बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज इंडिया

Cryptocurrency News: क्रिप्टोकरेंसी में भारी गिरावट के बाद क्रिप्टो एक्सचेंज ने निवेशकों से क्या कहा, जानिए
Crypto exchange News: संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने संबंधी बिल लाने की खबर के बाद आज सुबह से इसके निवेशकों में भगदड़ मची हुई है और पैनिक सैलिंग देखी जा रही है.
By: पीयूष पांडे, एबीपी न्यूज़ | Updated at : 24 Nov 2021 06:33 PM (IST)
Edited By: Meenakshi
Crypto exchange News: देश में क्रिप्टो एक्सचेंज ने अपने निवेशकों से आग्रह किया है कि वो घबराहट में आकर अपनी क्रिप्टोकरेंसी को आननफानन में ना बेचें. क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज को ऐसा इसलिए कहना पड़ा क्योंकि आज सुबह से ही निवेशक इसमें भारी बिकवाली कर रहे हैं जिसके नतीजे के रूप में कई क्रिप्टो एक्सचेंज लगभग क्रैश होते हुए दिखे.
क्यों आई क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट
संसद के शीतकालीन सत्र में निजी क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने वाला बिल लाने के सरकार की योजना के बाद क्रिप्टो एक्सचेंज में भारी गिरावट दर्ज की गई. आज इस खबर के साथ ही एक और खबर भी आई कि देश की अपनी डिजिटल करेंसी आएगी. दोनों ही खबरों से मौजूदा क्रिप्टो इंवेस्टर्स ने पैनिक सैलिंग शुरू कर दी.
कब लाया जाएगा क्रिप्टोकरेंसी पर बिल
क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2021 को संसद के शीतकालीन सत्र में लाया बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज इंडिया जाएगा. बता दें कि ये सत्र 29 नवंबर से शुरू होने जा रहा है और इसका लेजिसलेटिव एजेंडा बीते कल यानी मंगलवार को जारी किया गया था. इसके असर को देखते ही सभी बड़ी डिजिटल करेंसीज में 15 फीसदी तक की बड़ी गिरावट देखी गई. इसके तहत बिटकॉइन में करीब 18.53 फीसदी, इथेरियम में 15.58 फीसदी और टेथर में 18.29 फीसदी की गिरावट देखी गई.
वजीरएक्स के फाउंडर ने क्या कहा
आज क्रिप्टो एक्सचेंज में दिख रही भारी बिकवाली को देखते हुए वजीरएक्स के फाउंडर और सीईओ निश्चल शेट्टी ने कहा कि कल रात से ही हमें एक्सचेंज पर भारी बिकवाली देखने को मिल रही थी जिसे हमारे वजीरएक्स के आईएनआर मार्केट में देखा गया. ये मुख्य तौर से इसी खबर के बाद आई जिसमें संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टो बिल लाने की बात कही गई थी. वैसे भी बिल में ठीक उसी तरह का वर्णन है जो जनवरी 2021 में था. उस समय भी इस बिल के आने की खबरों के बाद निवेशकों के मन में काफी डर बैठ गया था.
News Reels
भारत के मार्केट में दिख रही थी अभूतपूर्व तेजी- निश्चल शेट्टी
निश्चल शेट्टी ने ABP न्यूज से बात करते हुए कहा कि भारतीय क्रिप्टो मार्केट में लगातार बढ़ती मांग के कारण क्रिप्टो बाजार में ग्लोबल बाजारों के मुकाबले 5 से 8 फीसदी का हल्का प्रीमियम देखा जा रहा था. हालांकि पैनिक सैलिंग या घबराहट में की जा रही बिकवाली के चलते भारतीय बाजार में भी गिरावट आई और ये कुछ अंतराल के लिए करीब 15 से 20 फीसदी डिस्काउंट पर ट्रेड कर रहा था. हालांकि अब मार्केट में रिकवरी देखी जा रही है और इस समय ये बाजार करीब 4 फीसदी डिस्काउंट पर ही ट्रेड कर रहा है.
