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शेयर को कब बेचे

शेयर को कब बेचे
शेयरों में निवेश करने का अच्छा समय कब है?

शेयर कब खरीदे और कब बेचें

शेयर-कब-खरीदे-और-कब-बेचें

जब आपको भविष्य में अच्छा लाभ देने वाले किसी अच्छे शेयर की जानकारी हो जाती है तब सवाल ये आता है कि ऐसे शेयर को खरीदे कब ?

इस सवाल का जवाब देते हुए दुनिया के सबसे मशहूर इन्वेस्टर ‘वारेन बफेट’ ने कहा था कि जब मार्केट गिर रहा हो, टूट रहा हो और सब तरफ ‘बेच लो-बेच लो’ का हल्ला मचा हुआ हो तो वही सबसे सही समय होता है किसी शेयर को खरीदने का।

और जब बाजार में काफी तेजी चल रही हो मार्केट काफी बढ़ रहा हो सब तरफ ‘खरीद लो – खरीद लो’ का शोर सुनाई पड़ रहा हो तो वही किसी शेयर को बेचने का सबसे अच्छा समय होता है।

शेयर कब खरीदें और कब बेचें इसको एक उदाहरण से बहुत ही आसानी से समझ सकते हैं –

शेयर बाजार में आप किसी कंपनी का शेयर खरीदते हैं (मान लीजिए वह शेयर टाटा पावर है)। हम सबको पता है की आने वाले कुछ वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग काफी बढ़ने वाली है क्योंकि लोग पेट्रोल और डीजल वाहनों को छोड़ कर इलेक्ट्रिक वाहनों में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं।

इससे हो सकता है कि आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल को छोड़ इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग ज्यादा बढ़ेगी।

चूंकि टाटा पावर कंपनी इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण कर रही है। तो इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढ़ने पर इसकी आपूर्ति टाटा पावर कंपनी ही कराएगी जिससे टाटा पावर की आय में काफी वृद्धि होगी और इसकी मार्केट कैप भी बढ़ेगी।

ऐसी स्थिति में इस कंपनी के शेयर के भाव मे भी काफी बढ़ोत्तरी देखने को मिलेगी, तो ये माना जा सकता है कि टाटा पावर के शेयर में पैसे निवेश करने का सही समय अब है।

एक बार जब इस कंपनी के शेयर का भाव काफी बढ़ जाता है, तो फिर आपके निवेश का लक्ष्य पूरा हो जाता है अब इस कंपनी में आपके बने रहने का कोई कारण नहीं है।

इसका मतलब ये नहीं है कि अब आगे यह कंपनी फेल हो जाएगी या इसके शेयर के भाव गिरने वाले हैं बल्कि इस कारण पर ध्यान दें कि आप कहीं निवेश क्यों कर रहे हैं ?

बेशक जब आप कहीं निवेश करते हैं तो आपका लक्ष्य होता है अपने पैसों को बढ़ाना इसलिए जब भी आपका लक्ष्य आपको प्राप्त हो जाए तो शेयर बेचकर बाहर निकल जाना ही बेहतर होता है।

इसीलिए कहा जाता है कि यदि शेयर खरीदने और बेचने की टाईमिंग सही है तो लाभ कामना भी निश्चित है।

शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स

शेयर बाजार में निवेश करना और लाभ कमाना हर कोई चाहता है पर इसमें निवेश के नियमों और सावधानियों के बारे में सही जानकारी न होने के कारण अधिकांश या तो पैसे लगाते नहीं या लगाते भी हैं तो बहुत थोड़े वक्त के लिए. शेयर बाजार निवेशकों के लाभ कमाने की एक बहुत शेयर को कब बेचे अच्छी जगह है पर निवेश करते हुए अगर कुछ सावधनियां अपनाई जाएं तो यह नुकसान के खतरे को दूर रखते हुए बहुत लाभकारी हो सकता है. यहां छोटे निवेशकों के लिए शेयर में निवेश के कुछ लाभकारी टिप्स दिए जा रहे हैं:

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लंबे समय के लिए पैसे लगाना ज्यादा लाभकारी है: शेयर बाजार में निवेश करते हुए कई अक्सर छोटे निवेशक पैसे लगाते हुए बहुत घबराते हैं. उन्हें बाजार के उतार-चढ़ाव में पैसे डूब जाने का खतरा रहता है. ऐसे में वे अक्सर बहुत थोड़े समय के लिए पैसे लगाते हैं. कई छोटे निवेशक तो सुबह पैसे लगाते हैं और शाम को बेच देते हैं. यह गलत है. यह आपको बड़ा मुनाफा कमाने में सबसे बड़ा रोड़ा है. अधिकांश छोटे निवेशक सुबह में शेयर खरीदते हैं और शाम तक उसकी बढ़ी हुई कीमत का लाभ लेकर उसे बेच देते हैं. इस तरह आप अपने निवेश पर छोटा लाभ जरूर कमा सकते हैं पर बड़े लाभ के लिए आपको निवेश की अवधि लंबी करनी करनी होगी.

