससे दूर ही हैं. लेकिन अब क्रिप्टों करेंसी की कुछ कंपनियां चाहती हैं कि धनतेरस, दीवाली में लोग सोने की बजाय क्रिप्टो करेंसी की खरीदारी करें. इसके लिए उन्होंने बॉलीवुड की कुछ मशहूर हस्तियों को अपने साथ लिया है और उनके विज्ञापन देखने को मिल रहे हैं. क्रिप्टो एक्स्चेंज कॉयन स्विच कुबेर और कॉयन डीसीएक्स को निवेश के एक विकल्प के तौर पर देख रहे हैं और भारतीयों को धनतेरस जैसे पर्व पर निवेश करने को कहलवा रही हैं. इन विदेशियों का मानना है कि सलेब्रिटी इंडोरसमेंट से भारत में क्रिप्टो करेंसी की लोकप्रियता बढ़ेगी. बॉलीवुड हस्तियों में अमिताभ बच्चन का मामला कुछ ज्यादा ही दिलचस्प है. उन्होंने पहले तो रिजर्व बैंक की तरप से बैंक फ्रॉडों से बचने की सलाह का विज्ञापन किया और उसके बाद कॉयनडीसीएक्स की पब्लिसिटी भी की.

क्रिप्टो करेंसी के लिए विदेशों में सलेब्रेटी इंडोरसमेंट सामान्य सी बात हो गई है. फुटबॉल के नामी खिलाड़ी टॉम ब्रैडी, मॉडल जीसेल बंडचेन, पेरिस हिल्टन, किम कार्दश्यान जैसी हस्तियों ने क्रिप्टो करेंसी के लिए पब्लिसिटी की है. एक सर्वे के मुताबिक वहां 45 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे हस्तियों के कहने पर क्रिप्टो करेंसी में निवेश करेंगे.

क्रिप्टो करेंसी में निवेश करें न करें यह आप के विवेक पर निर्भर करता है. यहां ध्यान रखिये कि इलेक्ट्रॉनिक मनी जितनी तेजी से आती है उतनी ही तेजी से जाती है. क्रिप्टो करेंसी स्वतः चलने वाली करेंसी है और यह लाखों कंप्यूटरों से होकर गुजरती है. इसमें कोई ठोस आधार नहीं है, न ही इसके पीछे कोई वित्तीय संस्थान है. ध्यान रहे कि पिछले दिनों जब एलन मस्क ने क्रिप्टो करेंसी पर संदेह जताया था तो उसके भाव औंधे मुंह गिर गए थे. लेकिन बाद में उन्होंने एक अरब डॉलर से भी ज्यादा पैसा इसमें लगा दिया तो फिर इसमें तेजी आ गई. इसलिए इसमें पैसा लगाने के पहले सोचना जरूरी है. एक बार अगर सिस्टम में कोई गड़बड़ी हो गई तो फिर यह औंधे मुंह गिर जाएगी. या फिर किसी बड़े हैकर ने अगर इसमें अपना पेंच फंसा दिया तो वह चारों खाने चित्त हो जाएगा.

Cryptocurrency: भारत में कैसे होगा क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल?

सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का फैसला किया था.

February 8, 2022

Crypto

नई दिल्ली. क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) देश में निवेश के रूप में एक बड़ा आप्शन सामने आया है. क्रिप्टोकरेंसी में निवेशकों की भरमार सी आ गई है. जब बजट 2022 के अपने भाषण में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है जिक्र किया. तब से देश में क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जानने और यह कैसे काम करती है, इस बारे में लोगों जानने के लिए बड़े ही उत्सुक हो रहे हैं. सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का फैसला किया था.

  • डिजिटल लेनदेन बढ़ा
  • ये क्रिप्टोकरेंसी चलन में
  • क्रिप्टोकरेंसी के चयन पर सावधानी की जरूरत
  • 30 फीसदी लगेगा टैक्स

डिजिटल लेनदेन बढ़ा

डिजिटल लेनदेन की प्रक्रिया पिछले काफी समय से बढ़ी है. लोग लगातार डिजिटल लेनदेन में अपनी रुचि भी दिखा रहे हैं. कई विशेषज्ञ का मानना है कि दुनिया भर में अक्सर क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का सहारा ले रहे हैं. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर विशेषज्ञ बहुत ही आशा लगाए बैठे हैं. चूंकि बिटकॉइन में बिचौलियों जैसी कोई समस्या नहीं है, इसलिए यह मुद्राओं के लिए लेनदेन की लागत को कम कर सकता है, जैसे कि पारंपरिक मुद्राएं, मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य आपराधिक गतिविधियों के लिए भी इस्तेमाल की जा सकती हैं.