वित्त सचिव पहले ही दे चुके थे संकेत
कई मौकों पर पूर्व फाइनेंस सेक्रेटरी सुभाष चंद्र गर्ग इस बात की पैरवी कर चुके हैं कि क्रिप्टो के लिए करेंसी शब्द के यूज पर कुछ लगाम लगाई जानी चाहिए. निश्चल शेट्टी ने ये भी कहा कि " क्रिप्टो को कई वर्ग जैसे करेंसी, ऐसेट, यूटिलिटी और सिक्योरिटी के तहत क्लासीफाइड या वर्गीकृत किया जा सकता है तो करेंसी इसके कई रूपों में से एक हो सकता है. एक इंडस्ट्री के रूप में हमें इस बात का पूरा ज्ञान है कि आईएनआर (इंडियन नेशनल रुपी) देश में चलने वाली एकमात्र लीगल करेंसी है और क्रिप्टो एक ऐसेट है जिसे लोग खरीद बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज इंडिया और बेच सकते हैं.
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अगर क्रिप्टो बिल संसद में लाया जाता है तो इस पर कई विचार विमर्श होंगे और बिल को लेकर कई तरह के आयाम सामने आएंगे. साथ ही क्रिप्टो के रेगुलेशन पर भी काम किया जा रहा है और हमें अपने कानून के निर्माताओं पर भरोसा होना चाहिए.
पीएम मोदी भी जता चुके हैं चिंता
इस महीने में पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ऐसी बैठक की अध्यक्षता कर चुके हैं जिसमें क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य पर चर्चा की गई और इसमें सर्वसम्मति बनी कि क्रिप्टो को अनाधिकृत बाजारों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग का जरिया न बनने दिया जाए.
ZebPay के अविनाश शेखर ने भी बताया अपना रुख
ZebPay के को-सीईओ अविनाश शेखर ने कहा कि हम इस बिल के विषय में और विवरण का इंतजार कर रहे हैं. सरकार ने पहले ही क्रिप्टो को समझने और इसके स्टेकहोल्डर्स, निवेशकों, एक्सचेंज और पॉलिसीमेकर्स पर होने वाले असर को जानने के लिए कई पॉजिटिव कदम उठाए हैं. हमें विश्वास है कि इनके साथ हुई चर्चा को ध्यान में रखकर और सभी इनपुट पर नजर डालते हुए सरकार कोई फैसला लेगी.
जितनी भी निजी क्रिप्टोकरेंसी हैं उनके चलते ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को 'गहरी चिंता' जताने पर मजबूर होना पड़ा. बिटकॉइन जो दुनिया की सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी है वो फिलहाल करीब 60,000 डॉलर के रेट पर ट्रेड कर रही है जो इस साल की शुरुआत में इसके लेवल के दोगुने से भी ज्यादा है. इसके चलते ही इसे खरीदने के लिए निवेशकों में आपाधापी मची. बता दें कि आरबीआई ने जून 2021 में ही कहा था कि वो दिसंबर 2021 तक अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करने पर कार्य कर रहा है.
ABP न्यूज से बात करते हुए कैशा के फाउंडर और सीईओ कुमार गौरव ने कहा कि "क्रिप्टोकरेंसी में पहले ही भारी मात्रा में पैसा आ चुका है, इसके वॉल्यूम काफी बड़े हैं और बीतते समय के साथ इसके इंवेस्टर्स लगातार बढ़े ही हैं. अगर इन पर पूरी तरह बैन लगाया जाता है तो अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान होगा क्योंकि फिर ये सिर्फ ब्लैक मार्केट को बढ़ाने का ही काम करेंगी. सरकार भी इन सारी बातों को समझती है और जानती है कि इसके चलन को देखते हुए केवल ऐसे कदम उठाने होंगे जिससे ये मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गलत क्षेत्र में उपयोग नहीं की जाए- ऐसा हमें भरोसा है.
इंडस्ट्री के एस्टीमेट के अनुसार देखा जाए तो भारत में करीब 1.5 करोड़ से 2 करोड़ क्रिप्टो इंवेस्टर्स हैं जिनके पास मौजूद कुल क्रिप्टो ऐसेट्स की वैल्यू करीब 40,000 करोड़ रुपये हो सकती है यानी ये 5.39 अरब डॉलर के आसपास का कारोबार हो सकती है. वहीं दुबई के एक केंद्रीयकृत एक्सचेंज DIFX के मुताबिक भारत का क्रिप्टो को बैन करने वाला बिल लाने की बात निराशाजनक है.
Unocoin के को-फाउंडर ने क्या कहा
ABP न्यूज से बात करते हुए Unocoin के को-फाउंडर और सीईओ सात्विक विश्वनाथ ने कहा कि हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि बिल के क्या क्या प्रावधान होंगे. ये निराशाजनक है कि बाजार इसे इस निगेटिव व्यू में ले रहा है. अभी ये बताना मुश्किल है कि देश के क्रिप्टो एक्सचेंज पर इसका कैसा असर होगा. खासतौर पर जब भारत डिजिटाइजेशन की तरफ बढ़ रहा है तो बैन लगाना एक अवसर को खोने जैसा होगा. देश में करीब 1.5 करोड़ क्रिप्टो निवेशक हैं और करीब 20 क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज काम कर रहे हैं.
आपको बता दें कि हाल के दिनों में ऐसे विज्ञापनों की संख्या में काफी तेजी आई जो ये दावा करते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी निवेश एक सरल रास्ता है और ये बड़े अच्छे रिटर्न दिला सकता है. हालांकि इस दौरान ये डर लगातार बना हुआ है कि ऐसी करेंसी सामान्य निवेशकों को झूठे आश्वासन दे रही हैं जो चिंता का विषय है.
ये भी पढ़ें
Published at : 24 Nov 2021 06:26 PM (IST) Tags: Cryptocurrency Bitcoin cryptocurrency exchange Crypto exchange Cryptocurrency Fear Cryptocurrency Rate हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
CRYPTOCURRENCY EXCHANGE ADS. तो इस IPL सीजन के दौरान दूरी बनाएंगे क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज, नहीं करेंगे विज्ञापन
CRYPTOCURRENCY EXCHANGE ADS: इस IPL सीजन के दौरान क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज दूरी बनाएंगे और विज्ञापन नहीं करने का फैसला लिया है. ASCI द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों के मुताबिक, विज्ञापन में "मुद्रा", "प्रतिभूतियां", "कस्टोडियन" और "डिपॉजिटरी" शब्दों का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए.
Updated: March 24, 2022 12:07 PM IST
Cryptocurrency News: GST council, however, might not decide on the rate of tax in this week (File Photo)
CRYPTOCURRENCY EXCHANGE ADS: भारत में शीर्ष क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों ने सामूहिक रूप से इस साल इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के दौरान विज्ञापन नहीं करने का फैसला किया है. पिछले साल, CoinDCX, WazirX और CoinSwitch Kuber के साथ-साथ अन्य ने आईपीएल और क्रिकेट टी -20 विश्व कप के लिए टीवी विज्ञापन पर सामूहिक रूप से लगभग 90 करोड़ रुपये खर्च किए थे.
Also Read:
Economic Times में प्रकाशित खबर के मुताबिक, क्रिप्टो एक्सचेंज WazirX के चीफ एक्जीक्यूटिव निश्चल शेट्टी ने ट्विटर पर एक डायरेक्ट मैसेज के जरिए इसके बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सभी क्रिप्टो एक्सचेंजों ने आईपीएल में विज्ञापन नहीं देने का फैसला किया है.
उन्होंने कहा, “एक उद्योग के रूप में, हम यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि आईपीएल विज्ञापनों में फिर से आने से पहले हमारे पास जिम्मेदार विज्ञापन के लिए सख्त दिशानिर्देश हों.”
शेट्टी ने कहा कि यह निर्णय ब्लॉकचैन और क्रिप्टो एसेट्स काउंसिल (BACC) द्वारा लिया गया था, जिसमें दो दर्जन से अधिक क्रिप्टो एक्सचेंज और क्रिप्टो-संबंधित कंपनियां सदस्य हैं. बीएसीसी इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया का हिस्सा है.
बता दें, क्रिप्टो एक्सचेंजों ने आईपीएल 2021 में टीवी विज्ञापनों पर 40 करोड़ रुपये खर्च किए थे.
भारत के सबसे आकर्षक खेल आयोजन के साथ-साथ क्रिकेट विश्व कप के दौरान इस विज्ञापन ब्लिट्जक्रेग से डिजिटल एक्सचेंजों की संख्या चार गुना तक बढ़ गई और क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों के बीच बिटकॉइन और एथेरियम की तरह घरेलू पहचान बन गई.
हालांकि, विज्ञापन अभियान नियामकों और सरकारी एजेंसियों की जांच के दायरे में आए. सरकार वर्तमान में क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजार को विनियमित करने के लिए एक विधेयक बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज इंडिया पर काम कर रही है.
मीडिया बायिंग एग्जिक्यूटिव्स के मुताबिक, डिज्नी स्टार नेटवर्क इस साल कुल ऐड रेवेन्यू में 5,000 करोड़ रुपये को पार कर सकता है, जिसमें 90% इन्वेंट्री पहले ही बिक चुकी है. आईपीएल दो साल के कोविड -19 अंतराल और दो नई टीमों – गुजरात टाइटन्स और लखनऊ सुपर जायंट्स के बाद भारत लौट रहा है.
पिछले महीने, एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI), एक स्व-नियामक उद्योग निकाय, ने क्रिप्टो और अपूरणीय टोकन (NFT) उत्पादों सहित आभासी डिजिटल संपत्ति (VDA) और सेवाओं के विज्ञापन और प्रचार के लिए दिशानिर्देश जारी किए.
ASCI ने कहा कि यह इस साल 1 अप्रैल को या उसके बाद जारी सभी वर्चुअल डिजिटल एसेट से संबंधित विज्ञापनों पर लागू होगा.
दिशानिर्देशों के अनुसार, वीडीए उत्पादों और एक्सचेंजों के विज्ञापनों में यह डिस्क्लेमर होना चाहिए कि क्रिप्टो उत्पाद और एनएफटी अनियमित हैं और अत्यधिक जोखिम भरे हो सकते हैं. इस तरह के लेनदेन से किसी भी नुकसान के लिए कोई नियामक सहारा नहीं हो सकता है.
डिस्क्लेमर एक औसत उपभोक्ता द्वारा प्रमुख और अस्वीकार्य होना चाहिए, जिसमें एक वॉयसओवर टेक्स्ट में डिस्क्लेमर के साथ होना चाहिए जो कि सामान्य बोलने की गति से होना चाहिए और दिशानिर्देशों के अनुसार जल्दबाजी में नहीं होना चाहिए.
सोशल मीडिया पोस्ट में भी, इस तरह के डिस्क्लेमर को कैप्शन के साथ-साथ किसी भी तस्वीर या वीडियो अटैचमेंट दोनों में पोस्ट की शुरुआत में पहले ही ले जाया जाना चाहिए.
दिशानिर्देश वीडीए को अपने विज्ञापन में “मुद्रा”, “प्रतिभूतियां”, “कस्टोडियन” और “डिपॉजिटरी” शब्दों का उपयोग करने से भी रोकते हैं.
VDA उत्पादों के प्रत्येक विज्ञापन में स्पष्ट रूप से विज्ञापनदाता का नाम होना चाहिए और उनसे संपर्क करने का एक आसान तरीका प्रदान करना चाहिए.
किसी भी विज्ञापन में ऐसे बयान नहीं होंगे जो भविष्य में मुनाफे में वृद्धि का वादा करते हैं या गारंटी देते हैं, और विज्ञापनों में कुछ भी श्रेणी से जुड़े जोखिमों को कम नहीं करना चाहिए.
इसके अलावा, दिशानिर्देशों में कहा गया है कि वीडीए विज्ञापनों में दिखाई देने वाली मशहूर हस्तियों या प्रमुख हस्तियों को यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष ध्यान रखना चाहिए कि उन्होंने विज्ञापनों में किए गए दावों के बारे में अपना उचित परिश्रम किया है ताकि उपभोक्ताओं को गुमराह न किया जा सके.
ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें व्यापार की और अन्य ताजा-तरीन खबरें
BitCoin का भाव $41,000 के पार, अब तेजी की उम्मीद लगा रहे हैं एक्सपर्ट
BitCoin latest rate: दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी में कई दिनों से तेजी दर्ज की जा रही है. गुरुवार को बिटकॉइन का भाव 0.6 फीसदी चढ़कर $41,500 के पार निकल गया है. बुधवार तक 3.26 प्रतिशत की बढ़त दर्ज करते हुए ग्लोबल एक्सचेंज पर BitCoin 41,000 डॉलर या करीब 31 लाख रुपये के भाव पर था.
आ सकती है तेजी
बिटकॉइन के भाव में लगातार दूसरे दिन तेजी दर्ज की गई है. कई अंतरराष्ट्रीय एक्सपर्ट का कहना है कि टेक्निकल इंडिकेटर्स के हिसाब से अब छोटी अवधि में बिटकॉइन का भाव $51000 तक पहुंच सकता है. अगर बिटकॉइन के 200 दिन की के मूविंग एवरेज की बात करें तो यह अभी $48000 के करीब बैठता है.
रेंज में है बिटकॉइन
बिटकॉइन का भाव इस साल 35000 से $45000 के रेंज में ही रहा है. मार्च में bitcoin ने 200 दिन के मूविंग एवरेज को छूने की कोशिश की थी. अगर बिटकॉइन 200 दिन के मूविंग एवरेज से ऊपर निकलता है तो इसमें काफी तेजी देखी जा सकती है. दुनिया भर के कई देशों में हालांकि मौद्रिक पॉलिसी खड़े होने की वजह से सभी रिस्क एसेट में कमजोरी देखी गई है. इस अवधि में हालांकि बिटकॉइन और अन्य टेक्नोलॉजी स्टॉक के भाव में रिकॉर्ड तेजी आई है.
अन्य क्रिप्टो की हालत
ईथर की कीमत 3,251 डॉलर या करीब 2.5 लाख रुपये है, वहीं ग्लोबल एक्सचेंज पर ईथर क्रिप्टो की कीमत 3,119 डॉलर या करीब 2.4 लाख रुपये है. यह कॉइन पिछले 24 घंटे में पिछले साल की तुलना में 2.25 प्रतिशत बढ़ गया है. रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक हफ्ते में क्रिप्टोकरेंसी की कीमत अब भी 1.4 प्रतिशत नीचे है. अधिकतर एल्टकॉइन ने बुधवार को बेहतर प्रदर्शन किया है. पिछले 4 घंटों में ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट कैप में 2.31 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की गई है.
क्या देश में क्रिप्टो अब कानूनी हो गया? 30% टैक्स के बाद अगर आप भी इसे लीगल मान रहे हैं तो जानिए क्या है हकीकत
Cryptocurrency in India: वित्तमंत्री के बजट भाषण के बाद इतना तो साफ हो गया है कि भारत में अब वर्चुअल एसेट (Virtual Asset) से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. इतना ही नहीं, क्रिप्टोकरेंसी के हर एक ट्रांजैक्शन (Transaction) पर अलग से 1% TDS (Tax deduction at source) सरकार को देना होगा.
Cryptocurrency: हम जिसे क्रिप्टोकरेंसी मान रहे हैं और वित्तमंत्री ने जिसे Virtual asset कहा उससे होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. बजट 2022 में यही एक प्वाइंट था, जिसने सबका ध्यान खींचा. बजट में ऐलान के बाद क्रिप्टो में निवेश करने वाले निराश हुए होंगे और इसके कारोबार से जुड़े कुछ लोग खुश भी हुए होंगे. खुशी इसलिए क्योंकि, कई लोग ये दावा कर रहे हैं कि अब क्रिप्टोकरेंसी देश में लीगल हो गई है. ये इस बात से भी साफ होता है कि बजट में ऐलान के ठीक बाद क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज WazirX, Coinswitchkuber की तरफ से रिएक्शन आए कि सरकार यह कदम अच्छा है. लेकिन, यहां थोड़ा सा कन्फ्यूजन है. पहले समझते हैं कि वित्तमंत्री ने क्या कहा और उसका इंटरप्रिटेशन करने वाले कहां चूक कर रहे हैं.
डिजिटल करेंसी नहीं एसेट पर लगा है टैक्स
सबसे पहले तो ये समझिए सरकार ने जो टैक्स लगाया है वो डिजिटल एसेट या यूं कहें क्रिप्टोकरेंसी (Cyrptocurrency) जैसे बिटकॉइन पर लगा है, जो फिलहाल लीगल नहीं है. गौर करने की बात ये है कि सरकार इसे करेंसी नहीं मान रही है. तो अब भारत में डिजिटल एसेट (Cryptocurrency) से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. मतलब अब अगर कोई व्यक्ति किसी डिजिटल एसेट (Digital Asset) में निवेश करके 100 रुपए का मुनाफा कमाता है, तो उसे 30 रुपए टैक्स के रूप में सरकार को देने होंगे.
ट्रांजैक्शन पर TDS भी वसूलेगी सरकार
क्रिप्टोकरेंसी के हर एक ट्रांजैक्शन (Transaction) पर अलग से 1% TDS (Tax deduction at source) सरकार को देना होगा. मान लीजिए, किसी ने कोई क्रिप्टोकरेंसी खरीदी हुई है. ये उसका निवेश है. मतलब उसका ये Asset हुआ. अब अगर खरीदने वाला इस एसेट को किसी और को ट्रांसफर करता है, तो उसे अलग से उस Asset की कुल कीमत पर 1% के हिसाब से TDS चुकाना होगा. TDS किसी Source पर लगाया जाता है. जैसे आपको हर महीने मिलने वाली तनख्वाह पर सरकार जो टैक्स लेती है, वो TDS होता है. कुल मिलाकर सरकार डिजिटल करेंसी को एक इनकम सोर्स मान रही है. इसकी कमाई पर 30% टैक्स भी लगा दिया गया है.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
तो क्या क्रिप्टो करेंसी लीगल हो गई?
बजट में हुए इस ऐलान के बाद ज्यादातर लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या सरकार ने डिजिटल करेंसी पर टैक्स लगा कर इसे लीगल कर दिया है? जवाब है- नहीं. इसे ऐसे समझिए, सरकार सिर्फ उस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लीगल यानी वैध मानती है, जिसे Reserve Bank of India-RBI जारी करता है या करेगा. मतलब अभी जो Bitcoin जैसी Crypto Currency हैं, वो वैध नहीं है. बजट भाषण के बाद पत्रकारों से सवाल-जवाब में वित्तमंत्री ने साफ किया कि क्रिप्टो की वैधता को लेकर सरकार में चर्चा जारी है लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क के बाहर जो भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, वे करेंसी नहीं हैं. अगर कोई आपसे कहे कि ये लीगल हो गई हैं तो जब तक सरकार नहीं कहती, मानिएगा नहीं. यहां पर गौर करने की बात ये भी है कि सरकार अप्रैल से शुरू होने वाले कारोबारी साल में अपनी डिजिटल करेंसी लाने की भी तैयारी में है जिसका जिक्र वित्तमंत्री ने अपने भाषण में किया. जाहिर है ये करेंसी पूरी तरह लीगल होगी.
क्रिप्टो पर कन्फ्यूजन फैला क्यों?
वर्चुअल एसेट पर 30 परसेंट टैक्स का एलान होते ही कई बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज इंडिया लोगों ने ये मान लिया कि जो चीज टैक्स के दायरे में आ गई वो तो लीगल हो गई. जबकि ऐसा नहीं है. इनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक आपकी आय कहीं से भी हो, सरकार उस पर टैक्स वसूलती है. इससे आपके आय के लीगल होने की गारंटी नहीं मिल जाती. टैक्स एक्सपर्ट वेद जैन (Tax Expert Ved Jain) के मुताबिक, इनकम टैक्स प्रोविजन में साफ है कि आपकी कहीं से भी कमाई हुई है, उस पर टैक्स स्लैब के मुताबिक टैक्स की देनदारी बनेगी. चाहे इनकम सोर्स वैध हो या फिर अवैध. सुप्रीम कोर्ट ने भी काफी वक्त पहले स्मगलिंग बिजनेस के मामले में ऐसा ही फैसला सुनाया था. इसलिए ऐसी कोई एसेट पर लगने वाले टैक्स को लीगल कहना सही नहीं है.
वर्चुअल एसेट से वित्तमंत्री का मतलब क्या है?
आसान तरीके से समझें तो आप जो सोना खरीदते हैं या जो घर खरीदते हैं, वो आपकी Assets होती है. मतलब आपकी सम्पत्ति, ना कि ये करेंसी है. ठीक इसी तरह Crypto Currency भारत सरकार के लिए एक Asset होगी और इस पर लोगों से टैक्स वसूला जाएगा. अगर आप ये सोच रहे हैं कि Bitcoin, Ethereum, Tether, Ripple जैसी डिजिटल करेंसी को लीगल माना गया है तो तकनीकी तौर पर बिल्कुल सही नहीं है. हालांकि, लोग इसमें निवेश कर सकेंगे.
इस टैक्स के पीछे क्या है सरकार की मंशा
सरकार के प्रतिनिधियों ने ये भी बताया कि देश में क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन साल 2017 से ही सरकार के राडार पर है. इस पर टैक्स लगाने से सरकारी खजाने में मोटी रकम पहुंचनी तय है. अभी अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, Netherlands और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) पर वहां की सरकारें टैक्स लगाती हैं. सरकार के इस फैसले के पीछे एक बड़ी वजह ये हो सकती है कि, हमारे देश में जितने लोगों ने CryptoCurrency में निवेश किया है, वो देश की आबादी का लगभग 8% हैं. RBI के आंकड़ों के मुताबिक, इन लोगों ने अपने 70 हजार करोड़ रुपए इस समय ऐसी Virtual Currency में लगाए हुए हैं. पूरी दुनिया में CryptoCurrency में ट्रेड करने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं. सरल शब्दों में कहें तो ये 30 प्रतिशत टैक्स, सीधे तौर पर 70 हजार करोड़ रुपए के निवेश को एक गारंटी देगा और हो सकता है कि भारत में इसका इस्तेमाल बढ़ जाए.
गिफ्ट पर भी लगेगा टैक्स, ऐसे होगा कैलकुलेट
बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने वर्चुअल एसेट्स (Virtual Assets) के ट्रांजैक्शन से हुई कमाई पर 30% टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया. क्रिप्टोकरेंसी गिफ्ट करने को भी ट्रांजेक्शन माना जाएगा. मतलब अगर आप क्रिप्टोकरेंसी किसी को गिफ्ट में देते हैं तब भी 30 फीसदी टैक्स की देनदारी बनेगी. गिफ्ट किए जाने के मामले में उस समय की वैल्यू पर टैक्स लगेगा. इस वैल्यू को Recipient का इनकम माना जाएगा और उसे वैल्यू पर टैक्स देना होगा.
कब से लगेगा नया टैक्स?
एक और बात जो नोटिस करने वाली है कि ये नया टैक्स आने वाले कारोबारी साल यानी 1 अप्रैल से लागू होगा. यानी क्रिप्टो में कारोबार करने वालों के पास फिलहाल 31 मार्च तक की मोहलत है. वित्त मंत्री ने यह भी प्रस्ताव किया कि डिजिटल एसेट्स के दायरे में क्रिप्टोकरेंसी के अलावा NFT समेत सारे टोकन आते हैं, जो सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क में नहीं हैं. वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि रिजर्व बैंक की डिजिटल करेंसी आने आने वाली है. ये सारे बदलाव बजट पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद 1 अप्रैल 2022 से लागू हो जाएंगे.