एफएक्स ट्रेडिंग

विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी

विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी
क्रूड ऑयल की तेजी भारतीय रुपये के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है.

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2 साल के निचले स्तर पर पहुंचा, लगातार क्यों आ रही गिरावट?

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2 साल के निचले स्तर पर पहुंचा, लगातार क्यों आ रही गिरावट?

दो सितंबर को खत्म हुए हफ्ते में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में साप्ताहिक आधार पर 7.941 अरब डालर की कमी आई है। अगस्त के महीने में विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी कमी देखने को मिली है। डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी से निपटने के लिए आरबीआई ने बड़ी मात्रा में डॉलर विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी बेचे हैं जिसके कारण देश के विदेशी मुद्रा भंडार में यह कमी दर्ज की गई है।

23 महीने के न्यूनतम स्तर पर पहुंचा विदेश मुद्रा भंडार

दो सितंबर को खत्म हुए हफ्ते के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 23 महीने के सबसे न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया। इस हफ्ते के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार के सभी घटकों में गिरावट दिखी। सबसे ज्यादा कमी फॉरेन करेंसी असेट में दिखी। आरबीआई की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक दो सितंबर को खत्म हुए हफ्ते में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 553.105 अरब डॉलर रह गया। इसमें पिछले हफ्ते की तुलना में 7.941 अरब डॉलर की कमी आई। इससे पहले 26 अगस्त को समाप्त हुए हफ्ते के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 561.046 अरब डॉलर था।

एफसीए में आई 6.527 अरब डॉलर की गिरावट

बता दें कि देश में दो सितंबर 2022 को खत्म हुए हफ्ते में विदेश मुद्रा भंडार 09 अक्टूबर 2020 के बाद सबसे निचले स्तर पर था। इस हफ्ते के दौरान एफसीए (Foreign Currency Assets) में 6.527 अरब डॉलर की गिरावट आई और यह 492.117 अरब डॉलर पर रहा। गौरतलब है कि विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक एफसीए ही होता है। इससे पहले 26 अगस्त को समाप्त हुए हुफ्ते के दौरान एफसीए 498.645 अरब डॉलर था।

विदेशी मुद्रा भंडार के प्रमुख घटक गोल्ड रिजर्व और एसडीआर भी घटे

दो सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह में देश के गोल्ड रिजर्व में 1.339 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज की गई और यह 38.303 अरब डॉलर रहा। वहीं दूसरी ओर एसडीआर में साप्ताहिक आधार पर पांच अरब डॉलर की गिरावट दिखी और यह 17.782 अरब डॉलर रहा। इस दौरान आईएमएफ में देश का रिजर्व पोजिशन 2.4 करोड़ डॉलर की गिरावट के साथ 4.902 अरब डॉलर रहा।

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार पर जेफरीज ने जाहिर की थी चिंता

बता दें कि बीते छह सितंबर को जेफरीज नामक विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी एजेंसी ने अपनी ओर से जारी एक नोट में कहा था कि भारत को अपने विदेशी मुद्रा भंडार पर नजर बनाए रखने की जरूरत है। इस नोट में यह भी कहा गया है कि भारत का व्यापार घाटा बीते कुछ समय में अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। इसी तरह चालू खाते का घाटा (CAD) भी विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी वित्तीय वर्ष 2022-23 में 3.5 फीसदी पर है जो एक दशक के उच्चत्म स्तर की ओर बढ़ रहा है।

23 फरवरी: क्या लगातार छठे दिन गिरेगा शेयर बाजार? इन शेयरों पर नजर

23 फरवरी: क्या लगातार छठे दिन गिरेगा शेयर बाजार? इन शेयरों पर नजर

भारतीय शेयर बाजार में बीते दिन 22 फरवरी को बड़ी बिकवाली देखी गई थी. सेंसेक्स और निफ्टी इंडेक्स 2% से ज्यादा की गिरावट के बाद विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी लाल निशान में बंद हुए थे. यह बाजार में लगातार 5वें दिन की कमजोरी भी रही थी. बड़ी वॉलिटेलिटी के बीच सेंसेक्स 49,750 जबकि निफ्टी 14,700 के स्तर के नीचे बंद हुआ था.

बिकवाली से मार्केट को अपने सही स्तर पर ढलने में मदद मिलेगी जिसके बाद खरीद के अच्छे मौके बन सकते हैं. अभी के लिए बाजार में सावधान रहकर मजबूत फंडामेंटल्स और सही वैल्यूएशन वाले शेयरों की खरीद अच्छी रणनीति होगी.

