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स्टॉप लॉस स्ट्रेटेजी

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शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग के १० महत्वपूर्ण रणनीतियाँ

शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग के लिए बहुत सी रणनीतियाँ (stock trading strategies) है बाजार में परन्तु यह आपको तय करना पड़ेगा की कौन सी रणनीति आपके लिए अच्छा काम करती है। ट्रेडिंग में कुछ भी सही या गलत नहीं होता, परन्तु यह जरुरी है की बात किस सन्दर्भ में हो रही है।

ट्रेडिंग में सफल होने के लिए आपको अपने मानसिक स्थिरता और धैर्य बनाये रखने की काफी आवशकता है।

Table of Contents
बाज़ार के दिशा में ही ट्रेड करे
कम जोखिम वाले एंट्री को पहचाने अनुकूल रिस्क रिवॉर्ड के परिस्तिथि को देखते हुए
एक ट्रेडिंग मेथोडोलॉजी होना काफी जरुरी है
एक बार ट्रेडिंग सेटअप बनाने के पश्चात, उसका पालन करे
अपनी ट्रेड्स की समीक्षा करने के लिए एक ट्रेडिंग जर्नल बनाये
कभी भी अपनी ट्रेडिंग के पूंजी के १-२ प्रतिशत से ज्यादा एक ट्रेड में जोखिम न डाले
ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए, अपनी स्टॉपलॉस को ट्रेल करे
हमेशा दो विभन्न्न टाइम फ्रेम में काम करे
स्टॉपलॉस को दिमाग में न रखकर कर उसी एक सही ऑर्डर ने रखे
ऐसे इंस्ट्रूमेंट्स चुने जो बाज़ार के ट्रेंड के बिना ही चले

आज अपने शेयर बाजार में ट्रेडिंग के 10 महत्वपूर्ण रणनीतियाँ (stock trading strategies) पर चर्चा करेंगे जिससे आप अपनी ट्रेडिंग के अनुभव को सुधार सकते है-

१. बाज़ार के दिशा में ही ट्रेड करे

समय की अवधी बहुत ही महत्वपूर्ण किरदार अदा करती बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए। मान लीजिये यदि आप लम्बे समय के निवेश का सोच रहे हो तो आपको लम्बी अवधी की चार्ट में विश्लेषण करने की जरुरत है जैसे की मासिक चार्ट।

वही दूसरी ओर यदि आप छोटे अवधी में ट्रेडिंग या निवेश का सोच रहे हो तो छोटी अवधी के चार्ट का विश्लेषण करे। इसलिए ट्रेंड को पहचानने के पहले आप अपने ट्रेडिंग की शैली को परखे की आपको इंट्राडे, स्विंग या पोसिशनल सौदे करने है। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण stock trading strategies का हिस्सा है|

२. कम जोखिम वाले एंट्री को पहचाने अनुकूल रिस्क रिवॉर्ड के परिस्तिथि को देखते हुए

यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलु है जोखिम प्रबंधन (रिस्क मैनेजमेंट) की और यदि आपको बाजार में बने रहना हो तो रिस्क रिवॉर्ड के बिच अच्छे संतुलन बनाये रखने की आवशयता है पुरे अनुशासन के साथ। इससे यह फायदा होगा की यदि आपके कुछ ट्रेड्स में नुकसान होता है तो आपके बाकी फायदे वाले ट्रेड्स उसको ढकने में सक्षम होंगे। उदहारण के तौर पर मन लीजिये आप यदि १:२ रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो में काम कर रहे है, तो यदि आपके ४ ट्रेड में नुकसान हो जाये, तो भी आप ८ रुपये कमाकर घर ही जायेंगे।

३. एक ट्रेडिंग मेथोडोलॉजी होना काफी जरुरी है

विभिन्न इंडीकेटर्स के माध्यम से एक ट्रेडिंग मेथोडोलॉजी को तैयार करे और उसे बैक टेस्ट करे किसी एल्गो या केवल अपनी आँखों से एक लम्बे समय के लिए।

शेयर बाजार में कुछ भी सही या गलत नहीं होता, बल्कि आपको ट्रायल एंड एरर करते रहना होगा जिससे आप नए ट्रेडिंग मेथोडोलोग्य बनाये और जो आपके स्टाइल को सूट करे और उसे अपने ट्रेडिंग में इस्तेमाल करने में सफल हो।

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४. एक बार ट्रेडिंग सेटअप बनाने के पश्चात, उसका पालन करे

ट्रेडिंग सेटअप बनने के बाद उसे एकदम निष्ठा से पालन करे और ३-४ असफलता के कारण हिम्मत न हारे। आपको अपने बनाये ट्रेडिंग सेटअप पर भरोसा होने अति आवशयक है और हार मैंने के वजाये आपको विश्लेषण करना चाहिए की कहा आखिर आप गलत जा रहे हो और उसे सुधरने का प्रयास करे।

ट्रेडिंग की 10 महत्वपूर्ण रणनीतियों (stock trading strategies) के बारे में और जानने के लिए नीचे वीडियो देखें;

५. अपनी ट्रेड्स की समीक्षा करने के लिए एक ट्रेडिंग जर्नल बनाये

आपकी ट्रेड्स का विश्लेषण करने के लिए, ट्रेडिंग जर्नल एक अहम भूमिका निभाती है। इससे आप अपनी ऑनलाइन ट्रेडिंग रहस्य का विश्लेषण कर सकते है कि कहा आप गलती कर रहे है ताकि अगली बार वह गलती ना दोहराये।

६. कभी भी अपनी ट्रेडिंग के पूंजी के १-२ प्रतिशत से ज्यादा एक ट्रेड में जोखिम न डाले

यदि आपको बाज़ार में बने रहना है, तो १-२ प्रतिशत नुकशान से ज्यादा ना खोये एक ट्रेड में। यदि आपके ट्रेडिंग सेटअप में सफलता की दर ६०-७० प्रतिशत है, तो भी यह कोई बड़ी बात नहीं है की ८-९ लूसिंग ट्रेड नहीं होगी।

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७. ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए, अपनी स्टॉपलॉस को ट्रेल करे

यदि आपका अकाउंट अनुमति देता है तो ज्यादा लॉट्स में ट्रेड करे ताकि आप बड़ा मुनाफा निकाल सके यदि ट्रेड आपके अनुसार हो। अच्छा मुनाफा कमाने के लिए आपको अपनी स्टॉपलॉस को ट्रेल करना काफी आवशयक है। इससे यह फायदा होगा की यदि आप सही हुए तो अच्छा मुनाफा घर ले जाओगे परन्तु गलत पड़ने पर ज्यादा नुकसान नहीं सहना पड़ेगा।

८. हमेशा दो विभन्न्न टाइम फ्रेम में काम करे

चाहे आप इंट्राडे, स्विंग या पोसिशनल ट्रेडर हो, थोड़ी बड़ी टाइम फ्रेम को साथ रखकर विश्लेषण करने से अधिक स्पष्टता हासिल होती है। जैसे की यदि आप इंट्राडे ट्रेडर हो और आप १५ मिनट के ट्रेडर में काम करते हो, तो आप साथ में १ घंटे या ४ घंटे को साथ रखकर विश्लेषण कर सकते है। उसी प्रकार, यदि आप स्विंग ट्रेडर हो तो आप डेली और वीकली चार्ट के हिसाब से काम कर सकते है।

