एफएक्स ट्रेडिंग

मुहूर्त ट्रेडिंग की शुरुआत

मुहूर्त ट्रेडिंग की शुरुआत

दिवाली पर अंबानी से लेकर अडानी तक खरीदते हैं ये खास चीज, इसलिए बने इतने धनवान

AMBANI

नई दिल्ली। दिवाली का त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। चाहे गरीब हो या अमीर सभी दिवाली को धूम-धाम से मनाते हैं। लेकिन देश का अमीर वर्ग दिवाली को कुछ अनोखे तरीके से मनाता है। अमीर वर्ग के लोगों के लिए मां लक्ष्मी की आराधना कुछ खास तरीके से करते हैं।साथ ही अगले साल तक और अधिक धन कमाने की कामना करते हैं।

अंबानी से लेकर अड़ानी तक दिवाली पर खरीदते मुहूर्त ट्रेडिंग की शुरुआत मुहूर्त ट्रेडिंग की शुरुआत है सामान

मुकेश अंबानी, अडानी सहित देश के सबसे अमीर लोग लक्ष्मी माता की खास पूजा करते हैं,और स्टॉक ट्रेडिंग यानि शेयर की खरीद -बिक्री करते हैं।जब पूरा देश दिवाली की शाम पटाखे जला रहा होता है और दीप जला रहा होता है।तब देश भर के निवेशक और अमीर लोग एक खास समय शेयर मार्केट की ट्रेडिंग करते हैं।इस दौरान इनके लिए मुनाफे से कहीं ज्यादा अहम परंपरा होती है। स्टॉक मार्केट सालों से अपनी परंपराओं का निर्वाह कर रहा है। इस परंपरा को मुहूर्त ट्रेडिंग कहते हैं। निवेशक ऐसा कर मां लक्ष्मी में अपनी आस्था प्रकट करते हैं और कामना करते हैं कि उनके द्वारा निवेश किए गए धन में भारी बढ़ोतरी हो। अधिकांश लोग इस दिन स्टॉक में खरीद करते हैं।हालांकि ये निवेश छोटा और प्रतीकात्मक होता है।

ये होता है मुहूर्त ट्रेडिंग

भारतीय परंपरा के अनुसार दीवाली के साथ नए साल की शुरुआत भी होती है। इस दिवाली के साथ संवत 2075 की शुरुआत होगी। देश के कई हिस्सों में दिवाली के साथ ही नए फाइनेंशियल ईयर की भी शुरुआत होती है। दिवाली पर खास मुहूर्त पर ट्रेडिंग की शुरुआत कर निवेशक नए फाइनेंशियल ईयर के अच्छे रहने की कामना करते हैं। इस साल दिवाली के दिन शाम 5 बजे से 6 बजकर 30 मिनट तक 1.30 घंटे की खास ट्रेडिंग होगी।

दिवाली के दिन होगी “मुहूर्त ट्रेडिंग”, मिलेगा पैसा कमाने का मौका

Business: व्यापारियों के बीच दिवाली का त्योहार नए साल की शुरुआत के रूप में मनाया जाता है। हिसाब-किताब से लेकर नए पैमानों और वितरण तक की पूजा भी की जाती है। इसलिए इस दिन शेयर बाजार भी खुलता है और मुहूर्त ट्रेडिंग होती है।

भारत में व्यापारी अपने व्यापार के नए साल की शुरुआत दिवाली के दिन से करते हैं। इसीलिए देश के दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) भी उस दिन खुलते हैं और ‘मुहूर्त ट्रेडिंग’ होती है।

इस साल दिवाली 24 अक्टूबर 2022 को है। इस दिन बीएसई और एनएसई दोनों एक घंटे के विशेष सत्र के लिए खुलेंगे। इस एक घंटे तक मुहूर्त ट्रेडिंग होगी। प्री-ओपन सेशन शाम 6 बजे से 6 बजकर 8 मिनट तक होगा.

दिवाली पर मुहूर्त ट्रेडिंग से पहले ही शेयर बाजार में मुहूर्त ट्रेडिंग की शुरुआत मुहूर्त ट्रेडिंग की शुरुआत ब्लॉक डील सेशन होगा। यह शाम 5.45 बजे से शाम 6 बजे तक होगा। इसके बाद प्री-ओपन सेशन और फिर मुहूर्त ट्रेडिंग होगी।

हिंदू कैलेंडर वर्ष के अनुसार संवत 2079 की शुरुआत मुहूर्त ट्रेडिंग से होगी। माना जाता है कि मुहूर्त ट्रेडिंग से पूरे साल शेयर बाजार में समृद्धि आती है। मुहूर्त ट्रेडिंग दिवाली के दिन शाम 7 बजकर 25 मिनट तक खत्म हो जाएगी और शेयर बाजार बंद हो जाएंगे.

दिवाली के दिन 1 घंटे के लिए खुलेगा शेयर बाजार, 60 साल से चली आ रही है परंपरा

नई दिल्लीः प्रमुख शेयर बाजार बीएसई और एनएसई 27 अक्टूबर को दिवाली के मौके पर एक घंटे का विशेष मुहूर्त कारोबारी सत्र संचालित करेंगे। दिवाली के दिन नए संवत की भी शुरुआत होती है। संवत एक हिंदू कैलेंडर वर्ष है। इस दिवाली के साथ संवत 2076 की शुरुआत होगी। माना जाता है कि मूहूर्त कारोबार करना पूरे वर्ष समृद्धि और संपत्ति के लिहाज से शुभ होता है। इसके अगले दिन 28 अक्टूबर को दिवाली बलिप्रतिपदा के अवसर पर शेयर बाजार बंद रहेंगे।

1 घंटे की मुहूर्त ट्रेडिंग
सालों से भारत के स्टॉक एक्सचेंज दिवाली के दिन मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा निभा रहे हैं। बहरहाल, इस बार दिवाली के दिन शाम 6 बजकर 15 मिनट से 7 बजकर 15 मिनट के बीच विशेष मुहूर्त कारोबार किया जाएगा। वहीं अगले दिन बलि प्रतिपदा के मौके पर 28 अक्टूबर को बाजार बंद रहेंगे। कहने का मतलब यह है कि अब शेयर बाजार में मंगलवार को कारोबार होगा।

1957 से हुई शुरुआत
मुहूर्त ट्रेडिंग की शुरुआत बीएसई पर 1957 से हुई। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर इसकी शुरुआत 1992 से हुई। इस दिन अधिकतर निवेशक शेयर बेचने के बजाय खरीदने को प्राथमिकता देते हैं। इसलिए मुहूर्त ट्रेडिंग की शुरुआत आम तौर पर इस सत्र में सेंसेक्स और निफ्टी बढ़त के साथ बंद होते हैं। दिवाली के दिन खास मुहूर्त पर ट्रेडिंग की शुरुआत कर निवेशक नए फाइनेंशियल ईयर के अच्छे रहने की कामना करते हैं।

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दिवाली पर शेयर बाजार में ‘मुहूर्त ट्रेडिंग’ क्‍या है?

शेयर बाजार दिवाली की शाम को ‘मुहूर्त मुहूर्त ट्रेडिंग की शुरुआत ट्रेडिंग’ के लिए खुलता है. ये जानना दिलचस्‍प है कि मुहूर्त ट्रेडिंग क्‍या है?

दिवाली पर शेयर बाजार में ‘मुहूर्त ट्रेडिंग’ क्‍या है?

देश में दिवाली के दिन आम तौर पर बैंक और ज्‍यादातर कारोबारी संस्‍थान बंद रहते हैं. लेकिन शेयर बाजार दिवाली की शाम को ‘मुहूर्त मुहूर्त ट्रेडिंग की शुरुआत ट्रेडिंग’ के लिए खुलता है. ऐसे में ये जानना दिलचस्‍प है कि मुहूर्त ट्रेडिंग आखिर है क्‍या?

इस ट्रेडिंग के साथ मुहूर्त शब्‍द जुड़ा हुआ है. जाहिर मुहूर्त ट्रेडिंग की शुरुआत है कि ये दीपावली के शुभ अवसर पर होने वाली ट्रेडिंग से जुड़ा है. इसे हम आगे थोड़ा और विस्‍तार से समझते हैं.

दीपावली का कारोबार से क्‍या संबंध?

दिवाली पर धन की देवी लक्ष्‍मी की पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि जिस पर लक्ष्‍मी की कृपा होती है, उसे कभी धन-धान्‍य की कमी नहीं होती है.

वैसे तो फाइनेंशियल मुहूर्त ट्रेडिंग की शुरुआत ईयर की शुरुआत अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक अप्रैल की पहली तारीख से होती है. लेकिन देश के कुछ भागों में परंपरागत तौर पर दीपावली से ही नए कारोबारी साल की शुरुआत होती है. इस मौके पर नए कारोबारी खाते की शुरुआत करने का चलन है. जाहिर है, इस मौके पर कारोबार करना शुभ माना जाता है.

शेयर बाजार 'मुहूर्त' से कैसे जुड़ा?

देश में जो लोग संवत की शुरुआत दिवाली से मानते हैं और नए कारोबारी साल की शुरुआत दिवाली से करते हैं, उनमें गुजराती और मारवाड़ियों की तादाद ज्‍यादा है. व्‍यापार-कारोबार में गुजराती और मारवाड़ी हमेशा से ही आगे रहे हैं. यहां तक कि स्‍टॉक ब्रोकिंग सेक्‍टर में भी हमेशा से इन दोनों समुदायों की अच्‍छी-खासी मौजूदगी रही है.

ऐसे माना जाता है कि इस शुभ मुहूर्त पर कारोबार करने से बरकत होती है. 'शगुन' के तौर पर खरीद की परंपरा आज भी चलन में है.

'मुहूर्त' पर शेयर बाजार में क्‍या होता है?

आम तौर पर दिवाली की शाम शेयर बाजार 1 से डेढ़ घंटे के लिए खास तौर पर खोला जाता है, जिसमें 1 घंटे तक खरीद-बिक्री होती है. ब्रोकरों के लिए ये वक्‍त लक्ष्‍मी पूजा के साथ-साथ ट्रेडिंग करने का होता है. आम तौर पर इस मौके पर खरीद ज्‍यादा शुभ माना जाता है, लेकिन बाजार का मूड हमेशा एक जैसा नहीं रहता.

कब से हुई मुहूर्त ट्रेडिंग की शुरुआत?

देश के शेयर बाजार में मुहूर्त ट्रेडिंग का चलन बहुत पुराना है. BSE में साल 1957 से और NSE में 1992 से ही मुहूर्त ट्रेडिंग का सिलसिला चल रहा है. अगर रिकॉर्ड उठाकर देखें, तो मार्केट इस दिन ज्‍यादातर हरे निशान में बंद होता देखा गया है.

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