विदेशी बाजारों में क्या हो रहा है?

एशिया के बाजारों में सुबह मिश्रित दिशा दिख रही है. ताइवान, इंडोनेशिया और दक्षिण कोरिया के बाजारों में गिरावट हैं. वहीं जापान, हांगकांग और इंडोनेशिया में बाजार उछाल के बाद हरे निशान में है.

US में 22 फरवरी को S&P 500 इंडेक्स 0.77% गिरा. इसके विपरीत डाउ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज (DJIA) करीब 0.08% मजबूत हुआ.

भारतीय बाजार के लिए शुरुआती संकेत देने वाला सिंगापुर का SGX निफ्टी सुबह 7:40 बजे 0.52% की उछाल के साथ 14,752.00 पर व्यापार कर रहा है.

बाजार में इन कारकों का रहे ध्यान

22 फरवरी को बल्क डील में सैफ इंडिया फंड ने मुथूट कैपिटल सर्विसेज के 4 लाख शेयरों की ₹397.5 की दर पर खरीद की. एक अन्य डील में ICICI बैंक ने ₹0.75 की दर पर गेममों इंफ्रास्ट्रक्चर के कुल 1 करोड़ 90 लाख शेयर बेचे.

विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने 22 फरवरी को बाजार में 893 करोड़ के शेयर बेचे. वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 919 करोड़ के स्टॉक्स की बिक्री की.

मनीकंट्रोल के अनुसार निफ्टी के लिए 23 फरवरी को 14,537.1 और 14,398.5 सपोर्ट स्तर हैं, जिससे नीचे जाने के बाद इंडेक्स और टूट सकता है. इसी तरह 14,912.2 और 15,148.7, रेजिस्टेंस लेवल हैं, जिससे ऊपर पहुंचने से निफ्टी को उछाल मिल सकती है.

हैरानबा इंडस्ट्रीज ने IPO से पहले 18 एंकर निवेशकों से 187 करोड़ रुपये जुटाए. कंपनी का IPO रिटेल निवेशकों के लिए 23 फरवरी को खुल रहा है.

इन स्टॉक्स पर होगी नजर

भारती एयरटेल- कंपनी ग्लोबल फिक्स्ड इनकम इन्वेस्टर से मीटिंग के बाद फॉरेन करेंसी बांड्स जारी करने पर विचार करेगी. बोर्ड ने फरवरी में ही 7500 करोड़ के फंड जुटाने की योजना को स्वीकृति दी थी.

हिंडालको- कंपनी ने जून 2020 से 2022 के अंत के बीच अपने कुल डेब्ट में 2.9 बिलियन (अरब) डॉलर की कटौती का लक्ष्य रखा है.

भारत फोर्ज- कंपनी ने आर्मअर्ड (armoured) विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी व्हीकल के भारत में उत्पादन के लिए पारामाउंट ग्रुप के साथ एग्रीमेंट किया.

वेदांता- GR अरुण कुमार ने कंपनी के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर और व्होल टाइम डायरेक्टर पद से इस्तीफा दिया.

बोर्ड/एनालिस्ट्स/इन्वेस्टर्स मीटिंग

आने वाले दिनों में इन्वेस्टर्स, एनलिस्ट्स या बोर्ड मीटिंग करने वाले कंपनियों की सूची में वीनस रेमेडीज, सफारी इंडस्ट्रीज, यूनिप्लाई इंडस्ट्रीज, इत्यादि शामिल है.

5 दिनों में Sensex के 2400 प्वाइंट टूटने की वजह, कैसे हो मुनाफा?

5 दिनों में Sensex के 2400 प्वाइंट टूटने की वजह, कैसे हो मुनाफा?

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

रुपये की गिरावट ने फिर बनाया नया रिकॉर्ड, राहुल गांधी ने पीएम को याद दिलाया पुराना बयान

Rupee Hits Record Low Against US Dollar : डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत मंगलवार को 48 पैसे गिरकर 78.85 पर आ गई.

रुपये की गिरावट ने फिर बनाया नया रिकॉर्ड, राहुल गांधी ने पीएम को याद दिलाया पुराना बयान

क्रूड ऑयल की तेजी भारतीय रुपये के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है.