मि. गुप्ता ने 10 हजार की इंफोसिस और विप्रो की शेयर सोमवार सुबह खरीदी. शाम होते-होते शेयर की कीमत 14 हजार के करीब देखकर 4 हजार के लाभ के साथ बेच दिया. दूसरे दिन उन्होंने उस 14 हजार के शेयर खरीदे और शाम में 20 हजार पर बेच दिए. इसी तरह मि. गुप्ता अपने शेयर लाभ के साथ खुश थे. मिले हुए प्रॉफिट को भी शेयर में लगाकर वे उससे और भी ज्यादा प्रॉफिट कमा रहे थे. इसी तरह 7 दिनों में उन्होंने 10 हजार से एक लाख की राशि बनाई जिसे ज्यादा लाभ के लिए वापस शेयर में लगा दिया. अचानक शनिवार की शाम उन्हें शॉक दे गया, उनकी 1 लाख की पूंजी डूब चुकी थी. मि. गुप्ता रोज सुबह अपनी बढ़ी हुई रकम से कम मूल्य वाले शेयर खरीद लिया करते थे और शाम में जो भी लाभ मिलता वह उसे लाभ मानकर, उसे बेचकर फिर दूसरी कम कीमत की ज्यादा शेयर खरीद सकते थे. लेकिन उस दिन उनका गणित उल्टा पड़ गया. वास्तव में मि. गुप्ता को अपने शेयर को लंबे समय के लिए रखना चाहिए था. अगर ऐसा करते तो कंपनी की बढ़ती शेयर कीमतों के साथ उनके शेयर की कीमत भी बढ़ती. अगर बीच में कभी शेयर मूल्य गिरते भी तो भी कुछ बाद वे बढ़ भी जाते. इस तरह लंबे समय के लिए निवेश कर वे इस रोज-रोज के मानसिक व्यायाम से भी बच जाते और आज इस परेशानी में भी नहीं पड़ते.

वही पैसा लगाएं जिसका लंबे समय तक आपको काम न हो: कई बार देखा जाता है कि निवेशक अपने जरूरी खर्चों के लिए उपयोग की राशि को शेयर में लगा देते हैं. ऐसे में वे न तो इसे लंबे समय तक इसमें लगाकर रख सकते हैं और न ही इसमें होने वाले नुकसान को वहन कर सकते हैं. ऐसे निवेशकों के लिए शेयर में निवेश बहुत खतरे वाला सौदा होता है. अगर लाभ हुआ तब तो ठीक, पर नुकसान की स्थिति इनके लिए मानसिक और आर्थिक अशांति लाने वाला साबित होता है. इसलिए निवेशक कभी भी जरूरत के पैसों को न लगाएं. ऐसे पैसे लगाएं जिन्हें हानि-लाभ की चिंता न करते हुए आप बाजार में लगाकर रख सकें.

तुक्का न लगाएं, ट्रेडिंग कोई जुआ नहीं है: कई छोटे निवेशक शेयर को तुक्का का खेल समझते हैं, जबकि ठीक उलट शेयर एक रणनीति की मांग करता है. आप किस कंपनी का शेयर खरीद रहे हैं, उसकी मार्केट में स्थिति कैसी है, पिछले कुछ समय से उसकी शेयर बाजार में क्या स्थिति रही है आदि की जानकारियां एक निवेशक को होनी चाहिए. सिर्फ कम कीमत देखकर जुए के खेल की तरह शेयर खरीदना और उससे लाभ की उम्मीद लगाना कुछ समय तक आपको लाभ दे सकता है. पर बाजार की अनदेखी और जानकारी के अभाव में ज्यादा दिन तक यह तुक्का कामयाब नहीं हो सकता. इसका नतीजा होगा शेयर निवेश में घाटा. अत: कभी भी शेयर खरीदने से पहले जिस कंपनी के शेयर खरीदने जा रहे हैं, बाजर में उसकी वर्तमान और पूर्व में उसके शेयरों की स्थिति का जरूर अध्ययन करें.

