इथेरियम की कीमत में उतार

2021 में मीम क्रिप्टोकरेंसी डॉगकॉइन तीसरी सबसे ज्यादा चर्चित क्रिप्टोकरेंसी रही इथेरियम की कीमत में उतार है और उस पर 10.7 करोड़ व्यूज आए हैं. बता दें कि एलन मस्क (Elun Musk) ने 18 अक्टूबर को शीबा इनू की एक तस्वीर ट्वीट की थी जिसमें वह चांद पर जाते हुए दिखाई दे रहा था. इसकी वजह से इसकी कीमत में 50 फीसदी का उछाल आ गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शीबा इनू जल्दी ही लोकप्रिय स्टॉक ट्रेडिंग एप Robinhood पर भी लिस्ट हो सकता है.
भारत सरकार बिटकॉइन और दूसरी क्रिप्टोकरेंसी पर क्यों प्रतिबंध लगाना चाहती है ?
अगर सरकार के नए क्रिप्टोकरेंसी रेगुलेशन बिल को संसद की मंजूरी मिल जाती है तो बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री भारत में गैरकानूनी हो जाएगी. सरकार के इस प्रस्ताव के बाद क्रिप्टोकरेंसी औंधे मुंह गिर रही है.
हैदराबाद : 29 नवंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है. इस सत्र में सरकार 26 नए विधेयकों को विचार के लिए संसद में पेश करेगी. इन नए विधेयकों में 'द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021' भी शामिल है. अभी इस बिल का मसौदा सार्वजनिक नहीं किया गया है, मगर यह माना जा रहा है कि इस बिल को संसद से मंजूरी मिल जाती है, तो भारत में क्रिप्टो करेंसी की खरीद बिक्री पर प्रतिबंध लग सकता है. इसके बाद इथेरियम और बिटकॉइन जैसी करेंसी में निवेश करना गैर-कानूनी हो जाएगा.
Cryptocurrency Prices Today December 29, 2021: Bitcoin और Ethereum से भी आगे निकली यह क्रिप्टोकरेंसी
Cryptocurrency Prices Today December 29, 2021: मजाक के तौर पर शुरू हुई मीम क्रिप्टोकरेंसी शीबा इनू (Shiba Inu) को लेकर अब लोग गंभीर हो गए हैं. दरअसल, शीबा इनू ने दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) और इथेरियम (Ethereum) को भी पछाड़ दिया है. 2021 में दुनिया की टॉप 10 क्रिप्टोकरेंसी में शीबा इनू अपनी जगह बनाने में कामयाब रही है. हालांकि अभी वह इस सूची से बाहर हो चुकी है, लेकिन उसने अपनी क्षमता से पूरी दुनिया को चौंका दिया है.
शीबा इनू दुनिया की 13वीं सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी
क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों पर नजर रखने वाली वेबसाइट CoinMarketCap के अनुसार पिछले एक साल में शीबा इनू पर 18.8 करोड़ से ज्यादा व्यूज आए हैं. वहीं दूसरी ओर बिटक्वाइन को लेकर 14.5 करोड़ व्यूज दर्ज किए गए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मौजूदा समय में शीबा इनू दुनिया की 13वीं सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी है और अभी उसका बाजार पूंजीकरण 20 अरब डॉलर से ज्यादा है.
Bitcoin, Ethereum या NFT को भारत में कभी नहीं मिलेगी कानूनी मान्यता: फाइनेंस सेक्रेटरी
Moneycontrol 02-02-2022 Hindi.Moneycontrol.com Team
© Moneycontrol द्वारा प्रदत्त Bitcoin, Ethereum या NFT को भारत में कभी नहीं मिलेगी कानूनी मान्यता: फाइनेंस सेक्रेटरी बिटकॉइन (Bitcoin) व इथेरियम (Ethereum) जैसी क्रिप्टोकरेंसी (Crypto Currency) और नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) को भारत में कभी भी कानूनी मान्यता नहीं मिलेगी। फाइनेंस सेक्रेटरी टीवी सोमनाथन (TV Somanathan ) ने बुधवार 2 फरवरी को ये बातें कहीं। सोमनाथन ने कहा कि क्रिप्टो एसेट्स की कीमतों को प्राइवेट तरीके से तय किया जाता है। ऐसे में भारत सरकार की इन पर कोई अथॉरिटी नहीं होगी। फाइनेंस सेक्रेटरी ने कहा, "बिटकॉइन, एथेरियम या NFT भारत में कभी इथेरियम की कीमत में उतार भी लीगल टेंडर नहीं होंगे। क्रिप्टो एसेट्स ऐसे एसेट्स होते हैं जिनकी कीमत दो लोगों के बीच तय होती है। आप सोना, हीरा, क्रिप्टो खरीद सकते हैं, लेकिन उसके पास सरकार द्वारा मूल्य प्राधिकरण नहीं होगा।" उन्होंने कहा, "निजी क्रिप्टो में निवेश करने वाले लोगों को यह समझना चाहिए कि इसके पास सरकार का प्राधिकरण नहीं है। आपका निवेश सफल होगा या नहीं, इसकी कोई गारंटी नहीं है, नुकसान हो सकता है और इसके लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है।" ये भी पढ़ें- SBI, PNB और बैंक ऑफ बड़ौदा ने बदल दिए ये 3 नियम, सीधे आपकी जेब पर डालेंगे असर 'क्रिप्टो एक तरह की सट्टेबाजी है' फाइनेंस सेक्रेटरी टीवी सोमनाथन ने क्रिप्टो पर टैक्स को लेकर कहा, "क्रिप्टो एक सट्टा लेनदेन है, इसलिए हम इस पर 30% की दर से टैक्स लगा रहे हैं। बिटकॉइन या इथेरियम का वास्तविक मूल्य कोई नहीं जानता। उनकी दर में दैनिक उतार-चढ़ाव होता है। क्रिप्टो के जरिए कमाई करने वालों को अब 30% का भुगतान करना होगा। यह है सरकार की नई नीति।" उन्होंने कहा, "यह केवल क्रिप्टो के लिए नहीं है, यह सभी सट्टा आय के लिए है। उदाहरण के लिए, यदि मैं घोड़े की रेस से हुई कमाई को लेता हूं, तो उस पर भी 30% टैक्स लगता है। किसी भी सट्टा लेनदेन पर पहले से ही 30% टैक्स है। इसलिए हमने उसी दर से क्रिप्टोकरंसी पर टैक्स लगाने का फैसला किया है।" 'खेती को छोड़कर हर चीज पर टैक्स' सोमनाथ ने सरकार की टैक्स नीति के बारे में कहा, "सरकार की नीति यह है कि कृषि को छोड़कर बाकी सभी स्रोतों से हासिल होने वाली आय टैक्स के योग्य है। वर्तमान में, हमारे पास क्रिप्टोकरेंसी पर स्पष्टता नहीं है। कई इसे बिजनेस इथेरियम की कीमत में उतार से होने वाली आय के रूप में तो कई कैपिटल गेन के रूप में दिखाते थे। कई लोग अपनी क्रिप्टो संपत्ति घोषित ही नहीं करते थे। हालांकि अब सभी वर्चुअल एसेट्स पर एक समान दर से टैक्स लगाने का फैसला किया गया है और वह टैक्स की दर है 30%।" 'RBI की डिजिटल करेंसी होगी लीगल टेंडर' सोमनाथन ने कहा, "अगले वित्त वर्ष में जारी होने वाले डिजिटल रुपये को आरबीआई का समर्थन मिलेगा जो कभी भी डिफॉल्ट नहीं होगा। पैसा RBI का होगा लेकिन प्रकृति डिजिटल होगी। RBI द्वारा जारी किया गया डिजिटल रुपया लीगल टेंडर होगा। इथेरियम की कीमत में उतार बाकी सभी लीगल टेंडर नहीं हैं, कभी लीगल टेंडर नहीं बनेंगे।"
देश में इसकी कानूनी ‘हैसियत’ क्या है?
देश में क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार पर किसी भी तरह का बैन नहीं है. हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा बैंकिंग प्रतिबंध लगाया गया है. राज्यसभा में इस संबंध में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए वित्त और कॉरपोरेट कार्य राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था कि "वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े मसलों से निपटने के लिए अलग से कोई कानून नहीं है. इस प्रकार आरबीआई, प्रवर्तन निदेशालय, आयकर प्राधिकरण जैसे सभी संबद्ध विभाग और काननू का अनुपालन करवाने वाली एजेंसियां मौजूदा कानून के अनुसार कार्रवाई करती हैं."
2009 में लॉन्च हुए बिटकॉइन हैकर्स या साइबर अपराधियों को दो फायदे देते हैं. पहला कि ये एक डिसेंट्रलाइज्ड करेंसी की तरह काम करता है और इसमें बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनी जैसा कोई बिचौलिया नहीं होता और इस वजह से इस्तेमाल करने वाला गुमनाम रहता है. दूसरा बिटकॉइन को वर्चुअल वॉलेट्स में रख सकते हैं, जिनकी पहचान सिर्फ एक नंबर से होती है.
निवेशकों के लिए एथेरियम मर्ज का क्या मतलब है
एथेरियम मर्ज, दुनिया की दूसरी सबसे मूल्यवान क्रिप्टोकरेंसी के तकनीकी आधार में एक लंबे समय से प्रतीक्षित बदलाव, 10 सितंबर और 20 सितंबर के बीच किसी समय पूरा होने वाला है। और, क्योंकि एथेरियम क्रिप्टो स्पेस के लिए इतना केंद्रीय है, परिवर्तन हो सकता है पूरे क्षेत्र में निवेशकों के लिए प्रभाव पड़ता है।
एथेरियम की तकनीक कई अन्य क्रिप्टोकरेंसी का समर्थन करती है, और इसका उपयोग आमतौर पर विकेंद्रीकृत क्रिप्टोक्यूरेंसी वित्तीय लेनदेन करने के लिए भी किया जाता है। जबकि मर्ज के पीछे तकनीकी विवरण जटिल हैं, इसका नतीजा यह है कि एथेरियम के डेवलपर्स इस तरीके को बदलने की तैयारी कर रहे हैं कि इसके विकेन्द्रीकृत आर्थिक प्रणाली के उपयोगकर्ता नए लेनदेन को मान्य करते हैं। मर्ज का उद्देश्य एथेरियम को खनन के रूप में जानी जाने वाली ऊर्जा-गहन प्रक्रिया से दूर ले जाना है, और यह नेटवर्क की बिजली की खपत को 99.95% से अधिक कम कर सकता है।