Rupee Hits Record Low Against US Dollar : भारतीय करेंसी में गिरावट का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा. मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपये में 48 पैसे की गिरावट देखने को मिली और यह 78.85 पर बंद हुआ. यह डॉलर के मुकाबले रुपये का अब तक का सबसे निचला स्तर है. इसके साथ ही रुपया लगातार पांचवें कारोबारी सेशन के दौरान नए रिकॉर्ड न्यूनतम स्तर पर बंद हुआ है. जानकारों की राय में इस गिरावट के लिए क्रूड ऑयल यानी कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और विदेशी पूंजी का देश से लगातार पलायन जिम्मेदार है.

भाषण के बदले शासन पर ध्यान देना होगा : राहुल गांधी

रुपये में इस गिरावट के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. राहुल ने प्रधानमंत्री मोदी के एक पुराने बयान की तरफ इशारा करते हुए ट्विटर पर लिखा, “सरकार और रुपए के बीच में कॉम्पिटिशन चल रहा है, किसकी आबरू तेज़ी से गिरती चली जा रही है, कौन आगे जायेगा.” – ये बात किसने कही थी? देश की अर्थव्यवस्था की बिगड़ती हालत को गिरफ़्तार करने के लिए भाषण के बदले शासन पर ध्यान देना होगा. मगर ये प्रधानमंत्री के बस की बात नहीं है.”

दरअसल, राहुल गांधी ने जिस बयान का जिक्र किया है, वह नरेंद्र मोदी ने उस वक्त दिया था, जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे और देश में डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार थी. उस वक्त मोदी ने रुपये में गिरावट आने पर मनमोहन सरकार के खिलाफ जो बयान दिया था, अब उसी का इस्तेमाल राहुल गांधी मोदी सरकार के विरुद्ध कर रहे हैं.

Union Budget 2023-24: निवेश से ग्रोथ हासिल करने के लिए 5 प्‍वॉइंट स्‍ट्रैटेजी, आर्थिक चुनौतियों के बीच कैसा हो आम बजट

मुकेश अंबानी का दावा, 2047 तक 40 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनेगा भारत, अनुमान लगाने में गौतम अडाणी को पीछे छोड़ा

Petrol and Diesel Price Today: क्रूड 90 डॉलर के नीचे, पेट्रोल और डीजल के जारी हुए लेटेस्‍ट रेट, कहां है सबसे सस्‍ता

India CSR Outlook Report: देश की 301 बड़ी कंपनियों के CSR स्पेंड की रिपोर्ट जारी, RIL, HDFC बैंक, TCS, ONGC और टाटा स्टील सामाजिक कामों पर खर्च करने में सबसे आगे

क्रूड विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी में तेजी, FII की बिकवाली से गिरा रुपया : अनुज चौधरी

दरअसल मंगलवार को इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में डॉलर के मुकाबले रुपया गिरावट के साथ 78.53 पर खुला. दिन के कारोबार के दौरान इसमें 48 पैसे की गिरावट देखने को मिली और फिर 78.85 पर बंद हुआ. बीएनपी परीबा से जुड़े रिसर्च एनालिस्ट अनुज चौधरी के मुताबिक भारतीय रुपये में इस एतिहासिक गिरावट के लिए घरेलू इक्विटी बाजार की कमजोरी और क्रूड ऑयल की कीमतों में तेजी जैसे कारण जिम्मेदार हैं. इसके अलावा विदेशी विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी निवेशकों द्वारा लगातार बिकवाली किए जाने की वजह से भी रुपये पर दबाव बढ़ा है.

79.50 रुपये तक जा सकता है एक डॉलर का भाव : चौधरी

अनुज चौधरी के मुताबिक आने वाले दिनों में भी रुपये में गिरावट का रुझान बने रहने की आशंका है, क्योंकि घरेलू बाजार में निवेशक जोखिम से बचना चाहेंगे. इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की तरफ से बिकवाली का दबाव भी लगातार बना हुआ है, जो रुपये को नीचे की तरफ ले जाने का काम करेगा. तेल कीमतों में तेजी बने रहने की संभावना भी भारतीय करेंसी के लिए चुनौती बनी हुई है. चौधरी का अनुमान है कि निकट भविष्य में एक डॉलर का भाव 78 रुपये से लेकर 79.50 रुपये तक जा सकता है.