ये क्रिप्टोकरेंसी चलन में

जब भी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की बात आती है, तो सबसे पहला नाम बिटक्वाइन का आता है. दुनिया भर में बिटक्वाइन के अलावा और भी क्रिप्टोकरेंसी चलन में हैं- Ethereum (ETH), Litecoin (LTC), Cardano (ADA), Polkadot (DOT), Stellar (XLM) और Dogecoin (DOGE).

क्रिप्टोकरेंसी के चयन पर सावधानी की क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है जरूरत

क्रिप्टोकरेंसी के चयन पर बहुत ही सावधानी की जरूरत होती है, क्योंकि डिजिटल करेंसी का बाजार अस्थिर होता है. यह पूरी तरह से बाजारी की स्थिति पर निर्भर करता है. दुनिया भर में कई तरह की क्रिप्टोकरेंसी का चलन है. लेकिन जरूरी नहीं कि सभी क्रिप्टोकरेंसी सभी देश में इस्तेमाल हो. हर देश में अलग-अलग तरीके से लेनदेन की प्रक्रिया होती है.

अब आप शेयर बाजार की तरह मुद्रा को खर्च करने या धारण करने का निर्णय लेते हैं. चाहे आप पोर्टफोलियो बनाएं. ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं से खरीदारी के लिए क्रिप्टोकुरेंसी का उपयोग करें या क्रिप्टोकुरेंसी स्वीकार करने वाले स्थानीय व्यापारियों से सामान या सेवाएं खरीदें.

विशेषज्ञ का मानना है कि डिजिटल करेंसी का उपयोग आने वाले भविष्य बहुत तेजी के साथ बढ़ेगा. क्योंकि इसका उपयोग अन्य तरीकों की तरह दिन-प्रतिदिन की भुगतान आवश्यकता को पूरा करने के लिए किया जा सकता है.

क्रिप्टोक्यूरेंसी दुनिया भर में न्यूनतम लागत पर भुगतान के किसी भी अन्य तरीके की तुलना में बहुत तेजी से सुविधा प्रदान क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है करती है. क्रिप्टोक्यूरेंसी (Cryptocurrency) के उपयोगकर्ता का मानना है कि अगर सरकार कार्ड और दूसरे डिजिटल वॉलेट की इजाजत दे तो, तो एक दिन ऐसा भी आएगा कि क्रिप्टोक्यूरेंसी पारंपरिक भुगतान प्रणाली की जगह ले लेगी. अगर ऐसा होता है तो क्रिप्टोकरेंसी राष्ट्रीय कानूनी मुद्रा और सोने जैसी पारंपरिक वस्तुओं के विकल्प के रूप में कार्य कर सकती है.

केंद्रीय बजट 2022-23 के भाषण में वित्त मंत्री ने उल्लेख किया कि डिजिटल या क्रिप्टो से होने वाली आय पर कर लगाया जाएगा. इस घोषणा ने क्रिप्टोक्यूरेंसी (Cryptocurrency) निवेशकों के बीच एक निश्चित डिग्री की आशा जगाई, क्योंकि उनका मानना ​​​​है कि उन पर कर लगाने का यह कदम स्पष्ट रूप से भविष्य में वैधीकरण का एक स्पष्ट संकेत है.

30 फीसदी लगेगा टैक्स

सरकार क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन पर कमाई पर 30 प्रतिशत का टैक्स लगाएगी. ऐसे लेन-देन पर नजर रखने के लिए 1 प्रतिशत की दर से टीडीएस का प्रावधान है. सेंट्रल बैंक के द्वारा डिजिटल करेंसी (CBDC) की शुरुआत से डिजिटल अर्थव्यवस्था को बड़ा बढ़ावा मिलेगा. डिजिटल करेंसी एक अधिक कुशल और सस्ती मुद्रा प्रबंधन प्रणाली को भी बढ़ावा देगी. इसलिए, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 2022-23 से जारी किए जाने वाले ब्लॉकचेन और अन्य तकनीकों का उपयोग करते हुए, डिजिटल मुद्रा पेश करने का प्रस्ताव है.

रेटिंग: 4.56
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 199
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *