मुद्रा आउटलुक

FY28 तक भारत बन सकता है अमेरिका और मुद्रा आउटलुक चीन के बाद तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश- जानें डिटेल्स
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) वर्ल्ड इकनोमिक आउटलुक डेटाबेस के अनुसार साल 2025-26 तक भारत की अर्थव्यवस्था जर्मनी के चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के बराबर हो सकती है.
साल 2021 में भारत यूनाइटेड किंगडम को हारने में नाकाम रहा था और $10 बिलियन से दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने से चूक गया था. अब भारत को वो जगह वापिस हासिल करने के लिए एक साल का इंतजार और करना होगा. 2022-23 तक भारत $27 बिलियन डॉलर से UK से आगे निकल सकता है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) वर्ल्ड इकनोमिक आउटलुक डेटाबेस के अनुसार भारत के FY28 तक अमेरिका और चीन के बाद तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावना है. यह उम्मीद से 2 साल जल्दी है, जर्मनी और जापान को पछाड़कर भारत के आगे आने की बात आईएमएफ के वर्ल्ड आउटलुक डेटाबेस में बताई गई है. इसके अलावा ब्रिटेन को पछाड़कर 5वां सबसे बड़ा देश बनने का भी अनुमान है.
भारत का तेजी मुद्रा आउटलुक से होगा विकास
ज्यादातर विकसित अर्थव्यवस्थाएं covid महामारी और युद्ध से प्रभावित हुईं, जिसके कारण संभव है कि वो धीमी गति से बढ़ें या फिर मंदी में भी जा सकते हैं. ऐसा नहीं है कि भारत पर इसका असर नहीं हुआ लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था से फिर भी सही गति से विस्तार की उम्मीद है. डॉलर के मुकाबले रूपए में गिरावट तो देखी गई लेकिन ये फिर भी बाकी कई करेंसी की तुलना में कम है.
भारत की इन्फ्लेशन हाई पर भी उम्मीदें
भारत के पास बेहतर मैक्रो फंडामेंटल हैं, इसके अलावा भारत की इन्फ्लेशन हाई देखी गई है लेकिन फिर भी यह आसमान छूती नहीं है. चालू खाते में घाटा देखा गया है लेकिन इसके कम होने की आशा है. विदेशी मुद्रा भंडार की बात करें तो ये अभी नीचे हैं लेकिन फिर भी वित्तीय हालत अभी आरामदायक है जो कि $550b के आस-पास हैं.
IMF ने कहा वैश्विक मंदी के बीच भारत की GDP ग्रोथ रेट रहेगी सबसे तेज
मंगलवार को जारी अपनी वार्षिक विश्व आर्थिक आउटलुक रिपोर्ट में आईएमएफ ने कहा है कि 2022 में भारत की जीडीपी में वृद्धि का संशोधित अनुमान 6.8 प्रतिशत है। इस तरह जुलाई महीने के पूर्वानुमान में 0.6 प्रतिशत अंक कटौती की गई है। वैश्विक विकास का अनुमान 2021 में 6.0 प्रतिशत से 2022 में 3.2 प्रतिशत और 2023 में 2.7 प्रतिशत रहने का है। वैश्विक वित्तीय संकट और COVID-19 महामारी के तीव्र चरण को छोड़कर 2001 के बाद से यह सबसे कमजोर वैश्विक विकास दर है।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का नवीनतम विश्व आर्थिक आउटलुक (डब्ल्यूईओ) वैश्विक अर्थव्यवस्था की एक उदास तस्वीर पेश करता है। इसके अनुमानों के अनुसार चालू वर्ष में वैश्विक विकास दर धीमी होकर 3.2 प्रतिशत और 2023 में 2.7 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। विश्व आर्थिक आउटलुक (WEO) 2023 के पूर्वानुमान को 0.2 प्रतिशत अंक कम किया गया है। यदि वैश्विक विकास आईएमएफ के अनुमानों के अनुरूप रहता है, तो यह औसतन से काफी नीचे होगा। उदाहरण के लिए, वैश्विक आर्थिक विकास 2000 और 2021 के बीच औसतन 3.6 प्रतिशत रहा। अनुमानों से पता चलता है कि 2023 के लिए 143 अर्थव्यवस्थाओं के लिए दृष्टिकोण खराब हो गया है, जो वैश्विक उत्पादन का 92 प्रतिशत है।
वहीं वैश्विक मुद्रास्फीति 2021 में 4.मुद्रा आउटलुक 7 प्रतिशत से बढ़कर 2022 में 8.8 प्रतिशत होने का अनुमान है, लेकिन 2023 में 6.5 प्रतिशत और 2024 तक 4.1 प्रतिशत तक घटने का अनुमान है।
अमेरिका, चीन के मुकाबले भारत की स्थिति बेहतर
आईएमएफ ने कहा है कि 2022 में दुनिया की तीन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं सुस्त बनी रहेगी। इनमें अमेरिका (1.6 फीसदी), चीन (3.2 फीसदी) और यूरो एरिया (3.1 फीसदी) की ग्रोथ रेट रहेगी। वहीं भारत की विकास दर 6.8 फीसदी रहेगी जो दुनिया में मुद्रा आउटलुक सबसे ज्यादा है।
IMF द्वारा जारी 2023 के विश्व आर्थिक आउटलुक रिपोर्ट के विकास पूर्वानुमान में अमेरिका की जीडीपी (1%), जर्मनी (-0.3%), फ्रांस (0.7%), इटली (-0.2%), स्पेन (1.2%), जापान (1.6%), यूके (0.3%), कनाडा (1.5%), चीन (4.4%), भारत (6.1%), रूस (-2.3%), ब्राजील (1%) रहने का अनुमान है।
'वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट’ कौन जारी करता है?
Key Points
- वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा जारी किया गया है।
- IMF एक अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थान है, जिसका मुख्यालय USA के वाशिंगटन डी.सी. में स्थित है।
- यह 1945 में बनाया गया था और यह उन 189 देशों के प्रति जवाबदेह है जो इसकी लगभग वैश्विक सदस्यता बनाते हैं।
- भारत27 दिसंबर 1945 को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में शामिल हुआ।
Additional Information
- विश्व बैंक एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो विकासशील देशों को वित्तपोषण, सलाह और अनुसंधान प्रदान करने के लिए समर्पित है, ताकि उनकी आर्थिक उन्नति हो सके। विश्व बैंक 1944 में बनाया गया था।
- विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष को ब्रेटन वुड्ससमझौते के तहत एक साथ स्थापित किया गया था, जो आमतौर पर वैश्विक स्तर पर अंतरराष्ट्रीय सरकारों की मदद करने के लिए समान ध्यान केंद्रित करता है।
- विश्व बैंक और I MF का मुख्यालय वाशिंगटन डी.सी. में है।
- एशियाई विकास बैंक (ADB) की स्थापना 19 दिसंबर 1966 को की गई थी, एक क्षेत्रीय विकास बैंक है, जिसका मुख्यालय फिलीपींस के मेट्रो मनीला के मंडलायुंग में स्थित ऑर्टिगस सेंटर में है।
- अंतर्राष्ट्रीय मजदूर संघ (ILO), संयुक्त राष्ट्र (UN) की एक विशेष अभिकरण, जो दुनिया भर में श्रम की स्थिति और जीवन स्तर में सुधार के लिए समर्पित है।
- यह 1919 में वर्साय की संधि द्वारा लीग ऑफ नेशंस की एक संबद्ध अभिकरण के रूप में स्थापित किया गया था।
- ILO 1946 में UN की पहली संबद्ध विशिष्ट अभिकरण बन गई।
- अपनी गतिविधियों की मान्यता में, ILO को 1969 में शांति के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया।
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Last updated on Oct 18, 2022
The HPPSC HPAS Provisional Answer Key is out. This is with reference to HPPSC HPAS prelims exam that was conducted on 16th October 2022 for the 2021 cycle. The candidates can raise the objections in the provisional answer key till 25th October 2022 after which the board will release a final answer key. The candidates who will clear the first stage will appear for second stage of selection process. The candidates must go through the HPPSC HPAS Previous Years’ Paper to have an idea of the questions asked in the exam.
FY28 तक भारत बन सकता है अमेरिका और चीन के बाद तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला मुद्रा आउटलुक देश- जानें डिटेल्स
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) वर्ल्ड इकनोमिक आउटलुक डेटाबेस के अनुसार साल 2025-26 तक भारत की अर्थव्यवस्था जर्मनी के चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के बराबर हो सकती है.
साल 2021 में भारत यूनाइटेड किंगडम को हारने में नाकाम रहा था और $10 बिलियन से दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने से चूक गया था. अब भारत को वो जगह वापिस हासिल करने के लिए एक साल का इंतजार और करना होगा. 2022-23 तक भारत $27 बिलियन डॉलर से UK से आगे मुद्रा आउटलुक निकल सकता है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) वर्ल्ड इकनोमिक आउटलुक डेटाबेस के अनुसार भारत के FY28 तक अमेरिका और चीन के बाद तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की मुद्रा आउटलुक संभावना है. यह उम्मीद से 2 साल जल्दी है, जर्मनी और जापान को पछाड़कर भारत के आगे आने की बात आईएमएफ के वर्ल्ड आउटलुक डेटाबेस में बताई गई है. इसके अलावा ब्रिटेन को पछाड़कर 5वां सबसे बड़ा देश बनने का भी अनुमान है.
भारत का तेजी से होगा विकास
ज्यादातर विकसित अर्थव्यवस्थाएं covid महामारी और युद्ध से प्रभावित हुईं, जिसके कारण संभव है कि वो धीमी गति से बढ़ें या फिर मंदी में भी जा सकते हैं. ऐसा नहीं है कि भारत पर इसका असर नहीं हुआ लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था से फिर भी सही गति से विस्तार की उम्मीद है. डॉलर के मुकाबले रूपए में गिरावट तो देखी गई लेकिन ये फिर भी बाकी कई करेंसी की तुलना में कम है.
भारत की इन्फ्लेशन हाई पर भी उम्मीदें
भारत के पास बेहतर मैक्रो फंडामेंटल हैं, इसके अलावा भारत की इन्फ्लेशन हाई देखी गई है लेकिन फिर भी यह आसमान छूती नहीं है. चालू खाते में घाटा देखा गया है लेकिन इसके कम होने की आशा है. विदेशी मुद्रा भंडार की बात करें तो ये अभी नीचे हैं लेकिन फिर भी वित्तीय हालत अभी आरामदायक है जो कि $550b के आस-पास हैं.