डॉलर का भाव 79.20 रुपये तक पहुंचने का खतरा : सचदेवा

रेलिगेयर ब्रोकिंग (Religare Broking) की वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी एंड करेंसी रिसर्च) सुगंधा सचदेवा रुपये में इस भारी गिरावट के लिए क्रूड के दाम में उछाल के साथ ही साथ घरेलू इक्विटी बाजार की कमजोरी को भी जिम्मेदार मानती हैं. उनका कहना है कि अमेरिका में क्रूड की भारी मांग और चीन में महामारी के कारण लगाई गई पाबंदियों में ढील के चलते कच्चे तेल की कीमतों में अभी और तेजी देखने को मिल सकती है, जो भारतीय करेंसी के लिए बुरी खबर साबित हो सकती है. सचदेवा का मानना है कि मुश्किल आर्थिक हालात और बढ़ती महंगाई की वजह से सारी दुनिया में ग्रोथ घटने की चिंता बढ़ती जा रही है, जबकि डॉलर इंडेक्स इससे मजबूत हो रहा है. उनका अनुमान है कि आने वाले दिनों में रुपये में और गिरावट आ सकती है, जिससे एक अमेरिकी डॉलर की कीमत 79.20 रुपये तक पहुंचने का खतरा है. हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी अपने विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल करके रुपये में तेज उतार-चढ़ाव को संभालने की कोशिश करता रहेगा.

6 कारोबारी दिनों में 100 पैसे गिरा रुपया

एलकेपी सिक्योरिटीज़ के वाइस प्रेसिडेंट और रिसर्च एनालिस्ट जतिन त्रिवेदी के मुताबिक डॉलर के मुकाबले रुपया पिछले 6 कारोबारी दिनों के दौरान 100 पैसे गिर चुका है, तो इसकी बड़ी वजह है कैपिटल मार्केट के खिलाड़ियों का भारतीय करेंसी में ज्यादा दिलचस्पी न लेना और FII का लगातार देश से पैसे बाहर ले जाना. क्रूड की कीमत 105 डॉलर से बढ़कर 114 डॉलर पर पहुंच जाने की वजह से भी रुपये की कमजोरी और बढ़ी है. त्रिवेदी का यह भी मानना है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व का हॉकिश रुख भी रुपये को और कमजोर बना रहा है. उनके मुताबिक क्रूड की कीमतों में गिरावट नहीं आई तो रुपया अभी और कमजोर हो सकता है.
(Input : PTI)

डॉलर के मुकाबले 82.33 रुपए पर पहुंचा रुपया, जोरदार गिरावट

रुपए में लगातार आ रही यह गिरावट आखिर कैसे थमेगी। वैश्विक मंदी की आशंकाओं के बीच इस गिरावट के क्या मायने हैं?

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें

रुपए में एक बार फिर बड़ी गिरावट आई है और शुक्रवार को यह 16 पैसे गिरते हुए 82.33 रुपए प्रति डॉलर के स्तर तक पहुंच गया। यह रुपए में आई अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। अब सवाल यह है कि क्या इस रिकॉर्ड स्तर तक गिरने के बाद रुपए में गिरावट और तेज हो सकती है। बीते कई महीनों से रुपए के लगातार गिरने को लेकर कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी नेता मोदी सरकार पर हमलावर हैं।

रुपए को लगातार नुकसान हो रहा है। विदेशी निवेशकों ने इस साल भारतीय संपत्ति से रिकॉर्ड 29 बिलियन डॉलर की निकासी की है।

रुपए के कमजोर होने का सीधा विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर होता है। इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि रुपए में कमजोरी का मतलब है कि अब देश को उतना ही सामान खरीदने के लिए ज़्यादा रुपए ख़र्च करने पड़ेंगे। आयात वाले सामान महंगे होंगे। इसमें कच्चा तेल, सोना जैसे कई सामान शामिल हैं।

गुरुवार को रुपया पहली बार गिरकर 82.17 रुपए के स्तर तक पहुंच गया था। आईएफए ग्लोबल रिसर्च एकेडमी ने एक नोट में कहा है कि कच्चे तेल की कीमतों में तेजी ने व्यापार घाटे के फिर से उभरने को लेकर चिंता पैदा कर दी है।

एकेडमी के मुताबिक, ऐसा लगता है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अपने रिजर्व को खर्च करने में उदारता नहीं दिखा रहा है। प्रसिद्ध वित्तीय संस्था बर्कले ने कुछ महीने रिपोर्ट दी थी कि रिजर्व बैंक ने रुपए में गिरावट को रोकने के लिए 41 अरब डॉलर बाजार में उतारे थे। लेकिन बावजूद इसके रुपया गिरता जा रहा है।

दूसरी ओर, वैश्विक विदेशी मुद्रा भंडार भी तेज गति से गिर रहा है। इस साल यह भंडार लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर या 7.8 फीसदी की गिरावट के साथ 12 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच गया है और यह 2003 के बाद सबसे बड़ी गिरावट है।