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जब ट्रेडिंग के लिए प्रोफेशनल हायर करें: कई निवेशक जानकारी या समय के अभाव में ट्रेडिंग के प्रोफेशनल्स की सुविधा लेते हैं. बाजार में बहुतायत ऐसे शेयर प्रोफेशनल्स मिल जाएंगे जो आपके पैसों को सही जगह निवेश करने की सेवा देते हैं और उसके बदले आप उन्हें कुछ फीस देते हैं. पर कई मामलों में देखा जाता है कि शेयर प्रोफेशनल्स निवेशकों की जानकारी और जागरुकता के अभाव में फायदा उठाते हैं. निवेशकों का पैसा वे अपने फायदे के लिए कई जगहों पर लगा देते हैं. निवेशक को जहां 1 लाख का लाभ होता, वहां वे केवल 40 हजार का लाभ दिखा देते हैं. इसलिए बहुत जरूरी है कि ट्रेडिंग प्रोफेशनल्स को हायर कर आप निश्चिंत न हो जाएं. वे आपका पैसा कहां लगा रहे हैं, जिस कंपनी में आपका निवेश कर रहे हैं वह कंपनी कैसी है, बाजार में उसकी स्थिति कैसी है, बाजार के वर्तमान हालात क्या हैं यह सब पता करते रहें. इस तरह वे आपसे झूठ नहीं बोल पाएंगे.

ये सब कुछ बहुत ही जरूरी तथ्य हैं जो हर निवेशक को ध्यान रखना चाहिए, खासकर छोटे निवेशकों को. पर इसके अलावे भी कई ऐसी बातें हैं जो शेयर निवेशकों के लिए अति आवश्यक हैं. जैसे: शेयर के कुछ प्रोफेशनल्स टर्म्स की आपको जानकारी होनी चाहिए. शेयर बाजार आधार क्या है, यह कैसे काम करता है? शेयरों की खरीद-बिक्री के कुछ आधिकारिक नियम, बैलेंस-शीट देखने की प्रक्रिया आदि की जानकारी निवेशकों को रखनी चाहिए.

शेयर को कब बेचना है सही और कब नहीं, ऐसे करें इसका फैसला

Stock Market Trading Tips: अगर अच्छी बढ़त दर्ज कर रहे शेयरों को प्रॉफिट बुकिंग के लिए बेच देंगे तो कभी मैल्टीबैगर रिटर्न नहीं हासिल कर पाएंगे

  • Rakesh Bansal
  • Publish Date - September 20, 2021 / 02:24 PM IST

शेयर को कब बेचना है सही और कब नहीं, ऐसे करें इसका फैसला

सलाह दी जाती है कि बढ़त वाले स्टॉक्स में बने रहें और गिरावट वाले शेयरों को बेच दें. इस रणनीति से मुनाफा बढ़ाने और नुकसान घटाने में मदद मिलेगी

शेयर बाजार में निवेश करने वाले अक्सर किसी स्टॉक में तेजी आते ही उसे बेचना पसंद करते हैं. दूसरी तरफ, जो शेयर खरीदारी के समय की कीमत से कम पर ट्रेड कर रहे होते हैं, उनमें बढ़त की उम्मीद के साथ बने रहते हैं. ज्यादातर निवेशकों की यही आदत होती है. इससे पता चलता है कि उन्हें मुनाफा निकालने की हड़बड़ी रहती है, मगर लॉस बुकिंग के मामले में देरी कर देते हैं.

दोनों तरह के फैसलों में थोड़े बदलाव की जरूरत है. कोई शेयर अगर मुनाफा कमा रहा है, तो जरूरी नहीं कि उसे बेचा ही जाए. अगर कीमत उठ रही है, तो इसका मतलब हुआ कि आपने अच्छे स्टॉक में निवेश किया है. अगर आप ऐसे शेयरों को बेच देंगे तो कभी मैल्टीबैगर रिटर्न नहीं पा सकेंगे. निवेशकों को हमेशा शेयर की कीमत बढ़ने के पीछे के कारण को एनालाइज करना चाहिए.

दूसरे मामले में गिरावट दर्ज कर रहे स्टॉक के वापस पर्चेज प्राइस पर पहुंचने का इंतजार करना कुछ वैसा ही है जैसे गलत फैसले का सही में बदलने का इंतजार करना, जो ज्यादातर केस में नहीं होता है. हो सकता है कि घाटा और बढ़ता ही चला जाए और इसमें सुधार के इंतजार में अन्य अच्छे स्टॉक में निवेशक नहीं करना मौके को हाथ से जाने देना होगा.

अगर किसी तरह कीमत उस स्तर पर आ गई, जिसपर आपने स्टॉक की खरीदारी की थी, तो रिव्यू करना चाहिए शेयर को कब बेचे कि किन कारणों से ऐसा हुआ है. अगर स्टॉक वापस उठने की क्षमता रखता है, तो हो सकता है आगे कीमत में और उछाल आए.

सलाह दी जाती है कि बढ़त वाले स्टॉक्स में बने रहें और गिरावट वाले शेयरों को बेच दें. इस रणनीति से आपको मुनाफा बढ़ाने और नुकसान घटाने में मदद मिलेगी.

Share market Investment: जानिए़ शेयरों में निवेश करने का अच्छा समय कब है?

कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप शेयर बाजार में कब से निवेश शुरू कर रहे हैं। आपके दिमाग में हमेशा एक सवाल रहता है कि "मुझे कब शेयर खरीदना या बेचना चाहिए?"।

शेयरों में निवेश करने का अच्छा समय कब है?

शेयरों में निवेश करने का अच्छा समय कब है?

हाइलाइट्स

  • शेयर शेयर को कब बेचे बाजार इन दिनों हर दिन नई उंचाई पर पहुंच रहा है
  • बजट के बाद तो शेयर बाजार में गजब की तेजी दिखी है
  • इन दिनों भी बीएसई सेंसेक्स 51 हजार से उपर चल रहा है
  • ऐसे में हर नया निवेशक जानना चाहता है कि शेयर बाजार में निवेश करने का सही समय क्या है?

फिनोलोजी के फाउंडर एवं सीईओ प्रांजल कामरा का कहना है कि कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप शेयर बाजार में कब से निवेश शुरू कर रहे हैं। आपके दिमाग में हमेशा एक सवाल रहता है कि "मुझे कब शेयर खरीदना या बेचना चाहिए?"। यदि आप बाजार में नए हैं तो यह बात पूरी तरह से सच साबित होती है। फिर भी, अभी भी कुछ है जो आपको अपने आप से पूछना चाहिए, क्योंकि आप अपनी मेहनत से कमाए गए धन को जोखिम में डाल रहे हैं। सही ज्ञान के साथ, आप पहचान पाएंगे कि आप लाभ वाली स्थिति में हैं या हानि वाली। तो, आगे की हलचल के बिना, आपके स्टॉक खरीदने या बेचने से पहले कुछ बातों पर ध्यान दिया जाना चाहिए:-

क्लियरिंग और सेटलमेंट की प्रक्रिया

वैसे तो क्लियरिंग और सेटलमेंट बहुत ही सैधान्तिक विषय है लेकिन इसके पीछे की प्रक्रिया को समझना महत्वपूर्ण है। एक ट्रेडर या निवेशक के तौर पर आपको ये चिंता करने की ज़रूरत नहीं होती कि आपका सौदा कैसे क्लियर या सेटल हो रहा है, क्योंकि एक अच्छा इंटरमीडियरी यानी मध्यस्थ ये काम कर रहा होता है और आपको ये पता भी नहीं चलता।

लेकिन अगर आप इसको नहीं समझेंगे तो आपकी जानकारी अधूरी रहेगी इसलिए हम विषय को समझने की कोशिश करेंगे कि शेयर खरीदने से लेकर आपके डीमैट अकाउंट (DEMAT account) में आने तक क्या होता है।

10.2 क्या होता है जब आप शेयर खरीदते हैं?

दिवस 1/ पहला दिन- सौदे का दिन (T Day), सोमवार

मान लीजिए आपने 23 जून 2014 (सोमवार) को रिलायंस इंडस्ट्रीज के 100 शेयर 1000 रुपये के भाव पर खरीदे। आपके सौदे की कुल कीमत हुई 1 लाख रुपये (100*1000)। जिस दिन आप ये सौदा करते हैं उसे ट्रेड डे या टी डे (T Day) कहते हैं।

दिन के अंत होने तक आपका ब्रोकर एक लाख रुपये और जो भी फीस होगी, वो आपसे ले लेगा। मान लीजिए आपने ये सौदा ज़ेरोधा पर किया, तो आपको निम्नलिखित फीस या चार्जेज देनी होगी:

क्रमांक कितने तरह के चार्जेज कितना चार्ज रकम
1 ब्रोकरेज 0.03% या 20 रुपये- इनमें से जो भी इंट्राडे ट्रेड के लिए कम हो 0
2 सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन चार्ज टर्नओवर का 0.1% 100/-
3 ट्रांजैक्शन चार्ज टर्नओवर का 0.00325% 3.25/-
4 GST ब्रोकरेज का 18% + ट्रांजैक्शन चार्ज 0.585/-
5 SEBI चार्ज 10 रुपये प्रति एक करोड़ के ट्रांजैक्शन पर 0.1/-
कुल 103.93/-

तो एक लाख रुपये के साथ 103.93 रुपये की फीस आपको देनी पड़ेगी, यानी कुल 100,103.93 रुपये की रकम आपके ट्रेडिंग अकाउंट से निकल जाएगी। याद रखिए कि पैसे निकल गए हैं लेकिन शेयर अभी आपके डीमैट अकाउंट (DEMAT account) में नहीं आए हैं।

उसी दिन ब्रोकर आपके लिए एक कॉन्ट्रैक्ट नोट (Contract Note) तैयार करता है और उसकी कॉपी आपको भेज देता है। ये नोट एक तरह का बिल है, जो आपके सौदौं की पूरी जानकारी देता है। यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है और भविष्य में काम आता है। कॉन्ट्रैक्ट नोट में आमतौर पर उस दिन हुए सभी सौदे अपने ट्रेड रेफरेंस नंबर (Trade Reference Number) के साथ दिए गए होते हैं। साथ ही आपसे ली गई शेयर को कब बेचे सभी फीस की जानकारी उसमें होती है।

दिवस 2/दूसरा दिन- ट्रेड डे + 1 (T+ Day), मंगलवार

जिस दिन आपने सौदा किया उसका अगला दिन टी+1 डे (T+1 Day) कहलाता है। T+1 day को आप अपने शेयर बेच सकते हैं, जो आपने पिछले दिन खरीदे हैं। इस तरह के सौदे को BTST-Buy Today, Sell Tomorrow या ATST- Acquire Today, Sell Tomorrow कहते हैं। याद रखिए कि शेयर अभी भी आपके डीमैट अकाउंट में नहीं आए हैं। इसका मतलब आप ऐसे शेयर बेच रहे हैं, जो अभी तक आपके हुए नहीं है। इसमें एक रिस्क है। वैसे हर BTST सौदे में रिस्क नहीं होता, लेकिन अगर आप बी ग्रुप के शेयर या ऐसे शेयर जिनकी खरीद-बिक्री बहुत कम होती है, उनका सौदा कर रहे हैं, तो आप मुसीबत में फंस भी सकते हैं। अभी इस पूरे मसले को यहीं छोड़ देते हैं।

अगर आप बाज़ार में नए हैं, तो आपके लिए बेहतर यही होगा कि आप BTST से दूर रहें क्योंकि आप उसके रिस्क को पूरे तरह से नहीं जानते।

इसके अलावा आपके नजरिए से T+1 day का कोई खास महत्व नहीं है, हालांकि शेयर खरीदने के लिए दिए गए पैसे और सारी फीस सही जगह पहुंच रही होती है।

दिवस 3/तीसरा दिन- ट्रेड डे + 2 (T+2 Day), बुधवार

तीसरे दिन यानी T+2 day को दिन में करीब 11 बजे जिस आदमी ने आपको शेयर बेचे हैं उसके अकाउंट से शेयर निकल कर आपके ब्रोकर के अकाउंट में आ जाते हैं, और ब्रोकर यही शेयर शाम तक आपके अकाउंट में भेज देता है। इसी तरह जो पैसे आपके अकाउंट से निकले थे, वो उस इंसान के अकाउंट में पहुंच जाता है जिसने शेयर आपको बेचे।

अब शेयर आपके डीमैट अकाउंट में दिखेंगे। आपके पास अब रिलायंस के 100 शेयर होंगे।

इस तरह T Day को खरीदे गए शेयर आपके अकाउंट में T+2 Day को आएंगे और T+3 Day को उनका सौदा फिर से कर पाएंगे।

10.3 आप जब शेयर बेचते हैं, तब क्या होता है?

जिस दिन आप शेयर बेचते हैं, वो ट्रेड डे (Trade Day ) कहते हैं, और इसे T Day लिखा जाता है। शेयर बेचते ही उतने शेयर आपके डीमैट अकाउंट में ब्लॉक हो जाते हैं। T+2 Day के पहले ये शेयर एक्सचेंज को दे दिए जाते हैं और T+2 Day को उन शेयरों की बिक्री से मिलने वाले पैसे, फीस और चार्जेज कट कर, आपके अकाउंट में आ जाते हैं।

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