९. स्टॉपलॉस को दिमाग में न रखकर कर उसी एक सही ऑर्डर ने रखे

शेयर बाजार में अनुशासन एक अहम भूमिका अदा करती है और इसी कारणवश ज्यादातर ट्रेडर पैसे बनाने में सफल नहीं होता शेयर बाज़ार में। लोग स्टॉपलॉस को न लगा कर उसे दिमाग में ही रखते है और जैसे ही विपरीत चाल शुरू होने लगता है, वे काटने में सफल नहीं हो पाते और इसी आशा में रहते है की जैसे ही उनके भाव तक आएगा तोह वह निकल जायेंगेऔर ज्यादातर समय लोग इससे लोस के तले दबे रहते है। इसी कारण से stock market analysis बहुत महत्तपूर्ण भूमिका निभाता है |

१०. ऐसे इंस्ट्रूमेंट्स चुने जो बाज़ार के ट्रेंड के बिना ही चले

ज्यादातर शेयर्स, बाज़ार के चाल के अनुसार ही काम करते है तो ऐसे शेयर्स या इन्वेस्टमेंट क्लास चुने जिनका खुद का अपना चाल हो। इससे आप का किया गया विश्लेषण अच्छा काम करता है और यह बाज़ार के चल से प्रभाभित नहीं होता।

Stop Loss Meaning in Hindi

What is Stop Loss in Share Market in Hindi?

Stop Loss वह मूल्य है जो शेयर मार्केट में ट्रेडर को ज्यादा नुकसान होने से बचाता है। यह ट्रेडर्स के जोखिम को कम कर उन्हें सही समय पर मार्केट से बाहर निकलने की अनुमति देता है।

शॉर्ट टर्म ट्रेड में स्टॉप लॉस की जरुरत और भी बढ़ जाती है क्योंकि यहां जोखिम की संभावना और भी ज्यादा होती है। स्टॉप लॉस ट्रेडर के इसी जोखिम को सीमित करता है।

यह उनलोगों के लिए रामबाण की तरह है जो निरंतर ट्रेडिंग नहीं करते और जो शेयर बाजार के ट्रेंड से अनजान हैं। ऐसे लोग स्टॉप लॉस लगाकर अपने नुकसान को कम कर सकते हैं।

स्टॉप लॉस को अच्छे से समझने के लिए एक उदहारण लेते है।

यदि हम किसी कंपनी के शेयर को 100 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से इस उम्मीद में खरीदते हैं कि इसकी प्राइस मार्केट में कभी तो 120 रुपये हो जाएगी और यह अच्छा-खासा रिटर्न देगी।

इसके उलट दूसरी स्थिति यह भी हो सकती है कि प्राइस 85 रुपये तक पहुंच जाए। मार्केट में इस तरह के बदलाव इतनी तेजी से होते हैं कि ट्रेडर को पता भी नहीं चलता।

इस स्थिति में यदि शेयर खरीदते समय ट्रेडर ने स्टॉप लॉस मूल्य यानी एक खास मूल्य जैसे 95 रुपये तय कर लिया है तो किसी भी वक्त मार्केट के उतार-चढ़ाव के स्टॉप लॉस स्ट्रेटेजी दौरान शेयर प्राइस 95 पर पहुंचेगा तो शेयर खुद ब खुद सेल हो जाएगा और ट्रेडर बड़े नुकसान से बच जाएगा।

तो ये बात हुए स्टॉप लॉस क्या होता है, लेकिन अक्सर शुरूआती ट्रेडर्स इस असमंझस में रहते है कि स्टॉप लॉस कैसे लगाए।

SL Trigger Price Means in Hindi

जैसे की बताया गया है की स्टॉप लॉस की सही वैल्यू से आप अपने नुक्सान को सीमित कर सकते है तो यहाँ पर ज़रूरी है की आपको ट्रिगर प्राइस की जानकारी हो । ट्रिगर प्राइस वह प्राइस है जिस प्राइस पर आर्डर एक्सचेंज पर ट्रांसफर हो जाता है और फिर स्टॉप लॉस हिट होते ही आपका आर्डर निष्पादित हो जाता है ।

बाय और सेल दोनों के लिए स्टॉप लॉस ट्रिगर प्राइस की वैल्यू अलग-अलग होती है, जैसे की अगर लॉन्ग पोजीशन ले रहे है तो ट्रिगर प्राइस की वैल्यू स्टॉप लॉस से ज़्यादा होती है और शार्ट पोजीशन के समय ट्रिगर प्राइस स्टॉप लॉस से कम रखा जाता है ।

Stop Loss Kaise Lagaye

ऐसे ट्रेडर जो स्टॉक मार्केट में ट्रेड की शुरुआत करने जा रहे हैं और उनके पास मार्केट के ट्रेंड को समझने का अनुभव नहीं है तो ट्रेडर के मन में नुकसान का डर सबसे ज्याादा होता है।

यह डर कभी-कभी इतना ज्यादा होता है कि लोग अपने ट्रेंडिंग के इरादों को भी बदल देते हैं। ऐसे ट्रेडर के लिए स्टॉप लॉस एक सहारे की तरह है जिससे वे अपने हिसाब से अपने लॉस को तय कर सकते हैं और प्रॉफिट को लॉक कर सकते हैं।

आइये जानते है कुछ ऐसे स्ट्रेटेजी जो आपको इंट्राडे ट्रेडिंग में सही ट्रिगर प्राइस सेट करने में मदद करती है ।

Best Stop Loss Strategy in Hindi

Stop loss के बारे में अच्छी तरह समझने के बाद सवाल उठता है कि आखिर किस प्राइस पर Stop loss लगाया जाए, क्या इसके लिए कोई नियम है?

इन सवालों के जवाब के साथ ही आप Stop loss को लेकर एक अच्छी रणनीति तैयार कर सकते हैं। शेयर मार्केट का गणित का सही उपयोग कर आप स्टॉप लॉस की जानकारी प्राप्त कर सकते है।

1. परसेंटेज मेथड (Percentage Method): ज्यादातर ट्रेडर Stop loss के लिए परसेंटेज नियम का पालन करते हैं। यह परसेंटेज नियम शेयर प्राइस का 10 प्रतिशत होता है। उदाहरण के लिए यदि शेयर प्राइस 100 रुपये है तो 100 रुपये का 10 प्रतिशत कम यानी 90 रुपये पर आप अपना Stop loss लगा सकते है।

क्योकि आप अपने रिस्क के अनुसार स्टॉप लॉस सेट करते है इसलिए शुरुआती ट्रेडर के लिए ये काफी चुनौतीपूर्ण होता है । अगर आप सही वैल्यू के साथ स्टॉप लॉस लगाना चाहते है तो उसके लिए आप आगे दी गयी सपोर्ट और रेजिस्टेंस मेथड का उपयोग कर सकते है। नए ट्रेडर्स के लिए ये एक अच्छा इंट्राडे ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी (Intraday Trading Strategy in Hindi) मानी जा सकती है.

2. सपोर्ट और रेजिस्टेंस मेथड (Support and Resistance in Hindi): हर एक स्टॉक अस्थिरता के चलते शेयर मार्केट चार्ट में एक सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल बनाता है और ये लेवल आपको स्टॉप लॉस लगाने में मदद करते है ।

अगर आपने लॉन्ग पोजीशन लेकर इंट्राडे ट्रेड की है तो यहाँ पर आप ट्रेडिंग प्राइस से पहले वाले सपोर्ट को पहचान उससे थोड़ा कम स्टॉप लॉस लगा सकते है ।

उदारहण के लिए अगर स्टॉक का एंट्री प्राइस 200 है और उसका सपोर्ट 185 पर है तो आप स्टॉप लॉस स्ट्रेटेजी स्टॉप लॉस स्ट्रेटेजी 182 पर स्टॉप लॉस ट्रिगर प्राइस लगा सकते है । इसी तरह से अगर आपने शार्ट पोजीशन लेकर ट्रेड किया है तो आप रेसिस्टेन्स की जानकारी प्राप्त कर स्टॉप लोस्स ट्रिगर प्राइस लगा सकते है ।

अगर आपको सपोर्ट और रेजिस्टेंस की जानकारी प्राप्त करने में मुश्किल हो रही है तो आप इंट्राडे ट्रेडिंग फॉर्मूला का उपयोग कर सकते है ।

स्टॉप लॉस के फायदे

Stop loss लगाने के लिए ट्रेडर को अलग से कोई राशि नहीं देनी पड़ती है। इस तरह से देखा जाए तो ट्रेडर के लिए यह एक फ्री इंश्योरेंस पॉलिसी की तरह है जो केवल फायदा ही पहुंचा सकती है नुकसान नहीं।

नए ट्रेडर को ट्रेड करने के लिए प्रोत्साहित करती है। नए ट्रेडर के सामने सबसे बड़ी चुनौती और मार्केट में उतरने का डर होता है कि कही वो अपने पैसे न गंवा दें। इसलिए Stop loss जोखिम को कम कर ट्रेडर का मार्केट में उतरने के निर्णय में मदद करता है।

ये आपके मार्केट संबंधी भ्रांतियों को दूर कर एक विश्वास प्रदान करता है। यदि कोई ट्रेडर अपनी उम्मीद के मुताबिक ही मार्केट में जोखिम उठाता है तो मार्केट के प्रति उसका विश्वास बढ़ता है।

स्टॉप लॉस के नुकसान

Stop loss के सबसे बड़े नुकसानों में से एक की बात करें तो मार्केट में आई कुछ समय की अस्थिरता पर भी यह सक्रिय हो जाते हैं क्योंकि हो सकता है कुछ समय अंतराल के बाद मार्केट में फिर से तेजी आ जाए।

ऐसे में ट्रेडर ज्यादा रिटर्न पाने की संभावना से वंचित रह जाता है। इसे एक उदाहरण से समझने की कोशिश करते हैं। मान लिया किसी ट्रेडर ने 120 में शेयर खरीदे और 108 का स्टॉप लॉस लगाया।

अब यदि मार्केट कुछ समय के लिए भी नीचे आया तो शेयर 108 में सेल हो जाएगा जबकि यह शेयर ट्रेडर को और भी ज्यादा बड़ा रिटर्न दे सकता था।

स्टॉप लॉस लगाने के लिए कोई स्थायी नियम नहीं है। अलग-अलग ट्रेडर अपने हिसाब से इसका उपयोग कर सकते हैं। एक और नुकसान की बात करें तो मार्केट ट्रेंड के हिसाब से स्टॉप लॉस में बदलाव नहीं किया जा सकता है।

निष्कर्ष

नए ट्रेडर के लिए Stop loss एक इंश्योरेंस की तरह तो है जो उनके जोखिम को खत्म कर उनके पैसे खोने के डर को खत्म करता है लेकिन लेकिन कभी-कभी यह नुकसान भी पहुंचाता है।

स्टॉप लॉस को उन लोगों के लिए तो फायदेमंद है जो ट्रेड के बाद मार्केट के ट्रेंड पर नजर नहीं रखते लेकिन उन लोगों के लिए यह उतना फायदेमंद नहीं है जो मार्केट को करीब से जानते हैं और उसके हर मूवमेंट पर कड़ी नजर रखते हैं। सरल भाषा में इंट्राडे ट्रेडिंग के नियमों (intraday trading rules in hindi) में स्टॉप लॉस लगाना सबसे पहला और महत्वपूर्ण नियम माना जाता है।

तो सही से इसकी जानकारी लें ट्रेड में होने वाले नुकसान को सीमित करें ।

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Stock Market Opening: बाजार की धमाकेदार शुरुआत, सेंसेक्स 700 अंक चढ़कर 57506 पर खुला, निफ्टी 260 अंक उछला

Stock Market Opening: आज मंगलवार के दिन भारतीय शेयर बाजार की मंगल शुरुआत हुई है और सेंसेक्स 700 अंक से ज्यादा के उछाल के साथ खुलने में कामयाब रहा है.

Stock Market Opening: बाजार की धमाकेदार शुरुआत, सेंसेक्स 700 अंक चढ़कर 57506 पर खुला, निफ्टी 260 अंक उछला

Stock Market Opening: शेयर बाजार (Stock Market) में आज जबरदस्त तेजी के साथ शुरुआत हुई है और सेंसेक्स (Sensex) 700 अंक से ज्यादा उछाल के साथ खुला है. निफ्टी (Nifty) में भी 250 अंकों से ज्यादा की मजबूती के साथ कारोबार खुला है. बैंक, ऑटो, आईटी, मेटल, फार्मा, रियल्टी सभी सेक्टर्स में उछाल के साथ शानदार तेजी के दायरे में कारोबार हो रहा है.

शुरुआती 15 मिनट में बाजार का हाल
शुरुआती 15 मिनट में बाजार का हाल देखें तो सेंसेक्स 1100 अंक ऊपर यानी 1.स्टॉप लॉस स्ट्रेटेजी 94 फीसदी की उछाल के साथ 57,889 पर आ गया है. वहीं निफ्टी 321.70 अंक यानी 1.9 फीसदी चढ़कर 17,209 पर आ गया है.

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कैसे खुला बाजार
आज शेयर बाजार की शुरुआत धमाकेदार हुई है और बीएसई का सेंसेक्स 717.84 अंक यानी 1.26 फीसदी की उछाल के साथ 57,506 पर खुला है. एनएसई का निफ्टी 260.10 अंक यानी 1.54 फीसदी की उछाल के साथ 17,147 पर खुला है.

प्री-ओपन में कारोबार
आज बाजार की प्री-ओपनिंग में शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी देखी जा रही है और सेंसेक्स 550 अंक तो निफ्टी 200 अंक से ज्यादा चढ़कर कारोबार कर रहा था. प्री-ओपन में सेंसेक्स 550 अंक की उछाल के साथ 57339 के लेवल देखे गए. वहीं निफ्टी 213 अंक ऊपर चढ़कर 17100 पर दिखाई दे रहा था.

जानें आर्थिक जानकार की राय
शेयरइंडिया के वीपी हेड ऑफ रिसर्च डॉ रवि सिंह का कहना है कि आज बाजार की शुरुआत में निफ्टी के 17050-17100 के बी खुलने की उम्मीद है और दिन के कारोबार के दौरान 16800-17200 के दायरे में कारोबार करने की उम्मीद है. आज बाजार के ऊपरी दायरे में रहने की उम्मीद है. आज के लिए मजबूत सेक्टर्स को देखें तो स्मॉलकैप, इंफ्रा, आईटी और मिडकैप में तेजी देखी जा सकती है. आज के कमजोर सेक्टर्स को देखें तो मेटल, पीएसयू बैंक, एफएमसीजी और ऑटो में कमजोरी देखी जा सकती है.

आज की ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी
खरीदारी के लिए-17200 के ऊपर जाने पर खरीदें, टार्गेट 17280 स्टॉपलॉस 17150
बिकवाली के लिए -16800 के नीचे जाने पर बेचें, टार्गेट 16720 स्टॉपलॉस 16850

बैंक निफ्टी में जबरदस्त तेजी
बैंक निफ्टी में जबरदस्त उछाल देखा जा रहा है और इसके सभी 12 शेयरों में उछाल देखा जा रहा है. बैंक निफ्टी 39000 के पार हो गया है. डॉ रवि सिंह का कहना है कि आज बैंक निफ्टी के लिए ऊपरी दायरे में ही रहने का अंदाजा है.