दरअसल, हर देश के पास दूसरे देशों की मुद्रा का भंडार होता है, जिससे वे आयात-निर्यात करते हैं। विदेशी मुद्रा भंडार के घटने और बढ़ने से ही उस देश की मुद्रा पर असर पड़ता है। विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी अमेरिकी डॉलर को वैश्विक करेंसी का रुतबा हासिल है। डॉलर के मुकाबले रुपए की कीमत से पता चलता है कि भारतीय मुद्रा मजबूत है या कमजोर।

बताना होगा कि विश्व बैंक ने गुरूवार को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर के अनुमान को घटा दिया है। इसने 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान लगाया है और यह जून 2022 के अनुमान से एक प्रतिशत कम है।

आर्थिक मंदी की आशंका

दूसरी ओर, इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी आईएमएफ ने वैश्विक मंदी की चेतावनी दी है। आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने दुनिया भर के नीति निर्माताओं से अपील की है कि वह मंदी को रोकने के लिए कदम उठाएं। यह आशंका बढ़ती जा रही है कि दुनिया एक गंभीर आर्थिक मंदी की चपेट में आ रही है। इस आशंका की सबसे बड़ी वजह कोरोना के बाद दुनिया भर में लगे लॉकडाउन और उसकी वजह से पूरी दुनिया में कारोबार पर असर पड़ना और अब यूक्रेन-रूस का युद्ध भी है। ताज़ा अनुमान है कि इस लड़ाई की कीमत यानी इसकी वजह से होने वाला आर्थिक नुकसान लगभग दो लाख अस्सी हज़ार करोड़ डॉलर होगा।

आज की तारीख में भी सबसे बड़ा सवाल यही है कि अगर अमेरिका, इंग्लैंड, यूरोप और चीन जैसे देश मंदी की चपेट में जाते दिख रहे हैं तो भारत कैसे और कब तक इस ख़तरे से बचा रह सकता है?

Rupee Update: शानदार अमेरिकी आंकड़ों से डॉलर मजबूत, रुपया हुआ कमजोर

फाइल फोटो

Rupee Open Today: शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोरी के साथ खुला. शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 23 पैसे की कमजोरी के साथ खुला. शुरुआती कारोबार में रुपया 70.26 प्रति डॉलर के भाव पर खुला. बीते सत्र में रुपया 70.03 प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ था.

रुपये पर जानकारों का नजरिया
कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) राजीव सिंह के मुताबिक आज के शुरुआती कारोबार में रुपये में हल्की कमजोरी देखने को मिल सकती है लेकिन दोपहर के बाद रुपये में रिकवरी की संभावना है. उनका कहना है लॉन्ग टर्म में रुपये में मजबूती के आसार बन रहे हैं. इंट्रा डे में रुपये में 69.90-70.40 के दायरे में कारोबार होने की संभावना है. उनका कहना है कि विदेशी मुद्रा भंडार 17.19 करोड़ डॉलर बढ़कर 418.68 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है.

राजीव सिंह का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन के ऊपर लगाए गए टैरिफ में कुछ ढील से दुनियाभर की करेंसी में उतार-चढ़ाव कम होने के आसार हैं. इसके अलावा पिछले दिनों शेयर बाजार में आई भारी गिरावट के बाद अब विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) फिर से शेयर बाजार में निवेश को लेकर उत्साहित दिख रहे हैं. ऐसे में आने वाले एक हफ्ते में रुपया मजबूत होकर 69.50 के स्तर तक जा सकता है. अगर 1 महीने की बात करें तो रुपया 68.50 का स्तर भी दिखा सकता है.

अमेरिकी डॉलर 2 हफ्ते के ऊपरी स्तर पर

दूसरी ओर एंजेल कमोडिटी डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (एनर्जी एवं करेंसी) अनुज गुप्ता के मुताबिक अमेरिका में आए अच्छे हाउसिंग आंकड़ों और अमेरिकी बॉन्ड्स की यील्ड में बढ़ोतरी से अमेरिकी डॉलर में मजबूती देखी जा रही है. प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर 2 हफ्ते के ऊपरी स्तर पर पहुंच गया है. उनका कहना है कि विदेशी करेंसी में भी दिख रही कमजोरी इंट्राडे में रुपये में कमजोरी रहने की आशंका है. अनुज के अनुसार आज के कारोबार में रुपये में 70 -70.60 के दायरे में कारोबार होने की संभावना है.

रेटिंग: 4.34
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 661
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *