शेयर की ट्रेडिंग कैसे होती है

जुलाई-सितंबर 2022 तिमाही में माझगांव डॉक शिपबिल्डर्स को 200.44 करोड़ रुपये शेयर की ट्रेडिंग कैसे होती है शेयर की ट्रेडिंग कैसे होती है का प्रॉफिट हुआ है। इस पीरियड में कंपनी का रेवेन्यू 1702.36 करोड़ रुपये रहा है। कंपनी का मार्केट कैप 18540 करोड़ रुपये के करीब है।
अभी शेयर बाजार में निवेश करें या बाहर रहें- शोमेश कुमार
बाजार में जो मजबूती हाल के कारोबार में देखने को मिली है वो अब धीरे-धीरे सब तरफ फैलेगी और आगे बढ़ेगी। मेरा मानना है कि निफ्टी में एक नया उच्च स्तर बनेगा, फिर उस स्तर पर बाजार मजबूत होगा और उसमें सुधार आयेगा। इस प्रक्रिया के बाद बाजार में फिर से रफ्तार आयेगी। आप भी जानना चाहते हैं अगर बाजार की आने वाली चाल के बारे में, तो देखें ये वीडियो। इसी विषय पर बाजार विश्लेषक शोमेश कुमार से बातचीत कर रहे हैं निवेश मंथन के संपादक राजीव रंजन झा।
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Rakesh Jhunjhunwala: टाटा ग्रुप के एक शेयर ने बदली किस्मत और बन गए मार्केट गुरू, टॉप अमीरों में थे शामिल
राकेश झुनझुनवाला को शेयर मार्केट का बिग बुल कहा जाता है,लेकिन उनकी असल मेहनत से बहुत कम लोग ही वाकिफ हैं.
भारतीय शेयर बाजार के दिग्गज निवेशकों की बात हो तो बिग बुल (Big Bull) के नाम से मशहूर रहे राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) का नाम सबसे ऊपर आता है. उनके पोर्टफोलियो पर हमेशा निवेशकों की नजर रहती थी. ऐसा इसलिए, क्योंकि उन्हें लगता था बिग बुल जिस शेयर को खरीदेंगे, वो जरूर मल्टीबैगर साबित होगा. कई निवेशक तो उनका रुख देखकर ही अपने फैसले करते थे. भारत के वॉरेन बफेट (India's Warren Buffett) कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला ने बाजार में अपनी शुरुआत आम निवेशकों की तरह बेहद मामूली रकम से की थी. लेकिन एक शेयर ने उनकी किस्मत पूरी तरह बदल दी.
टाटा ग्रुप के शेयरों से खास कनेक्शन (Rakesh Jhunjhunwala-Tata Connection)
राकेश झुनझुनवाला ने पहली बार 1985 में शेयर बाजार में निवेश करना शुरू किया. उनका पहला निवेश 5 हजार रुपये का था, जिससे उन्होंने टाटा टी के शेयर 43 रुपये के भाव पर खरीदे थे. 1986 में उन्होंने ये शेयर 143 रुपये के भाव पर बेच दिए. शेयर बाजार में उनका असली सफर इसी मुनाफे से शुरू हुआ. साल 1986 से 1989 के बीच उन्होंने 2 से 2.5 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया. टाटा ग्रुप के ही शेयर टाइटन ने उन्हें न सिर्फ भारत के सबसे कामयाब निवेशकों की कतार में खड़ा कर दिया, बल्कि वे देखते ही देखते देश के टॉप अमीरों में भी शामिल हो गए.
टाइटन पर राकेश झुनझुनवाला की नजर साल 2003 में पड़ी. उन्होंने कंपनी के 6 करोड़ शेयर इतने कम भाव पर खरीदे कि उन्हें एक शेयर औसतन 3 रुपये के आसपास पड़ा. बस इसी एक फैसले ने उनकी पूरी किस्मत बदल डाली. टाइटन के एक शेयर का भाव 2,700 रुपये से ज्यादा है. यानी बिग बुल को इस शेयर में लगाए पैसों पर सीधे-सीधे 933 गुना रिटर्न मिल गया!
5000 रुपये से 34,880 करोड़ तक का सफर
राकेश झुनझुनवाला ने पहली बार 1985 में शेयर बाजार में कदम रखा था. तब उन्होंने 5 हजार रुपये का निवेश किया था. तब उन्होंने टाटा टी के शेयर 43 रुपये के भाव पर खरीदे और 1986 में 143 रुपये के भाव पर बेच दिए. इसके बाद बाजार में उनका सफर लगातार आगे बढ़ता गया. साल 1986 से 1989 के बीच उन्होंने 2 से 2.5 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया और शेयर की ट्रेडिंग कैसे होती है आज उनके पोर्टफोलियो की कुल वैल्यू 34,880 करोड़ रुपये है.
साल 2022 की सितंबर तिमाही के अंत तक राकेश झुनझुनवाला एंड एसोसिएट्स ने कुल 30 शेयरों शेयर की ट्रेडिंग कैसे होती है में निवेश किया है. इनकी कुल वैल्यू 34,880 करोड़ रुपये है. इन शेयरों में टाइटन कंपनी के अलावा टाटा मोटर्स, केनरा बैंक, फेडरल बैंक, एनसीसी, टाटा कम्युनिकेशंस, Escorts Kubota, क्रिसिल, ल्यूपिन, फोर्टिस हेल्थकेयर, नजारा टेक्नोलॉजीज, डेल्टा कॉरपोरेशन, डीबी रियल्टी, इंडियन होटल्स, मेट्रो ब्राण्ड्स और स्टार हेल्थ प्रमुख हैं. इन सबमें झुनझुनवाला का सबसे अधिक निवेश टाइटन में ही है.
Rakesh Jhunjhunwala: टाटा ग्रुप के एक शेयर ने बदली किस्मत और बन गए मार्केट गुरू, टॉप अमीरों में थे शामिल
राकेश झुनझुनवाला को शेयर मार्केट का बिग बुल कहा जाता है,लेकिन उनकी असल मेहनत से बहुत कम लोग ही वाकिफ हैं.
भारतीय शेयर बाजार के दिग्गज निवेशकों की बात हो तो बिग बुल (Big Bull) के नाम से मशहूर रहे राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) का नाम सबसे ऊपर आता है. उनके पोर्टफोलियो पर हमेशा निवेशकों की नजर रहती थी. ऐसा इसलिए, क्योंकि उन्हें लगता था बिग बुल जिस शेयर को खरीदेंगे, वो जरूर मल्टीबैगर साबित होगा. कई निवेशक तो उनका रुख देखकर ही अपने फैसले करते थे. भारत के वॉरेन बफेट (India's Warren Buffett) कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला ने बाजार में अपनी शुरुआत आम निवेशकों की तरह बेहद मामूली रकम से की थी. लेकिन एक शेयर ने उनकी किस्मत पूरी तरह बदल दी.
टाटा ग्रुप के शेयरों से खास कनेक्शन (Rakesh Jhunjhunwala-Tata Connection)
राकेश झुनझुनवाला ने पहली बार 1985 में शेयर बाजार में निवेश करना शुरू किया. उनका पहला निवेश 5 हजार रुपये का था, जिससे उन्होंने टाटा टी के शेयर 43 रुपये के भाव पर खरीदे थे. 1986 में उन्होंने ये शेयर 143 रुपये के भाव पर बेच दिए. शेयर बाजार में उनका असली सफर इसी मुनाफे से शुरू हुआ. साल 1986 से 1989 के बीच उन्होंने 2 से 2.5 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया. टाटा ग्रुप के ही शेयर टाइटन ने उन्हें न सिर्फ भारत के सबसे कामयाब निवेशकों की कतार में खड़ा कर दिया, बल्कि वे देखते ही देखते देश के टॉप अमीरों में भी शामिल हो गए.
टाइटन पर राकेश झुनझुनवाला की नजर साल 2003 में पड़ी. उन्होंने कंपनी के 6 करोड़ शेयर इतने कम भाव पर खरीदे कि उन्हें एक शेयर औसतन 3 रुपये के आसपास पड़ा. बस इसी एक फैसले ने उनकी पूरी किस्मत बदल डाली. टाइटन के एक शेयर का भाव 2,700 रुपये से ज्यादा है. यानी बिग बुल को इस शेयर में लगाए पैसों पर सीधे-सीधे 933 गुना रिटर्न मिल गया!
5000 रुपये से 34,880 करोड़ तक का सफर
राकेश झुनझुनवाला ने पहली बार 1985 में शेयर बाजार में कदम रखा था. तब उन्होंने 5 हजार रुपये का निवेश किया था. तब उन्होंने टाटा टी के शेयर 43 रुपये के भाव पर खरीदे और 1986 में 143 रुपये के भाव पर बेच दिए. इसके बाद बाजार में उनका सफर लगातार आगे बढ़ता गया. साल 1986 से 1989 के बीच उन्होंने 2 से 2.5 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया और आज उनके पोर्टफोलियो की कुल वैल्यू 34,880 करोड़ रुपये है.
साल 2022 की सितंबर तिमाही के अंत तक राकेश झुनझुनवाला एंड एसोसिएट्स ने कुल 30 शेयरों में निवेश किया है. इनकी कुल वैल्यू 34,880 करोड़ रुपये है. इन शेयरों में टाइटन कंपनी के अलावा टाटा मोटर्स, केनरा बैंक, फेडरल बैंक, एनसीसी, टाटा कम्युनिकेशंस, Escorts Kubota, क्रिसिल, ल्यूपिन, फोर्टिस हेल्थकेयर, नजारा शेयर की ट्रेडिंग कैसे होती है टेक्नोलॉजीज, डेल्टा कॉरपोरेशन, डीबी रियल्टी, इंडियन होटल्स, मेट्रो ब्राण्ड्स और स्टार हेल्थ प्रमुख हैं. इन सबमें झुनझुनवाला का सबसे अधिक निवेश टाइटन में ही है.
250% से शेयर की ट्रेडिंग कैसे होती है ज्यादा चढ़ गया सरकारी कंपनी का शेयर, 6 महीने में दिया ताबड़तोड़ रिटर्न
एक सरकारी कंपनी के शेयरों ने पिछले 6 महीने से कम में छप्परफाड़ रिटर्न शेयर की ट्रेडिंग कैसे होती है दिया है। यह कंपनी माझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड है। वारशिप और सबमरीन बनाने वाली कंपनी के शेयरों ने 6 महीने से कम में ही 250 पर्सेंट से ज्यादा का रिटर्न इनवेस्टर्स को दिया है। माझगांव डॉक शिपबिल्डर्स (Mazagon Dock Shipbuilders) के शेयर इस पीरियड में 235 रुपये से बढ़कर 900 रुपये के पार पहुंच गए हैं। कंपनी के शेयरों का 52 हफ्ते का हाई लेवल 932 रुपये है।
6 महीने से कम में 1 लाख के बन गए करीब 4 लाख रुपये
माझगांव डॉक शिपबिल्डर्स (Mazagon Dock Shipbuilders) के शेयर 20 जून 2022 को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर 234.85 रुपये के स्तर पर थे। कंपनी के शेयर 1 दिसंबर 2022 को बीएसई में 926 रुपये के स्तर पर ट्रेड कर रहे हैं। अगर किसी व्यक्ति ने 20 जून 2022 को सरकारी कंपनी माझगांव डॉक शिपबिल्डर्स के शेयरों में 1 लाख रुपये लगाए होते और अपने इनवेस्टमेंट शेयर की ट्रेडिंग कैसे होती है को बनाए रखा होता तो मौजूदा समय में यह पैसा 3.94 लाख रुपये होता।