आज की बैंक निफ्टी की ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी
खरीदारी के लिए- 38500 के स्टॉप लॉस स्ट्रेटेजी ऊपर जानें पर खरीदें, टार्गेट 38700, स्टॉपलॉस 38400
बिकवाली के लिए- 38200 के नीचे जानें पर बेचें, टार्गेट 38000 स्टॉपलॉस 38300

आज के चढ़ने वाले शेयर
आज सेंसेक्स के सभी 30 शेयर उछाल के साथ कारोबार कर रहे हैं. इंडसइंड बैंक 4.90 फीसदी उछला है. बजाज फाइनेंस 3.60 फीसदी ऊपर है. एलएंडटी 2.92 फीसदी चढ़ा है और एसबीआई 2.84 फीसदी बढ़त के साथ कारोबार कर रहा है. एक्सिस बैंक में 2.73 फीसदी की तेजी है और आईसीआईसीआई बैंक 2.7 फीसदी मजबूत बना हुआ है. निफ्टी के सभी 50 शेयरों में बढ़त के हरे निशान के साथ कारोबार हो रहा है.

स्टॉप लॉस स्ट्रेटेजी

ऑर्डर फॉर्म में प्रवेश/निकास और स्टॉपलॉस स्प्रेड को पारिभाषित करें

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मुख्य विशेषताएं

एक क्लिक विस्तार स्तर निष्पादन

न्यूनतम स्लिप के साथ प्रसार स्तर पर एक - क्लिक निष्पादन सुविधा के साथ व्यापार को बिना किसी त्रुटि के निष्पादित करें

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मुख्य विशेषताएं

स्मार्ट रणनीति ग्रिड

एक जगह में अपनी रणनीतियों को ट्रैक करने के लिए स्मार्ट रणनीति ग्रिड। व्यापार बनाम ऑर्डर, औसत प्रवेश और औसत निकास मूल्य, प्राप्त और अप्राप्त लाभ/हानि जैसे मुख्य मापदंडों के साथ व्यक्तिगत लेग के साथ साथ रणनीति को भी ट्रैक करें

स्टॉक मार्केट में अपने नुकसान को कम करना चाहते है? तो इन 5 स्ट्रेटेजी को अपनाएं

स्टॉक मार्केट में अपने नुकसान को कम करना चाहते है? तो इन 5 स्ट्रेटेजी को अपनाएं

निवेश का उद्देश्य मुनाफा है, शेयर बाजार में नुकसान की संभावना हमेशा मौजूद रहती है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। इसलिए, हम नुकसान को पूरी तरह से दूर नहीं कर सकते हैं, लेकिन इसकी संभावना को कम करने के तरीके खोज सकते हैं।

How to Minimize Stock Market Risk: कोई भी इन्वेस्टर ऐसी सिक्योरिटीज या स्टॉक नहीं खरीदता है, जिनसे भविष्य में कीमतों में गिरावट की आशंका हो। हालांकि सभी के लिए निवेश का उद्देश्य मुनाफा है, शेयर बाजार में नुकसान की संभावना हमेशा मौजूद रहती है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। इसलिए, हम नुकसान को पूरी तरह से दूर नहीं कर सकते हैं, लेकिन इसकी संभावना को कम करने के तरीके खोज सकते हैं।

आइए अपने घाटे को प्रबंधित करने और मुनाफे को बढ़ावा देने के लिए कुछ स्ट्रेटेजी को देखें।

1) स्टॉप लॉस स्ट्रैटेजी

इस स्ट्रैटेजी के साथ आप खास शेयरों को खरीदने या बेचने के लिए स्टॉप-लॉस ऑर्डर दे सकते हैं जब वे किसी विशेष प्राइस लेवल पर पहुंच जाते हैं। उदाहरण के लिए मान लीजिए कि आप कंपनी XYZ के शेयर 50 रुपये प्रति शेयर पर खरीदते हैं। अपने घाटे को नियंत्रित करने के लिए, आप प्रति शेयर 48 रुपये के लिए स्टॉप-लॉस ऑर्डर दर्ज करते हैं। इसलिए अगर कीमतें 48 रुपये तक गिरती हैं, तो आपके शेयरों को और किसी भी नुकसान से बचने के लिए बेच दिया जाएगा। आप ट्रेलिंग स्टॉप लॉस भी सेट कर सकते हैं जो विशेष रूप से महत्वपूर्ण है यदि आप अपने द्वारा किए गए लाभ को बनाए रखना चाहते हैं। स्टॉप लॉस के पीछे, स्टॉप लॉस का लेवल बढ़ता है क्योंकि इक्विटी की कीमत बढ़ जाती है।

2) एंट्री पॉइंट की पहचान करें

जल्दबाजी में स्टॉक में प्रवेश करने से पहले एक ट्रेंड की पुष्टि करना महत्वपूर्ण है। ब्रेकआउट की पहचान करना सही एंट्री पॉइंट प्रतीत हो सकता है। लेकिन यह जरूरी है कि पहले घबराहट में निर्णय लेने के बजाय ट्रेंड का ठीक से अध्ययन किया जाए। एंट्री पॉइंट पर निर्णय लेते समय दो बातों का ध्यान रखना चाहिए -

● सबसे पहले, कीमतों को काफी हद तक स्थिर किया जाना चाहिए।

● अगर ब्रेकआउट असामान्य लगता है, तो आपको कीमतों के सही ढंग से प्रतिबिंबित होने की प्रतीक्षा करनी चाहिए।

3) एग्जिट पॉइंट की पहचान

किसी पोजीशन को बंद करने के लिए, स्टॉक के लिए एक एग्जिट पॉइंट की पहचान करना भी उतना ही जरूरी है। घाटे को कम करने या निर्धारित लाभ लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एग्जिट पॉइंट की योजना बनाई गई है। आप किसी भी समय स्टॉक से बाहर निकलने के लिए मार्केट ऑर्डर का उपयोग कर सकते हैं या स्टॉप-लॉस ऑर्डर सेट कर सकते हैं अगर ट्रेंड प्रतिकूल दिशा में आगे बढ़ रहा है।

4) सेल सिग्नल की पहचान

आपको बेचने के स्टॉप लॉस स्ट्रेटेजी संकेत को पकड़ने के लिए सतर्क रहना चाहिए जो आपको बताता है कि यह स्टॉक बेचने का समय है। एक बिक्री संकेत एक शर्त या मूल्य स्तर है जिसके आगे निवेशक को नुकसान हो सकता है। यह एक स्टॉक के फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस पर आधारित है जिसमें कंपनी के फाइनेंसियल डिटेल से प्राप्त कई महत्वपूर्ण पैरामीटर शामिल हैं। यह महत्वपूर्ण है कि निवेशक इन संकेतों पर नजर रखे और उचित तरीके से कार्य करे। कुछ चीजें जिनकी आपको जांच करने की आवश्यकता है वे हैं-

● रिलेटिव स्ट्रेंथ स्ट्रेटेजी (RSI)

इंडस्ट्री, मार्केट कैपिटलाइजेशन और अन्य फैक्टर के संदर्भ में विविध शेयरों में निवेश करना अच्छा अभ्यास है। चयन इस तरह से होना चाहिए कि अगर कोई स्टॉक किसी विशेष स्थिति में गिरता है, तो पोर्टफोलियो के अन्य स्टॉक अप्रभावित रहते हैं और कम से कम नुकसान को कवर कर सकते हैं।

नुकसान शेयर बाजारों में व्यापार का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। लेकिन ऊपर चर्चा की गई रणनीतियों को लागू करने और बाजार की स्थिति से सतर्क रहने से आपको अपने नुकसान को एक हद तक कम करने में मदद मिल सकती है।

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